Monday, September 28, 2020

अभी का भारत तो बहुत छोटा रह गया है, भारतवर्ष के हो चुके हैं इतने टुकड़े

27 सितंबर 2020


कभी जम्बूद्वीप, भारतवर्ष और आर्यावर्त के नाम से पहचाना जाने वाले हमारे देश का नाम आज भारत और अंग्रेजों की भाषा मे इंडिया है। लेकिन आज का जो भारत हमारे पास है वो भारतवर्ष का महज एक छोटा टुकड़ा मात्र है। क्योंकि अभी जितनी भूमि भारत देश में है, उससे कई गुना ज्यादा भूमि पर अलग देश बन चुके हैं। हम आपको बता रहे हैं कैसे प्राचीन काल में विश्वगुरू रहा भारत खंड-खंड होता गया और आज सिकुड़ कर छोटा सा रह गया।




★ अफगानिस्तान-

गांधार और कंबोज प्राचीन काल के राज्य थे जहां हिंदू शासक राज करते थे। उसके बाद यहां पारसी और बौद्ध धर्म के राजाओं ने शा​सन किया। लेकिन बाद में इन भागों को मिलाकर अफगानिस्तान बना। इस देश ने अपना राष्ट्र धर्म इस्लाम बना लिया।

★ पाकिस्तान-

1947 से पहले देश भारत का ही हिस्सा था और सिंध के नाम जाना जाता था। लेकिन बाद में यह अलग देश बना जिसमें पंजाब, मुल्तान, पेशावर, बलुचिस्तान आदि भाग मिले। पाकिस्तान ने अपने देश का धर्म इस्लाम रखा। आज भारत का सबसे बड़ा दुश्मन यही देश है जो आतंक की फैक्ट्री चलाता है।

★ बांग्लादेश

1947 भारत के विभाजन के बाद बंगाल से कटकर पूर्वी पाकिस्तान बना।1949 में अवामी लीग की स्थापना हुई जिसका उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान को स्वायत्तता दिलाना था। 1971 - शेख़ मुजीब और अवामी लीग ने 26 मार्च को स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। नए देश का नाम रखा गया बांग्लादेश ।

★ नेपाल-

आज नेपाल एक स्वतंत्र राष्ट्र है। कुछ सालों पहले तक यह हिंदू राष्ट्र हुआ करता था, लेकिन अब यह भी सेकुलर राष्ट्र घोषित हो चुका है। प्राचीन भारतवर्ष में नेपाल भारत का ही अखंड भाग था जिसे देवघर कहा जाता था। इसी देश में भगवान श्रीराम की पत्नी सीता का जन्म स्थल मिथिला है।

★ भूटान-

प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर भूटान भी कभी भारतीय महाजनपदों के अंतर्गत एक जनपद था और अखंड भारतवर्ष का हिस्सा था। भूटान संस्कृत के भू-उत्थान से बना शब्द है।

★ तिब्बत-

तिब्बत को त्रिविष्टप कहा जाता था जहां रिशिका और तुशारा नामक राज्य थे। आज चीन द्वारा कब्जा किया हुआ यह देश भी भारतवर्ष का अभिन्न अंग था। तिब्बत में पहले हिन्दू फिर बाद में बौद्ध धर्म प्रचारित हुआ और यह बौद्धों का प्रमुख केंद्र बन गया।

★ म्यांमार-

म्यांमार को प्राचीन भारत वर्ष में ब्रह्मदेश के नाम से पुकारा जाता था। यह देश म्यांमार प्राचीनकाल से ही भारत का ही एक उपनिवेश रहा है। हालांकि मुस्लिम शासनकाल में म्यांमार शेष भारत से कटा रहा और यहां पर स्वतंत्र राजसत्ताएं कायम हो गईं। इसके बाद ब्रिटिशों ने 1935 ई. के भारतीय शासन विधान के अंतर्गत म्यांमार को भारत से अलग कर दिया।

★ श्रीलंका-

श्रीलंका भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित एक बड़ा द्वीप है। यह भारत के चोल और पांड्य जनपद के अंतर्गत आता था। कालांतर में यहां के सिंहल राजा ने बौद्ध धर्म अपनाकर इसे राजधर्म घोषित कर दिया। आज श्रीलंका भारत से अलग देश है।

★ मलेशिया-

वर्तमान के मुख्‍य 4 देश मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और कंबोडिया प्राचीन भारत के मलय प्रायद्वीप के जनपद हुआ करते थे। आज ये सब देश अलग-अलग स्वतंत्र राष्ट्र हैं।

★ सिंगापुर-

प्राचीन काल भारत के ​इस हिस्से का नाम सिंहपुर था जो आज सिंगापुर हो गया। बाद में 9 अगस्त 1965 को अंग्रेजों ने सिंगापुर को एक स्वतंत्र गणतंत्र देश बना दिया।

★ थाईलैंड-

थाईलैंड का प्राचीन भारतीय नाम श्‍यामदेश है। बौद्ध धर्मावलंबियों की जनसंख्या वाला यह भू-भाग भी आज भारत से अलग राष्ट्र है।

★ इंडोनेशिया-

मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच हजारों द्वीपों पर फैले इंडोनेशिया में मुसलमानों की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। हिंदू मंदिरों पटा पड़ा यह देश आज इस्लामिक राष्ट्र और भारत से अलग है। यहीं विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर भी हैं जिसे प्रम्बानन मंदिर कहते हैं।

★ कंबोडिया-

इस देश को पौराणिक काल का कंबोज देश आज कंबोडिया कहलाता है जो कभी भारत का हिस्सा था। यह पहले हिन्दू राष्ट्र रहा और फिर बौद्ध हो गया। विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर तथा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक कंबोडिया में स्थित है।*

★ वियतनाम-

प्राचीन भारतवर्ष में वियतनाम को चम्पा कहकर पुकारा जाता था। चम्पा के लोग चाम कहलाते थे। वर्तमान समय में चाम लोग वियतनाम और कंबोडिया के सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं। आज यह अपने आप में एक स्वतंत्र राष्ट्र है।

भारतीय इतिहास के अनुसार भारत के सम्राट विक्रमादित्य ने सम्पूर्ण अरब को जीतकर अपने साम्राज्य में मिलाया था।

भारत में आज जिस तरह जाति-पाति में बंट रहे हैं उससे हमारे देश को खतरा है क्योंकि हमारे देश पर राष्ट्र विरोधी ताकतों की बुरी नजरे हैं और वे हमें आपस में लड़ा रहे हैं। इनसे सावधन रहना नहीं तो बाद में हमें पछतावा होगा।

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Sunday, September 27, 2020

श्रीराम मंदिर के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि खाली कराने की उठी मांग।

27 सितंबर 2020


भारत का प्राचीन इतिहास केवल सनातन धर्म का ही रहा है लेकिन इस्लामी आक्रमणकारियों ने जिस प्रकार से अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि को बलपूर्वक ले लिया था वैसे ही मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मस्थान एवं काशी के विश्वनाथ मंदिर को भी बलपूर्वक ले लिया था, यह तो महत्वपूर्ण मंदिर की ही केवल बात कर रहे है बाकी तो हजारों-लाखों हिन्दू मंदिर तोड़कर मस्जिदें बना दी गई हैं।




राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय को 1 वर्ष होने को आया हैं। अब यूपी के मथुरा की अदालत में 13.37 एकड़ की श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर सिविल सूट याचिका दायर की गई है। इसमें शाही ईदगाह मस्जिद को हटा कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मथुरा में स्थित पूरी भूमि को खाली कराने की माँग की गई है। इस याचिका को ‘श्रीकृष्ण विराजमान’ की तरफ से विनीत जैन ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि कटरा केशव देव की पूरी भूमि के प्रति हिन्दुओं की आस्था है।

याचिका में कहा गया है कि कटरा केशव देव वही क्षेत्र है, जहाँ राजा कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और मस्जिद के नीचे ही वो पवित्र स्थल स्थित है। साथ ही मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ध्वस्त करने के लिए मुग़ल बादशाह औरंगजेब को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें लिखा है कि औरंगजेब कट्टर इस्लामी था और उसने ही सन 1669-70 में इस मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था।

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकीलद्वय हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने TOI को बताया कि इस याचिका में माँग की गई है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाए और वहाँ स्थित ढाँचे को भी हटाया जाए। बता दें कि अयोध्या जजमेंट के बाद से ही काशी विश्वनाथ और मथुरा को रिक्लेम करने के लिए अभियान शुरू हो गया है। काशी में भी विश्वनाथ मंदिर को नुकसान पहुँचा कर औरंगजेब ने ही मस्जिद बनवायी थी।

अगस्त में ‘श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास’ का गठन करके इसे मुक्त कराने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया गया था। 14 राज्यों से 80 संतों ने साथ आकर इस अभियान के लिए एकता जताई थी, जिनमें 11 वृन्दावन के संत थे। हालाँकि, इस्लामी आक्रांताओं द्वारा किए गए ऐसे अतिक्रमण की राह में ‘प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप (स्पेशल प्रोविज़न) एक्ट, 1991’ की बाधा है। इसके तहत धार्मिक स्थलों पर यथास्थिति बरक़रार रखी गई है।

सितम्बर के पहले सप्ताह में ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में माँग की गई थी कि अब जब अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हो गया है तो काशी में बाबा विश्वनाथ और मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर को मुक्त कराने की ओर प्रयास किया जाए। काशी-मथुरा को मुक्त कराने के लिए प्रस्ताव पारित करते हुए अखाड़ा परिषद ने इस कार्य में विश्व हिन्दू परिषद का भी सहयोग माँगा था।

पिछले दिनों ‘हिंदू आर्मी’ नामक एक संगठन ने भी मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ रखी थी। वे लोगों से मथुरा पहुँचने की अपील कर रहे थे। लेकिन 20 सितंबर की रात इस संगठन से जुड़े 22 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। हिन्दू आर्मी का कहना है कि वह कृष्ण जन्मभूमि के पास से इस्लामी ढाँचे को हटवाकर वह जमीन कृष्ण जन्मभूमि के नाम पर सौंपना चाहते हैं।

आक्रमणकारी मुग़लों ने भारत मे आकर अनेकों मंदिर तोड़ दिए, अनेक जगह तो मंदिर की जगह मस्जिदें खड़ी कर दी गई, हिंदुस्तानियों को तलवार की धार पर इस्लाम कबूलने पर मजबूर किया, जो डर गए उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया और जो निडर रहें वे आज भी हिंदू बन रहें हैं और वे सनातन धर्म की रक्षा कर रहे हैं। भारत मे जो भी आक्रमणकारियों ने मंदिर तोड़े हैं उनका जीर्णोद्धार होना चाहिए और जिन मदिरों की जगह मस्जिदें बना दी गई है उनको वह जगह वापिस हिंदुओं को देनी चाहिए ऐसी जनता की मांग है।

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Saturday, September 26, 2020

मुस्लिम मंत्री ने खुद स्वीकार किया - "साजिश के तहत बढ़ रहे हैं लव जिहाद"

 

25 अप्रैल 2019


लव जिहाद देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है, साल में हजारों हिन्दू लड़कियों का ब्रेनवाश करके लव जिहाद में फंसाया जाता है, कुछ हिन्दू लड़कियों से जबरन शादी कर लेते हैं, इसके पीछे मुस्लिम देश की भारी फंडिग आती है। कई जगह तो मुस्लिम लड़के अपना असली नाम छुपाकर हिन्दू नाम रख लेते हैं और स्कूल, कॉलेजों के बाहर, हिन्दू इलाकों के आसपास बाइक लेकर घूमते हैं और किसी हिन्दू लड़की से मीठी-मीठी बात करके उसको फंसाकर उससे शादी कर लेते हैं उसके बाद उसको भयंकर प्रताड़ित किया जाता है, यहाँ तक कई हिन्दू लड़कियों ने लव जिहाद में फंसकर शादी के बाद आत्महत्या तक कर ली है।




ये दावा हिंदू संगठन व सुदर्शन न्यूज़ ने सबसे पहले किया और प्रमुखता से कई बिंदास बोल में इसको उठाया भी जिसके बाद देश के तमाम वामपंथी तत्वों और कट्टरपंथी तत्वों ने इसका ठीक वैसे ही विरोध किया था जैसे आज एक खास मुद्दे को ले कर हो रहा है।

ध्यान देने योग्य है कि जिहाद का सबसे खुफिया रूप अगर किसी को माना जा सकता है तो वो लव जिहाद है जिस पर अब उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल के एक मुस्लिम मंत्री की मुहर लग गई है। उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने प्रदेश में बढ़ते लव जिहाद के मामलों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 'राज्य में साजिश के तहत लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं।'

रजा का आरोप है कि 'एक साजिश के तहत इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे रोकने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो सरकार कानून लाएगी। इसकी की तैयारी हो रही है।' बाकायदा इसके पीछे के गुनाहगारों को बेनकाब करते हुए मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदेश में लव जिहाद और धर्मातरण के लगातार बढ़ते मामलों पर मोहसिन रजा ने कहा कि 'सिमी और पीएफआई जैसे संगठन भी इसके पीछे हैं।'

आगे बोलते हुए मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां पड़ताल में लगी हैं। लव जिहाद और धर्मातरण की काफी शिकायतें आ रही हैं। इनको हमारे देश में तुष्टिकरण की राजनीति के तहत राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिल गया। इस साजिश का खुलासा होना चाहिए और ये बेहद जरूरी है। यह एक साजिश के तहत यह काम किया जा रहा है। भोली-भाली लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनके साथ शादी करना, फिर उनका धर्मातरण किया जा रहा है।


लव जिहाद द्वारा हिन्दू युवतियों को छल करके प्रेम जाल में फँसाने की अनेक घटनाएँ सामने आई हैं, बाद में वही लड़कियां बहुत पश्चाताप करती हैं क्योंकि वहाँ उनकी जिंदगी नर्क जैसी हो जाती है, धर्मपरिवर्तन करने का दबाव बनाया जाता है, उसकी अनेक पत्नियां होती हैं, गौमाँस खिलाया जाता है, दर्जनों बच्चे पैदा करते हैं, पिटाई करते हैं, तलाक भी दिया जाता है, यहाँ तक कि लव जिहाद में फंसाकर उनको आतंकवादियों के पास भेजने की भी अनेक घटनाएं सामने आई हैं ।

लव जिहाद होने की नौबत तब आती है जब अपनी बेटियों को धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती है और उनको सनातन संस्कृति की महानता नहीं बताई जाती है उस अनुसार उनको कार्य करने को प्रेरित न करने के कारण आज हिन्दू बेटियां लव जिहाद में फंस रही हैं उसके लिए जिम्मेदार उनके माता-पिता भी ही हैं, माता-पिता का प्रथम कर्तव्य है कि अपने बच्चों को सनातन धर्म की महिमा से अवगत जरूर कराएं।

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यह घटना पाकिस्तान नही हिंदुस्तान की है, जानिए हिंदू घटा वहाँ क्या हाल हुआ !

26 सितंबर 2020


सेक्युलर हिंदू बोलते रहते हैं कि कुछ हिंदू लोग हिंदू-मुस्लिम करते रहते हैं। उनके पास दूसरा कुछ काम नही है, इसलिए हिंदू-मुस्लिम करके अपनी रोटियां सेक रहे हैं। बाकी तो हम भाई-भाई हैं आपस मे मिलजुल कर रहते हैं और कही एक हिंदू की किसी अब्दुल कलाम जैसे अच्छे मुस्लिम ने मदद कर दी तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार करेंगे लेकिन वास्तविकता क्या है ये आपके सामने नही आने देंगे अगर वास्तविकता जाननी है तो पाकिस्तान बनाने में दलित नेता जोगेंद्र नाथ मंडल ने भूमिका निभाई थी उनकी आपबीती और कश्मीरी पंडितों की आपबीती पढ़ लेना, सेक्युलरिज्म का नशा अपने आप उतर जाएगा।




आपको यहाँ एक ताजा घटना बता रहे हैं उससे भी आपकी थोड़ी आँखे खुल जाएगी...

चौथी कक्षा के एक बच्चे ने अनजाने में एक फेसबुक पोस्ट किया। इस पोस्ट को लेकर सैकड़ों की संख्या में मुस्लिमों ने हिंदू परिवार पर दिनदहाड़े हमला कर दिया। घटना कानपुर के मकनपुर गाँव की है। 18 सितंबर को यह हमला हुआ। इस्लामी भीड़ ने तीन घंटे से ज्यादा बवाल किया। हिंदू परिवार के घर पर पथराव किया गया। सीढ़ियों के सहारे घर की छत पर चढ़कर तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। परिवार के बुजुर्गों और महिलाओं को भी नहीं छोड़ा।

हमले में घर के मालिक आलोक गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी माँ और लकवाग्रस्त पिता को भी चोटें आई। बिल्होर थाने में इस संबंध में 58 लोगों के खिलाफ 21 सितंबर को एफआईआर दर्ज कराई गई।

घटना के बाद बजरंग दल के प्रदेश सचिव रामजी तिवारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने इस घटना का उल्लेख करते हुए इलाके के हिंदुओं की दयनीय स्थिति से उन्हें अवगत कराया है।

ऑपइंडिया के पास इस पत्र की कॉपी है। इसमें बताया गया है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान आलोक गुप्ता के नाबालिग बच्चे ने अनजाने में अपने पिता के फेसबुक प्रोफाइल से एक पोस्ट कर दी। इससे इलाके के कुछ कट्टरपंथी भड़क उठें।

अगली सुबह परिवार को इसका एहसास होता उससे पहले सैकड़ों की संख्या में इस्लामी कट्टरपंथी आलोक के घर के बाहर जुट गए। ‘मारो, काटो’ सहित अन्य भड़काऊ नारें लगाते हुए भीड़ ने उनके घर पर पथराव शुरू कर दिया।

पलक झपकते ही कुछ उन्मादी आलोक के घर पर चढ़ गए और लूटपाट तथा तोड़फोड़ शुरू कर दी। कोई भी बात सुने बिना उन्मादी भीड़ ने आलोक की बुजुर्ग माँ और लकवाग्रस्त पिता को एक कोने में धकेल दिया और आलोक की बुरी तरह से पिटाई शुरू कर दी। महिलाओं से गहने छीन लिए। घर में रखे पैसे ले गए और आलोक को लहूलुहान छोड़ दिया। रामजी तिवारी का कहना है कि यह सबकुछ दिनदहाड़े पुलिस की मौजूदगी में हुआ। घटना को फिल्मा रहे कुछ स्थानीय पत्रकारों और युवाओं के मोबाइल भी भीड़ ने तोड़ दिए। लवकुश कटियार नामक एक स्थानीय पत्रकार की भीड़ ने बुरी तरह पिटाई की। गंभीर चोटों के कारण कटियार को कानपुर के अस्पताल के आईसीयू में दाखिल कराना पड़ा।

तिवारी के अनुसार इस घटना से आसपास के हिंदू परिवार भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने भी मकनपुर छोड़ने का फैसला किया। इस इलाके में हिंदू पहले से अल्पसंख्यक हैं और डर के साए में जीते हैं। तिवारी ने मुख्यमंत्री से घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ, जिनका नाम एफआईआर में दर्ज हैं, पर सख्त कार्रवाई की माँग की है।

ऑपइंडिया के पास वे वीडियो भी हैं, जिसमें पीड़ित परिवार घटना की भयावहता बयाँ कर रहे हैं। आलोक की मॉं ने बताया कि सुबह 8 बजे अचानक से भीड़ उनके घर के पास जुट गई और वे समझ पाते कि क्या हुआ है, उससे पहले उनका घर लूट लिया गया। परिवार ने बताया, “पूरा तांडव तीन घंटे तक चलता रहा”। आलोक की मॉं ने बताया कि घर के भीतर घुसने वाली भीड़ ने उन्हें और उनके ​पति को धकेल दिया तथा उनके बेटे की बुरी तरह पिटाई की। घर के मंदिर और मूर्तियों को तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि बंदूक की गोली जैसी आवाज भी अपने घर के बाहर से उन्होंने सुनी थी।

उन्होंने आगे बताया कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही और उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। आलोक की बुरी तरह पिटाई होने के बाद दो पुलिस कॉन्स्टेबल घर के अंदर गए और उन्हें बाहर निकाला। परिवार के एक अन्य सदस्य ने कहा कि बिल्होर पुलिस स्टेशन के अधिकारी, निरीक्षक हर कोई वहाँ मौजूद था लेकिन किसी ने मदद नहीं की। घटना के बाद वे आलोक को ले गए उसे भी कुछ दिन पुलिस हिरासत में रखा।

वहीं वीडियो में मौजूद तीसरे व्यक्ति ने पुष्टि की कि घटना को रिकॉर्ड करने का प्रयास करने वाले लोगों को भी पीटा गया था और उन्मादी इस्लामी भीड़ द्वारा उनके मोबाइल को भी तोड़ दिया गया था।

ऑपइंडिया ने की पीड़ित के भांजे से बात

ऑपइंडिया ने आलोक के भांजे कुणाल से भी बात की तो उन्होंने बताया कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के लगातार दबाव बनाने के बाद आरोपितों को बचाने की कोशिश के आरोप में बिल्होर थाने के एसएचओ संतोष कुमार अवस्थी और मकनपुर थाने के प्रभारी वेद प्रकाश मिश्रा का ट्रांसफर कर दिया गया है। कुणाल के अनुसार एक सप्ताह बाद भी उपद्रवियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बिल्होर पुलिस ने मामले में कुछ गिरफ्तारी की थी, लेकिन उनके खिलाफ आईपीसी की धाराएँ इतनी कमजोर थीं कि उन्हें तुरंत जमानत मिल गई।

उन्होंने यह भी पुष्टि की कि थाने लाए गए कुछ और उपद्रवियों को बिना सवाल पूछे ही जाने दिया गया। कुणाल ने आरोप लगाया कि भीड़ में शामिल लोगों ने पुलिस को रिश्वत दी थी, जिसके कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई।

यह घटना कोई पाकिस्तान की नही बल्की हिंदुस्तान की है, आप सोचो एक बच्चे से गलती से पोस्ट शेयर हो गई उसके कारण एक हिंदू परिवार को कितना नुकसान भुगतना पड़ा अगर पुलिस नही होती तो हत्या भी हो सकती थी, जहाँ भी हिंदू घटा अथवा जाती में बंटा वहाँ यही हाल होगा, अभी भी समय है एक बने रहे जब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून नही आये तब तक कम से कम हिंदुओं को 4 बच्चें तो पैदा करने ही चाहिए।

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Thursday, September 24, 2020

पाकिस्तान में हिंदुओं को जबरन इस्लाम कबूल करवाया जा रहा है !

24 सितंबर 2020


भारत में किसी एक मुस्लिम को थप्पड़ भी मार दिया जाए तो तथाकथित बुद्धिजीवी, सेक्युलर, मानव संगठन, मीडिया हल्ला करने लगते हैं और साथ में सरकार व न्यायालय तुरंत कार्यवाही करते हैं, पर बड़ी विडंबना है कि पाकिस्तान में लाखों हिन्दू भयंकर अत्याचार से गुजर रहे हैं, पर किसी के पेट का पानी तक नहीं हिल रहा है।




पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 171 हिंदुओं को रविवार (सितंबर 20, 2020) को इस्लाम में धर्मांतरित करवाया गया। पाकिस्तान के ही मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने ये दावा किया है। राहत ऑस्टिन ने सोमवार (सितंबर 21, 2020) को टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हिंदू पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का धर्म परिवर्तन पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मदरसा अहसान-उल-तालीम (Ahsan-ul-Taleem), कराची के संगर में आयोजित एक सामूहिक धर्मान्तरण समारोह में किया गया था। उन्होंने दावा किया कि इस्लामिक आइडियोलॉजी काउंसिल के पूर्व सदस्य नूर अहमद तशर ने उन्हें इस्लाम कबूल करवाया।

रिपोर्ट में बताया गया कि विभिन्न प्रलोभन देकर हिंदू भील समुदाय के लोगों का धर्मांतरण कराया गया। बता दें कि इन्हें पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों में सबसे कमजोर और हाशिए पर रखा गया समुदाय माना जाता है।

इससे पहले जून में, सिंध प्रांत के बाडिन जिले में सौ से अधिक हिंदुओं को इस्लाम में धर्मांतरित किया गया था। कथित तौर पर, एक स्थानीय मंदिर में रखी हिंदू देवताओं की सभी मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया और परिसर को एक मस्जिद में बदल दिया गया। 17 मई को सिंध प्रांत में हिंदुओं ने दावा किया था कि तब्लीगी जमात के लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया, उनके घरों में तोड़फोड़ की और इस्लाम कबूल नहीं करने पर एक हिंदू लड़के का अपहरण भी कर लिया।

तब्लीगी जमात के अपहरणकर्ता उक्त लड़के को छोड़ने के लिए रुपए-पैसे की माँग नहीं कर रहे थे। उनका कहना था कि अगर अपहृत लड़के का परिवार इस्लाम अपना लेता है तो उसे छोड़ दिया जाएगा। लेकिन, परिवार इसके लिए तैयार नहीं था। वहीं 15 अगस्त को 204 अल्पसंख्यक हिंदुओं का पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन करवाया गया। धर्म परिवर्तन करने वाले अधिकांश हिंदू भील समाज के थे। इनमें से कुछ अभी हाल में धार्मिक वीजा से हिंदुस्तान से लौटे थे। बताया गया था कि 194 हिंदू सादिकाबाद में रहने वाले हैं जबकि 10 (एक ही परिवार के) रहिमयारखान के निवासी हैं। इस धर्मपरिवर्तन की सूचना जोधपुर में रहने वाले लोक संगठन के प्रेमचंद भील ने दी थी। वह लगातार हिंदुओं के संपर्क में हैं और उनके साथ ज्यादतियों को साझा करते रहते है।

पिछले दिनों राहत ऑस्टिन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर बताया था कि सिमरन का कुछ समय पहले घोटकी-सिंध के मीरपुर इलाके से कट्टरपंथियों ने अपहरण किया था। फिर बलात्कार कर उसे इस्लाम कबूल करवा दिया गया। परिवार ने इंसाफ के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई। लेकिन कोर्ट ने उसे यह कहकर खारिज कर दिया कि एक इस्लाम मानने वाले का गैर-इस्लामी परिवार से कोई संबंध नहीं होता। अगर उन्हें उनसे मिलना है तो उन्हें भी इस्लाम कबूल करना होगा।

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि बीते 50 सालों में पाकिस्तान में बसे 90 प्रतिशत हिंदू देश छोड़ चुके हैं। धीरे-धीरे उनके पूजा स्थल और मंदिर भी नष्ट किए जा रहे हैं। 95 प्रतिशत हिंदू मंदिर नष्ट कर दिए गए हैं। हिंदुओं की संपत्ति पर जबरन कब्जे के कई मामले सामने आ रहे हैं। हिंदुओं की नाबालिग लड़कियों को जबरदस्ती उठाकर शादी कर लेते हैं और उनका धर्म परिवर्तन करवा देते हैं।

पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर तोड़े जाते हैं। हिन्दू महिलाओं के साथ दुष्कर्म किये जाते हैं। यहाँ तक कि उठाकर मुस्लिम बना दिया जाता है, श्मशान घाट तक नहीं है, हिन्दुओं की हत्याएं की जाती हैं। हिन्दुओं पर इतना अत्याचार किया जाता है फिर भी उनके लिए कोई आवाज उठाने के लिए तैयार नहीं है।

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Wednesday, September 23, 2020

विश्वविद्यालयों में अब भगवद्गीता में बताए गए विज्ञान पर होगी पढ़ाई।

23  सितंबर 2020


भारत में अपने देश के महान ग्रंथो व वेदों का आदर नही किया लेकिन विदेश के लोग श्रीमद्भगवद्गीता व वेदों से प्रभावित हो रहे हैं और अपने स्कूलों-कॉलेजों में इसकी पढ़ाई भी करवा रहे हैं। अभी कुछ भारतीय भी अपनी प्राचीन संस्कृति की तरफ लौट रहे हैं क्योंकि जो भारत के वेदों में है वो पाश्चात्य संस्कृति में नही है।




आपको बता दें कि मेरठ की सीसीयू यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद की बैठक में एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। 2021 से स्नातक में बहुविषय की सुविधा दी जाएगी मेरठ की सीसीयू यूनिवर्सिटी छात्र - छात्राओं को जल्द ही रामचरित मानस और श्रीमद्भगवत गीता में लिखे हुए विज्ञान की पढ़ाई कराएगी।इसका सिलेबस तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। विवि की अकादमिक परिषद (एकेडमिक काउंसिल) की बैठक ने सोमवार को निर्णय लिया है, कि सीसीयू यूनिवर्सिटी इन दोनों पाठ्यक्रमों में दो वर्षीय डिप्लोमा और सर्टिफ़िकेट देगी।

इस बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय, रामचरित मानस और श्रीमद्भागवत गीता में ऐसी बहुत सारी बातें हैं जो वाकई वैज्ञानिक हैं, जिसे आधुनिक विज्ञान भी स्वीकारता है। विवि की कमेटी उसी विज्ञान को लेकर पाठ्यक्रम तैयार करेगी। कमेटी में प्रो .एचपी गौतम, कला के संकायाध्यक्ष प्रो.नवीन चंद्र लोहानी, विज्ञान के संकायाध्यक्ष एमके गुप्ता को रखा गया है, जो सिलेबस तैयार करेंगे, सिलेबस बनने के बाद इसे कार्यपरिषद में रखा जाएगा। उम्मीद है की अगले साल तक पाठयक्रम शुरू हो जाए। एकेडमिक काउंसिल ने नई शिक्षा के अनुसार एमफिल पाठयक्रम को समाप्त करने पर अपनी सहमति दे दी है। इसके अलावा नई शिक्षा नीति को स्वीकार कर लिया गया है। 2021 से विवि में स्नातक स्तर पर बहुविषय पाठयक्रम करने के लिए भी कहा गया है। अगले शैक्षणिक सत्र से स्नातक प्रथम वर्ष में छात्रों को बहुविषय पढ़ने को मिलेगा। इसमें पाँच से छह विषय हो सकते हैं। स्नातक के तीसरे साल में विषय कम होंगे, स्नातक चौथे साल में एक विषय रह सकता है।

आपको बता दें कि अमेरिका के न्यूजर्सी में स्थापित कैथोलिक सेटन हॉ यूनिवर्सिटी में गीता को अनिवार्य पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया है ।

रोमानिया देश में कक्षा 11 की पाठ्यपुस्तकों में रामायण और महाभारत के अंश हैं।

हॉलंड की कुछ पाठशालाओं में 5वी कक्षा से ही जागतिक शिक्षण अनिवार्य करने के उद्देश्य से श्रीमदभगवदगीता तथा उपनिषदों के समान हिन्दू धर्मग्रंथों का अभ्यास अंतर्भूत किया गया है।

रामायण, महाभारत एवं श्रीमद्भगवद्गीता ग्रंथों की बहुउपयोगिता के कारण ही विदेश के कई स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, प्रबंधन संस्थानो ने इस ग्रंथ की सीख व उपदेश को पाठ्यक्रम में शामिल किया है ।

केंद्र सरकार को चाहिए कि सभी स्कूलों-कॉलेजों में गीता-रामायण, वेद आदि की शिक्षा को शामिल कर दिया जाए जिससे विद्यार्थियों का चहुमुखी विकास हो पाए।

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Tuesday, September 22, 2020

आईपीएस अधिकारियों का क्या कहना है आशाराम बापू के बारे में?

22 सितंबर 2020


मीडिया के माध्यम से तो हिंदू धर्मगुरु संत आशाराम बापू के बारे में आपने काफी  सुना होगा और आपको यह भी पता चला होगा कि मीडिया में जो बताया जाता है वो सब सच नही होता हैं, आजकल सोशल मीडिया का जमाना है उसमे इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया की भी सच्चाई बाहर लाई जाती है।




आईपीएस अधिकारी उसमे भी देशभक्त हो तो कहना ही क्या और आईपीएस अधिकारी में भी बससे ज्यादा नाम चर्चा में रहा है तो डीजी वंजारा जी का और इनके बाद दूसरा नाम आता है उत्तर प्रदेश के पूर्व महानिदेशक सुव्रत त्रिपाठी जी का तो इन दोनों से जानते हैं कि क्या राय है आशारामजी बापू को लेकर।

आईपीएस अधिकारी रहे डीजी वंजारा जी ने बताया कि संत आसारामजी बापू के खिलाफ जो केस दर्ज हुआ है वो केस झूठा है वो मैं पहले से ही कह चुका हूँ । इसका investigation भी झूठा है और इसका जो evidence कलेक्शन हुआ है, चार्जशीट कलेक्शन हुआ है वो भी झूठा है।

एक साजिश, एक conspiracy संत आसारामजी बापू के खिलाफ चल रही है। उस साजिश के अंतर्गत दूसरे केस दर्ज किये गए हैं और एक बहुत बड़ा अन्याय और अत्याचार हिंदुस्तान के महान स्तंभ संत के ऊपर हो रहा हैं। इस बात की मुझे बहुत पीड़ा है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व महानिदेशक सुव्रत त्रिपाठी जी ने ट्वीटर के माध्यम से बताया कि संत आशारामजी बापू केस में...
- FIR की वीडियो रिकॉर्डिंग को गायब कर दिया
- FIR और उसकी कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया
- रजिस्टर के कई पन्ने फाड़ें गए
- बर्थ सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र
- मेडिकल में नहीं मिला एक भी खरोंच का निशान*
क्या ये उनको फंसाने की साजिश नहीं..??

दूसरी ट्वीट के माध्यम से बताया कि संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई।
करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बनाया।
वैदिक गुरुकुल और बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को दिव्य संस्कार दिए।
कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर गौशालाएं खोल दी।
वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया।

जोधपुर के डीसीपी रहे अजय पाल लांबा ने मीडिया में स्पष्ट बताया था कि आशारामजी बापू पर बलात्कार की कोई भी धारा नही लगी है। लड़की की FIR में बलात्कर का कोई उल्लेख नही है और न ही मेडिकल में कोई पुष्टि हुई है। केवल छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

आपको बता दें कि दिग्गज नेता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने बयान में कई बार बताया कि मेरे को एक बार फ्लाइट में आसाराम बापू मिले उनसे मैंने बातचीत करते समय बताया कि आप जो धर्मांतरण रोकने का कार्य पुरजोर से कर रहे हैं ईससे आपके ऊपर वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे लोग सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भिजवाने की तैयारी में लगे हैं लेकिन बापू आशारामजी निश्चित थे उन्होंने बोला कि भगवान जो करेगा अच्छा ही होगा। ये बात आसाराम बापू को जेल भेजने से पहले की हैं।

आपको बता दें कि जिस केस में हिंदू संत आशारामजी बापू को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है लेकिन जब उनके केस पढ़ते है तो उसमें साफ है कि जिस समय आरोप लगाने वाली लड़की ने तथाकथित घटना बताई है उससे तो साफ होता है कि वो उस समय अपने मित्र से फोन पर बात कर थी उसकी कॉल डिटेल भी हैं और आशारामजी बापू एक कार्यक्रम में थे वहां पर 50-60 लोग भी मौजूद थे उन्होंने भी गवाही दी है और मेडिकल रिपोर्ट में भी लड़की को एक खरोच तक नही आई है और एफआईआर में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नही है केवल छेड़छाड़ का आरोप है।

आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी आश्रम में एक फेक्स भी आया था उसमें उन्होंने साफ लिखा था कि 50 करोड़ दो नही तो लड़की के केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो।

बता दें कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शूर करवाया, वैदिक गुरुकुल खोलें, करोड़ो लोगो को व्यसनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।

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