Wednesday, December 18, 2019

भारत में क्रिसमस डे की जगह तुलसी पूजन दिवस की मची है धूम

*🚩भारत में क्रिसमस डे की जगह तुलसी पूजन दिवस की मची है धूम*
18 दिसंबर 2019
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*🚩25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक क्रिसमस-डे मनाया जाता है, जिसमें त्यौहार के नाम पर दारू पीना, मांस खाना, पार्टी में दुष्कर्म करना, महिलाओं से छेड़छाड़ी करना आदि कृत्य होते हैं, ऐसे त्यौहार को कुछ भोले भारतवासी भी मनाने लगे थे पर अब धीरे-धीरे अपनी संस्कृति की तरफ लौट रहे हैं । भारतवासियों को लग रहा है कि क्रिसमस हमारी संस्कृति व सभ्यता को नष्ट कर देगी और हमारा जीवन बर्बाद कर देगी जिसकी वजह से क्रिसमस डे से उपराम हो रहे हैं ।*
Seva Activities

*🚩पश्चिमी संस्कृति का, क्रिसमस-डे, मनाने जैसा त्यौहार नहीं है इसलिए भारत में ज्यादातर लोगों ने 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने के लिए पहले से ही तुलसी पूजन शुरू कर दिया है, भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी इस दिन को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है ।*
*🚩इस बेवसाइट पर http://www.ashram.org/Ashram/SevaActivities आप देख सकते हैं ,देश-विदेश में 25 दिसम्बर निमित्त तुलसी पूजन की धूम मची है ।*
*🚩ट्वीटर पर भी रविवार ( 15 दिसंबर) को 25 दिसंबर तुलसी पूजन दिवस के निमित्त #तुलसी_पूजन_दिवस_एक_अनूठी_पहल हैश टैग के जरिये लगातार ट्वीट्स देखने को मिल रही हैं ।*
*🚩केवल भारत के ही लोग नहीं , बल्कि कैलिफोर्निया, दुबई आदि से भी लोग तुलसी पूजन करके ट्वीटस कर रहे हैं ।*
*🚩आपको बता दें कि 25 दिसम्बर से 1 जनवरी के दौरान शराब आदि नशीले पदार्थों का जमकर सेवन होता है, जिससे आत्महत्या जैसी घटनाएँ, युवाधन की तबाही एवं अवांछनीय कृत्य खूब होते हैं इसलिए देश में सुख, सौहार्द, शांति बढ़े व जन-समाज का जीवन स्वस्थ और मंगलमय हो इस उद्देश्य से हिन्दू संत आसारामजी बापू की प्रेरणा से वर्ष 2014 से 25 दिसम्बर को ‘तुलसी पूजन दिवस मनाना प्रारम्भ हुआ । इस पर्व को जनता ने भी खूब सराहा और इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की । इस पर्व की लोकप्रियता विश्वस्तर पर देखी गयी ।*

http://www.ashram.org/Ashram/SevaActivities
*🚩तुलसी पूजन से बुद्धिबल, मनोबल, चारित्र्यबल व आरोग्यबल बढ़ता है । मानसिक अवसाद, दुर्व्यसन, आत्महत्या आदि से लोगों की रक्षा होती है और लोगों को भारतीय संस्कृति के इस सूक्ष्म ऋषि-विज्ञान का लाभ मिलता है ।*
*🚩विदेशों में भी होती है तुलसी पूजा-*
*🚩मात्र भारत में ही नहीं वरन् विश्व के कई अन्य देशों में भी तुलसी को पूजनीय व शुभ माना गया है। ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन नूतन वर्ष भाग्यशाली हो इस भावना से चढ़ायी गयी तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थीं।*
*🚩तुलसी पूजन की शास्त्रों में महिमा*
*🚩अनेक व्रतकथाओं, धर्मकथाओं, पुराणों में तुलसी महिमा के अनेकों आख्यान हैं ।*
*🚩वैज्ञानिक भी तुलसी को मानते हैं लोहा...*
*🚩डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधानों से यह सिद्ध हुआ है कि ‘तुलसी में एंटी ऑक्सीडंट गुणधर्म है और वह आण्विक विकिरणों से क्षतिग्रस्त कोशों को स्वस्थ बना देती है, कुछ रोगों एवं जहरीले द्रव्यों, विकिरणों तथा धूम्रपान के कारण जो कोशों को हानि पहुँचानेवाले रसायन शरीर में उत्पन्न होते हैं, उनको तुलसी नष्ट कर देती है ।*
*🚩अतः विष्णुप्रिया तुलसी हर घर में होनी चाहिए । सभी लोग संकल्प लें कि 25 दिसम्बर को तुलसी जी की पूजा करके उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे।*
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Tuesday, December 17, 2019

हिंदुत्व के लिए आवाज उठा रहे हैं तो सावधान, हो सकती है जेल

17 दिसंबर 2019

*🚩सनातन हिंदू संस्कृति ही एक ऐसी संस्कृति है जो प्राणिमात्र का हित चाहती है और करती है, यही संस्कृति विश्वभर में फैलेगी, और उसके अनुसार मनुष्य चलने लगेगा तभी विश्व में शांति आ सकती है, और हर व्यक्ति स्वस्थ्य, सुखी और सम्मानित जीवन जी सकता है। लेकिन दुर्भाग्य यह है इस संस्कृति के प्रचार प्रसार करने के लिए जो आगे आते हैं उनको ही प्रताड़ित किया जाता है।*
JNU

*🚩अभिनेत्री पायल रोहतगी ने जब हिंदुत्व के लिए आवाज उठाना शुरू कर दिया और एक के बाद एक सच्चाई सामने लाने लगी तब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई और गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।*

*🚩बता दें कि पायल को बूँदी पुलिस ने रविवार (दिसंबर 15, 2019) को अहमदाबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। उन्हें लूट और हत्या समेत अन्य आपराधिक मामलों में आरोपित महिला कैदियों के साथ जेल में रखा गया था। हालांकि राजस्थान के बूँदी एडीजे कोर्ट ने जेल में बंद अभिनेत्री पायल रोहतगी को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उन्हें जमानत दे दी है।*

*🚩लेकिन जब देशविरोधी व हिंदू विरोधी नारे लगते हैं या लगाते हैं जैसे कि :-*

*● भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह" - जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी*

*● "हिंदुत्व की कब्र खुदेगी" - अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी*

*● "हम को चाहिए आज़ादी, हिंदू से चाहिए आज़ादी, छीन के लेंगे आज़ादी...।" - जामिया*

*● "15 मिनट पुलिस हटा दो, हिंदुओं को खत्म कर देंगे" - अकबरुद्दीन ओवैसी*

*🚩इनकी न गिरफ्तारी होती है और न ही जेल भेजा जाता है जबकि यही लोग देश तोड़ने का कार्य करते हैं।*

*🚩केवल पायलजी ने ही हिंदुत्व के लिए आवाज उठाई हो और उनको जेल हुई है ऐसा नहीं है इससे पूर्व में और वर्तमान में कई हिन्दूनिष्ठ व्यक्तियों को जेल भेजा गया है कई जगह तो उनकी हत्या भी करवा दी गई है, मीडिया भी उनको ही बदनाम करती है।*

*🚩साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी असीमानंदजी, कर्नल पुरोहित, डीजी वंजारा जी आदि हिंदुनिष्ठ लोगों को सालों जेल में रखकर प्रताड़ित किया गया।*

*🚩शंकरचार्य जयेंद्र सरस्वती, स्वामी नित्यानंद आदि साधु-संतों को मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवाया गया।*

*🚩वर्तमान में हिंदू संत आसारामजी बापू को जेल में रखा गया है, 6 साल में एक दिन भी जमानत नहीं दी गई जबकि हिंदू संत आसारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई, आदिवासियों में जीवनोपयोगी सामग्री दी और हिंदू धर्म की महिमा बताई, जिससे धर्मांतरण वालों की दुकानें बंद हो गईं। उन्होंने करोड़ों लोगों को सदाचारी बनाया, भारतीय संस्कृति से अवगत कराया, करोड़ों लोगों के व्यसन छुड़वाए।  14 फरवरी को वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया,  25 दिसंबर को तुलसी पूजन शुरू करवाया जिससे विदेशी कम्पनियों की कमर टूट गई इसलिए ईसाई मिशनरियों व विदेशी कम्पनियों ने मिलकर कुछ नेताओं को खरीद लिया और उनपर झूठे केस करवाए तथा मीडिया को भारी फंडिग देकर उनकी बदनामी करवाई ।*

*🚩दारा सिंह उर्फ़ रविंदर पाल जी ग्राम ककोर , फफूंद , जिला औरैया के निवासी ने लाखों हिन्दुओं को ख़त्म कर देने वाले मिशनरी से लड़ाई लड़ी लेकिन 20 सालों से जेल में बंद है ये हिन्दू योद्धा !*

*🚩धर्मपरिवर्तन और गौ हत्या के विरुद्ध दारा सिंह के प्रतिकार की सजा इतनी भी नहीं होनी चाहिए जितनी उनको दी गयी।*

*🚩अब आप समझ गए होंगे कि हिंदुओं के लिए आवाज उठाने का परिणाम क्या आता है इसलिए आपको बताया गया कि हिंदुओं के लिए आवाज उठाने वाले सावधन, जेल भी हो सकती है।*

*🚩आपको स्पष्ट कर दें कि इन सब बातों से डरना नहीं चाहिए क्योंकि अपने धर्म में प्राण चले जाएं तो भी आखरी तक लड़ाई लड़नी चाहिए जैसे महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, गुरु अर्जुनदेव, गुरु तेगबहादुरजी, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, चन्द्रशेखर आज़ाद आदि ने अपने धर्म की रक्षा के लिए अनेक यातनाएं सहन की यहाँ तक कि अपने  प्राण दे दिया लेकिन धर्म व देश की रक्षा के लिए एक कदम भी पीछे नहीं हटे आप भी उनका ही अनुसरण करना ।*

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Monday, December 16, 2019

तोड़-फोड़, मजहबी नारों के पीछे गहरी साजिश, CAA से कोई लेना देना नहीं

16 दिसंबर 2019
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*🚩नागरिकता संशोधन बिल यानी गुरुवार को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बना। इसके बाद से ही, खासकर जुमे की नमाज के बाद से दिल्ली, अलीगढ़, मुर्शिदाबाद, पटना से विरोध के नाम पर हिंसा करने पर अमादा समूहों की खबरें लगातार सामने आ रही है।*
*🚩विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि ये कानून देश के हर मुसलमान के मानवाधिकार उनसे छीन लेगा और भारत को हिंदुत्व राष्ट्र बना देगा…अब ऐसे में इस बात में कितनी सच्चाई है, इसके लिए जानना जरूरी है कि आखिर नागरिकता कानून है क्या? और आखिर क्यों मुसलमान इसे अपने खिलाफ़ मान रहे हैं? आखिर क्यों देश की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़ा किया जा रहा है? और क्यों पढ़ा-लिखा तबका भ्रम फैलाकर इसपर अपना प्रोपोगेंडा चला रहा है।*
क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA) ?
*🚩क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA) ?* 
*🚩9 दिसंबर को लोकसभा, 11 दिसंबर को राज्यसभा और 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अस्तित्व में आए नागरिकता संशोधन कानून का मूल उद्देश्य केवल उन अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) धर्म के लोगों को नागरिकता प्रदान करना है, जिन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ्गानिस्तान में धार्मिक कारणों से प्रताड़ित किया गया। इसके अलावा इस कानून का दूसरा उद्देश्य घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें उनके मुल्क वापस भेजना भी है। इसके अलावा इस कानून का तीसरा कोई उद्देश्य नहीं है।*
*🚩फिर विरोध के नाम पर हिंसा क्यों?*
*🚩CAA के विरोध में सड़कों पर उतरा देश का एक निश्चित तबका मान चुका है कि ये कानून मुसलमानों का भारत में अस्त है। वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बार-बार दोहराया था कि इससे देश के मुसलमान को परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। परेशानी की बात सिर्फ़ उन लोगों के लिए है जो अवैध रूप से देश में दाखिल हुए।*
*🚩हालाँकि, इसके बाद भी कुछ लोगों का कहना है कि जब अन्य समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जा रही है तो इसमें मुस्लिमों का नाम क्यों नहीं शामिल है? खुद सोचिए…तीन ऐसे देश, जहाँ पर पहले ही मुसलमान बहुसंख्यक हैं और वहाँ उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, उनके मजहब को सम्मान से स्वीकारा जाता है, उन्हें इबादत के लिए रोका नहीं जाता, उनके धार्मिक स्थलों पर किसी मजहब का खतरा नहीं मंडराता और उनकी बहन-बेटियों का जबरन धर्म परिवर्तन नहीं किया जाता, तो फिर आखिर उनको भारत में किस आधार पर जगह दी जाए। क्या सिर्फ़ इसलिए कि घुसपैठियों को भी नागरिक होने का वैधानिक दर्जा मिल जाए?*
*🚩सोचिए! क्या वाकई हमारे देश का पढ़ा-लिखा तबका इतना मूढ़ हो चुका है कि उसे लगता है कि घुसपैठियों को वापस भेजने से उन पर या देश की धर्मनिरपेक्षता पर खतरा मंडराएगा। क्या वाकई ये विरोध में उतरी भीड़ चाहती है कि 1 अरब 30 करोड़ की आबादी वाले देश में ऐसे घुसपैठियों को जगह दी जाए, जो बिना मजबूरी के भारत में घुस आए हैं और जो अब शरणार्थियों के नाम पर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं? या फिर ये मान लिया जाए कि वामपंथी गिरोह की तरह ये लोग भी केवल देश के अन्य लोगों में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं? या ये समझा जाए कि ये भीड़ शायद इस कानून के मूल उद्देश्यों से सचेत ही नहीं है?*
*🚩देश का मुसलमान क्यों नहीं है खतरे में…*
*🚩देश का हर व्यक्ति जिसके पास भारत की नागरिकता है। उसे कानून रूप से कोई भी देश से अलग नहीं भेज सकता। फिर चाहे वो मोदी सरकार हो या फिर उनका लाया नागरिकता संशोधन कानून।*
*🚩कौन है देश का नागरिक?*
*🚩नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत नागरिकता हासिल करने के चार तरीके हैं:*
●जन्म से नागरिकता (धारा 3)
●वंश द्वारा नागरिकता (धारा 4)
●पंजीकरण द्वारा नागरिकता (धारा 5)
●प्राकृतिकिकरण द्वारा नागरिकता। (धारा 6)
*🚩जन्म के आधार पर नागरिकता*
*🚩अधिनियम की धारा 3 जन्म से संबंधित नागरिकता है। इस कानून को पहली बार 1955 में बनाया गया था। जिसके अनुसार 1 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत में पैदा हुए लोग भारतीय नागरिक होंगे। हालाँकि कुछ समय बाद इसमें एक संशोधन हुआ और इस प्रकार की नागरिकता को उन लोगों के लिए सीमित किया गया जो 1 जनवरी 1950 और 1 जनवरी 1987 के बीच भारत में पैदा हुए।  इसके बाद पैदा हुए लोगों के लिए अनिवार्य किया गया कि नागरिकता के लिए माता-पिता में से किसी एक का भारतीय होना जरूरी है। इसके बाद साल 2003 में इस प्रकार की नागरिकता देने वाले कानून को और कठोर किया गया और जिसमें कहा गया है कि 3 दिसंबर, 2004 के बाद पैदा हुए वो लोग, जिनके माता-पिता में से एक भारतीय हो और दूसरा अवैध प्रवासी न हो, वे भारतीय नागरिकता के पात्र होंगे।*
*🚩वंश के आधार पर नागरिकता*
*🚩भारत के बाहर पैदा हुआ ऐसा व्यक्ति जिसके माता-पिता उसके जन्म के समय भारत के नागरिक थे, तो वह वंश के आधार पर भारत का नागरिक होगा। हालाँकि इसमें एक शर्त है कि 1 वर्ष के भीतर भारतीय वाणिज्य दूतावास में उसके पंजीयन होना चाहिए, साथ ही एक घोषणा हो कि वह किसी अन्य देश का पासपोर्ट नहीं रखता है।*
*🚩पंजीकरण द्वारा नागरिकता*
*🚩यह साधन उन विदेशी नागरिकों के लिए भारतीय नागरिकता का द्वार खोलता है, जो विवाह या कुल के माध्यम से भारतीय नागरिक के साथ संबंध रखते हैं। आवेदक को इसके लिए भारत में रहने की निर्धारित अवधि की शर्तों को पूरा करना होता है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसी तरीके से भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी।*
*🚩प्राकृतिकिकरण द्वारा नागरिकता*
*🚩इस तरह से उन व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता मिलती है- जिनका रक्त, मिट्टी या विवाह के माध्यम से भारत के साथ कोई संबंध नहीं है। अधिनियम की तीसरी अनुसूची में प्राकृतिककरण की शर्तों का उल्लेख किया गया है। गौरतलब है इसी प्रकार से दलाई लामा और अदनान सामी ने भारतीय नागरिकता हासिल की है।*
*🚩यहाँ स्पष्ट कर दें कि भारत किसी भी व्यक्ति को एक साथ दोहरी नागरिकता रखने का अधिकार नहीं देता है और न ही कुछ समय पहले तक अवैध प्रवासियों को भारत में टिकने का अधिकार देता था। लेकिन कुछ दिन पहले आए संशोधन कानून के बाद गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए ये शर्त समाप्त कर दी गई। जिसके बाद अब हिंदू, सिख ,जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई अवैध प्रवासी नहीं माने जाएँगे।*
*🚩अब इसके बाद जिन लोगों को ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार इस कानून को लाकर उनपर हमलावर है, उन्हें ये जानने की आवश्यकता है कि सरकार के दबाव में या किसी ऐसे कानून के कारण कोई भी आपसे नागरिक होने का तमगा नहीं छीनता।*
*🚩नागरिकता सिर्फ़ तीन कारणों से जाती है*
*🚩त्याग (सेक्शन 8): जब तक देश का नागरिक किसी निर्धारित प्राधिकरण के पास ये घोषणा-पत्र न दें कि वो भारतीय नागरिकता का त्याग कर रहा है, तब तक उससे उसकी नागरिकता आधिकारिक रूप से नहीं छीनी जा सकती।*
*🚩समाप्ति (धारा 9): ऊपर बताया कि भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता है। इसलिए दूसरे देश की नागरिकता पाते ही उसके पास से भारत की नागरिकता समाप्त हो जाती है।*
*🚩वंचन (धारा 9): पंजीकरण या प्राकृतिककरण के जरिए प्राप्त की गई नागरिकरता को ही भारत सरकार रद्द कर सकती है। वो भी केवल तब जब निम्नलिखित बिंदु परिस्थिति पर प्रभाव डालते हों।*
जैसे:
●पंजीकरण या प्राकृतिककरण का प्रमाण-पत्र धोखाधड़ी, गलतबयानी या छिपाव के माध्यम से प्राप्त किया गया था।
●नागरिकता लेने वाले शख्स ने भारत के संविधान के प्रति अरुचि या अप्रसन्नता दिखाई ।
●व्यक्ति ने युद्ध के दौरान दुश्मन के साथ संवाद किया ।
●उस व्यक्ति को भारत की नागरिकता प्राप्त करने के पांच साल के भीतर किसी देश में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
●व्यक्ति 7 वर्षों की निरंतर अवधि के लिए भारत के बाहर एक साधारण निवासी रहा है (जब तक कि निवास का उद्देश्य अकादमिक या सरकारी सेवा नहीं था)
*🚩नागरिकता संशोधन बिल यानी CAB गुरुवार को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून यानी CAA बना। इसके बाद से ही, खासकर जुमे की नमाज के बाद से दिल्ली, अलीगढ़, मुर्शिदाबाद, पटना… से विरोध के नाम पर हिंसा करने पर अमादा समूहों की खबरें लगातार सामने आ रही है। विरोधियों का कहना है कि यह कानून मुसलमानों का मानवाधिकार छीन लेगा। यह भारत को हिंदू राष्ट्र बना देगा। इसे आरएसएस का एजेंडा थोपने की साजिश भी बता रहे।*
*🚩लेकिन, अब आप जान गए होंगे कि इस कानून का किसी भी सूरत में भारत के नागरिकों से कोई सरोकार नहीं है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। यह कानून इस्लामी मुल्क पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना झेलने वाले अल्पसंख्यकों को शरणार्थियों की पीड़ा से छुटकारा दिलाने का एक जरिया मात्र है। बावजूद इसके यह हंगामा बताता है कि नागरिकता संशोधन कानून तो महज बहाना है, इसके पीछे की साजिशें गहरी हैं। इन साजिशों का पता लगाया जाना वक्ती जरूरत है। -जयन्ती मिश्रा*
https://hindi.opindia.com/national/what-is-citizenship-amendment-bill-and-why-people-are-protesting/
*🚩CAA का नारा लेकर कोई विरोध करता है तो हमारा भी कर्तव्य है कि उसका समर्थन करें क्योंकि ये क़ानून होगा तभी हम सुरक्षित रहेंगे, सरकार देश हित के लिए कार्य कर रही है तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम भी उसका समर्थन करें।*
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