Sunday, September 8, 2019

डीएनए में खुलासा : आर्य भारत के मूल निवासी हैं, बाहर से नहीं आए थे

07 Sep 2019
www.azaadbharat.org
🚩आर्य मूलतः भारत के ही निवासी हैं, लेकिन राष्ट्रविरोधी ताकतों के इशारे पर वामपंथियों ने इतिहास ही बदल दिया । वामपंथी विदेश लूट के लिए भारत में आये । स्वयं को मूल निवासी और मूल निवासी को विदेशी बताने लगे फिर ईसाई मिशनरियां जो विदेश से आईं वे भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह करने लगीं कि आप भारत के मूलनिवासी है और आर्य बाहर से आये हैं ऐसा बोलकर भारतवासियों को आपस में भिड़ाने लग गए।
🚩आर्यों को लेकर कई दावे किए गए, लेकिन फिर भी सवाल ज्यों का त्यों रहा कि आर्य बाहर से आए थे या यहीं (भारत) के ही निवासी थे ? इस सवाल के जवाब में वामपंथियों ने कई दावे किए जिनका मकसद भारतीयों को शायद हीन साबित करना रहा हो, लेकिन अब इस सवाल का जवाब स्पष्ट नजर आने लगा है !

🚩राखीगढ़ी में हुई हड़प्पाकालीन सभ्यता की खुदाई-
दरअसल, हरियाणा के हिसार जिले के राखीगढ़ी में हुई हड़प्पाकालीन सभ्यता की खोदाई में कई ऐतिहासिक राज का खुलासा गया है ! बता दें कि राखीगढ़ी में मिले 5000 साल पुराने कंकालों के डीएनए टेस्ट के बाद जारी की गई रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि आर्य कहीं बाहर से नहीं आए उलटे, यहीं अर्थात भारत के ही के मूल निवासी थे ! डीएनए स्टडी से यह भी खुलासा हुआ है कि, भारत के लोगों के जीन (पूर्वज) में पिछले हजारों सालों में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिला है।
🚩आर्य बाहरी और आक्रमणकारी थे ?
इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के एक अंश में यह दावा किया गया है कि, इस अध्ययन में सामने आया है कि, आर्य भारत के ही मूल निवासी थे ! इसे लेकर वैज्ञानिकों ने राखीगढी से प्राप्त नरकंकालों के अवशेषों का डीएनए टेस्ट किया था। डीएनए टेस्ट से स्पष्ट पता चला है कि, यह रिपोर्ट प्राचीन आर्यन्स की डीएनए रिपोर्ट से मेल नहीं खाती है ! ऐसे में जाहिर आर्यों के बाहर से आने की थ्योरी ही गलत साबित होती है ! वैसे पहले भी कई इतिहासकारों का कहना था कि, वामपंथियों की आर्यन थ्योरी मनगढंत कल्पना पर आधारित है, जिसकी परतें इस नए शोध से उधेडती नजर आ रही हैं !
🚩रिसर्च में यह भी सामने आया है कि 9000 साल पहले भारत के लोगों ने ही कृषि की शुरुआत की थी। इसके बाद ये ईरान व इराक होते हुए पूरी दुनिया में पहुँची। भारत के विकास में यहीं के लोगों का योगदान है !
🚩यहाँ यह ध्यान देनेवाली बात है कि इतिहास के लिए तथ्य महत्वपूर्ण होते हैं, इन तथ्यों में भी वैज्ञानिक सबूतों का ज्यादा महत्व होता है ! राखीगढ़ी में मिले 5000 साल पुराने कंकालों के अध्ययन के बाद जारी की गई रिपोर्ट में ऐसी कई बातें सामने आई है जिनके अभी तक कयास ही लगाए जा रहे थे !
🚩राखीगढ़ी से प्राप्त कंकाल-
बता दें कि, हिसार के राखीगढ़ी में हड़प्पा खोदाई का काम कर रहे पुणे के डेक्कन कॉलेज के पुरातत्वविदों के अनुसार, खोदाई के वक्त युवक (कंकाल) का मुँह युवती की तरफ था। और यह पहली बार है कि, जब हडप्पा सभ्यता की खुदाई के दौरान किसी युगल की कब्र मिली है !
🚩यहाँ हैरानी की बात यह भी है कि, अब तक हड़प्पा सभ्यता से संबंधित कई कब्रिस्तानों की जाँच की गई थी लेकिन आज तक किसी भी युगल के इस तरह दफनाने का मामला सामने नहीं आया था !
🚩राखीगढी में खोदाई करनेवाले पुरातत्वविदों के अनुसार, युगल कंकाल का मुँह, हाथ और पैर सभी एक समान है ! इससे साफ है कि, दोनों को जवानी में एक साथ दफनाया गया था। बता दें के ये निष्कर्ष हाल ही में अंतरराष्ट्रीय पत्रिका, एसीबी जर्नल ऑफ अनैटमी और सेल बायॉलजी में प्रकाशित किए गए थे।
🚩इस नए शोध और प्रमाणों के साये में इतिहास को देखने और समझने की एक नई दृष्टि मिलती है ! और वामपंथियों की हीनता भरे इतिहास को एक चपत भी लगती है ! स्त्रोत : ऑप इंडिया
🚩बता दे कि राखीगढ़ी साइट की रिसर्च टीम के सदस्य और पुणो स्थित डेक्कन कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रो. वसंत शदे और जेनेटिक साइंटिस्ट डॉ. नीरज राय ने बताया कि राखीगढ़ी हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। करीब 300 एकड़ में वर्ष-2015 में पुरातत्वविदों ने यहां खोदाई शुरू की थी।
🚩अध्ययन में पता चला कि अफगानिस्तान से अंडमान तक सभी का एक ही जीन है। करीब 12 हजार साल से संपूर्ण दक्षिण एशिया वासियों का एक ही जीन रहा है, यानी सबके एक ही पूर्वज रहे हैं। इससे आर्य के बाहर से आने की थ्योरी गलत साबित हो जाती है।
🚩शदे ने कहा, वह भारत सरकार से अनुरोध करेंगे कि इतिहास की पुस्तकों में इन नए तथ्यों को शामिल किया जाए।
🚩डॉ. नीरज राय ने बताया कि अगर आर्य बाहर से आए होते और नरसंहार किया होता तो वे अपनी संस्कृति लाते और हमारी संस्कृति को नष्ट कर देते। मानव कंकाल पर कहीं चोट या घाव के ऐसे निशान नहीं मिले हैं, जिनसे नरसंहार की बात साबित हो।
🚩प्रो. शदे ने बताया कि राखीगढ़ी में अलग-अलग आकार व आकृति के हवन कुंड व कोयले के अवशेष मिले हैं। इससे साबित होता है कि करीब पांच हजार साल पहले भी भारत में हवन होता था। सरस्वती नदी के किनारे भी हड़प्पा सभ्यता के निशान मिले हैं । https://www.youtube.com/watch?v=IMfVN97XQlM
🚩आर्य न तो विदेशी थे और न ही उन्होंने कभी भारत पर आक्रमण किया। आर्य भारत के मूल निवासी थे। बस वामपंथियों ने गलत इतिहास लिखा इसके कारण देशवासी गुमराह हुए।
🚩राष्ट्रविरोधी ताकतें शाम-दाम-दंड की नीति अपनाकर आपसी में गृहयुद्ध करवाना चाहती है और देश की सत्ता हथियाना चाहती है इससे सावधान रहना।
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Friday, September 6, 2019

नेटफ्लिक्स ने हिंदू विरोधी बनाया फ़िल्म, जोरों उठी बेन करने की मांग

06 Sep 2019
www.azaadbharat.org
🚩नेटफ्लिक्स (Netflix) एक अमेरिकन ऑनलाइन मीडिया स्ट्रीमिंग कंपनी, ने एक शो का ट्रेलर रिलीज़ किया है। इस शो में एक ऐसे काल्पनिक भविष्य की कल्पना की गई है जहाँ ‘हिन्दू राष्ट्रवादियों’ का राज्य की मशीनरी पर कब्जा हो जाता है।
🚩जो ट्रेलर अभी रिलीज किया गया है, उसमें एक हिन्दू महिला मुस्लिम पुरुष से शादी करती है, उससे पैदा हुई लड़की का नाम ‘लैला’ है। बेटी, हिन्दू राष्ट्रवादियों द्वारा उससे दूर कर दी जाती है क्योंकि मुस्लिम पिता होने के कारण वह ‘शुद्ध’ नहीं है। तब मुख्य किरदार का आगमन होता है जो उसे राज्य द्वारा संचालित एक शिक्षा केंद्र में भेज देता है जहाँ लोगों का ब्रेन वाश किया जा रहा है।

🚩पूरे ट्रेलर में हिन्दू प्रतीकों का नकारात्मक तरीके से खूब इस्तेमाल हुआ है। ‘जय आर्यावर्त’ उस काल्पनिक अराजक राज्य का नारा है। जहाँ पर लोगों के साथ धर्म के नाम भेदभाव हो रहा है। जिसे राज्य का संरक्षण प्राप्त है। यहाँ तक इस कहानी का खलनायक भी हिन्दू प्रतीकों से लदा है।
🚩ट्रेलर देखकर ये साफ पता चल रहा है कि पूरे शो में एंटी हिन्दू प्रोपेगेंडा की भरमार है। सब कुछ बड़ी चालाकी से वर्तमान सरकार को ध्यान में रखकर, लोगों को एक काल्पनिक माहौल से डराने के लिए इस तरह के शो बनाए जा रहे हैं। वैसे भी तथाकथित ‘लिबरल्स’ बहुत पहले से ही ‘मोदी फोबिया’ से ग्रसित हैं। और हर तरह से देश में एक नकारात्मक माहौल बनाने और दहशत फैलाने में लगे हैं।
🚩यह पहली बार नहीं है, जब नेटफ्लिक्स ने हिन्दू भावनाओं से खिलवाड़ किया है। उनकी छवि को नकारात्मक तरीके से पेश किया गया हो। एंटी हिन्दू नैरेटिव को स्थापित करने का प्रयास नेटफिक्स लगातार कर रहा है। ‘Ghoul’ और  ‘Sacred Games’ के बाद ‘लैला’ के रूप में यह तीसरा प्रयास है। इसका निर्देशन दीपा मेहता, शंकर रमन और पवन कुमार ने किया है। शो प्रयाग अकबर के नॉवेल पर आधारित है।
🚩अमेरिकन कंपनी के वेब सीरिज के माध्यम से लगातार एंटी-हिन्दू सामग्री दिखाने पर लोगों ने Netflix को है Boycott करना शुरू किया है। सोशल मीडिया के जरिए लोग नेटफ्लिक्स को (#BanNetflixInIndia) देश में बैन करने की मांग कर रहे हैं।
🚩हिन्दू फोबिया से ग्रसित नेटफ्लिक्स को सोशल मीडिया पर यूजर्स जमकर ट्रोल किया। नेटफ्लिक्स के प्रत्येक वेब सीरिज में हिन्दू भावनाओं का अपमान किया गया है, इसके विरोध में शुक्रवार को ट्विटर पर #BanNetflixInIndia का ट्रेंड चला। नेटफ्लिक्स को भारत में बैन करने के संबंध में 50  हजार से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं।
🚩सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संपादक सुरेश चव्हाणके ने लिखा कि सांस्कृतिक आतंकवाद के सबसे बडे प्लेटफार्म @netflix जैसे डिजिटल कंटेंट प्रोवाईडर पर कड़ी नीति बनने की आवश्यकता है । @NetflixIndia @altbalaji @PrimeVideoIN और ऐसे कई अन्य षड्यंत्रों को तत्काल बंद किया जाए
https://twitter.com/SureshChavhanke/status/1169888372963172352?s=19
🚩हिन्दू जागृति समिति के प्रवक्ता चेतन राजहंस ने बताया कि हम Netflix पर भारत में पाबंदी लाने की मांग करते है ! https://twitter.com/Rajc_/status/1169840710117289984?s=20
🚩गिरीश अलवा का कहना है कि वेब सीरिज लैला में हिन्दुओं को तालिबानियों की तरह दिखाया गया है। सेक्रेड गेम्स २ में गुरु और शिष्य के संबंध को गलत तरीके से दिखाया है। इसके अलावा आश्रमों की छवि को खराब किया गया है। इसी तरह सिख पुलिस कॉप बने सैफ अली खान हाथ के कडें को फेंकते हुए दिखाए गए हैं। जो कि सिख अनुयायियों की भावनाओं का अपमान है।
https://twitter.com/girishalva/status/1169841152108847104?s=20
🚩नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरिज मैंगो ड्रीम्स में भारत के नक्शे को गलत दिखाया गया है। जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। भारत का गलत नक्शा देख लोगों का गुस्सा फुटा है।
🚩नेटफ्लिक्स और इसकी सीरिज लगातार विवादों में है। सैफ अली खान के कड़े को फेंकने को लेकर भाजपा नेता तेजिंद्र पाल बग्गा की आेर से अनुराग कश्यप के खिलाफ पुलिस में पहले ही मामला दर्ज कराया गया है।
🚩नेटफ्लिक्स पर बैन को लेकर अब सेलिब्रिटी भी आगे आ गए हैं। अभिनेत्री पायल रोहतगी ने ट्विट कर पूछा है कि क्या नेटफिल्स जिहाद पर भी फिल्म बनाएगा ? जहां पर बहुत सारे स्क्रिप्ट को लेकर विचार हैं लेकिन दुर्भाग्य से यह सनातन धर्म से संबंधित नहीं है। लेकिन शायद आप भारत में अच्छा व्यवसाय करें। इसके साथ अभिनेत्री ने भी नेटफ्लिक्स पर बैन लगाने का समर्थन किया है।
🚩बता दें कि, हिन्दू नॅशनलिस्ट शिवसेना के आयटी सेल के सदस्य समेश सोलंकी ने बुधवार (४ सितंबर) को ने नेटफ्लिक्स के विरोध में एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उन्होने कहा है कि अमेरिका की कंपनी नेटफ्लिक्स हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स, लैला और घुल का उदाहरण देते हुए कहा है कि इन सीरियल्स में हिन्दुओं और भारत का गलत चित्रण किया गया है। शिकायत में कॉमेडियन हसन मिनहाज के शो का भी उल्लेख किया गया है।
🚩नेटफ्लिक्स हिंदू विरोधी तो है साथ में देशविरोधी भी है। देशवासियों को इसका बहिष्कार करना चाहिए और भारत सरकार को इसपर तुरंत प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए।
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Thursday, September 5, 2019

ईसाई मिशनरियों के मायाजाल को जानकर हो जाएं सावधान, नहीं तो होगी भयंकर हानि

05 Sep 2019
www.azaadbharat.org
🚩गैर ईसाईयों को ईसाई बनाने के लिए किस तरह के षड्यंत्रों का प्रयोग किया जाता है वह विचारणीय है । क्या आपने आजतक कभी सुना है कि कुछ मुस्लिम  इसाई बने हैं ? आखिर हिन्दू ही इतना आसान निशाना क्यों है ? कुछ समय पहले झारखण्ड सरकार ने No Conversion ( धर्मान्तरण रोकने का) कानून बनाया तो समस्त ईसाइयों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया ।
जानिए इनके कुछ छल कपट जो पूर्व में अपनाए गए थे या आज अपनाए जा रहे हैं ।
🚩1- जिसे आज हम झारखंड कहते हैं वह उस समय बिहार का हिस्सा था । आदिवासियों में एक अफवाह फैलाई गई कि आदिवासी हिन्दू नहीं ईसाई हैं ।

उस समय कार्तिक उरांव, जो वनवासियों के समुदाय से थे एवं कांग्रेस में इंदिरा गांधी के समकक्ष नेता थे ने इसका बहुत ही कड़ा और कारगर विरोध किया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार इस बात को निश्चित करे कि बाहर से कौन आया था ? यदि हम यहाँ के मूलवासी हैं तो फिर हम ईसाई कैसे हुए क्योंकि ईसाई पन्थ तो भारत से नहीं निकला और यदि हम बाहर से आये ईसाईयत को लेकर, तो फिर आर्य यहाँ के मूलवासी हुए। और यदि हम ही बाहर से आये तो फिर ईसा के जन्म से हज़ारों वर्ष पूर्व हमारे समुदाय में निषादराज गुह, शबरी, कणप्पा आदि कैसे हुए ? उन्होंने यह कहा कि हम सदैव हिन्दू थे और रहेंगे।
🚩उसके बाद कार्तिक उरांव ने बिना किसी पूर्व सूचना एवं तैयारी के भारत के भिन्न-भिन्न कोनों से वनवासियों के पाहन, वृद्ध तथा टाना भगतों को बुलाया और यह कहा कि आप अपने जन्मोत्सव, विवाह आदि में जो लोकगीत गाते हैं उन्हें हमें बताईए। और फिर वहां सैकड़ों गीत गाये गए और सबों में यही वर्णन मिला कि यशोदा जी बालकृष्ण को पालना झुला रही हैं, सीता माता राम जी को पुष्पवाटिका में निहार रही हैं, कौशल्या जी राम जी को दूध पिला रही हैं, कृष्ण जी रुक्मिणी से परिहास कर रहे हैं, आदि आदि। साथ ही यह भी कहा कि हम एकादशी को अन्न नहीं खाते, जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा, विजयादशमी, रामनवमी, रक्षाबन्धन, देवोत्थान पर्व, होली, दीपावली आदि बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
🚩फिर कार्तिक उरांव ने कहा कि यहाँ यदि एक भी व्यक्ति यह गीत गा दे कि मरियम ईसा को पालना झुला रही हैं और यह गीत हमारे परम्परा में प्राचीन काल से है तो मैं भी ईसाई बन जाऊंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैं वनवासियों के उरांव समुदाय से हूँ। हनुमानजी हमारे आदिगुरु हैं और उन्होंने हमें राम नाम की दीक्षा दी थी। ओ राम , ओ राम कहते कहते हम उरांव के नाम से जाने गए। हम हिन्दू ही पैदा हुए और हिन्दू ही मरेंगे।
🚩2-जेमो केन्याटा केन्या की जनता के बीच राष्ट्रपिता का दर्जा रखते हैं। उन्होंने कहा था जब केन्या में ईसाई मिशनरियां आर्इं उस समय हमारी धरती हमारे पास थी और उनकी बाइबिल उनके पास।
उन्होंने हम से कहा – “आँख बंद कर प्रार्थना करो ।”
जब हमारी आंखें खुलीं तो हमने देखा कि उनकी बाइबिल हमारे पास थी और हमारी धरती उनके पास।
🚩3- छत्तीसगढ़ - एक मिशनरी के हाथ में 2 मूर्तियाँ । एक भगवान कृष्ण की । दूसरी यीशु की । ईसाई मिशनरी (प्रचारक) गाँव वालों को कहता है कि देखो जिसका भगवान सच्चा होगा वह पानी में तैर जाएगा । यीशू की मूर्ति तैरती हैं ( क्योंकि वह लकड़ी की बनी थी) और श्रीकृष्ण की मूर्ति पानी में डूब जाती है (क्योंकि वह POP या मिट्टी की बनी थी) । ये ट्रिक कई गाँवों में अजमाई गई । एक गाँव में एक युवक ने कहा कि हमारे यहाँ तो अग्नि परीक्षा होती है तो मिशनरी बहाना बनाकर निकल जाता है ।
🚩4-ईसाई मिशनरी का मायाजाल-
गैर ईसाईयों को ईसाई बनाने के लिए किस तरह के षड्यंत्रों का प्रयोग किया जाता है वह विचारणीय है । क्या आपने कभी सुना है कि कुछ मुस्लिम आज तक इसाई बने हैं? आखिर हिन्दू ही इतना आसान क्यों है । कुछ समय पहले झारखण्ड सरकार ने No Conversion ( धर्मान्तरण रोकने का) कानून बनाया तो समस्त ईसाइयों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया ।
जानिए इनके कुछ छल कपट जो पूर्व में अपनाए गए थे या आज अपनाए जा रहे हैं ।
🚩5 अभी कुछ साल पहले मदर टेरेसा के बीटिफिकेशन हुआ था अर्थात मदर टेरेसा को सन्त घोषित किया गया ।, जिसके लिए राईगंज के पास की रहनेवाली किन्हीं मोनिका बेसरा से जुड़े 'चमत्कार' का विवरण पेश किया गया था। गौरतलब है कि 'चमत्कार' की घटना की प्रामाणिकता को लेकर सिस्टर्स आफ चैरिटी के लोगाें ने लम्बा चौड़ा 450 पेज का विवरण वैटिकन को भेजा था। यह प्रचारित किया गया था कि मोनिका के टयूमर पर जैसे ही मदर टेरेसा के लॉकेट का स्पर्श हुआ, वह फोड़ा छूमन्तर हुआ। दूसरी तरफ खुद मोनिका बेसरा के पति सैकिया मूर्म ने खुद 'चमत्कार' की घटना पर यकीन नहीं किया था और मीडियाकर्मियों को बताया था कि किस तरह मोनिका का लम्बा इलाज चला था। दूसरे राईगंज के सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने भी बताया था कि किस तरह मोनिका बेसरा का लम्बा इलाज उन्होंने उसके ट्यूमर ठीक होने के लिए किया।
https://www.facebook.com/288736371149169/posts/2728270023862446/
🚩ईसाई दयालुता केवल तभी तक है जब तक कोई व्यक्ति ईसाई नहीं बनता । यदि इन्हें लोगों की भूख, गरीबी और बिमारी की ही चिन्ता होती तो अफ्रीका महाद्वीप के उन देशों में जाते जहाँ 95% जनसंख्या ईसाई है ।आज जरूरत है कि प्रत्येक भारतीय महर्षि दयानन्द कृत सत्यार्थ प्रकाश पढ़े और विधर्मियों के छल कपट को समझे । यदि हम आज नहीं जागे तो कल तक बहुत देर हो जाएगी। - डॉ । विवेक आर्य
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ