Wednesday, November 20, 2019

स्वामी नित्यानंदजी को फंसाने के षड्यंत्र का हुआ पर्दाफाश

17 नवम्बर 2019

*🚩हिंदु साधु-संत भारतीय संस्कृति के प्रति हर जागरूक करते हैं, व्यसन-मांस आदि छुड़वाते हैं और व्यभिचार से सदाचार की तरफ ले जाते हैं और अपने धर्म के प्रति निष्ठावान बनाते हैं जिसके कारण धर्मांतरण करने वाली मिशनरियां और विदेशी कंपनियों का प्रोडक्ट कम बिकने पर मीडिया में कुछ फंडिग देकर हिंदू साधु-संतों की बदनामी करवाते हैं और कुछ बिकाउ राजनेता का हथकंडा बनाकर झूठे केस करवाकर जेल भिजवा देते हैं ऐसा एक साधु-संत नहीं बल्कि अनेक साधु-संतो के साथ हुआ है।*


*🚩मीडिया पवित्र हिंदू साधु-संतों के लिए अपमानित करने वाली भाषा बोलती है लेकिन वही कोई अपराधी भी कोई ईसाई पादरी या मौलवी होते है उनकी खबर छुपा देती है या तो उनको आदर की भाषा संबोधित करती है इसके पीछे एक षडयंत्र है कि हिन्दू अपने ही साधु-संतों के खिलाफ अश्रद्धा करने लगे, जब ऐसा होगा तभी राष्ट्रविरोधी ताकतों का मिशन सफल होगा।*

*🚩अभी हाल ही में स्वामी नित्यानंद जी को बदनाम किया जा रहा उनकी संस्था को लेकर उसके पीछे भी एक साजिश है और उस साजिश का पर्दाफाश नित्य नंदिनी नाम की बालिका ने किया है।*

*🚩नित्य नंदिता का फेसबुक पर मां नित्यनंदिता नाम से एक अकाउंट है। उसमें आज सुबह ( 20 नवम्बर) को एक लाइव वीडियो अपलोड किया गया है उसमें उल्लेख किया गया है कि कैसे स्वामी नित्यानंदजी के खिलाफ एक षड्यंत्र चलाया जा रहा है।*

*🚩नित्य नंदिता ने लाइव में कहा कि "मेरे पिता मुझसे कहते हैं कि उनके कई राजनीतिक संपर्क हैं।" अमित शाह के बेटे का भी संपर्क है। तो चिंता मत करो।  वे मुझसे कहते हैं कि पोक्सो एक्ट के अनुसार स्वामी नित्यानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज करें।  मैंने यह सब नहीं सुनते हुए फोन काट दिया।*

*🚩नंदिता ने बताया कि  पिता जनार्दन शर्मा ने मेरे को 1 नवम्बर को फोन करके बार बार स्वामी नित्यानंद जी के खिलाफ़ पोस्को एक्ट के तहत केस करने को बोल रहे थे, फिर अचानक आश्रम में पुलिस का आने जाने का सिलसिला चालु हो गया मुझे पता चल गया कि स्वामी नित्यानंद जी के खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है इसलिए मैं ट्रेवेल्लिंग में निकल गई। मेरे पिताजी सतत आश्रम को धमकी दे रहे हैं, वो कुछ भी कर सकते है यह एक हिंदू धर्म को बदनाम करने की साजिश है।*

*🚩आपने देखा कि कैसे एक साधु-संत पर झूठे आरोप लगाने के लिए षड्यंत्र रचा जाता है ऐसे तो अनेकों उदाहरण हैं पर ये ताजा उदाहरण आपके सामने पेश किया।*

*🚩हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए जो भी आगे आता है या तो उनको मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवाया जाता है या तो हत्या कर दी जाती है ऐसा सिलसिला सदियों से चल रहा है और हमारे भोले-भाले हिंदुस्तानी बिकाऊ मीडिया की बातों में आकर अपने ही हिन्दू साधु-संतों को गालियां देने लगते है।*

*🚩आप इन षड्यंत्रों से सावधान रहें और ऐसे षड्यंत्र जो हो रहे हैं, उनका कानूनी तौर पर विरोध करें।*

*🚩अगर हमने एक होकर आज इस षड्यंत्र का विरोध नहीं किया तो आगे जाकर हमारी संस्कृति नहीं बचेगी और संस्कृति नहीं बचेगी तो विदेशी ताकतें हमे गुलाम बनाने के लिए आज भी आतुर है अतः सावधान रहें।*

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Tuesday, November 19, 2019

जानिए अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस कब से और किसलिए मनाया जाता है?

19 नवम्बर 2019

*🚩अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) की तरह हर साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men's Day) मनाया जाता है.। हालांकि, जिस उत्साह और सपोर्ट के साथ महिला दिवस मनाया जाता है, उस तरह का एक्‍साइटमेंट व क्रेज पुरुष दिवस के लिए देखने को नहीं मिलता। यह दिन मुख्य रूप से पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है। आपको बता दें कि 80 देशों में 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और इसे युनेस्को का भी सहयोग प्राप्त है।*

*🚩ऐसे हुई पुरुष दिवस की शुरुआत:*

*अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास:*

*1923 में कई पुरुषों द्वारा 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने की मांग की गई थी। इसके चलते पुरुषों ने आंदोलन भी किया था। उस वक्त पुरुषों ने 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग की थी। इसके बाद 1968 में अमेरिकन जर्नलिस्ट जॉन पी. हैरिस ने एक आर्टिकल लिखते हुए कहा था कि सोवियत प्रणाली में संतुलन की कमी है। उन्होंने लिखा था कि सोवियत प्रणाली महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाती है लेकिन पुरुषों के लिए वो किसी प्रकार का दिन नहीं मनाती। फिर 19 नवंबर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों द्वारा पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया। डॉ. जीरोम तिलकसिंह ने जीवन में पुरुषों के योगदान को एक नाम देने का बीड़ा उठाया था। उनके पिता के बर्थडे के दिन विश्व पुरुष दिवस मनाया जाता है। धीरे धीरे दुनियाभर में इसे 19 नवंबर को मनाया जाने लगा।*

*🚩भारत ने साल 2007 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया। इसके बाद से ही भारत में हर साल 19 नंवबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है।*

*🚩अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व*
*अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मुख्य रूप से पुरुष और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने, लिंग संबंधों में सुधार, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और पुरुष रोल मॉडल्स को उजागर किए जाने के लिए मनाया जाता है।*

*🚩InternationalMensDay की वेबसाइट के मुताबिक, दुनिया में महिलाओं से 3 गुना ज्यादा पुरुष सुसाइड करते हैं। 3 में से एक पुरुष घरेलू हिंसा का शिकार है। महिलाओं से 4 से 5 साल पहले पुरुष की मौत होती है। महिलाओं से दोगुना पुरुष दिल की बीमारी के शिकार होते हैं। पुरुष दिवस पुरुषों की पहचान के सकारात्मक पहलुओं पर काम करता है।*

*🚩पुरुष दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य*

*- पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना।*
*- समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्चों की देखभाल और पर्यावरण के लिए पुरुषों के सकारात्मक योगदान का जश्न मनाना।*
*- पुरुषों के स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान केंद्रित करना; सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक तौर पर।*
*- पुरुषों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना।*
*- लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।*
*- एक सुरक्षित, बेहतर दुनिया बनाना।*

*🚩आज पुरुषों की दुर्दशा:*

*19 नवम्बर को विश्व पुरूष दिवस मनाया जाता है उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पर जिस तरह आज देश मे झूठे दहेज व रेप केस की बाढ़ आ गई है उसको रोकना होगा नही तो निर्दोष पुरुष बलि चढ़ते रहेंगे।*

*🚩बदला लेने के लिए अथवा पैसे एठने के लिए कुछ मनचली लड़कियां या गिरोह कार्य कर रहे है जो निर्दोष पुरुषों पर झूठे दहेज या रेप के आरोप लगा देते है इसके कारण निर्दोष पुरुषों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है, उसको जेल जाना पड़ता है, समय व पैसे की बर्बादी होती है और इज्जत चली जाती है वो अलग और उसके साथ उसकी माँ-बहन, पत्नी-बेटी भी जुड़ी होती है तो उनपर भी अत्याचार होता है क्योंकि घर मे उनका पालन पोषण करने वाला पुरुष होता है उसको झूठे केस में जेल भेज देंगे तो उनपर क्या बीतेगी?*

*🚩सरकार को अब महिला आयोग की तरह पुरूष आयोग भी बनाना चाहिए, जो महिलाएं झूठे केस करती है उनको भी सजा का प्रावधान होना चाहिए नही तो एक के बाद एक निर्दोष पुरुष बलि चढ़ते ही रहेगे।*

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Monday, November 18, 2019

दीपक चौरसिया पर लगा POCSO Act गिरफ्तार करने की उठी तीव्र मांग

18 नवम्बर 2019
www.azaadbharat.org
सोशल मीडिया पर 15 नवंबर 2019 को #ArrestDeepakChaurasia हैशटैग द्वारा पत्रकार दीपक चौरसिया की गिरफ्तारी की मांग ने जोर पकड़ा और यह मांग इतनी तीव्र हुई कि पूरा दिन राष्ट्रीय टॉप ट्रेंड्स में यह हैशटैग अपना स्थान बनाये रहा । आखिर क्यों लोगों द्वारा दीपक चौरसिया को गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है ??
आइये जाने क्या है मामला ??

दीपक चौरसिया जो INDIA News चैनल में पत्रकार था । उसने इसी चैनल द्वारा 12 दिसम्बर 2013 को पैसों की एवं टीआरपी की लालच में एक मासूम बच्ची के वीडियो को तोड़-मरोड़कर अश्लील तरीके से पेश किया, जिससे एक नाबालिग बच्ची के मान-सम्मान को ठेस पहुँची और इस परिवार की भावनायें आहत हुई। वास्तव में यह वीडियो 02 जुलाई 2013 का था। उस समय हिंदू संत आसाराम बापू गुरुग्राम में थे और संजय पटेल जी के यहाँ पगफेरे के लिए आए थे । वहां बापू आसारामजी ने सब परिवारजनों के बीच उनकी भतीजी के कंधे पर हाथ रखकर उसे आशीर्वाद दिया था और इसका विडियो परिजनों ने मोबाइल फोन से लिया था । इस विडियो में हेरफेर कर दीपक चौरसिया ने उसे अश्लील ढंग से अपने चैनल पर कई बार प्रसारित किया ।
इस परिवार ने इस अपराध के लिए चौरसिया के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की ठानी लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई सहायता नहीं की । पहले उस नाबालिग लड़की के फूफा संजय पटेल पालम विहार थाने में Zero FIR दर्ज कराने गए तो वहां की पुलिस ने ये कहते हुए मना कर दिया कि ये केस तो नोयडा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है ।
यहाँ हम अपने पाठकों को बताना चाहेंगे कि बापू आसारामजी पर केस करने वाली लड़की शाहजहांपुर (उ.प्र.) की रहने वाली है, पढ़ती थी छिंदवाड़ा (म.प्र.) में, घटना बताती है जोधपुर (राज.) की और उसके द्वारा की गई ZERO FIR दर्ज हो जाती है दिल्ली के कमला मार्किट थाने में ।
लेकिन वहीं दूसरी ओर संजय पटेल की भतीजी जो पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र की ही रहने वाली है उसकी प्राथिमिकी (FIR) दर्ज करने को पुलिस तैयार नहीं थी ।
दीपक चौरसिया ने पैसे और टीआरपी के लिए मासूम बच्ची का झूठा MSS दिखाकर बच्ची की इज्जत को तार-तार किया।
POCSO Act होने के बाद भी पुलिस गिरफ्तार नही करने पर जनता का गुस्सा फूटा #ArrestDeepakChaurasia हैशटैग लेकर ट्रेंड चलाया। 80 हजार से ऊपर ट्वीट हुई।
आम आदमी और हिंदुनिष्ठ पर तुरंत कार्यवाही करने वाली पुलिस बिकाऊ पत्रकारों डरती है या उनके लिए अलग कानून है?
जब पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई तो इस आहत परिवार ने हिन्दू संगठनों और महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया और वहां से इनके साथ हो रहे अन्याय पर कई हिन्दू संगठन व महिला आयोग इनके समर्थन में आये और दीपक चौरसिया की गिरफ्तारी की मांग ने तेजी पकड़ी ।
तथाकथित पत्रकार दीपक चौरसिया ने ZERO FIR रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की । हाईकोर्ट ने दीपक चौरसिया को गिरफ्तारी से तो राहत दी पर अपराध को संगीन मानते हुए उसको सेशन कोर्ट में पेश होकर कानूनी प्रक्रिया से गुजरने का आदेश दिया ।
इसके बावजूद भी पुलिस द्वारा कार्यवाही ना होने के पर आहत संजय पटेल ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की । जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सबूतों को देखते हुए  17 नवम्बर 2014 को प्रशासन को कार्यवाही का आदेश दिया और नोयडा पुलिस को सारी फ़ाइल गुरुग्राम पुलिस को सौंपने को कहा और फिर 19 मार्च 2015 को गुरुग्राम में IPC की धारा 469, 471, 120B, POCSO Act की धारा 13C और IT Act की धारा 67B के तहत FIR संख्या 147/15 दर्ज हुई ।
देखिए कैसे एक परिवार को केवल FIR दर्ज करवाने के लिए ही गुरुग्राम, नोयडा, इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काटने पड़े पर अफसोस न्याय के लिए इस परिवार को और भी बहुत दर्द अभी झेलना बाकि था ।
चौरसिया के खिलाफ POCSO Act में मामला दर्ज हुआ । इसलिए जांच के लिए SIT का गठन तो हुआ लेकिन अफसोस SIT द्वारा जो Criminal Procedure Code की धारा 164 के तहत नाबालिग लड़की के बयान, Criminal Procedure Code की धारा 161 के तहत परिवार और साक्षियों के बयान, आरोप सिद्ध करने वाली CD की FSL जांच, आरोपियों से पूछताछ आदि कानूनन कार्यवाही नहीं की गयी ।
इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर केस से पल्ला झाड़ता रहा, वारंट जारी होने के बाद भी चौरसिया कभी न्यायालय में मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं हुआ और संजय पटेल को बताए बिना केस बंद कर दिया गया ।
फिर से पुलिस अधिकारियों के सामने गुहार लगाई गई, लोगों ने धरना प्रदर्शन किया, महिला संगठनों ने आवाज उठाई, तब फिर मुश्किल से CrPC की धारा 161 में बयान दर्ज किए और CD को FSL जांच के लिए भेजा गया ।
संजय पटेल ने फिर आहत होकर चंडीगढ़ हाईकोर्ट में गुहार लगाई । हाईकोर्ट ने 22 दिसम्बर 2017 को गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर को 4 सप्ताह में जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए। अब पुलिस कमिश्नर द्वारा FSL जांच के लिए CD तीसरी बार गई थी जिसके बारे में जांच में बताया गया कि ये टूटी हुई थी इसलिए प्ले नहीं हुई । इसके बाद कभी CD को जांच के लिए नहीं भेजा गया ।
संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन करने के बाद गवाहों के CrPC की धारा 161 के तहत बयान दर्ज हुए और 22 मार्च 2018 को CrPC की धारा 164 के तहत नाबालिग लड़की के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज हुए और जिसमें उस मोबाइल के मांगे जाने पर जिसमें वो वीडियो बनी थी, 10 अप्रैल 2018 को उस मोबाइल के विषय में बताया और वीडियो के यूट्यूब लिंक के विषय में भी बताया। इतने साक्ष्य देने के बाद भी मजिस्ट्रेट ने पुलिस द्वारा केस बंद करने की रिपोर्ट को पीड़ित पक्ष को बताए बिना स्वीकार कर लिया ।
इस पर संजय पटेल ने पुलिस रिपोर्ट और इलाका मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए CBI जांच की मांग की । इसका संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस और निचली अदालत को नोटिस जारी किया । अगली सुनवाई में हाईकोर्ट ने गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर को तलब किया, केस को रिओपन करते हुए मजिस्ट्रेट गुरुग्राम को पुलिस कार्यवाही का आदेश दिया ।
अब जिस मोबाइल में वीडियो बना था उसकी FSL जांच से सिद्ध हो चुका है कि वीडियो में कुछ गलत नहीं था। नाबालिग लड़की के वीडियो को तोड़-मरोड़कर गंदे ढंग से पेश किया गया था ताकि बापू आसारामजी को गलत ढंग से बदनाम किया जा सके।
लेकिन अभी तक दीपक चौरसिया गिरफ्तार नहीं हुआ है । लोगों का सब्र टूटना लाजमी था जो ट्विटर पर ट्रेंड बनकर उभरा ।
पुलिस, प्रशासन, इलाहाबाद हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, चंडीगढ़ हाईकोर्ट के सालों से चक्कर काट रहे इस परिवार को न्याय कब मिलेगा? जिसने इस परिवार और बच्ची को बदनाम किया, समाज से परिवार को तिरस्कृत करवाया उसे सजा कब मिलेगी ?
किसने कहने पर एक हिंदू संत को बदनाम करने के लिए एक नाबालिग बच्ची का आसरा लिया गया ?
कितने रुपयों में बिकी है मीडिया?
किसने इस पूरे षड़यंत्र के लिए फंडिंग की है?
ऐसे और भी कई प्रश्न हैं जिनका जवाब मिलना अभी बाकि है ।
एक नाबालिग लड़की का वीडियो तोड़-मरोड़कर गंदे तरीके से प्रसारित करना किसी जघन्य अपराध से कम है??
क्या ये किसी मीडिया चैनल को शोभा देता है?? क्या ऐसा काम करने वाला पत्रकार पत्रकारिता के नाम पर कलंक नहीं है??
क्या ऐसी मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाने के लायक है??
मीडिया का कर्तव्य है कि वो नागरिकों के अधिकार के लिए निष्पक्ष पत्रकारिता करें लेकिन जब मीडिया ही अपराध करने लगेगी तो आम आदमी खुद को कैसे देश में सुरक्षित महसूस करेगा ??
अब जनता यही प्रश्न कर रही है कि आम आदमी हो या कोई हिंदू नेता या साधु-संत होते है तो आधी रात को भी पुलिस गिरफ्तार कर लेती है पर इस बिकाऊ पत्रकार चौरसिया से क्यो डर रही है?
अब देखते है जनता की आवाज के बाद पुलिस कितना जल्दी गिरफ्तार करती है?
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Sunday, November 17, 2019

सरकार का एक और सराहनीय कदम, दुनियाभर के हिन्दुओं में खुशियाँ

17 नवम्बर 2019

*🚩भारत के अलावा अन्य देशों में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं और उनको वहाँ कोई विशेष अधिकार प्राप्त नही है, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में तो हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है, वहाँ वे नरक जैसी जिंदगी जी रहे हैं उन हिंदुओं के लिए एक ख़ुशी की बात है कि अब वे आसानी से भारत मे नागरिता हासिल कर सकेंगे।*

*🚩18 नवंबर से शुरु हो रहे शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल पेश करने की तैयारी में है।*

*🚩क्या है नागरिकता संशोधन बिल* 

*नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा रहा है, जिससे नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव होगा। नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।*

*🚩बिल का मकसद गैर-मुस्लिमों के लिए भारत की नागरिकता आसान बनाना:*

*इस बिल का मकसद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर-मुस्लिमों के लिए भारत की नागरिकता आसान बनाना है।*

*🚩इस बिल का कांग्रेस, सेक्युलर, और कुछ मुस्लिम विरोध कर रहे है। इस बिल को मुस्लिम विरोधी बता रहे है ये लोग एनआरसी का भी विरोध कर रहे थे।*

*🚩ये सब जो तर्क दे रहे है उन सबके तर्कों का सही खण्डन भी जान लीजिए ।*

*🚩तर्क नंबर 1 :-*

*भारत बाँहे फैला कर स्वागत करने वाला देश है, ना कि आये हुए लोगों को भगाने वाला...*

*खण्डन :*
*बाँहे फैलाकर स्वागत करने वाला भारत देश नही है, बल्कि हिन्दू हैं, हिन्दुओ से ही भारत का ये गुण है ।*

*मुसलमान पाकिस्तान में हैं और बंगलादेश में हैं , बांगलादेश ने उन्हें अपनाने से इंकार कर दिया है ।*

*🚩हिन्दुओं का ये गुण अब उनपर ही भारी पड़ रहा, हमने हर सभ्यता का स्वागत किया, तिब्बती आये उनको भी शरण दी, मुसलमानों को केरल में सबसे पहले हिन्दू राजा ने आश्रय दिया, लाहौर , सिंध सब हिन्दुओ का था, हमने ही इन्हें आश्रय दिया ।*

*🚩फिर इन्होंने हमारे ऊपर ही आक्रमण किया, हमें ही लूटा, हजारों साल तक हमारे ऊपर ही शासन किया, पहली मस्जिद केरल में बनी, आज वहाँ कोई नही जाता और इन्होंने मक्का मदीना को अपना पवित्र स्थल मान लिया, इतनें से पेट नही भरा तो आजादी के बाद, पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान के नाम से धर्म के आधार पर बँटवारा किया ।*

*🚩हमारा दिल बड़ा था, आज भी है पर तब हम मजबूत थे, आज बंटवारे के बाद हम बहुत कमजोर हैं, जब आपने धर्म के नाम पर बँटवारा कर लिया तो अब दिल का वास्ता देकर हमारे सीने पर मूँग दरने की कोई जरूरत नहीं है ।*

*🚩हमारे संसाधन हमसे छीनें जा चुके हैं, हम खुद अपना जीवन यापन के करने लिए लड़ रहे हैं, जमीन उतनी ही है और जनसंख्या बढ़ चुकी है ।*

*🚩तर्क नंबर 2:-*

*वो गरीब लोग हैं, बांगलादेश का बॉर्डर कोई बार्डर नहीं है, पोरस है, फेंसिंग नही है , लोग नदी पार कर के इंडिया आते हैं काम करते हैं और शाम को वापस चले जाते हैं ।*

*खण्डन :*

*🚩इस बात से मैं सहमत हूँ, इंडिया-बांग्लादेश ही नहीं बल्कि इंडिया-पाकिस्तान भी नेचुरल बॉर्डर नहीं है, बल्कि जिन्ना जैसे आतंकी सोच वाले लोगों की बोई गई फसल है, पर अब जब बँटवारा आपने कर लिया तो बॉर्डर का सम्मान तो करना पड़ेगा, हमारा देश आपकी खाला जान का घर नहीं, आप कमाएँ भी उस पार और रहें भी उस पार ।*

*🚩ऐसी नदियों पर BSF की पेट्रोलिंग होनी चाहिए ।*

*🚩तर्क नंबर 3:-*

*बांग्लादेशी हिंदुओं को क्यों बचाया जा रहा है ? वे भी घुसपैठिये हैं, उन्हें भी बाहर किया जाए ।*

*🚩खण्डन :*

*हिन्दुओ का मात्र एक देश है भारत , जहाँ भी मुस्लिम बहुसंख्यक हुआ है हिन्दुओ को प्रताड़ित होना पड़ा है , मुसलमानो के 56 मुल्क हैं, और उम्मते मुस्लिमा भी , क्या कोई देश अपने भाइयों को रहने की जगह नही देगा ?*

*🚩फिर क्या फायदा छोटा कुर्ता और बड़ी दाढ़ी रखने का ?*

*क्या फायदा मानसूनी जलवायु में भी रेगिस्तानी बुरका पहनने का ?*

*🚩हिंदुओं का स्वभाविक देश भारत है, इसलिए वो शरण लेने यही आएँगे । और जिन्होंने बँटवारा कर लिया अब वो अपने हिस्से में जाएँ ।*

*🚩पाकिस्तान में तो हिंदुओं को अपना कोई अधिकार ही नहीं दिया गया, नाबालिग लड़कियों को उठा ले जाते हैं, जमीन हड़प लेते हैं, पुलिस और सरकार उनकी सुनती नहीं है । यहां तक ही मुर्दो को जलाने के लिए श्मशान तक नहीं है, यही ही हालत बांग्लादेश और अफगानिस्तान में है । हिंदुओं के लिए सुरक्षित रहने का एकमात्र देश भारत ही है और उसको अगर यहाँ नागरिकता आसानी से मिलने के लिए सरकार कानून ला रही है उसके लिए देश-विदेश के हिंदुओं में खुशी की लहर है।*

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