Monday, October 14, 2019

इन दो घटनाएं से जानिए कैसे और क्यों लगाएं जाते हैं झूठे आरोप

14 अक्टूबर 2019

*🚩नोएडा की रहने वाली निशा शर्मा ने बारात को वापिस लौटा दिया था, दूल्हे पक्ष पर आरोप लगाया कि लड़के वाले दहेज मांग रहे थे इसलिए बारात लौटाई।*

*🚩पैसे और टीआरपी की भूखी मीडिया ने इस मामले को खूब उछाला। सड़कछाप परिवार तोड़ू बड़ी बिंदी गैंग की औरतों को दिन रात न्यूज़ चैनलों ने बिठाकर बहस कराई गई। निशा शर्मा को नारी शक्ति का अवार्ड दिया गया।*

*🚩स्त्री की उपासना करने वाले नेताओं, महिलावादियों ने निशा शर्मा को आदर्श नारी, दुर्गा, शक्ति इत्यादि न जाने क्या-क्या उपाधि दी। शत्रुघ्न सिन्हा ने निशा शर्मा को बीजेपी की तरफ से सम्मानित किया। महिला आयोग ने सम्मानित किया। रविश कुमार जैसे छटे हुये पत्रकारों ने निशा शर्मा की तारीफों के पुल बांध दिए। मीडिया का दवाब बढ़ने लगा। और दूल्हे यानी मुनीश दलाल को पुलिस ने दहेज मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। जबकि शादी तो हुई ही नही थी।*

*🚩मुनीश के पूरे परिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कुछ दिन मुनीश और उनका परिवार जेल में थे। मीडिया औऱ भारत के सड़कछाप लोगों ने मुनीश और उनके परिवार को खूब खरी खोटी सुनाई। केस लम्बे समय तक चला। मुनीश की बदनामी इतनी हो गयी कि उसके साथ कोई लड़की शादी करने को तैयार न हुई। यह घटना 2003 की है।*

*🚩सन 2010 में अदालत ने इस केस में फैसला देते हुए कहा कि*

*"ये बेहद दुःखद है कि मुनीश और उनके परिवार को झूठे प्रकरण में फंसाया गया, इस झूठे केस के कारण मुनीश और उनके परिवार को लगभग 10 वर्ष तक की मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ी, अफसोस इस बात का भी है कि मीडिया ने भी झूठे केस को खूब उछाला, ये मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल है। निशा शर्मा ने जो भी आरोप लगाये वो सब सिर्फ और सिर्फ सोची समझी साजिश थी ,क्योंकि निशा विवाह करना ही नही चाहती थी, क्योंकि उसका किसी और से अफेयर था। लिहाजा ये अदालत मुनीश और उनकी फैमिली को बाइज्जत बरी करती है"*

*🚩रोहतक की घटना:*

*घटना नवम्बर 2014 की है। रोहतक की एक बस में एक बुजुर्ग महिला एक सीट पर बैठी हुई थी। बाकी औरते और पुरुष भी उसी बस में बैठे थे।। अचानक वो बुजुर्ग महिला अपनी सीट से उठकर बस के बाहर चली गयी क्योंकि बस रुकी हुई थी। तभी दो लड़कियां जिनका नाम पूजा और आरती था, इन्होंने बस में प्रवेश किया और बुजुर्ग महिला की सीट पर बैठ गयी।*

*🚩तब दो लड़के जो भारतीय सेना में चयनित हुए थे उन्होंने इन दोनों लड़कियों से कहा कि इस सीट पर एक बूढ़ी अम्मा बैठी है जो अभी बस के बाहर खड़ी है। आप लोग उठ जाओ। तब इन दोनों बहनों ने उन लड़कों को न सिर्फ गाली बकी बल्कि उनके साथ मारा पीटी शुरू कर दी। चालाक लडकिया उन लड़कों पर हमला कर रही थी और एक लड़की वीडियो बना रही थी।।*

*🚩बिकाऊ मीडिया ने रातो रात इन दोनों बदतमीज लड़कियों को हीरो बना दिया। लच्छेदार भाषण शुरू हो चुके थे। हरियाणा महिला आयोग की विवेकहीन अध्यक्ष ने लड़कियों को अगले ही दिन नारी शक्ति अवार्ड देते हुए 36000/- रुपए नगद का इनाम दिया। और बेशर्म महिला आयोग वही नही रुका, 26 जनवरी 2015 के दिन इन दोनों बदचलन लड़कियो को सम्मानित करने हेतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सिफारिश कर दी। आजतक,एबीपी न्यूज़, इंडियाTv, NDTV ,Times now, Zee न्यूज़, न्यूज़ 24...इत्यादि सभी न्यूज़ चैनल इन लड़कियों को हीरो के रूप में दिखाते रहे। लड़के बेचारे बेकसूर होकर भी विलेन बने रहे। दवाब बढ़ने लगा। लड़को के पक्ष में बस में बैठी हर महिला, हर लड़की बोल रही थी फिर भी अंजना ओम कश्यप, सुमित अवस्थी जैसे पत्रकारों ने पुरूष प्रधान समाज का विधवा विलाप किया।*

*🚩सेना में लड़के मेहनत करके चयनित हुए थे गरीब घर के थे सेना ने तुरंत लड़कों को सेना से निकाल दिया, पुलिस ने मीडिया, महिला आयोग इत्यादि के दवाब में दूसरे ही दिन लड़को पर धारा 354 के तहत मामला दर्ज कर लिया। लड़के गिरफ्तार, नौकरी गयी, बदनामी हुई...।*

*🚩घटना ने थोड़ा और तूल पकड़ा। हरियाणा के जाटों ने लड़को के पक्ष में आंदोलन किया। बस में बैठी महिलाएं,छात्राएं सब लड़को के पक्ष में खुलकर बोलने लगी...*

*🚩मगर मीडिया के कान में जू न रेगी। किन्तु मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने लड़कियों का सम्मान समारोह रद्द कर दिया क्योंकि वो समझ चुके थे कि लड़कियां दोषी है।*

*🚩न्यायालय ने इस मामले में फैसला देते हुए कहा कि....*

*"दोनों लड़के पूर्णतः निर्दोष है, इन्हें एक षड्यंत्र के तहत इस मामले में फंसाया गया, मामला सीट विवाद का था मगर पुलिस ने जानबूझकर छेड़खानी का मामला दर्ज किया, लिहाजा ये अदालत दोनों लड़को को बाइज्जत बरी करती है"*

*🚩ये अदालत का "फैसला था"...न्याय नही.... न्याय तब होता जब इन दोनों लड़कियों और पूरे मीडिया जगत को सजा मिलती। न्याय तब होता जब सेना में दोनो लड़को की फिर से भर्ती होती। बरी होने के बाद किसी भी न्यूज़ चैनल ने माफी नही मांगी।*

*🚩फैसले के बाद भी मीडिया टस से मस न हुआ। अपनी गलती न मानते हुए बेशर्म , बिकाऊ मीडिया इस बात पर बहस कराने लगा कि क्या कोर्ट का फैसला सही है???*

*🚩भारत के कुछ मूर्ख लोग ऐसी न्यूज़ चैंनलों की हर खबर पर यकीन कर लेते है। बिना सोचे ये भी नही सोचते कि हम भी इसी तरह बदनाम हो सकते है।*

*🚩ज्वाला शक्ति संगठन की संयोजक काजल जादौन ने कहा है कि हर मामले में पुरुष ही गलत नहीं होते। कई बार महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर वे पुरुषों के खिलाफ दहेज प्रताडऩा, बलात्कार आदि के मामले दर्ज करवा देती हैं।*

*🚩जनता का कहना है कि झूठे आरोप लगाने वाली लड़कियों को सजा मिलनी चाहिए और इसमें पुलिस भी साजिस में शामिल है तो उनको भी सजा होनी चाहिए, पैसे और टीआरपी के लिए मीडिया निर्दोष पुरषों को बदनाम करती है उनपर भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।*

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Saturday, October 12, 2019

शरद पूर्णिमा पर यह काम करेंगे तो सालभर रहेगे स्वस्थ्य और होगी धनप्राप्ति

12 अक्टूबर 2019

*🚩आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ‘शरद पूर्णिमा’ बोलते हैं । शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है और अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस रात्रि में चंद्रमा का ओज सबसे तेजवान और ऊर्जावान होता है। पृथ्वी पर शीतलता, पोषक शक्ति एवं शांतिरूपी अमृतवर्षा करता है । इस साल 13 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी ।*

*🚩इस दिन रास-उत्सव और कोजागर व्रत किया जाता है । गोपियों को शरद पूर्णिमा की रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण ने बंसी बजाकर अपने पास बुलाया और ईश्वरीय अमृत का पान कराया था ।*

*🚩यूं तो हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व उन सभी से कहीं अधिक है। हिंदू धर्म ग्रंथों में भी इस पूर्णिमा को विशेष बताया गया है।*

*🚩 शरद पूर्णिमा से जुड़ी बातें....*

*इस दिन चंद्रमा की किरणें विशेष अमृतमयी गुणों से युक्त रहती हैं, जो कई बीमारियों का नाश कर देती हैं। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा की रात को लोग अपने घरों की छतों पर खीर रखते हैं, जिससे चंद्रमा की किरणें उस खीर के संपर्क में आती है, इसके बाद उसे खाया जाता है।*

*🚩 नारद पुराण के अनुसार शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर अपने कर-कमलों में वर और अभय लिए निशिद काल में पृथ्वी पर भ्रमण करती है। माता यह देखती है कि कौन जाग रहा है?*
*यानी अपने कर्तव्‍यों को लेकर कौन जागृत है? जो इस रात में जागकर मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं, मां उन पर असीम कृपा करती है।*

*🚩वैज्ञानिक भी मानते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात स्वास्थ्य व सकारात्मकता देने वाली मानी जाती है क्योंकि चंद्रमा धरती के बहुत समीप होता है। शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणों में खास तरह के लवण व विटामिन आ जाते हैं। पृथ्वी के पास होने पर इसकी किरणें सीधे जब खाद्य पदार्थों पर पड़ती हैं तो उनकी क्वालिटी में बढ़ोतरी हो जाती है।*

*🚩 शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सुबह उठकर व्रत करके अपने इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी का दीपक जलाकर, गंध पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए। ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।*

*🚩लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।*

*🚩 शरद पूनम की रात को क्या करें, क्या न करें ?*

*🚩 अश्विनी कुमार देवताओं के वैद्य हैं । जो भी इन्द्रियाँ शिथिल हो गयी हों, उनको पुष्ट करने के लिए चन्द्रमा की चाँदनी में खीर रखना और भगवान को भोग लगाकर अश्विनी कुमारों से प्रार्थना करना कि ‘हमारी इन्द्रियों का बल-ओज बढ़ायें ।’ फिर वह खीर खा लेना ।*

*🚩इस रात सूई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्रज्योति बढ़ती है ।*

*🚩 चन्द्रमा की चाँदनी गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ पुष्ट होता है । शरद पूनम की चाँदनी का अपना महत्त्व है लेकिन बारहों महीने चन्द्रमा की चाँदनी गर्भ को और औषधियों को पुष्ट करती है ।*

*🚩 अमावस्या और पूर्णिमा को चन्द्रमा के विशेष प्रभाव से समुद्र में ज्वार-भाटा आता है । जब चन्द्रमा इतने बड़े दिगम्बर समुद्र में उथल-पुथल कर विशेष कम्पायमान कर देता है तो हमारे शरीर में जो जलीय अंश है, सप्तधातुएँ हैं, सप्त रंग हैं, उन पर भी चन्द्रमा का प्रभाव पड़ता है । इन दिनों में अगर काम-विकार भोगा तो विकलांग संतान अथवा जानलेवा बीमारी हो जाती है और यदि उपवास, व्रत तथा सत्संग किया तो तन तंदुरुस्त, मन प्रसन्न होता है।*

*🚩 खीर को बनायें अमृतमय प्रसाद...*

*🚩खीर को रसराज कहते हैं । सीताजी को अशोक वाटिका में रखा गया था । रावण के घर का क्या खायेंगी सीताजी ! तो इन्द्रदेव उन्हें खीर भेजते थे ।*

*🚩खीर बनाते समय घर में चाँदी का गिलास आदि जो बर्तन हो, आजकल जो मेटल (धातु) का बनाकर चाँदी के नाम से देते हैं वह नहीं, असली चाँदी के बर्तन अथवा असली सोना धोकर खीर में डाल दो तो उसमें रजतक्षार या सुवर्णक्षार आयेंगे । लोहे की कड़ाही अथवा पतीली में खीर बनाओ तो लौह तत्त्व भी उसमें आ जायेगा ।*

*🚩 इलायची, खजूर या छुहारा डाल सकते हो लेकिन बादाम, काजू, पिस्ता, चारोली ये रात को पचने में भारी पड़ेंगे । रात्रि 8 बजे महीन कपड़े से ढँककर चन्द्रमा की चाँदनी में रखी हुई खीर 11 बजे के बाद भगवान को भोग लगा के प्रसादरूप में खा लेनी चाहिए । लेकिन देर रात को खाते हैं इसलिए थोड़ी कम खाना ।*
*सुबह गर्म करके भी खा सकते हो ।*
*(खीर दूध, चावल, मिश्री, चाँदी, चन्द्रमा की चाँदनी - इन पंचश्वेतों से युक्त होती है, अतः सुबह बासी नहीं मानी जाती ।) यह खीर खाने से सालभर मनुष्य स्वथ्य रहता है ।*

*🚩स्वास्थ्य प्रयोग...*

*इस रात्रि में 3-4 घंटे तक बदन पर चन्द्रमा की किरणों को अच्छी तरह पड़ने दें ।*

*🚩दो पके सेवफल के टुकड़े करके शरद पूर्णिमा को रातभर चाँदनी में रखने से उनमें चन्द्रकिरणें और ओज के कण समा जाते हैं । सुबह खाली पेट सेवन करने से कुछ दिनों में स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक लाभकारी परिवर्तन होते हैं ।*

*🚩250 ग्राम दूध में 1-2 बादाम व 2-3 छुहारों के टुकड़े करके उबालें । फिर इस दूध को पतले सूती कपड़े से ढँककर चन्द्रमा की चाँदनी में 2-3 घंटे तक रख दें । यह दूध औषधीय गुणों से पुष्ट हो जायेगा । सुबह इस दूध को पी लें ।*

*🚩सोंठ, काली मिर्च और लौंग डालकर उबाला हुआ दूध चाँदनी रात में 2-3 घंटे रखकर पीने से बार-बार जुकाम नहीं होता, सिरदर्द में लाभ होता है ।*

*🚩तुलसी के 10-12 पत्ते एक कटोरी पानी में भिगोकर चाँदनी रात में 2-3 घंटे के लिए रख दें । फिर इन पत्तों को चबाकर खा लें व थोड़ा पानी पियें । बचे हुए पानी को छानकर एक-एक बूँद आँखों में डालें, नाभि में मलें तथा पैरों के तलुओं पर भी मलें । आँखों से धुँधला दिखना, बार-बार पानी आना आदि में इससे लाभ होता है । तुलसी के पानी की बूँदें चन्द्रकिरणों के संग मिलकर प्राकृतिक अमृत बन जाती हैं ।*

*नोट : दूध व तुलसी के सेवन में दो घंटे का अंतर रखें ।*

*🚩 भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, 'पुष्णामि चौषधीः सर्वाः सोमो भूत्वा रसात्मकः।।'*
*अर्थात रसस्वरूप अमृतमय चन्द्रमा होकर सम्पूर्ण औषधियों को अर्थात वनस्पतियों को पुष्ट करता हूं।* *(गीताः15.13)*

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Friday, October 11, 2019

बंगाल में 4 दिनों में 8 हिन्दुओं की नृशंस हत्या, मीडिया, लिबरल गैंग चुप

11 अक्टूबर 2019

*🚩पश्चिमी बंगाल के मुर्शिदाबाद मे जेहादियों द्वारा एक शिक्षक बंधु प्रकाश की बेटे और गर्भवती पत्नी के साथ में घर में घुस कर हत्या कर दी गई। सेक्युलर मीडिया इसपर क्या लिख रहा है वह ध्यान देने योग्य है। आज तक ने सधे शब्दो में लीपापोती करते हुए इसे निजी रंजिश, पति पत्नी की अनबन और उधारी का मामला बताया है। भास्कर ने अज्ञात हमलावरों को दोषी बताया है। NDTV ने भी पुलिस और राज्यपाल के ब्यान के आधार पर सेक्युलरिज़्म का पालन किया है।*

*🚩बंगाल में 4 दिनों में 8 हिन्दुओं की हत्या हो गई है। मंदिर के पुजारी तथा भाजपा कार्यकर्ता सुप्रियो बॅनर्जी की नृशंस हत्या, तालाब में फेंका शव, तृणमूल कार्यकर्ताओं पर हत्या का आरोप लगा है।*

*🚩इन जिहादियों द्वारा केवल बंगाल में ही नहीं 9 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के मंदसौर में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के नेता युवराज सिंह को गोली मार कर हत्या कर दी गई !*

*🚩जहानाबाद बिहार में मस्जिद के निकट से जा रही मां दुर्गादेवी प्रतिमा विसर्जन पर जिहादियों द्वारा पथराव किया गया जिससे कर्ई हिन्दू घायल हो गए।*

*🚩उत्तरप्रदेश के बलरामपुर में दुर्गा विसर्जन के समय जिहादियों ने हिन्दूओ पर पत्थर फेंके थे, 8 मुस्लिम पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है।*

*🚩यह तो अभी कुछ ताजा घटनाएं है जो थोड़ी बहुत सोशल मीडिया पर आती है बाकी तो जिहादियों द्वारा कितनी हिंदुओं की हत्या हुई है कोई गिन नही सकता है, लव जिहाद में हिंदू लड़कियों को फंसाकर उनकी जिंदगी नरक बना देते हैं ।*

*🚩इन सभी मुद्दों पर मीडिया, अवार्ड वापसी गैंग, तथाकथित बुद्धिजीवी चुप है क्योंकि मरने वाले हिंदू हैं और मारने वाले मुसलमान हैं जिससे उनको कुछ फर्क नहीं पड़ता है, हिंदुओं को इन घटनाओं से सावधान हो जाना चाहिए अपनी जनसंख्या बढ़ानी चाहिए और अपने बच्चों को धर्म के संस्कार देने चाहिए जिससे वे भी सावधान रहें।*

*🚩ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं?*

*2005 में समाजशास्त्री डा. पीटर हैमंड ने गहरे शोध के बाद इस्लाम धर्म के मानने वालों की दुनियाभर में प्रवृत्ति पर एक पुस्तक लिखी, जिसका शीर्षक है ‘स्लेवरी, टैररिज्म एंड इस्लाम-द हिस्टोरिकल रूट्स एंड कंटेम्पररी थ्रैट’। इसके साथ ही ‘द हज’के लेखक लियोन यूरिस ने भी इस विषय पर अपनी पुस्तक में विस्तार से प्रकाश डाला है। जो तथ्य निकल करआए हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं, बल्कि चिंताजनक हैं।*

*🚩उपरोक्त शोध ग्रंथों के अनुसार जब तक मुसलमानों की जनसंख्या किसी देश-प्रदेश क्षेत्र में लगभग 2 प्रतिशत के आसपास होती है, तब वे एकदम शांतिप्रिय, कानूनपसंद अल्पसंख्यक बन कर रहते हैं और किसी को विशेष शिकायत का मौका नहीं देते। जैसे अमरीका में वे (0.6 प्रतिशत) हैं, आस्ट्रेलिया में 1.5, कनाडा में 1.9, चीन में 1.8, इटली में 1.5 और नॉर्वे में मुसलमानों की संख्या 1.8 प्रतिशत है। इसलिए यहां मुसलमानों से किसी को कोई परेशानी नहीं है।
जब मुसलमानों की जनसंख्या 2 से 5 प्रतिशत के बीच तक पहुंच जाती है, तब वे अन्य धर्मावलंबियों में अपना धर्मप्रचार शुरू कर देते हैं। जैसा कि डेनमार्क, जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन और थाईलैंड में जहां क्रमश: 2, 3.7, 2.7, 4 और 4.6 प्रतिशत मुसलमान हैं।*

*🚩जब मुसलमानों की जनसंख्या किसी देश या क्षेत्र में 5 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है, तब वे अपने अनुपात के हिसाब से अन्य धर्मावलंबियों पर दबाव बढ़ाने लगते हैं और अपना प्रभाव जमाने की कोशिश करने लगते हैं। उदाहरण के लिए वे सरकारों और शॉपिंग मॉल पर ‘हलाल’ का मांस रखने का दबाव बनाने लगते हैं, वे कहते हैं कि ‘हलाल’ का मांस न खाने से उनकी धार्मिक मान्यताएं प्रभावित होती हैं। इस कदम से कई पश्चिमी देशों में खाद्य वस्तुओं के बाजार में मुसलमानों की तगड़ी पैठ बन गई है। उन्होंने कई देशों के सुपरमार्कीट के मालिकों पर दबाव डालकर उनके यहां ‘हलाल’ का मांस रखने को बाध्य किया। दुकानदार भी धंधे को देखते हुए उनका कहा मान लेते हैं।*

*🚩इस तरह अधिक जनसंख्या होने का फैक्टर यहां से मजबूत होना शुरू हो जाता है, जिन देशों में ऐसा हो चुका है, वे फ्रांस, फिलीपींस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो हैं। इन देशों में मुसलमानों की संख्या क्रमश: 5 से 8 फीसदी तक है। इस स्थिति पर पहुंचकर मुसलमान उन देशों की सरकारों पर यह दबाव बनाने लगते हैं कि उन्हें उनके क्षेत्रों में शरीयत कानून (इस्लामिक कानून) के मुताबिक चलने दिया जाए। दरअसल, उनका अंतिम लक्ष्य तो यही है कि समूचा विश्व शरीयत कानून के हिसाब से चले।*

*🚩जब मुस्लिम जनसंख्या किसी देश में 10 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तब वे उस देश, प्रदेश, राज्य, क्षेत्र विशेष में कानून-व्यवस्था के लिए परेशानी पैदा करना शुरू कर देते हैं, शिकायतें करना शुरू कर देते हैं, उनकी ‘आॢथक परिस्थिति’ का रोना लेकर बैठ जाते हैं, छोटी-छोटी बातों को सहिष्णुता से लेने की बजाय दंगे, तोड़-फोड़ आदि पर उतर आते हैं, चाहे वह फ्रांस के दंगे हों डेनमार्क का कार्टून विवाद हो या फिर एम्सटर्डम में कारों का जलाना हो, हरेक विवादको समझबूझ, बातचीत से खत्म करने की बजाय खामख्वाह और गहरा किया जाता है। ऐसा गुयाना (मुसलमान 10 प्रतिशत), इसराईल (16 प्रतिशत), केन्या (11 प्रतिशत), रूस (15 प्रतिशत) में हो चुका है।
जब किसी क्षेत्र में मुसलमानों की संख्या 20 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है तब विभिन्न ‘सैनिक शाखाएं’ जेहाद के नारे लगाने लगती हैं, असहिष्णुता और धार्मिक हत्याओं का दौर शुरू हो जाता है, जैसा इथियोपिया (मुसलमान 32.8 प्रतिशत) और भारत (मुसलमान 22 प्रतिशत) में अक्सर देखा जाता है। मुसलमानों की जनसंख्या के 40 प्रतिशत के स्तर से ऊपर पहुंच जाने पर बड़ी संख्या में सामूहिक हत्याएं, आतंकवादी कार्रवाइयां आदि चलने लगती हैं। जैसा बोस्निया (मुसलमान 40 प्रतिशत), चाड (मुसलमान 54.2 प्रतिशत) और लेबनान (मुसलमान 59 प्रतिशत) में देखा गया है। शोधकत्र्ता और लेखक डा. पीटर हैमंड बताते हैं कि जब किसी देश में मुसलमानों की जनसंख्या 60 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है, तब अन्य धर्मावलंबियों का ‘जातीय सफाया’ शुरू किया जाता है (उदाहरण भारत का कश्मीर), जबरिया मुस्लिम बनाना, अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल तोडऩा, जजिया जैसा कोई अन्य कर वसूलना आदि किया जाता है। जैसे अल्बानिया (मुसलमान 70 प्रतिशत), कतर (मुसलमान 78 प्रतिशत) व सूडान (मुसलमान 75 प्रतिशत) में देखा गया है।*

*🚩किसी देश में जब मुसलमान बाकी आबादी का 80 प्रतिशत हो जाते हैं, तो उस देश में सत्ता या शासन प्रायोजित जातीय सफाई की जाती है। अन्य धर्मों के अल्पसंख्यकों को उनके मूल नागरिक अधिकारों से भी वंचित कर दिया जाता है। सभी प्रकार के हथकंडे अपनाकर जनसंख्या को 100 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा जाता है। जैसे बंगलादेश (मुसलमान 83 प्रतिशत), मिस्र (90 प्रतिशत), गाजापट्टी (98 प्रतिशत), ईरान (98 प्रतिशत), ईराक (97 प्रतिशत), जोर्डन (93 प्रतिशत), मोरक्को (98 प्रतिशत), पाकिस्तान (97 प्रतिशत), सीरिया (90 प्रतिशत) व संयुक्त अरब अमीरात (96 प्रतिशत) में देखा जा रहा है।*

*🚩इन आंकड़ों से आप समझ सकते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कितना जरूरी है जबतक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं आता है तबतक हिंदुओं को कमसे कम 4 बच्चें तो पैदा करना ही चाहिए।*

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