Tuesday, December 3, 2019

कड़े कानून होने के बाद भी रेप की घटनाएं इन कारणों से हो रही हैं...

03 दिसम्बर 2019
http://azaadbharat.org
*🚩महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भारत में कड़े कानून बनाये गए हैं । यहाँ तक कि फाँसी का भी प्रावधान है। लेकिन फिर भी रेप नहीं रुक रहे हैं... इसका कारण स्पष्ट है पर उसपर ध्यान नहीं दिया जाता है और दूसरे मुद्दे भड़काए जाते हैं।*
*🚩अगर कड़े कानून से रेप रुक जाते तो विदेशों में इतने रेप नहीं होते ।*
*यौन हिंसा किसी एक देश की महिलाओं की समस्या नहीं है। पूरी दुनिया की महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे सबसे विकसित देशों में रेप की सबसे ज्‍यादा घटनाएं हुई हैं।*
*● अमेरिका में हर डेढ़ मिनिट में एक रेप होता है। 12 से 16 साल की 83 फीसदी लड़कियों का किसी ना किसी रूप में यौन उत्पीड़न किया गया है।* 
*● इंग्लैंड में हर 5 में के एक महिला किसी न किसी रूप में यौन हिंसा का शिकार हुई हैं।*
*● दक्षिण अफ्रीका में हर दिन औसतन 1400 रेप की घटनाएं होती हैं।*
*● स्‍वीडन में हर चार में से एक महिला रेप की शिकार हुई है।*
*● न्‍यूजीलैंड में हर तीसरी लड़की और हर छठा लड़का 16 साल की उम्र से पहले ही यौन शोषण का शिकार हो जाता है।*
*● कनाडा में हर साल 4,60,000 यौन हिंसा के मामले होते हैं।*
*● ऑस्ट्रेलिया में 2015 में जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक 18 वर्ष से ज्‍यादा उम्र के 52.2 लाख लोग यौन उत्पीड़न का शिकार थे।*
*● ज़िम्बाब्वे में हर दिन 16 महिलाओं के साथ रेप की वारदात हो रही है।*
*● फिनलैंड में हर 10 में एक महिला को 15 साल की उम्र से पहले ही किसी बालिग ने यौन हिंसा का शिकार बनाया ।*
*● भारत में हर 6 घंटे में एक महिला रेप का शिकार बन जाती है।*
https://hindi.news18.com/news/knowledge/know-which-10-countries-are-most-infamous-for-rape-average-1400-women-are-raped-daily-in-this-country-2652715.html
*🚩'भारत में पहले रेप नहीं होते थे लेकिन जबसे मुगल और अंग्रेज आये तबसे रेप शुरू हुए हैं।' इसके कारण स्पष्ट हैं ।*
*★1. शास्त्र अनुसार संयम- सदाचार की शिक्षा न देना...।*
*★2. फिल्मों, सीरियलों, इंटरनेट, विज्ञापनों, अखबारों आदि द्वारा अश्लीलता परोसना...।*
*★3. खुलेआम दारू आदि नशीले पदार्थों की बिक्री...।*
*★4. संयम- सदाचार की शिक्षा देने वाले साधु-संतों को षड्यंत्र के तहत जेल भेजना...।*
*★5. भारतीय हिंदू संस्कृति से विमुख होना...।*
*🚩कड़े कानून के साथ इसपर ध्यान दिया जाए तो रेप को घटनाएं बंद हो सकती हैं नहीं तो केवल कड़े कानून बनाने पर तो निर्दोष पुरुष भी झूठे केस के शिकार बन सकते हैं।*
*★1. शास्त्र अनुसार संयम- सदाचार की शिक्षा न देना...।*
*मनु स्मृति कहती है :-*
*"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: ,*
*यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया: ।"*
*अर्थात जिस कुल में नारियों की पूजा, अर्थात सत्कार होता है, उस कुल में दिव्यगुण , दिव्य भोग और उत्तम संतान होते हैं और जिस कुल में स्त्रियों की पूजा नहीं होती, वहां जानो उनकी सब क्रिया निष्फल है ।*
*🚩हमारे देश में नारी को 'नारायणी' भी कहा है, हमारे ऋषि-मुनि व शास्त्र ने तो ये भी आज्ञा दी है कि छोटी को बेटी समान, समकक्ष को बहन समान और बड़ी को माता समान मानो। अगर पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार नारी को भोग्या माना तो रेप जैसी घटनाएं होती रहेगी और भारतीय शास्त्र अनुसार नारी को नारायणी माना तो रेप हो ही नहीं सकते। इसलिए बच्चों को स्कूल में बचपन से वेदों को ज्ञान देना अत्यंत जरूरी है । उनमें संयम और सदाचार की शिक्षा दी गई है और उससे व्यक्ति महान बनाता है।*
*★2. फिल्मों, सीरियलों, इंटरनेट, विज्ञापनों, अखबारों आदि द्वारा अश्लीलता परोसना।*
*🚩सुबह से रात तक कई बार सनी लियोनी के गंदे विज्ञापन देखते हैं ..!! फिर दूसरे विज्ञापन में रणवीर सिंह शैम्पू के ऐड में लड़की पटाने के तरीके बताता है ..!! फिल्म्स आती है जिसमें चुम्बन, आलिंगन, रोमांस से लेकर गंदी कॉमेडी आदि सब कुछ दिखाया जाता है।*
*आज सोशल मीडिया इंटरनेट और फिल्मों में पोर्न परोसा जा रहा है । तो बच्चों के अंदर विकार आयेंगे और बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। सरकार को ऐसी अश्लीलता पर रोक लगानी चाहिए और जनता को इसका बहिष्कार करना चाहिए।*
*★3. खुलेआम दारू आदि नशीले पदार्थों की बिक्री ।*
*🚩भारत देश सभ्य देश है । इसमें नशा करना पाप माना गया है...पर आज जगह-जगह पर दारू बार खुल गया है जिसके कारण लोग नशे में चूर होकर रेप जैसी घटनाओं का अंजाम देते हैं।*
*★4. संयम सदाचार की शिक्षा देने वाले साधु-संतों को षड्यंत्र के तहत जेल भेजना।*
*🚩साधु-संत के प्रति लोगों की श्रद्धा होती है और वे वेदों और शास्त्रों का ज्ञान देते हैं, हमे संयम- सदाचार की ओर ले जाते हैं। करोड़ों लोगों के व्यसन छुड़ाते हैं, फ़िल्म आदि देखने के लिए मना करते हैं। वेलेंटाइन-डे जैसे त्यौहार की जगह माता-पिता का पूजन करवाते हैं, भारतीय संस्कृति के अनुसार अपना जीवन बनाने को शिक्षा देते हैं। गरूकुल खोलकर बच्चों को बचपन से ही धर्म के मार्ग पर अग्रसर करते हैं, जिसके कारण वे कोई अपराध नहीं करते हैं। इन सबके कारण विदेशी कम्पनियों को घाटा होता है क्योंकि उनके प्रोडक्ट कोई खरीदेगा नहीं जिससे मिशनरियां धर्मांतरण नहीं करवा पाएंगी। इसलिए हिंदू साधु-संतों को मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवाया जाता है जैसे कि शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, स्वामी असीमानन्द, संत आसाराम बापू, कृपालु महाराज आदि आदि...।*
*★5. भारतीय हिंदू संस्कृति से विमुख होना ।*
*🚩हमारी भारतीय संस्कृति इतनी महान है कि हम पर नारी को माता के समान समझते हैं लेकिन पाश्चात्य संस्कृति में नारी को भोग्या समझा जाता है जिसके कारण रेप जैसी घटनाएं बनती हैं । अगर भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने वाला परहित के लिए कार्य करता है, अपना स्वार्थ छोड़ देता है, वो प्राणीमात्र पर दया करता है । भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने वाला मनुष्य अपराध नहीं कर सकता, फ़िल्म आदि नहीं देखेगा, नशा नहीं करेगा, अर्धनग्न कपड़े नहीं पहनेगा इन बुराइयों से दूर रहेगा तो कोई अपराध होगा ही नहीं..... फिर कानून भी अपने आप पालन होगा।*
*🚩जनता कड़े कानून की मांग करे और सरकार भले कितने भी कड़े कानून बनाये लेकिन जबतक इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जायेगा तबतक बलात्कार जैसी घटनाएं रुकेंगी नहीं !! इसलिए सबसे पहले इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो कड़े कानून का 'घातक हथियार' के नाइ दुरुपयोग किया जा रहा है । कई निर्दोष पुरुषों को फंसाया गया है और वास्तव में जो महिलाएं पीड़ित हैं उनको न्याय नहीं मिल पाता है। इसलिए सरकार से नम्र निवेदन है कि कड़े कानून के साथ इन मुद्दों पर भी कार्य करे।*
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Monday, December 2, 2019

जॉनसन पाउडर उपयोग करते हैं तो हो जाइये सावधान, मिले कैंसरकारक तत्व !!

02 दिसम्बर 2019
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*🚩 विज्ञापन देखकर अधिकतर लोग ये सोचते हैं कि मार्केट में बच्चों के लिए जो प्रोडक्ट्स आते हैं, उनसे सुरक्षित शायद कुछ नहीं हो सकता है। वह हमारी स्किन के लिए बिल्कुल परफेक्ट होते हैं। माना जाता है कि बच्चों के प्रोडक्ट्स में दूध का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कि उनकी स्किन सॉफ्ट बनी रहे लेकिन आप ये बात नहीं जानते हैं कि इससे भी साइड इफेक्ट होते हैं और ऐसे साइड इफेक्ट्स जिससे कि आपकी जान भी जा सकती है।*
*भारत समेत कई देशों में बच्चों के लिए ज्यादातर लोग 'जॉनसन एंड जॉनसन' के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। लेकिन उससे कितना खतरनाक नुकसान होता है वे नहीं जानते हैं।* 
*🚩 33 हजार बेबी पाउडर वापस मंगाया....*
*बेबी प्रोडक्ट्स के जरिए हर घर में जगह बनानेवाली अमेरिकी कंपनी 'जॉनसन एंड जॉनसन' सवालों के घेरे में है ! दरअसल, कंपनी ने अमेरिका में लगभग 33 हजार बेबी पाउडर के बोतलों को वापस मंगाया है ! न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार बेबी पाउडर के नमूनों में एस्बेस्टस की मात्रा का पता लगा है !*
*🚩 क्‍या होता है एस्बेस्टस ?*
*एस्बेस्टस एक घातक कार्सिनोजेन है जिससे इंसानों में कैंसर बढने का खतरा होता है। यह पहली बार है जब अमेरिका की स्वास्थ्य नियामकों ने प्रोडक्ट में एस्बेस्टस की मात्रा का पता लगाया है ! वहीं पहली बार कंपनी ने अपने बेबी पाउडर प्रोडक्‍ट को बाजार से वापस मंगाया है !*
*🚩 बता दें कि अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन अपने बेबी पाउडर, शैम्‍पू और साबुन के जरिए भारत समेत दुनिया के अन्‍य देशों में एक खास पहचान बना चुका है ! हालांकि, कंपनी को अपने कई प्रोडक्ट्स की वजह से मुकदमा और जुर्माने का सामना करना पड़ा है ! हाल ही में एक शख्‍स ने प्रोडक्‍ट पर सवाल खड़ा करते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान जॉनसन एंड जॉनसन को दोषी पाया गया और 8 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगा है !*
*🚩 भारत में भी उठे हैं सवाल......!!*
*भारत में भी कई बार जॉनसन एंड जॉनसन विवादों के घेरे में रही है ! बीते अप्रैल में कंपनी के बेबी शैंपू पर सवाल खड़े हुए थे तो वहीं मई महीने में दिल्ली उच्च न्यायालय ने जॉनसन एंड जॉनसन को 67 मरीजों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था ! न्यायालय ने यह फैसला दोषपूर्ण कूल्हा प्रत्यारोपण उपकरण मुहैया कराने के मामले में दिया !*
https://divyabhaskar.page.link/VQ9C
*🚩 9000 केस लड़ रही है कंपनी.....*
*जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ अमेरिका में यह कोई पहला केस नहीं है। प्रोडक्ट के कारण कई बीमारियां सामने आने के बाद जॉनसन एंड जॉनसन कई देशों में लगभग 9000 से ज्यादा केस लड़ रही है। पहले भी अरबों रुपये का जुर्माना भरना पड़ा है ।*
*🚩 1970 से पाउडर में मौजूद है अबस्टस.....*
*कोर्ट में केस करने वाली महिलाओं का कहना है कि बेबी पाउडर में अबस्टस की मौजूदगी साल 1970 से प्रमाणित है इसके बावजूद कंपनी ने ग्राहकों को न तो इसके बारे में जानकारी दी है और न ही इससे होने वाले खतरों से आगाह किया है।*
*🚩 कोर्ट ने दिया मुआवजा देने का आदेश...*
*दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि 'महिलाओं को कैंसर बेबी पाउडर के कारण ही हुआ है।' पीड़ित महिलाओं की बात सुनने के बाद कोर्ट ने कंपनी को मुआवज़ा देने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने 22 पीड़ित* *महिलाओं को 4.69 अरब डॉलर के मुआवज़े का आदेश जारी किया है। कोर्ट के आदेश के बाद जहां 550 मिलियन डॉलर हर्जाने के रूप में देने के आदेश हुए, वहीं 4.14* *बिलियन डॉलर का कंपनी पर दंड लगाया है।*
https://zeenews.india.com/hindi/world/johnson-johnson-to-pay-4-7bn-dollar-damages-in-talc-cancer-case/418370
*🚩 यदि आप अपने नवजात शिशु या बच्‍चे के शरीर पर जॉनसन एंड जॉनसन का पॉउडर या बेबी ऑयल या कोई अन्‍य उत्‍पाद इस्‍तेमाल कर रहे हैं, तो सावधान हो जायें। इसमें इथाइल ऑक्‍साइड हो सकता है। यही कारण है कि महाराष्‍ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन (एफ.डी.ए) ने मुंबई में मुलुंड स्थित कंपनी के प्‍लांट का लाइसेंस निलंबित कर दिया था।*
*🚩 जॉनसन के टैल्कम पाउडर के साइड इफेक्ट्स....*
*1.सांस संबंधी बीमारी*
*🚩 कुछ समय पहले 'अमेरिकी एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स' ने अपने एक शोध में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के टैल्कम पाउडर का बच्चों और शिशुओं पर उपयोग न करने की सलाह दी थी, क्योंकि इसके ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों में 'टैल्कोसिस' नामक सांस संबंधी बीमारी के लक्षण देखे गए थे।  टैल्कोसिस टैल्कम पाउडर की वजह से होने वाली एक सांस संबंधी बीमारी है। शिशु या बच्चों पर इसका पाउडर लगातार प्रयोग घातक हो सकता है।*
*2. त्वचा परेशानियां*
*🚩 जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के टैल्कम पाउडर के इस्तेमाल से त्वचा संबंधी कई बीमारियां भी होती हैं। इसके लगातार उपयोग से बच्चे की त्वचा रूखी(ड्राई), एक्जिमा, सोरायसिस इत्यादि जैसी अन्य त्वचा समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा शरीर की प्राकृतिक गंध को भी ये पाउडर खत्म कर देता है।*
*3. ओवेरियन कैंसर (अंडाशय कैंसर)*
*🚩जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के टैल्कम पाउडर के साइड इफेक्ट्स केवल छोटे बच्चों पर ही नहीं पड़ते बल्कि महिलाओं पर भी इसका असर बड़े पैमाने पर देखा गया है। एक अध्ययन के मुताबिक जहां महिलाएं अपने निजी अंगों की सफाई के लिए जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के टैल्कम पाउडर इस्तेमाल करती थीं, उनमें ओवेरियन कैंसर (अंडाशय कैंसर) के खतरा पाया गया ।*
*🚩 बता दें कि बेबी पाउडर कण गर्भ के माध्यम से फैलोपियन ट्यूबों और अंडाशय में यात्रा करते हैं। कण हानिकारक होते हैं क्योंकि शरीर उन्हें तोड़ने में असमर्थ होता है। चिंता की बात ये है कि ओवेरियन कैंसर (अंडाशय कैंसर) बच्चे के पाउडर का उपयोग करने का लंबे समय तक उपयोग करने से होता है।*
https://www.haribhoomi.com/lifestyle/johnson-s-baby-powder-side-effects-in-hindi
*🚩 विदेशी कम्पनियों के टीवी, अखबार, इंटरनेट आदि में विज्ञापन देकर जनता को लुभाती है और पढ़े लिखे लोग भी मूर्ख बन जाते हैं और उनके प्रोडक्ट्स खरीद के उपयोग करते हैं जो आपके स्वास्थ्य और पैसे की बर्बादी करता है अतः विदेशी कम्पनियों के प्रोडक्ट्स से सावधान रहें और आज से ही स्वदेशी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके सुखी, स्वस्थ्य रहें ।*
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Sunday, December 1, 2019

के के मुहम्मद ने खोला राज... बताया कि भारत के मुसलमान के पूर्वज कौन ?

01 दिसम्बर  2019

*🚩 भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( ए.एस.आई ) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक के के मुहम्मद ने अयोध्या, राम मंदिर को लेकर आए फैसले के बाद एक इंटरव्यू में कहा कि 'डाकुओं को समझाना आसान है, लेकिन कम्युनिस्टों को नहीं !!' इस दौरान उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि :- 'चंबल घाटी स्थित बटेश्वर मुख्य मंदिर समेत अन्य मंदिरों का संरक्षण डाकू निर्भय गुर्जर के सहयोग से हुआ था। निर्भय गुर्जर के मारे जाने के बाद मंदिर पर फिर से खतरा मंडराने लगा था। इसके दोबारा संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन प्रमुख के.एस. सुदर्शन आगे आए थे।'* 

*🚩 उन्होंने बताया कि :- 'जब वो चंबल गए तो वहाँ पर डाकुओं का बोलबाला था। उन्होंने निर्भय सिंह गुर्जर नाम के डाकू से भारतीय धरोहरों की सुरक्षा करने और मंदिर बनाने की बात की।' बता दें कि निर्भय सिंह गुर्जर डाकुओं का मुखिया था। उन्होंने निर्भय सिंह को भारतीय इतिहास और महत्व के बारे में बताया। इस पर निर्भय सिंह ने मंदिरों के संरक्षण के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया। जिसके बाद उन्होंने 2 से 3 साल में प्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर समेत कुल 80 मंदिरों का संरक्षण कार्य पूर्ण करवाया। उन्होंने बताया कि :- 'फिलहाल चंबल घाटी में तकरीबन 200 मंदिर हैं।'*

*🚩 अयोध्या राम मंदिर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'सभी संरचना की कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिसके आधार पर आप कह सकते हैं कि ये मंदिर था,... मस्जिद था,... या फिर चर्च। इस संरचना के नीचे पूर्ण कलश, अष्टमंगल, मूर्तियाँ आदि मौजूद थे, जो कि यह प्रमाण देते हैं कि वो ढाँचा मंदिर का था। इसके साथ ही सुग्रीव के बड़े भाई बालि को मारने और 10,000 राक्षसों को मारने के साक्ष्य हैं और सभी जानते हैं कि ये दोनों काम भगवान राम ने किया है।'*

*🚩 आगे उन्होंने कहा कि 'मुसलमान के लिए ये एक मौका है कि वो आगे आकर मंदिर निर्माण में सहयोग दें।' हालाँकि, उन्होंने यह बात स्वीकारी है कि भारतीय मुस्लिम को अयोध्या पर फैसले से कोई दिक्कत नहीं है। अफगानी मुस्लिम लोग मंदिरों का विध्वंश करते हैं। कई और मंदिर हैं... जिनका विध्वंस किया गया है, लेकिन लोग उसके बारे में नहीं जानते हैं, क्योंकि वो अयोध्या की तरह प्रकाश में नहीं आया। उन्होंने कहा कि इसमें कम्युनिस्ट कहानीकार (इतिहासकार) इरफान हबीब जैसे लोग और जे.एन.यू के लोग समर्थन देते हैं।*

*🚩 के के मुहम्मद ने कहा कि 'जिस तरह से मुस्लिमों के लिए मक्का-मदीना मायने रखता है, उसी तरह से अयोध्या हिंदुओं के लिए महत्व रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये मस्जिद अजमेर शरीफ, ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती या फिर निजामुद्दीन से संबंधित होता तो वो उनके साथ खड़े होते, लेकिन ये एक साधारण सा मस्जिद था। और हिन्दुओं के लिए यह मुस्लिमों के मक्का-मदीना की तरह है। इसके साथ ही उन्होंने एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि काशी और मथुरा का मंदिर भी हिंदुओं का है और उसी के हक में आएगा।*

*🚩 मदरसे में पढ़ाई को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मदरसे में 'सेमेटिक रिलीजन' की पढ़ाई होती है। सेमेटिक रिलीजन कहने का मतलब उनका ये था कि 'अगर आप मुस्लिम नहीं हैं तो आपको जन्नत नसीब होगा, क्रिश्चन नहीं तो जन्नत नहीं मिलेगा।' वहीं उन्होंने हिन्दू धर्म के बारे में बात करते हुए कहा कि इसमें आप राम, कृष्ण, शिव किसी भी भगवान की पूजा कर सकते हैं, नहीं भी कर सकते हैं… ये है हिन्दू !! साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों के लिए एक देश बनाया गया है- पाकिस्तान। मगर भारत में ऐसा नहीं है, और अगर भारत में ऐसा है तो सिर्फ बहुसंख्यक हिन्दुओं की वजह से। भारत को हिन्दू जैसे धर्म की जरूरत है। अगर भारत सेक्युलर है तो हिन्दू की वजह से।*

*🚩 आगे उन्होंने यह भी कहा कि जो मुसलमान कह रहा है कि उनके पूर्वज राम-कृष्ण नहीं हैं, तो इसका मतलब है कि वो भारत के मुस्लिम नहीं हैं, वो किसी और देश के मुसलमान हैं। उन्होंने अपने एक शिक्षक अबु बकर के बारे में बताते हुए कहा कि वो 'टिपिकल' मुल्ला थे। रोज सुबह मस्जिद जाते थे, नमाज पढ़ते थे, लेकिन वो उनको रामायण और महाभारत भी पढ़ाते थे। उन्होंने कहा कि रामायण- महाभारत सिर्फ भारत का नहीं बल्कि समस्त साउथ एशियन देशों की भी धरोहर है।*

*🚩 इस दौरान एक दर्शक ने उनसे सवाल पूछते हुए कहा कि :- 'राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ऐसा दिखाया गया कि इसमें किसी की हार नहीं हुई है। हिन्दू-मुस्लिम एक है। मगर इसमें सबसे बड़ी हार मार्क्सवादियों की हुई, जिसे मीडिया वालों ने नहीं दिखाया। इस पर उनकी राय क्या है ?' तो के के मुहम्मद ने इसका जवाब देते हुए कहा कि :- '34-35 साल की लड़ाई के बाद मार्क्सवादियों और वामपंथी इतिहासकारों की बड़ी हार हुई है।' उन्होंने कुछ कम्युनिस्टों का उदाहरण देते हुए कहा कि :- 'हालाँकि ये लोग अच्छे होते हैं, मगर इरफान हबीब जैसे कुछ इतिहासकार बिल्कुल इसके विपरीत अपना नैरेटिव गढ़ते हैं, जो कि अब पूरी तरह से फेल हो चुका है।'*

*🚩 उन्होंने कहा कि :- 'इसको टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे मुख्य समाचार पत्र तरजीह देते हैं। के के मुहम्मद ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के साथ दिए एक इंटरव्यू के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने समाचार पत्र को एक बयान दिया था जिसे उसने एक बार प्रकाशित किया और फिर दोबारा उसने बिना उनसे पूछे, बिना उनकी अनुमति लिए अपने तरीके से अपना प्रोपगेंडा फैलाने के लिए इस्तेमाल किया कि वो ( के के मुहम्मद ) अयोध्या मामले से जुड़े हुए नहीं है। - स्त्रोत : ऑप इंडिया*

*🚩 सभी स्वीकार करते हैं कि भारतीय मुसलमानों के पूर्वज हिन्दू थे। उनको तलवार की नोक पर मुसलमान बनाया गया अर्थात् वे स्वेच्छा से मुसलमान नहीं बने। के के मुहम्मद जैसे सच्चे मुसलमान स्वीकार भी करते हैं कि उनको जबरदस्ती मुसलमान बनाया गया है, भारत में हिंदू धर्म की ही जरूरत है क्योंकि हिन्दू धर्म ही विश्व शांति ला सकता है।*

*🚩 हिन्दुत्व एक व्यवस्था है.... मानव से महामानव और महामानव से महेश्वर बनाने की । यह द्विपादपशु सदृश उच्छृंखल व्यक्ति को देवता बनाने वाली एक महान परम्परा है । 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' का उद्घोष केवल इसी संस्कृति के द्वारा किया गया है.....।*

*🚩 विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता भारत में ही मिली है । संसार का सबसे पुराना इतिहास भी यहीं पर उपलब्ध है । हमारे ऋषियों ने उच्छृंखल यूरोपियों के जंगली पूर्वजों को मनुष्यत्व एवं सामाजिक परिवेश प्रदान किया, इस बात के लाखों ऐतिहासिक प्रमाण आज भी उपलब्ध हैं ।*

*अतः हिंदू धर्म की महिमा समझें और उसकी रक्षा करने के लिए तत्पर रहें ।*

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Saturday, November 30, 2019

राजीव दीक्षित कौन थे ? वे भारत को कहाँ ले जाना चाहते थे ?

30 नवम्बर 2019

*🚩 राजीव दीक्षित अगर जिंदा रहते तो अब तक भारत में स्वदेशी और आयुर्वेद का शायद सबसे बड़ा ब्रांड बन चुका होता। राजीव भाई ने राष्ट्रवाद की कल्पना ‘स्वदेशी और अखंड भारत’ के इर्द-गिर्द बुनी थी।* 

*🚩 श्री राजीव दीक्षित की जीवनी समाज के लिए एक ऐसी प्रेरणा है जो किसी को भी अपने देश के गौरवशाली अतीत की तरफ स्वतः ले जाती है । भारत के प्राचीन पद्धति के सहारे से भले ही कोई विकसित कहा जाने लगा हो लेकिन राजीव दीक्षित जी के व्याख्यानों से दुनिया ने जाना कि जहां आज तथाकथित विकसित लोग हैं, वहां से भी आगे हम हजारों वर्ष पहले थे। ओजस्वी वक्ता, क्रांतिकारी विचारधारा के प्रणेता व आयुर्वेदिक पद्धति के पुनरुद्धारक श्रद्धेय राजीव दीक्षित जी का आज ( 30 नवम्बर) जन्मदिवस व बलिदान दिवस है।*

*🚩 30 नवंबर, 1967. यूपी के अलीगढ़ में राधेश्याम दीक्षित और मिथिलेश कुमारी के घर एक बच्चा पैदा हुआ, जिसे उन्होंने राजीव नाम दिया। शुरुआती पढ़ाई वैसे ही हुई, जैसे यूपी के किसी मिडिल क्लास फैमिली के बच्चों की होती है। लेकिन इलाहाबाद में बीटेक करने के दौरान राजीव को उनका मकसद मिला। यहां अपने टीचर्स और कुछ साथियों के साथ राजीव भाई ने ‘आजादी बचाओ आंदोलन’ शुरू किया। उद्देश्य था भारत का सब कुछ स्वदेशी बनाना। IIT से एमटेक करने के बाद राजीव भाई ने कुछ वक्त तक CSIR में काम किया। बताते हैं कि इस दौरान उन्होंने डॉ. कलाम के साथ भी काम किया। यहां से निकलने के बाद राजीव भाई की जिंदगी का एक ही मकसद था- 'राष्ट्रसेवा' ! इसके मायने, पैमाने और तरीके उनके खुद के ईजाद किए हुए थे और वो यही करते रहे।*

*🚩श्री राजीव दीक्षित का राष्ट्रवाद...*

*राजीव भाई का मानना था कि भारत का पूरा मौजूदा सिस्टम पश्चिमी देशों का पिछलग्गू है, जिसे बदलने की जरूरत है। भारत के एजुकेशन सिस्टम को मैकाले की देन बताने वाले राजीव भाई के मुताबिक एजुकेशन के लिए गुरुकुल सिस्टम बेस्ट है। यहां की ज्यु़डिशियरी और लीगल सिस्टम अंग्रेजों के बनाए हुए कानून की फोटोकॉपी जैसा है, जिसके कई कानून भारतीयों का अपमान करने वाले हैं और इसे बदला जाना चाहिए। इकॉनमिक सिस्टम के बारे में राजीव का मानना था कि देश का टैक्सेशन सिस्टम डिसेंट्रलाइज्ड कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि यही देश में भ्रष्टाचार की जड़ है।*

*🚩 इनका दावा था कि देश का 80% टैक्स रेवेन्यू नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के हिस्से में जाता है। भारत के बजट सिस्टम को ब्रिटेन से प्रेरित बताने वाले राजीव 500 और 1000 के नोट बंद करने की सलाह देते थे। इनके हिसाब से लिब्रलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन भारत के सबसे बड़े दुश्मन हैं, जो भारत को आत्मघाती स्थिति में ले जा रहे हैं। राजीव भाई कहते थे कि देश के विचारकों ने खेती के क्षेत्र में पर्याप्त काम नहीं किया, जिसकी वजह से आज किसान खुदकुशी करने को मजबूर हैं।*

*🚩 विदेशी कंपनियों को देश से बाहर करना...*

*भारत में रामराज्य स्थापित करने के धुर समर्थक राजीव भाई के मुताबिक भारत के मेडिकल सिस्टम को आयुर्वेद आधारित किए जाने की जरूरत है, क्योंकि एलोपैथी शरीर को नुकसान पहुंचाती है और इससे पैसा विदेश चला जाता है। उनके मुताबिक विदेशी कंपनियों को भारत में बिज़नेस करने का अधिकार नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था कमजोर होती है, देश का पैसा बाहर जाता है, विदेशी कंपनियां घटिया माल बनाकर भारतीयों को बेचती हैं और भारत का पश्चिमीकरण हो रहा है। अपने कैंप्स में इन्होंने भारतीय कंपनियों के नाम के पर्चे भी बंटवाए, ताकि लोगों को पता चल सके कि कौन भारतीय कंपनियां हैं और कौन नहीं।*

*🚩 स्वदेशी का प्रचार...*

*गाय के गोबर से ईंधन बनाने और गोरक्षा की बात में आगे थे राजीव भाई। एमटेक करने के बाद से इन्होंने पूरे देश में घूम-घूमकर स्वदेशी का प्रचार किया। राजीव भाई ने 13 हजार से ज्यादा व्याख्यान किए, जिसके बाद इनके छह लाख से ज्यादा समर्थक होने का दावा किया जाता है। अपने व्याख्यानों में ये भारत के शानदार इतिहास का जिक्र करते हुए सब कुछ स्वदेशी रखने का आग्रह करते थे।*

*🚩 उनके दिमाग में भारत के पिछले 1500 वर्ष और विश्व के सभी देशों का 500 वर्ष का इतिहास मौखिक रूप से याद था, जिसके कारण उन्हें चलता-फिरता कंप्यूटर कहा जाता था।*


*🚩 उनका निधन 30 नवंबर 2010, को छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुआ। उनकी असामयिक मृत्यु कई ऐसे सवाल छोड़ गई है जो आज भी जवाब की प्रतीक्षा में है .. स्वदेशी आंदोलन के इस महान प्रणेता को उनके बलिदान दिवस पर बारम्बार नमन करते हैं।*

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