सभी पर्वों की अपनी-अपनी महिमा है किंतु दशहरा पर्व की महिमा जीवन के सभी पहलुओं के विकास, सर्वांगीण विकास की तरफ इशारा करती है । दशहरे के बाद पर्वों का झुंड आयेगा लेकिन सर्वांगीण विकास का #श्रीगणेश कराता है दशहरा ।
इस साल दशहरा 30 सितम्बर को है।
Know the history of Dussehra
दशहरा दश पापों को हरनेवाला, दश शक्तियों को विकसित करनेवाला, दशों दिशाओं में #मंगल करनेवाला और दश प्रकार की विजय देनेवाला पर्व है, इसलिए इसे ‘#विजयादशमी’ भी कहते हैं ।
यह #अधर्म पर #धर्म की विजय, असत्य पर सत्य की विजय, दुराचार पर सदाचार की विजय, बहिर्मुखता पर #अंतर्मुखता की विजय, #अन्याय पर न्याय की विजय, तमोगुण पर सत्त्वगुण की विजय, दुष्कर्म पर सत्कर्म की विजय, भोग-वासना पर संयम की विजय, #आसुरी तत्त्वों पर दैवी तत्त्वों की #विजय, जीवत्व पर शिवत्व की और पशुत्व पर मानवता की विजय का पर्व है ।
दशहरे का इतिहास !!
1. भगवान #श्री_राम के पूर्वज अयोध्या के राजा रघु ने विश्वजीत यज्ञ किया । सर्व संपत्ति दान कर वे एक पर्णकुटी में रहने लगे । वहां #कौत्स नामक एक #ब्राह्मण पुत्र आया । उसने राजा रघु को बताया कि उसे अपने गुरु को गुरुदक्षिणा देने के लिए 14 करोड़ स्वर्ण मुद्राओं की आवश्यकता है । तब राजा रघु कुबेर पर #आक्रमण करने के लिए तैयार हो गए । डरकर कुबेर राजा रघु की शरण में आए तथा उन्होंने अश्मंतक एवं शमी के वृक्षों पर #स्वर्णमुद्राओं की वर्षा की । उनमें से कौत्स ने केवल 14 करोड़ स्वर्णमुद्राएं ली । जो #स्वर्णमुद्राएं #कौत्स ने नहीं ली, वह सब राजा रघु ने बांट दी । तभी से दशहरे के दिन एक दूसरे को सोने के रूप में लोग अश्मंतक के पत्ते देते हैं ।
2. #त्रेतायुग में प्रभु श्री राम ने इस दिन रावण वध के लिए प्रस्थान किया था । रामचंद्र ने रावण पर #विजयप्राप्ति के पश्चात इसी दिन उनका वध किया । इसलिये इस दिन को ‘विजयादशमी’ का नाम प्राप्त हुआ ।
3. द्वापरयुग में अज्ञातवास समाप्त होते ही, पांडवों ने #शक्तिपूजन कर शमी के वृक्ष में रखे अपने शस्त्र पुनः हाथों में लिए एवं विराट की गायें #चुराने वाली कौरव सेना पर आक्रमण कर विजय प्राप्त की, वो भी इसी दिन था ।
4. दशहरे के दिन #इष्टमित्रों को सोना (अश्मंतक के पत्ते के रूप में) देने की प्रथा महाराष्ट्र में है ।
इस प्रथा का भी #ऐतिहासिक महत्त्व है । मराठा वीर शत्रु के देश पर मुहिम चलाकर उनका प्रदेश लूटकर #सोने-चांदी की संपत्ति घर लाते थे । जब ये विजयी वीर अथवा सिपाही #मुहिम से लौटते, तब उनकी पत्नी अथवा बहन द्वार पर उनकी आरती उतारती । फिर परदेस से लूटकर लाई संपत्ति की एक-दो मुद्रा वे आरती की थाली में डालते थे । घर लौटने पर लाई हुई संपत्ति को वे भगवान के समक्ष रखते थे । तदुपरांत देवता तथा अपने बुजुर्गों को नमस्कार कर, उनका आशीर्वाद लेते थे । वर्तमान काल में इस घटना की स्मृति अश्मंतक के पत्तों को सोने के रूप में बांटने के रूप में शेष रह गई है ।
5. वैसे देखा जाए, तो यह त्यौहार प्राचीन काल से चला आ रहा है । आरंभ में यह एक कृषि संबंधी #लोकोत्सव था । वर्षा ऋतु में बोई गई धान की पहली फसल जब किसान घर में लाते, तब यह उत्सव मनाते थे ।
नवरात्रि में घटस्थापना के दिन #कलश के स्थंडिल (वेदी)पर नौ प्रकार के अनाज बोते हैं एवं दशहरे के दिन उनके अंकुरों को निकालकर देवता को चढाते हैं । अनेक स्थानों पर अनाज की बालियां तोड़कर प्रवेशद्वार पर उसे #बंदनवार के समान बांधते हैं । यह प्रथा भी इस त्यौहार का कृषि संबंधी स्वरूप ही व्यक्त करती है । आगे इसी त्यौहार को #धार्मिक स्वरूप दिया गया और यह एक राजकीय स्वरूप का त्यौहार भी सिद्ध हुआ ।
इसी दिन लोग नया कार्य #प्रारम्भ करते हैं, शस्त्र-पूजा की जाती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे।
दशहरा अर्थात विजयदशमी भगवान राम की #विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह #शक्ति-पूजा का पर्व है, शस्त्र पूजन की तिथि है। #हर्ष और #उल्लास तथा विजय का पर्व है। भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है। व्यक्ति और समाज के #रक्त में #वीरता प्रकट हो इसलिए #दशहरे का उत्सव रखा गया है।
दशहरें का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, #लोभ, मोह,मद, मत्सर, #अहंकार, #आलस्य, #हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है।
देश के कोने-कोने में यह विभिन्न रूपों से मनाने के #साथ-साथ यह उतने ही जोश और उल्लास से दूसरे #देशों में भी मनाया जाता हैं।
दशहरे की शाम को सूर्यास्त होने से कुछ समय पहले से लेकर आकाश में तारे उदय होने तक का समय सर्व #सिद्धिदायी #विजयकाल कहलाता है ।
उस समय शाम को घर पर ही स्नान आदि करके, दिन के कपड़े #बदल कर धुले हुए कपड़े पहनकर ज्योत जलाकर बैठ जाएँ ।
विजयादशमी के इस विजयकाल में थोड़ी देर
"राम रामाय नम:" मंत्र के नाम का जप करें ।
फिर मन-ही-मन भगवान को प्रणाम करके प्रार्थना करें कि हे भगवान सर्व #सिद्धिदायी #विजयकाल चल रहा है, हम विजय के लिए "ॐ अपराजितायै नमः "मंत्र का जप कर रहे हैं ।
इस #मंत्र की एक- दो माला जप करके श्री हनुमानजी का सुमिरन करते हुए नीचे दिए गए मंत्र की एक माला जप करें...
"पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना ।"
दशहरे के दिन #विजयकाल में इन मंत्रों का जप करने से अगले साल के #दशहरे तक गृहस्थ में #जीनेवाले को बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं ।
दशहरा व्यक्ति में #क्षात्रभाव का संवर्धन करता है । शस्त्रों का पूजन #क्षात्रतेज कार्यशील करने के प्रतीकस्वरूप किया जाता है । इस दिन #शस्त्रपूजन कर देवताओं की मारक शक्ति का आवाहन किया जाता है ।
इस दिन प्रत्येक #व्यक्ति अपने जीवन में नित्य उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं का शस्त्र के रूप में पूजन करता है । किसान एवं #कारीगर अपने उपकरणोें एवं #शस्त्रों की पूजा करते हैं । लेखनी व पुस्तक, विद्यार्थियों के शस्त्र ही हैं, इसलिए विद्यार्थी उनका पूजन करते हैं । इस पूजन का उद्देश्य यही है कि उन विषय- वस्तुओं में ईश्वर का रूप देख पाना; अर्थात #ईश्वर से एकरूप होने का प्रयत्न करना ।
गुरुग्राम : मानवीय मूल्यों एवं भारतीय संस्कृति की रक्षा हेतु बनाया गया हिन्दू संगठन "जन जागरण मंच" ने एक प्रेस विज्ञप्ति निकाली है ।
प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि इंडिया न्यूज, न्यूज 24, न्यूज नेशन चैनल के मालिक और अन्य पदाधिकारियों के विरुद्ध पोक्सो एक्ट व अन्य धाराओं के तहत दो साल से दर्ज F.I.R में पुलिस प्रशासन से सामाजिक व हिन्दू संगठनों ने की कार्रवाई की मांग।
India News, News24, News Nation shows false news, may be arrested anytime
बुधवार 27 तारीख को सेक्टर 51 महिला थाना गुरुग्राम पर सामाजिक व हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता ने जन जागरण मंच के उतरप्रदेश अध्यक्ष मनोज त्यागी बाबा एवं गुरुग्राम जिलाध्यक्ष हरिकेश, विश्व हिन्दू एकता मंच दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार एवं गुरुग्राम जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव, यूथ सनातन सेवा संघ के राष्ट्रीय महासचिव बम बम ठाकुर, श्री परशुराम सेना युवावाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनूप दूबे उपाध्यक्ष श्री राहुल राज तिवारी, युवा सेवा संघ के गुरुग्राम जिलाध्यक्ष रोहित सैनी, अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मति रुपाली दुबे, कार्यकर्ता कोमल, गुरुग्राम महिला मण्डल के कार्यकर्ता मीरा बहन सुुशीला कुमारी मनीषा बहन आदि सभी संगठन व सैकड़ो लोग महिला थाना के थानाध्यक्ष से मुलाकात करने पहुंचे । जन जागरण मंच के यूपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज त्यागी बाबा ने वहां पर पहुंची मीडिया को बताया कि भारतीय संस्कृति एवं संतो की अस्मिता पर कुठाराघात करने वाले तथा भोले भाले हिन्दू समाज को गुमराह करने वाले इंडिया न्यूज़, News24, न्यूज नेशन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मालिक के विरुद्ध 2 साल से पोक्सो एक्ट 83 जैसे गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज है लेकिन गुडगांव के पुलिस प्रशासन ने अभी तक इस F.I.R प्रकरण मैं वादीपक्ष के बयान तक दर्ज नहीं किया गये हैं और ना ही कोई कार्यवाही की जा रही है।
प्रतिपक्ष की तरफ से बार-बार प्रशासन से कार्रवाई की मांग की जा रही है। लेकिन वादी पक्ष को एक बार भी नहीं सुना गया । मनोज त्यागी बाबा ने बताया कि यह F.I.R सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दर्ज की गई और पोक्सो एक्ट जैसे संगीन धारा में प्रथम पक्ष के धारा164 के बयान दर्ज कर के आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रावधान है। लेकिन आरोपी दबंग एवं मीडिया से जुडे हुए हैं। इसीलिये पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण हिन्दू संगठन जनता अपना आक्रोश प्रकट करने एवं आरोपियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर महिला थाना गुरुग्राम पहुंचे।
पुलिस थाना पहुंचे अन्य संगठनों ने इंडिया न्यूज न्यूज नेशन, न्यूज़24 के पदाधिकारियो को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की, साथ ही संगठनों द्वारा पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गये।
सामाजिक एवं हिंदू संगठनों ने कहा कि भारतीय संविधान सबके लिए एक समान है जबकि गुरुग्राम महिला थाना पुलिस पक्षपात कर रही है।साथ ही प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि आरोपी व्यक्ति TV चैनल पर लगातार हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। जिससे आरोपी खुलेआम बाहर घूम रहा है और पुलिस निष्क्रिय बनी बैठी है।जिसके कारण आरोपियों के हौंसले बुलन्द हैं।आरोपी खुद को संविधान से ऊपर समझ रहे हैं।जिनकी गिरफ्तारी अविलम्ब की जानी चाहिये।
जन जागरण मंच, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश (बाबा)मनोज त्यागी। रजि०- 10727, क्षेत्रीय कार्यालय – मकान सं० 348, सेक्टर- 12A गुरुग्राम, पिन-122001
गौरतलब है कि हिन्दू संत आसाराम जी बापू की जब षडयंत्र के तहत 2013 में गिरफ्तारी हुई थी तब इन न्यूज चैनलों ने 9 साल की छोटी बच्ची के वीडियो को एडिटिंग करके बापू आसारामजी का MMS करके बताया था, बच्ची के माता-पिता ने आहत होकर इन न्यूज चैनलों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया था पर पुलिस प्रशासन द्वारा अभीतक कोई कार्यवाही नही होने पर फिर से कई हिन्दू सगठनों ने मिलकर इंडिया न्यूज़, न्यूज़ 24 और न्यूज़ नेशन के मालिकों की गिरफ्तारी की मांग की है ।
आपको बता दें कि इंडिया न्यूज के चीफ एडिटर दीपक चौरसिया सहित कई बड़े -बड़े अधिकारियों ने बापू आशारामजी के खिलाफ कई मनगढंत झूठी कहानियां बनाकर दिखाने पर पटना कोर्ट ने तो कई बार इनकी गिरफ्तारी का वॉरन्ट निकाला है पर डर के कारण पुलिस प्रशासन उनको गिरफ्तारी नही कर पा रही है।
सभी हिन्दू सगठनों का कहना है कि हिन्दू संतों को आधी रात में बिना सबूत गिरफ्तारी करने वाली मीडिया सबूत होते हुए, कोर्ट का आदेश होते हुए भी मीडिया के मालिकों की गिरफ्तारी क्यों नही हो रही है???
अब देखना है कि झूठी खबरें दिखाने वाले मीडिया के अधिकारियों की गिरफ्तारी का कोर्ट आदेश मानकर सरकार प्रशासन को आदेश देती है कि नही ???
अमेरिका, न्यूयॉर्क में आयोजित "#हिन्दू एकता दिवस" के शुभ अवसर पर एक आयोजित कार्यक्रम में भारत के साहसी #सुदर्शन चैनल के मुख्य संपादक #सुरेश चव्हाणके ने #मीडिया द्वारा दिखाई जाने वाली #झूठी खबरों का किया #पर्दाफाश
सुरेश चव्हाणके ने बताया कि आज मुझे अपने भाषण में हिन्दू और मीडिया इस विषय पर बोलना है । आज हम #हिन्दू #Unity के मौके पर बोल रहे हैं। लेकिन मुझे लग रहा है कि हम कौनसा Hindu Unity Day (हिन्दू एकता दिवस) मना रहे हैं ?
Suresh Chawanke On Hindu And Media
संख्यात्मक दृष्टि से जो शुरू किया वो कार्य तो हम कर रहे हैं लेकिन जो हिन्दू यूनिटी हुई नहीं उसका हम आनेवाले हिन्दू यूनिटी डे के लिए मना रहें हैं। इसलिए इसका महत्व भविष्य के लिए भी है जो पीछे नहीं हो पाया लेकिन आगे हमको करना पड़ेगा ।
बताया कि मैं जिस मीडिया को #रिप्रेसन्ट करता हूँ वो #मीडिया भारत में #आतंकवाद #फैला रहे आतंकवादियों से कम भूमिका नहीं निभा रहा ।
जितना भी बंदूकों और गोलियों के द्वारा #आतंकवाद #फैलाया जाता है,उससे भी #खतरनाक #मीडिया के द्वारा भारत में फैलाया जा रहा है ।
आगे कहा कि मीडिया के खिलाफ आवाज उठाने के लिए मैंने सुदर्शन न्यूज चैनल शुरू किया है । उनके नंगा नाच को #एक्सपोज्ड करने के लिए मैं देश-विदेश में घूम रहा हूँ ।
क्योंकि हिंदुस्तानी बड़े भोले होते हैं । वो मानते हैं कि जो मीडिया वाला दिखा रहा है, जो TV में दिख रहा है, जो पेपर वाला लिख रहा है वो सत्य है ।
हम सज्जन है तो हम ऐसा मानते हैं कि सामनेवाला व्यक्ति भी अपनी भूमिका सज्जनता से ईमानदारी से निभा रहा होगा ।
लेकिन वो सच नहीं है वो अपनी भूमिका किसी अजेंड के तहत निभा रहा है । वो अपनी भूमिका किसी दूसरे के कहने पर निभा रहा है, TV का रिमोंट भले ही आपके पास हो लेकिन #TV में बोलनेवाला का #रिमोंट अमेरिका में #चर्चेस (ईसाई मिशनरियों) के पास है । उसका #रिमोंट सैकड़ो डॉलर देनेवाले #विदेशी सेठों के पास है । अगर उस रिमोंट को हम नहीं समझेंगे तो हम उनकी बातों में आ जाएंगे और हम अपने आपको मिटाने का पाप करेंगे ।
मीडिया का साधु-संतों को बदनाम करने का एजेंडा क्या है?
सुरेशजी ने बताया कि आज भारत का मीडिया क्या कह रहा है ?
भारत के साधु - संतों को पूरी तरह से नष्ट नाबूत कर रहा है । दुनिया में सारी सभ्यताएं थी । कोई भी सभ्यता 2000 साल से ज्यादा टिकती नहीं ।
सामान्यतः ऐसा माना जाता है लेकिन लाखों सालों के बाद भी हमारी सभ्यता बनी है ये क्यों बनी है ? इसके लिए समस्या दिखी और समाधान ढूंढने की दिशा में #राष्ट्र विरोधी #ताकतों ने उपाय ढूंढा ।
जो उपाय हो सकता है वो उपाय ये था कि ये हिन्दू #संस्कृति इसलिए बची है क्योंकि कितने भी आघात क्यों न हो जाए #साधु-संत इनको #जोड़े रखते हैं । अपने #भजनों से, #प्रवचनों से, #कथाओं से, पुस्तकों से अगर साधु-संतों को नष्ट नाबूत नहीं करेंगे तो कितने भी बादशाह आ जाए, कितने भी अंग्रेज आ जाए, कितने भी औरंगजेब आ जाए यहाँ पर शिवाजी पैदा होगा । क्योंकि यहाँ पर समर्थ रामदासजी जैसे संत होते हैं । इसलिए शिवाजी जैसे वीरो को रोकना है तो रामदासजी जैसे साधु-संतों को खत्म करना होगा इसलिए भारत में #साधु- संतों को #खत्म करने का बड़ा #अभियान सा #चला है ।
मैं कई बार बोलता हूँ कि भारत में जो साधु संत हैं बाबा हैं, बापूजी हैं, इनके खिलाफ भारत का मीडिया इतना जहर क्यों उगलता है ?
तो मुझे किसीने पूछा कि साधु-संत इतना श्रेष्ठ कार्य करते हैं फिर भी उनके खिलाफ मीडिया क्यों बोलती है..??
मैंने कहा कि कई ऐसे हैं जो अपने बाप को नहीं समझते तो बापू को क्या समझेंगे?
जो ऐसे जगह पड़े है जहाँ पर बाप क्या होता है ? बापू क्या होता है ? संत क्या होते है ? संतो की परंपरा क्या होती है ? इनको पता ही नहीं है ।
मीडिया दूसरे के एजेंडे पर चलते हुए और अपने एजेंडे को अंजाम देते हुए ऐसे महान साधु-संतों के खिलाफ काम कर रहे हैं ।
वे आगे बोले कि कैसा भेदभाव है ? जब #मदर टेरेसा अपने #धर्मांतरण का काम करें फिर भी उसको #भारत रत्न !!
मदर टेरेसा अपने ईसाई धर्म का काम करने के लिए भारत मे अधार्मिक काम करे फिर भी सारा मीडिया उसके पक्ष में बोलता है । उसके खिलाफ नहीं बोलता ।
लेकिन हिन्दू साधु-संत जो काम करते हैं उनको उतनी प्रतिष्ठा नहीं मिलती जितनी ईसाई मिशनरियों को मिलती है।
ये सवाल भारत की मीडिया को पूछना पड़ेगा कि आखिर ऐसा भेदभाव क्यों है ???
सुरेश चव्हाणके ने कई बार बताया है कि अधिकतर #मीडिया को #ईसाई मिशनरियों की #वेटिकन सिटी और #अरब देश से #फंडिग होती है, जिससे वे हिन्दू #संस्कृति #तोड़ने के लिए हिन्दुओं की आस्था स्वरूप हिन्दू साधु-संतों के प्रति भारत की जनता के मन में नफरत पैदा करने का #काम करते हैं । वे हिन्दुओं के मन में ये डालने का प्रयास करते हैं कि आपके धर्मगुरु तो अपराधी हैं आप हिन्दू धर्म छोड़कर हमारे धर्म में आ जाओ । ये उनकी थ्योरी है । जबकि वे #मौलवी और #ईसाई #पादरियों के #कुकर्म नही बताते ।
हिन्दुस्तान सावधान रहें, #साधु-संतों को #बदनाम करने के लिए #राष्ट्रविरोधी #ताकतों द्वारा #लड़कियां #तैयार की जाती है और फिर #मीडिया उनको खूब #बदनामी करती है और #राजनीति के तहत जेल में भेजा जाता है, #मीडिया और #राजनीति का इतना #दबाब होता है कि #न्यायालय भी उनके #पक्ष में #नही आता है ।
अतः हिन्दुस्तानी इस #षडयंत्र को #समझे और खुलकर #विरोध करें ।