Monday, November 11, 2019

इस घटना से आपको होना होगा सावधान, रेप के झूठे केस में हो गई मृत्यु

11 नवम्बर 2019
नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये कानून बनाये गये । परंतु दहेज विरोधी कानून की तरह इनका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है ।
इस घटना के बारे में सुनकर होश उड़ जाएंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है? लेकिन हुआ है पूरी घटना पढिये फिर  चौकन्ना रहिये...
मुंबई के वडाला ट्रक टर्मिनल की घटना है।
अक्टूबर 27 की रात 11 बजे विजय सिंह (working as MR in Pharma Company) जो सायन कोलीवाड़ा का रहने वाला है, अपने दो चचेरे भाईयों के साथ खाने के बाद टहलने के लिए और अपनी होने वाली पत्नी से बात करने के लिए घर से कुछ दूर (वडाला ट्रक टर्मिनल ) आया। जब उसने अपनी बाइक खड़ी की तो सामने एक कपल बैठा हुआ था और उनके ऊपर इसकी बाइक की लाइट चली गयी । लाइट चेहरे पर जाने के बाद कपल में से लड़के ने विजय सिंह को गाली दी और थोड़ी बहस चालू हो गयी । उसने अपने 2 दोस्तों को बुला लिया और बात आगे बढ़ गयी यहाँ तक कि हाथापाई पर आ गयी।
जब वहा पुलिस पहुँची तो लड़की ने बस ये बोल दिया कि ये तीनो लड़के ( विजय और उसके चचेरे दो भाई ) मुझे छेड़ रहे थे और पुलिस ने बिना किसी पूछताछ के विजय ओर उसके दोस्तों को मारा । यहाँ तक कि उस वक्त भी लड़की और उसके साथ के लड़के ने इन तीनो पर हाथ उठाया ।
पुलिस मारते मारते विजय सिंह और उसके साथ वाले दो भाइयों को पुलिस चौकी ले गयी। तीनों को बिना किसी पूछताछ के अलग अलग लॉकअप में डाल दिया । विजय सिंह को हाथ पैर और छाती पर भी मारा जब कि सामने पक्ष वालो का स्वागत किया । उनमे से एक लड़के ने पुलिस चौकी में ये तक कहा कि तुम लोग को इधर ही खत्म कर दूंगा लेकिन इसपर भी पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नही दी।
रात्रि 2:30 बजे विजय सिंह ने पुलिस स्टाफ से कहा कि मुजे सीने में दर्द हो रहा है और पानी दे दो पीने के लिए लेकिन पुलिस ने पानी नही दिया बल्कि जब विजय की माँ ने पानी देने की कोशिस की तो उसे भी डाटा। विजय का एक छोटा कजिन जब पानी देने गया तो उससे भी बहोत बुरा व्यवहार किया । घरवालो से भी बहोत गाली गलौच की । विजय ने पुलिस स्टाफ से कहा कि अपने बेटे जैसा समझ के पानी पिला दो लेकिन इंसानियत मर चुकी थी इन लोगो में शायद।
विजय ने ये भी कहा कि मुजे घुटन सी हो रही है, पंखा चला सकते है क्या लेकिन फिर वही गली गलौज वाली भाषा । जब वो बेहोश हो गया तो उसे लोकप से बाहर निकाला गया और लिटाया गया । जब उसे घरवालो को सौपा गया तो विजय दम तोड़ चुका था ।
शायद आपको ये जान के और धक्का लगे कांस्टेबल ने ये कहा कि हमारे पास गाड़ी नही है, Ola बुक करके जाओ
विजय के पापा ने एक Ola वाले को रिक्वेस्ट कर के जब गाड़ी रुकवायी तब उस ड्राइवर ने उसकी साँसे चेक कर के कहा कि यर मार चुका है । आप शायद ही उसके बाप की हालत समझ पाएंगे।
सवाल ये है की क्या सिर्फ उस लड़की का ही बयान मायने रखता है? बिना जुर्म साबित हुए पुलिस ने विजय ओर उसके भाइयो को क्यों मारा? पानी पिलाना जुर्म हो गया है क्या? एक बाप को उसके बेटे की लाश दे के ये कहना जरूरी है क्या की ola करके जाओ?
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2396806983901264&id=100007159565440
अगर इसी तरह चलता रहा तो निर्दोष पुरुषों का क्या होगा? कोई भी महिला अपनी रंजिस निकालने के लिए या पैसे एठने के लिए झूठा आरोप लगा दे और बिना सबूत पुलिस जेल में डाल दे और मौत हो जाये तो निर्दोष पुरुषों की हालत क्या होगी?
बलात्कार- निरोधक कानून की आड़ में महिलाएं आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार आरोप लगाकर जेल में डलवा रही हैं । कानून का दुरुपयोग करने पर वास्तविकता में जो महिला पीड़ित होती है उसको न्याय भी नही मिला पाता है ।
बलात्कार निरोधक कानूनों की खामियों को दूर करना होगा। तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।
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Saturday, November 9, 2019

लव जिहाद में फंसी लड़कियों की दुर्दशा देखिये, फिर कोई लड़कीं नही फसेंगी

08 नवम्बर 2019

*🚩हिंदू युवतियों को अपने माँ-बाप धर्म के संस्कार नहीं देते है जिससे हिंदू युवतियां सेक्युलर बन जाती है और सीरियलों एवं फिल्मों द्वारा लव जिहाद को बढ़ावा दिया  जाता है जिसके कारण हिंदू युवती लव जिहाद में आसानी से फस जाती है और उनका आखरी अंत बड़ा दर्दनाशक होता है।*

*🚩लव जिहाद से हिंदू युवतियों की जिंदगी बर्बाद हो गई है ऐसी एक-दो नही हजारों घटनाएं है पर उसकी खबरें इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया नहीं बताती है जिसके कारण ऐसी खबरें जनता तक पहुँच नही पाती है जिसके कारण दूसरी हिंदू युवतियां भी लव जिहाद में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर देती है।*

*🚩आज हम आपको ऐसी दो घटनाएं बता रहे है जिनका अंत हत्या*

*🚩लुकमान के साथ रहनेवाली नेहा को मार कर सूटकेस में भरकर फेंक दिया*

*🚩दिल्ली पुलिस ने 18 वर्षीय युवती की हत्या कर उसकी लाश सूटकेस में भर कर ठिकाने लगाने के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों के नाम नॉएडा निवासी नोमान (३०), शकूरपुर निवासी अरमान (२६) और न्यू उस्मानपुर निवासी शमसाद (३०) बताए जा रहे हैं।*

*🚩पुलिस के अनुसार, युवती की पहचान नेहा पटेल के रुप में हुर्इ है। नेहा शकूरपुर की रहने वाली थी आैर वह 18 अक्टूबर 2019 से लापता थी। नेहा की लाश उसी दिन एक सूटकेस से सुबह बरामद हुई थी। जिस इलाके (बवाना) में यह बरामदगी हुई, वह उत्तरी देहली का बाहरी इलाका है।*

*🚩उन तीनों से हुई पूछताछ में पता चला कि नेहा लुकमान के बर्ताव से आजिज आ चुकी थी। वह लुकमान से अपने संबंध खत्म करना चाहती थी।*

*🚩घटना के दो दिन पहले (16 अक्टूबर, 2019 को) दोनों के बीच एक झगड़ा हुआ। इसके बाद लुकमान और उसके भाइयों ने नेहा की हत्या कर दी और उसकी लाश को बवाना ले जाकर ठिकाने लगा दिया। पुलिस ने बताया कि हालाँकि लुकमान को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, लेकिन प्रयास जारी हैं।*

*स्त्रोत : ऑपइंडिया*

*🚩पेट्रोल डालकर हत्या:*

*छत्तीसगढ में जांजगीर चांपा के नवागढ़ डीहपारा निवाई जमीर खान और सुनीता कुशवाह दोनों जॉब कर रहे थे जॉब के दौरान जमीर खान ने सुनीता को लव जिहाद में फंसा लिया और शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध भी बना लिया जिससे युवती गर्भवती हो गई, युवती जमीर खान से शादी करने की प्रार्थना करती रही पर वह नही माना तो उसके घर चली पहुँच गई। घर पर पहुँचते ही प्रेमी के बड़े भाई अनवर खान ने पत्थर से सिर कुचल दिया और पेट्रोल डालकर जला दिया*

*🚩यहाँ केवल 2 घटनाएं का ही उल्लेख किया है बाकी ऐसी हजारों घटनाएं हैं जिसमें हिंदू युवतियों ने लव जिहाद में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली है, कई हिंदू युवतियों का तो पता भी नहीं चल पा रहा है कि वे कहां गई, विदेश में बेच दिया, हत्या कर दी या खुद आत्महत्या कर ली? अब हिंदुओं को जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है सबसे पहले अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा दें, अच्छे संस्कार दें , टीवी सिनेमा से दूर रखें, उनका मोबाइल चेक करते रहे, जिससे बच्चे अपनी जिंदगी बर्बाद न कर ले नहीं तो यही बच्चे बड़े होकर आपको ही गालियां देंगे, बच्चों का भी कर्तव्य है कि अपने माँ-बाप की बात माने, नही तो आगे पछताना पड़ेगा।*

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Thursday, November 7, 2019

जानिए भीष्मपंचक व्रत से कितने है फायदे? और क्यो करना चाहिए ?

07 नवम्बर 2019

*🚩भीष्म पंचक का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। पुराणों तथा हिन्दू धर्मग्रंथों में कार्तिक माह में 'भीष्म पंचक' व्रत का विशेष महत्त्व कहा गया है। इस साल यह व्रत 08 नवम्बर से 12 नवम्बर तक है।*

*🚩 सदाचारी एवं संयमी व्यक्ति ही जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है । सुखी-सम्मानित रहना हो, तब भी ब्रह्मचर्य की जरूरत है और उत्तम स्वास्थ्य व लम्बी आयु चाहिए, तब भी ब्रह्मचर्य की जरूरत है ।*

*🚩 माँ गंगा के पुत्र भीष्म पितामह पूर्व जन्म में वसु थे । अपने पिता की इच्छा पूर्ति के लिए आजन्म अखण्ड ब्रह्मचर्य के पालन का दृढ संकल्प करने के कारण पिता की तरफ से उनको इच्छा मृत्यु का वरदान मिला था।*

*🚩 कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूनम तक का व्रत ‘भीष्मपंचक व्रत कहलाता है । जो इस व्रत का पालन करता है, उसके द्वारा सब प्रकार के शुभ कृत्यों का पालन हो जाता है । यह महापुण्यमय व्रत महापातकों का नाश करनेवाला है । निःसंतान व्यक्ति पत्नीसहित इस प्रकार का व्रत करे तो उसे संतान की प्राप्ति होती है ।*

*🚩 भीष्मपंचक व्रत कथा:*

*🚩कार्तिक एकादशी के दिन बाणों की शय्या पर पड़े हुए भीष्मजी ने जल की याचना की थी । तब अर्जुन ने संकल्प कर भूमि पर बाण मारा तो गंगाजी की धार निकली और भीष्मजी के मुँह में आयी । उनकी प्यास मिटी और तन-मन-प्राण संतुष्ट हुए । इसलिए इस दिन को भगवान श्रीकृष्ण ने पर्व के रूप में घोषित करते हुए कहा कि ‘आज से लेकर पूर्णिमा तक जो अघ्र्यदान से भीष्मजी को तृप्त करेगा और इस भीष्मपंचक व्रत का पालन करेगा, उस पर मेरी सहज प्रसन्नता होगी ।*

*🚩 इसी संदर्भ में एक और कथा है...*

*महाभारत का युद्ध समाप्त होने पर जिस समय भीष्म_पितामह सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा में शरशैया पर  शयन कर रहे थे। तक भगवान कृष्ण पाँचो पांडवों को साथ लेकर उनके पास गये थे। ठीक अवसर मानकर युधिष्ठर ने भीष्म पितामह से उपदेश देने का आग्रह किया। भीष्म जी ने पाँच दिनों तक राज धर्म ,वर्णधर्म मोक्षधर्म आदि पर उपदेश दिया था । उनका उपदेश सुनकर श्रीकृष्ण सन्तुष्ट हुए और बोले, ”पितामह! आपने शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक पाँच दिनों में जो धर्ममय उपदेश दिया है उससे मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई है। मैं इसकी स्मृति में आपके नाम पर भीष्म पंचक व्रत स्थापित करता हूँ । जो लोग इसे करेंगे वे जीवन भर विविध सुख भोगकर अन्त में मोक्ष प्राप्त करेंगे।*

*🚩भीष्म पंचक व्रत में क्या करना चाहिए ?* 

*इन पाँच दिनों में अन्न का त्याग करें । कंदमूल, फल, #दूध अथवा #हविष्य (विहित सात्त्विक आहार जो यज्ञ के दिनों में किया जाता है) लें ।*

*🚩 इन पाँच दिनों में निम्न मंत्र से भीष्मजी के लिए तर्पण करना चाहिए :*

*सत्यव्रताय शुचये गांगेयाय महात्मने ।* *भीष्मायैतद् ददाम्यघ्र्यमाजन्मब्रह्मचारिणे ।।*

*‘आजन्म ब्रह्मचर्य का पालन करनेवाले परम पवित्र, सत्य-व्रतपरायण गंगानंदन महात्मा भीष्म को मैं यह अर्घ्य देता हूँ ।*

*(स्कंद पुराण, वैष्णव खंड, कार्तिक माहात्म्य)*

*🚩अर्घ्य के जल में थोडा-सा कुमकुम, केवड़ा, पुष्प और पंचामृत (गाय का दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) मिला हो तो अच्छा है, नहीं तो जैसे भी दे सकें । ‘मेरा ब्रह्मचर्य दृढ रहे, संयम दृढ़ रहे, मैं कामविकार से बचूँ... - ऐसी प्रार्थना करें ।*

*🚩इन पाँच दिनों में अन्न का त्याग करें । कंदमूल, फल, दूध अथवा हविष्य (विहित सात्त्विक आहार जो यज्ञ के दिनों में किया जाता है) लें ।*

*🚩इन दिनों में पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोझरण व गोबर-रस का मिश्रण) का सेवन लाभदायी है ।*

*🚩पानी में थोड़ा-सा गोझरण डालकर स्नान करें तो वह रोग-दोषनाशक तथा पापनाशक माना जाता है ।*

*🚩इन दिनों में #ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए ।*

*🚩जो नीचे लिखे #मंत्र से भीष्मजी के लिए अर्घ्यदान करता है, वह मोक्ष का भागी होता है :*
*वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृतप्रवराय च । अपुत्राय ददाम्येतदुदकं भीष्मवर्मणे ।।*
*वसूनामवताराय शन्तनोरात्मजाय च । अघ्र्यं ददामि भीष्माय आजन्मब्रह्मचारिणे ।।*

*‘जिनका व्याघ्रपद गोत्र और सांकृत प्रवर है, उन पुत्ररहित भीष्मवर्मा को मैं यह जल देता हूँ । वसुओं के अवतार, शान्तनु के पुत्र, आजन्म ब्रह्मचारी भीष्म को मैं अर्घ्य देता हूँ ।*

*🚩 इस व्रत का प्रथम दिन #देवउठी एकादशी है l इस दिन भगवान नारायण जागते हैं l इस कारण इस दिन निम्न मंत्र का उच्चारण करके भगवान को जगाना चाहिए :*
*उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविन्द उत्तिष्ठ गरुडध्वज l*
*उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यमन्गलं कुरु ll*

*'हे गोविन्द ! उठिए, उठिए , हे गरुड़ध्वज ! उठिए, हे कमलाकांत ! #निद्रा का त्याग कर तीनों लोकों का मंगल कीजिये l'*
*(ऋषि प्रसाद : नवम्बर 2007)*

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Tuesday, October 22, 2019

कमलेश तिवारी जी की कौनसी रणनीति के तहत हत्या किया?

22 अक्टूबर 2019

🚩 *इस्लाम के आखिरी पैगंबर मुहम्मद ने जिहाद यानी गैर मुसलमानों के खिलाफ धर्मयुध्द की सफलता के लिये तीन महत्वपूर्ण रणनीति निर्धारित की है:*
*1- धोखेबाजी*
*2- आतंक , और*
*3- पहले हमले की पहल*

🚩 *यही इस्लाम की नैतिकता है। मुहम्मद ने बुखारी , हदीस संख्या 1213 , के अनुसार लड़ाई का नाम धोखा रखा है। हर मुसलमान के जीवन में यह इस्लामी दर्शन शांति और युध्द काल दोनों में समान रूप से कायम रहता है। चूंकि कुरानी दर्शन जिहाद है, जो काफिरों के विरुद्ध चौतरफा लड़ाई है, इसलिये धोखेबाजी का आचरण उसके जीवन का अभिन्न अंग होता है। कमलेश तिवारी की हत्या के पीछे भी यही कुरानी दर्शन और सुन्नत है। स्वयं मुहम्मद का जीवन इसका गवाह है। कैसे ? संक्षेप में :*

🚩 *मदीना में आसमा नामक कवियित्री की मुहम्मद ने बस इसलिये हत्या करवाई कि उसने मुहम्मद के खिलाफ तुकबंदी की थी।मदीना में ही एक सौ साल के वृद्ध यहूदी कवि अबू अफाक थे। उन्होंने ने भी मुहम्मद के खिलाफ कविता बनाई थी। उनकी हत्या हो गई।  एक कवि जिनका नाम काब इब्न अशरफ था उसकी भी धोखे से इन्हीं कारणों के चलते हत्या करवा दी।फिर अपने अनुयायियों को यहूदियों की खुली हत्या की छूट दे दी। तब इब्न सुनैना नामके व्यापारी की उसी के टुकड़ों पर पल रहे एक मुसलमान ने हत्या कर दी। कवि नाजिर इब्न हरीथ को गिरफ्तार कर बस इसलिये कत्ल कर डाला गया कि उसने मुहम्मद की चुनौती स्वीकार करते हुये उन्हीं जैसी आयत बनाकर सुना दिया था। जो भी विचारशील थे और मुहम्मद की किसी भी रुप में स्वस्थ आलोचना भी करते थे उनकी धोखे से हत्या करवा देना नियम बन गया था। खैबर से मदीना आते हुये 28 यहूदियों की बिना किसी उकसावे के धोखे से हत्या करा दी गयी। उनका धन लूटा गया और औरतों को मुसलमानों में बांटा गया। बानू कुरेज़ा नामक यहूदी कबीले के 800 लोगों को गिरफ्तार कर दिन भर कसाई की तरह काटा गया और एक विशाल कब्र में भर दिया गया। कैनुका और बानू नाजिर नामक दो यहूदी कबीलों को सिर्फ इस्लाम न मानने के कारण, उनका सब कुछ लूटकर, मदीना से बेदखल कर दिया गया। मुहम्मद के जीवन काल में ही इस्लाम मानने को विवश करने के लिये काफिरों के विरूध्द तीन या चार को छोड़कर बयासी एकतरफा हमले किये गये। इनमें हत्या, लूट, अपहरण और विध्वंश का नंगा नाच हुआ। बेटे ने इस्लाम न माने जाने पर अपने पिता की हत्या की भी इस्लामिक कसम खाई। काफिर औरत की छाती से लगे दूध पीते बच्चे को झटके से अलग कर उसकी मां के सीने में खंजर भोंक दिया गया। मुर्शिदाबाद में तो मां के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी मां सहित नहीं बक्शा गया। उपर्युक्त सूची मात्र ही इस्लामी आतंक को दिखलाने के लिये पर्याप्त है।*

🚩 *स्पष्ट है कि कुरान, हदीस और मुहम्मद के क्रियाकलापों से शिक्षा ग्रहण कर मुसलमान छल-कपट और जिहाद से संपोषित जिहाद का पालन शांति और युध्दकाल दोनों में करते है। जब संख्या बल कम हो यह जिहाद अस्त्र शस्त्रों से सुसज्जित होना है। अल्लाह ने भी अन्य कई आयतों के अलावा यह भी फरमाया है कि वह काफिरों के दिल में दहशत पैदा करेगा। कमलेश तिवारी की जघन्य हत्या का मकसद भी दहशत फैलाना ही है।*

🚩 *तीसरी रणनीति है पहले आक्रमण करना जब काफिर मुस्लिम योजना से बिलकुल अनजान और असावधान हों। ब्रि. मलिक ने ओहद की लड़ाई की समीक्षा में बताया कि कठिन परिस्थिति में भी मुहम्मद ने, जिसमें वो पराजित हुये, दांत भी टूटे और जान बची, पहले हमले की कार्यवाही शत्रु के हाथ नहीं जाने दी। यही रणनीति सभी मुस्लिम दंगों में देखी जाती है। जब गैर मुसलमान बिना किसी संदेह के निश्चिंततापूर्वक अपने कार्य में लगे रहते हैं मुसलमान उनपर हमला कर कत्ल ए आम मचा देते हैं। कमलेश तिवारी के साथ भी यही किया गया।*

🚩 *यह भी लगे हाथ समझ लेना जरुरी है कि मुसलमान और गैर मुसलमान के बीच संघर्ष का लगभग स्थाई कारण राजनीतिक और आर्थिक न होकर धर्म ही है। यह भी हमारी कोरी भ्रांति और झूठा प्रचार है कि गरीबी, और बेरोजगारी के चलते मुसलमान जिहादी और आतंकवादी बन रहे हैं। कमलेश तिवारी की हत्या के लिये 51लाख का फतवा कैसे एक गरीब मुसलमान जारी कर सकता है ?*

🚩 *ओसामा बिन लादेन से मशहूर पाकिस्तानी पत्रकार रहीमुल्ला यूसुफज़ई , ए बी सी के पत्रकार जान मिलर एवं अरबी पत्रिका निदा-उल-इस्लाम द्वारा किए गये साक्षात्कारों के आधार पर कुछ चुनिंदा सवाल-जवाब "मुस्लिम आतंकवाद बनाम अमरीका" (वाणी प्रकाशन,नई दिल्ली-11002) नामक पुस्तक में प्रकाशित किये गये हैं। एक प्रश्न में ओसामा से पूछा गया:*

*" आप एक बहुत धनी घराने से सबंधित होने के बावज़ूद भी आराम की ज़िंदगी छोड़कर युध्द और कष्टों के बीच जीवन गुजार रहे हैं। अमरीकियों को यह बहुत अटपटा लगता है।*

🚩 *उत्तर - यह समझना बहुत मुश्किल है, खास तौर से उनके लिये जो इस्लाम को नहीं समझते। हमारे धर्म का यह विश्वास है कि अल्लाह ने हमें इसलिये बनाया कि हम उसकी इबादत करें। उसी ने हमें यह मजहब दिया। अल्लाह का आदेश है कि सर्वोच्चता कायम करने के लिये हम जिहाद करें। पश्चिम में यह झूठा प्रचार किया जाता है कि गरीबी के कारण लोग जिहादी बन रहे हैं।इसमें बहुत से धनीमानी युवा भी जुड़ चुके है।"*

🚩 *कमलेश तिवारी की हत्या के पीछे अल्ल्लाह का काफिरों के विरुद्ध यही जिहाद करने का आदेश है। यह आदेश हम सभी काफिरों के मारे जाने तक वैध, लागू और पाक है। यह सभी मुसलमानों पर फर्ज है। इसप्रकार हम देखते हैं कि कुरान, हदीस और सीरत-अन-नबी सम्मत इस्लामिक योजनाओं और क्रियाकलापों का जो चित्र उभरता है उसमें हर मुस्लिम कार्रवाई की जड़ में उसका मजहब ही था, है और कयामत तक रहेगा।*

🚩 *पर इतिहास की लंबी कालावधि में मुस्लिम चरित्र को देखकर भी हिंदू बुद्धिजीवियों, हिंदू राजनीतिज्ञों, हिंदू धर्म गुरुओं और हिंदू धर्म व्यवसाइयों ने कभी इस्लाम का गहन अध्ययन करने, उसके उद्देश्यों, कार्य योजनाओं और कार्यक्रमों - धोखेबाजी , आतंक , अचानक हमला - को इस्लाम के ही धर्मग्रंथों से और इसके खूनी इतिहास को समझने और हिंदुओं को समझाने का प्रयास ही नहीं किया। जब ऐसा नहीं किया तो उसके हमलों से बचने का उपाय कैसे करता ? इसीलिये हिंदू समाज इस्लाम के हाथों सदा कुचला गया- बिना समुचित प्रतिरोध के अनवरत। आज हिंदू अपने ही देश में अस्तित्व रक्षा की समस्या से ग्रसित है और तथाकथित हिंदू बुद्धिजीवी सामाजिक अस्तित्व की चिंता से मुक्त जीविकोर्पाजन तक ही सिमटा है। कमलेश तिवारी की हत्या इसका ज्वलंत प्रमाण है।*

🚩 *अगर हिंदू समाज को इस्लाम के उद्देश्यों, शिक्षाओं और कार्यविधियों का ज्ञान होता तो वह विभाजन पूर्व कोलकटा की सड़कों और गलियों में भेड़-बकरियों की तरह काटा नहीं जाता। वह पहले से बचाव के साधनों और उपायों का प्रयोग कर हमलावरों का विनाश कर पाता। मालदा में मुसलमान क्या करेगा उसको समझ हथियार बंद होकर तैयार रहता। देश के विभिन्न हिस्सों में जुम्मे की नमाज के बाद उपद्रवियों को सबक सिखा पाता। लखनऊ के नाकाम हिंडोला में जुम्मे की नमाज के बाद मुसलमान कमलेश तिवारी के साथ करेगा करेगा उसे पता होता। वह इसके लिये तैयार होता। कमलेश तिवारी के हत्यारों को हत्या के पहले या बाद मौके पर ही काट डालता। धार्मिक जुलूस निकालते समय हर तरीके से बचाव के लिये तैयार रहता। मुस्लिम परस्त सरकारों का क्या रवैया होगा, प्रशासनिक अधिकारियों के क्या निर्णय होंगे, मीडिया और सिकुलर बुध्दिजीवी क्या विषवमन करेंगे इसके लिये पहले से तैयार रहता। मुस्लिम नेता और मौलवी कैसी भाषा बोलेगा और मस्जिदों के माध्यम से मुसलमानों को क्या निर्देश देगा। मुस्लिम गुंडों को मजहबी मुजाहिदीन का सम्मान देकर कैसे थाने से छुड़ायेगा। ट्रकों पर लाठी, भाला, गड़ांसा, आग लगाने के सामानों को लादकर हिंदू विनाश के लिये उसे स्वयं जगह-जगह भेजने की व्यवस्था कैसे करेगा। तब हिंदू को पता होता कि ये लोग कैसे कैसे अत्याचार, दुराचार करेंगे और क्यों करेंगे। यह भी पता होता कि अपने किये हुये दुराचारों के लिये मुसलमान मुर्शिदाबाद के हिंदू भुक्तभोगी पर ही उल्टा दोषारोपण भी करेंगे। किसी समस्या के समाधान के लिये पहला कदम है उसे समझना। अगर समस्या का रुप सामाजिक है तो सामाजिक तौर पर एकजुट होकर समझना और एक होकर अपने बचाव की तैयारी रखना। अपने बचाव के लिये हर हालत में तैयार रहना गैर कानूनी भी नहीं है।*

🚩 *भूमिका में जो ऊपर लिखा गया है वो बेमतलब नहीं है। मकसद है पिछले करीब सौ सालों से भारत में करोड़ों हिंदू,सिख और बौद्धोंका जो वीभत्स कत्ल ए आम हुआ वह इसी इस्लामी फितरत - धोखेबाजी, आतंक , अचानक हमले- के कारण ही हुआ। इस फितरत को समझकर पूर्व तैयारी के साथ पलटवार कर हम इस इस्लामी फितरत को बहुत आसानी से पराजित कर सकते हैं।*

🚩 *कमलेश तिवारी की हत्या भी इसी इस्लामी फितरत- धोखेबाजी, आतंक, अचानक हमले- के कारण हुयी। उनकी हत्या का कारण उनका मोहम्मद के बारे में दिया बयान ही सिर्फ नहीं है। उनका काफिर होना ही प्रर्याप्त था उनके कत्ल के लिये। जिस धवन ने मुसलमानों की ओर से राम जन्मभूमि पर बहस की, जो अखिलेश यादव, अंबेडकरवादी, कांग्रेसी और समाजवादी गैर मुसलमान मुसलमानों के पैरोकार बने हुये हैं वो सब इस्लाम की नज़र में काफिर होने के कारण कत्ल के लायक ही हैं। इन सबका भी अंततोगत्वा वहीं हश्र होना है जो कमलेश तिवारी का हुआ। -अरुण लवानिया*

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