Thursday, August 30, 2018

राजधानी दिल्ली में मुसलमानों से तंग आकर बेच रहे है मकान, पलायन की तैयारी

30 August 2018

🚩1200 वर्षों से भारत भूमि विदेशी आक्रान्तों को झेलती आ रही है। पहले #इस्लामिक आक्रमणकारी आये फिर अंग्रेज आये। 

In Delhi, Muslims are selling and selling houses, migrating to migrate
🚩कहने को 1947 में हमारा देश स्वतंत्र हुआ मगर तब तक अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, बांग्लादेश, श्री लंका आदि भारत भूमि से अलग हो चुके थे। 

🚩यह जगजाहिर है कि भारत में हिंदुओं की आज भी वैसी ही दुर्दशा है जैसी मुगलोँ और अंग्रेजों के राज में थी।

🚩अभी ताजा उदाहरण है :- राजधानी जहां एक आेर देश का गौरव कहलाती है, वहीं दूसरी आेर यहां पर आज के दौर में भी हिन्दू-मुस्लिम झगडे के चलते लोग अपने निवास स्थान से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।

🚩राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले का ब्रह्मपुरी इलाके के गली नंबर 8 में रहने वाले हिन्दू परिवारों ने अपने अपने घरों के बहार ‘ये मकान बिकाऊ है’ का पोस्टर चिपका दिया है। हिन्दू परिवारों का मानना है कि गली में मुस्लिम समुदाय के लोग उनको जान बूझकर परेशान कर रहे हैं। हिन्दूओं ने बताया कि मुस्लिम लोग गली में कुछ इस तरह बाइक खडी कर देते हैं कि आने जाने का रास्ता ही बंद हो जाता है।

🚩मुस्लिम समुदाय के लोगों से हो गए तंग

🚩इन लोगों का कहना है कि ये लोग यहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों से तंग आ गए हैं। बहन-बेटी को छेड़ते रहते है, हत्या करने की धमकी देते है, हिन्दू त्यौहार मनाने नही देते है , जिसके चलते ये लोग इस गली से अपना-अपना मकान बेचकर जाना चाहते है। यहां रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों ने ये भी आरोप लगाया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग उनसे बिना वजह झगडते हैं साथ ही अपशब्दों का उपयोग भी करते हैं। यही कारण है कि यहां पर रहने वाले अधिकतर हिन्दू लोगों ने अपने घर के बाहर ये मकान बिकाउ है के पोस्टर लगा दिए हैं।

🚩कश्मीर में भी यही हाल हुआ था जब हिन्दू सेक्युलर हो गए, कम बच्चे पैदा करने लगे, जाती-पाती में बंटने लगे तब जिहादियों ने हमला कर दिया और लाखों कश्मीरी पंडितों को भगा दिया आज भी उत्तर प्रदेश के कैराना, दिल्ली के ब्रह्मपुरी का हाल देखोगे तो कश्मीर की ही याद आयेगी ।

🚩सत्ता में कोई भी दल क्यों न हो। 
#हिन्दू हितों की #अनदेखी सदा होती आयी है। आज भी #गौ माता #कसाई खानों में वैसी ही कटती है। 

🚩आज भी ईसाई मिशनरियाँ निर्धन #हिंदुओं का खुलेआम धर्मान्तरण कर रहे हैं।  

🚩आज भी #लव_जिहाद के नाम  हिन्दू लड़कियों को धर्मान्तरित किया जा रहा है। 

🚩आज भी षड्यंत्र करके हिन्दू साधू-संतो को जेल भिजवाया जा रहा है ।

🚩आज भी हिन्दू तीर्थ यात्राओं पर अतिरिक्त कर लगाया जाता है ।
और ये लेकर भी #हिन्दू #मंदिरों का एकत्रित दान सरकारी कोष में जाता है, जिससे मौलवियों को मासिक भत्ता मिलता है। 

🚩आज भी #हिन्दू #जुलूसों पर पत्थरबाजी होती है और हिन्दू मंदिरों के लाऊड स्पीकर उतरवा दिए जाते है। 

🚩आज भी हिंदुओं के महान चरित्र मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम जी को कोई मिथक बताते है तो योगिराज श्री कृष्ण जी को कोई चरित्रहीन बताते हैं ।

🚩आज भी हिन्दू #देवी-देवताओं की मजाक उड़ाई जाती है और उनके मंदिर तोड़े जाते है ।

🚩आज भी षड्यंत्र तहत निर्दोष हिन्दू #संत जेल में हैं और अधर्मी लोग बाहर हैं ।

🚩आज भी वेदादि धर्मशास्त्रों और संस्कृत का उपहास उड़ाया जाता है और अंग्रेजी को वरीयता दी जाती है। 

🚩आज भी 1200 वर्षों से हो रहे हिंदुओं पर अत्याचारों को बीती #चर्चा बताते हैं और गुजरात दंगों को प्रासंगिक बताते हैं ।

किसी ने सोचा ऐसा क्यों हो रहा है ???
क्या इसका कारण जानना आवश्यक नहीं है ?

🚩सबसे बड़ा कारण हिंदुओं में #एकता की कमी का होना है। #जातिवाद के नाम पर वोट देने वाले हिंदुओं को आसानी से आपस में लड़वा कर अपना उल्लू सीधा करते हैं । दूसरा कम बच्चे पैदा करना, तीसरा सेक्युलर बन जाना, और अपने धर्म और धर्मगुरुओं पर हो रहे आघातों पर चुप रहना ।

🚩पाकिस्तान और बांग्लादेश के रूप में भारत माता के दो बाजू तो पहले ही कट चुके हैं । कश्मीर के रूप में मस्तक पर भी खतरा मंडरा रहा है। आज यह हालात हैं तो सन 2051 में हालात कैसे होंगे ?
🚩जब भारत की मुस्लिम आबादी 50 #करोड़ से अधिक हो जाएगी।

🚩इसलिए #हिंदुओं अभी भी समय है। एक हो जाओ। जातिवाद का #बहिष्कार कर संगठित हो जाओ ।

🚩अन्यथा......हिंदुओं का भविष्य खतरें में हैं !!!

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Wednesday, August 29, 2018

जानिए जम्मू-कश्मीर में 35A हटाना, देशवासियों के लिए क्यों जरूरी है

🚩सुप्रीम कोर्ट में 35A पर सुनवाई चल रही है,
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में लोगों ने शिकायत की थी कि अनुच्छेद 35A के कारण नागरिकों के संविधान प्रदत्त  मूल अधिकार जम्मू-कश्मीर राज्य में छीन लिए गए हैं, लिहाजा राष्ट्रपति के आदेश से लागू इस धारा को केंद्र सरकार फौरन रद्द किया जाए ।
🚩1956 में जम्मू-कश्मीर का संविधान बनाया गया था । अनुच्छेद 35A धारा 370 का हिस्सा  है ।
🚩क्या है आर्टिकल 35A ?
Know how to remove 35A in Jammu and Kashmir,
 why is it necessary for the countrymen

अनुच्छेद 35A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में जोड़ा गया था।
🚩यह कानून जम्मू-कश्मीर के बाहर के किसी व्यक्ति को राज्य में संपत्ति खरीदने से रोकता है ।
जम्मू-कश्मीर के अंदर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है ।
🚩जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है ।
राज्य की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है ।
🚩क्यों हो रहा है विरोध ?
अनुच्छेद 35A को लेकर राज्य में लंबे समय से विरोध है । इस अनुच्छेद के जरिये वहां की सरकार और लोगों को विशेष अधिकार प्राप्त है कि वहां का स्थायी निवासी कैसे तय होगा । वहीं जम्मू-कश्मीर में कोई बाहरी शख्स राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा सकता है और न ही वहां सरकारी नौकरी पा सकता है । इतना ही नहीं, अगर प्रदेश की कोई लड़की, भारत के किसी अन्य राज्य के नागरिक से शादी कर लेती है तो उसे राज्य में संपत्ति के अधिकार से वंचित किया जाता है । हालांकि अगर कोई पाकिस्तानी, कश्मीरी युवती से शादी कर ले तो उसे भारत की नागरिकता तक मिल जाती है । वहीं अनुच्छेद 35A को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें कहा गया है कि अनुच्छेद 35A को 'असंवैधानकि' करार दिया जाना चाहिए क्योंकि राष्ट्रपति अपने 1954 के आदेश से 'संविधान में संशोधन' नहीं करा सके थे ।
🚩संविधान में जिक्र नहीं :-
आपको जानकर हैरानी होगी कि संविधान की किताबों में न मिलने वाला अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर की विधान सभा को यह अधिकार देता है कि वह 'स्थायी नागरिक' की परिभाषा तय कर सके ।  दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 35A को 14 मई 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में जगह मिली थी । संविधान सभा से लेकर संसद की किसी भी कार्यवाही में, कभी अनुच्छेद 35A को संविधान का हिस्सा बनाने के संदर्भ में किसी संविधान संशोधन या बिल लाने का जिक्र नहीं मिलता है । अनुच्छेद 35A को लागू करने के लिए तत्कालीन सरकार ने धारा 370 के अंतर्गत प्राप्त शक्ति का इस्तेमाल किया था ।
🚩क्या है पूरी धारा ?
अनुच्छेद 35A से जम्मू-कश्मीर सरकार और वहां की विधानसभा को स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता है । इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दें अथवा नहीं दें ।
🚩सरकार 35A हटाना नहीं चाहती है:-
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के वकील के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में चतुराई और चालाकी से भरी यह दलील रखी कि जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है । अतः 35 A हटाने की प्रक्रिया पर विचार करना, जम्मू कश्मीर के भविष्य से खेलना होगा, अशांति की संभावना है ।
🚩मस्तिष्कविहीन भी समझ सकता है कि सुप्रीम कोर्ट के जज भी इस निष्कर्ष पर पहुँच चुके हैं कि यह एक अवैध उपबंध है, जिसे देश को अंधेरे में रख संविधान में अवैध तरीके से घुसेड़ा गया है परंतु यह दुःखद है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार, सुप्रीम कोर्ट को यह समझाने में सफल हो चुकी है कि 35 A हटते ही जम्मू-कश्मीर लपटों में जलने लगेगा...कत्लेआम मच जाएगा...घाटी देश से अलग हो जाएगी...आदि.. आदि ।।
🚩हिन्दुस्तान में ही हिन्दुओ के साथ अत्याचार आम बात हो गई है कोंग्रेस सरकार से परेशान होकर भाजपा को बहुमत से जिताया जिससे हिन्दुओ को अपना हक मिल सके लेकिन वर्तमान सरकार से भी कोई उम्मीद नही लग रही है ।
🚩आप समझ सकते हैं कि लाखों पंडितों को कश्मीर से भगा दिया गया । आज वे दर-दर भटक रहे हैं, वहाँ उनकी संपत्ति पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया, आज उन पंडितों को वहाँ बसा भी नहीं पा रहे हैं ।
🚩दूसरी ओर पाकिस्तान के बंटावरे के समय आए लाखों हिन्दुओं को वहाँ पर स्थायी  नही किया गया है, दूसरी तरफ वहाँ की लड़की भारत के किसी अन्य राज्य में शादी करें तो कश्मीर से नागरिकता खत्म कर दी जाती है और पाकिस्तानी के साथ करे तो उस पाकिस्तानी को भी कश्मीर की नागरिकता भी मिलती है और एक बड़ी बात कि कोई भी अन्य राज्य का निवासी वहाँ संपत्ति खरीद नहीं सकता है ।
🚩हिन्दुस्तान का अंग कश्मीर को ऐसा बना दिया कि पाकिस्तान आसानी से उसपर राज कर सकता है, हिन्दुस्तानीओं के साथ न्याय तो तब होगा कि जब 35A हटा दी जाए और कश्मीरी पंडितों को पुनः उनके स्थान पर बसाया जाए ।
🚩इसके लिए पूरे देश के हिन्दुओं को एक होकर आवाज उठानी होगी ।
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Tuesday, August 28, 2018

हवन से प्रदुषण नहीं, बल्कि होता है वातावरण शुद्ध : फ्रेंच वैज्ञानिक

28 August 2018
http://azaadbharat.org
🚩भारतीय संस्कृति सबसे प्राचीन एवं वैज्ञानिक संस्कृति है उसमें ऐसी व्यवस्था बनाई है कि मनुष्य ही नहीं अपितु जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, वनस्पति आदि सभी सुखी रह सकते हैं ।
🚩भारतीय संस्कृति में अनेक ऐसी परम्पराएं हैं, जिसको अपनाकर हर मनुष्य स्वस्थ्य, सुखी, सम्मानित जीवन जी सकता है । इन सभी परम्पराओं में एक हवन करने की भी परम्परा है, जिसका धुंआ हमारे आस-पास नुकसान पहुँचाने वाले जीवाणु को नष्ट कर देता है और वातावरण को शुद्ध बना देता है और सुख-शांति बनी रहती है । यह बात लाखों साल पहले हमारे ऋषि-मुनियों ने बताई थी जो आज के वैज्ञानिक की भी बता रहे हैं ।
Havan does not pollution, but rather
 purifies atmosphere: French scientist

🚩फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च किया । जिसमें उन्हें पता चला कि हवन मुख्यतःआम की लकड़ी पर किया जाता है । जब आम की लकड़ी जलती है तो फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है ।
🚩जो कि खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारती है । तथा वातावरण को शुद्ध करती है । इस रिसर्च के बाद ही वैज्ञानिकों को इस गैस का और इसे बनाने का तरीका पता चला ।
गुड़ को जलाने पर भी ये गैस उत्पन्न होती है।
🚩टौटीक नामक वैज्ञानिक ने हवन पर की गयी अपनी रिसर्च में ये पाया कि यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाए अथवा हवन के धुएं से शरीर का सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फ़ैलाने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है ।
🚩हवन की महत्ता देखते हुए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने भी इस पर एक रिसर्च किया । क्या वाकई हवन से वातावरण शुद्ध होता है और जीवाणु नाश होता है ? अथवा नहीं ? उन्होंने ग्रंथों में वर्णिंत हवन सामग्री जुटाई और जलाने पर पाया कि ये सचमुच विषाणु का नाश करती है ।
🚩फिर उन्होंने विभिन्न प्रकार के धुएं पर भी काम किया और देखा कि सिर्फ आम की लकड़ी, 1 किलो जलाने से हवा में मौजूद विषाणु बहुत कम नहीं हुए । पर जैसे ही उसके ऊपर आधा किलो हवन सामग्री डाल कर जलाया गया तो एक घंटे के भीतर ही कक्ष में मौजूद बैक्टीरिया का स्तर 95% कम हो गया ।
🚩यही नहीं उन्होंने आगे भी कक्ष की हवा में मौजुद जीवाणुओं का परीक्षण किया और पाया कि कक्ष के दरवाजे खोले जाने और सारा धुआं निकल जाने के 24 घंटे बाद भी जीवाणुओं का स्तर सामान्य से 86 प्रतिशत कम था । बार-बार परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ कि इस एक बार के धुएं का असर एक माह तक रहा और उस कक्ष की वायु में विषाणु स्तर 30 दिन बाद भी सामान्य से बहुत कम था ।
🚩यह रिपोर्ट एथ्नोफार्माकोलोजी के शोध पत्र (resarch journal of Ethnopharmacology 2007) में भी दिसंबर 2007 में छप चुकी है । रिपोर्ट में लिखा गया कि हवन के द्वारा न सिर्फ मनुष्य बल्कि वनस्पतियों एवं फसलों को नुकसान पहुचाने वाले बैक्टीरिया का भी नाश होता है । जिससे फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम हो सकता है ।
रुसी वैज्ञानिक शिरोविच ने बताया है कि 1 चम्मच गौघृत जलाकर हम 1 टन ऑक्सीजन प्राप्त कर सकते हैं ।
🚩आपको बता दें कि हवन में पीपल की लकड़ी का भी उपयोग होता है जो  वातावरण को अधिक शुद्ध करता है ।
🚩यज्ञ के द्वारा जो शक्तिशाली तत्व वायु मण्डल में फैलाये जाते हैं उनसे हवा में घूमते हुए असंख्य रोगों के कीटाणु सहज ही नष्ट होते हैं । डी.डी.टी., फिनाइल आदि छिड़कने, बीमारियों से बचाव करने की दवाएं या सुइयां लेने से भी कहीं अधिक कारगर उपाय यज्ञ करना है । साधारण रोगों एवं महामारियों से बचने का यज्ञ एक सामूहिक उपाय है । मनुष्यों की ही नहीं, पशु-पक्षियों, कीटाणुओं एवं वृक्ष वनस्पतियों के आरोग्य की भी यज्ञ से रक्षा होती है ।
🚩यज्ञ में जिन मन्त्रों का उच्चारण किया जाता है, उनकी शक्ति असंख्य  गुनी अधिक होकर संसार में फैल जाती है, और उस शक्ति का लाभ सारे विश्व को प्राप्त होता है । मंत्र की सद्बुद्धि शक्ति को यज्ञों के द्वारा जब आकाश में फैलाया जाता है तो उसका प्रभाव समस्त प्राणियों पर पड़ता है और वे सद्बुद्धि से, सद्भावना से, सत्प्रवृत्तियों से अनुप्राणित होते हैं । 
🚩यज्ञों की शोध की जाए तो प्राचीन काल की भांति यज्ञ शक्ति से सम्पन्न अग्नेयास्त्र, वरुणास्त्र, सम्मोहनास्त्र, आदि अस्त्र-शस्त्र पुष्पक विमान जैसे यंत्र, बन सकते हैं, अनेकों ऋद्धि सिद्धियों का स्वामी बना जा सकता है । प्रखर बुद्धि सुसंतति, निरोगता एवं सम्पन्नता प्राप्त की जा सकती है । प्राचीन काल की भांति यज्ञीय लाभ पुनः प्राप्त हों, इसके शोध के लिए यह आवश्यक है कि जनसाधारण का ध्यान इधर आकर्षित हो और साधारण यज्ञ आयोजनों का प्रचार बढ़े ।
🚩हिंदू धर्म मे प्रत्येक शुभ कार्य, प्रत्येक पर्व, त्यौहार संस्कार, यज्ञ के साथ सम्पन्न होता है । यज्ञ भारतीय संस्कृति का पिता है । यज्ञ भारत की सर्वमान्य एवं प्राचीनतम वैदिक उपासना है । 
🚩धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग कर सकते हैं ।
सामग्री : 1. काले तिल, 2. जौ, 3. चावल, 4. गाय का घी, 5. चंदन पाउडर, 6. गूगल, 7. गुड़, 8. देशी कपूरर, गौ चंदन या कण्डा।
*विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त 8 वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की 1-1 आहुति दें ।*
🚩आहुति मंत्र
*१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
*२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
*३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
*४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
*५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*
🚩हमारे ऋषि-मुनियों ने कितना कुछ हमें दे दिया है फिर भी आज हम पाश्चात्य संस्कृति की ओर जा रहे है वहीं दूसरी ओर पश्चिमी वैज्ञानिक भारतीय ऋषि-मुनियों की परंपराओं पर शोध कर रहे हैं और भूरी-भूरी प्रसंसा कर रहे हैं । हम ऋषि-मुनियों की बात तो नहीं मानते हैं,  लेकिन जब भोगियों के देश के कोई वैज्ञानिक बता देते हैं तो उसे तुरन्त मान लेते है ।
🚩हमें हमारी प्राचीन संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए और उसके अनुसार अपना जीवन जीना चाहिए ।
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