12 मार्च 2020
*कितना बड़ा अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र हिंदुओं के खिलाफ चल रहा है, ये आम हिंदू को पता ही नहीं है। वो बस अपने कमाने और परिवार में ही व्यस्त रहता है और जातिवाद में बंट जाता है पर हिंदू को ये पता नहीं है कि छोटे-छोटे रजवाड़े आपस मे बंट गए थे। एक दूसरे से ईर्ष्या करने लगे थे...उसका मौका उठाकर मुग़लों ने आक्रमण किया फिर क्या हुआ सब जानते हैं !! और 800 साल तक गुलाम रहे पर अगर उसी समय आपस में सभी हिंदू एक होकर मुगलों से लड़ते तो किसी की ताकत नहीं थी कि देश पर राज कर सकते। आज हिंदुओं की वही स्थिति है ।
*अंतरराष्ट्रीय मीडिया, वामपंथी गिरोह और कट्टरपंथी मिलकर हिंदुओं के विरूद्ध घृणा फैलाने का काम धड़ल्ले से कर रहे हैं। नतीजा ये है कि आज विश्व के सबसे शक्तिशाली देश और सबसे बड़े लोकतंत्र में भी हिंदू खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। हिंदुओं की लाचारी, उनकी बेबसी और उनके प्रति नफरत फ़ैलाने की बात को अमेरिकी राजनेता तुलसी गबार्ड भी मानती हैं। तुलसी अमेरिका की पहली हिंदू सांसद हैं। वे उन तीन दावेदारों में भी शामिल हैं जिनमें से डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना जाना है। बकौल तुलसी, हिंदूफोबिया एक सच्चाई है। उन्होंने भी इसे कई बार झेला है। यहां तक कि कांग्रेस चुनाव और राष्ट्रपति उम्मीदवारी के अपने अभियान के दौरान भी।*
*तुलसी गबार्ड ने डॉ. शीनी अम्ब्राडर (वही डॉ. जिन्होंने हिंदू महिला के साथ उबर ड्राइवर की बदसलूकी का वाकया साझा किया था) का पोस्ट शेयर करते हुए ट्वीट किया है, “बदकिस्मती से हिंदूफोबिया एक सच है। मैंने कॉंग्रेस और राष्ट्रपति उम्मीदवारी के अपने अभियान के दौरान हर बार इसे प्रत्यक्ष तौर पर महसूस किया है। ये तो केवल एक उदाहरण है कि, हमारे देश में हिंदुओं को क्या झेलना पड़ता है। दुखद तो ये है कि इसके बावजूद हमारे नेता और मीडिया इसे न केवल बर्दाश्त करते हैं, बल्कि इसे और भड़काते हैं।"*
*गौरतलब है कि तुलसी गबार्ड के इस ट्वीट से पहले बुधवार (मार्च 4, 2020) को यूएस की एक साइकेट्रिस्ट एवं साइकोथेरेपिस्ट शीनी अंब्राडर ने एक हिंदू महिला का अनुभव ट्विटर पर शेयर किया था।डॉ. शीनी ने अपने पोस्ट में पीड़िता का नाम नहीं बताया था। पीड़िता का जो फेसबुक पोस्ट डॉ. शीनी ने शेयर किया था, उसमें वह एक उबर ड्राइवर की बदसलूकी के बारे में बताती नजर आईं, जिसे उन्हें हिंदू होने और हिंदुओं का बचाव करने के कारण झेलना पड़ा। पोस्ट में महिला ने बताया था कि आखिर किस तरह अंतरराष्ट्रीय मीडिया की गलत कवरेज के कारण दिल्ली में हुए दंगों को लोग मुस्लिमों के ख़िलाफ़ मान रहे हैं और न केवल हिंदुओं को विलेन समझ रहे हैं, बल्कि उनके प्रति आक्रमक भी हो रहे हैं।*
*महिला के अनुसार, जब उसने उबर बुक की तो ड्राइवर ने पहले सुनिश्चित किया कि वे भारतीय हैं। इसके बाद उसने दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों के बारे में बात करनी शुरू की। वह इस बात पर जोर देकर बताने लगा कि भारत में मुस्लिमों को हिन्दू मार रहे हैं। हिन्दू मस्जिदों को तोड़ रहे हैं।*
*लेकिन, ये सुनने के बाद जब महिला ने उसे समझाने की कोशिश की और कहा कि दंगों के बारे में उसकी सोच सही नहीं है। तो वह महिला की बात सुनकर चुप होने की बजाय उसपर गुस्सा निकालने लगा और थोड़ी देर में उसने महिला को और महिला की बहन को अपनी कैब से उतरने को बोल दिया। ड्राइवर का ऐसा रवैया देखकर महिला ने फौरन पुलिस को बुलाया जिसके बाद वह शांत हुआ।*
*महिला ने अपनी साथ हुई इस घटना के लिए सीधे तौर पर एकतरफा पत्रकारिता को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने इस घटना को बिंदु में रखते हुए पोस्ट लिखा था और आरोप लगाया था कि दिल्ली दंगों पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की एकतरफा पत्रकारिता से विदेशों में हिंदूफोबिया बढ़ रहा है और लोग हिंदुओं के ख़िलाफ़ गलत धारणा बना रहे हैं। स्त्रोत : OpIndia*
*आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि ऐसा भी हो सकता है !! दिल्ली दंगों में हिंदुओं के घर, दुकाने जलाई गईं, हत्या की गईं, महिलाओं की इज्जत लूटी गईं, छोटी बच्चियों के कपड़े उतरवाए गए। इतना सबकुछ सहन करने के बाद भी वामपंथी, मीडिया और कट्टरपंथी बोलते हैं कि 'हिंदुओं ने मुसलमानों पर हमला किया ।' इससे साफ पता चलता है कि हिंदुओं के खिलाफ कितनी बड़ी भयंकर साजिश चल रही है... ये कल्पना से बाहर है।*
*हिंदुओं का कर्तव्य है कि जातिवाद में न बंटे। दलित भाई भी हिंदू ही हैं। दिल्ली दंगों में सबसे ज्यादा अत्याचार दलितों पर किया गया था। पाकिस्तान, बंग्लादेश आदि मुस्लिम देशों में सबसे ज्यादा अत्याचार दलित हिंदुओं पर किया जा रहा है । इसलिए आपस में एक बने रहें, हिन्दूनिष्ठ नेता को वोट जरूर दें, अपने धर्मगुरुओं का आदर करें और इस अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र को मुँहतोड़ जवाब दें।*
Official Azaad Bharat Links:🏻
🔺 Follow on Telegram: https://t.me/azaadbharat
🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ