Friday, April 21, 2023

जानिये क्यों ट्विटर ने वेरिफाइड अकाउंट से हटाए ब्लू टिक !!

 🚩जानिये क्यों ट्विटर ने वेरिफाइड अकाउंट से हटाए ब्लू टिक !!

21-April-2023 

🚩माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने 20 अप्रैल को रात 12 बजे अपने प्लेटफॉर्म पर वेरिफाइड अकाउंट्स से ब्लू टिक हटा दिए हैं। ...


🚩कंपनी ने उन खातों से ब्लू टिक हटाए हैं, जिन्होंने ट्विटर ब्लू टिक के लिए भुगतान नहीं किया था। जिन लोगों के ट्विटर अकाउंट...से ब्लू टिक हटा है, उनमें विराट कोहली, रोहित शर्मा, अभिनेता अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, सलमान खान, शाहरुख खान समेत कई नाम शामिल हैं।......



🚩 दरअसल, ट्विटर ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने 12 अप्रैल को वेरिफाइड अकाउंट से ब्लू टिक हटाने की डेडलाइन का एलान कर दिया था। मस्क ने ट्वीट किया था कि ब्लू टिक हटाने की आखिरी तारीख 4/20 है। ऐसे में तभी से माना जा रहा था कि 20 अप्रैल से सिर्फ सब्सक्रिप्शन लेने वालों के पास ही ट्विटर ब्लू टिक रहेगा। बाकी जिन लोगों ने ब्लू टिक सर्विस नहीं लिया है, उनके खाते से हट जाएगा और हुआ भी ऐसा ही है।


🚩 ट्विटर से ब्लू टिक हटाने की इस पहल ने आम आदमी के विश्वास को जीतने की कोशिश की है ।


🚩 सोशल मीडिया को एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है जिसमें बड़े से बड़े आदमी से लेकर आम आदमी एक समान है सबकी आवाज को महत्व दिया जाएगा ।


🚩 दरहसल ट्विट्टर द्वारा वेरिफिकेशन दिए जाने पर वारीफिएड एकाउंट का महत्व इतना बढ़ जाता है कि उनकी ट्वीट सही हो या पब्लिक को नुकसान पहुचने वाली पर जनता उनकी बात को सच मान बैठती थी । छोटे आदमी की आवाज़ में चाहे कितनी भी सच्चाई को उसे अनसुना किया जाता था पर अब सब  जनता एक समान हुई ।


🚩 ट्विट्टर की इस पहल से आम जनता बहुत खुश है बड़े छोटे का भेद मिटाकर सबको एक समान आवाज़ उठाने का अधिकार मिला ।

🔺 Follow on

🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Thursday, April 20, 2023

यदि आप अपने बच्चों को संस्कारवान और ओजस्वी-तेजस्वी बनाना चाहते हैं, तो इतना अवश्य करें...

20 Apirl 2023

http://azaadbharat.org

🚩कुछ माता-पिता अपने बच्चे को खूब लाड़-लड़ाते हैं। वे सोचते हैं , कि बेटे को बढ़िया स्कूल में पढ़ाएंगे,डॉक्टर, इंजीनियर,पायलट आदि बनाएंगे। इसके लिए बच्चे को छात्रावास में भी रखते हैं। किंतु कई बार विपरीत परिणाम होते हैं। बच्चा ऐसा हो जाता है कि,न अपने परिवार का रह जाता है, न छात्रावास में ठीक तरह अध्ययन ही करता है और न ही उसका भविष्य उज्ज्वल बन पाता है, वरन् वह फुटपाथी(आवारा) होकर रह जाता है।


🚩कुछ माँ-बाप बच्चों को खूब रोकते टोकते हैं। क्योंकि माँ-बाप जैसा चाहते हैं,अक्सर बच्चे वैसा नहीं कर पाते। अभिभावक यह भूल ही जाते हैं कि,बच्चों में अपनी ही उमंगे हैं,उनकी अपनी भी तो कुछ ख्वाहिशें होती हैं। ज्यादा टोका-टाकी से बच्चा बेचारा भीतर ही भीतर सिकुड़ता रहता है। फिर वह छुपकर गलती करता है और उसमें बेईमानी करने की आदत पनपती है।



🚩कभी माता-पिता की टोका-टाकी हितकारक होती है, तो कभी गड़बड़ी भी कर देती है। माता-पिता या कुटुम्बी के लिए उचित है, कि वे बच्चे को इतना विश्वास में लें, कि बच्चे से कोई गलती हो जाए, तो अपने कुटुम्बी को बता दे। फिर अभिभावक को चाहिए कि गलती का पता चलने पर भी उसको ज्यादा टोकें नहीं, गलती का मूल खोजें तथा उस मूल को ही हटा दें। बच्चा फिर गलती नहीं करेगा।


🚩बालक पैदा होता है तब से लेकर 7 साल तक उसका मूलाधार केन्द्र विकसित होता है। इन 7 सालों तक बालक बीमार न हो, इसकी सावधानी बरतें। 2-3 साल का होने पर साल में एक - दो बार 3-4 दिन पपीता और उसके बीज खिलाएं, ताकि उसका पेट ठीक रहे।


🚩बालक इधर-उधर की चीजें खाता है, भोजन के समय ठीक से नहीं खाता तो आगे चलकर उसका पाचनतंत्र खराब हो जाएगा। माता-पिता को चाहिए कि खान-पान में ज्यादा लाड़ न लड़ाएं व खान-पान की सलाह किसी वैद्य या जानकार से लें।


🚩7 से 14 वर्ष की उम्र में स्वाधिष्ठान केन्द्र विकसित होता है। अगर इस उम्र में ध्यान न दिया गया तो उसमें गंदी भावनाओं और गंदी आदतों वाले बच्चों के संस्कार पड़ेंगे। इस समय वह जैसा देखेगा और जैसी भावनाएँ उसके चित्त में आ गयीं वे सब उसे जीवन भर नचाती रहेंगी। माता-पिता के लिए उचित है , कि उसकी अच्छी भावनाओं का पोषण करें तथा धैर्यपूर्वक बुरी भावनाओं को निकालने के लिए उसे प्रोत्साहित करें... लेकिन दबाव न डालें !!


🚩14 से 21 साल तक मणिपुर केन्द्र विकसित होता है। इस समय में वासनाओं, भावनाओं के आवेग और भय-चिंता आदि के कारण बच्चों से जो गलतियाँ होती हैं,संयम-पालन व सूर्यनमस्कार आदि करने से उनपर वे स्वयं नियंत्रण पाने में सफल हो जाते हैं और बुद्धिपूर्वक अच्छे इरादे से कर्म करके ऊँचे उठ सकते हैं।


🚩भ्रूमध्य को अनामिका से हलका-सा रगड़ते हुए ʹૐ गं गणपतये नम: ' ʹૐ श्री गुरुभ्यो नमःʹ जपकर तिलक की भवना करें फिर वज्रासन में बैठकर दोनों हाथ ऊपर करते हुए धीरे-धीरे झुकते हुए प्रणाम की मुद्रा में सिर जमीन पर लगाकर 2-3 मिनट रखें। इससे निर्णयशक्ति, बौद्धिक शक्ति में जादुई लाभ होता है।साथ ही क्रोध, आवेश तथा वैरभाव आदि पर नियंत्रण पाने वाले रसों का भीतर विकास होता है।


🚩शवासन में आत्मिक शक्तियाँ खींचकर पाँचों शरीरों में लाने की व्यवस्था है। बाह्य शरीर का मोटा हो जाना, वांछनीय नहीं है, मजबूत हो जाना वांछनीय है। बाह्य शरीर के साथ प्राणमय शरीर भी विकसित होना चाहिए। प्राणबल कमजोर है, मनोबल कमजोर है तो दूसरे के प्राणबल व मनोबल के आगे आपका मन सिकुड़ जायेगा। आपकी विचारशक्ति कमजोर है तो दूसरा आपको पटा लेगा। अतः बालक के पाँचों शरीर विकसित हों इसपर ध्यान दें।


🚩"बापू जी ! बच्चे बहुत परेशान करते हैं। क्या करें ?"


🚩ज्याद टोकें नहीं किंतु उस उछलकूद को वे सुव्यवस्थित कर सकें-ऐसा उपाय करें। ज्यादा टोकेंगे तो वह छुपकर करेगा अथवा उसका मन दब जायेगा या विरोधी हो जायेगा। इस तरह उसका हित चाहते हुए भी आप अनजाने में अहित कर बैठते हैं।


🚩बच्चे चंचल हैं, तो उन्हें ज्यादा न रोकें-टोकें। उनकी यह अवस्था है ही उछलकूद करने की। माता-पिता ज्यादा रोकेंगे-टोकेंगे तो उनके मन में माता-पिता के लिए जो आदर, मान और स्नेह होना चाहिए वह नहीं होगा। 12 साल के दिमागवाले को बलात् 60 साल वाले जैसा रहने-करने के लिए कहें तो उसके लिए वैसा कर पाना सम्भव नहीं है।


🚩क्या बच्चा जैसा करना चाहे, उसे करने दिया जाए...!?


🚩हाँ, कुछ तो करने दिया जाय और कुछ मोड़ दिया जाय। अगर अत्यन्त अऩुचित करता है तो दबाव से अनुचित छोड़े इसकी अपेक्षा सुझाव से छोड़े... ऐसा प्रयत्न करना चाहिए ।


🚩ʹचाय न पियो..... कॉफी न पियो....ʹ ऐसा कहने की जगह उससे कहो , ʹकेवल दूध पियो।ʹ इनकार की अपेक्षा बच्चे को मोड़ने की कला माता-पिता को सीखनी चाहिए।


🔺 Follow on

🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Wednesday, April 19, 2023

अपने ही देश में हिंदू दूसरा दर्जा का : याचिका सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द

19  Apirl 2023

http://azaadbharat.org

अपने ही देश में हिन्दू दूसरे दर्जे का नागरिक बन कर रह गया...

क्या खूब प्रगति पर है हिन्दू-राष्ट्र का निर्माण...जहाँ हिन्दू को अपनी सुरक्षा की माँग करने का भी अधिकार नहीं...!!


🚩सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा की माँग हेतु दाखिल याचिका को किया खारिज !!


🚩भारत हिन्दू बाहुल्य देश है, लेकीन अपने ही देश में हिन्दू दूसरे दर्जे का नागरिक हो गया है, हिन्दू टैक्स देता है फिर भी उसको सरकारी योजनाओं में इतना लाभ नही मिलता है, जितना अल्पसंख्यक समुदाय को मिलता है। हिन्दू अपनी धर्मिक पुस्तक स्कूल में नहीं पढ़ सकता। उसे तो अपने मंदिरों के दान पर भी टैक्स देना पड़ता है। अपने त्योहार मनाता है, तो पत्थर सहने पड़ते है और जब हिन्दू पर अत्याचार होता है , तब मिडिया, सेक्युलर और अन्य बुद्धिजीवीवर्ग को सांप सूघ जाता है।

🚩आज देश के हालात ऐसे बन गए हैं ,कि अगर हिन्दू अत्याचार के विरुद्ध या सुरक्षा पाने की आस में न्यायालय का दरवाजा खट- खटाता है, तब भी उसको न्याय नहीं मिलता । आखिर हिंदु जाए तो कहा जाए ?


🚩और उस पर भी विडंबना यह , कि राष्ट्र उत्थान, संस्कृति रक्षा और हिन्दू जागृति और सनातन धर्म के रक्षार्थ कार्य करने वाले पवित्र साधु संतों की भी हत्या कर दी जाती है या सालों तक उनको जेल में रख कर प्रताड़ित किया जाता है ।

🚩प्रश्न गंभीर है , कि क्या अपने ही देश में हिन्दुओं की पुकार सुनने वाला कोई नही है !?


🚩सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा की माँग हेतु दाखिल याचिका को खारिज किया !!


🚩सुप्रीम कोर्ट ने रामनवमी पर देशभर में श्रद्धालुओं के खिलाफ हुई हिंसा के मामलों की जाँच का आदेश देने से इनकार कर दिया है। ये याचिका ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ नामक ट्रस्ट द्वारा दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 अप्रैल, 2023) को ख़ारिज कर दिया। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने इस याचिका में कहा था , कि कट्टरपंथी ग़ैर-हिन्दू समुदाय के लोगों ने देशभर में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया और हिन्दू श्रद्धालु इसका शिकार बने।


🚩याचिका में जानकारी दी गई थी कि हर साल रामनवमी के दौरान इस तरह की हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता से कहा , कि वो पश्चिम बंगाल, गुजरात, बिहार, कर्नाटक, झारखंड और तेलंगाना में स्थित हाईकोर्ट्स में याचिका दायर करें।

🚩ग़ौरतलब है , कि महाराष्ट्र से भी इस तरह की घटनाएँ सामने आई हैं। पश्चिम बंगाल में इसका सबसे ज़्यादा असर देखने को मिला। और शर्मसार करने वाली बात यह कि , वहाँ की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान से भी कट्टरपंथी गुंडों और दंगाइयों को सहयोग मिला।


🚩इस याचिका में हिन्दू संस्था ने माँग की थी , कि

हिन्दुओं की शोभा यात्राओं और हिन्दू पर्वों व त्योहारों पर गैर-हिन्दू समुदाय के कट्टरपंथियों द्वारा किए जाने वाले हिंसक हमलों से हिन्दुओं के जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ।

🚩इस याचिका की गम्भीरता पर प्रकाश डालते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष की ओर से बताया गया , कि ये हिंसक घटनाएं कोई अचानक नहीं होती बल्कि पूरी साजिश के तहत इस तरह के हमले किए जाते हैं। याचिका में माँग की गई कि जिन-जिन राज्यों में ऐसी हिंसा हुई है, वहाँ के मुख्य सचिवों से रिपोर्ट तलब की जाए। ऐसी हिंसक वारदातों की निष्पक्ष और त्वरित जाँच की जाए 

🚩साथ ही राज्य सरकारों को ये आदेश जारी करने का निवेदन भी किया गया था कि हिंसा की इन वारदातों के कारण हुए घायलों और पीड़ितों के नुकसान की भरपाई की जाए ।

🚩पश्चिम बंगाल के हावड़ा, बिहार के नालंदा, तेलंगाना के हैदराबाद, महाराष्ट्र के औरंगाबाद, गुजरात के वरोदड़ा और झारखंड के जमशेदपुर में इस साल हुई ऐसी घटनाओं का जिक्र किया गया।

🚩पश्चिम बंगाल में तो माननीय मुख्य मंत्री द्वारा किसी इलाके को मुस्लिम बहुल क्षेत्र कह कर शोभा यात्रा न निकालने के आदेश तक दिए जाते हैं ।इसके विरोध में सरकारों को निर्देश देने की माँग भी याचिका में की गई थी।


🚩हिन्दू अपने ही देश में अपना त्यौहार भी खुलकर नही मना सकते...!! क्यों...!?

क्योंकि अन्य धर्मावलंबी ( तथाकथित डरे हुए अल्पसंख्यक ) पथराव करते हैं ।

अब ऐसे में यदि सर्वोच्च न्यायालय से भी न्याय नहीं मिलेगा , तो आख़िर आम आदमी कहां गुहार लगाए !?


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Tuesday, April 18, 2023

ब्रेनवॉश करने के लिए मिडिया द्वारा ऐसे रचा जाता है प्रपंच

18  Apirl 2023

http://azaadbharat.org

🚩ओसामा बिन लादेन एक अच्छा पिता, बुरहान वानी गरीब हेडमास्टर का बेटा, पुलवामा का विस्फोट करने वाला सताया हुआ मासूम । विस्फोटक बनाने वाले आत्मरक्षा हेतु बम बनाने वाले भटके हुए नौजवान । अतीक अहमद जी तो सच्चे महात्मा हैं । 38 साल पहले पंजाब में हिन्दुओ का कत्लेआम करने वाला आतंकवादी आज भी संत है। दाऊद इब्राहीम ने भी बहुत से अच्छे काम किए हैं। युवाओं को एसिड से नहलाने वाला बिहार का डॉन शहाबुद्दीन भी महान था । सर तन से जुदा करने की धमकी तो एक शान्ति गीत है।


🚩अनेक पत्रकार एक विशेष समूह को उत्पीड़क और दूसरे को उत्पीड़ित बताने का अघोषित लक्ष्य रखते रहे हैं । खबरों को आधे-अधूरे प्रस्तुत करना, तोड़ना-मरोड़ना, कभी उत्पीड़क तो कभी उत्पीड़ित की पहचान छुपाना अथवा खूब प्रमुखता देकर छापना आदि इनका मुख्य उद्देश्य रहा है।


🚩पालघर में हिन्दू साधुओं की भीड़ द्वारा नृशंस हत्या पर रविश कुमार 33 सेकंड बोलता है तो चोर तबरेज की पिटाई और पुलिस कस्टडी में मृत्यु को 33 घंटे कवर करता है। पत्रकार दानिश सिद्दकी की हत्या की जिम्मेदारी तालिबान नहीं गोली को बताता है। 2 मई 2021 के बाद पश्चिमी बंगाल में हुए हिन्दुओं के नरसंहार, सामूहिक बलात्कार और पलायन को अधिकाँश मिडिया छुपा गया। शाहीन बाग़ धरने में कुछ चुने हुए पत्रकारों को ही आने दिया जाता था।



🚩एक बड़े अंग्रेजी अखबार में समाचार छपा, ‘सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करने के लिए युवक की गिरफ्तारी।’ लेकिन उस में यह छिपा लिया गया कि वह फोटो कैसी थी। उस युवक ने एक मंदिर में शिवलिंग पर जूते सहित अपना पैर रखकर सेल्फी ली थी, जिसे सोशल मीडिया में डालने पर किसी ने पुलिस में शिकायत की और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।


🚩बुरी खबर और खासकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाली खबरों के प्रति हमारे अंग्रेजी संपादकों में ऐसा आकर्षण है कि वे उसकी किसी भी प्रमाणिकता की जाँच की जरूरत नहीं समझते। अब सोचें, कि मनगढंत, जाली, मिलावटी, शरारतपूर्ण, राजनीति-प्रेरित ख़बरों पर भरोसा करना कितना उचित है और विदेशियों की सेवा करने वाली मीडिया से ज्यादा  घातक और क्या हो सकता है?


🚩‘मित्रोखिन आर्काइव्स, खण्ड एक (1999) तथा खण्ड दो (2005) के  दूसरे खण्ड में दो अध्याय (पृ. 312-340) भारत में के.जी.बी. के अनेक कामों के बारे में हैं। नेहरू काल से लेकर इस में लगभग 1989 तक के कुछ छिट-पुट विवरण हैं। अर्थात जो दस्तावेज के.जी.बी. कर्मचारी वसीली मित्रोखिन को मिले थे और जिसे वे नोट कर बाहर ले जा सके थे। उस पुस्तक के पृ. 324 पर भारतीय मीडिया के एक हिस्से का यह रूप भी मिलता है – ‘‘के.जी.बी. की फाइलों के अनुसार इस ने सन 1973 तक भारत के दस अखबारों और एक न्यूज एजेंसी को (कानूनी कारणों से उन के नाम नहीं बताए जा सकते) नियमित रूप से पैसे देकर नियंत्रण में कर लिया था। वर्ष 1972 के दौरान के.जी.बी. ने भारतीय अखबारों में अपनी ओर से प्रायोजित 3789 सामग्री छपाने का दावा किया।


🚩संभवतः किसी गैर-कम्युनिस्ट देश में यह सब से बड़ी संख्या थी। फाइलों के अनुसार, यह संख्या 1973 में गिर कर 2760 हो गई, जो 1974 में बढ़कर 4486 और 1975 में 5510 हो गई। कुछ मुख्य देशों में के.जी.बी. ऐसे सक्रिय उपाय अभियानों के बावजूद तुलना में बमुश्किल एक प्रतिशत से कुछ अधिक चीजें प्रकाशित करा पाया था पर उसने भारतीय प्रेस में सफलतापूर्वक करवाया।’’


🚩साथ ही साथ यह भी एक कड़वा सच है कि हमारे ही कुछ भारतीय पत्रकार कैसे हमारा ब्रेनवॉस करके देश की जनता को गुमराह करते हैं। ऐसे दोगले पत्रकारों से हम सभी को सावधान रहना चाहिए ।

जय हिंद जय भारत माता


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Monday, April 17, 2023

यह है आधुनिक भारत की वर्तमान स्थितियों का कड़वा सच‼️लेकिन इस पर चर्चा कभी नही होती

17 Apirl 2023

http://azaadbharat.org


*🚩लगभग 4 साल पहले केरल की 2 ननों को ट्रेन से उतार कर उत्तर प्रदेश की पुलिस ने सामान्य सी पूछताछ की तो केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, राहुल गांधी और मायावती तक ने इतना शोर मचाया , कि गृह मंत्री अमित शाह को स्पष्टीकरण देना पड़ा।*


*🚩लगभग 3 साल पहले पालघर मे 2 हिन्दू सन्यासियों की निर्मम हत्या हुई । यह हत्याकाण्ड जिस स्थान पर हुआ वह ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है।*


*🚩स्वामी असीमानंद को झूठे सम्झौता एक्स्प्रेस ब्लास्ट मामले मे 10 सालों तक जेल मे प्रताड़ित किया गया, क्योंकि उन्होने गुजरात के डांग मे आदिवासियों को ईसाई बनने से रोका।*



*🚩23 अगस्त 2008 को उड़ीसा के कंधमाल मे स्वामी लक्ष्मणानन्द की दर्दनाक और नृशंस हत्या कर दी गई...क्यों कि वो उस स्थान पर आदिवासियों के ईसाईकरण में बाधक बन रहे थे।*


*🚩27 अगस्त 2000 को त्रिपुरा मे शान्ति काली जी महाराज को गोलियों से भून दिया गया, क्योंकि वे त्रिपुरा में इसाईकरण के आड़े आ रहे थे।*


*🚩31 अगस्त 2013 को संत श्री आशारामजी बापू को जेल भेजा गया क्योंकि बापू आशारामजी ने करोड़ो लोगों में सनातन धर्म की लौ जगा दी और लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई, हजारों मिशनरी एनजीओज़ की दुकानें बंद करवा दी । बौखलाए मिशनरियों ने ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज करके मिडिया ट्रायल करवाकर जेल भिजवा दिया। आज 9+ सालों से उन्हें 1 दिन की राहत नहीं मिली।*


*🚩केरल की नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा ने मलयालम मे अपनी आत्मकथा लिखी है। इसका नाम है‘Karthavinte Namathil (in the name of the Lord)’।  इसमें सिस्टर ने बताया है , कि साइरो-मालाबार चर्च में उनका कैसा अनुभव रहा ।

ग़ौरतलब है कि , इन्होंने ही बलात्कार आरोपित पादरी फ्रैंको मुलक्कल के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी , जिसमें उन्हें आजतक न्याय नहीं मिला । ईसाई संस्थाओं द्वारा संचालित प्राइवेट स्कूलों में पादरियों द्वारा क्या गुल खिलाए जाते हैं, सिस्टर लूसी की पुस्तक में इसके कई उदाहरण मिलेंगे। पादरी और बिशप अपने पदों का दुरूपयोग करते हुए ननों के साथ जबरदस्ती कर यौन सम्बन्ध बनाते हैं। वो इसके लिए कई ननों की जबरन सहमति भी लेते हैं।*


*🚩सिस्टर लूसी ने लिखा कि कॉन्वेंट्स में जवान ननों को पादरियों के पास उनके ‘यौन सुख’ के लिए भेजा जाता था। वहाँ वो सभी ननें घंटों नंगी खड़ी रखी जाती थीं। वो लगातार गिड़गिड़ाती रहती थीं लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया जाता था।*


*🚩केरल नन रेप केस में फंसे बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ बयान देने वाले फादर कुरियाकोसे कट्टूथारा का 22 अक्तूबर 2018 की सुबह शव बरामद हुआ । 60 वर्षीय कुरियाकोसे की मृत्यु आज भी संदिग्ध है।*


*🚩जब भारत मे चर्च का कोई बड़ा पदवीधारी (बिशप/ कार्डिनल) आदि फँसता है तो चर्च उसे क्लीनचिट देने मे बहुत जल्दी करता है परंतु पुलिस की सामान्य पूछताछ को भी अत्याचार बताया जाता है।*


*🚩फादर पी बी लोमियो की पुस्तक " उंटेश्वरी माता का महंत " भारत में चर्च के साम्राज्यवाद के कड़वे सच की दास्तान बताती है। मीडिया में उसकी चर्चा भी नही होती। इसी तरह " बुधिया एक सत्यकथा " भी चर्च के भीतर हो रहे कालेकारनामों और रोंगटे खड़े करने वाले सच से पर्दाफ़ाश करती है।*


*🚩विश्व मे चर्च --*

*सन् 2009 में आयरलैंड में, विशेष सरकारी आयोगों द्वारा वर्षों के कार्यों के बाद, डबलिन महाधर्मप्रांत में स्कूल प्रणाली में रयान रिर्पोट एवं बाल दुराचार पर मर्फी रिपोर्ट प्रकाशित किया गया था। मई में पहली रिपोर्ट के अनुसार 1930 से 1990 के दशक तक कैथोलिक गिरजे के कर्मचारियों द्वारा हज़ारों बच्चों को पीटा गया, सर मुंडवाया गया, आग या पानी से यातना दी गई और बलात्कार किया गया। उन मासूमों को नाम के बदले नम्बर दिया गया था। कभी कभी तो वे इतने भूखे होते थे , कि कूड़ा खाने पर मजबूर थे। नवम्बर में आई दूसरी मर्फ़ी रिपोर्ट में सामने आया कि , किस तरह चर्च ने दशकों तक अपने काले कारनामों को व्यवस्थित रूप से दबाए रखा। चर्च नेतृत्व बदनामी के डर से चुप रहा तो सरकारी दफ़्तरों ने नज़रें फेर लीं। जनमत के भारी दबाव के कारण चार बिशपों को इस्तीफ़ा देना पड़ा। तीन इस्तीफ़ो पर पोप को अभी फ़ैसला लेना है। रिपोर्ट के अनुसार आर्कडियोसेज़ डब्लिन में 1975 से 2004 के बीच 300 बच्चों के साथ दुर्व्यवहार हुआ। इस बीच कम से कम 170 इसाई धर्माधिकारी संदेह के घेरे में हैं ।*


*🚩5 फरवरी 2014 को ज़ारी अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकार समिति (सीआरसी) ने कहा कि वैटिकन को उन पादरियों की फ़ाइलें फिर से खोलनी चाहिए , जिन्होंने बाल शोषण के अपराधों को छुपाया है,ताकि उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया जा सके । वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार -- " वैटिकन ने अपराधों की गंभीरता को स्वीकार नहीं किया और इसेलेकर समिति बहुत चिंतित है ।"*


*🚩सितम्बर 2018 में जर्मनी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार कैथोलिक चर्च में 1946 से 2014 के बीच 3,677 बच्चों का यौन शोषण हुआ। जर्मन बिशप कॉन्फ्रेंस के प्रमुख कार्डिनल मार्क्स ने पीड़ितों से माफी मांगी ।*


*🚩जर्मन बिशप कॉन्फ्रेंस में रिपोर्ट पेश करते हुए कार्डिनल मार्क्स ने पीड़ितों से माफी मांगते हुए कहा, "लंबे समय तक चर्च ने यौन शोषण के मामलों को झुठलाया, नजरअंदाज किया और दबाया। इस विफलता और उसकी वजह से पहुंची तकलीफ के लिए मैं माफी मांगता हूं।" रिपोर्ट में कैथोलिक चर्च के पादरियों द्वारा बच्चों और किशोरों के यौन शोषण के मामले दर्ज किए गए हैं। मार्क्स ने कहा, "मैं नष्ट हुए भरोसे और चर्च के अधिकारियों द्वारा किए गए अपराधों के लिए शर्मसार हूं।"*


*🚩रिपोर्ट के अनुसार 1946 से 2014 के बीच कैथोलिक चर्च के 1,670 अधिकारियों ने 3,677 नाबालिगों का यौन शोषण किया। रिपोर्ट के लेखकों ने जर्मनी के 27 डियोसेजे में 38,156 फाइलों का विश्लेषण किया जिसमें 1,670 अधिकारियों के ऊपर नाबालिगों का यौन शोषण किए जाने के आरोपों का पता चला। इस अध्ययन का आदेश जर्मन बिशप कॉन्फ्रेंस ने ही दिया था। टीम का नेतृत्व मनहाइम के मनोचिकित्सक हाराल्ड द्राइसिंग की टीम कर रही थी।*


*🚩रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों में 1429 डियोसेजे के पादरी थे, 159 धार्मिक पादरी थे और 24 डियाकोन अधिकारी थे। 54 फीसदी लोगों के मामले में सिर्फ एक का यौन शोषण का आरोप था जबकि 42 प्रतिशत कई मामलों के आरोपी थे। यौन शोषण के पीड़ितों में 63 फीसदी लड़के थे और 35 फीसदी लड़कियां। पीड़ितों में तीन चौथाई का चर्च और आरोपियों के साथ धार्मिक रिश्ता था। वे या तो प्रार्थना सभाओं में सेवा देने वाले थे या धार्मिक कक्षाओं के छात्र।*


*🚩पुरी दुनिया में पादरी यौन शोषण के लिए बदनाम हैं परन्तु भारतीय मिडिया चुप है...! क्यों...?*


*🔺 Follow on*


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Sunday, April 16, 2023

जन्मदिन इस तरीके से मनाएंगे तो जीवन महक उठेगा...

16 Apirl 2023

http://azaadbharat.org


🚩हम पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर प्रकाश, आनंद व ज्ञान की ओर ले जाने वाली अपनी सनातन संस्कृति का अनादर करके अपना जन्मदिवस अंधकार व अज्ञान की छाया में मना रहे हैं। केक पर मोमबत्तियाँ जलाकर उन्हें फूँककर बुझा देते हैं, प्रकाश के स्थान पर अंधेरा कर देते हैं।


🚩पानी का गिलास होठों से लगाने मात्र से उस पानी में लाखों किटाणु प्रवेश कर जाते हैं तो फिर मोमबत्तियों को बार बार फूँकने पर थूक के माध्यम से केक में कितने कीटाणु प्रवेश करते होंगे ? अतः हमें पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण का त्याग कर भारतीय संस्कृति के अनुसार ही जन्मदिवस मनाना चाहिए।


🚩तमसो मा ज्योतिर्गमय।

हे प्रभु ! तू हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चल ! सनातन संस्कृति के इस दिव्य संदेश को जीवन में अपना कर अपना जीवन प्रकाशमय बनाने का सुअवसर है जन्मदिवस।



🚩यह शरीर, जिसका जन्मदिवस मनाना है, पंचभूतों से बना है जिनके अलग-अलग रंग हैं। पृथ्वी का पीला, जल का सफेद, अग्नि का लाल, वायु का हरा व आकाश का नीला।


🚩थोड़े से चावल, हल्दी, कुंकुम आदि उपरोक्त पाँच रंग के द्रव्यों से रँग लें। फिर उनसे स्वास्तिक बनायें और जितने वर्ष पूरे हुए हों, मान लो 11, उतने छोटे दीये स्वास्तिक पर रख दें तथा 12वें वर्ष की शुरूआत के प्रतीक के रूप में एक बड़ा दीया स्वास्तिक के मध्य में रखें।


🚩फिर घर के सदस्यों से सब दीये जलवायें तथा बड़ा दीया कुटुम्ब के श्रेष्ठ, ऊँची समझवाले, भक्तिभाव वाले व्यक्ति से जलवायें। इसके बाद जिसका जन्मदिवस है, उसे सभी उपस्थित लोग शुभकामनाएँ दें। फिर आरती व प्रार्थना करें। 


🚩आप अपने बच्चों का जन्मदिवस भारतीय संस्कृति के अनुसार ही मनायें ताकि आगे चलकर ये मासूम नौनिहाल पाश्चात्य संस्कृति के गुलाम न बनकर भारत के सम्माननीय नागरिक बन सकें।


🚩ध्यान दें- जन्मदिवस के अवसर पर पार्टियों का आयोजन कर व्यर्थ में पैसा उड़ाना कहाँ तक उचित है ? इससे देश के ये भावी कर्णधार कौन सा आदर्श लेंगे ? आप आज से ही जन्मदिवस भारतीय संस्कृति के अनुसार मनाने का दृढ़ निश्चय कर लें। इस दिन बच्चे के हाथों से गरीब बस्तियों, अनाथालयों में भोजन, वस्त्र इत्यादि का वितरण करवाकर बच्चे में अपने धन को सत्कर्म में लगाने के सुसंस्कार डालें। लोगों से चीज-वस्तुएँ (गिफ्टस) लेने के बजाये अपने बच्चे को दान करना सिखायें, ताकि उसमें लेने की नहीं अपितु देने की सवृत्ति विकसित हो। बच्चे में भगवदभाव एवं देशभक्ति के विकास हेतु उस दिन उसे बालभक्तों की कहानियाँ सुनायें, गीता-पाठ करायें, बड़े बुजुर्गों को प्रणाम करवाकर उनसे आशीर्वाद दिलवायें। वृक्षारोपण जैसे पर्यावरण के प्रति प्रेम उत्पन्न करने वाले एवं समाज हित के कार्य करवायें।


🚩बच्चा उस दिन अपने गत वर्ष का हिसाब करे कि उसने वर्ष भर में क्या-क्या अच्छे और बुरे काम किये ? जो अच्छे कार्य किये हों उन्हें भगवान के चरणों में अर्पण कर दे और जो बुरे कार्य हुए उनको आगे भूलकर भी न दोहराने और सन्मार्ग पर चलने का शुभ संकल्प करे।


🚩उस दिन बालक से कोई भी एक संकल्प करवायें जैसे - ʹआज से स्वस्तिक या सदगुरुदेव के श्रीचित्र पर नियमित रूप से त्राटक करूँगा इत्यादि। बच्चे से यह भी संकल्प करवायें कि वह नये वर्ष में सदगुण सदाचारों के पालन में पूरी लगन से लगकर अपने माता पिता व देश के गौरव को बढ़ायेगा।


🚩ये बच्चे ऐसे महकते फूल बन सकते हैं कि अपनी निष्काम कर्मरूपी सुवास से वे केवल अपना घर, पड़ोस, शहर, राज्य व देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को सुवासित कर सकते हैं।


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Saturday, April 15, 2023

उइगर मुस्लिमों को चीन में रोजा रखने पर पूरी तरह प्रतिबंध

15 Apirl 2023

http://azaadbharat.org


🚩उइगर मुस्लिमों पर चीन का कहर जारी है। रजमान के महीने में रोजा रखने की भी उन्हें इजाजत नहीं है। कोई मुस्लिम रोजा ना रख सके, इसके लिए चीन जासूसों की मदद ले रहा है। चीन ने जासूस के रूप में आम लोगों को ही रखा है। चीनी अधिकारी इन्हें ‘Ears’ कहते हैं। बता दें कि साल 2017 से ही चीन ने मुस्लिमों को रोजा रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है।


🚩इसके बाद साल 2021 और 2022 में प्रतिबंध में आंशिक रूप से ढील दी गई थी। इसके बाद 65 से अधिक मुस्लिमों को रोजा रखने की अनुमति मिली थी। इस दौरान पुलिस ने घरों की तलाशी और सड़क पर गश्ती जैसी गतिविधियों को कम कर दिया था।


🚩हालाँकि, इस साल चीन सरकार ने रोजा पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने उम्र, लिंग या पेशे की परवाह किए बिना सभी को रोजा रखने से रोक दिया। बता दें कि इस साल 22 मार्च से 20 अप्रैल तक रमजान का महीना है। इस दौरान मुस्लिम रोजा रखते हैं। रोजा इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है।



🚩शिनजियांग प्रांत के तुरपुन सिटी पुलिस स्टेशन के अधिकारी के अनुसार, इस बार पूर्ण प्रतिबंध के बाद चीन के अधिकारियों ने रमजान के पहले सप्ताह में 56 उइगर निवासियों और पूर्व बंदियों को उनकी गतिविधियों के बारे में पूछताछ करने के लिए बुलाया। इस दौरान पाया कि उनमें से 54 ने रोजा रखकर कानून का उल्लंघन किया।


🚩कानून का उल्लंघन करने वाले मुस्लिमों को क्या सजा दी गई या उनका क्या हुआ, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इतना ही नहीं, पुलिस अधिकारियों ने भी इस संबंध में जानकारी दी। अधिकारी के अनुसार, हर गाँव तीन जासूसों को रखा गया है, जो रोजा रखने वालों या हाल ही में जेल से निकलकर आए लोगों पर नजर रखते हैं। ये जासूस आम नागरिक, पुलिसकर्मी और ग्राम समिति के सदस्य होते हैं।


🚩दरअसल, चीनियों के उइगर भाषा भी एक बड़ा बाधक है। इसलिए वे उइगर समुदाय के लोगों एवं वहाँ के स्थानीय लोगों को ही जासूस के रूप में नियुक्त कर किए हैं। पुलिस थाने में 70-80 उइगर पुलिसकर्मी हैं, जो इसमें मदद करते हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शासन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार और बढ़ गए हैं।


🚩दरअसल, मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में उइगर विद्रोहियों को लगभग खात्मा कर चुका चीन इस्लामी कट्टरपंथ पर नकेल कसने के लिए मजहब को पूरी तरह नियंत्रित कर रहा है। इस्लाम को दबाने का काम साल 2018 के बाद से शुरू हुआ, जब चीनी कैबिनेट ने एक गुप्त निर्देश पास किया कि मस्जिदों और मदरसों में अरब के बढ़ते प्रभाव को रोका जाए।


🚩इसके बाद उनकी धार्मिक पहचान मिटाने के लिए वेश-भूषा, खानपान, भाषा से लेकर संस्कृति और इतिहास तक मिटाया जा रहा है। मस्जिदों को ढहा दिया गया, अरबी पढ़ने पर रोक लगा दी, बुर्का और नमाजी टोपी पहनने पर रोक लगा दी गई।


🚩चीन में उइगर मुस्लिमों की आबादी घटना के लिए चीन योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है। चीन सिर्फ एक निकाह करने की इजाजत दे रहा है। इसके साथ ही मुस्लिम पुरुषों की जबरदस्ती नसबंदी की जा रही है। यहाँ तक उइगर महिलाओं को नियमित रूप से प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया जाता है और उनका जबरन गर्भपात करा दिया जाता है। उनके गर्भाशय में यंत्र फिट कर गर्भधारण की जानकारी जुटाई जाती है।


🚩ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में स्थित अख़बार ‘द हेराल्ड सन’ ने साल 2021 में खुलासा किया था कि चीन उइगर मुस्लिम के अंगों की तस्करी भी कर रहा है और उससे धन कमा रहा है। उइगर मुस्लिमों के स्वस्थ लिवर को चीन 1,60,000 डॉलर्स (1.20 करोड़ रुपए) में बेचा जा रहा है।


🚩अख़बार ने दावा किया था कि इस तरह के धंधों से चीन को 1 बिलियन डॉलर (7492 करोड़ रुपयों) की कमाई हो रही है। इसका अर्थ है कि चीन के जिन प्रताड़ना कैंपों (Detention Centres) में इन उइगर मुस्लिमों को रखा जा रहा है, वहाँ जबरदस्ती उनके अंग निकाल लिए जाते हैं।


🚩भारत में इतनी छूट मिलने पर भी हिंदुओं के खिलाफ़ षडयंत्र किया जा रहा है, हिंदुओं को ही मिटाने का प्रयास किया जा रहा हैं। भारत में कब तक ऐसा चलता रहेगा?



🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ