Saturday, July 28, 2018

हिन्दुओ को बदनाम करना और अन्य धर्मों को बचाने का खतरनाक ट्रेंड

26 july 2018 

🚩भारत देश में एक खतरनाक ट्रेंड चल रहा है जो भारतवासियों के लिए बेहद हानिकारक है हिन्दू संस्कृति, हिन्दू देवी-देवता, हिन्दू मंदिर व आश्रम एवं हिन्दू साधु-संतों और हिन्दुओ को बदनाम करने के लिए विदेशी ताकते पुरजोश जोर लगा रही है ।

🚩विदेशी ताकते चाहती है कि कैसे भी करके हिन्दू धर्म को इतना बदनाम करो जिसके कारण हिन्दू अपनी संस्कृति पर ही शर्म महसूस करे जिसके कारण उनको आसानी से धर्मांतरण करा सके और विदेशी कम्पनियों के प्रोडक्ट अच्छी तरह बिके ।
Dangerous trends of defaming Hindus and saving other religions

🚩विदेशी ताकते इसके लिए सबसे पहले हिन्दुओ के आस्था स्वरूप मंदिर, आश्रम एवं साधु-संतों को बदनाम करते है । जिस जगह जाकर हिन्दू अपनी संस्कृति के बारे में जान पाते है और उस अनुसार आचरण करते है तो सबसे पहले उनको ही टारगेट किया जाता है ।

🚩अभी तो एक ऐसा ट्रेंड भी चल पड़ा है कि ईसाई पादरी हिन्दू साधु-संत का नाम रखेगें और खूब व्यभिचार करेंगे जिससे बदनाम हिन्दू साधु हो और दूसरी ओर मीडिया भी कोई मुस्लिम धर्मगुरु दुष्कर्म करते पकड़ा जाता है तो उसके आगे स्वामी नाम लगाते है और उसका कार्टून हिन्दू साधु जैसा रखते है और मदरसों को आश्रम नाम देते है जिससे कारण हिन्दू साधु व आश्रम बदनाम हो ।

🚩हिन्दू संस्कृति को खत्म करने के लिए विदेशी ताकते इतना जोर लगा रही है इसके लिए मीडिया, सेक्युलर नेता , बॉलीबुड, सीरियल आदि आदि में भारी फंडिग भी देते है ।

🚩आपने अक्सर देखा होगा कोई भी हिन्दू साधु-संत या कार्यकर्ता या गौरक्षक पर जब कोई आरोप लगता है तो मीडिया इतना दिखाती और सेक्युलर इतना हल्ला मचाते है कि जैसे उनका कोई हितैषी का स्वर्गवास हो गया हो लेकिन जैसे ही अन्य धर्मों के ऊपर ऐसी कोई बात आती है तो एकदम मौन साध लेते है ।

🚩आपको ताजा खबर देते है कि पुणे के एक मदरसे के मौलवी को अपने ही मदरसे के बच्चों का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है । साथ ही 36 बच्चों को भी मुक्त कराया गया है.

🚩मदरसे के दो बच्चों ने बताया कि वह हाल ही में यहां से इसलिए भाग गए थे क्योंकि संस्थान में आने वाले मौलवियों में से एक, दूसरे सहवासी के साथ यौन शोषण करता था ।

🚩मौलवी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है । रहीम मौलवी बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है। वहीं मदरसे में रहने वाले अधिकतर बच्चे भी बिहार के ही थे ।

🚩घटना की जानकारी तब मिली जब एक एनजीओ ने मदरसे से भागे दो बच्चों को खोज निकाला। पहले इन बच्चों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया लेकिन बाद में बच्चों ने मौलवी के काले कारनामों की पोल खोलकर रख दी।

🚩बाल कल्याण समिति ने जब बच्चों से बात कि तो मदरसे में चल रहे पूरे खेल की जानकारी मिली। मामले की शिकायत करने वाली बाल अधिकार कार्यकर्ता डॉ. यामिनी आदबे ने बताया कि बच्चों को मदरसे से मुक्त करा लिया गया है और उन्हें दूसरी जगह रखा गया है । स्त्रोत : इंडिया टुडे

🚩36 बच्चों के जिंदिगी के साथ मौलवी खेल रहा था पर नही कोई मीडिया में डिबेट बैठेगा और नाही कोई ब्रेकिंग न्यूज बन रही है, अखबार के भी कोई कोने में ही आ गया बाकी तो सोशल मीडिया द्वारा ही पता चलता है कि सच्चाई क्या है ।

🚩ऐसी ही घटना केरल के चर्च में  भी घटना बनी है , एक महिला के साथ पांच पादरियों ने 380 बार बलात्कार करने का आरोप लगा है पर इसपर भी सभी खामोश है ।

🚩केरल चर्च और पुणे की सही घटना पर भी कोई बोलने को तैयार नही है लेकिन कोई झूठा आरोप आश्रम या साधु-संत के खिलाफ भी लगा देता तो चारो तरफ हल्ला हो जाता ।

🚩मीडिया और सेक्युलर नेताओ द्वारा इतना हल्ला होने के कारण न्यायालय भी दबाव में आकर हिन्दुओ के पक्ष में फैसला नही दे पाता है ।

🚩कहने का तात्पर्य यह है कि हिन्दुस्तानी विदेशी ताकतों द्वारा जो खतरनाक ट्रेंड चलाया जा रहा है उससे सावधान रहें, मीडिया या सेक्युलर की बातों में आकर अपने धर्म या धर्मगुरुओं एवं मंदिरो पर टिका-टिप्पणी न करे पहले स्थानीय लोगो से सच जान ले उसके बाद ही विश्वास करें नही तो ये लोग ऐसे आपको ब्रेनवॉश करेंगे की आपको अपने धर्म पर ही ग्लानि होगी और आप आसानी से उनके शिकार भी हो जायेंगे ।

🚩आपको बता दे कि सुदर्शन न्यूज चैनल के मुख्य संपादक श्री सुरेश चव्हाणके ने भी बताया है कि आज सभी ईसाई, मुसलमान एवं खाडी देशों ने अपने पैसों का निवेश मीडिया एवं दूरचित्रवाहिनियों में किया है; इसलिए इस माध्यम से ‘हिन्दू धर्म’ को अपकीर्त किया जा रहा है। हिन्दू साधु एवं संतों की विश्वसनीयता समाप्त करने का कार्य भी नियोजनबद्ध पद्धति से चल रहा है। यह ‘हिन्दू धर्म’ के विरोध में चलाया जा रहा षडयंत्र है ! ‘

🚩सभी हिदुस्तानि इस षड्यंत्र से सावधान रहें और उस का डटकर विरोध करें ।

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Friday, July 27, 2018

कश्मीर के एेतिहासिक हिन्दू वास्तुआें के हो रहे इस्लामीकरण

🚩 जम्मू-कश्मीर में #हिन्दुआें के ऐतिहासिक स्थानों के नाम परिवर्तित किए जा रहे हैं । यहां पहले ऐसी स्थिति नहीं थी; परंतु कुछ महीनों से बहुत कुछ हो रहा है । 
🚩आइये जाने कि #कश्मीर में क्या-क्या #परिवर्तित हुआ और क्या-क्या #परिवर्तित होनेवाला है!!
🚩1. #श्रीनगर में #गोपाद्री पहाड़ी है । #कश्मीर #यात्रा के #समय आदि #शंकराचार्यजी ने इस पहाड़ी पर अनेक वर्ष #तपस्या की थी । इसलिए सैकड़ों वर्ष पहले ही लोगों ने इस पहाड़ी का नाम #शंकराचार्य पहाड़ी रखा था । ऐसी जानकारी #सरकारी #दस्तावेजों में भी
है; परंतु अब इसका नाम ‘#सुलेमान टापू’ रखा गया है । विशेष बात तो यह है कि #भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने भी यहां सुलेमान टापू नाम का फलक लगाया है ।
🚩2. #श्रीनगर में #हरि पर्वत है । अब उसका नाम परिवर्तित कर #कोह महारन अर्थात #दुष्टों का पर्वत रखा गया है ।
🚩3. #कश्मीर के अनंतनाग को वहां के लोग #इस्लामाबाद कहने लगे हैं । #अनंतनाग का नाम हटाने के लिए लोगों ने आंदोलन आरंभ किया है।
Islamicization of the historical Hindu architecture of Kashmir

🚩4. #अनंतनाग में उमानगरी नामक विख्यात #तीर्थस्थान है। इसका नाम भी परिवर्तित कर शेखपुरा किया गया है ।
🚩5. यहां की #सरकार अब #श्रीनगर नाम भी नहीं चाहती है । इस नगर का नाम शहर-ए-खास रखने के लिए #राज्य सरकार ने कई बार चर्चा भी की है ।
🚩6. #श्रीनगर के जिस चौराहे में जामा मस्जिद है, उस चौराहे का #हिन्दू नाम परिवर्तित कर मदिना चौराहा रखा गया है ।
🚩7. #कश्मीर घाटी में बहनेवाली #किशनगंगा नदी को अब #दरिया-ए-नीलम कहा जा रहा है ।
🚩#मीडिया यह सब दिखाने के लिए तैयार नहीं है । केवल #कश्मीरी पंडित (हिन्दू) ही यह लड़ाई लड़ रहे हैं ।
🚩अनेक वर्षों से यहां विद्यमान हिन्दू #संस्कृति नष्ट की जा रही है । यदि #देशवासी अब जागृत नहीं हुए, तो #भविष्य में उन्हें माता रानी के दर्शन के लिए अनुज्ञप्तिपत्र और पारपत्र (पासपोर्ट) लेकर आना )पड़ेगा
🚩क्या #वैष्णोदेवी का नाम #परिवर्तित होने पर ही आप #जागृत होनेवाले हैं..???
🚩पहले भी #भारत में #मुगल शासन काल में #शहरों, #गांव आदि के नाम बदले गये उसके बाद #अंग्रेज आये उन्होंने भी कई शहरों, गाँव आदि के #नाम बदले ।
🚩जब तक #भारत गुलाम था तब तक तो ठीक था लेकिन बड़ी विडंबना तो यह है कि #भारत आजाद होने के बाद भी हमारे पुराने नाम वापिस नही बदले गये । #आजादी को 70 साल हो गए लेकिन आज भी वही नाम चल रहे हैं,बदले नही जा रहे । जिन क्रूर #मुगलों ने हमारी बहनों-बेटियों का बलात्कार किया । तलवार की नोंक पर #धर्मपरिवर्तन करवाया उन्हीं के नाम से #शहरों के नाम रखे गए।
🚩आज #कश्मीर में भी वही चल रहा है हमारे प्राचीन नाम बदले जा रहे है और #हिन्दू चुप चाप बैठा है ।
🚩पहले भी ऐसा हुआ और आज भी वही हो रहा है #हिन्दू सहनशीलता के नाम से पलायनवादी हो गया है सोचता है कि बाजू  के घर में आग लगी है मुझे क्या?
अरे भाई बाजू के घर की आग नहीं बुझाएगा तो वो आग तेरे घर को भी जला सकती है।
🚩पहले #कश्मीर #पंडित #पलायन हुए, #आज #उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से #हिन्दू पलायन हो रहे है, #हिन्दू #संतों को #जेल में भेजा जा रहा है, #हिन्दुओं का #ईसाई मिशनरियों द्वारा लालच देकर और मुसलमानों द्वारा दहशत फैलाकर #धर्म परिवर्तन किया जा रहा है।
🚩क्या हिन्दू इसी तरह से #अन्याय को चुप-चाप देखता रहेगा..???
🚩ऐसे ही अगर देखता रहा तो फिर #हिन्दू को #मिटने में देर नही लगेगी और #हिन्दू मिटा तो सनातन #संस्कृति मिटी और सनातन संस्कृति मिटी तो फिर #पृथ्वी पर हा-हा कार मच सकता है ।
🚩क्योंकि सनातन संस्कृति ही एक ऐसी संस्कृति है जो पूरी #दुनिया में सुख-शांति भाईचारा का संदेश देती ही नही है बल्कि चरितार्थ करके भी दिखा देती है ।
🚩आज #दुनिया में जो सुख शांति है वो केवल सनातन #संस्कृति का कुछ अंश लेकर ही है अतः हिन्दू संस्कृति को बचाना अत्यंत जरूरी है ।
🚩आशा है कि #भारतवासी जागृत होंगे ।
🚩इस स्थिति में समस्त #हिन्दू बंधु जागृत होकर वैध मार्ग अपना मिलकर विरोध करें ।
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Thursday, July 26, 2018

जानिए गुरुपूर्णिमा पर्व का दिव्य इतिहास एवं महिमा

🚩#आषाढ शुक्ल पूर्णिमाको #गुरुपूर्णिमा एवं #व्यासपूर्णिमा कहते हैं । गुरुपूर्णिमा गुरुपूजनका दिन है । गुरुपूर्णिमाका एक अनोखा महत्त्व भी है । अन्य दिनोंकी तुलनामें इस तिथिपर गुरुतत्त्व सहस्र गुना कार्यरत रहता है । इसलिए इस दिन किसी भी व्यक्तिद्वारा जो कुछ भी अपनी साधनाके रूपमें किया जाता है, उसका फल भी उसे सहस्र गुना अधिक प्राप्त होता है ।
🚩भगवान वेदव्यास ने वेदों का संकलन किया, 18 पुराणों और उपपुराणों की रचना की। ऋषियों के बिखरे अनुभवों को समाजभोग्य बना कर व्यवस्थित किया। पंचम वेद #'महाभारत' की रचना इसी पूर्णिमा के दिन पूर्ण की और विश्व के सुप्रसिद्ध आर्ष ग्रंथ #ब्रह्मसूत्र का लेखन इसी दिन आरंभ किया। तब देवताओं ने वेदव्यासजी का पूजन किया। तभी से व्यासपूर्णिमा मनायी जा रही है। इस दिन जो शिष्य ब्रह्मवेत्ता सदगुरु के श्रीचरणों में पहुँचकर संयम-श्रद्धा-भक्ति से उनका पूजन करता है उसे वर्षभर के पर्व मनाने का फल मिलता है।
🚩भारत में अनादिकाल से आषाढ मास की पूर्णिमा को #गुरुपूर्णिमा पर्व के रूप में मनाया जाता रहा है। गुरुपूर्णिमा का त्यौहार तो सभी के लिए है । भौतिक सुख-शांति के साथ-साथ ईश्वरीय आनंद, शांति और ज्ञान प्रदान करनेवाले #महाभारत, #ब्रह्मसूत्र, #श्रीमद्भागवत आदि महान ग्रंथों के रचयिता महापुरुष #वेदव्यासजी जैसे ब्रह्मवेत्ताओं का मानवऋणी है ।
Know the divine history and glory of Gurupurnima Parva

🚩#भारतीय संस्कृति में #सद्गुरु का बडा ऊँचा स्थान है । भगवान स्वयं भी अवतार लेते हैं तो गुरु की शरण जाते हैं । भगवान #श्रीकृष्ण गुरु #सांदीपनिजी के आश्रम में सेवा तथा अभ्यास करते थे । भगवान #श्रीराम #गुरु वसिष्ठजी के चरणों में बैठकर सत्संग सुनते थे । ऐसे महापुरुषों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए तथा उनकी शिक्षाओं का स्मरण करके उसे अपने जीवन मे लानेके लिए इस पवित्र पर्व ‘गुरुपूर्णिमा’ को मनाया जाता है
🚩गुरुका महत्त्व
🚩गुरुदेव वे हैं, जो साधना बताते हैं, साधना करवाते हैं एवं आनंदकी अनुभूति प्रदान करते हैं । गुरुका ध्यान शिष्यके भौतिक सुखकी ओर नहीं, अपितु केवल उसकी #आध्यात्मिक उन्नतिपर होता है । गुरु ही शिष्यको साधना करनेके लिए प्रेरित करते हैं, चरण दर चरण साधना करवाते हैं, साधनामें उत्पन्न होनेवाली बाधाओंको दूर करते हैं, साधनामें टिकाए रखते हैं एवं पूर्णत्वकी ओर ले जाते हैं । गुरुके संकल्पके बिना इतना बडा एवं कठिन शिवधनुष उठा पाना असंभव है । इसके विपरीत गुरुकी प्राप्ति हो जाए, तो यह कर पाना सुलभ हो जाता है । श्री गुरुगीतामें ‘गुरु’ संज्ञाकी उत्पत्तिका वर्णन इस प्रकार किया गया है,
🚩गुकारस्त्वन्धकारश्च रुकारस्तेज उच्यते ।
अज्ञानग्रासकं ब्रह्म गुरुरेव न संशयः ।। – श्री गुरुगीता
🚩अर्थ : ‘गु’ अर्थात #अंधकार अथवा अज्ञान एवं ‘रु’ अर्थात तेज, #प्रकाश अथवा ज्ञान । इस बातमें कोई संदेह नहीं कि गुरु ही ब्रह्म हैं जो अज्ञानके अंधकारको दूर करते हैं । इससे ज्ञात होगा कि साधकके जीवनमें गुरुका महत्त्व अनन्य है । इसलिए गुरुप्राप्ति ही साधकका प्रथम ध्येय है । #गुरुप्राप्तिसे ही ईश्वरप्राप्ति होती है अथवा यूं कहें कि गुरुप्राप्ति होना ही ईश्वरप्राप्ति है, ईश्वरप्राप्ति अर्थात #मोक्षप्राप्ति- मोक्षप्राप्ति अर्थात निरंतर आनंदावस्था । गुरु हमें इस अवस्थातक पहुंचाते हैं । शिष्यको जीवनमुक्त करनेवाले गुरुके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनेके लिए गुरुपूर्णिमा मनाई जाती है ।
🚩गुरुपूर्णिमाका अध्यात्मशास्त्रीय महत्त्व
🚩इस दिन गुरुस्मरण करनेपर शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति होनेमें सहायता होती है । इस दिन गुरुका तारक चैतन्य वायुमंडलमें कार्यरत रहता है । गुरुपूजन करनेवाले जीवको इस चैतन्यका लाभ मिलता है । गुरुपूर्णिमाको #व्यासपूर्णिमा भी कहते हैं, गुरुपूर्णिमापर सर्वप्रथम व्यासपूजन किया जाता है । एक वचन है – व्यासोच्छिष्टम् जगत् सर्वंम् । इसका अर्थ है, विश्वका ऐसा कोई विषय नहीं, जो महर्षि व्यासजीका उच्छिष्ट अथवा जूठन नहीं है अर्थात कोई भी विषय महर्षि व्यासजीद्वारा अनछुआ नहीं है । महर्षि व्यासजीने चार वेदोंका वर्गीकरण किया । उन्होंने अठारह पुराण, महाभारत इत्यादि ग्रंथों की रचना की है । महर्षि व्यासजीके कारण ही समस्त ज्ञान सर्वप्रथम हमतक पहुंच पाया । इसीलिए #महर्षि व्यासजीको ‘#आदिगुरु’ कहा जाता है । ऐसी मान्यता है कि उन्हींसे गुरु-परंपरा आरंभ हुई । #आद्यशंकराचार्यजीको भी #महर्षि व्यासजीका अवतार मानते हैं ।
🚩गुरुपूजन का पर्व
🚩गुरुपूर्णिमा अर्थात् गुरु के पूजन का पर्व ।
#गुरुपूर्णिमा के दिन छत्रपति #शिवाजी भी अपने गुरु का विधि-विधान से पूजन करते थे।
🚩 वर्तमान में सब लोग अगर गुरु को नहलाने लग जायें, तिलक करने लग जायें, हार पहनाने लग जायें तो यह संभव नहीं है। लेकिन षोडशोपचार की पूजा से भी अधिक फल देने वाली मानस पूजा करने से तो भाई ! स्वयं गुरु भी नही रोक सकते। मानस पूजा का अधिकार तो सबके पास है।
🚩  "गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर मन-ही-मन हम अपने गुरुदेव की पूजा करते हैं.... मन-ही-मन गुरुदेव को कलश भर-भरकर गंगाजल से स्नान कराते हैं.... मन-ही-मन उनके श्रीचरणों को पखारते हैं.... परब्रह्म परमात्मस्वरूप श्रीसद्गुरुदेव को वस्त्र पहनाते हैं.... सुगंधित चंदन का तिलक करते है.... सुगंधित गुलाब और मोगरे की माला पहनाते हैं.... मनभावन सात्विक प्रसाद का भोग लगाते हैं.... मन-ही-मन धूप-दीप से गुरु की आरती करते हैं...."
इस प्रकार हर शिष्य मन-ही-मन अपने दिव्य भावों के अनुसार अपने सद्गुरुदेव का पूजन करके गुरुपूर्णिमा का पावन पर्व मना सकता है। करोडों जन्मों के माता-पिता, मित्र-सम्बंधी जो न से सके, सद्गुरुदेव वह हँसते-हँसते दे डा़लते हैं।
'हे गुरुपूर्णिमा ! हे व्यासपूर्णिमा ! तु कृपा करना.... गुरुदेव के साथ मेरी श्रद्धा की डोर कभी टूटने न पाये.... मैं प्रार्थना करता हूँ गुरुवर ! आपके श्रीचरणों में मेरी श्रद्धा बनी रहे, जब तक है जिन्दगी.....
🚩आजकल के विद्यार्थी बडे़-बडे़ प्रमाणपत्रों के पीछे पड़ते हैं लेकिन प्राचीन काल में विद्यार्थी संयम-सदाचार का व्रत-नियम पाल कर वर्षों तक गुरु के सान्निध्य में रहकर बहुमुखी विद्या उपार्जित करते थे। भगवान श्रीराम वर्षों तक गुरुवर वशिष्ठजी के आश्रम में रहे थे। वर्त्तमान का विद्यार्थी अपनी पहचान बडी़-बडी़ डिग्रियों से देता है जबकि पहले के शिष्यों में पहचान की महत्ता वह किसका शिष्य है इससे होती थी। आजकल तो संसार का कचरा खोपडी़ में भरने की आदत हो गयी है। यह कचरा ही मान्यताएँ, कृत्रिमता तथा राग-द्वेषादि बढा़ता है और अंत में ये मान्यताएँ ही दुःख में बढा़वा करती हैं। अतः मनुष्य को चाहिये कि वह सदैव जागृत रहकर सत्पुरुषों के सत्संग, सान्निध्य में रहकर परम तत्त्व परमात्मा को पाने का परम पुरुषार्थ करता रहे।
🚩#संत गुलाबराव महाराजजीसे किसी पश्चिमी व्यक्तिने पूछा, ‘भारतकी ऐसी कौनसी विशेषता है, जो न्यूनतम शब्दोंमें बताई जा सकती है ?’ तब महाराजजीने कहा, #‘गुरु-शिष्य परंपरा’ । इससे हमें इस परंपराका महत्त्व समझमें आता है । ऐसी परंपराके दर्शन करवानेवाला पर्व युग-युगसे मनाया जा रहा है, तथा वह है, #गुरुपूर्णिमा ! हमारे जीवनमें गुरुका क्या स्थान है, गुरुपूर्णिमा हमें इसका स्पष्ट पाठ पढाती है ।
🚩आज भारत देश में देखा जाय तो महान संतों पर आघात किया जा रहा है, अत्याचार किया जा रहा है, जिन संतों ने हमेशा देश का मंगल चाहा है । जो भारत का उज्जवल भविष्य देखना चाहते हैं । लेकिन आज उन्ही संतों को टारगेट किया जा रहा है ।
🚩भारत में थोड़ी बहुत जो #सुख-शांति, #चैन- अमन और #सुसंस्कार बचे हुए हैं तो वो #संतों के कारण ही है और संतों, गुरुओं को चाहने और मानने वाले शिष्यों के कारण ही है ।
🚩लेकिन उन्ही #संतों पर #षड़यंत्र करके भारतवासियों की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।
🚩"भारतवासियों को ही #गुमराह करके संतों के प्रति भारतवासियों की आस्था को तोड़ा जा रहा है ।"
🚩अतः #देशविरोधी तत्वों से #सावधान रहें ।
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