February 11, 2018
रोम के राजा क्लाउडियस ब्रह्मचर्य की महिमा से परिचित था, इसलिए उन्होंने अपने सैनिकों को शादी करने के लिए मना किया था, ताकि वे शारीरिक बल और मानसिक दक्षता से युद्ध में विजय प्राप्त कर सकें। सैनिकों को शादी करने के लिए ज़बरदस्ती मना किया गया था, इसलिए इसाई संत वेलेन्टाइन जो स्वयं इसाई पादरी होने के कारण ब्रह्मचर्य के विरोधी नहीं हो सकते थे, इसलिए वेलेंटाइन डे पादरी ने गुप्त ढंग से सैनिकों की शादियाँ कराईं। राजा ने उन्हे दोषी घोषित किया और वेलेंटाइन डे पादरी को 14 फरवरी को फाँसी दे दी गयी। सन् 496 से पोप गैलेसियस ने उनकी याद में वेलेन्टाइन डे मनाना शुरू किया।
Where did Valentine's Day come from and why is it being celebrated? and today...... |
एक बड़ी बात यह भी है कि वेलेन्टाइन डे मनाने वाले लोग पादरी वेलेन्टाइन का ही अपमान करते हैं क्योंकि वे शादी के पहले ही अपने प्रेमास्पद को वेलेन्टाइन कार्ड भेजकर उनसे प्रणय-संबंध स्थापित करने का प्रयास करते हैं। यदि संत वेलेन्टाइन इससे सहमत होते तो वे शादियाँ कराते ही नहीं।
तो ये था वेलेंटाइन -डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार ।
अब यही वेलेंटाइन -डे भारत में जब अंग्रेज आये तब वो लोग मनाते थे तो भारत के कुछ #अंग्रेज के चाटुकार, मूर्ख और लालची लोग भी मनाने लगे ।
भारत में अंग्रेज वेलेंटाइन डे इसलिए मना रहे थे कि #भारत के लोगों का #नैतिक पतन हो जिससे वो अंग्रेजो के सामने लड़ ही न सके और लंबे समय तक भारत गुलाम बनाकर रख सके ।
फिर अंग्रेज तो गये लेकिन #विदेशी #कम्पनियां ने सोचा कि हम अगर #भारत में वेलेंटाइन डे को बढ़ावा देते हैं तो हमें अरबों खबरों का फायदा होगा तो उन्होंने #टीवी, अखबार आदि में खूब-प्रचार प्रसार किया जिससे उन्होंने महंगे ग्रीटिंग कार्ड, गिफ्ट, फूल चॉकलेट आदि से कई करोड़ो रुपए कमाएं। इसके अलावा नशीले पदार्थ, ब्ल्यू फिल्म, गर्भ निरोधक साधन, पोनोग्राफी, उतेजक पोप म्यूजिक जैसी काम उतेजक दवाइयां बनाने वाली विदेशी कम्पनियां अपने आर्थिक लाभ हेतु समाज को चरित्रभ्रष्ट करने के लिए करोड़ों अरबों रूपये खर्च कर रही है।
वाणिज्य एवम उद्योग मंडल के एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2016 में वेलेन्टाइन डे से जुड़े सप्ताह के दौरान फूल, चॉकलेट, आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री का कारोबार करीब 22,000 करोड़ रूपये था । इस बार 30,000 करोड़ रूपये का कारोबार होने का अनुमान है । वस्तुत: #वेलेन्टाइन डे के #विदेशी #बाजारीकरण वासनापूर्ति को बढ़ावा देने वाला दिन है ।
अब ये #वेलेंटाइन डे हमारे स्कूलों में कॉलजों में बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के #लड़के-लड़कियाँ बिना सोचे-समझे एक दूसरे को वेलेंटाइन डे का कार्ड, गिफ्ट फूल दे रहे हैं।
इन सब #विदेशी गन्दगी को देखते हुए #हिन्दू #संत #बापू #आसारामजी ने 2006 में 14 फरवरी को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मनाना शुरू किया जिसका अभी व्यापक प्रचार हो रहा है। #भारत में उनके करोड़ो अनुयायी, हिन्दू संगठन और छत्तीसगढ़ सरकार आदि गांव-गांव, नगर-नगर में इस दिन को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मना रहे है । विदेशों में भी उनके अनुयायी इस दिन को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मना रहे हैं ।
हिन्दू #संत #बापू #आसारामजी का कहना है कि 14 फरवरी को पश्चिमी देशों की नकल कर भारत के युवक युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्डस, फूल आदि देकर वेलेन्टाइन डे मनाते हैं। इस विनाशकारी डे के नाम पर कामविकार का विकास हो रहा है, जो आगे चलकर चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, खोखलापन,जल्दी बुढ़ापा और जल्दी मौत लाने वाला साबित होगा ।
हजारों हजारों युवक-युवतियां तबाही के रास्ते जा रहे हैं । वेलेन्टाइन डे के बहाने आई लव यू करते करते लड़का-लड़की एक दूसरे को छुएंगे तो रज-वीर्य का नाश होगा । आने वाली संतति पर भी इसका बुरा असर पड़ता है और वर्तमान में वे बच्चे-बच्चियां भी तबाही के रास्ते हैं । लाखों-लाखों #माता-पिताओं के हृदय की पीड़ा को देखते हुए तथा बच्चे बच्चियों को इस विदेशी गंदगी से बचाकर #भारतीय संस्कृति की सुगंध से बच्चे-बच्चियों को सुसज्जित करना है । प्रेम दिवस जरूर मनायें लेकिन प्रेमदिवस में संयम और सच्चा विकास लाना चाहिए। युवक युवती मिलेंगे तो विनाश-दिवस बनेगा।
इस दिन #बच्चे-बच्चियाँ #माता-पिता का #पूजन करें और उनके सिर पर पुष्ष रखें, प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें। संतान अपने माता-पिता के गले लगे। इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा।
तुम भारत के लाल और भारत की लालियाँ (बेटियाँ) हो। प्रेमदिवस मनाओ, अपने माता-पिता का सम्मान करो और माता-पिता बच्चों को स्नेह करें। ! पाश्चात्य लोग विनाश की ओर जा रहे हैं। वे लोग ऐसे दिवस मनाकर यौन रोगों का घर बन रहे हैं, अशांति की आग में तप रहे हैं। उनकी नकल भारत के बच्चे-बच्चियां न करें ।
आपको बता दें कि #बापू #आसारामजी ने इस तरीके से करोड़ो लोगो को वेलेंटाइन डे आदि विदेशी प्रथाओं से, व्यसन आदि से बचाया है जिसके कारण विदेशी कंपनियों का अरबों रुपये का घाटा हुआ है।
हमारे #शास्त्रों में माता-पिता को देवतुल्य माना गया है और इस संसार में अगर कोई हमें निस्वार्थ और सच्चा प्रेम कर सकता है तो वो हमारे माता-पिता ही हो सकते है।
तो क्यों न हम मानवमात्र के परम हितकारी हिन्दू संत #आसाराम जी #बापू प्रेरित #14 फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन जैसे सच्चे प्रेम का सम्मान करें और यौवन-धन, स्वास्थ्य और बुद्धि की सुरक्षा करें।
आओ एक नयी दिशा की ओर कदम बढ़ाएं।
आओ एक सच्ची दिशा की ओर कदम बढ़ाएं।
14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नही माता-पिता की पूजा करके उनका शुभ आशीष पाएं।
आओ एक सच्ची दिशा की ओर कदम बढ़ाएं।
14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नही माता-पिता की पूजा करके उनका शुभ आशीष पाएं।
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