Monday, April 1, 2019

गौरक्षा के लिए सोशल मीडिया पर उठी आवाज, बोले बचालो गौमाता को

01 अप्रैल 2019
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🚩गौमाता देश की रीढ़ की हट्टी है  । हम सभी समझ सकते है कि अगर रीड की हड्डी टूट जाये तो क्या बेहाल होता है, इसलिए देश के जनता की रक्षा करने वाली गौमाता आज संकट में उनकी रक्षा करना जरूरी है ।
🚩आपको बता दें कि गुजरात के बनासकांठा जिला में वाव तहसील में एक गाँव मे सूखा आने के कारण करीब 60 गाये मर गई, सरकार या प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया जिससे जनता का गुस्सा फूटा और ट्विटर हैशटैग #ProtectCowProtectDharma के जरिये सरकार को बताया कि देशभर में  गाय माता की शीघ्र रक्षा करें ।

🚩आइये जानते है क्या लिखा जनता ने...
🚩1. रविकांत ने लिखा कि "गौहत्या करने वालों के खिलाफ तो किसी भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए, लेकिन गौरक्षकों को गोलियों से मरवाया । आज कम से कम प्यासी मरती गौमाता के लिए पानी, चारे का प्रबंध करे, यही सरकार से अनुरोध है ।  #ProtectCowProtectDharma  " https://t.co/plnBAWVzd6
🚩2. जीतू मकानी ने लिखा कि देश के सूखे इलाकों में गर्मी के मौसम में पानी की कमी के चलते देश में हजारों गायें मरती हैं  । सरकार को इस विषय में ठोस कदम उठाने चाहिए  । https://t.co/Q2b7ThG8qA
🚩3. गार्गी पटेल लिखती है कि हमारी आज़ादी के तब तक क्या मायने हैं जबकि हम हमारी गौ माता ही को जल तक न उपलब्ध करवा सकें । गौओं को भी जीने के लिए जल आधार है, अतः सरकार को उन्हें जल सुविधा दिलवाने हेतु ठोस कदम लेने चाहिये ।
https://t.co/119BWP6sIz
🚩4. नंद किशोर ने लिखते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि के बाद पशुपालन पर टिकी हुई हैं ।
कृषि में भी गौवंश का अहम योगदान हैं ।
अगर गाय ही नहीं रहे तो कृषि धंधा चौपट हो जाये ।
इसलिये सरकार के साथ जनसाधारण को भी गाय के चारे पानी की व्यवस्था करनी चाहिये ।
https://t.co/dCE5yW5oNE.
🚩5. प्रशांत सिंह लिखते हैं कि जीवन दायिनी गौमाता आज संकट के दौर से गुजर रही है अगर सरकार ने ठोस कदम नही उठाए तो गाय कहीं विलुप्त न हो जाएं ।
🚩6. नितिन शर्मा लिखते हैं कि देश मे जिस तरह #गौमाता_की_उपेक्षा हो रही है उससे न केवल सनातन संस्कृति का अपमान हो रहा है बल्कि सनातन संस्कृति को अंदर ही अंदर खोखला किया जा रहा है ।साथ ही #गौमाता_की_उपेक्षा करके प्राकृतिक आपदाओं को प्रत्यक्ष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है । -@AsaramBapuJi
https://t.co/gE9OfTcQMA
🚩7. रेशु लिखती हैं गौओं प्रदत्त पदार्थों से मनुष्य को जीवन मिलता है । सभी का कर्तव्य है गौओं को जल व चारा सही मात्रा में उपलब्ध कराया जाए । ताकि अति महत्वपूर्ण गौ वंश रक्षित हो सके ।
#ProtectCowProtectDharma
🚩8. भगवाधारी हैंडल से बताया गया कि प्राचीन काल में मनुष्य की समृद्धि की गणना उसके पास गौसंख्या से की जाती थी ।
वर्तमान समय में गाय जल के अभाव में मौत के मुख में जा रही हैं ।
अत्यंत भयावह स्थिति ।
सरकार जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए ।
https://t.co/K12VRpWAyp
🚩9. जय चौधरी ने लिखा कि प्रशासन से निवेदन है कि इस तपती धूप में प्यास से अपने प्राण त्यागती हुई, गौ माता के लिए शहर और गांव के कम से कम एक मुहल्ले में एक पानी का प्याऊं बनवाये ताकि हमारे हिंदू धर्म से बहुत ही नजदीक से जुड़ी गौ माता की रक्षा हो सके । #ProtectCowProtectDharma
🚩10. दुर्दुन्दी हैंडल से लिखा गया है कि सरकार को ध्यान देना चाहिये भारतीय धर्म की रीढ़ गौ माता को जलाभाव या दूषित जल पीने से मृत्यु के मुख में जाना पड़ रहा है । अपनी गौ पूँजी बचाना सरकार का भी धर्म है । गौ माताओं को गर्मियों में पर्याप्त जल सुविधा दिलवाई जानी जरूरी है । https://t.co/47Qt6zLnFJ
🚩इस तरीके से रविवार को हजारों लोग ट्वीट करके गौरक्षा की मांग कर रहे थे, लेकिन मीडिया ने इस खबर को कहीं नहीं दिखाया, ऐसे लगता है कि मीडिया वही खबर दिखाती है जो पहले से उनके एजेंडे के तहत दिखाती है नहीं तो गौमाता की रक्षा के लिए हजारों लोग आवाज उठाएं और खबर न दिखाए ये कैसे हो सकता है?
🚩भारत देश में गाय का बड़ा योगदान रहा है और उसकी महत्ता भी भारी है  । गाय माता के दूध-दही-घी-मूत्र-गोबर से बने पंचगव्य से भयंकर बीमारियां भी ठीक हो जाती है, गाय के अंदर 33 करोड़ देवता का वास होता तभी तो भगवान श्री कृष्ण भी स्वयं गाये चराते थे, यहाँ तक बताया गया है की गाय के गोबर से जहाँ लीपन किया जाता है वहाँ अगर परमाणु बम भी गिरे तो भी उसकी असर नही होती है  । गाय की उपयोगिता के बारे में कितना भी लिखो वो कम है ।
🚩सरकार को चाहिए अब गौरक्षा के लिए गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करें और उसकी रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें ।
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Thursday, March 28, 2019

पाकिस्तान के हिंदुओं की हालत सुनकर छूट जाएंगे आपके भी पसीने

28 मार्च 2019
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🚩पाकिस्तान के दूर-दराज और देहात के इलाकों में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और उनके लिए परेशानियां खड़ी करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन मामला सिर्फ इतना ही नहीं है । पाकिस्तान में ऐसे बहुत से हिन्दू मां-बाप हैं, जिनके ना चाहते हुए भी उनकी बेटियों को मुस्लिम सूदखोर उठाकर ले जाते हैं ।

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🚩कुछ दिन पहले पाकिस्तान के घोटकी में दो दलित हिन्दू लड़कियों रीना और रवीना मेघवार का अपहरण करके उन्हें इस्लाम कबूल करवा दिया जाता है । दोनों नाबालिग लड़कियां जिनकी उम्र क्रमश: 12 और 14 साल है उनकी उम्र से बड़े आदमियों से उनका निकाह कर दिया जाता है । सोशल मीडिया पर चर्चा होती है।  एफआईआर दर्ज करवायी जाती है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं करता है और न मीडिया इस मुद्दे को उठाता है । ऊपर से दो दिन बाद एक मौलवी उन दोनों नाबालिग लड़कियों को लेकर मीडिया के सामने आता है और बताता है बहुत समय से (शायद गर्भ में थीं तभी से) दोनों लड़कियां इस्लाम कबूल करना चाहती हैं, हमने उन्हें अब मौका फरहाम कर दिया है ।
🚩अभी हाल ही में एक और हिंदू बच्ची के अपहरण का मामला समान आया है
सिंध सूचना विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हरिराम किशोरी लाल ने 16 साल की हिन्दू लड़की के अपहरण के संबंध में सोशल मीडिया पर चल रहे एक समाचार पर संज्ञान लिया है । कहा जा रहा है कि मेघवार समुदाय की यह लड़की बादिन जिले के तांदो बाघो की रहने वाली है।
🚩पाकिस्तान में हर साल हिन्दू लड़कियों के जबरन अपहरण की ऐसी दर्जनों घटनाएं होती हैं लेकिन वहां कोई मुसलमान इसके खिलाफ नहीं बोलता। बोलेगा कैसे? आखिर उसकी किताब उसे बोलने की इजाजत कहां देती है? वह जानता है कि इस्लाम तो यही है जैसे हो सके सबको मुसलमान बना देना है। अगर कोई अपहरण करके बना रहा है तो गलत क्या कर रहा? गैर मुस्लिम लड़कियों को अगवा करना इस्लाम की ऐसी खिदमत है जिससे धीरे-धीरे हर गर्भ से सिर्फ मुसलमान पैदा होगा। इसलिए अगर कोई गैर मजहबी लड़कियों का अपहरण कर रहा है, उनके साथ लव जिहाद कर रहा है तो वह तो इस्लाम की सच्ची खिदमत ही कर रहा है । इसलिए मुसलमान चुप रहता है । उसे कोई दुख नहीं होता । उसके मन में प्रायश्चित के कोई भाव नहीं आते। ऐसी घटनाओं का मुखर होकर विरोध तो छोड़िए, एक शब्द लिखता बोलता तक नहीं ।
🚩लड़की को ले जाने वाला, उससे कुछ भी करा सकता है-
पाकिस्तान में इन औरतों को प्रोपर्टी की तरह ही देखा जाता है । उसे खरीदने वाला उसे बीवी बना सकता है, दूसरी बीवी बना सकता है, खेतों में काम करा सकता है, यहां तक कि वो उसे जिस्मफरोशी के धंधें में भी धकेल सकता है क्योंकि उसका मालिक बन गया है।
🚩ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स 2016 की रिपोर्ट कहती है कि 20 लाख से ज्यादा पाकिस्तानी हिन्दू गुलामों की जिंदगी बसर कर रहे हैं, इनमें अल्पसंख्यकों की बड़ी तादाद है । जिनसे खेती-बाड़ी से लेकर घर तक के काम कराए जाते हैं ।
🚩एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल करीब 1000 हिंदू और ईसाई लड़कियों (ज्यादातर नाबालिग) को मुसलमान बनाकर शादी करा दी जाती है ।
🚩गरीब अल्पसंख्यकों की लड़कियां होती हैं सबसे ज्यादा शिकार-
🚩पाकिस्तान में इस तरह के मामलों के लिए लड़ने वाले एक संगठन से जुड़े गुलाम हैदर कहते हैं कि वो खूबसूरत लड़कियों को चुनते हैं । हैदर कहते हैं कि इसका शिकार होने वाले गरीब परिवार होते हैं । यहां तक ना मीडिया के कैमरे पहुंचते हैं और ना पुलिस स्टेशन में इनकी कोई सुनवाई होती है ।
🚩पाकिस्तान में हिन्दुओं के लिये श्मशान घाट तक नहीं-
पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से हिंदू समुदाय के लिए विभिन्न स्थानों पर श्मशान घाट की सुविधा न होने के कारण अपने मृतकों को धार्मिक अनुष्ठानों के उलट यानी जलाने के बदले कब्रिस्तान में दफनाने के लिए मजबूर हो चुके हैं ।
🚩पूरे पाकिस्तान में पहले अल्पसंख्यकों के लिए हर छोटे बड़े शहर में धार्मिक केंद्र या पूजा स्थल थे लेकिन दुर्भाग्य से उन पर या तो सरकार या भूमि माफिया ने कब्जा कर लिया है । जिससे अल्पसंख्यकों की मुसीबतें बढ़ी हैं ।
🚩हारून सर्वदयाल के अनुसार, "जिस तरह पाकिस्तान के बनने के समय अल्पसंख्यक अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे, उनके हालात में 70 साल बाद भी कोई बदलाव नहीं आया है । वे आज भी अपने अधिकारों से वंचित हैं। "
🚩पाकिस्तान में हिंदू समुदाय देश का सबसे बड़े अल्पसंख्यक तबका माना जाता है। हिंदुओं की ज्यादातर आबादी सिंध और पंजाब के जिलों में रहती है । खैबर पख्तूनख्वाह में पेशावर के बाद हिंदुओं की संख्या कोहाट, बुनेर, हंगू, नौशहरा, स्वात, डेरा इस्माइल खान और बनू के जिलों में भी रहती है ।
🚩पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर तोड़े जाते हैं । हिन्दू महिलाओं के साथ दुष्कर्म किये जाते हैं । यहाँ तक कि उठाकर मुस्लिम बना दिया जाता है , श्मशान घाट तक नहीं है, हिन्दुओं की हत्याएं की जाती हैं । हिन्दुओं पर इतना अत्याचार किया जाता है फिर भी उनके लिए कोई आवाज उठाने के लिए तैयार नही है ।
आज भी अगर भारत में हिंदुओं ने "हम दो हमारे दो" के सिद्धान्त को नहीं तोड़ा तो पाकिस्तान जैसा हाल होने में देरी नहीं लगेगी । अतः हिन्दू सावधान रहें।
🚩मुस्लिम चार शादियां करके 40 बच्चे पैदा कर सकते हैं तो हिन्दू कम से कम 4 बच्चे तो पैदा कर ही सकता है ।
पाकिस्तान के हिंदुओं की हालत नरक से भी बद्तर हो गई है अतः हमें उसके लिए आवाज उठानी चाहिए क्योंकि मीडिया, सेकुलर, वामपंथी इस खबर पर चुप रहेंगे।
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Wednesday, March 27, 2019

ईसाई पादरियों द्वारा विश्वभर में कई ननों का किया जा रहा है यौन शोषण

27 मार्च 2019
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🚩सनातन हिंदू धर्म महान, पवित्र और उदार है लेकिन उसको बदनाम करने एवं उसको मिटाने के लिए अनेक षड्यंत्र चल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जो मत-पंथ और धर्म बनाये गये हैं, उसको बढ़ावा दिया जा रहा है उसकी बुराइयों को छुपाया जा रहा है, उसके आड़ में चल रहे गोरखधंधे पर चुप्पी साध ली जाती है ।

🚩धर्म की आड़ में कितने भी दुष्कर्म छुपाए जाएं लेकिन सब सामने आ ही जाते है ऐसे ही अभी वर्तमान में जो बुद्धिजीवी, मीडिया, वामपंथी, मिशनरियां, सेकुलर आदि मिलकर ईसाई मिशनरियों के दुष्कर्म छुपा रहे थे और पवित्र हिंदू साधु-संतों को बदनाम कर रहे थे वे झूठ अब उजागर हो रहा है ।
🚩रोम (इटली) : पिछले फरवरी के मास में सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रान्सिस ने पहली बार रोमन कैथॉलिक चर्च के पादरियों द्वारा किए जानेवाले नन्स के यौन शोषण की स्वीकृति दी । ईसाई धर्म का मुख्यालय विगत अनेक वर्षों से ऐसी घटनाओं को दबाने में सफल हो रहा था; किंतु विगत कुछ वर्षों से विश्‍वभर में चलचित्रजगत तथा अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में महिलाओं के हो रहे यौन शोषण के विरुद्ध ट्विटरपर हैशटैग #MeToo के माध्यम से सामाजिक माध्यमों में आवाज उठाई जा रही थी । अब उसी पथपर चलते हुए सामाजिक माध्यमों में #NunsToo नामक एक नया हैशटैग आरंभ हुआ है और उसपर अनेक पीड़ित ननों ने पादरियों द्वारा उनके साथ किए गए यौन शोषण के प्रमाण प्रस्तुत किए हैं । इस अभियान का प्रारंभ वैटिकन से प्रकाशित होनेवाले ईसाई धर्म के मुखपत्र से ही हुआ है ।
🚩वेटिकन से प्रकाशित होनेवाले ईसाई धर्म के मुखपत्र की संपादक, इतिहास की प्राध्यापक तथा ‘माता एवं महिला’ स्वतंत्रता की समर्थक ल्युसेटा स्काराफ्फा ने इस अंक में एक लेख लिखकर विश्‍वभर के पादरियों द्वारा अल्पायु बच्चे और नन्स के किए गए यौन शोषण के सैकड़ों उदाहरण दिए हैं ।
🚩1. ल्युसेटा स्काराफ्फा ने इस लेख में नन्स की मानसिक स्थिति सामने रखी है । सर्वसामान्यरूप से सर्वत्र यह अवधारणा फैली है कि नन्स के साथ यौन अत्याचार होना बहुत कठिन है; क्योंकि उन्हें अस्वीकृति अधिकार का उपयोग करने का संपूर्ण अधिकार होता है, साथ ही यह सिखाया जाता है कि नन्स ही पादरियों का वशीकरण कर उन्हें ऐसे कृत्य करने के लिए बाध्य बनाती हैं । ऐसे में यदि ये नन्स गर्भवती हुईं, तो उन्हें चर्च से निकाल दिया जाता है । ऐसी निर्धन नन्स अपने अनौरस संतान के साथ दयनीय जीवन व्यतीत करती हैं । कुछ घटनाओं में तो उनका गर्भपात भी करवाया जाता है और उसका व्यय पादरी ही करते हैं ।
🚩2. एक विश्‍वविद्यालय में प्राध्यापिका के पद पर कार्यरत सिस्टर कथेरिन औबिन कहती हैं, ‘‘वेटिकन में पुरुषों का वर्चस्व होता है । कुछ थोड़े लोग ही धर्म के प्रति प्रामाणित होते हैं । दूसरों के सिर में अधिकारों की उन्मत्तता बढ़ती है और उसी के करण नन्स के साथ अत्याचारों की घटनाएं होती हैं । वेटिकन में ये नन्स न होने की ही स्थिति में होती हैं; क्योंकि कोई भी उनका सम्मान नहीं करता ।’’
🚩3. वर्ष 1984 में पहली बार सिस्टर मौरा डोनोह्यू ने नन्स के साथ होनेवाले अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाई । उन्होंने आफ्रिका, इटली, फिलिपीन्स तथा अमेरिका में नन्स के साथ हुए अत्याचारों की जानकारी एकत्रित कर वैटिकन को एक ब्यौरा प्रस्तुत किया । सिस्टर मौरा डोनोह्यू के अनुसार आफ्रिका में एड्स की प्रबलता होने से पादरी सुरक्षित नन्स का उपभोग लेते थे ।
🚩4. जब अफ्रीका की एक वरिष्ठ सिस्टर ने वहां की 29 नन्स गर्भवती होने का ब्यौरा दिया, तब उसे ही वहां से निकाल दिया गया । एक नन की तो गर्भपात के समय मृत्यु हुई और उसके अंतिमसंस्कार के लिए उसके साथ अत्याचार करनेवाले पादरी की ही नियुक्ति की गई थी ।
🚩5. भारत के बिशप मुलक्कल द्वारा एक नन के साथ किए गए अत्याचार का प्रकरण तो सर्वविदित है । चिली देश में भी ऐसा ही एक प्रकरण वहां के समाचारवाहिनीपर चर्चा का विषय बना हुआ है ।
🚩6. एक समाचारसंस्था द्वारा किए गए निरीक्षण के अनुसार युरोप, एशिया, आफ्रिका एवं दक्षिण अमेरिका के आरोपी पादरियों के विरुद्ध वैटिकन ने कोई भी कार्यवाही नहीं की । उसी कारण ही इस #NunsToo अभियान के माध्यम से ऐसी घटनाएं उजागर हो रही हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
🚩कैथलिक चर्च की दया, शांति और कल्याण की असलियत दुनिया के सामने उजागर ही हो गयी है । मानवता और कल्याण के नाम पर क्रूरता का पोल खुल चुकी है । चर्च  कुकर्मों की  पाठशाला व सेक्स स्कैंडल का अड्डा बन गया है ।
🚩ईसाई पादरी बच्चों और ननों का यौन शोषण करते हैं पर इसपर किसी भी बुध्दिजीवी, सेकुलर, वामपंथी, मीडिया नजर नहीं जा रही है । इनकी नजर बस पवित्र हिंदू साधु-संतों की तरफ ही होती है, किसी संत पर झूठा आरोप भी लग जाये तो दुनियाभर में हल्ला करते हैं, बढ़ा-चढ़ा कर ख़बरें दिखाते हैं, पर हजारों पादरी यौन शोषण कर रहे हैं, उनके खिलाफ चुप हैं । इससे सिद्ध होता है कि इनमें मानवीय संवेदना नहीं है बस टीआरपी और पैसे की भूख है, हिंदुस्तानी ऐसी मीडिया और बलात्कारी पादरियों से सावधान रहें ।
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