Friday, June 7, 2024
दो मौलवी ने किया रेप लेकिन नही कोई डिबेट नही कोई फिल्म बनेगी
दो मौलवी ने किया रेप लेकिन नही कोई डिबेट नही कोई फिल्म बनेगी
8 June 2024
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🚩भारत देश में जभी किसी साजिश के तहत हिंदू धर्म गुरु पर जूठे आरोप लगते ही डिबेट शुरू हो जाती हैं, फिल्मे बना लेते हैं, तथाकथित सेक्युलर चिल्लाने लगते है लेकिन जैसे ही कोई पादरी अथवा मौलवी पर रेप के आरोप लगते है तो ये सभी मोन हो जाते हैं।
🚩आपको बता दे की कर्नाटक और मध्य प्रदेश के 2 अलग-अलग मामलों में 2 मौलवियों की करतूतें सामने आईं हैं। पहले मामले में कर्नाटक के एक मौलवी ने नाबालिग लड़की को जिन्नों का डर दिखा कर रेप किया है। आरोपित ने पीड़िता के भाई से भी उसकी बहन का रेप करवाया है। वहीँ दूसरे केस में मध्य प्रदेश के जबलपुर में मौलवी ने चाकू की नोक पर न सिर्फ हिन्दू महिला से रेप किया है बल्कि उसको इस्लाम भी कबूल करवा डाला। पुलिस ने दोनों केसों में FIR दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है।
🚩कर्नाटक: मौलवी ने नाबालिग को बनाया शिकार
पहला मामला कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले का है। यहाँ के महिला थाने में एक नाबालिग पीड़िता ने शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि वो दीनी और मजहबी तालीम लेने 3 साल से मस्जिद में जा रही थी। इस दौरान मस्जिद के मौलवी ने पीड़िता के अम्मी-अब्बा को विश्वास में ले लिया। उसने बताया कि पीड़िता पर जिन्नों का साया है। ये सब ठीक करने के लिए मौलवी ने एक खास इबादत की जरूरत बताई। इस इबादत के नाम पर मौलवी पीड़िता को 6 से 7 माह तक 1 दिन अपने पास रखने लगा।
🚩बताया जा रहा है कि मौलवी नाबालिग लड़की और उसके भाई के साथ खुद को एक कमरे में बंद कर लेता था। यहाँ वो नाबालिग के साथ पहले खुद रेप करता था और बाद में लड़की के भाई से भी ऐसा ही करने को कहता था। यह सब 6 माह से भी अधिक समय तक चला। मौलवी ने इन हरकतों को अपने कैमरे में रिकॉर्ड भी किया। कुछ दिनों बाद पीड़िता को पेट में दर्ज की शिकायत हुई। डॉक्टर के आगे पीड़िता ने अपने यौन शोषण की बात परिजनों को बताई। परिजनों की शिकयत पर मौलवी और लड़की के भाई के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
🚩मौलवी ने चाकू दिखा कर किया रेप और धर्मान्तरण
वहीं दूसरा मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर से है। यहाँ मौलवी दिलशाद मंसूरी पर एक शादीशुदा हिन्दू महिला से पहले चाकू दिखा कर रेप करने और बाद में उसका धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगा है। मामला अधारताल थाना क्षेत्र का है। यहाँ रविवार (2 जून, 2024) को हिन्दू संगठन के सदस्यों ने पीड़िता के साथ थाने पहुँच कर शिकायत की है। शिकायत में बताया गया है कि मौलवी काफी पहले से पीड़िता के घर आया-जाया करता था। स्रोत - ओप इंडिया
🚩30 जून 2021 को जब पीड़िता घर पर अकेली थी वो मौलवी घर में आया। उसने पीड़िता से रेप किया और उसके अश्लील वीडियो बना लिए। बाद में इन्हीं वीडियो को वायरल करने का डर दिखा कर दिलशाद मंसूरी ने कई बार महिला से रेप किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई 2021 में दिलशाद पीड़िता को काम दिलाने के बहाने घर से ले गया। इस दौरान उसने पीड़िता को दबाव दे कर इस्लाम कबूल करवा दिया। आरोप है कि विरोध करने पर दिलशाद महिला को चाकू दिखाया करता था। पुलिस ने शिकायत का संज्ञान ले कर जाँच शुरू कर दी है।
🚩बॉलीवुड वाले हिंदू साधु संतो को बदनाम करने पर तो कई फिल्में बना ली अब इनपर भी फिल्म बना ले , जिससे बच्चों का रेप होने से बचेगा समाज जागरुग होगा।
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Thursday, June 6, 2024
सच यही है कि भाजपा ने जिन संत से आशीर्वाद लिया उनको जेल में रखना पड़ा भारी
सच यही है कि भाजपा ने जिन संत से आशीर्वाद लिया उनको जेल में रखना पड़ा भारी
7 June 2024
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🚩लोकसभा के चुनाव में भले भाजपा को बहुमत मिला है लेकिन सरकार बनाने के लिए पूरी सीटे से काफी दूर हो गई है, अब NDA के घठबंधन से सरकार बनेगी और प्रधामंत्री पद पर तीसरी बार नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण करेंगे।
🚩भारतीय जनता पार्टी की कम सीटे आनेपर काफी चर्चाएं चल रही है लेकिन मुख्य मुद्दा पर कोई चर्चा नही कर रहा है । नरेंद्र मोदी को जिस संत ने आशीर्वाद लिया था उनको जेल से रिहा करवाते तो आज भाजपा का लक्ष से कई अधिक सीटे आती क्योंकि उन संत के देशभर में 8 करोड़ से अधिक अनुयाई है उन 8 करोड़ के स्नेहीजन मित्र सभी भाजपा को ही वोट देते जिसके कारण भाजपा का 400 पार का लक्ष्य पूरा हो जाता और आज गठबंधन वाली सरकार नही बनानी पड़ती ।
🚩आपको जानकर हैरानी होगी की जिन संत को जेल में रखा है उनके पास निर्दोष होने के पुख्ता प्रमाण होने के बाद भी आजतक उनको 1 दिन की भी रिहाई नही दिया गया , रिहाई नही करने के पीछे सूत्रो से पता चला था की वे किसी भी पार्टी में फंड नही देते है और जो पैसे आते है उनको जरूरतमंदो की सेवा में लगा देते है दूसरी खास बात यह है कि वे संत किसी भी नेता अगर महंगाई बढ़ाएगा अथवा जनता का शोषण करते दिखेगा तो वे जाहिर में डांट लगाते है जो नेता को अहंकार पर चोट लगती है इसलिए भी उनको रिहा करने से डरते हैं।
🚩आपको बता दे की 20 सालो पहले ही हिंदू संत आशाराम बापू ने नरेंद्र मोदी को प्रधान मंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था। और 8 साल के बाद प्रधान मंत्री भी बने, सुनिए इस वीडियो में क्या कहा था...
https://youtu.be/ERhQ9-QOOJg?si=22YFSqu2Wj4uActP
🚩आपको बता दे की उनके करोड़ो अनुयाइयों का कहना है कि हम जानते है की देश के हित के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवश्कता है उन्होंने काफी अच्छे कार्य भी किए है लेकिन आज जो देश हित में कार्य किए है उसके पीछे संत आशाराम बापू ने अथाह परिश्रम किया है, देश, संस्कृति , समाज उत्थान और जन जन के कल्याण के कार्य करने के लिए अपना तन मन धन अर्पण कर दिया आज आप उनको जेल से रिहा नही कर रहे है इसलिए हम नोटा दबायेगे अथवा वोट करने नही गए।
🚩आज करोड़ो वोट भाजपा नही मिले इसके पीछे का कारण संत को रिहा नही करना भी कारण हो सकता है । उनके करोड़ो भक्तों की मांग है कि निर्दोष हिंदू संत आशाराम बापू को शीघ्र रिहा किया जाएं।
🚩आपको बता दे की आशाराम बापू ने ईसाई बना दिए गए लाखों हिंदू आदिवासियों की घर वापसी करवा दी थी, करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति कट्टर बना दिया था, सैंकड़ों गुरुकुल और 17000 से अधिक बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित किया, कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर अनेकों गौशालाएं खोल दी, वेलेंटाइन डे के दिन करोडों लोगों द्वारा मातृ-पितृ पूजन शुरू करवा दिया। विदेशों में भी उनके लाखों अनुयायी बन चुके थे और वे भारतीय संस्कृति की वहाँ प्रचार करने लगे थे, करोड़ों लोगों को व्यभिचारी से सदाचारी बना दिया उसके बाद उन करोडों लोगों ने व्यसन छोड़ दिये, सिनेमा में जाना छोड़ दिया, क्लबों में जाना छोड़ दिया, ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे, स्वदेशी अपनाने लगे इसके कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अरबों-खरबों रुपयों का घाटा हुआ और ईसाई मिशनरियों की धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं, फिर पूरे सुनियोजित ढंग से उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया।
🚩बताया जाता है कि अरबों-खरबों का कंपनियों को घाटा होने और धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने के कारण हिन्दू धर्म व राष्ट्र विरोधी ताकतों ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा । डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी और सुदर्शन न्यूज़ चैनल के सुरेश चव्हाणके जी ने बताया है कि आशाराम बापू को पहले ही बता दिया था कि आप जो धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं, उसके कारण वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भेजने की तैयारी कर रहा है, पर आशारामजी बापू ने कहा कि “देश व धर्म की रक्षा के लिए सूली पर चढ़ जाऊंगा लेकिन हिन्दू धर्म की हानि नहीं होने दूंगा।”
🚩राष्ट्र संस्कृति और समाज उत्थान करने के कारण आज वे जेल में है, अब उनको शीघ्र रिहा करना चाहिए।
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Wednesday, June 5, 2024
भारत में ये वृक्ष लगा दिए तो प्रदूषण से हो जाएंगे मुक्त, बीमारियां भागने लगेगी
भारत में ये वृक्ष लगा दिए तो प्रदूषण से हो जाएंगे मुक्त, बीमारियां भागने लगेगी
6 June 2024
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🚩मनुष्य भोजन केवल 1 किलोग्राम के आसपास करता होगा लेकिन वायु 12 से 13 लीटर ग्रहण करता हैं। इसलिए वातावरण शुद्ध होना चाहिए जिससे शुद्ध हवा मिलने पर बीमारियां नही होगी ।
🚩चन्द छोटी-छोटी सावधानियां रखेंगे और कुछ सरलतम कदग , पर बडे खास और ठोस असरदार कदम यदि हम सब मिलकर उठाएंगे तो न सिर्फ भारत बीमारीयों से मुक्त होगा , बल्कि पर्यावरण प्रदूषण की समस्या भी समूल नष्ट हो जाएगी ।
🚩 धरती पर से पेड़-पौधे काटने पर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या हुई जिस पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्टॉक होम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था । जिसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार पृथ्वी भर का एक ही सिद्धांत मान्य किया गया।
🚩इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया तथा इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनैतिक चेतना जाग्रत करना और आम जनता को प्रेरित करना था। तभी से 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा।
🚩तो आइए इसी कड़ी में एक और बात जोड़ते हुए इस संबंध में चर्चा को आगे बढाते हैं…
🚩हमारे देश के प्रधानमंत्री जी आत्मनिर्भर भारत की बात अक्सर बोलते हैं। हमारे देश को अगर आत्म निर्भर करना है तो सबसे पहले हमें स्वदेशी पारम्परिक जड़ी बूटियों की पहचान करनी होगी । तुलसी, पीपल, नीम, गिलोय आदि कुदरती वृक्षों और पौधों को लगाना होगा और उसकी औषधियां अधिक मात्रा में तैयार करके प्रचलन में लानी होगी।
जिससे हमारे देश में अरबो-खरबो रुपये की अंग्रेजी दवाइयाँ आना कम /बंद होगा और हमारी आयुर्वेदिक दवाइयाँ विदेशों में निर्यात होंगी तो आमदनी बढ़ेगी जिससे देश आत्मनिर्भर बनेगा।
🚩मनुष्य सोचता था , कि हमारा ही अधिकार है पृथ्वी पर और जल तथा वायु को प्रदूषित करता गया । इसका परिणाम खुद मनुष्य ही भुगत रहा है कई शहरों में जहरीली हवा हो गई और भयंकर बीमारियां आई ।
🚩कोरोना काल मे ऑक्सीजन की कमी पड़ गई, ऑक्सीजन की कमी के कारण कइयों की मृत्यु भी हो गई। अब हमें वैचारिक प्रदूषण मिटाना होगा और “जिओ ओर जीने दो” ये मंत्र साकार करना होगा, अब हमें अधिक से अधिक वृक्षों को लगाना होगा।
🚩गौरतलब है… सरकार द्वारा पिछले 70 सालों में पीपल, बरगद (वटवृक्ष) आंवला और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना लगभग बंद कर दिया गया है!
सरकार ने इन पेड़ो से दूरी बना ली तथा इसके बदले विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन और वातावरण को प्रदूषित कर देता है।
🚩आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ों ने ले ली है। अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ( अच्छी गुणवत्तापूर्ण और आक्सीजन देने वाले वृक्ष) ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही और इनकी हवा से हवामान भी प्रदूषित होगा।
🚩नीलगिरी के वृक्ष भूल से भी न लगाए जाएं, ये जमीन को बंजर बना देते हैं। जिस भूमि पर ये लगाये जाते हैं उसकी शुद्धि 12 वर्ष बाद होती है, ऐसा माना जाता है। इसकी शाखाओं पर ज्यादातर पक्षी घोंसला नहीं बनाते । इसके मूल में प्रायः कोई प्राणी बिल नहीं बनाते । यह इतना हानिकारक, जीवन-विघातक वृक्ष है।
🚩जबकि पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% अवशोषण करता है, बरगद 80% और नीम 75% करता है।
🚩बता दें…कि पीपल के पत्ते का फलक बड़ा और डंठल पतला होता है जिसकी वजह से शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं। पीपल को वृक्षों का राजा कहते है, श्री कृष्ण ने इसे अपनी विभूति भी बताया है भगवद्गीता में… “अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां” (गीता १०.२६ )
🚩पीपल का वृक्ष दमानाशक, हृदयपोषक, ऋण-आयनों का खजाना, रोगनाशक, आह्लाद व मानसिक प्रसन्नता का खजाना तथा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ानेवाला है। बुद्धू बालकों तथा हताश-निराश लोगों को भी पीपल के स्पर्श एवं उसकी छाया में बैठने से अमिट स्वास्थ्य-लाभ व पुण्य-लाभ होता है। पीपल की जितनी महिमा गाएं, उतनी कम है।
🚩इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगायें तथा यूकेलिप्टस आदि सजावटी पेड़ों को न लगाएं व सरकार द्वारा भी इन पर प्रतिबंध लगाया जाये।
🚩 दूसरी बात की केमिकल युक्त खेती हो रही है उसकी जगह परम्परागत जैविक खेती करनी होगी इससे पर्यावरण भी शुद्ध होगा और शुद्ध अन्न मिलने पर लोगों का स्वास्थ्य भी स्वतः बढ़िया होगा और लोग बीमार भी कम होंगे।
🚩हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ सालों में प्रदूषण मुक्त भारत होगा ही होगा । फिर यूँ बेवजह ऑक्सीजन के प्लांट लगाने की आवश्यकता नही पड़ेगी।
🚩एक उपाय ये भी है कि बड़, पीपल, नीम आदि के बीज मिट्टी में लपेट कर छोटी-छोटी बहुत सारी बॉल बना कर सूखा लें जब बारिश के दिनों में ट्रेन यात्रा करें तो खिड़की में से पटरी से दूर 20-30 फिट की दूरी पर जगह-जगह खाली स्थानों पर फेंकते जाए। बारिश में ये बीज अंकुरित हो जाएंगे आपकी ओर से बहुत बड़ी पर्यावरण शुद्धि की सेवा हो जाएगी।
🚩 कुछ लोग सिर्फ दिखावा करने के लिए पेड लगाते हैं और कोई भी पेड़ लगा देते है लेकिन बदलाव तो वास्तविक लाना है । तो इस बार हमें कम से कम 5 पेड़ लगाने होंगे और वो भी पीपल, बरगद, नीम, बिल्व अथवा तुलसी के ही लगाने होंगें और उसकी देखभाल भी करनी होगी तभी पर्यावरण प्रदूषण मुक्त होगा।
🚩ध्यान दें बारिश का समय आने वाला है । सभी पर्यवरण प्रेमी कम से कम 5 पेड़ पीपल, बड़, तुलसी , बिल्व या नीम के अवश्य लगाएं एव॔ उसकी देखभाल भी करें।
🚩 “अपना श्रृंगार तो किया कई बार,
आओं करे मां भारती का श्रृंगार ।
धरती मां को पहनाये वृक्षों का सुंदर हार।।”
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Tuesday, June 4, 2024
बॉलीवुड गिरोह की सदस्य रवीना टंडन का भाईचारा काम क्यों नहीं आया?
बॉलीवुड गिरोह की सदस्य रवीना टंडन का भाईचारा काम क्यों नहीं आया?
5 June 2024
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🚩बॉलीवुड गिरोह की सदस्य रवीना टंडन के साथ पिछले 2 दिन में जो कुछ हुआ उससे वो खुद सदमे में होंगी। अक्सर बकरीद पर बधाई का संदेश देने वाली, सोशल मीडिया पर सेवई के साथ फोटो डालने वाली, रवीना ने सोचा भी नहीं होगा कि कभी कोई मुस्लिम परिवार उनके खिलाफ ऐसा झूठा मुकदमा दर्ज करवाएगा कि मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक उनकी छवि पर सवाल उठने लगेंगे।
🚩इस मामले के बाद रवीना को कुछ समझ आया हो या न आया लेकिन अपने गिरोह के लोगों की हकीकत तो वह जान ही गई होंगीं। इस गिरोह ने उनके लिए न तब आवाज उठाई जब उनपर आरोप लगे कि वो नशे में मारपीट कर रही थीं और न ही उन्हें तब समर्थन में कुछ बोला दिया जब पता चला कि सारे आरोप झूठे थे। इस मामले में मुंबई पुलिस ने बयान जारी करके उन्हें निर्दोष तक बताया लेकिन तब भी कोई बॉलीवुड सेलेब उनके समर्थन में बयान देने नहीं खड़ा हुआ। अगर कोई पूरे बॉलीवुड से उनकी आवाज बना तो सिर्फ वो कंगना रनौत हैं।
🚩कंगना ने अपने इंस्टा पोस्ट में रवीना टंडन के साथ हुई घटना पर लिखा, “रवीना टंडन जी के साथ जो हुआ वह बेहद चिंताजनक है। अगर विपरीत समूह में पाँच से छह और लोग होते तो उन्हें मार दिया जाता। हम इस तरह के रोड रेज की निंदा करते हैं। उन लोगों को फटकार लगाई जानी चाहिए। उन्हें इस तरह के हिंसक और जहरीले व्यवहार से बचना नहीं चाहिए।”
🚩रवीना टंडन और कंगना रनौत दोनों की विचारधाराएँ अलग रही हैं। रवीना उस ग्रुप का हिस्सा हैं जो कठुआ से लेकर राफाह तक मामले में प्रोपगेंडा फैलाने में सक्रिय दिखाई देते हैं। वहीं कंगना मुखर होकर हिंदुत्व की बात करती हैं। आज रवीना का सिर्फ कंगना ने साथ दिया है लेकिन यही रवीना जब कंगना पर तरह-तरह के इल्जाम लग रहे थे तब न तो महिला होने के नाते, न बॉलीवुड अभिनेत्री होने के नाते इस पर कुछ बोली थीं।
🚩दरअसल, बॉलीवुड में रवीना जिस गिरोह का हिस्सा हैं वहाँ ईद की इफ्तारी में शामिल होना किसी भी सेलेब के लिए छवि निर्माण का तरीका होता है। रवीना ने अपने अभिनेत्री रहते हुए बॉलीवुड के प्रोग्रामों में शामिल होकर ऐसा खूब किया, मगर आज जब एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें घेरकर उनकी लिंचिंग शुरू की, उनपर झूठे इल्जाम लगाए, उन्हें शराब के नशे में चूर बताना चाहा… तब उनका वो भाईचारा काम नहीं आ पाया जो उन्होंने ऐसी पार्टियों में जा जाकर बनाया था।
🚩घटना की वायरल वीडियो को अगर देखें तो पता चलेगा कि रवीना टंडन बेबस और लाचार होकर कहती सुनाई पड़ रही थी कि उन्हें मारा न जाए उन्हें छोड़ दिया जाए यानी उस समय उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। अब जो रवीना को पर्सनली नहीं जानता उसके लिए समझना मुश्किल होगा क्या सही है क्या गलत, मगर जो सेलेब लोग रवीना को जानते हैं वो तो समझ पा रहे होंगे कि वीडियो में वो हकीकत में बेबस थीं थी या वो नशे में कर रही थी… सब जानते समझते हुए इस गिरोह के एक शख्स ने आवाज नहीं उठाई। बाद में पुलिस ने खुद जाँच करके सच्चाई बताई तब जाकर दूसरा एंगल सामने आया।
🚩वीडियो में कहा जा रहा था कि रवीना ने उस परिवार के साथ गाली-गलौच की है जबकि हकीकत यह निकलकर आई कि उन्होंने गाली गलौच नहीं की थी उनके साथ गाली-गलौच हुई थी। रवीना टंडन गाड़ी से निकलकर सड़क पर सिर्फ अपने ड्राइवर को बचाने आई थीं उतने में वो भीड़ उनपर टूट पड़ी और बेबुनियादी इल्जाम लगाए जाने लगे। रवीना के साथ खींचतान हो रही थीं मगर उन्होंने फिर भी कुछ नहीं बोला। शायद उन्हें अंदाजा हो गया था कि जो भीड़ उनसे उलझी है वो उनके साथ कुछ भी कर सकती है। वो लगातार मामले को सुलझाने की बात करती रहीं, पर मामला नहीं सुलझा…। धीरे-धीरे खबरें मीडिया में चढ़ीं, रवीना टंडन पर सवाल उठे… लेकिन बॉलीवुड वाले चुप रहे।
🚩अजीब बात तो ये है कि सारा मामला क्लियर होने के बावजूद बॉलीवुड के गिरोह के लोग अपने ही समूह की महिला के साथ हुई ज्यादती को मुद्दा नहीं बना रहे। राफाह तक पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट हो रहे हैं पर रवीना के लिए कहीं नहीं। मीडिया में बयान देना तो दूर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर एक पोस्ट करके भी घटना का विरोध नहीं किया जा रहा है। कारण क्या है? शायद सब जानते है।
🚩सोचिए क्या इस मामले में अगर कोई हिंदू रवीना टंडन के साथ ऐसी बदसलूकी कर देता तो क्या ये गिरोह शांत रहता? नहीं, तब उन्हें देश में लोकतंत्र खतरे में दिखाई देता और हिंदुत्व का भयावह चेहरा दिखता। मगर, अभी ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि प्रताड़ित करने वाले एक निश्चित वर्ग से हैं। वो वर्ग जिसे खुद रवीना टंडन चाहती हैं कि वो उनसे नाराज न हो।
🚩यही वजह है कि शायद सारे पक्ष अपने साथ होने के बावजूद रवीना टंडन ने इस मामले में कोई शिकायत नहीं दी जबकि वो अच्छे से जानती है कि अगर उनके पक्ष में सबूत नहीं मिलते तो वो परिवार पूरी तैयारी कर चुका था उनको जेल भेजने की। उनपर बुजुर्ग महिला को पीटने का आरोप लगा दिया गया था। लड़की की नाक फोड़कर खून निकालने जैसे दावे कर दिए गए थे, उन्हें बिन बात के नशेड़ी साबित किया जा रहा था… ये सब जानते हुए रवीना टंडन चुप हैं। शायद वह खुद घबराई हुई हैं ये सोचकर कि इस शांतिप्रिय समुदाय के खिलाफ आवाज उठाने के नुकसान उन्हें न झेलने पड़ें या शायद इस बात का डर है कि उन्हें वो गिरोह न खारिज कर दे जिनका काम ही प्रोपगेंडे को हवा देना। ऐसा भी हो सकता है कि रवीना जानती हों कि उनके साथ इस मुद्दे पर आवाज क्यों नहीं उठा रहे… उन्हें मालूम होगा कि ऐसी परिस्थिति में मीडिया को कैसे डील करना होता है… कैसे समुदाय विशेष की छवि को धूमिल करने से बचाना होता है। - जयन्ती मिश्रा
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Monday, June 3, 2024
क्या अब न्यायलय अवैध मजारों को हटाने का आदेश देगी ?
क्या अब न्यायलय अवैध मजारों को हटाने का आदेश देगी ?
4 June 2024
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🚩दिल्ली हाई कोर्ट ने नागा साधुओं के नाम संपत्ति करने के मामले में एक अहम टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा कि नागा साधु सांसारिक दुनिया और मोह से दूर रहते हैं। नागा साधुओं का जीवन पूरी तरह वैरागी का होता है, इसलिए उनके नाम संपत्ति की माँग मान्यताओं के अनुसार सही नहीं है। कोर्ट ने एक अहम मामले में फैसला सुनाते हुए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है।
🚩मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा कि नागा साधु महादेव के भक्त होते हैं। वह सांसारिक मोह और दुनिया से पूरी तरह विरक्त होते हैं। कोर्ट ने कहा कि वह जितना हिंदू धर्म समझते हैं उसके मुताबिक, नागा साधु शिव भक्त होने के कारण संसार से जुड़ी किसी भी वस्तु से जुड़ाव नहीं बल्कि अलगाव रखते हैं, इसलिए उनके नाम पर संपत्ति माँगना हिंदू धर्म की मान्यताओं और प्रथाओं के मुताबिक गलत है।
🚩महंत श्री नागा बाबा भोला गिरि बनाम जिला मजिस्ट्रेट व अन्य के मामले में याचिकाकर्ता ने त्रिवेणी घाट, निगमबोध घाट, जमुना बाजार की जमीन को उनके नाम करने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश देने की माँग की थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह जमीनें उनके कब्जे में 1996 से हैं। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में साधु-संत, फकीर और गुरु होते हैं। सभी के लिए सार्वजनिक भूमि पर समाधि स्थल और मंदिर बनाने के नाम पर कुछ समूह अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इसका लाभ उठा रहे हैं, जो कि आने वाले समय में बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
🚩जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सार्वजनिक जमीन पर कब्जा किया है, इसलिए वह अतिक्रमणकर्ता हैं, क्योंकि दिल्ली सरकार की ओर से हटाई गई झुग्गियाँ यमुना नदी के पुनरुद्धार के लिए थी, जो कि सभी के लिए लाभ में आने वाला है। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में यह कहीं भी प्रदर्शित नहीं है कि विवादित स्थान बाबा की समाधि या जनता को पूजा करने के लिए दिया गया है। कोर्ट ने साफ किया कि याचिकाकर्ता के पास किसी भी तरह का ऐसा सबूत नहीं है, जिससे यह साफ हो सके कि जमीन पर बनाई गई बाबा की समाधि एक ऐतिहासिक स्थान है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। हालाँकि कोर्ट ने कहा कि अभी तक उक्त जमीन पर बने निर्माण को तोड़ने संबंधी कोई आदेश एलजी कार्यालय की ओर से जारी नहीं हुआ है। स्त्रोत ओप इंडिया
🚩तो क्या अवैध मजारों को भी हटाने का आदेश देगी कोर्ट?
🚩देश में अनगिनत मजारें ऐसी हैं, जो सरकारी जमीनों पर बनी हुई हैं। यहाँ तो नागा बाबा समाधि के मामले में तो याचिकाकर्ता ने बताया ही है कि साल 1991 के कागजातों में उनकी जमीन दर्ज है, लेकिन अब उसका अता-पता नहीं है। ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट उनकी जमीन की पैमाइश करा दे, लेकिन हाई कोर्ट नहीं माना। ऐसे में देश भर में जो हर कुछ मील पर अवैध मजारें सरकारी जमीनों पर बनी हुई हैं, उनकी कानूनी स्थिति क्या होगी, इस पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे, साल 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले दिल्ली में 54 से ज्यादा मस्जिद, मदरसे सरकारी जमीनों पर बने हुए थे, जिनकी पूरी लिस्ट उप-राज्यपाल को सौंप दी गई थी।
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Sunday, June 2, 2024
पादरी मौलवी के रेप पर चुप लेकिन आमिर खान का बेटा फिल्म में हिन्दू संत का अपमान करेगा
पादरी मौलवी के रेप पर चुप लेकिन आमिर खान का बेटा फिल्म में हिन्दू संत का अपमान करेगा
3 June 2024
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🚩आमिर खान की फिल्म ‘PK’ (2014) आपको याद होगी, जिसमें जम कर हिन्दू धर्म का मजाक बनाया गया था। न सिर्फ भगवान शिव को लेकर अपमानजनक दृश्य दिखाया गया था, बल्कि हिन्दू संत को गुंडा भी दर्शाया गया था। अब आमिर खान ने हिन्दूफोबिया की ये मशाल अपने बेटे जुनैद को सौंप दी है। YRF (यशराज फिल्म्स) और Netflix मिल कर ‘महाराज’ नामक एक फिल्म बना रहा है, जो जुनैद खान की पहली फिल्म होगी। डेब्यू के साथ ही जुनैद खान ने बॉलीवुड में हिन्दू-घृणा के एजेंडे को चलाना शुरू कर दिया है।
🚩असल में ये फिल्म ‘महाराज लिबेल केस’ पर बन रही है। ये मामला धर्मगुरु जदुनाथजी बृजरतनजी महाराज से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने सन् 1862 में गुजराती अख़बार ‘सत्यप्रकाश’ नामक अख़बार में करसंदास मूलजी द्वारा लिखे गए एक लेख को लेकर मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। इस लेख में वैष्णव पंथ के ‘पुष्टिमार्ग’ (वल्लभ संप्रदाय) के साधुओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। आरोप लगाया गया था कि जदुनाथजी के कई महिलाओं से यौन संबंध हैं और लोगों को अपनी भक्ति साबित करने के लिए अपनी पत्नी साधुओं को सौंपनी पड़ती है।
🚩जहाँ जुनैद खान इस फिल्म में उक्त पत्रकार का रोल करेंगे और हीरो होंगे, वहीं विलेन के रूप में एक हिन्दू साधु को दिखाया जाएगा जिसका रोल जयदीप अहलावत अदा करेंगे। फिल्म का पोस्टर रिलीज करते हुए बताया गया है कि आखिरकार 162 वर्षों बाद दिखाया जाएगा कि कैसे एक व्यक्ति ने अपने संकल्प की शक्ति से यथास्थिति को चुनौती दी। 1994 में जन्मे जुनैद खान आमिर खान और उनकी पहली पत्नी रीना दत्ता के बेटे हैं। आमिर खान अपने बेटे और साई पल्लवी को लेकर एक और फिल्म बना रहे हैं।
🚩अंग्रेजों के जमाने वाली ‘बॉम्बे सुप्रीम कोर्ट’ ने इस मामले का फैसला पत्रकार करसंदास मूलजी के पक्ष में सुनाया था। ये फैसला अंग्रेज जज जोसेफ अरनॉल्ड ने सुनाया था। 162 साल पहले के अस्पष्ट मामले को आमिर खान के बेटे के डेब्यू फिल्म में दिखाया जाएगा, जिसमें गुंडा एक हिन्दू संत होगा। सवाल उठ रहे हैं कि आए दिन मदरसों और कई चर्च से आ रही बलात्कार की घटनाओं के बीच इस तरह की फिल्म बना कर क्या नैरेटिव पेश किया जाने वाला है? जो पादरी और मौलवी रेप करते है उनपर फिल्म क्यों नही बनाई जा रही हैं?
🚩भारत देश की सिनेमा इंडस्ट्री अर्थात बॉलीवुड के दोगलेपन से हम सब काफी समय से वाकिफ हैं। कला के नाम पे, ये अनगिनत अपमानजनक सामग्री बना कर बेच चुके हैं, ठीक वैसे ही जैसे किसी ने अपनी मर्यादा बेच दी हो। दूर से चमचमाता हुआ,ये कालसर्पी गटर बड़ा ही आकर्षक लगता है। बहुत ही गिने चुने व्यक्ति हैं, जो सामाजिक दृश्य की सही प्रस्तुति करते हैं, अपनी सिनेमा में । बॉलीवुड के दूषित गर्भ से हिंदू विरोधी फिल्में बनती है , हिंदुओं को एकजुट होकर इसका पूर्ण बहिष्कार करना चाहिए।
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Saturday, June 1, 2024
चीन में आखिरी मस्जिद पर भी चला हथौड़ा, अगर भारत ऐसा करता तो क्या होता ?
चीन में आखिरी मस्जिद पर भी चला हथौड़ा, अगर भारत ऐसा करता तो क्या होता ?
2 June 2024
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🚩चीन में इस्लामी कट्टरपंथ से निपटने के नाम पर वहाँ 5 साल पहले शुरू हुआ हर इमारत के चीनीकरण का काम पूरा होने को है। खबर है कि वहाँ अरबी शैली में बनी आखिरी बड़ी मस्जिद से मीनार और गुंबद भी हटवा दी गई है और इस मस्जिद को चीनी स्टाइल में खड़ी किया गया है। सामने आई तस्वीरों में पहले और अब के बदलाव साफ देखे जा सकते हैं।
🚩बता दें कि चीन ने साल 2019 में हर इस्लामी इमारत को चीनी स्टाइल में बदलने का फैसला लिया था। उसके बाद ही मस्जिदों से गुंबद और मीनार हटने शुरू हुए और 5 सालों में देश की आखिरी मस्जिद से मीनार हटने का काम भी पूरा हो गया। ये आखिरी मस्जिद शादियन में स्थित था, जो कि दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत में एक जगह है।
🚩इस मस्जिद का निर्माण सबसे पहले मिंग राजवंश के दौरान हुआ था और फिर सांस्कृतिक क्रांति के दौरान इसे नष्ट कर दिया गया था बाद में फिर इस मस्जिद का पुननिर्माण हुआ। इस दौरान ये ध्यान दिया गया कि ये मस्जिद सऊदी अरब के मदीना में बनी मस्जिद जैसी हो, लेकिन अब चीन में एक बार फिर इस इस्लामी इमारत में बदलाव करवा दिए गए हैं। ये मस्जिद इतनी बड़ी थी कि इसमें 10 हजार लोग दुआ पढ़ने आ सकते थे।
🚩रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले साल तक इस मस्जिद पर हरे रंग का गुंबद था जिसपर आधा चांध भी दिखता था। इसके अलावा इसके अगल-बगल चार मीनारें थीं। 2022 में भी इसमें रग-रोगन का काम हुआ था। लेकिन अब अगर इस मस्जिद को देखें तो ये बिलकुल चीनी स्टाइल में तब्दील इमारत है। सिर्फ इसके सामने थोड़ा बहुत उर्दू में लिखा दिखाई देता है। ऐसे ही चांद और टाइलें भी वहाँ से कम कर दी गई हैं।
🚩चीन के इस तरह इस्लामी इमारतों को चीनी सभ्यता का बनाने के प्रयास पर कई पाकिस्तानियों ने रिएक्ट किया है। पाकिस्तान के लोगों का कहना है कि अगर यही काम भारत या फिर किसी अन्य मुल्क में हो रहा होता तो पाकिस्तान इसका हल्ला मचा देता, मगर चूँकि यह हरकत चीन ने की है तो उन्हें इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्हें न अपना मजहब याद आ रहा है और न ही मुसलमानों पर होता खतरा। मुल्क की आवाम इसलिए भी नाराज है क्योकि इस मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार न तो इस पर अपना मुँह खोल रही है और न ही इसका विरोध कर रही है।
🚩सना अमजद के यूट्यूब चैनल पर इस मुद्दे को उठाकर पाकिस्तानी आवाम की राय माँगी गई जिसमें पाकिस्तान के लोग भी अपनी सरकार के रवैये के खिलाफ दिखाई दिए। एक पाकिस्तानी ने कहा कि भारत हमारा दुश्मन नहीं है। दुश्मन है तो सिर्फ चीन। कभी भी चीन ने किसी के साथ सौदा बिना लालच के नहीं किया। फिर भी पाकिस्तान उनके खिलाफ कुछ नहीं कहता है। स्रोत: ओप इंडिया
🚩पाकिस्तानी लोगों ने कैमरे पर यहाँ तक बोला कि भारत की बारी आने पर पाकिस्तानी कश्मीर-कश्मीर करने लग जाते है, लेकिन उनका ध्यान इस पर क्यों नहीं जाता कि लद्दाख की पट्टी पर चीन अपना कब्जा जमाए बैठे हुए है, फिर आखिर कोई उसके खिलाफ क्यों नहीं बोल रहा है। इसके अलावा पाकिस्तानियों ने ये भी कहा कि पाकिस्तान में चीन की दोस्ती की कसमें और भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी सिर्फ इसलिए होती है क्योंकि इससे उन्हें फायदा होता है।
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