Tuesday, November 6, 2018

जानिए दीपावली का इतिहास और सुख-सम्पदा-आरोग्य बढ़ाने के आसान प्रयोग

6 नवम्बर 2018 

🚩दीपावली हिन्दू समाज में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है। #दीपावली को मनाने का उद्देश्य #भारतीय #संस्कृति के उस प्राचीन सत्य का आदर करना है, जिसकी महक से आज भी #लाखों लोग अपने जीवन को सुवासित कर रहे हैं । दिवाली का उत्सव #पर्वों का #पुंज है ।

🚩भारत में इस उत्सव को मनाने की परंपरा कब से चली, इस विषय में बहुत सारे अनुमान किये जाते हैं । एक अनुमान तो यह है कि आदिमानव ने जब से अग्नि की खोज की है, शायद तभी से यह उत्सव मनाया जा रहा है । जो भी हो, किंतु विभिन्न प्रकार के कथनों और #शास्त्रवचनों से तो यही सिद्ध होता है कि भारत में दीवाली का उत्सव प्रतिवर्ष मनाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
Know Deepawali's History and Happiness - Easy Use of Health
🚩दीपावली त्यौहार #हिन्दू, #जैन एवं #सिक्ख समुदाय और #प्राणी_मात्र के लिए बेहद खास है । रामायण ही नहीं बल्कि महाभारत में भी दिवाली मनाए जाने की वजह बताई गई है ।

🚩आइए हम आपको दीपावली को लेकर  9 #रहस्यमय  घटनाएँ बताते हैं...

🚩1. दीपावली के दिन #रावण का वध करके 14 साल के वनवास के बाद भगवान #राम, पत्नी #सीता और भाई #लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आए थे । इस दिन नगरवासियों ने पूरे नगर को सजाकर दिये जलाए थे ।

🚩2. दीपावली के दिन #समुंद्र #मंथन से माँ #लक्ष्मी का प्रागट्य हुआ।

🚩3. दीपावली के दिन राजा विक्रमादित्य का राजभिषेक हुआ।

🚩4.दीपावली के दिन स्वामी #दयानन्द सरस्वती जी ने आर्य समाज की स्थापना की।

🚩5. दीपावली के दिन #हरगोविंद सिंह जी जहांगीर के चुंगल से मुक्त हुए ।

🚩6. दीपावली के दिन #पांडव 12 साल के अज्ञातवास के बाद वापस आए थे। नगर की प्रजा ने इस दिन दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

🚩7. दीपावली के दिन #महावीर तीर्थंकर जी ने मोक्ष प्राप्त किया ।

🚩8. दीपावली के दिन गुरु #गोविन्दसिंह विजययात्रा पर निकले थे।

🚩9. दीपावली के दिन भगवान #विष्णु ने वामन अवतार धारण करके लक्ष्मी जी को बालि की कैद से छुड़ाया था।

🚩यह उत्सव केवल #सामाजिक, आर्थिक और नैतिक उत्सव ही नहीं वरन् आत्मप्रकाश की ओर जाने का संकेत करने वाला, #आत्मोन्नति कराने वाला उत्सव है।

🚩 आपको बता दें कि दीपावली केवल भारत में ही नहीं वरन जापान, अमेरिका, थाईलैंड आदि देशों में भी धूम-धाम से मनाया जाता है ।

🚩 सुख-सम्पदा-आरोग्य बढ़ाने हेतु:-

🚩(1) दीपावली के दिन नारियल व खीर की कटोरी लेकर घर में घूमें । घर के बाहर नारियल फोड़ें और खीर ऐसी जगह पर रखें कि कोई जीव-जंतु या गाय खाए तो अच्छा है, नहीं तो और कोई प्राणी खाए । इससे घर में धन-धान्य की बरकत होती  है ।

🚩 (2) घर के बाहर हल्दी और चावल के मिश्रण या केवल हल्दी से स्वस्तिक अथवा ॐकार बना दें । यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है । द्वार पर अशोक और नीम के पत्तों का तोरण (बंदनवार) बाँध दें । उससे पसार होनेवाले की रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी ।

🚩 (3) आज के दिन सप्तधान्य उबटन (पिसे हुए गेहूँ, चावल, जौ, तिल, चना, मूँग और उड़द से बना मिश्रण) से स्नान करने पर पुण्य, प्रसन्नता और आरोग्यता की प्राप्ति होती है । दीवाली के दिन अथवा किसी भी पर्व के दिन गोमूत्र से रगड़कर स्नान करना पापनाशक स्नान होता है । 

🚩(4) इन दिनों में चौमुखी दीये जलाकर चौराहे पर चारों तरफ रख दिये जायें तो वह भी शुभ माना जाता है ।

🚩(5) दीपावली की रात को घर में लक्ष्मीजी के निवास के लिए भावना करें और लक्ष्मीजी के मंत्र का भी जप कर सकते हैं । मंत्र : ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद्महे । अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि । तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ।

🚩(6) घर में विसंवादिता मिटाने के लिए गौ-चंदन अगरबत्ती पर देशी गाय का घी डाल के जलाएं, घर के लोग मिलकर ‘हरि ॐ’ का गुंजन करें । दीवार पर या कहीं भी अपने नेत्रों की सीध में इष्टदेवता या सद्गुरु के नेत्र हों, उन्हें एकटक देखें और आसन बिछाकर ऐसी ध्वनि (ॐकार का गुंजन) करें । अन्य दिनों में यदि नहीं कर सकें तो दिवाली के पाँच दिन तो अवश्य करें, इससे घर में सुख-सम्पदा का वास होगा । ( स्त्रोत: ऋषि प्रसाद : नवम्बर 2012)

🚩संसार की सभी जातियाँ अपने-अपने उत्सव मनाती हैं । प्रत्येक समाज के अपने उत्सव होते हैं जो अन्य समाजों से भिन्न होते हैं, परंतु #हिंदू #पर्वों और #उत्सवों में कुछ ऐसी विशेषताएँ हैं, जो किसी अन्य जाति के उत्सवों में नहीं हैं । हिन्दू वर्षभर उत्सव मनाते रहते हैं । एक #त्यौहार मनाते ही अगला त्यौहार सामने दिखाई देता है । इस प्रकार हिंदुओं पूरा वर्ष आनन्द से बीतता है ।

🚩हिंदू धर्म की मान्यता है कि सब #प्राणियों में अपने जैसी आत्मा समझनी चाहिए और किसी को अकारण दुःख नहीं देना चाहिए । संभवतः इसी बात को समझने के लिए #पितृपक्ष में कौए को भोजन देने की प्रथा है । नाग पंचमी के दिन सर्प को दूध पिलाया जाता है । कुछ अवसरों पर कुत्ते को भोजन दिया जाता है ।

🚩हर ऋतु में नई फसल आती है । पहले वह ईश्वर को अर्पण करना, फिर #मित्रों और संबंधियों में #बाँटकर खाना – यह हिंदू परंपरा है । इसलिए दिवाली पर खील-बताशे, मकर संक्रांति यानि #उत्तरायण पर्व पर तिल गुड़ #बाँटे जाते हैं । अकेले कुछ खाना हिंदू परंपरा के विपरीत है। पनीरयुक्त मिठाइयाँ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। स्वामी #विवेकानंद #मिठाई की दुकान को साक्षात् यम की दुकान कहते थे । अतः दिवाली के दिनों में नपी तुली घर मे बनी हुई मिठाई खानी चाहिए ।

🚩भारत के वे #ऋषि-मुनि धन्य हैं, जिन्होंने दीपावली – जैसे पर्वों का आयोजन करके मनुष्य को मनुष्य के नजदीक लाने का प्रयास किया है तथा उसकी सुषुप्त #शक्तियों को जागृत करने का संदेश दिया है।

*आप सभी को दीपावली पर्व की शुभकामनायें*

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Monday, November 5, 2018

चांदी के वर्क वाली मिठाई का सच जानकर आप भी खाना छोड़ देंगे..

5 नवम्बर 2018

🚩 हिन्दू त्यौहार में मिठाईयां खूब खाई जाती है, उसमें भी मेहमानों को आकर्षित करने के लिए चांदी के वर्क वाली मिठाईयां ख़रीद के खाई जाती हैं और खिलाई जाती हैं ।

🚩 देशभर में दीपावली की धूम मची है, उसमे भी वर्क वाली मिठाईयों का खूब उपयोग किया जा रहा है, लेकिन ये मिठाई खाने जैसी है या नहीं,  भगवान को वर्क वाली मिठाई का भोग लगाना उचित है या नहीं, ये जानना बेहद जरूरी है ।

🚩कुछ लोग #खूबसूरती के लिए ये मिठाईयां #घर लाते हैं तो कुछ लोग सेहत के लिए फायदेमंद समझकर #खरीदते हैं ।
Knowing the truth about silver-working
 sweets will leave you too.
🚩  मिठाईयों पर लगे #चाँदी के #वर्क का सच जानने के बाद आप मिठाई खाने से पहले सौ बार सोचेंगे । हो सकता है खाना ही छोड़ दें । क्या आपको पता है कि आपको वर्क के नाम पर मांसाहारी #मिठाई परोसी जा रही है ?

🚩 #चांदी के #वर्क वाली #मिठाई दिखने में जितनी सुंदर है । उतनी ही घिनौनी #चांदी के #वर्क के बनने की #कहानी है । सालों से #लोग वर्क लगी मिठाई को शाकाहारी समझ कर खा रहे हैं, लेकिन #सजावट के लिए लगाया जाने वाला #चांदी का वर्क असलियत में जानवर की खाल से बनता है ।

🚩बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि यह वर्क #गाय-बैल की आंतों से #तैयार किया जाता है ।

🚩जिस #चांदी के वर्क लगी #मिठाई को #शाकाहारी समझ कर आप बरसों से खा रहे हैं, वो दरअसल शाकाहारी नहीं है #जानवर के अंश का इस्तेमाल करके चांदी का वर्क बनाया जाता है ।

🚩बता दें कि #देश में चांदी के वर्क की सालाना #मांग करीब 275 टन की है । चांदी के वर्क का #कारोबार फिलहाल #भारत के अलावा बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान में है जो कि पूरी तरह असंगठित क्षेत्र के हाथ में है । यही वजह है कि इसके कारोबार का सही-सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है ।

🚩 चांदी का बाजार !!

#परंपरागत रूप से देश में #चांदी का वर्क बूचड़खानों से ली गई जानवरों की खालों और उनकी आंतों को हथौड़ों से पीटकर तैयार किया जाता है ।

🚩इसके अलावा विदेशी मशीनों से भी चांदी का #वर्क तैयार होता है, इसमें एक #स्पेशल पेपर और पॉलिएस्टर कोटेड शीट के बीच चांदी को रखकर उसके वर्क का पत्ता तैयार होता है । इसमें #जानवर के अंश का इस्तेमाल नहीं किया जाता । चूंकि ये #मशीनें महंगी हैं और देश में गिनी चुनी कंपनियों के पास ही हैं, ऐसे में इनका चांदी का वर्क #महंगा भी पड़ता है और कम भी । एक अनुमान के मुताबिक #भारत में 90 फीसदी चांदी का वर्क पुराने तरीके से, जानवरों के अंश का इस्तेमाल करके बनता है, जबकि 10 फीसदी मशीनों से तैयार होता है ।

🚩 #सरकारी आदेश का असर !!

#सरकार ने चांदी के वर्क को बनाने में जानवर के अंश का इस्तेमाल नहीं करने के लिए नोर्टिफिकेशन जारी किया है । #फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य और फूड एक्सपर्ट बिजॉन मिश्रा का भी कहना है कि चांदी के वर्क बेचते समय बताना चाहिए कि ये मांसाहारी है या शाकाहारी । इसके पैकेट पर हरा और लाल निशान होना चाहिए ।

🚩आपको बता दें कि पैकेट पर हरा निशान का मतलब है कि वस्तु शाकाहारी है और लाल निशान मतलब है कि वो वस्तु मांसाहारी है ।

🚩 पिछले साल #मेनका गांधी ने #मीडिया को बताया कि मिठाई व #पान ही नहीं #सेब जैसे #फल को #आकर्षक बनाने के लिए उनके ऊपर जो चांदी का वर्क लगाया जाता है वह #मांसाहार की श्रेणी में आता है।

🚩उनका कहना है कि यह वर्क #जिंदा #बैलों का #कत्ल कर उनकी #आंत के सहारे तैयार किया जाता है । वर्क लगी #मिठाइयों के बढ़ते आकर्षण के कारण प्रति वर्ष हजारों #गौवंशीय #पशुओं की #हत्या की जाती है।

🚩उन्होंने बताया कि गौवंशीय पशु की आंत से बनी वर्क में #चांदी, #एल्यूमिनियम अथवा उस जैसी धातु का बड़ा टुकड़ा डाला जाता है । फिर उसे लकड़ी के हथौड़े से पीट कर पतला करके आकार दिया जाता है ।

🚩बैल की आंत #पीटते रहने से #फटती नहीं है । चांदी के वर्क के चक्कर में कुछ लोग एल्यूमिनियम भी बेच देते हैं।

🚩मेनका गाँधी का कहना है कि इस कारोबार से जुड़े लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से #पशु #हत्या, #गाय की हत्या में भी संलिप्त कहे जा सकते हैं । 'तीन साल पहले #इंडियन #एयरलाइंस ने यह महसूस किया कि चांदी वर्क #मांसाहार है, और अपने #कैटरर को #विमान में परोसी जाने वाली मिठाइयों पर वर्क न लगाने के निर्देश दिए थे । साथ ही पत्र भेज कर बैल की आंतों के सहारे तैयार कराए जाने वाले वर्क पर रोक लगाने को कहा था ।

🚩#स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कराई गई जांच में भी वर्क के मांसाहार होने की पुष्टि हुई ।

🚩#केंद्र अब #कानून के जरिये इस पर प्रतिबंध की तैयारी में है ।

🚩इस आशय का 19 अप्रैल 2016 को #राजपत्र भी आम राय के लिए #वेबसाइट पर डाला था ।

🚩आप भी घरेलू बनी मिठाई ही खाएं और
बैल के वर्क से बनी मिठाइयों, सुपारी, लडडू, इलायची आदि से सावधान रहें ।

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