Friday, September 6, 2019

नेटफ्लिक्स ने हिंदू विरोधी बनाया फ़िल्म, जोरों उठी बेन करने की मांग

06 Sep 2019
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🚩नेटफ्लिक्स (Netflix) एक अमेरिकन ऑनलाइन मीडिया स्ट्रीमिंग कंपनी, ने एक शो का ट्रेलर रिलीज़ किया है। इस शो में एक ऐसे काल्पनिक भविष्य की कल्पना की गई है जहाँ ‘हिन्दू राष्ट्रवादियों’ का राज्य की मशीनरी पर कब्जा हो जाता है।
🚩जो ट्रेलर अभी रिलीज किया गया है, उसमें एक हिन्दू महिला मुस्लिम पुरुष से शादी करती है, उससे पैदा हुई लड़की का नाम ‘लैला’ है। बेटी, हिन्दू राष्ट्रवादियों द्वारा उससे दूर कर दी जाती है क्योंकि मुस्लिम पिता होने के कारण वह ‘शुद्ध’ नहीं है। तब मुख्य किरदार का आगमन होता है जो उसे राज्य द्वारा संचालित एक शिक्षा केंद्र में भेज देता है जहाँ लोगों का ब्रेन वाश किया जा रहा है।

🚩पूरे ट्रेलर में हिन्दू प्रतीकों का नकारात्मक तरीके से खूब इस्तेमाल हुआ है। ‘जय आर्यावर्त’ उस काल्पनिक अराजक राज्य का नारा है। जहाँ पर लोगों के साथ धर्म के नाम भेदभाव हो रहा है। जिसे राज्य का संरक्षण प्राप्त है। यहाँ तक इस कहानी का खलनायक भी हिन्दू प्रतीकों से लदा है।
🚩ट्रेलर देखकर ये साफ पता चल रहा है कि पूरे शो में एंटी हिन्दू प्रोपेगेंडा की भरमार है। सब कुछ बड़ी चालाकी से वर्तमान सरकार को ध्यान में रखकर, लोगों को एक काल्पनिक माहौल से डराने के लिए इस तरह के शो बनाए जा रहे हैं। वैसे भी तथाकथित ‘लिबरल्स’ बहुत पहले से ही ‘मोदी फोबिया’ से ग्रसित हैं। और हर तरह से देश में एक नकारात्मक माहौल बनाने और दहशत फैलाने में लगे हैं।
🚩यह पहली बार नहीं है, जब नेटफ्लिक्स ने हिन्दू भावनाओं से खिलवाड़ किया है। उनकी छवि को नकारात्मक तरीके से पेश किया गया हो। एंटी हिन्दू नैरेटिव को स्थापित करने का प्रयास नेटफिक्स लगातार कर रहा है। ‘Ghoul’ और  ‘Sacred Games’ के बाद ‘लैला’ के रूप में यह तीसरा प्रयास है। इसका निर्देशन दीपा मेहता, शंकर रमन और पवन कुमार ने किया है। शो प्रयाग अकबर के नॉवेल पर आधारित है।
🚩अमेरिकन कंपनी के वेब सीरिज के माध्यम से लगातार एंटी-हिन्दू सामग्री दिखाने पर लोगों ने Netflix को है Boycott करना शुरू किया है। सोशल मीडिया के जरिए लोग नेटफ्लिक्स को (#BanNetflixInIndia) देश में बैन करने की मांग कर रहे हैं।
🚩हिन्दू फोबिया से ग्रसित नेटफ्लिक्स को सोशल मीडिया पर यूजर्स जमकर ट्रोल किया। नेटफ्लिक्स के प्रत्येक वेब सीरिज में हिन्दू भावनाओं का अपमान किया गया है, इसके विरोध में शुक्रवार को ट्विटर पर #BanNetflixInIndia का ट्रेंड चला। नेटफ्लिक्स को भारत में बैन करने के संबंध में 50  हजार से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं।
🚩सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संपादक सुरेश चव्हाणके ने लिखा कि सांस्कृतिक आतंकवाद के सबसे बडे प्लेटफार्म @netflix जैसे डिजिटल कंटेंट प्रोवाईडर पर कड़ी नीति बनने की आवश्यकता है । @NetflixIndia @altbalaji @PrimeVideoIN और ऐसे कई अन्य षड्यंत्रों को तत्काल बंद किया जाए
https://twitter.com/SureshChavhanke/status/1169888372963172352?s=19
🚩हिन्दू जागृति समिति के प्रवक्ता चेतन राजहंस ने बताया कि हम Netflix पर भारत में पाबंदी लाने की मांग करते है ! https://twitter.com/Rajc_/status/1169840710117289984?s=20
🚩गिरीश अलवा का कहना है कि वेब सीरिज लैला में हिन्दुओं को तालिबानियों की तरह दिखाया गया है। सेक्रेड गेम्स २ में गुरु और शिष्य के संबंध को गलत तरीके से दिखाया है। इसके अलावा आश्रमों की छवि को खराब किया गया है। इसी तरह सिख पुलिस कॉप बने सैफ अली खान हाथ के कडें को फेंकते हुए दिखाए गए हैं। जो कि सिख अनुयायियों की भावनाओं का अपमान है।
https://twitter.com/girishalva/status/1169841152108847104?s=20
🚩नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरिज मैंगो ड्रीम्स में भारत के नक्शे को गलत दिखाया गया है। जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। भारत का गलत नक्शा देख लोगों का गुस्सा फुटा है।
🚩नेटफ्लिक्स और इसकी सीरिज लगातार विवादों में है। सैफ अली खान के कड़े को फेंकने को लेकर भाजपा नेता तेजिंद्र पाल बग्गा की आेर से अनुराग कश्यप के खिलाफ पुलिस में पहले ही मामला दर्ज कराया गया है।
🚩नेटफ्लिक्स पर बैन को लेकर अब सेलिब्रिटी भी आगे आ गए हैं। अभिनेत्री पायल रोहतगी ने ट्विट कर पूछा है कि क्या नेटफिल्स जिहाद पर भी फिल्म बनाएगा ? जहां पर बहुत सारे स्क्रिप्ट को लेकर विचार हैं लेकिन दुर्भाग्य से यह सनातन धर्म से संबंधित नहीं है। लेकिन शायद आप भारत में अच्छा व्यवसाय करें। इसके साथ अभिनेत्री ने भी नेटफ्लिक्स पर बैन लगाने का समर्थन किया है।
🚩बता दें कि, हिन्दू नॅशनलिस्ट शिवसेना के आयटी सेल के सदस्य समेश सोलंकी ने बुधवार (४ सितंबर) को ने नेटफ्लिक्स के विरोध में एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उन्होने कहा है कि अमेरिका की कंपनी नेटफ्लिक्स हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स, लैला और घुल का उदाहरण देते हुए कहा है कि इन सीरियल्स में हिन्दुओं और भारत का गलत चित्रण किया गया है। शिकायत में कॉमेडियन हसन मिनहाज के शो का भी उल्लेख किया गया है।
🚩नेटफ्लिक्स हिंदू विरोधी तो है साथ में देशविरोधी भी है। देशवासियों को इसका बहिष्कार करना चाहिए और भारत सरकार को इसपर तुरंत प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए।
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Thursday, September 5, 2019

ईसाई मिशनरियों के मायाजाल को जानकर हो जाएं सावधान, नहीं तो होगी भयंकर हानि

05 Sep 2019
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🚩गैर ईसाईयों को ईसाई बनाने के लिए किस तरह के षड्यंत्रों का प्रयोग किया जाता है वह विचारणीय है । क्या आपने आजतक कभी सुना है कि कुछ मुस्लिम  इसाई बने हैं ? आखिर हिन्दू ही इतना आसान निशाना क्यों है ? कुछ समय पहले झारखण्ड सरकार ने No Conversion ( धर्मान्तरण रोकने का) कानून बनाया तो समस्त ईसाइयों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया ।
जानिए इनके कुछ छल कपट जो पूर्व में अपनाए गए थे या आज अपनाए जा रहे हैं ।
🚩1- जिसे आज हम झारखंड कहते हैं वह उस समय बिहार का हिस्सा था । आदिवासियों में एक अफवाह फैलाई गई कि आदिवासी हिन्दू नहीं ईसाई हैं ।

उस समय कार्तिक उरांव, जो वनवासियों के समुदाय से थे एवं कांग्रेस में इंदिरा गांधी के समकक्ष नेता थे ने इसका बहुत ही कड़ा और कारगर विरोध किया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार इस बात को निश्चित करे कि बाहर से कौन आया था ? यदि हम यहाँ के मूलवासी हैं तो फिर हम ईसाई कैसे हुए क्योंकि ईसाई पन्थ तो भारत से नहीं निकला और यदि हम बाहर से आये ईसाईयत को लेकर, तो फिर आर्य यहाँ के मूलवासी हुए। और यदि हम ही बाहर से आये तो फिर ईसा के जन्म से हज़ारों वर्ष पूर्व हमारे समुदाय में निषादराज गुह, शबरी, कणप्पा आदि कैसे हुए ? उन्होंने यह कहा कि हम सदैव हिन्दू थे और रहेंगे।
🚩उसके बाद कार्तिक उरांव ने बिना किसी पूर्व सूचना एवं तैयारी के भारत के भिन्न-भिन्न कोनों से वनवासियों के पाहन, वृद्ध तथा टाना भगतों को बुलाया और यह कहा कि आप अपने जन्मोत्सव, विवाह आदि में जो लोकगीत गाते हैं उन्हें हमें बताईए। और फिर वहां सैकड़ों गीत गाये गए और सबों में यही वर्णन मिला कि यशोदा जी बालकृष्ण को पालना झुला रही हैं, सीता माता राम जी को पुष्पवाटिका में निहार रही हैं, कौशल्या जी राम जी को दूध पिला रही हैं, कृष्ण जी रुक्मिणी से परिहास कर रहे हैं, आदि आदि। साथ ही यह भी कहा कि हम एकादशी को अन्न नहीं खाते, जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा, विजयादशमी, रामनवमी, रक्षाबन्धन, देवोत्थान पर्व, होली, दीपावली आदि बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
🚩फिर कार्तिक उरांव ने कहा कि यहाँ यदि एक भी व्यक्ति यह गीत गा दे कि मरियम ईसा को पालना झुला रही हैं और यह गीत हमारे परम्परा में प्राचीन काल से है तो मैं भी ईसाई बन जाऊंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैं वनवासियों के उरांव समुदाय से हूँ। हनुमानजी हमारे आदिगुरु हैं और उन्होंने हमें राम नाम की दीक्षा दी थी। ओ राम , ओ राम कहते कहते हम उरांव के नाम से जाने गए। हम हिन्दू ही पैदा हुए और हिन्दू ही मरेंगे।
🚩2-जेमो केन्याटा केन्या की जनता के बीच राष्ट्रपिता का दर्जा रखते हैं। उन्होंने कहा था जब केन्या में ईसाई मिशनरियां आर्इं उस समय हमारी धरती हमारे पास थी और उनकी बाइबिल उनके पास।
उन्होंने हम से कहा – “आँख बंद कर प्रार्थना करो ।”
जब हमारी आंखें खुलीं तो हमने देखा कि उनकी बाइबिल हमारे पास थी और हमारी धरती उनके पास।
🚩3- छत्तीसगढ़ - एक मिशनरी के हाथ में 2 मूर्तियाँ । एक भगवान कृष्ण की । दूसरी यीशु की । ईसाई मिशनरी (प्रचारक) गाँव वालों को कहता है कि देखो जिसका भगवान सच्चा होगा वह पानी में तैर जाएगा । यीशू की मूर्ति तैरती हैं ( क्योंकि वह लकड़ी की बनी थी) और श्रीकृष्ण की मूर्ति पानी में डूब जाती है (क्योंकि वह POP या मिट्टी की बनी थी) । ये ट्रिक कई गाँवों में अजमाई गई । एक गाँव में एक युवक ने कहा कि हमारे यहाँ तो अग्नि परीक्षा होती है तो मिशनरी बहाना बनाकर निकल जाता है ।
🚩4-ईसाई मिशनरी का मायाजाल-
गैर ईसाईयों को ईसाई बनाने के लिए किस तरह के षड्यंत्रों का प्रयोग किया जाता है वह विचारणीय है । क्या आपने कभी सुना है कि कुछ मुस्लिम आज तक इसाई बने हैं? आखिर हिन्दू ही इतना आसान क्यों है । कुछ समय पहले झारखण्ड सरकार ने No Conversion ( धर्मान्तरण रोकने का) कानून बनाया तो समस्त ईसाइयों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया ।
जानिए इनके कुछ छल कपट जो पूर्व में अपनाए गए थे या आज अपनाए जा रहे हैं ।
🚩5 अभी कुछ साल पहले मदर टेरेसा के बीटिफिकेशन हुआ था अर्थात मदर टेरेसा को सन्त घोषित किया गया ।, जिसके लिए राईगंज के पास की रहनेवाली किन्हीं मोनिका बेसरा से जुड़े 'चमत्कार' का विवरण पेश किया गया था। गौरतलब है कि 'चमत्कार' की घटना की प्रामाणिकता को लेकर सिस्टर्स आफ चैरिटी के लोगाें ने लम्बा चौड़ा 450 पेज का विवरण वैटिकन को भेजा था। यह प्रचारित किया गया था कि मोनिका के टयूमर पर जैसे ही मदर टेरेसा के लॉकेट का स्पर्श हुआ, वह फोड़ा छूमन्तर हुआ। दूसरी तरफ खुद मोनिका बेसरा के पति सैकिया मूर्म ने खुद 'चमत्कार' की घटना पर यकीन नहीं किया था और मीडियाकर्मियों को बताया था कि किस तरह मोनिका का लम्बा इलाज चला था। दूसरे राईगंज के सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने भी बताया था कि किस तरह मोनिका बेसरा का लम्बा इलाज उन्होंने उसके ट्यूमर ठीक होने के लिए किया।
https://www.facebook.com/288736371149169/posts/2728270023862446/
🚩ईसाई दयालुता केवल तभी तक है जब तक कोई व्यक्ति ईसाई नहीं बनता । यदि इन्हें लोगों की भूख, गरीबी और बिमारी की ही चिन्ता होती तो अफ्रीका महाद्वीप के उन देशों में जाते जहाँ 95% जनसंख्या ईसाई है ।आज जरूरत है कि प्रत्येक भारतीय महर्षि दयानन्द कृत सत्यार्थ प्रकाश पढ़े और विधर्मियों के छल कपट को समझे । यदि हम आज नहीं जागे तो कल तक बहुत देर हो जाएगी। - डॉ । विवेक आर्य
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Wednesday, September 4, 2019

सावधान :रेप कानून का हो रहा है भयंकर दुरपयोग,कहि आप न बन जाये शिकार

04 सितंबर 2019
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🚩 महिला सुरक्षा के लिए बने कानूनों का भारी दुरुपयोग हो रहा है और दुरूपयोग कर रही हैं कुछ लालची, महत्वकांक्षी औरतें जो निजी स्वार्थ, पैसों के लालच, ईर्ष्यावश या बदले की भावना से निर्दोष पुरुषों को फंसा रही हैं। इसके कारण जो सही में महिला पीड़ित है उनको भी न्याय नही मिल पाता है।
🚩 बता दे कि हर्ष यादव व माधव चौधरी एमिटी विश्वविद्यालय नोयडा में बीए के छात्र हैं। हर्ष के मुताबिक, बुधवार दोपहर करीब दो बजे वह आइ-20 कार से गेट 3बी से विवि में प्रवेश कर रहे थे। गेट पर ही कार सवार छात्रा खड़ी थी। उनके कहने पर छात्रा ने रास्ता नहीं छोड़ा और उनके साथ गाली- गलौज की। आरोप है कि छात्रा 15 से 20 छात्रों के साथ उनके क्लास रूम में घुस गई और मारपीट की। बीच बचाव कर रहे उनके दोस्त माधव व महिला शिक्षिका को भी चोट आई है। उन्होंने छात्रा के अलावा उसके साथ आए कुछ छात्रों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उधर, छात्रा ने भी तीन छात्रों पर छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
🚩 दूसरा मामला रतलाम का है जिसमे एक युवक को पत्नी द्वारा 15 लाख का दहेज मांगने पर और दहेज नही देने पर सपरिवार जेल भजेने की धमकी देने पर युवक ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली।
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=883247765373198&id=777836699247639

🚩 भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 375 बलात्कार को परिभाषित करती है और धारा 376 बलात्कार की सजा से सम्बंधित है। कानून के अनुसार बलात्कार Cognizable और Non-Bailable आरोप है। Cognizable का मतलब है कि बलात्कार के आरोप में पुलिस आरोपी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है और बिना कोर्ट की आज्ञा से अनुसंधान शुरू कर सकती है। Non-Bailable का अर्थ है कि बलात्कार के आरोप में आरोपी को बेल नहीं मिलती।
🚩 निर्भया केस के बाद सरकार ने महिलाओं से सम्बंधित कानूनों को और कठोर कर दिया।  The Criminal Law Amendment Act 2013 के द्वारा सरकार ने भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 375 और 376 को और कठोर कर दिया। उसी अधिनियम द्वारा Indian Penal Code, 1860 की कुछ और धाराएं भी कठोर की गई तथा The Code of Criminal Procedure, 1973 और The Evidence Act, 1872 की कुछ धाराओं में संसोधन किया गया। POCSO Act, 2012 भी लागू किया गया। The Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressal) Act 2013 भी बनाया। The Dowry Prohibition Act, 1961 और Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005 पहले ही थे। पर दुर्भाग्य ये है कि महिलाओं की रक्षा के लिए लागू किए गए इन कानूनों का महिलाओं के द्वारा ही निर्दोष पुरुषों को फंसाने के लिए भारी दुरुपयोग हो रहा है।
🚩 इन कानूनों के दुरुपयोग से निर्दोष पुरुषों की ज़िंदगी तबाह हो रही हैं। कुछ पुरुष निर्दोष होते हुए भी आरोपी सिद्ध होकर सालों साल जेल की प्रताड़ना सहन करते हैं तो कुछ पुरुष कुछ साल जेल में रहकर निर्दोष बाहर आ जाते हैं। कुछ पुरुष तो आरोप के सदमे में खुदकुशी तक कर लेते हैं।
🚩 हिंदू संस्कृति रक्षक हिंदू साधु-संतों को भी झूठे केस में फंसाया जा रहा है जैसे कि स्वामी नित्यानंद जी, स्वामी केशवानन्दजी आदि को सेशन कोर्ट ने सजा भी कर दी फिर ऊपरी कोर्ट ने निर्दोष बरी किया, ऐसा ही मामला हिंदु संत आसाराम बापू का भी है उनके पास पुख्ता सबूत है की तथाकथित घटना के समय वहाँ लड़कीं थी ही नही फिर कैसे सजा हुई? खेर वे ऊपरी कोर्ट से निर्दोष बरी हो जाएंगे ।
🚩 👉🏻लेकिन अब प्रश्न ये है कि जो समय निर्दोष पुरुष जेल में प्रताड़ित होकर गुजारते है क्या न्यायपालिका वो समय वापिस दे पाएगी?
🚩 👉🏻जो मानसिक उत्पीड़न निर्दोष पुरुष झेलते हैं क्या न्याय व्यवस्था उसकी भरपाई कर पाएगी?
🚩 👉🏻झूठे आरोप से जो निर्दोष पुरुषों की मान प्रतिष्ठा को हानि होती हैं, क्या अदालत उसकी भरपाई कर पाएगी?
🚩 👉🏻निर्दोष होते हुए भी बलात्कारी का जो कलंक लग जाता है, क्या अदालत उसको मिटा पाएगी?
🚩 👉🏻कोई निर्दोष पुरुष जब सदमे में आकर आत्महत्या कर लेते है तो क्या ये कानून व्यवस्था उसका जीवन लौटा पाएगी?
🚩 👉🏻जब संविधान सबको बराबर मूलभूत अधिकार देता है तो झूठे आरोप में फंसे पुरुष के मूलभूत अधिकारों की रक्षा कैसे होगी? कौन करेगा?
🚩 👉🏻किसी औरत द्वारा लगे झूठे आरोप से किसी पुरुष की परिवार को जो आर्थिक और सामाजिक हानि होती है क्या उस हानि की भरपाई अदालत कर पाएगी?
🚩 👉🏻क्या झूठे आरोप में प्रताड़ित पुरुष कभी खुद को समाज में सुरक्षित महसूस कर पाएगा?
🚩 👉🏻झूठे आरोप से प्रताड़ित कोई पुरुष क्या कभी कानून व्यवस्था पर विश्वास कर पाएगा?

🚩 👉🏻कानून व्यवस्था से प्रताड़ित मनुष्य भविष्य में कभी जरूरत पड़ने पर कानून का दरवाजा खटखटा पाएगा?
🚩 ऐसे बहुत से प्रश्न है जिसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है। झूठे केसों से एक बात तो स्पष्ठ है कि समाज में नैतिकता का पत्तन हो चुका है। सोचिए अगर किसी परिवार में बस एक कमाने वाला हो और उसी पर कोई लालची औरत बलात्कार का झूठा इल्जाम लगा दे तो बताओ उसके पूरे परिवार का क्या होगा? और अगर वहीं सदमे में आकर आत्महत्या कर ले तो बताओ उसके परिवार का क्या होगा? वास्तविकता ये है कि परिवार के परिवार तबाह हो रहे हैं इन कानूनों के दुरुपयोग से।
🚩 पर अब समाज में थोड़ी चेतना भी आ रही है। निर्दोष पुरुषों की रक्षा हेतु आवाज़ उठने लगी है। कुछ सामाजिक संगठन आगे भी आ रहे हैं। #MeToo Movement की तर्ज पर #MenToo Movement विश्वभर में चल रहा है और इसे विश्वव्यापी में समर्थन मिल रहा है। महिला आयोग की तर्ज पर पुरुष आयोग की मांग की जा रही हैं ताकि निर्दोष पुरुषों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा हो।
🚩 इस विषय पर एक फ़िल्म भी बन रही है। फ़िल्म का नाम है "INDIA' SONS - TALE OF FALSE RAPE CASE SURVIVORS" जो 2020 में रिलीज होगी। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह महिलाओं द्वारा कानूनों के दुरुपयोग द्वारा निर्दोष पुरुषों को फंसाया जा रहा है। इस फ़िल्म में उन कुछ पुरुषों के विषय में भी दिखाया गया है जिन्होंने निर्दोष होते हुए भी झूठे बलात्कार के आरोप की प्रताड़ना झेली है। फ़िल्म का ट्रेलर देखिए 👉🏻  https://youtu.be/SPH6DMCSC6Q . ये ट्रेलर देखने के बाद आप समझ जाएंगे कि किस तरह कानूनों का दुरुपयोग कर निर्दोष पुरुषों को फंसाया जा रहा है।
🚩 पर अभी समाज में जितनी चेतना आई है, जो प्रयास अभी समाज में निर्दोष पुरुषों को बचाने के लिए हो रहे हैं, वे काफी कम है। अभी जरूरत है कि सभी देशवासी एकजुट हो और इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाए। ध्यान रखिए एक गलत बलात्कार का आरोप मतलब एक परिवार की तबाही। अगर आज आवाज़ नहीं उठाई तो कल तबाह होने वाला परिवार आपका भी हो सकता है।
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