Saturday, October 21, 2023

भारतीय क्रिकेट टीम जब मैच खेलने पाकिस्तान गई थी, तब क्या हुआ था ? जानिए.....

22 October 2023

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🚩पुरुषों की भारतीय क्रिकेट टीम ने क्रिकेट विश्वकप प्रतिस्पर्धा में पाकिस्तान की पुरुष क्रिकेट टीम को पराजित कर दिया है। यह एक प्रकार से एकतरफा मैच रहा था। परन्तु यहाँ पर बात हार-जीत की नहीं, उस व्यवहार की की जा रही है, जो हमारे पुरुष भाइयों के साथ पाकिस्तान में हुआ था, जब वो लोग पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने गए थे।


🚩भारत के अहमदाबाद में जिस प्रकार से पाकिस्तान की क्रिकेट टीम का स्वागत किया गया, उसने कई लोगों को नाराज कर दिया। पुरुष आयोग जैसे संगठन ने भी ख़ासा नाराज़गी प्रकट की है।

उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह सब क्यों और कैसे हो गया !

क्या चंद पैसों का लालच इस सीमा तक है कि सीमा पर पाकिस्तान के हाथों प्राण गँवाते हुए अपने सैनिक नहीं दिखाई दे रहे?

क्या इस सीमा तक क्रिकेट का उन्माद बढ़ गया है?


🚩लोग गुस्से में थे... और यह गुस्सा कोई व्यक्तिगत गुस्सा नहीं था, बल्कि यह गुस्सा बहुत बढ़कर था क्योंकि यह हमारे भाइयों, बेटों और उससे बढ़कर पाकिस्तान में हिन्दू बेटियों से जुड़ा था। यह इससे भी जुड़ा था कि पाकिस्तान में लगभग रोज ही हिन्दू बेटियों का अपहरण और जबरन निकाह हो रहे हैं और हम यहाँ आए पाकिस्तानी क्रिकेटरों का स्वागत सत्कार करते हैं और तो और उनके स्वागत में अपनी बेटियों से स्वागत-नृत्य करवाते हैं!


🚩ये तमाम बातें पुरुष आयोग को और पुरुष आयोग की अध्यक्ष होने के नाते मुझे भी परेशान कर रही थीं। आखिर ऐसी क्या विवशता थी कि एक मैच को इतना विशेष बना दिया गया? जब हम क्रिकेट की बात करते हैं तो इस स्वागत पर इसलिए भी हैरानी हो रही थी क्योंकि इंटरनेट पर कई ऐसी तस्वीरें बिखरी थीं, जो उस अपमान को दिखा रही हैं, जो हमारे भाइयों अर्थात हमारी टीम के खिलाड़ियों पर पाकिस्तान में हुए हमले को दिखाती हैं।


🚩1989 में पाकिस्तान गई भारतीय टीम के कप्तान श्रीकांत पर पाकिस्तान के लोगों ने मैदान पर हमला किया था।


🚩भारत की टीम जब वर्ष 1997 में पाकिस्तान गई थी, तो उस समय पाकिस्तान के लोगों द्वारा भारत के खिलाड़ियों पर दर्शक दीर्घा से पत्थर फेंके गए थे।


🚩उस समय भारत के कप्तान सचिन तेंदुलकर थे और जब भारतीय खिलाड़ियों पर चार बार पत्थर फेंके गए, तो सचिन ने यह कहते हुए आगे खेलने से इंकार कर दिया था कि वह अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा की कीमत पर खेल नहीं सकते।


🚩इस पर पाकिस्तान की पारी को वहीं रोक दिया गया था। उस समय पाकिस्तान की पारी के 47.2 ओवर हुए थे। भारत के लिए मैच 47 ओवर का कर दिया था और भारत ने वह मैच तीन गेंदे शेष रहते हुए जीत लिया था।


🚩यह व्यवहार हमारे भाइयों के साथ पाकिस्तान में किया जाता है और भारत में जब पाकिस्तान टीम आई तो उसके इस्तकबाल में इतना इंतजाम!


🚩सच कहा जाए तो सभी का दिल दुःख गया। हाँ, यह बात सच है कि एकतरफा मैच की विजय ने इस दुःख को कुछ कम कर दिया, परन्तु अपने भाइयों के उस अपमान पर दिल दुखता तो है ही।


🚩और यह दुःख तब और बढ़ जाता है जब हम देखते हैं कि भारत की सेक्युलर ब्रिगेड के लिए मोहम्मद रिजवान का मैदान में नमाज पढ़ना अपने मजहब के प्रति समर्पण है तो वहीं दर्शकों का जय श्री राम के नारे लगाना साम्प्रदायिकता या कहें असहिष्णुता?


🚩उनके लिए असहिष्णुता की सीमा इतनी एकतरफा क्यों है?


       - बरखा त्रेहन


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Friday, October 20, 2023

ये देश हिन्दुओं का है और रहेगा , हमें मत पढ़ाओ सेक्युलरिज्म - मुख्यमंत्री , असम

21 October 2023

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🚩असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक संबोधन के दौरान कहा कि हम हिन्दू हैं, हमें सेक्युलरिज्म का पाठ मत पढ़ाइए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये देश हिन्दुओं का देश है और ये देश हिन्दुओं की तरफ रहेगा। उन्होंने कहा, “ये सेक्युलरिज्म की भाषा हमें मत सिखाओ। हमें आपसे सेक्युलरिज्म की भाषा नहीं सीखनी है। हमलोग ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को मानते हैं, ये सिद्धांत विश्व को हमने दिया है। सेक्युलरिज्म का अर्थ ये नहीं है कि कोई राम मंदिर को तोड़ कर बाबर के नाम पर मस्जिद बनाएगा।”


🚩असम के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि इसे सेक्युलरिज्म नहीं कहा जाता।इसे तो हिन्दुओं के उनके धर्मानुसार आचरण पर परोक्ष रूप से रोक टोक ही कहा जाना चाहिए। 

उन्होंने ये बातें छत्तीसगढ़ में एक चुनावी जनसभा के दौरान कही।


🚩संक्षेप में सेक्युलरिज्म क्या है?


🚩1. दीपक जलाने का विरोध और घर दुकान जलाने पर चुप्पी।


🚩2. निर्दोष साधुओं के भीड़ द्वारा बेरहमी से मारने पर 33 सेकंड और चोर तबरेज के पुलिस कस्टडी में मरने पर 33 घण्टे चैनल कवरेज।


🚩3. थाली बजाना गलत, पर डॉक्टर और पुलिस के सिर पर पत्थर बजाने पर चुप


🚩4. बंगाल और राजस्थान में दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी। नक्सलियों और आतंकवादियों द्वारा रक्षकों को मार देने पर चुप्पी। केरल में लव जिहाद पर चुप परन्तु उत्तरप्रदेश पर शोर।


🚩5. लव जेहाद में बेटियों के मारे जाने पर चुप्पी परन्तु कानून बनाने पर शोर।


🚩कुछ साल पहले कुछ बुद्धिजीवी और सेक्युलर मित्रों ने कहा कि ,.....

🚩दलितों और अल्पसंख्यकों में वर्षों से भाईचारा है। कभी कभी गलतफहमी हो जाती है। भटके हुए युवा गुस्से में बम विस्फोट भी कर देते हैं या आग लगा देते हैं और उसे तुम्हारे जैसे लोग ( जागरूक बहुसंख्यक ) साम्प्रदायिक दंगे का नाम दे देते हैं।


🚩साथ ही इन बुद्धिजीवियों ने हमारा ज्ञान वर्धन करते हुए कहा कि,.....

🚩औरंगजेब ने किसी की मजहब में दखलअंदाजी नहीं की। किसान नायक गोकुला जाट का झगड़ा तो केवल लगान का था।


🚩एक भाई को इस बात का गुस्सा था कि.....

राज्य में उनकी जाति 25% है परन्तु मुख्यमंत्री और प्रधानमन्त्री उनकी जाति का नहीं है। जब मैंने पूछा कि तुगलक, खिलजी, ऐबक, अकबर, औरंगजेब किस जाति के थे। ब्रिटिश वायसराय किस जाति के थे तो गुस्से से बेकाबू हो गया।


🚩एक भाई ने कहा कि......

गुरु अर्जुन देव और गुरु तेग बहादुर के बलिदान की बात पुरानी हो चुकी है। आज हम पढे लिखे हैं। इन बातों को भूल कर सेक्युलरिज़्म को आगे बढ़ाना चाहिए।


🚩एक ने बताया कि.....

जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35A के कारण 2 लाख से अधिक वाल्मीकि पिछले 66 साल से वोट नहीं दे सकते तो इसके लिए हरियाणा या दिल्ली में शोर नहीं करना चाहिए।


🚩बेंगलुरु के दंगे का पता चला और इसमें भीम-मीम भाईचारा खोजने की कोशिश की। भाईचारा मिल भी गया...

पूर्वी बेंगलुरु के पुल्केशी नगर के दलित कॉन्ग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर की ओर 1000 से भी अधिक की अल्पसंख्यक (मुस्लिम) भीड़ ने हमलाकर आगजनी, पत्थरबाजी और दंगे किए, जिसके बाद इलाक़े में कर्फ्यू लगा दिया गया। 


🚩सेक्युलरिज्म की महिमा अपरम्पार है। यह तो सेक्युलरिज्म की एक छोटी सी झलक मात्र है।

सेक्युलरिज्म अनन्त, सेक्युलरिज्म कथा अनन्ता। हिन्दुओं अपनी आँखों से सेक्युलरिज्म की पट्टी हटाओ तब बच पाओगे !!


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Thursday, October 19, 2023

फिर से कश्मीर में धमकी भरे लगे पोस्टर : हिन्दू - सिख इस इलाके को छोड़ दें

20  October 2023

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🚩जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में हिन्दुओं और सिखों को इलाका छोड़ने की धमकी दी गई है। हिन्दुओं और सिखों के घरों पर उर्दू में लिखे पोस्टर लगा कर यह धमकी दी गई है और कहा गया है कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।


🚩यह पूरा मामला जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के देगवार मल्दियालाँ गाँव का है, जहाँ 14 अक्टूबर 2023 की शाम को इलाके में अल्पसंख्यक हिन्दू और सिख परिवारों के घरों पर तीन पोस्टर चिपके हुए पाए गए।

धमकी भरे इन पोस्टरों पर उर्दू में लिखा हुआ है कि “सभी हिन्दू और सिख इस इलाके को जल्द से जल्द छोड़ दें। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” यह पोस्टर इलाके के कुछ घरों के दरवाजों पर लगाए गए जबकि कुछ घरों के आँगन में फेंके गए।


🚩मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वकील महिंदर पियासा के घर के दरवाजे से एक पोस्टर बरामद किया गया जबकि दो अन्य निवासियों सुजान सिंह और किशोर कुमार के घर के आँगन से यह पोस्टर बरामद किए गए हैं।


🚩इस मामले की जानकारी होने पर पुंछ के एसएसपी दीपक पठानिया ने देगवार गाँव जाकर यह पोस्टर गाँव के सरपंच परविंदर सिंह की मौजूदगी में जब्त करवाए हैं। घरों पर धमकी भरे पोस्टर लगाए जाने के कारण हिन्दू और सिख परिवार अब अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत ही चिंतित हैं।


🚩इजरायल के द्वारा गाजा पट्टी में हमास को नेस्तानाबूद करने को लेकर जो अभियान चलाया जा रहा है, कहीं यह उसकी प्रतिक्रिया तो नहीं ❓इस सवाल को खारिज करना आसान नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस्लामी आतंकी कहीं के भी हों, कहीं भी उनको मारा जा रहा हो, भारत में रहने वाले कट्टर मुस्लिम सड़कों पर उतर कर अपने ‘मुस्लिम भाई’ के प्रति वफादारी जरूर दिखाते हैं।


🚩गौरतलब है कि इससे पहले भी जम्मू कश्मीर में लगातार हिन्दू और सिख परिवारों को निशाना बनाया जाता रहा है। 1 और 2 जनवरी 2023 को जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के डांगरी गाँव में इस्लामी आतंकियों ने हिन्दू परिवारों को निशाना बनाते हुए 7 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी।


🚩इस आतंकी हमले में छोटे बच्चों को भी नहीं बख्शा गया था। इस इस्लामी आतंकी हमले में बच्चों को IED धमाका कर के मार दिया गया था। हमले के जवाब में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था।

हिन्दू और सिखों को इलाका खाली करने की धमकी से वर्ष 1990 के कश्मीरी पंडितों के नरसँहार की भयंकर स्मृतियाँ भी सामने आ गई हैं। तब इस्लामी आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों के घरों पर ‘रलिव-गलिव-चलिव’ (इस्लाम अपना के हमारे साथ मिल जाओ, या मरो या फिर भाग जाओ) के पोस्टर लगाए थे।


🚩उस समय हिंदुओं के घरों पर लाल घेरे बनाए गए थे ताकि उनकी पहचान हो सके। उनके घर की दीवारों पर लिख दिया गया – “कश्मीर छोड़ दो, नहीं तो मार दिए जाओगे।” अब पुंछ वाले इस मामले में सुरक्षा एजेंसियाँ जाँच कर रही हैं कि धमकी भरे यह पोस्टर किसने लगाए हैं।


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Wednesday, October 18, 2023

सौन्दर्य प्रसाधनों का उपयोग करते हैं, तो इस लेख को एक बार अवश्य पढ़ लें......

19 October 2023

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🚩‘सौन्दर्य-प्रसाधन’ एक ऐसा नाम है जिससे प्रत्येक व्यक्ति परिचित है । गरीबी की रेखा से नीचे का जीवन जीने वालों को छोड़कर समाज के सभी वर्ग सौन्दर्य प्रसाधनों का उपयोग करके अपने को भीड़ में खूबसूरत तथा विशेष दिखाने की होड़ में रहते हैं । सौन्दर्य प्रसाधनों का प्रयोग करके अपने को खूबसूरत तथा विशेष दिखने वाले होड़ में आज सिर्फ नारी ही नहीं, वरन् पुरूष भी पीछे नहीं हैं । समाज का कोई भी आयु वर्ग इनकी गुलामी से नहीं बचा है ।


🚩हम विभिन्न प्रकार के तेल, क्रीम, शैम्पू एवं इत्र आदि लगाकर भीड़ में अपने को आकर्षक बनाना चाहते हैं । परन्तु इसी आकर्षण की होड़ में हमने समाज में व्यभिचार एवं शोषण को भी महत्त्वपूर्ण स्थान दे दिया है । विषयलोलुप बनती जा रही वर्त्तमान समय की युवापीढ़ी के पतन के पीछे इन सौन्दर्यों प्रसाधनों का भी बहुत बड़ा हाथ है ।


🚩आकर्षक डिब्बों तथा बोतलो आदि की पैकिंग में आने वाले प्रसाधनों की कहानी इतनी ही नहीं है । सच तो यह है कि इसकी वास्तविकता का हमें ज्ञान ही नहीं होता ।

हजारों लाखों निरपराध बेजुबान प्राणियों की मूक चीखें इन सौन्दर्य प्रसाधनों की वास्तविकता है । मनुष्य की चमड़ी को खूबसूरत बनाने के लिए कई निर्दोष प्राणियों की हत्या…. यही इन प्रसाधनों की सच्चाई है । जिस सेंट को छिड़ककर मनुष्य स्वयं को विशेष तथा आकर्षक दिखाना चाहता है उसके निर्माण के लिए लाखों बेजुबान प्राणियों की हत्या की जाती है ।


🚩सेंट उत्पादन के लिए मारे जाने वाले प्राणियों में बिज्जू का नाम भी आता है । बिज्जू बिल्ली के आकार का एक नन्हा सा प्राणी है । इसे सेंट उत्पादन के लिए पकड़ा जाता है । बिज्जू से जिस प्रकार से सेंट प्राप्त किया किया जाता है वह क्रिया जल्लादी से कम नहीं । बिज्जू को बेंतो से पीटा जाता है । बेंतों एवं कोड़ों की मार सहता यह प्राणी चीखता हुए भी अपनी कहानी किसी भी अदालत में नहीं सुना पाता । अत्यधिक मार से उद्विग्न होकर बिज्जू की यौन-ग्रन्थि से एक सुगन्धित पदार्थ स्रावित होता है । इस पदार्थ को तेज धारवाले चाकू से निर्ममता से खरोंच लिया जाता है जिसमें कैमिकल मिलाकर विभिन्न प्रकार के इत्र बनाये जाते हैं ।


🚩मूषक के आकार का बीबर नामक प्राणी भी इसी उत्पादन के लिए तड़पाया जाता है । बीबर से केस्टोरियम नामक गन्ध प्राप्त होती है । बीबर के शरीर से प्राप्त होने वाला तेल भी सौन्दर्य प्रसाधन के निर्माण में काम आता है । बीबर को पकड़कर उसे 15-20 दिनों तक एक जाली में बन्द करके तड़पाया जाता है । जब भूखा-प्यासा एवं नाना प्रकार के संत्रास सहता यह प्राणी अपनी जान गँवा बैठता है, तब इसके शरीर से प्राप्त गंध का उपयोग मनुष्य अपनी गन्ध-तृप्ति के लिए करता है ।


🚩मनुष्य की घ्राणेन्द्रिय की परितृप्ति के लिए ही बिल्ली की जाति के सीवेट नाम के प्राणी की भी जान ले ली जाती है । हिन्दी में इसे गन्ध मर्जार के नाम से भी जाना जाता है । सीवेट जितना अधिक क्रोधित होता जाता है उससे उतनी ही अधिक तथा उत्तम गन्ध प्राप्त होती है । अतः इसे एक पिंजरे में डालकर इस प्रकार से सताया जाता है कि इसकी करूण चीखों से प्रकृति भी रो पड़ती होगी ।

इस प्रकार मानव के जुल्मों को सहते-सहते यह प्राणी अपनी जान से हाथ धो बैठता है । तब उसका पेट चीरकर उससे वह ग्रन्थि निकाल ली जाती है, जिसमें गन्ध एकत्रित होती है तथा आकर्षक डिजाइनों में इसे सौन्दर्य प्रसाधनों की दुकानों पर रख दिया जाता है ।


🚩लेमूर जाति के लोरिस नामक छोटे बंदर को भी उसकी सुन्दर आँखों एवं जिगर के लिए मारा जाता है जिन्हें पीसकर सौन्दर्य प्रसाधन बनाये जाते हैं ।


🚩पुरूष अपनी दाढ़ी बनाने के लिए जिन लोशनों का उपयोग करता है, उसके लिए भी गिनी पिग नामक एक प्राणी की जान ली जाती है । गिनी पिग चूहों की जाति का एक छोटा-सा प्राणी है । यह विश्वभर में पाया जाता है । मनुष्य की दाढ़ी बनाने के लिए निर्मित साबुन (सेविंग लोशन) की संवेदनशीलता की जाँच का प्रयोग इस प्राणी पर किया जाता है क्योंकि इसकी त्वचा कोमल तथा रोयेंदार होती है । लोशन से मनुष्य की त्वचा को कोई हानि न पहुँचे इसलिए उस लोशन को पहले गिनी पिग पर आजमाया जाता है । इस प्रकार त्वचा के रोग अथवा तो रासायनिक दुष्प्रभाव (कैमिकल रिएक्शन) के कारण हजारों गिनी तड़प-तड़पकर मर जाते हैं ।


🚩बाजारों में रासायनिक पदार्थों से बने कई प्रकार के शैम्पू मिलते हैं जिनका प्रयोग मनुष्य अपने केशों को सुन्दर एवं चमकदार बनाने के लिए करता है । पर शायद आप नहीं जानते कि उनमें खरगोश का अंधत्व एवं उसकी मौत घुली हुईसौन्दर्य प्रसाधनों का उपयोग करते हैं, तो इस लेख को एक बार अवश्य पढ़ लें......


19 October 2023

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🚩‘सौन्दर्य-प्रसाधन’ एक ऐसा नाम है जिससे प्रत्येक व्यक्ति परिचित है । गरीबी की रेखा से नीचे का जीवन जीने वालों को छोड़कर समाज के सभी वर्ग सौन्दर्य प्रसाधनों का उपयोग करके अपने को भीड़ में खूबसूरत तथा विशेष दिखाने की होड़ में रहते हैं । सौन्दर्य प्रसाधनों का प्रयोग करके अपने को खूबसूरत तथा विशेष दिखने वाले होड़ में आज सिर्फ नारी ही नहीं, वरन् पुरूष भी पीछे नहीं हैं । समाज का कोई भी आयु वर्ग इनकी गुलामी से नहीं बचा है ।


🚩हम विभिन्न प्रकार के तेल, क्रीम, शैम्पू एवं इत्र आदि लगाकर भीड़ में अपने को आकर्षक बनाना चाहते हैं । परन्तु इसी आकर्षण की होड़ में हमने समाज में व्यभिचार एवं शोषण को भी महत्त्वपूर्ण स्थान दे दिया है । विषयलोलुप बनती जा रही वर्त्तमान समय की युवापीढ़ी के पतन के पीछे इन सौन्दर्यों प्रसाधनों का भी बहुत बड़ा हाथ है ।


🚩आकर्षक डिब्बों तथा बोतलो आदि की पैकिंग में आने वाले प्रसाधनों की कहानी इतनी ही नहीं है । सच तो यह है कि इसकी वास्तविकता का हमें ज्ञान ही नहीं होता ।

हजारों लाखों निरपराध बेजुबान प्राणियों की मूक चीखें इन सौन्दर्य प्रसाधनों की वास्तविकता है । मनुष्य की चमड़ी को खूबसूरत बनाने के लिए कई निर्दोष प्राणियों की हत्या…. यही इन प्रसाधनों की सच्चाई है । जिस सेंट को छिड़ककर मनुष्य स्वयं को विशेष तथा आकर्षक दिखाना चाहता है उसके निर्माण के लिए लाखों बेजुबान प्राणियों की हत्या की जाती है ।


🚩सेंट उत्पादन के लिए मारे जाने वाले प्राणियों में बिज्जू का नाम भी आता है । बिज्जू बिल्ली के आकार का एक नन्हा सा प्राणी है । इसे सेंट उत्पादन के लिए पकड़ा जाता है । बिज्जू से जिस प्रकार से सेंट प्राप्त किया किया जाता है वह क्रिया जल्लादी से कम नहीं । बिज्जू को बेंतो से पीटा जाता है । बेंतों एवं कोड़ों की मार सहता यह प्राणी चीखता हुए भी अपनी कहानी किसी भी अदालत में नहीं सुना पाता । अत्यधिक मार से उद्विग्न होकर बिज्जू की यौन-ग्रन्थि से एक सुगन्धित पदार्थ स्रावित होता है । इस पदार्थ को तेज धारवाले चाकू से निर्ममता से खरोंच लिया जाता है जिसमें कैमिकल मिलाकर विभिन्न प्रकार के इत्र बनाये जाते हैं ।


🚩मूषक के आकार का बीबर नामक प्राणी भी इसी उत्पादन के लिए तड़पाया जाता है । बीबर से केस्टोरियम नामक गन्ध प्राप्त होती है । बीबर के शरीर से प्राप्त होने वाला तेल भी सौन्दर्य प्रसाधन के निर्माण में काम आता है । बीबर को पकड़कर उसे 15-20 दिनों तक एक जाली में बन्द करके तड़पाया जाता है । जब भूखा-प्यासा एवं नाना प्रकार के संत्रास सहता यह प्राणी अपनी जान गँवा बैठता है, तब इसके शरीर से प्राप्त गंध का उपयोग मनुष्य अपनी गन्ध-तृप्ति के लिए करता है ।


🚩मनुष्य की घ्राणेन्द्रिय की परितृप्ति के लिए ही बिल्ली की जाति के सीवेट नाम के प्राणी की भी जान ले ली जाती है । हिन्दी में इसे गन्ध मर्जार के नाम से भी जाना जाता है । सीवेट जितना अधिक क्रोधित होता जाता है उससे उतनी ही अधिक तथा उत्तम गन्ध प्राप्त होती है । अतः इसे एक पिंजरे में डालकर इस प्रकार से सताया जाता है कि इसकी करूण चीखों से प्रकृति भी रो पड़ती होगी ।

इस प्रकार मानव के जुल्मों को सहते-सहते यह प्राणी अपनी जान से हाथ धो बैठता है । तब उसका पेट चीरकर उससे वह ग्रन्थि निकाल ली जाती है, जिसमें गन्ध एकत्रित होती है तथा आकर्षक डिजाइनों में इसे सौन्दर्य प्रसाधनों की दुकानों पर रख दिया जाता है ।


🚩लेमूर जाति के लोरिस नामक छोटे बंदर को भी उसकी सुन्दर आँखों एवं जिगर के लिए मारा जाता है जिन्हें पीसकर सौन्दर्य प्रसाधन बनाये जाते हैं ।


🚩पुरूष अपनी दाढ़ी बनाने के लिए जिन लोशनों का उपयोग करता है, उसके लिए भी गिनी पिग नामक एक प्राणी की जान ली जाती है । गिनी पिग चूहों की जाति का एक छोटा-सा प्राणी है । यह विश्वभर में पाया जाता है । मनुष्य की दाढ़ी बनाने के लिए निर्मित साबुन (सेविंग लोशन) की संवेदनशीलता की जाँच का प्रयोग इस प्राणी पर किया जाता है क्योंकि इसकी त्वचा कोमल तथा रोयेंदार होती है । लोशन से मनुष्य की त्वचा को कोई हानि न पहुँचे इसलिए उस लोशन को पहले गिनी पिग पर आजमाया जाता है । इस प्रकार त्वचा के रोग अथवा तो रासायनिक दुष्प्रभाव (कैमिकल रिएक्शन) के कारण हजारों गिनी तड़प-तड़पकर मर जाते हैं ।


🚩बाजारों में रासायनिक पदार्थों से बने कई प्रकार के शैम्पू मिलते हैं जिनका प्रयोग मनुष्य अपने केशों को सुन्दर एवं चमकदार बनाने के लिए करता है । पर शायद आप नहीं जानते कि उनमें खरगोश का अंधत्व एवं उसकी मौत घुली हुई है । है ।


🚩जैसा कि स्पष्ट है, शैम्पू कई प्रकार के रसायनों से बनाया जाता है । अतः इनका उपयोग करने वाले मनुष्य की कोमल आँखों को शैम्पू से कोई हानि न पहुँचे, इसके लिए उसका परीक्षण इस मासूम , निर्दोष प्राणी खरगोश पर करके उस को बलि की बेदी पर चढ़ाया जाता है । शैम्पू को बाजार में लाने से पहले खरगोश की नन्हीं सी आँखों में डाला जाता है । इससे खरगोश को कितनी वेदना होती होगी, उसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते । इस क्रिया के लिए उसे बाँध लिया जाता है । खरगोश की आँखें खुली रहें इसके लिए ‘आई ओपनर्स’ का उपयोग किया जाता है तथा खरगोश की आकर्षक आँखों में शैम्पू की बूँदे डाली जाती हैं । इससे खरगोश की आँखों से खून निकलने लगता है। क्योंकि मनुष्य खरगोश को उसकी खाल के लिए भी मारता है अतः उस तड़पते हुए प्राणी का इलाज करने की भी आवश्यकता नहीं होती और वह स्वतः ही तड़प-तड़पकर मृत्यु को प्राप्त हो जाता है ।


🚩अपनी इन्द्रियों की तृप्ति के लिए मानव इन निर्दोष प्राणियों पर जो कहर ढ़ा रहा है, इस लेख में तो उसका 1% भी नहीं लिखा गया है।यह तो उसकी एक झलक मात्र है , पूर्ण अध्याय नहीं !


ज़रा सोचिए... अपनी इन्द्रिय-लोलुपता और महत्त्वकांक्षा में हम कितना बड़ा और घृणित पापकर्म कर रहे हैं ।


🚩ईश्वर से मनुष्य शरीर तथा सर्व प्राणियों में श्रेष्ठ बुद्धि हमें इसलिए मिली है ताकि आत्मा-परमात्मा का ज्ञान प्राप्त कर सकें और ईश्वर की सृष्टि को सँवारने में भागीदार बन सकें । वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से सबकी सेवा करके सबमें बसे उस वासुदेव को प्राप्त कर लें तथा उसी के हो जायें । सबमें उसी का दर्शन करके उसी मय हो जायें ।


🚩तो आज से हम संकल्प करें कि जिन सौन्दर्य प्रसाधनों में हजारों-लाखों निर्दोष बेजुबान प्राणियों की दर्दनाक मृत्यु की गाथा छिपी है, उन सौन्दर्य प्रसाधनों का त्याग करेंगे व करवाएँगे । लाखों प्राणियों की आह लेकर बनाये गये सौन्दर्य प्रसाधनों से नहीं, वरन् सत्संग एवं सदगुणों से अपने शाश्वत सौन्दर्य को प्राप्त करेंगे । सबमें उसी राम का दर्शन कर श्रीराम, श्रीकृष्ण, रामतीर्थ, विवेकानन्द, लीलाशाहजी बापू तथा मीरा, मदालसा, गार्गी, अनुसूया, सावित्री और माता सीता की तरह परम सौन्दर्यवान् हो जाएँगे । 


                स्त्रोत : महिला उत्थान मंडल


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Tuesday, October 17, 2023

भारत के इस्लामिक और वामपंथी कट्टरपंथियों को इजरायल से सीखना चाहिए कि देशभक्ति क्या होती है.....

8 October 2023

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🚩इजरायल के तेल अवीव एयरपोर्ट के बाहर एक समूह जोश से भरा है, युवा नाच गा रहे हैं, क्योंकि विदेशों में रह रहे उनके अपने घर लौट रहे हैं। इस्लामी आतंकी संगठन हमास से लड़ने के लिए। देशभक्ति का जज्बा लिए। ये जज्बा उस देश के लोग दिखा रहे हैं, जिनकी गर्भवती महिलाओं के आंतकियों ने पेट फाड़ डाले हैं। छोटे-छोटे बच्चों को जलाकर मार डाला, उन्हें गोलियाँ से भून डाला। जिनकी युवतियों का उनके परिजनों की लाशों के सामने बलात्कार किया है। लाशों की नग्न परेड निकाल कर उस पर थूका गया।


🚩महज एक तेल अवीव का एयरपोर्ट ही इजरायलियों के देश के लिए लड़ने के जज्बे का इकलौता उदाहरण नहीं है। यहाँ युद्ध के भयानक माहौल के बीच बंकर से एक युवा सैनिक गीत गाता है तो सेना के कैंप पर ही एक सैनिक अपनी शादी का जश्न मना लेता है। इस देश की वतनपरस्ती का जज्बा ही है, जो इसे सबसे अनोखा और अलग बनाता है। इसी वजह से चारों तरफ से यहूदियों को खत्म करने वाले दुश्मनों से घिरे होने के बाद इसका वजूद बचा हुआ है।


🚩मुश्किल घड़ी में देश का साथ कैसे दिया जाता है? देशभक्ति क्या होती है? ये भारत के इस्लामिक और वामपंथी कट्टरपंथियों को इजरायल से सीखना चाहिए। हमास के खिलाफ यूँ ही नहीं इस देश को दुनिया भर का समर्थन मिल रहा है। इस देश की खूबसूरती ही यही है कि मुसीबत के वक्त इस देश का हर एक बाशिंदा मुल्क से प्यार करने वाला एक सैनिक है, उसके सिवाय कुछ नहीं।


🚩हमारे देश भारत में तो उसी की जमीं पर रहकर उसी के पानी और अन्न पर पलकर अक्सर लोग भारत के खिलाफ खड़े होने से बाज नहीं आते। यही नहीं, ऐसे लोग दुनिया के मंच पर देश को कोसने और गरियाने से भी गुरेज नहीं करते। ऐसे में युद्ध और लगातार हमलों से जूझ रहे इजरायलियों का जज्बा सच में काबिलेतारीफ है। यही वजह है कि हिंसा और मौत के तांडव के बीच वहाँ बेबसी और आँसू की जगह बंकरों से देशभक्ति के तराने गूँज रहे हैं।


🚩इजरायली दुनिया भर के मुल्कों से अपने देश में हमास के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए वापस आ रहे हैं। वो युद्ध के खतरे के बीच अपने देश से भागकर दूसरे देश में शरण लेने नहीं जा रहे हैं। इस तरह के एक नहीं बल्कि अनगिनत वाकये इस वक्त इजरायल को लेकर दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं।


🚩दूसरी तरफ अपने देश भारत की बात करें तो शुक्रवार (13 अक्टूबर 2023, जुमे का दिन) की ही बात ले लें। देश में कश्मीर, हैदराबाद, कोलकता, कर्नाटक, चेन्नई से लेकर यूपी तक में इजरायल मुर्दाबाद के नारे गूँजने लगे। ये तब है जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के लिए अपना समर्थन जता चुके हैं।


🚩इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को फोन कर उन्हें ताजा हालात की जानकारी दी थी और फिर से पीएम मोदी ने उन्हें भारत के समर्थन के लिए निश्चिंत रहने का वादा किया था। यही नहीं देश की अहम विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस ने अपनी कार्यसमिति की बैठक फिलिस्तीन के पक्ष में प्रस्ताव पास कर डाला।


🚩देश की खुफिया एजेंसी को शायद शुक्रवार को होने वाले बबाल को लेकर पहले से ही आशंका थी। यही वजह रही कि दिल्ली एनसीआर और दूसरे राज्यों में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के दिन खास एहतियात बरतने के लिए कहा गया था। दिल्ली में इजराइली तावास और अधिकारियों के आवास के बाहर और नई दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में यहूदियों के धार्मिक स्थल ‘चबाड हाउस’ पर भी कड़ी सुरक्षा के इंतजाम थे।


🚩अपने देश के वामपंथी और कट्टरपंथी अमर जवान ज्योति पर तोड़फोड़ करने वालों के पक्ष में खड़े दिखते हैं। साल 2012 में मुंबई के आजाद मैदान में दो दंगाई मुस्लिम युवकों ने अमर जवान ज्योति स्मारक में तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने इसे तोड़ने के आरोपी अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर लिया था। वामपंथियों का हमेशा झंडा बुलंद करने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर इस घटना को झूठा बताने पर खासी ट्रोल हुई थी। गलती मानकर आखिर उन्होंने ये ट्वीट डिलीट किया था, लेकिन ये भी सच्चाई है कि हमारे देश में लोग आतंकियों के पक्ष में अपने ‘मियाँ भाइयों’ के लिए एक हो जाते हैं।


🚩इसके उलट भारत में राजस्थान का पुष्कर हो, हिमाचल का ‘मिनी इजरायल’ कसोल हो या फिर मैक्लोडगंज का गाँव धर्मकोट… इजरायल से यहाँ घुमने आए युवा सहित अन्य उम्र के एबी, इदान और अमद जैसे सैकड़ों पर्यटक अपने देश लौट रहे हैं। इजरायली युवा अमद का कहा था कि वो सीधे 15 अक्टूबर को इजरायल पहुँचते ही जंग के मैदान में जाएगा।


🚩भारत से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से युवा इजरायली सेना में शामिल होने और बुराई से लड़ने के लिए देश लौट रहे हैं। युद्ध में जब लोग सुरक्षित ठिकाना ढूँढते हैं, तब विदेशों का सुरक्षित ठिकाना छोड़कर इज़रायल वापस लौटने वालों का सैलाब राजधानी तेल अवीव के एयरपोर्ट पर उमड़ पड़ा है। इसमें अच्छी खासी संख्या में नौजवान हैं।


🚩ये नजारा समझने के लिए काफी है कि इस छोटे से देश का वजूद कैसे कायम है और दुनिया इसके समर्थन में हमास के खिलाफ लड़ाई में क्यों साथ दे रही है। इनके स्वागत में एयरपोर्ट पर इजरायल के लोग भी पलके बिछाएँ बैठे हैं। गाने, डाँस से इनका स्वागत और हौसलाअफजाई की जा रही है।


🚩इजरायलियों की देशभक्ति का ये जज्बा न रंग, न जाति, न लिंग और न ही किसी उम्र का मोहताज है। सब एक सुर में गा रहे हैं – “जीत हमारी है हमास।” फिर भले ही वो महिलाएँ ही क्यों न हो। इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने युद्ध के मोर्चे पर डटी अपनी महिला जाबाँजों की तस्वीरे साझा की हैं।


🚩उमर एक सबसे उम्रदराज रिजर्विस्ट 95 साल के एजरा याचिन हमास के खिलाफ चल रही मौजूदा जंग में सैनिकों से बात कर उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं।


🚩वहीं बंकर में गाने वाला इजरायली युवा शालोमो भले ही शादियों में गाने वाले हों, लेकिन यहूदियों के बचाव में वो आगे आए। उनका जोश यहूदियों के अंधेरे में रोशनी ढूँढने की कोशिश को दिखाता है। उनकी यही भावना है, जो शायद उन्हें बाँधे हुए हैं। वो गाते हैं – “यहूदियों का हौसला कभी नहीं टूटेगा।”


🚩ऐसे ही एक जोड़े को अपनी शादी का जश्न इज़रायल में मनाना था, लेकिन इसके बजाय, आईडीएफ ने उसे देश की रक्षा के लिए तैनात कर दिया। बगैर किसी मलाल के उनकी शादी आर्मी बेस कैंप में गोलियों और बमों की आवाजों के बीच हुई।


🚩नेवे नगार जैसे सैनिक भी हैं, जिनकी 11 अक्टूबर को शादी होने वाली थी, लेकिन वो अपनी शादी रोक कर अपनी मंगेतर को बताकर युद्ध में जा पहुँचे। इस छूटी हुई शादी की भरपाई पैराट्रूपर रिजर्व बटालियन में उनके साथियों ने उनके सम्मान में युद्ध के बीच ही एक उत्सव आयोजित करके की। कुछ ऐसा है इजरायलियों का अपने देश के लिए एहसास और प्यार।


🚩हनन्या नफ्ताली जो पेशे से इजरायली पत्रकार हैं, की भावनाएँ इस युद्ध को लेकर सब कुछ बयाँ करने के लिए काफी है। उनका कहना है कि इस जंग में मारे गए सभी लोगों के लिए दिल में दर्द और आँसू लिए उन्होंने हथियार उठाए हैं। उनके अनुसार वो सब अपने घर के लिए लड़ रहे हैं और इजरायल ही जितेगा, इसके अलावा दूसरी कोई सोच ही नहीं।


🚩दुनिया इजरायलियों के अपने मुल्क से इश्क के इस जज्बे की कायल हो रही है। यही वजह है कि यूनाइटेड किंगडम के विदेश सचिव जेम्स.क्लीवरली इज़राइल के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इज़राइल पहुँचे।

यहाँ पहुँच उन्होंने कहा:

“आज मैंने लाखों लोगों के रोज अनुभव किए जाने वाले अनुभव की एक झलक देखी है। हमास के रॉकेटों का खतरा हर इजरायली पुरुष, महिला और बच्चे पर मंडरा रहा है। यही वजह है कि हम इजराइल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”


🚩उन्होंने एक ट्वीट किया। यह ट्वीट एक इजरायली सैनिक की भावुकता और जज्बे की कहानी है। उस सैनिक ने लिखा था कि वो अपनी माँ को बचाने के लिए हमास से लड़ाई कर रहा है। केवल जेम्स.क्लीवरली ही नहीं बल्कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बाइडेन सहित फ्रांस, जर्मनी सहित कई देश इजरायल के समर्थन में उतर आए हैं।


🚩यही वजह है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल पहुँचे। नेतन्याहू से ब्लिंकन ने कहा, “हम आपके साथ हैं और कहीं नहीं जा रहे।” यही नहीं इज़राइल के समर्थन में अमेरिका के पूर्व पेशेवर मुक्केबाजी चैंपियन फ्लॉयड मेवेदर भी समर्थन में उतर आए हैं।


🚩फ्लॉयड हमास के साथ चल रहे युद्ध के बीच इज़राइल को भोजन और अन्य आपूर्ति पहुँचाने के लिए अपने निजी जेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। एयर मेवेदर नाम का विमान आईडीएफ के सैनिकों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट लेकर पहुँचेगा।

            - रचना वर्मा


🚩इजरायल के लोगों की देशभक्ति देखकर भारत के वामपंथी, कट्टरपंथी , तथाकथित सेकुलर गिरोह, तथाकथित बुद्धिजीवी इन सभी को इजराइल से सीखना चाहिए और देश के लिए एकजुट होकर रहना चाहिए।


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Monday, October 16, 2023

आशाराम बापू के गुरु कौन हैं ? वे कौन-सी परंपरा से है ? आखिर वे जेल में क्यों गए ? जानिए.....

17 October 2023

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🚩हिंदू संत आशाराम बापू के बारे में काफी सुना होगा लेकिन उनके गुरु कौन हैं? वे कौन-सी परम्परा से हैं? उनको आत्मसाक्षात्कार हुआ था? आइए आज हम आपको इस बारे में जानकारी देंगे।


🚩आशारामजी बापू की परम्परा


🚩दादू दीनदयाल महाराज स्वयं सनकजी के अवतार हैं। और सनकजी भगवान नारायण के अवतार हैं। भगवान नारायण से ये परंपरा चली है। भगवान नारायण सनकजी के रूप में आये और सनकजी दादू दीनदयालजी के रूप में आये थे।


🚩संत दादू दीनदयालजी के 52 शिष्य आत्मसाक्षात्कारी हुए जिनमें सुन्दरदासजी, गोपालजी, जन गोपालजी, रज्जबजी, जेमलजी आदि आदि शिष्य हुए।

उन 52 शिष्यों में 8 वें शिष्य बनवारीदासजी जो हरियाणा में हुए हैं उन बनवारीदासजी के शिष्य हुए छबिरदासजी महाराज और छबिरदास जी के शिष्य हुए संत श्री श्यामदासजी महाराज और संत श्यामदास जी के शिष्य हुए नारायणदासजी महाराज।

संत श्री नारायणदासजी महाराज के शिष्य हुए हैं संत हरभगतजी महाराज, इनके शिष्य हुए हैं अलखदासजी महाराज और इनके शिष्य हुए संत अमरदासजी महाराज।

संत अमरदास जी के शिष्य हुए हैं लक्ष्मणदासजी महाराज। इनके शिष्य हुए हैं संत निश्चलदासजी महाराज जिन्होंने विचारसागर ग्रन्थ की रचना की है।

संत निश्चलदासजी महाराज के शिष्य हैं संत केशवरामजी महाराज और केशवरामजी के शिष्य हुए हैं संत श्री लीलाशाहजी महाराज।

और लीलाशाहजी के कृपा प्राप्त शिष्य हुए संत श्री आशारामजी बापू।


🚩आत्मसाक्षात्कार कब और कैसे हुआ?


🚩आश्विन मास, शुक्ल पक्ष द्वितीया संवत् 2021 के दिन मध्याह्न ढाई बजे साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज की कृपा से हिंदू संत आशारामजी बापू को आत्म-साक्षात्कार हुआ था, अर्थात् जीव और शिव तथा आत्मा-परमात्मा की एकता का बोध हुआ था।


🚩हिन्दू संत आसारामजी बापू के देश-विदेश में फैले उनके अनुयायियों ने सोमवार को उनका आत्मसाक्षात्कार दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया।


🚩इस दिन देशभर में जगह-जगह पर इनके अनुयायी विशाल भगवन्नाम संकीर्तन यात्राएं निकालते हैं और वृद्धाश्रमों, अनाथालयों व अस्पतालों में निःशुल्क औषधि, फल , कपड़े , शरबत व मिठाई वितरित करते हैं।


🚩गरीब व अभावग्रस्त क्षेत्रों में विशाल भंडारों का आयोजन किया जाता है जिसमें वस्त्र, अनाज व जीवन उपयोगी वस्तुएं वितरित की जाती हैं। इस दिन विभिन्न स्थानों पर छाछ, पलाश व गुलाब के शरबत के प्याऊ लगाये जाते हैं। सत्साहित्य का वितरण, गरीब विद्यार्थियों में नोटबुक व उनकी जीवनोपयोगी सामग्री देने के साथ-साथ गौ माता को चारा खिलाया जाता है, हवन, सत्संग कार्यक्रम आदि किए जाते हैं।


🚩आपको बता दें कि संत संस्कृति का प्रचार करते हैं, जगह-जगह जाकर प्रवचन के द्वारा लोगों में हिन्दू संस्कृति का ज्ञान देना ये बहुत बड़ा कार्य है जो हिन्दू संतों द्वारा किया जा रहा है। इसी सिलसिले में हिंदू संत आशाराम बापू को भी टारगेट किया गया है जिससे हिंदुत्व व हिंदू संस्कृति को खत्म किया जा सके!


🚩88 वर्षीय हिंदू संत आशाराम बापू जोधपुर जेल में 11 साल से बंद हैं, लेकिन उनके करोड़ों भक्त आज भी समाज-देश व संस्कृति हित के कार्य कर रहे हैं।


🚩आपको बता दें कि उनके ऊपर जो आरोप लगे उसकी जो एफआईआर लिखी है उसमें बलात्कार का आरोप नहीं था; उसमें केवल छेड़छाड़ी का आरोप था। मेडिकल में तो छेड़छाड़ी से भी क्लीनचिट मिल गई और आपको बता दें कि लड़की ने जिस समय की तथाकथित घटना बताई है, उसके कॉल डिटेल्स से पता चलता है कि उस समय वो अपने एक मित्र से बात कर रही थी और बापू आशारामजी उस समय किसी कार्यक्रम में थे जहां सैकड़ों लोग मौजूद थे, इन सबको अनदेखा किया और सेशन कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद दे दी। उनके वकील का कहना था कि मीडिया ट्रायल के कारण जज ने दबाव में आकर फैसला दिया है और वे हाईकोर्ट से निर्दोष बरी हो जाएंगे।


🚩आपको बता दें कि बापू आशारामजी ने देश-विदेश में सनातन धर्म का इतना प्रचार-प्रसार किया कि करोड़ों लोग एवं बुद्धिजीवी लोग उनके कथनानुसार जीवन जीने लगे, जिससे वेटिकन सिटी को भारी नुकसान हुआ; धर्मान्तरण का धंधा बंद होने लगा एवं करोड़ों लोग व्यसन और व्यभिचार छोड़कर संयमी बनने लगे और उनके द्वारा बताए गए घरेलू उपचार से स्वस्थ, सुखी होने लगे। इसके कारण विदेशी प्रोडक्ट बिकने बंद हो गए और मल्टीनेशनल कम्पनियों को अरबों-खरबों का नुकसान हुआ; इसलिए मिशनरियों और विदेशी कम्पनियों ने कुछ करोड़ रुपये मीडिया को देकर उन्हें बदनाम करवाया और केस करके जेल भिजवाया ताकि उनकी दुकानें चलती रहें!


🚩आप सभी इस षड्यंत्र को अच्छी तरह समझें और उसका विरोध करें अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष हिन्दू साधु-संत एवं हिंदूनिष्ठ नेता विधर्मियों की चपेट में आते रहेंगे और हिन्दू संस्कृति खत्म कर दी जाएगी।


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Sunday, October 15, 2023

नवरात्रि पर्व का महत्त्व जानिए

15 October 2023


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🚩नवरात्रि महिषासुर मर्दिनी माँ दुर्गा का त्यौहार है । जिनकी स्तुति कुछ इस प्रकार की गई है,


सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ।।

अर्थ : सर्व मंगल वस्तुओं में मंगलरूप, कल्याणदायिनी, सर्व पुरुषार्थ साध्य करानेवाली, शरणागतों का रक्षण करनेवाली, हे त्रिनयने, गौरी, नारायणी ! आपको मेरा नमस्कार है।


🚩1. मंगलरूप त्रिनयना नारायणी अर्थात माँ जगदंबा !


🚩जिन्हें आदिशक्ति, पराशक्ति, महामाया, काली, त्रिपुरसुंदरी इत्यादि विविध नामों से सभी जानते हैं। जहा पर गति नहीं वहा सृष्टि की प्रक्रिया ही थम जाती है। ऐसा होते हुए भी अष्ट दिशाओं के अंतर्गत जगत की उत्पत्ति, लालन-पालन एवं संवर्धन के लिए एक प्रकार की शक्ति कार्यरत रहती है । इसी शक्ति को आद्याशक्ति कहते हैं । उत्पत्ति-स्थिति-लय यह शक्ति का गुणधर्म ही है । शक्ति का उद्गम स्पंदनों के रूप में होता है । उत्पत्ति-स्थिति-लय का चक्र निरंतर चलता ही रहता है।


🚩श्री दुर्गासप्तशतीके अनुसार श्री दुर्गा देवी के तीन प्रमुख रूप हैं,


1. महासरस्वती, जो ‘गति’ तत्त्व का प्रतीक हैं।

2. महालक्ष्मी, जो ‘दिक’ अर्थात ‘दिशा’ तत्त्व का प्रतीक हैं।

3. महाकाली जो ‘काल’ तत्त्व का प्रतीक हैं।


🚩जगत का पालन करने वाली जगदोद्धारिणी माँ शक्ति की उपासना हिंदू धर्म में वर्ष में 2 बार नवरात्रि के रूप में, विशेष रूप से की जाती है।


🚩वासंतिक नवरात्रि : यह उत्सव चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल नवमी तक मनाया जाता है।

शारदीय नवरात्रि : यह उत्सव आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से आश्विन शुक्ल नवमी तक मनाया जाता है।


🚩2. ‘नवरात्रि’ किसे कहते हैं ?


🚩नव अर्थात प्रत्यक्षत: ईश्वरीय कार्य करनेवाला ब्रह्मांड में विद्यमान आदिशक्तिस्वरूप तत्त्व स्थूल जगत की दृष्टि से रात्रि का अर्थ है, प्रत्यक्ष तेजतत्त्वात्मक प्रकाश का अभाव तथा ब्रह्मांड की दृष्टि से रात्रि का अर्थ है, संपूर्ण ब्रह्मांड में ईश्वरीय तेज का प्रक्षेपण करने वाले मूल पुरुषतत्त्व का अकार्यरत होने की कालावधि। जिस कालावधि में ब्रह्मांड में शिवतत्त्व की मात्रा एवं उसका कार्य घटता है एवं शिवतत्त्व के कार्यकारी स्वरूप की अर्थात शक्ति की मात्रा एवं उसका कार्य अधिक होता है, उस कालावधि को ‘नवरात्रि’ कहते हैं । मातृभाव एवं वात्सल्य भाव की अनुभूति देनेवाली, प्रीति एवं व्यापकता, इन गुणों के सर्वोच्च स्तर के दर्शन कराने वाली जगदोद्धारिणी, जगत का पालन करने वाली इस शक्ति की उपासना, व्रत एवं उत्सव के रूप में की जाती है।


🚩3. ‘नवरात्रि’ का इतिहास


🚩रामजी के हाथों रावण का वध हो, इस उद्देश्य से नारद ने राम से इस व्रत का अनुष्ठान करने का अनुरोध किया था । इस व्रत को पूर्ण करने के पश्चात रामजी ने लंका पर आक्रमण कर अंत में रावण का वध किया।


🚩 देवी ने महिषासुर नामक असुर के साथ नौ दिन अर्थात प्रतिपदा से नवमी तक युद्ध कर, नवमी की रात्रि को उसका वध किया । उस समय से देवी को ‘महिषासुरमर्दिनी’ के नाम से जाना जाता है।


🚩4. नवरात्रि का अध्यात्मशास्त्रीय महत्त्व


🚩‘जग में जब-जब तामसी, आसुरी एवं क्रूर लोग प्रबल होकर, सात्त्विक, उदारात्मक एवं धर्मनिष्ठ सज्जनों को छलते हैं, तब देवी धर्मसंस्थापना हेतु पुनः-पुनः अवतार धारण करती हैं। उनके निमित्त से यह व्रत है। नवरात्रि में देवीतत्त्व अन्य दिनों की तुलना में 1000 गुना अधिक कार्यरत होता है । देवीतत्त्व का अत्यधिक लाभ लेने के लिए नवरात्रि की कालावधिमें ‘श्री दुर्गादेव्यै नमः ।’ नाम जप अधिकाधिक करना चाहिए।


🚩नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन बढ़ते क्रम से आदिशक्ति का नया रूप सप्त पाताल से पृथ्वी पर आनेवाली कष्टदायक तरंगों का समूल उच्चाटन अर्थात समूल नाश करता है। नवरात्रि के नौ दिनों में ब्रह्मांड में अनिष्ट शक्तियों द्वारा प्रक्षेपित कष्टदायक तरंगें एवं आदिशक्ति की मारक चैतन्यमय तरंगों में युद्ध होता है । इस समय ब्रह्मांड का वातावरण तप्त होता है। श्री दुर्गा देवी के शस्त्रों के तेज की ज्वालासमान चमक अति वेग से सूक्ष्म अनिष्ट शक्तियों पर आक्रमण करती है । पूरे वर्ष अर्थात इस नवरात्रि के नौवें दिन से अगले वर्ष की नवरात्रि के प्रथम दिन तक देवी का निर्गुण तारक तत्त्व कार्यरत रहता है । अनेक परिवारों में नवरात्रि का व्रत कुलाचार के रूप में किया जाता है। आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा से इस व्रत का प्रारंभ होता है।


🚩5. नवरात्रि की कालावधि में सूक्ष्म स्तर पर होने वाली गतिविधियां:-


🚩नवरात्रि के नौ दिनों में देवीतत्त्व अन्य दिनों की तुलना में एक सहस्र गुना अधिक सक्रिय रहता है। इस कालावधि में देवीतत्त्व की अतिसूक्ष्म तरंगें धीरे-धीरे क्रियाशील होती हैं और पूरे ब्रह्मांड में संचारित होती हैं । उस समय ब्रह्मांड में शक्ति के स्तर पर विद्यमान अनिष्ट शक्तियां नष्ट होती हैं और ब्रह्मांड की शुद्धि होने लगती है। देवीतत्त्व की शक्ति का स्तर प्रथम तीन दिनों में सगुण-निर्गुण होता है । उसके उपरांत उसमें निर्गुण तत्त्व की मात्रा बढ़ती है और नवरात्रि के अंतिम दिन इस निर्गुण तत्त्व की मात्रा सर्वाधिक होती है । निर्गुण स्तर की शक्ति के साथ सूक्ष्म स्तर पर युद्ध करने के लिए छठे एवं सातवें पाताल की बलवान आसुरी शक्तियों को अर्थात मांत्रिकों को इस युद्ध में प्रत्यक्ष सहभागी होना पड़ता है । उस समय ये शक्तियां उनके पूरे सामर्थ्य के साथ युद्ध करती हैं।


🚩6. श्री दुर्गा देवी का वचन


🚩नवरात्रि की कालावधि में महाबलशाली दैत्यों का वध कर देवी दुर्गा महाशक्ति बनी । देवताओं ने उनकी स्तुति की । उस समय देवी मां ने सर्व देवताओं एवं मानवों को अभय का आशीर्वाद देते हुए वचन दिया कि इत्थं यदा यदा बाधा दानवोत्था भविष्यति ।

तदा तदाऽवतीर्याहं करिष्याम्यरिसंक्षयम् ।।

– मार्कंडेयपुराण 91.51


🚩इसका अर्थ है, जब-जब दानवों द्वारा जगत को बाधा पहुंचेगी, तब-तब मैं अवतार धारण कर शत्रुओं का नाश करूंगी।


🚩इस श्लोक के अनुसार जगत में जब भी तामसी, आसुरी एवं दुष्ट लोग प्रबल होकर, सात्त्विक, उदार एवं धर्मनिष्ठ व्यक्तियों को अर्थात साधकों को कष्ट पहुंचाते हैं, तब धर्मसंस्थापना हेतु अवतार धारण कर देवी उन असुरों का नाश करती हैं।


🚩8. नवरात्रि के नौ दिनों में शक्ति की उपासना करनी चाहिए


🚩असुषु रमन्ते इति असुर: ।’ अर्थात् `जो सदैव भौतिक आनंद, भोग-विलासिता में लीन रहता है, वह असुर कहलाता है ।’ आज प्रत्येक मनुष्य के हृदय में इस असुर का वास्तव्य है, जिसने मनुष्य की मूल आंतरिक दैवी वृत्तियों पर वर्चस्व जमा लिया है । इस असुर की माया को पहचानकर, उसके आसुरी बंधनों से मुक्त होने के लिए शक्ति की उपासना आवश्यक है । इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में शक्ति की उपासना करनी चाहिए । हमारे ऋषि मुनियों ने विविध श्लोक, मंत्र इत्यादि माध्यमों से देवी मां की स्तुति कर उनकी कृपा प्राप्त की है । श्री दुर्गासप्तशति के एक श्लोक में कहा गया है,


🚩शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे ।

सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो:स्तुते ।।

– श्री दुर्गासप्तशती, अध्याय 11.12


🚩अर्थात शरण आए दीन एवं आर्त लोगों का रक्षण करने में सदैव तत्पर और सभी की पीड़ा दूर करनेवाली हे देवी नारायणी!, आपको मेरा नमस्कार है । देवी की शरण में जाने से हम उनकी कृपा के पात्र बनते हैं । इससे हमारी और भविष्य में समाज की आसुरी वृत्ति में परिवर्तन होकर सभी सात्त्विक बन सकते हैं । यही कारण है कि, देवी तत्त्व के अधिकतम कार्यरत रहने की कालावधि अर्थात नवरात्रि विशेष रूप से मनायी जाती है।


🚩नवरात्रि के नौ दिनों में घट स्थापना के उपरांत पंचमी, षष्ठी, अष्टमी एवं नवमी का विशेष महत्त्व है। पंचमी के दिन देवी के नौ रूपों में से एक श्री ललिता देवी अर्थात महात्रिपुर सुंदरी का व्रत होता है। शुक्ल अष्टमी एवं नवमी ये महातिथियां हैं । इन तिथियों पर चंडीहोम करते हैं । नवमी पर चंडीहोम के साथ बलि समर्पण करते हैं।


🚩संदर्भ – सनातन धर्म के ग्रंथ, ‘त्यौहार मनाने की उचित पद्धतियां एवं अध्यात्मशास्त्र‘, ‘धार्मिक उत्सव एवं व्रतों का अध्यात्मशास्त्रीय आधार’ एवं ‘देवीपूजन से संबंधित कृत्यों का शास्त्र‘ एवं अन्य ग्रंथ।


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