Sunday, August 4, 2019

असहिष्णुता गैंग के जवाब में हिंदू समाज की ओर से जवाबी पत्र

4 August 2019
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🚩इस विश्व में अगर कहीं शांति, संवेदनशीलता, धर्म शेष है तो वो सिर्फ और सिर्फ भारत में ही है । हिन्दू समाज एक सभ्य और शांतिपूर्ण तरीके से जीवननिर्वाह करने वाला समाज है, लेकिन कुछ सालों से एक के बाद एक हिंदुओं को असहिष्णु, असभ्य और एक खूंखार समाज के रूप में पेश करने की मानो होड़ सी चल पड़ी है ।

🚩बीते कुछ दिनों पहले की बात है, माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के पास असहिष्णुता गैंग ( शहरी नक्सलियों ) के 49 सदस्यों के समुह का एक पत्र पहुंचा । शहरी नक्सलियों द्वारा पत्र लिखने के पिछे बहुत ही सोची-समझी साजिश है जिसके तीन कारण हमें समझ आ रहे हैं-
🚩(1) विदेशों में भारत के छवि को नुकसान पहुंचाना
🚩(2) दुनिया के सबसे सुंस्कृत और सभ्य हिंदू समाज को बदनाम करना
🚩(3) भारत को पांच ट्रिलियन डालर के अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को रोकना
🚩इसलिए समस्त हिंदू समाज ने यह निर्णय लिया है कि 49 शहरी नक्सलियों के पत्र जवाब में हम भी अपनी बात रखें । हिंदुओं द्वारा किए गये मॉब लिंचिंग पर तो खुब ढोल पिटा जा रहा किंतु मुसलमानों द्वारा किए गये मॉब लिंचिंग जिसमें हिंदुओ को शिकार बनाया गया है उसी के आलोक में कुछ आंकड़े इस पोस्ट में प्रस्तुत कर रहे हैं-
🚩(1) बंगाल के मालदा जिले के कालीया चक --: रविवार 3 जनवरी 2016 को अंजुमन अहले सुन्नतुल जमात के बैनर तले 2.5 लाख मुसलमानों की भीड़ ने कमलेश तिवारी के एक बयान के विरोध में पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी जिसमें सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था तथा 30 हिंदू घायल हुए थे।
🚩(2) धुरागढ़ गांव --: बंगाल के इस गांव में 13 दिसम्बर 2016 को ईद-ए-मिलद के अवसर पर मुसलमानों के भीड़ द्वारा दर्जनों हिंदुओं के घर और दुकान को लूट लिया गया था । गलती मात्र इतनी कि इस दिन मार्गशीर्ष पुर्णिमा का मेला लगा हुआ था और उन्होनें मस्जिद के लाउडस्पीकर के आवाज को कम करने की अपील की थी।
🚩(3) मथुरा --: भरत यादव नामक लस्सी विक्रेता को 19 मई 2019 को मुसलमानों के भीड़ द्वारा केवल इस गलती के लिए जान से मार दिया गया इन्होने लस्सी का पैसा मांग लिया था। साथ में भरत यादव के भाई चंदन यादव को भी पीटकर बुरी तरह घायल कर दिया गया था।
🚩(4) दिल्ली --: अंकित सक्सेना नामक युवक की एक मुस्लिम लड़की से प्रेम करने के कारण 3 फरवरी 2018 को मुसलमानों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
🚩(5) बोम्मीनैकनपट्टी -: तामिलनाडु के थेनी जिले के इस गांव में मुसलमानों द्वारा मई 2018 में कई हिंदू दलितों के साथ मार-पीट जिसमें दर्जनों दलित घायल हो गये थे।
🚩(6) बाड़मेर --: राजस्थान के इस जिले में 22 वर्षीय खेताराम भील नामक एक दलित को प्रेमप्रसंग के कारण 20 जुलाई 2018 को मुसलमानों द्वारा पीट-पीट कर हत्या।
🚩(7) पीलीभीत --: उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में कमिल राजा ,नसीम और इसके मुस्लिम साथियों ने दलित सुनील पासवान नामक व्यक्ति और उसके पूरे परिवार के साथ जुलाई 2017 में मारपीट की।
🚩(8) असम --: 7 जून 2019 को जमना टाटी और अजय टाटी नामक दो हिंदू युवकों की मुसलमानों द्वारा हत्या कर दी गई।
🚩(9) बेगूसराय --: बिहार के इस जिले के नूरपूर गांव में 10 जून 2019 की रात को कुछ मुसलमानों द्वारा दलित महिला के साथ ब्लात्कार किया।
🚩(10) जमुई --: बिहार के जमुई जिले में शमशुद्दीन अंसारी नामक एक मुस्लिम 23 जून 2019 को 8 वर्षीय हिंदू बालिका के साथ बलात्कार कर गला दबा कर उसकी हत्या कर देता है।
🚩(11) गोंडा --: यूपी के इस जिले में 15 मई 2019 को चार मुसलमानों ने विष्णु कुमार गोस्वामी को पेट्रोल डालकर जला दिया।
🚩(12) मलाड --:यह स्थान महाराष्ट्र में है यहां मुसलमानों की एक टोली ने 8 जनवरी 2019 को पेट्रोल पंप के एक स्टाफ को बुरी तरह से मारा।
🚩(13) चांदनी चौक --: इस दिन 1 जुलाई 2019 को मुसलमानों की एक बड़ी भीड़ ने दिल्ली के इस इलाके में दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ किया था।
🚩(14) दिल्ली --: दिल्ली के बसाईदारपुर इलाके के रहने वाले ध्रुव त्यागी को 11 मई 2019 को रमजान के महीने में अपनी बेटी के छेड़खानी के विरोध करने के कारण मुसलमानों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
🚩(15) कासगंज --: उत्तरप्रदेश के इस इलाके में चंदन गुप्ता को 26 जनवरी के दिन तिरंगा फहराने के दौरान हत्या कर दी गई।
🚩(16) उल्हासनगर --: महाराष्ट्र के इस जगह पर 21 मई 2017 को दो दलित लड़की को चकली मांगने पर मुसलमानों द्वारा पिटाई की गई और बाल काटकर सड़को पर घुमाया गया था।
🚩(17) विकासपुरी --: दिल्ली में गाड़ी टकरा जाने पर डाक्टर पंकज नारंग को 24 मार्च 2016 को 15 मुसलमानों ने पीट-पीट कर मार डाला था ।
🚩(18) कन्नौज --: उत्तरप्रदेश में 24 अक्टूबर 2015 को दुर्गा पूजा के जुलूस को रोक दिया था और मारपीट किया गया था।
🚩(19) वर्धमान --: बंगाल में इंद्रजीत दत्ता को मुसलमानों ने नवम्बर 2016 में इसलिए मार दिया गया था क्योंकि इन्होंने मुहर्रम का चंदा देने से मना कर दिया था।
🚩(20) दक्षिण 24 परगना --: बंगाल में आईआईटी छात्र कौशिक पुरोहित पर भैंस की चोरी का झूठा आरोप लगाकर 11 मई 2016 को मुसलमानों की भीड़ ने मार डाला था।
🚩(21) बीजापुर --: कर्नाटक में बानू बेगम नामक एक मुस्लिम महिला को सयबन्ना शारन्नपा कोन्नुर नामक हिंदू लड़के से प्यार हो जाता है और दोनों भागकर गोवा कोर्ट में शादी कर लेते हैं।तब जून 2017 में मुस्लिम गुंडो ने हिंदू लड़के के परिवार के साथ मारपीट की।
🚩(22) पश्चिमी चम्पारण --: बिहार के मुकेश कुमार नामक हिन्दू लड़के को नूर जहां खातुन नामक मुस्लिम लड़की से प्यार हो जाता है तब लड़की का बड़ा भाई अलाउद्दीन अंसारी 27 नवम्बर 2017 की रात को दोनों की हत्या कर देता है।
🚩(23) गुना --: मध्यप्रदेश के कैंट गुना थाने में बंद इमरान युसुफ नामक आरोपी को छुड़ाने के लिए 23 जून 2019 को 500 मुस्लिम की भीड़ ने हमला कर थाने में तोड़फोड़ मचाया था।
🚩(24) कुंभकोणम --: तामिलनाडू में पीएमके के 42 वर्षीय नेता वी रामलिंगम की हत्या एस निजाम अली, सरबुद्दीन, रिज़वान, मोहम्मद अज़रुद्दीन और मोहममद रैयाज ने फरवरी 2019 में कर दिया था।
🚩(25) मालेरकोटला -- पंजाब में है  सातवीं कक्षा पढ़ने वाले विधू जैन नामक छात्र को 30 सितम्बर 2013 को मुसलमानों द्वारा जिंदा जला दिया गया था।
                           
🚩26). नूंह जिला मेवात (हरियाणा) में 19 जुलाई 2019 को स्थानीय वकील नवीन यादव को मुसलमानों की भीड़ ने घेरकर लाठी-डंडों, ईंटों व बेंतों से इस बेदर्दी से मारा कि 6 दिन तक गुरुग्राम के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए आखिर 24 जुलाई 2019 की रात को वह दम तोड़ गया। कुसूर इस वकील का ये था कि वह दो झगड़ते हुए मुसलमानों का बीच बचाव कर रहा था।
ये तो कुछ घटनाएं हैं जो आपके सामने रखीं हैं, ऐसी घटनाओं को अगर लिखने जाएं तो समय कम पड़ जाएगा लेकिन घटनाएं पूरी नहीं होंगी
🚩इन शहरी नक्सलियों ने कुछ गिनती के मुसलमानों के साथ हुई घटना को लेकर तो बहुत बवाल मचा लिया लेकिन सैकड़ों हिंदुओं के साथ हुई घटनाओं को लेकर चुप्पी साध ली ।
🚩माननीय प्रधानमंत्री जी, शहरी नक्सलियों ने मुस्लिमों के साथ मॉब लिंचिंग की घटना पर तो पत्र लिख डाला किंतु हिंदूओं के साथ जो मॉब लिंचिंग हुआ है उस पर हम हिंदू किसको सुनाएंं ,किसे पत्र लिखे और कौन सुनेगा हमारी ?
-एक साधारण देशवासी हिन्दू
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Saturday, August 3, 2019

ऑस्ट्रेलिया में दीपक राज ने ‘गीता’ पर हाथ रखकर विधायक पद की ली शपथ

03 अगस्त 2019
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🚩हिन्दू धर्म व हिंदू धर्मग्रंथ मनुष्य को इतना ऊंचा उठा देते हैं कि उसकी कल्पना करना भी संभव नहीं है। दुनिया में हिंदू धर्म व हिंदू धर्मग्रंथ के बारे में पढ़ाया जाए और उसपर थोड़ा सा अमल कर लिया जाए तो हर मनुष्य सुखी, स्वस्थ्य एवं सम्मानित जीवन जी सकता है। जिन्होंने भी थोड़ा सा हिंदू धर्म व ग्रन्थों का आदर किया है वे आसानी से ऊँचे मुकाम पर पहुंचे हैं ।
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🚩ऐसी ही एक कहानी दीपक राज की है जो ऑस्टेलिया में विधायक बन गए और गीता पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण की।

🚩बता दें कि अपने देश के लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बसे हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन यापन करके इन लोगों ने अपनी काबिलियत के दम पर कामयाबी हासिल की और देश और परिवार का नाम रोशन किया । वहां के समाज में अपनी पकड़ मजबूत की, जिसकी वजह से भारत और भारतीयों को लेकर विदेशियों में अत्यधिक सम्मान की भावना रहती है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में जन्मे दीपक राज गुप्ता ने ऑस्ट्रेलिया में विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। इस दौरान वे यह नहीं भूले कि वो एक हिंदू हैं, इसलिए उन्होंने गीता हाथ में लेकर पद और गोपनीयता की शपथ ली।
🚩दीपक Gungahlin विधानसभा सीट से चुने गए हैं। इससे पहले 2016 के चुनाव में भी वे इसी सीट से चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि गीता के नाम पर शपथ लेने का खयाल कैसे आया ? तो उन्होंने कहा कि मैं एक हिंदू परिवार से आता हूं। मैं जिस क्षेत्र से चुना गया हूं, वहां हिंदुओं की बहुत बड़ी जनसंख्या है। वे मुझे अपना मानते हैं इसलिए उन्होंने मुझे अपना नेता चुना। चुनाव जीतने के बाद मेरे दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न भगवत गीता हाथ में लेकर मैं अपने पद की शपथ लूं।
🚩बता दें, दीपक राज 1989 में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे। वे यहां पढ़ने के लिए आए थे। जब वे भारत में थे तब वे चंडीगढ़ में एक रेस्टोरेंट में काम करते थे ताकि परिवार को पाल सकें। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भी सफलता पाने के लिए बहुत कोशिश की। कई बार असफल भी रहे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
स्त्रोत : ज़ी न्युज
🚩ऑस्ट्रेलिया में दीपक राज ने भरी संसद में कहा कि मैं हिंदू हूँ और मुझे हिंदुओं ने चुना है पर क्या भारत में हिंदू नेता इतनी हिम्मत कर पाएंगे ? आज जो हिंदूवादी सरकार सत्ता में आई है वह हिंदुओं की एकजुटता का परिणाम है और हिंदुओं की मांग है कि गौहत्या बंद हो, श्री राम मंदिर बने, सबको समान अधिकार मिले, संतों की रिहाई हो, स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता, रामायण आदि पढ़ाई जाएं, मंदिर एवं आश्रम सरकार अधीन मुक्त किया जाये, धर्मान्तरण पर बेन लगाया जाये आदि मांगे हैं, जो सरकार पूरी कर सकती है।
🚩आपको बता दें कि श्रीमद्भगवद्गीता जैसे ग्रंथों की बहुउपयोगिता के कारण ही विदेश के कई स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, प्रबंधन #संस्थानों ने इस ग्रंथ की सीख व उपदेश को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है ।
🚩अमेरिका के #न्यूजर्सी में स्थापित कैथोलिक सेटन #हॉ यूनिवर्सिटी में, गीता को #अनिवार्य पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया है ।
🚩रोमानिया देश में कक्षा 11 की पाठ्यपुस्तकों में रामायण और महाभारत के अंश हैं ।
🚩इंग्लैन्ड के एफ.एच.मोलेम लिखते हैं कि
"बाईबल का मैंने यथार्थ अभ्यास किया है, उसमें जो दिव्यज्ञान लिखा है वह केवल गीता के उद्धरण के रूप में है । मैं ईसाई होते हुए भी गीता के प्रति इतना सारा आदरभाव इसलिए रखता हूँ क्योंकि जिन गूढ़ प्रश्नों का समाधान पाश्चात्य लोग अभी तक नहीं खोज पाए हैं, उनका समाधान गीता ग्रंथ ने शुद्ध और सरल रीति से दिया है । उसमें कई सूत्र अलौकिक उपदेशों से भरपूर लगे इसीलिए गीता जी मेरे लिए साक्षात् योगेश्वरी माता बन रही हैं । वह तो विश्व के तमाम धन से भी नहीं खरीदा जा सके, ऐसा भारतवर्ष का अमूल्य खजाना है ।"
🚩श्रीमद्भगवद्गीता की महिमा विदेशी लोग जानकर उसका फायदा उठा रहे हैं, फिर भारतवासीयों को उससे वंचित नहीं रहना चाहिए ।  स्कूलों - कॉलेजों में गीता पढ़ानी चाहिए।
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Friday, August 2, 2019

अमेरिका व यूरोप में तनाव दूर करने के लिए फीस देकर गायों के गले लग रहे हैं

02 अगस्त 2019

🚩मनुष्य के जीवन में देशी गाय माता का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है । गाय माता के दूध-दही-घी-मूत्र-गोबर से बने पंचगव्य से भयंकर बीमारियां भी ठीक हो जाती है, गाय के अंदर 33 करोड़ देवता का वास होता है, तभी तो भगवान श्री कृष्ण भी स्वयं गाय चराते थे, यहाँ तक बताया गया है कि गाय के गोबर से जहाँ लीपन किया जाता है वहाँ अगर परमाणु बम भी गिरे तो भी उसका असर नहीं होता है । गाय की उपयोगिता के बारे में कितना भी लिखें वो कम है ।

🚩आज के समय में दुनिया में सबसे ज्यादा लोग तनाव के शिकार हैं। लोग तनाव से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं, लेकिन आप केवल गाय के साथ समय बिताकर और उसे गले लगाकर भी अपना तनाव दूर कर सकते हैं।

🚩दरअसल, इस समय काउ कडलिंग अमेरिका में तेजी से प्रसिद्ध हो रहा है। इसके अंतर्गत व्यक्ति गाय के साथ शांत माहौल में समय बिताता है और अपनी परेशानियों को भूल जाता है।

🚩यूरोपियन देशों में काउ कडलिंग (गाय को लाड दुलार करना) के सेशन काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन अब अमेरिका में भी इसकी माँग बढ़ रही है। अब अमेरिकियों के लिए भी यह सुविधा न्यूयॉर्क में शुरू हो गई है। एक घंटे के लिए 75 डॉलर (लगभग 5200 रुपए) खर्च करने होंगे। इसके बाद व्यक्ति गाय के साथ शांत माहौल में रह सकता है, ताकि उनका तनाव दूर हो सके। इससे लोगों का तनाव दूर होगा।

🚩अभी न्ययूॉर्क के 33 एकड़ में फैले माउंटेन हाउस फार्म में यह सुविधा शुरू हुई है। इस फार्म में पिछले 9 सालों से घोड़ों के साथ वेलनेस सेशन चल रहे थे, लेकिन काउ कडलिंग को अभी शुरू किया गया है। फार्म की मालकिन सुजन वूलर्स मूल रूप से नीदरलैंड्स की हैं। पति के साथ न्यूयॉर्क में फार्म चलाती हैं।

🚩गाय के साथ समय बिताने के स्वास्थ्य संबंधी फायदों के बारे में जानने के बाद सुजन नीदरलैंड गईं और वहाँ से दो गाय लाईं। इसके बाद उन्होंने काउ कडलिंग सेशन की शुरुआत न्यूयॉर्क में कर दी।

🚩दिन में एक या दो सेशन्स होते हैं:

स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड में स्ट्रेस दूर करने के लिए काउ कडलिंग सेशन्स होते हैं। वूलर्स बताती हैं, सच कहूं तो मैं नहीं जानती थी कि अमेरिका में काउ कडलिंग और इसके फायदों से लोग अंजान हैं। इसलिए मैं अपनी दो गायों बोनी और बेला को यहां ले आई। लोगों को डॉग और कैट थेरेपी के बारे में तो काफी पता है, लेकिन बड़े जानवरों से वे दूर ही रहते हैं।

🚩गाय का शांत व्यवहार लोगों को रिलेक्स महसूस करवाता है। बस एक शांत माहौल में गाय के साथ रहकर उसके दिल की धड़कन को सुनें, आप अपनी सारी परेशानियां भूल जाएंगे। हमारे फार्म में दिन में काउ कडलिंग के दो सेशन ही होते हैं। स्त्रोत : भास्कर

🚩विदेशों में गाय की महत्ता समझकर तनाव दूर करके लोग स्वस्थ रह रहे हैं और भारत में गौहत्या हो रही है कितना दुर्भाग्यपूर्ण है।

🚩आज जो हमारे देश मे भूकंप, बाढ़ आदि आते हैं, उसका कारण भी गौहत्या ही है, जब गाय की हत्या हो रही होती है, तब उसकी चीख जो निकलती है उससे पृथ्वी माता काँपने लगती है ।

शास्त्रों में लिखा है कि
भूकंप कहे गाइ की गाथा।
कांपे धरा त्रास अति जाता।

अर्थात जब गौमाता को कष्ट होता है, तभी पृथ्वी कांपती है अर्थात भूकम्प आता है ।

🚩अथर्ववेद के अनुसार- गाय समृद्धि का मूल स्रोत व प्रचुरता की द्योतक है एवं सृष्टि के पोषण की स्रोत व जननी है । गाय माता में 33 करोड़ देवताओं का वास हैं ।

🚩गाय को सताना घोर पाप है । उसकी हत्या से तो नर्क के द्वार खुल जाते हैं तथा करोड़ों जन्मों तक दुःख भोगना पड़ता है ।

🚩"गौमय वसते लक्ष्मी" यह हमारी प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक संस्कृति का मूल-मंत्र रहा है ।

आज के वैज्ञानिक भी कहते हैं कि गाय ही एकमात्र ऐसा पवित्र प्राणी है जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है ।

🚩रुसी वैज्ञानिक शिरोविच ने बताया है कि 1 चम्मच गौघृत जला कर हम 1 टन प्राणवायु प्राप्त कर सकते हैं ।

🚩बता दें कि एलोपैथिक दवाओं, रसायनिक खादों, प्रदूषण आदि के कारण शरीर में एकत्रित विष गाय के दूध से ही नष्ट होता है ।

🚩गौ माता का दूध,दही,गौ-मूत्र,गोबर आदि जीवन के लिए उपयोगी होने के साथ-साथ वरदान स्वरुप है ।

🚩अमेरिका कैंसर की दवा बनाने के लिए भारत से गौमूत्र आयात करता है और हम लोग पवित्र गौ-माता को कत्लखाने भेज देते हैं । ये उचित नहीं है ।

🚩प्रत्येक हिन्दुस्तानी का यह परम् कर्तव्य है कि वो गौ-गीता और संतों का सम्मान करे । ऐसा करेंगे तभी हम देश को सही दिशा की ओर ले जा पाएंगे और देश को गुलाम होने से बचा पाएंगे ।

🚩मोदी सरकार ने जैसे रातोंरात नोटबन्दी कर दी थी, वैसे ही रातोंरात घोषणा कर देनी चाहिए कि पूरे देश में गौहत्या बंद हो और गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करके गौहत्यारों को फांसी की सजा का प्रावधान कर देना चाहिए ।

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Thursday, August 1, 2019

हिंदू मन्दिरों की लूट सिर्फ 11वीं नहीं, 21वीं शताब्दी में भी चल रही है

01 अगस्त 2019
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🚩पूर्व में मुग़लों एवं अंग्रेजों ने भारत के मंदिरों को लूटा, अरबों-खरबों रुपए लेकर चले गए । मंदिर में भक्त इसलिए दान देते हैं कि गरीबों, गायों के रक्षण में, धार्मिक कार्यों में, मंदिर की देखभाल एवं समाज और देश की सेवा के लिए काम आ सके, लेकिन आज उससे विपरीत हो रहा है, बड़े-बड़े मंदिरों को सरकार ने अपने अधीन करके रखा है उसके पैसे मंदिरों, गरीबों एवं देश की सेवा के लिए नहीं बल्कि चर्च, मस्जिद एवं मौलवी और इमाम के लिए खर्च किये जा रहे हैं । एक तरफ तो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश कहा जाता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ हिंदू मदिरों को लूटकर चर्च और मस्जिदों का विकास किया जा रहा है फिर देश धर्मनिरपेक्ष कहाँ से हुआ?

🚩श्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने हाल ही में राज्य के बजट का प्रस्ताव रखा जिसमें एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है, जिसके कारण हिंदुओं में बहुत अधिक रोष है, विशेषकर जो धार्मिक रूपांतरण का विरोध करते हैं । आंध्र प्रदेश सरकार ने ईसाई पादरी, मुस्लिम इमामों को मासिक वेतन देने का प्रस्ताव किया है। इस योजना के लिए वर्ष 2019 - 20  के लिए कुल 948.72 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं।
दूसरी ओर, हिंदू पुजारियों / पंडितों का इस योजना में कोई उल्लेख नहीं मिलता है ।
🚩उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश सरकार ने निम्नलिखित अनुदान दिया है । (परोक्ष सुचना स्रोत http://christianminorities.ap.nic.in/)
1. नया चर्च निर्माण: 1,00,000 रुपये तक
2. चर्च की मरम्मत: रु 30,000 तक
3. क्रिश्चियन अस्पताल: रु 10,00,000 तक
4. क्रिश्चियन स्कूल भवन: रु 5,00,000 तक
5. क्रिश्चियन अनाथालय: रु 5,00,000 तक
6. क्रिश्चियन ओल्ड एज होम: रु 5,00,000 तक
7. ईसाई समुदाय हॉल सह युवा संसाधन केंद्र: रु 5,00,000 तक
🚩कुछ लोग उस वेतन की तुलना कर रहे हैं जो हिंदू मंदिरों में काम करने वाले पुजारियों को श्री जगनमोहन रेड्डी की नई योजना के तहत मिलते हैं । यह अज्ञानता के अलावा और कुछ नहीं है । जो लोग ऐसा कर रहे हैं उन्हें और अन्य लोगों को भी पता होना चाहिए कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अधिकांश हिंदू मंदिर राज्य के हाथों में हैं और जो वेतन दिया जाता है वह मंदिर के पैसे से है राज्य के बजट से नहीं ।
🚩यह एक अलग कहानी है कि हजारों एकड़ मंदिरों पर अतिक्रमण किया गया था और सरकार द्वारा वैध रूप से या अवैध रूप से दोनों तरह से और मंदिरों की हजारों करोड़ की संपत्ति लूटी गई थी।
🚩विजयवाड़ा के पास दशरिपलेम नामक एक गाँव में एक और घटना घटी, जिसमें ईसाई धर्म से हिंदू धर्म में वापस आने वाली 3 महिलाओं को धमकी दी गई। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, उनके जीवन को दयनीय बना दिया गया था और यहां तक ​​कि पुलिस भी उनकी शिकायत दर्ज नहीं कर रही है ये केवल वे घटनाएं हैं जो सामने आईं और हमें नहीं पता कि नए प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद से कितने और हुए।
🚩क्या भरत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है?
व्यावहारिक तौर पर देखें तो भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र नहीं है । परिभाषा के अनुसार एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र को खुद को किसी धर्म विशेष से दूर रखना चाहिए। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है । भरत में, धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अधिकांश पार्टियाँ बहुसंख्यक हिंदुओं को ठगती हैं और तथाकथित अल्पसंख्यकों को खुश करती हैं । शायद भारत एकमात्र ऐसा देश है जहाँ बहुसंख्यक लोग समानता के लिए लड़ते हैं और लगभग 20 करोड़ की आबादी वाला धर्म अल्पसंख्यक माना जाता है। मुझे यकीन नहीं है कि हमारे राजनीतिक दलों ने धर्मनिरपेक्षता की इस परिभाषा को उधार लिया है, लेकिन भारत में जो हो रहा है वह सहीं मायने में धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में नहीं हो सकता है।
🚩इसका हल क्या है?
जब तक मन्दिर सरकार के चंगुल से मुक्त नहीं होते तब तक चढ़ावा चढ़ाना बंद करें । पुजारियों के वेतन के लिए हिन्दू समाज वैकल्पिक व्यवस्था बनाए । सरकारों को अहसास कराएं कि हिन्दू समाज सरकारी पक्षपात को पहचानता है । अन्यथा हम यूं ही लुटते रहेंगे ।
https://www.pgurus.com/paying-salaries-to-pastors-and-imams-by-andhra-govt-robbing-paul-to-pay-peter/
🚩हिंदुस्तान हिन्दुओं का देश है, हिन्दू बहुसंख्यक है उनको पूरा अधिकार मिलना चाहिए हमेशा हिन्दुओं की आस्था पर ही कुठाराघात होता है ।
चर्चो या मस्जिदों में सेवा के नाम पर देशवासियों का धर्मान्तरण और दंगे करवाने के लिए विदेश से भारी फंडिंग होती है इस बात का खुलासा भी कई बार हुआ है, लेकिन सरकार उन पर कभी नियंत्रण नहीं करती है बल्कि जो समाज में अच्छे सेवाकार्य कर रहे हैं, समाज मे सुख-शांति पहुँचा रहे है, गरीबों कि मदद कर रहे है उन मंदिरों और आश्रमों पर ही सरकार कि नजर क्यों जाती है?
🚩मंदिरों और आश्रमों का पैसा केवल समाज में हो रहे अच्छे कार्यो में लगना चाहिए न कि सरकार की तिजोरियों में भरा जाना चाहिए ।  हिन्दू बाहुल देश मे हिन्दुओं की आस्था की रक्षा करनी चाहिए, मंदिरों और आश्रमो को खुद की स्वतंत्रता देनी चाहिए तभी देश-धर्म-समाज और संस्कृति कि रक्षा हो पाएगी ।
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