Thursday, February 15, 2024

राजस्थान में 20 हजार हिंदुओं को ईसाई बनाया : 8 गिरफ्तार

16 February 2024

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🚩राजस्थान के भरतपुर स्थित एक होटल में रविवार (11 फरवरी, 2024) को ईसाई मिशनरी धर्मांतरण का कार्यक्रम चला रहे थे। इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ से पादरी बजिंदर सिंह को लाइव जुड़ा हुआ था, जो लोगों का धर्मांतरण करवा रहा था। कार्यक्रम में दावे किए गए कि वो मरे हुए बच्चे तक को ज़िंदा कर सकता है और कैंसर जैसी भयंकर बीमारी का भी इलाज कर सकता है। कार्यक्रम के आयोजकों कुँवर सिंह और शैलेन्द्र सिंह को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राजस्थान में 20,000 लोगों का ईसाई धर्मांतरण कराया जा चुका है।


🚩बजिंदर सिंह खुद को प्रोफेट कहता है। उसके कई ऐसे वीडियो इंटरनेट पर मौजूद हैं, जहाँ वो चमत्कारी दावे करता है और अजीबोगरीब हरकतें करवाता है। गिरफ्तार दोनों आरोपित कह रहे हैं कि वो तो सिर्फ माध्यम हैं। बजिंदर सिंह चंडीगढ़ से ही लोगों का लाइव धर्मांतरण करा रहा था। माइक और स्पीकर समेत 5 LED की व्यवस्था कार्यक्रम स्थल पर की गई थी। दोनों आरोपित 2020 से ही बजिंदर सिंह से जुड़े हुए थे। अकेले भरतपुर में 20,000 से अधिक लोगों का वो धर्मांतरण करा चुका है।


🚩आयोजनों के लिए वो पैसे भी ऑनलाइन भेजता है। जहाँ कुँवर सिंह भरतपुर का ही निवासी है, शैलेन्द्र सिंह उत्तर प्रदेश के फरीदाबाद का रहने वाला है। 8 अन्य की भी गिरफ़्तारी हुई है। इनके पास से आयोजन का सामान और भड़काऊ पुस्तकें भी मिली हैं। वकील संदीप सिंह ने इस आयोजन को लेकर खुलासा किया, जो दोस्त की शादी के लिए मैरिज हॉल बुक करने ‘सोनार हवेली’ पहुँचे थे। वहाँ करीब 400 लोग मौजूद थे। 15 लोग मंच पर थे। येशु की कसम दिला कर धर्म-परिवर्तन कराया जा रहा था।


🚩वहाँ मौजूद लोगों को ईसाई मजहब के फायदे गिनाए जा रहे थे और बोतल में कुछ मिला कर पिलाया जा रहा था। इतना ही नहीं, कुँवर सिंह के साथ-साथ सिद्धार्थ गौतम नामक शख्स मंच से हिन्दू देवी-देवताओं को भी गाली दे रहा था। बच्चियों के हाथों में बाइबिल दिए जा रहे थे। संदीप गुप्ता ने जब टोका और रिकॉर्डिंग करने लगे तो उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। इलाज के नाम पर पीड़ितों को वहाँ बुलाया गया था। 352 किताबें जब्त की गई हैं। गरीबों को रुपए का लालच भी दिया गया था, उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी।


🚩पादरी बजिंदर सिंह “मेरा यशु यशु” वाले वीडियो से वायरल हुआ था। पादरी बजिंदर सिंह को जीरकपुर पुलिस ने उसी की फॉलोअर युवती से रेप करने के आरोप में दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। 2017 में एक लड़की ने जालंधर के चर्च के पादरी बजिंदर पर आरोप लगाया था कि उसने विदेश भेजने के नाम पर उससे रेप किया और वीडियो भी बनाई। बजिंदर के यूट्यूब पर कई ऐसे वीडियो हैं, जिसमें वह सलमान खान से लेकर कई बड़े सितारों की भविष्यवाणी करने का दावा कर रहा है। सूट-बूट और सिक्योरिटी में रहने वाला बजिंदर सिंह अपने भाषणों के दौरान सुंदर लड़कियों पर नजर रखता था। स्त्रोत: ओप इंडिया 


🚩गांधीजी कहते थे…

“हमें गोमांस भक्षण और शराब पीने की छूट देने वाला ईसाई धर्म नहीं चाहिए। धर्म परिवर्तन वह ज़हर है जो सत्य और व्यक्ति की जड़ों को खोखला कर देता है। मिशनरियों के प्रभाव से हिन्दू परिवार का विदेशी भाषा, वेशभूषा, रीति रिवाज़ के द्वारा विघटन हुआ है। यदि मुझे क़ानून बनाने का अधिकार होता तो मैं धर्म परिवर्तन बंद करवा देता। इसे तो मिशनरियों ने व्यापार बना लिया है पर धर्म आत्मा की उन्नति का विषय है। इसे रोटी, कपड़ा या दवाई के बदले में बेचा या बदला नहीं जा सकता।”


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Wednesday, February 14, 2024

आशाराम बापू के एक फैसले से देशवासियों के अरबों रुपए बच गए, आत्महत्या रुकी

14 February 2024

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🚩आज जहाँ एक ओर वैलेंटाइन डे का प्रभाव अंधाधुंध बढ़ता आ रहा है तथा इसके कुप्रभाव व दुष्परिणाम समाज के सामने प्रत्यक्ष हो रहे हैं जैसे कि एड्स, नपुसंकता, दौर्बल्य, छोटी उम्र में ही गर्भाधान (Teenage Pregnency), ऑपरेशन,बाँझपन,आदि गुप्त बिमारियों का सामना समाज को करना पड़ रहा है ।


🚩वेलेंटाइन डे मनाने से समाज में युवावर्ग का चारित्रिक पतन तथा विदेशी कंपनियों के गिफ्ट, गर्भनिरोधक सामग्री के पैसे अरबो-खरबो रूपये जाते देखकर और वृद्धाश्रमों की माँग बढ़ते देख हिन्दू संत आशारामजी बापू ने 2006 से एक अनूठी मुहिम की तरफ युवावर्ग को आकर्षित किया। जो है “मातृ पितृ पूजन दिवस” इसके कारण युवाओं का नैतिक, चारित्रिक पतन और विदेश में जाते अरबों रुपए और माता-पिता का अनादर करके वृद्धाश्रम भेजने आदि इन सभी पर रुकावट आई।


🚩वेलेंटाइन डे का कुप्रभाव व मातृ-पितृ पूजन का सकारात्मक परिणाम देखकर देश- विदेश की सभी सम्मानीय एवं प्रतिष्ठित हस्तियों ने स्वागत किया और देश-विदेश में 2006 से 14 फरवरी को ‘वेलेंटाइन डे’ की जगह मातृ पितृ पूजन दिवस मनाना शुरू किया गया।


🚩जब इस विषय को लेकर सोशल साइट पर देखा गया तो देखने को मिला कि बापू आसारामजी के अनुयायियों ने 2 महीने पहले से ही 14 फरवरी “मातृ पितृ पूजन दिवस” निमित्त देश-विदेश में 14 फरवरी मातृ-पितृ पूजन निमित्त कार्यक्रम शुरू कर दिए थे।


🚩मातृ-पितृ पूजन को लेकर लगातार 15 दिन से Twitter, Facebook, Instagram, google, Whatsapp आदि पर भी उनके अनुयायी बहुत सक्रिय रहे । सोशल मीडिया से लेकर ग्राउंड लेवल तक बड़े जोरशोर से ParentsWorshipDay मनाया गया।


🚩इस कार्यक्रम को विश्वभर में जैसे कि अमेरिका, दुबई, सऊदी अरब, केनेडा, पाकिस्तान, बर्मा, नेपाल, इटली, लन्दन, ऑस्ट्रेलिया आदि कई देशों में स्कूल, कॉलेज, जाहिर स्थल, वृद्धाश्रम, समाज सेवी संस्थाओं, घर, परिवार, मोहल्ले आदि में जगह-जगह पर उनके अनुयाई तथा समाज सेवी संस्थाओं ने “मातृ पितृ पूजन दिवस” मनाया गया ।


🚩🚩माता-पिता अपने बच्चों सहित अपने-अपने क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ ये कार्यक्रम आयोजित किये गए वहाँ वहाँ बड़ी संख्या में पधारे और एक नये उत्साह, एक नए जीवन, नये संस्कारों, एक नयी दिव्य अनुभूति और एक अनोखे हर्ष-उल्लास के साथ सबके मुखमंडल प्रफुल्लित दिखे ।


🚩सच में जिन्होंने भी वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया, अपने माता-पिता की पूजा की, अपनी दिव्य संस्कृति को अपनाया उनके जीवन में बहुत अच्छा देखने को जरूर मिला ।


🚩कुछ पाश्चात्य संस्कृति (VALENTINE DAY) मनाने वाले मनचले लोग तर्क-कुतर्क करने लगे कि माता-पिता की पूजा एक ही दिन क्यों ? उन्हें जवाब इस तरह का है कि क्या आपने अपने जीवन में दिल से कभी अपने माता-पिता की पूजा की भी है या नहीं ? जरा ईमानदारी से अपने दिल पर हाथ रखकर तो कहना ।


🚩और अगर सच्चे ह्रदय से माँ-बाप की पूजा होती तो क्या आप वैलेंटाइन-डे के इस कचरे को अपनाते ???


🚩आज के कल्चर में वैलेंटाइन डे मनाने वाले आगे जाकर लड़के-लड़कियों के चक्कर में क्या-क्या कर बैठते हैं ये दुनिया जानती है । फिर समाज में और घर-परिवार में मुँह दिखाने लायक नहीं रहते । फिर या तो घर से भाग जाते हैं या तो आत्महत्या के विचार कर बैठते हैं और इसको अंजाम देते हैं ।


🚩कुछ समय पूर्व ही कई अखबारों में पढ़ने को मिला कि जवान लड़के-लड़कियाँ नदी में कूदकर अथवा ट्रेन से कूदकर जान दे बैठे। क्या यही है आज का VELANTINEDAY….???


🚩अनादिकाल से भारत के महान संत ही समाज की रक्षा करते आये हैं । समाज को संवारने का दैवीकार्य महान ब्रह्मवेत्ता तत्वज्ञ संतों द्वारा ही होता आया है और जब-जब समाज कुकर्म और पाप की गहरी खाई में गर्क होने लगता है, अधर्म बढ़ने लगता है तो किसी न किसी महापुरुष को परमात्मा (ईश्वर) धरती पर प्रकटाते हैं या स्वयं भगवान् धरती पर अवतार लेते हैं और इस दिशाहीन समाज को एक नयी दिशा देकर, समाज को सुसंस्कारित कर, समाज में धर्म की स्थापना करते हैं जैसा कि भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है।


🚩परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ||


🚩महापुरुषों की गाथा सुज्ञ समाज अनंत काल तक गाता रहता है । ऐसे ही कई महापुरुष जैसे संत कबीर, गुरु नानक जी, संत तुलसीदास जी, संत लीलाशाह जी महाराज, संत तुकाराम जी, संत ज्ञानेश्वर जी, स्वामी विवेकानंद जी, स्वामी अखंडानन्द जी आदि महान सन्तों का यश आज भी जीवित है ।


🚩करोड़ो-अरबों लोग धरती पर जन्म लेते हैं और यूँ ही मर जाते हैं पर संतों का नाम,आदर,पूजन व यश सभी के हृदयों में अंकित है ।


ऐसे ही संत आज इस धरा पर हैं लेकिन बहिर्मुख व कृतघ्न समाज को दिखता कहाँ है! कहाँ पहचान पाते हैं उन महान संतों को!!


🚩गुरुनानक जैसे महान संतों को जेल में डलवा दिया जाता है । दो बार तो गुरुनानक जी को भी जेल जाना पड़ा । संत कबीरजी जैसों को वेश्याओं द्वारा बदनाम करवाया जाता है । भगवान बुद्ध पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया लेकिन उनकी पूजा आज भी होती है क्योंकि “धर्म की जय और अधर्म का नाश” ये प्राकृतिक सिद्धांत है ।


🚩आज समाज को एक अद्भुत प्यारा सा पर्व देकर हिन्दू संत आसारामजी बापू ने सभी के दिलों में राज किया है । सबको प्रेम दिया है । सभी को सन्मार्ग पर ले चलने का अद्भुत महान कार्य किया है । कई समाज के बुद्धिजीवी तो हिन्दू संत आसारामजी बापू के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन भारत में ही विदेशी षड़यंत्र द्वारा ( क्रिश्चयन मिशनरीज, विदेशी कंपनियों के मुआवजे से ) उन्हें जेल भिजवा दिया गया, मीडिया द्वारा बदनाम करवाया गया और सुज्ञ समाज देखता रह गया ।


🚩गौरतलब है कि संत आसारामजी बापू 11 साल से जोधपुर जेल में बन्द है लेकिन उनके करोड़ो भक्त अभी तक उनसे जुड़े हैं ।


🚩क्या ये उन महान संत की निर्दोषता का प्रमाण नहीं..?? क्या किसी बलात्कारी के पीछे करोड़ों का जन-समूह हो सकता है..???

है जो वंदनीय और पूजनीय वो, दिन अपने कारावास में बिताते हैं ।

सत्कार्यों का मिला कटुफल, उसको भी हंसकर सहते जाते हैं ।।


🚩आज का मानव बिना चमत्कार के किसी को नमस्कार नहीं करता वहीं इनके करोड़ों अनुयायी आज भी इनके लिए पलकें बिछाये बैठे हैं ।


🚩बिना सत्य के बल के कोई करोड़ों के जनसमूह को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सकता इतना तो हर समझदार इंसान समझ सकता है ।


🚩लेकिन कई मूर्ख लोग मीडिया की बातों में आकर अपने ही संतों पर लांछन लगाने से पीछे नहीं हटते..!!


🚩अगर मीडिया इतनी ही निष्पक्ष है तो क्यों संत आसारामजी बापू द्वारा किये गए और किये जा रहे अनेकों समाजसेवा के कार्यों को क्यों छुपा रही है ???


🚩हर सिक्के के दो पहलू होते हैं मीडिया ने कहा बापू रेपिस्ट आपने मान लिया पर कभी आपने ये जानने का प्रयास किया कि उन पर रेप का आरोप ही नही है, छेड़छाड़ का केवल आरोप है और उनके खिलाफ कितने षड्यंत्र हुए और उसका खुलासा हुआ है वे आपको नही पता होगा। उनके द्वारा हुए और हो रहे समाज उत्थान के सेवाकार्यों को दृष्टिगोचर किया जा रहा है ।


🚩हमारे देश में एक ओर 87 वर्षीय वरिष्ठ संत बापू आसारामजी को जमानत का भी अधिकार नहीं दूसरी ओर ऐसे ही कई केस हमारे सामने हैं जिनमें सबूत मिलने पर भी वो मजे से जमानत पर बाहर घूम रहे हैं ।


🚩पिछले 11 सालों में नेता,अभिनेता, पत्रकार, यहां तक कि आतंकवादियों तक को बेल मिल चुकी है पर संत आशाराम बापू को 11 सालों में 1 दिन की भी बेल नही मिली है बापूजी के साथ ही इतना घोर अन्याय क्यों???

क्या हिन्दू संत होना ही गुनाह है या हिन्दू संस्कृति उत्थानार्थ कार्य करना गुनाह है??


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वेलेंटाइन डे का आ गया इतिहास, अब सरकार और जनता करेगी मातृ पितृ पूजन

14  February 2024

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🚩भारत में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं कि वेलेंटाइन डे की शुरुआत कैसे हुई और यह क्यों मनाया जा रहा है। इससे हमें फायदा होगा या नुकसान, ये हमारी संस्कृति के अनुसार है कि नहीं- इस पर तनिक भी विचार न कर टीवी-सिनेमा मीडिया में दिखाई जाने वाली चीजों से प्रभावित होकर लोग उनकी नकल करने लग जाते हैं।


🚩आइये आज आपको वैलेंटाइन डे का सच्चा इतिहास बताते हैं……


🚩रोम के राजा क्लाउडियस ब्रह्मचर्य की महिमा से परिचित थे, इसलिए उन्होंने अपने सैनिकों को शादी करने के लिए मना किया था ताकि वे शारीरिक बल और मानसिक दक्षता से युद्ध में विजय प्राप्त कर सकें। रोम के चर्च के ईसाई धर्मगुरु वेलेंटाइन जो स्वयं ईसाई पादरी होने के कारण बाहर से नहीं दिखा सकते थे कि वे ब्रह्मचर्य के विरोधी हैं इसलिए पादरी वेलेंटाइन ने गुप्त ढंग से सैनिकों की शादियाँ कराईं। राजा को जब यह बात पता चली तो उन्हें दोषी घोषित किया और इस पादरी वेलेंटाइन को 14 फरवरी के दिन फाँसी दे दी गयी। सन् 496 से ईसाई पोप गैलेसियस ने उनकी याद में 14 फरवरी के दिन वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया। तब से लेकर अब तक यह प्रथा चली आ रही है।


🚩एक बड़ी बात यह भी है कि वेलेंटाइन डे मनाने वाले लोग पादरी वेलेंटाइन का ही अपमान करते हैं, क्योंकि वे शादी के पहले ही अपने प्रेमास्पद को वेलेंटाइन कार्ड भेजकर उनसे प्रणय-संबंध स्थापित करने का प्रयास करते हैं। यदि पादरी वेलेंटाइन इससे सहमत होते तो वे शादियाँ कराते ही नहीं, तो ये था वेलेंटाइन डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार।


🚩भारत में जब अंग्रेज आये तब वो लोग इस दिन को मनाते थे तो भारत के कुछ लोग जो अंग्रेजों के चाटुकार थे, मूर्ख और लालची थे वे लोग भी इसे मनाने लगे।


🚩भारत में अंग्रेज वेलेंटाइन डे इसलिए मना रहे थे ताकि भारत के लोगों का नैतिक पतन हो जिससे वो अंग्रेजों के सामने लड़ न पाएं और लंबे समय तक भारत को गुलाम बनाकर रखा जा सके।


🚩स्वतंत्रता के बाद अंग्रेज तो गये लेकिन विदेशी कम्पनियों ने सोचा कि हम अगर भारत में वैलेंटाइन डे को बढ़ावा देते हैं तो हमें अरबों-खरबों रुपये का फायदा होगा तो उन्होंने टीवी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, अखबार, नॉवेल, सोशल मीडिया, आदि में खूब-प्रचार प्रसार किया जिससे उन्होंने महंगे ग्रीटिंग कार्ड्स, गिफ्ट्स, आर्टिफिशियल फूल, चॉकलेट्स आदि से अरबों रुपए कमाए। इसके अलावा नशीले पदार्थ, ब्ल्यू फिल्म, गर्भ निरोधक साधन, पोर्नोग्राफी, उत्तेजक पोप म्यूजिक, सेक्स उत्तेजक दवाईयाँ बनाने वाली विदेशी कम्पनियां अपने आर्थिक लाभ हेतु समाज को चरित्रभ्रष्ट करने के लिए करोड़ों अरबों रूपये खर्च कर रही हैैं।


🚩वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2016 में वेलेंटाइन डे से जुड़े सप्ताह के दौरान फूल, चॉकलेट, आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री का कारोबार करीब 22,000 करोड़ रूपये था। इस बार 50,000 करोड़ रूपये से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है। वस्तुत: वैलेंटाइन डे विदेशी बाजारीकरण व वासनापूर्ति को बढ़ावा देने वाला दिन है।


🚩अब ये वैलेंटाइन डे हमारे कुछ स्कूलों तथा कॉलजों में भी मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के लड़के-लड़कियाँ बिना सोचे-समझे एक दूसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड, गिफ्ट,फूल दे रहे हैं।


🚩यह सब विदेशी गन्दगी को देखते हुए हिन्दू संत आशारामजी बापू ने 2006 में 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाना शुरू किया जिसका अभी व्यापक रूप से प्रचार हो रहा है। भारत में उनके करोड़ों अनुयायी, आम जनता, हिन्दू संगठन और कई राज्यों की सरकारें, गांव-गांव, नगर-नगर में इस दिन को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मना रहे हैं। विदेशों में भी उनके अनुयायी इस दिन को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में मना रहे हैं।


🚩हिन्दू संत बापू आशारामजी का कहना है कि 14 फरवरी को पश्चिमी देशों की नकल कर भारत के युवक-युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड्स, फूल आदि देकर वैलेंटाइन डे मनाते हैं तो इस विनाशकारी डे के नाम पर कामविकार का विकास हो रहा है, जो आगे चलकर चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, खोखलापन,जल्दी बुढ़ापा और जल्दी मौत लाने वाला साबित होगा।


🚩बापू आशारामजी कहते हैं कि हजारों-हजारों युवक-युवतियां तबाही के रास्ते जा रहे हैं।वैलेंटाइन डे के बहाने ‘आई लव यू’ करते-करते लड़का-लड़की एक दूसरे को छुएंगे तो रज-वीर्य का नाश होगा, आने वाली संतति पर भी इसका बुरा असर पड़ता है और वर्तमान में वे बच्चे-बच्चियां भी तबाही के रास्ते हैं।लाखों-लाखों माता-पिताओं के हृदय की पीड़ा को देखते हुए तथा बच्चे-बच्चियों को इस विदेशी गंदगी से बचाकर भारतीय संस्कृति की सुगंध से सुसज्जित करना है। प्रेम दिवस जरूर मनायें लेकिन प्रेमदिवस में संयम और सच्चा विकास लाना चाहिए।युवक-युवती मिलेंगे तो विनाश-दिवस बनेगा।


🚩14 फरवरी के दिन बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता का पूजन करें और उनके सिर पर पुष्प रखें, प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें। संतान अपने माता-पिता के गले लगें। इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा।


🚩बापू आशारामजी ने बताया कि तुम भारत के लाल और भारत की बेटियाँ हो। प्रेमदिवस मनाओ, बच्चे माता-पिता का सम्मान करें और माता-पिता बच्चों को स्नेह करें। पाश्चात्य संस्कृति के लोग विनाश की ओर जा रहे हैं। वे लोग ऐसे दिवस मनाकर यौन सम्बन्धी रोगों का घर बन रहे हैं, अशांति की आग में तप रहे हैं। उनकी नकल भारत के बच्चे-बच्चियाँ न करें।


🚩आपको बता दें कि बापू आशारामजी ने इस तरीके से करोड़ों लोगों को वैलेंटाइन डे आदि विदेशी प्रथाओं से, व्यसन आदि से बचाया है, जिसके कारण विदेशी कंपनियों का अरबों-खरबों रुपये का घाटा हुआ है तथा इस नुकसान से बचने के लिए ही उन्होंने बापू आशारामजी को साज़िशों के जाल में फंसाकर जेल भेज दिया।


🚩हमारे शास्त्रों में माता-पिता को देवतुल्य माना गया है और इस संसार में अगर कोई हमें निःस्वार्थ और सच्चा प्रेम कर सकता है तो वो हमारे माता-पिता ही हो सकते हैं।


🚩तो क्यों न हम मानवमात्र के परम हितकारी हिन्दू संत आशारामजी बापू प्रेरित #14फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन मनाकर अपने माता-पिता के सच्चे प्रेम का सम्मान करें और यौवन-धन, स्वास्थ्य और बुद्धि की सुरक्षा करें।


🚩आओ एक नयी दिशा की ओर कदम बढ़ाएं। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नहीं, माता-पिता की पूजा करके उनका शुभ आशीष पाते हुए 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाए ।


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Monday, February 12, 2024

भारत का विभाजन 2047 तक फिर से होगा ???

13 February 2024

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🚩2047 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिले 100 साल पूरे हो जाएँगे। तब तक का रास्ता आसान होगा, ऐसा नहीं है। वो देश जिसे दो हिस्सों इस्लामिक पाकिस्तान और धर्मनिरपेक्ष भारत में बाँट दिया गया था, उसके बँटवारे के 100 साल पूरे होने से पहले एक नापाक मंसूबा सामने दिखाई दे रहा है। इस नापाक मंसूबे को पूरा करने के लिए कट्टर इस्लामी और वामपंथी भारत को एक बार फिर उन परिस्थितियों की ओर धकेल रहे हैं, जिसके कारण पहले उसका विभाजन हुआ था।


🚩जुलाई 2022 में, ऑपइंडिया ने एक खास दस्तावेज़ की डिटेल निकाली थी, जो प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने अपने सदस्यों को प्रसारित किया था। ‘विजन 2047’ नाम के दस्तावेज में गजवा-ए-हिंद के रोडमैप की डिटेल थी। इसमें उनकी योजना मुस्लिमों को कट्टरपंथी बनाना, ‘कायर हिंदुओं’ पर पूरी तरह से हावी होना, भारतीय संविधान को शरीयत कानून में बदल देना, हिंदुओं का नरसंहार करना और भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र में बदल देना है।


🚩महाराष्ट्र एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने 2 फरवरी 2023 को 5 पीएफआई आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की, जिन्हें गैरकानूनी गतिविधियों और राष्ट्र के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था। महाराष्ट्र एटीएस की मुंबई इकाई ने जिन 5 आरोपितों को गिरफ्तार किया उनके नाम हैं – मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल खान, मोमिन मिस्त्री और आसिफ हुसैन खान। पीएफआई के साथ इनका कनेक्शन था। यही नहीं, पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने के बाद से इस्लामिक संगठन से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादियों को कई एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है।


🚩महाराष्ट्र एटीएस द्वारा 5 आरोपितों के खिलाफ दायर चार्जशीट 600 से अधिक पन्नों की है। इसमें बताया गया है कि आरोपित 2047 तक भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र में बदलने की दिशा में कैसे काम कर रहे थे। विजन 2047 दस्तावेज, जिसे जुलाई 2022 में ऑपइंडिया द्वारा विशेष रूप से विस्तार से बताया गया था, को भी इसमें संलग्न किया गया है। चार्जशीट में पीएफआई के नापाक मंसूबों और उनकी योजनाओं को पूरा करने के लिए उनके गुर्गों के काम करने के खूँखार तरीकों को भी बताया गया है।


🚩चार्जशीट में उन 5 आरोपितों के बारे में निम्नलिखित खुलासे किए गए हैं, जो PFI से जुड़े आतंकी थे:


🚩पीएफआई और आतंकवादी संगठन के साथ काम करने वाले कट्टर इस्लामी देश के खिलाफ साजिश रच रहे थे।

महाराष्ट्र के चेंबूर, धारावी, कुर्ला, ठाणे, नेरुल, पनवेल और मुंब्रा में पीएफआई सदस्यों द्वारा गुप्त बैठकें की गईं। इन बैठकों में, उन्होंने योजना बनाई कि देश के खिलाफ कैसे काम किया जाए, मुस्लिमों को कट्टरपंथी बनाने और 2047 तक भारत को एक इस्लामी राष्ट्र में बदलने के लिए साजिश भी रची गई।

पीएफआई ने मुस्लिमों को अपने साजिश का हिस्सा बनाने के लिए उन्हें विश्वास दिलाने की योजना बनाई थी कि देश इस्लाम के खिलाफ काम कर रहा है और उन्हें हिंदुओं के खिलाफ एकजुट होना है।

पीएफआई का मंसूबा इस्लामी शरिया के साथ भारत के संविधान को बदलने की दिशा में काम करना है।

वे भारत को इस्लामी राज्य बनाना चाहते हैं।

वे चाहते थे कि मुस्लिमों को केवल मुस्लिमों के रूप में ही जाना जाए न कि भारतीयों के रूप में।

पीएफआई ने मुस्लिमों के खतरे में होने और उन पर अत्याचार होने के दुष्प्रचार को आगे बढ़ाया।

पीएफआई पैसा जुटाना चाहता था और भारतीय लोकतंत्र को खत्म करने के लिए विदेशी संगठनों से मदद लेना चाहता था। यही नहीं, भारत को इस्लामी राष्ट्र में बदलने की अपनी योजना को पूरा करना चाहता था।

आरोपितों में से दो को कानून का ज्ञान था और वे उसी के अनुसार टीम का मार्गदर्शन कर रहे थे।

आरोपितों में से एक मुस्लिम युवकों को भर्ती करने के खिलाफ था।

साल 2047 पीएफआई द्वारा दी गई केवल एक समय सीमा नहीं है। बल्कि वामपंथी भी सामाजिक न्याय की आड़ में भारत में अशांति फैलाने के लिए इसी तरह के एजेंडे को चला रहे हैं।


🚩8 फरवरी को लेखक और शिक्षाविद राजीव मल्होत्रा ने हार्वर्ड में होने वाले एक कार्यक्रम के बारे में ट्वीट किया, जहाँ भारत पर ‘जाति’ का ट्रायल होगा। उन्होंने ट्वीट किया कि कई भारतीय दानदाता इस कार्यक्रम को प्रायोजित कर रहे हैं।


🚩11 फरवरी 2023 को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का नाम हार्वर्ड 2023 में भारत सम्मेलन रखा गया है। हार्वर्ड वेबसाइट पर इसके बारे विवरण दिया गया है। हार्वर्ड में वार्षिक भारत सम्मेलन के दौरान होने वाली पैनल चर्चाओं में से एक का शीर्षक है, “2047 तक जाति को खत्म करने के लिए क्या करना होगा।”


🚩इस पैनल में शामिल वक्ताओं ने भारत की एकता को तोड़ने वाले लफ्ज़ों का इस्तेमाल किया और हिंदुओं के खिलाफ पीएफआई की तरह जहर उगला। सेंटर फॉर सोशल इक्विटी एंड इंक्लूजन (CSEI) और नेशनल यूथ इक्विटी फोरम (NYEF) के सह-संस्थापक और निदेशक सत्येंद्र कुमार का ट्विटर प्रोफाइल देखने के बाद आपको पता चल जाएगा कि उनकी सोच क्या है। दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगे भड़कने से कुछ दिन पहले उनका उद्देश्य काफिरों को सबक सिखाना था। कुमार ने 2020 में ट्वीट किया था, “ना तो हम CAA-NPR-NRC आने देंगे, ना ही मोदी को जिम्मेदारी से भागने देंगे!”


🚩उन्होंने कन्हैया कुमार के ट्वीट को भी रीट्वीट किया था, जिन्होंने पीएफआई के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था।


🚩ट्वीट को सत्येंद्र कुमार ने रीट्वीट किया

वार्ता के अन्य पैनलिस्ट, दलित लेखक चंद्रभान प्रसाद प्रचार-प्रसार के अनुभवी हैं। 2018 में, जब भीमा-कोरेगाँव घटना के बाद नक्सलियों द्वारा दंगा किया गया, तो चंद्रभान प्रसाद ने इसके लिए ऑरेंज ब्रिगेड को दोषी ठहराया था।


🚩उन्होंने हाल ही में कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी को समर्थन भी दिया था।


🚩अगले पैनलिस्ट थेनमोझी साउंडराजन (Thenmozhi Soundararajan) हैं, जो इक्वैलिटी लैब्स के कार्यकारी निदेशक हैं। इक्वैलिटी लैब्स संयुक्त राज्य अमेरिका में ब्राह्मणवाद विरोधी जाति सक्रियता समूह है। इसका प्रभाव इतना है कि ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने एक बार बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा कर दिया था। डोर्सी ने 2018 में, जो प्लेकार्ड पकड़ा था, उसमें ‘Smash the Brahminical Patriarchy’ (ब्राह्मणवादी पितृसत्ता की धज्जियाँ उड़ा दो) लिखा था। इसकी वजह से इस पहचान से जुड़े लोगों ने ट्विटर पर डोर्सी की आलोचना की थी और उन्हें हिंसा का समर्थक और एक पहचान विशेष का विरोधी बताया था। इक्वैलिटी लैब्स ने अमित जानी के खिलाफ भी कड़ा अभियान चलाया, जिन्होंने जो बिडेन अभियान में काम किया था, उन पर ‘हिंदू फासीवाद’ का समर्थन करने का आरोप लगाया गया।


🚩इस कार्यक्रम में दलित लेखिका यशिका दत्त भी पैनलिस्ट हैं। हिंदुओं के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाली यशिका ने सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन का भी समर्थन किया था और मुस्लिम अपराधियों को बचाने का प्रयास किया था।


🚩यही नहीं हार्वर्ड सम्मेलन में हिंदुओं को गलत ठहराने, कट्टर इस्लामियों द्वारा उन पर किए जा रहे अत्याचारों को क्लीन चिट देने के अलावा मुस्लिम समुदाय को पीड़ितों के रूप में पेश किया जाएगा।


🚩हर्ष मंदर भी पैनल के सदस्य हैं। हर्ष मंदर सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज के एक विदेशी वित्त पोषित एनजीओ, सोनिया गाँधी की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य भी थे, जिसने हिंदू विरोधी सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का मसौदा तैयार किया था। ध्यान दें कि मार्च 2020 में, ऑपइंडिया ने यह खबर प्रसारित की थी कि हर्ष मंदर ने कैसे मुस्लिमों को सड़कों पर आने के लिए उकसाया और हिंसा भड़काने का प्रयास किया था।

https://twitter.com/OpIndia_in/status/1756549387424334121?t=rGrUJhVLWELSslvR0cqNpw&s=19


🚩इससे यह प्रमाणित होता है कि वामपंथी जो भारत की संप्रभुता पर हमला करते रहे हैं, वे अब सम्मेलनों में हिंदू के खिलाफ अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। वे इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि 2047 तक भारत को कैसा होना चाहिए। उनका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र में बदलना है। यहाँ यह कहना गलत नहीं होगा कि कट्टर इस्लामी और वामपंथी भारत में अशांति पैदा करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, ऐसी परिस्थितियाँ पैदा कर रहे हैं, जो 1947 में भारत के विभाजन और हिन्दुओं के नरसंहार का कारण थी।


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Sunday, February 11, 2024

बड़ी-बड़ी हस्तियों ने वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की घोषणा क्यों की ?

12  February 2024

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🚩भारत में वेलेंटाइन डे के कारण युवक-युवतियों को अत्यधिक नुकसान हो रहा है जिसके कारण कई सम्मानीय और सुप्रतिष्ठित हस्तियों ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का घोषणा किया है।


🚩आइये जानते हैं, क्या कह रही हैं सुप्रतिष्ठित हस्तियां…


🚩सांस्कृतिक उत्थान के लिए ‘वैलेंटाइन डे’ को ‘माता-पिता पूजन दिवस’ में बदलने जैसे प्रयास निरंतर हों। – अभिनेत्री भाग्यश्री


🚩मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाना बहुत ही अच्छा है। मैं जो बन पाया, वह माता-पिता का आशीर्वाद और गुरु की कृपा रही मुझपर, उसी की बदौलत है। – गोविंदा, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता


🚩”मातृ-पितृ पूजन दिवस निश्चित तौर पर बहुत ही अच्छी बात है।” – मुख्तार अब्बास नकवी, भा.ज.पा.


🚩”हम लोग ʹमातृ-पितृ-पूजन दिवसʹ मनायें तो यह दिवस एक महाकुम्भ बनकर हमारे घर में हमेशा-हमेशा के लिए विराजमान हो जायेगा।” – श्री देवकीनंदन ठाकुरजी, प्रखर कथावाचक


🚩मैं हर बच्चे को कहना चाहूँगा कि 14 फरवरी के दिन ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ का अनुसरण कीजिये और धीरे-धीरे वेलेंटाइन डे को विदा कर दीजिये। – श्री मुकेश खन्ना, (धारावाहिक महाभारत के ‘भीष्म पितामह’ तथा शक्तिमान धारावाहिक के ‘शक्तिमान’)


🚩माता-पिता के पूजन का सही रास्ता दिखा के संत आसारामजी बापू ने हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाया है और इस अभियान को पूरे विश्व में बहुत बड़ी सफलता प्राप्त हुई। – जगद्गुरु श्री पंचानंद गिरिजी, जूना अखाड़ा


🚩आनेवाले समय में संत आसाराम बापू का यह मातृ-पितृ पूजन दिवस जो क्रांति का शंखनाद है, यह इतिहास का एक स्वर्णिम पृष्ठ बनेगा। – श्री चिन्मय बापू महाराज, अंतर्राष्ट्रीय भागवत कथाकार


🚩संत आसारामजी बापू ने पिछले कई वर्षों से ‘वेलेंटाइन डे’ को ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के रूप में मनाना शुरू किया तबसे तमाम महँगे-महँगे गिफ्ट्स, ग्रीटिंग कार्ड्स बेचनेवाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के व्यापार में अरबों रूपये का घाटा हुआ इसलिए बापूजी पर षड्यंत्र हो रहा है। – श्री सुरेश चव्हाणके, सुदर्शन चैनल


🚩श्री आसारामजी बापू का जो यह कार्य है, वह स्तुत्य है, सुंदर है और संस्कृति-रक्षा के लिए है। हमें संस्कृति रक्षार्थ मातृ-पितृ पूजन दिवस को घर-घर मनाना है। – श्री रामगिरिजी महाराज, महामंडलेश्वर, जूना अखाड़ा


🚩14 फरवरी, जो हम लोगों के लिए एक कलंक बनता जा रहा है, उसी कलंक को तिलक-टीका बनाकर हम वह दिन ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के रूप में मनायेंगे। – बाल योगेश्वर श्री रामबालकदासजी महात्यागी


🚩”मातृ-पितृ पूजन दिवस” समूचे हिन्दुस्तान में नये इतिहास का सृजन करेगा।” – जैन समाज के आचार्य युवा लोकेश मुनिश्रीजी


🚩मुझे पूरा विश्वास है कि बापूजी हमें एक नयी दिशा दिखा रहे हैं। – महामंडलेश्वर स्वामी देवेन्द्रानंदजी गिरि, राष्ट्रीय महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति


🚩गाँव-गाँव, गली-गली में मातृ-पितृ पूजन होगा। भारतीय संस्कृति की इस उज्ज्वलता को हम पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत करेंगे। – युवा क्रांतिद्रष्टा संत दिनेश भारतीजी


🚩समाजरूपी बगिया को गुलशन बनाना हो तो बापूजी की प्रेरणा अनुसार ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ जरूर मनाया जाये। – महंत श्री समाधानजी महाराज, वारकरी सम्प्रदाय


🚩वेलेंटाइन-डे जो अब मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, यह सच्चे प्रेम की राह बापू आशारामजी ने दिखायी है, इसीलिए बापूजी को फँसाया जा रहा है। – साध्वी सरस्वतीजी, भागवताचार्या


🚩वैलेंटाइन डे सिर्फ हिन्दुओं के लिए नहीं बल्कि मुसलमानों तथा पूरी दुनिया के इन्सानों के लिए एक मसला है। बापूजी ने एक बड़ी अच्छी शुरुआत की है। – हजरत मौलाना असगर अली साहब, अजमेर शरीफ के शाही इमाम


🚩माता-पिता पूजन दिवस बहुत ही अच्छा प्रयास है। आजकल के युवक-युवतियों को इसका महत्त्व बताना बहुत जरूरी है। – प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल


🚩पूज्य बापूजी ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन का दिन घोषित किया, यह बहुत ही सुंदर प्रयास है, जो आज हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है। – श्री अरुण गोविलजी, (रामायण धारावाहिक में श्रीरामजी की भूमिका निभानेवाले)


🚩14 फरवरी को हम लोग मातृ-पितृ पूजन दिवस मनायें, माता-पिता की आराधना करें, पूजा करें तो बहुत अच्छी सफलता मिलेगी। – फिरोज खान (महाभारत धारावाहिक के अर्जुन)


🚩आज हम सभी दृढ़ निश्चय करें कि 14 फरवरी को माता-पिता का पूजन अवश्य करेंगे। – श्री गजेन्द्र चौहानजी (महाभारत धारावाहिक में युधिष्ठिर की भूमिका निभानेवाले)


🚩परम पूज्य बापूजी के द्वारा मिली शिक्षाओं से हम अपने जीवन को सुंदर बनायेंगे। – प्रसिद्ध गायक श्री अनूप जलोटा


🚩वैलेंटाइन डे नहीं, माता-पिता की पूजा होनी चाहिए। यह एक श्रेष्ठ मार्गदर्शन है जो बापूजी दे रहे हैं, इसे ही हम आगे लेकर जायेंगे। – श्री प्रमोद मुतालिकजी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्रीराम सेना


🚩गौरतलब है कि पिछले 60 वर्षों से सनातन संस्कृति के सेवाकार्यों में रत रहने वाले तथा सनातन संस्कृति की महिमा से विश्व के जन-मानस को परिचित करवाने वाले हिन्दू संत आशारामजी बापू ने जब अपने देश के युवावर्ग को पाश्चात्य अंधानुकरण से चरित्रहीन होते देखा तो उनका हृदय व्यथित हो उठा और उन्होंने वर्ष 2006 से एक नयी दिशा की ओर युवावर्ग को अग्रसर करते हुए एक विश्वव्यापी अभियान चलाया जिसका नाम है – 14 फरवरी मातृ-पितृ पूजन दिवस


🚩बापू आसारामजी के देश-विदेश में रहने वाले करोड़ों समर्थक उनके कथनानुसार दुनिया भर में स्कूलों, कॉलेजों, वृद्धाश्रमों में एवं सार्वजनिक स्थलों आदि में जाकर मातृ-पितृ पूजन करा रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी उसके फोटोज खूब वायरल हो रहे हैं।


🚩कई मुख्यमंत्री और मंत्री तथा हिन्दू संगठन भी इस महान कार्य में जुड़ गए हैं एवं वैलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का आह्वान कर रहे हैं।


🚩भारत जो विश्व में अपनी संस्कृति और संतों के लिए प्रसिद्ध है उस देश में पाश्चात्य सभ्यता की गन्दगी न आने पाये, इसके लिए हर हिंदुस्तानी का कर्तव्य बनता है कि वो भी वैलेंटाइन डे न मनाकर 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस अवश्य मनाएं।


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Saturday, February 10, 2024

हल्द्वानी के हिन्दुओं की पीड़ा को, क्यों नहीं दिखाता मीडिया ?

11 February 2024

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🚩उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा के मामले में मीडिया के वामपंथी वर्ग ने महज एक ही पक्ष को पीड़ित दिखा कर, रिपोर्टिंग की। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है, जिससे पहले सोच-समझ कर, ये नैरेटिव गढ़ा गया कि इस मामले में राजनीतिक सोच काम कर रही है, जिसके निशाने पर मुस्लिम समाज के लोग हैं। लेकिन, जब ग्राउंड जीरो पर जा कर वनभूलपुरा में बचे-खुचे हिन्दुओं के हालात जाने तब सच्चाई कुछ और ही निकली। पेश है उस बातचीत के कुछ मुख्य अंश।


🚩हल्द्वानी के इंदिरा नगर बस्ती में अभी भी कुछ ही हिन्दू बचे हुए हैं। उनसे बात करनी चाही तो पहले वो तैयार नहीं हुए। लगा कि इनके अंदर हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण हटाने के आदेश को ले कर गुस्सा है, लेकिन असलियत कुछ और ही निकली। वहाँ के हिन्दू अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को ले कर बेहद डरे हुए थे।


🚩बुजुर्गों, युवा, बच्चों, महिलाओ और पुरुषों से बात की तो सामने एक भयावह तस्वीर निकल कर आई।


🚩चरसी और शराबी, घरों पर मारते हैं, लात


🚩लगभग 72 वर्षीय एक वृद्ध व्यक्ति ने बताया कि उनके लिए इलाका मुसीबतों से भरा हुआ है। उनका कहना था कि उनके घरों पर चरस और शराब के नशे में लात मारी जाती है, जिसका विरोध करने पर एक-दूसरे पर आरोप लगा कर मामले को शांत कर दिया जाता है। वृद्ध के अनुसार, लगभग 10 साल में वनभूलपुरा इलाके में हिन्दुओं के लिए बदतर हालात हुए, क्योंकि मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ी। वृद्ध के आसपास मौजूद कुछ लोगों ने कहा कि उनके पानी के सबमर्सिबल (पंप) खोल लिए गए और चोर का पता भी नहीं चला।


🚩वहीं के एक अन्य हिन्दू ने कहा कि एक तरफा आबादी कैसे बढ़ रही और लोग कहाँ से आ रहे, ये किसी को नहीं पता। ‘बजरंग दल’ के जिला संयोजक जोगिंदर सिंह जोगी ने भी वनभूलपुरा में चरस-गाँजा आदि मादक द्रव्यों की बिक्री की जानकारी दी।


🚩‘हमें यहाँ से निकाले सरकार’


🚩वनभूलपुरा के एक दिव्यांग हिन्दू ने बताया कि वो चाहते हैं कि भारत सरकार उन्हें परिवार सहित वहाँ से निकाल ले क्योंकि वहाँ अब हिन्दुओं के रहने लायक हालात नहीं बचे हैं। दूसरे व्यक्ति ने कहा कि पहले भी वनभूलपुरा में हिन्दू मुस्लिम विवाद हो चुका है और ऐसे मौकों पर विरोध में भीड़ जमा हो जाती है। हिन्दू समाज के एक अन्य व्यक्ति का कहना था कि अगर उनके पास पैसे या रहने का कोई और ठिकाना होता तो वो कब के इलाका छोड़ कर चले गए होते।


🚩सोशल मीडिया पर पोस्ट से घेर लिया था घर

एक हिन्दू महिला ने बताया कि उनके बेटे द्वारा सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट शेयर हो गई थी, जिसके चलते उनके घर को घेर लिया गया था। महिला के मुताबिक, अगर पुलिस एक्टिव न हुई होती तो उस समय उनके परिवार के साथ कोई अनहोनी हो जाती क्योंकि भीड़ थाने तक पहुँच गई थी।


🚩कभी था हिन्दू बहुल, अब लगभग हिन्दू विहीन

वनभूलपुरा के इंदिरा नगर की बात करते हुए एक बुजुर्ग ने बताया कि 1960 के दशक में वनभूलपुरा हिन्दू बहुल हुआ करता था। उनके मुताबिक, कुछ समय बाद वहाँ आग लग गई थी। हमें दी गई जानकारी के अनुसार धीरे-धीरे हिन्दू इंदिरा नगर से कहीं और शिफ्ट होते चले गए और अब पूरा वनभूलपुरा मुस्लिम बाहुल्य हो चुका है। हमें बताया गया कि उस क्षेत्र से हिन्दुओं का पलायन लगातार जारी है।


🚩हुई हैं ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण की घटनाएँ


🚩इंदिरा नगर के एक युवक ने बताया कि वनभूलपुरा क्षेत्र में लव जिहाद की घटनाएँ होती रहती हैं। एक लड़की का उदाहरण देते हुए हमें बताया गया कि रातों रात उसको ले कर हैदराबाद पहुँचा दिया गया था जो बाद में प्रेग्नेंट वापस आई थी। बताया गया कि लड़की के परिजन भी अपनी बेटी की वापसी की उम्मीदों को खो चुके थे। वहीं एक अन्य दिव्यांग व्यक्ति ने हमें बताया कि उनका भाई कभी हिन्दू हुआ करता था जो अब इस्लाम कबूल कर चुका है।


🚩इसके लिए उसने अपने भाई के साथियों को जिम्मेदार बताया और खुद को हमेशा के लिए अपने धर्मांतरित भाई से अलग हो जाने की जानकारी दी। बजरंग दल जिला संयोजक जोगिंदर सिंह जोगी ने भी वनभूलपुरा में लव जिहाद जैसी घटनाएँ होना स्वीकार किया।


🚩इंदिरा नगर के हिन्दुओ ने बताया कि पहले की सरकारों में वो होली भी ठीक से नहीं खेल पाते थे। उन्होंने बताया कि होलिका दहन से पहले भारी पुलिस फ़ोर्स लगती थी। हालाँकि, इलाके के हिन्दुओं ने कहा कि भाजपा सरकार में उनकी सुनवाई पुलिस में होती है और किसी घटना पर कार्रवाई भी की जाती है।


🚩शिव मंदिर को तोड़ कर बना लिया गया घर


🚩लगभग 65 वर्षीय एक बुजुर्ग ने हमें बताया कि कभी सत्यनारायण तिवारी नाम के व्यक्ति का वनभूलपुरा क्षेत्र में घर हुआ करता था। घर के बगल उन्होने मंदिर भी बनवा लिया था। कुछ दिनों बाद वो घर छोड़ कर चले गए और उनके घर के साथ मंदिर को भी तोड़ कर मुस्लिमों ने कब्ज़ा कर लिया और अब वो वहाँ रह रहे हैं।


🚩धरने में शामिल नहीं हुए तो दिखाई नाराजगी


🚩वनभूलपुरा के इंदिरा नगर के हिन्दुओं ने हबताया कि उन्हें भी धरने में शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन वो नहीं गए। उनका कहना था कि इस बात से मुस्लिम नेता काफी नाराज हुए थे और उन्हें उल्टा-सीधा सुनाया गया। एक महिला ने बताया कि उन्हें दुआ पढ़ने के लिए बुलाया गया जिस पर उन्होंने बुलाने वालों को भगवान की प्रार्थना करने के लिए कहा। इस बात से धरने के आयोजक नाराज हो गए और लौट गए।


🚩स्कूल में हिन्दू बच्चो को पढ़ाई जाती है उर्दू और इस्लामी प्रार्थना


🚩वनभूलपुरा के 2 नाबालिग हिन्दू बच्चों ने बताया कि स्कूल में उन्हें उर्दू पढ़ाई जाती थी। जब उनसे स्कूल में पढ़ाई जाने वाली प्रार्थना सुनाने को कहा तो उन्होंने हमें इस्लामी प्रार्थना सुनाई। स्कूल का नाम एस एन पब्लिक स्कूल बताया गया। इस बीच बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि जब उन्हें अपने बेटों को स्कूल में उर्दू और इस्लामी प्रार्थना पढ़ाने की जानकारी हुई थी तो उन्होंने वहाँ से नाम कटवा कर दूसरे स्कूल में लिखवा दिया था।


🚩वनभूलपुरा की कुछ हिन्दू महिलाओं ने बताया कि जब वो कहीं आती-जाती है तो उन्हें सड़क पर रोका जाता है। उनके मुताबिक हिन्दू बहन बेटियों के साथ अभद्रता की जाती है और विरोध पर उनके घरों में माँस तक फेंक दिया जाता है। बजरंग दल जिला संयोजक ने भी ऑपइंडिया से बातचीत में कहा था कि वनभूलपुरा में बचे-खुचे हिन्दुओं की बहन बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं। स्त्रोत: ऑपइंडिया


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Friday, February 9, 2024

महाभारत के समय के लाक्षागृह पर भी वक्कबोर्ड ने जमाया है कब्जा

10  February 2024

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🚩दुर्योधन ने जहाँ पर पांडवों के लिए लाक्षागृह बनवाया था, उस जगह का नाम वर्णाव्रत है। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में कृष्णी और हिंडोन नदी के संगम पर बरनावा नाम के गाँव में एक टीला और करीब 100 बीघे की जमीनें हैं, जिनके बारे में ये माना जाता है कि यही वर्णाव्रत था, जहाँ कभी महाभारत काल में यह घटना हुई थी ।


🚩इस इलाके पर भी मुस्लिम समुदाय अपना दावा ठोक रहा है । जैसा कि आमतौर पर देश में होता आया है, ठीक वैसे ही यहाँ उन्होंने एक सूफी फ़कीर बदरुद्दीन शाह की मजार घोषित कर दी थी।


🚩पहले ये इलाका कभी मेरठ नाम से जाना जाता था और यहाँ का 1920 का Archeological Survey Of India का एक सर्वेक्षण भी उपलब्ध है। फ़िलहाल ये एएसआई द्वारा संरक्षित क्षेत्रों में से है, तो जाहिर है कि हिन्दुओं के महत्व या भारतीय पुरातात्विक महत्व की चीजों की उन्होंने दुर्दशा कर रखी होगी।

अब कोई हुमायूँ का मकबरा तो ये है नहीं न कि एएसआई उसके रख-रखाव और सौन्दर्यीकरण पर लाखों-करोड़ों खर्च दे ! सेक्युलरिज्म नाम की भी कोई चीज होती है भाई !!


🚩तो हुआ यूँ कि 1970 में यहाँ की तथाकथित कब्रिस्तान के रखवाले (मुतवल्ली) मुकीम खान ने मुकदमा किया कि ये वक्फ बोर्ड की जमीन है और हिन्दू पक्ष इसपर कब्जा कर रहा है। हिन्दुओं के पक्ष से कृष्णदत्त महाराज ने मुकदमा दर्ज किया और अपना पक्ष रखा।

अब पूरे 54 वर्ष के बाद बागपत के सिविल कोर्ट (जूनियर डिवीज़न) ने ये फैसला दिया है कि जमीन हिन्दुओं की ही है। जाहिर है अभी मामला ऊपर की अदालतों में भी 50-55 साल के लिए जाएगा ही।


🚩इस्लामिस्ट जो दावा कर रहे थे कि ये कब्रिस्तान है और वक्फ की संपत्ति है, उसका कोई प्रमाण ही नहीं है। छह 600 साल पहले ये जमीन किसी शाह की रही हो, इसका कोई प्रमाण नहीं मिला आज तक... क्योंकि उस काल में ये इलाका किसके शासन में था, ये तक मुस्लिम पक्ष के दावेदारों को पता नहीं है।


दिसम्बर 12, 1920 का जो सरकारी गैजेट है, उसमें भी किसी कब्रिस्तान के यहाँ होने का कोई उल्लेख नहीं है। गौर करने लायक ये भी है कि बागपत में ही वो सिनौली का क्षेत्र भी आता है जहाँ 2005 में हड़प्पा काल के अवशेष मिले थे। यहाँ एक परत के नीचे इतिहास की दूसरी परत मिलती है। इन क्षेत्रों से 2018 में जो बर्तनों के अवशेष मिले, वो सिनौली की खोज करने वाले प्रो. केके शर्मा के मुताबिक बिलकुल वैसे ही हैं जैसे मथुरा , मेरठ और या हस्तिनापुर कहलाने वाले क्षेत्रों में मिल चुके हैं।

ये सभी वो क्षेत्र हैं जिनका वर्णन करीब-करीब इन्हीं नामों से महाभारत में भी मिल जाता है।


🚩दिल्ली का एक बड़ा इलाका कथित रूप से वक्फ संपत्ति बताया जाता है। अम्बानी के मकान तक पर वक्फ अपनी संपत्ति होने का दावा ठोकता है। भारत छोड़कर जो लोग पाकिस्तान चले गए थे, उनकी जमीनों को वक्फ अपनी संपत्ति बताकर उसपर कब्जा जमाने की कोशिश में एक लम्बे समय से है।


🚩मौजूदा कानून (जो कि कांग्रेसी कारकूनों ने गढ़े थे) वक्फ को ऐसे अधिकार देता है कि वो भारत में किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित कर ले और फिर जमीन के असली मालिकों को अपील भी उसी के पास करनी पड़े...!

पचास-पचास साल चलने वाले फौजदारी के मुकदमों में वक्फ का एक बड़ा योगदान होगा लेकिन चूँकि मीडिया और सरकारें हिन्दुओं को दोयम दर्जे का नागरिक मानती हैं, इसलिए इस बात पर कोई शोध नहीं होता कि इस तरह बेईमानी से वक्फ के नाम पर कितनी संपत्ति भारत भर में हथिया रखी गयी है।


🚩भारत को अपने कानूनों पर पुनः विचार करना होगा। जब हिन्दुओं के ऐतिहासिक स्थलों और मंदिरों की संपत्ति का अल्पसंख्यक समुदाय के हितों में भरपूर उपयोग होता है। यहाँ तक कि वक्फ बोर्ड उसपर मनमाने ढ़ंग से कब्ज़े कर लेता है , तो हिन्दुओं को सेकंड रेट सिटीजन मानना तो बंद करना ही होगा !!


        स्त्रोत : आर्य समाज पेज


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