Monday, July 8, 2024
जब ‘हिंदू’ अल्पसंख्यक हो जाएँगे तो हर गाँव होगा खड़कोना, हिंदू बोल भी नहीं पाएँगे
जब ‘हिंदू’ अल्पसंख्यक हो जाएँगे तो हर गाँव होगा खड़कोना, हिंदू बोल भी नहीं पाएँगे
9 July 2024
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🚩आपने शायद खड़कोना या कोरकोटोली का नाम न सुना हो। ये छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिले के दो गाँव हैं। मैं यहाँ गया हूँ। आप पूछ सकते हैं कि जिस देश में करीब 6.5 लाख गाँव हैं, उनमें से किन्हीं दो का नाम लेकर मैं क्या बताना चाहता हूँ? आप ये भी पूछ सकते हैं कि इन दोनों गाँवों के बारे में आपको क्यों जानना चाहिए?
🚩पिछले दिनों इलाहबाद हाई कोर्ट ने हिंदुओं का धर्मांतरण रोकने को कहते हुए कहा है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन बहुसंख्यक (हिंदू) अल्पसंख्यक हो जाएँगे। हाई कोर्ट उन्हीं हिंदुओं पर आए खतरे से सचेत कर रहा है, जिन्हें लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने सदन के भीतर ‘हिंसक’ बताया है। हाई कोर्ट ने जिस मामले में यह टिप्पणी की उसमें कैलाश नाम का एक व्यक्ति अपने गाँव के लोगों को दिल्ली की ‘कल्याण सभा’ में ले गया था। यह सभा असल में हिंदुओं को लालच देकर उन्हें ईसाई बनाने का एक उपक्रम था।
🚩खड़कोना या कोरकोटोली बताते हैं कि कैसे इसी तरह के उपक्रम से पहले हिंदुओं को धर्मांतरित किया जाता है। फिर जब धर्मांतरित लोग अपने गाँव में बहुसंख्यक हो जाते हैं तो उनके गाँव की पहचान बदली जाती है और अल्पसंख्यक हो चुके हिंदुओं का जीवन कठिन बना दिया जाता है।
🚩पहाड़ और जंगलों से घिरे खड़कोना और कोरकोटोली में मैं सितंबर 2022 में गया था। खड़कोना में आज 39 घर हैं। इनमें से हिंदुओं के केवल 5 घर ही बचे हैं। वहीं कोरकोटोली में 35 घर हैं। इनमें से केवल 7 परिवार अब हिंदू है। इन गाँवों की डेमोग्राफी बदलने का सिलसिला 1906 में ही शुरू हो गया था। खड़कोना के चर्च परिसर में लगा एक शिलापट्ट बताता है कि इन दोनों गाँवों के लोगों का पहली बार धर्मांतरण 21 नवंबर 1906 को हुआ था। उस तारीख को जिन 56 लोगों का बपतिस्मा हुआ था, उन सभी के नाम इस शिलापट्ट पर अंकित हैं। यह शिलापट्ट हिंदुओं के धर्मांतरण के 100 साल पूरे होने पर लगाया गया था।
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Sunday, July 7, 2024
रेप की कोशिश व हत्या के मामले में मौत की मिली थी सजा, हाइकोर्ट ने 11 साल बाद किया निर्दोष बरी
रेप की कोशिश व हत्या के मामले में मौत की मिली थी सजा, हाइकोर्ट ने 11 साल बाद किया निर्दोष बरी
8 July 2024
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🚩संयम और सदाचार की शिक्षा नही देने के कारण बलात्कार की घटनाएं बढ़ती जा रही है इसलिए महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाये गये लेकिन इसका दुरुपयोग भी भयंकर हो रहा है ।
🚩न्यायालय में बलात्कार के केस अधिकतर साबित ही नही हो पाते है । अधिक्तर न्यायालयों का मानना है कि कुछ लड़कियां बदला लेने या पैसे ऐठने के लिए झूठे केस दर्ज करवाती है । झूठे केस दर्ज करवाने के लिए कई गिरोह भी काम कर रहे है, इसी कारण घरेलू महिलाएं परेशान हो गई है आज किसी भी निर्दोष पुरुष पर झूठे केस दर्ज करने पर उसके साथ जुड़ी माँ, बहन, पत्नी, बेटियां को परेशानी होती है उनका पालन करने वाले को ही जेल भेज दिया जाता है तो फिर उनको घर सँभालना मुश्किल हो जाता है और कई निर्दोष साधु संतों को भी इस कानून के द्वारा फसाया जाता हैं।
🚩11 साल बाद निर्दोष बरी
🚩केरल हाई कोर्ट ने हाल ही में मौत की सजा पा चुके एक व्यक्ति को मुक्त कर दिया। वह 2013 से ही जेल में बंद था और 11 वर्षों की सजा काट चुका था। उसे निचली अदालत ने 2018 में मौत की सजा तक सुना दी थी। कोर्ट ने उसे ₹5 लाख का मुआवजा भी दिया है और कहा है कि उसके खिलाफ जाँच ढंग से नहीं हुई।
🚩केरल हाई कोर्ट की जस्टिस नाम्बियार और जस्टिस स्याम कुमार की एक बेंच ने यह निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की गड़बड़ जाँच इस तरफ इशारा करती है कि अभियुक्त गिरीश कुमार को झूठे तरीके से इस केस में फंसाया गया हो। कोर्ट ने जाँच वाले पहलू को गंभीरता से लिया।
🚩कोर्ट ने कहा, “निचली अदालत के सामने इस व्यक्ति को IPC की किसी भी धारा के तहत दोषी ठहराने के लिए कोई भी सबूत नहीं था जैसा उस पर आरोप लगाया गया था, उसे धारा 302 के तहत मौत की देना तो दूर की बात थी।” कोर्ट ने कहा कि मौत की सजा देते वक्त निचली अदालत ने गंभीरतम में भी गंभीर अपराध का मानक नहीं देखा।
🚩कोर्ट ने कहा कि किसी आदमी को भारतीय संविधान द्वारा दिए गए जीने के अधिकार केवल एक आधी अधूरी जाँच और फिर बिना सबूतों को देखे दिए गए फैसले के आधार पर नहीं छीना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों से जनता का विश्वास व्यवस्था में घटता है।
🚩कोर्ट ने इसी के साथ गिरीश कुमार को रिहा कर दिया और 11 वर्षों तक उसे जेल में रहने के कारण हुई पीड़ा को देखते हुए ₹5 लाख का मुआवजा भी दिए जाने का आदेश दिया। कोर्ट ने राज्य की तरफ से दलीलों को नहीं माना और निचली अदालत का मौत की सजा देने का निर्णय पलट दिया।
🚩मौत की सजा पाने वाले इस व्यक्ति गिरीश कुमार को 2013 में कोल्लम में एक महिला के घर में घुस कर उसे मारने का आरोप था। उस पर आरोप लगाया गया था कि वह महिला के घर में उसे मारने और उसका रेप करने की नीयत से घुसा था। उस पर ₹6 लाख की चोरी का भी आरोप था।
🚩इसे इसके बाद गिरफ्तार करके 2015 में मामला चलाना चालू किया गया था। 2018 में उसे मामले की सुनवाई पूरा करके दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी। उसने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। उसे मौत की सजा देने वाली निचली अदालत ने भी अपना निर्णय हाई कोर्ट को भेजा था।
🚩हाई कोर्ट ने कहा कि उसने जेल के भीतर बिना किसी अपराध किए ही इतने दिन गुजार दिए और इसमें लंबा समय उसके सर पर मौत की तलवार लहराती रही। हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करके उसे निर्दोष करार दिया है और रिहा कर दिया है।
🚩आपको बता दे की प्रतापगढ़ जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि 90 प्रतिशत बलात्कार के केस साबित ही नही हो पाते है । दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं।
🚩इन कानूनों का निर्माण महिला उत्थान के लिये किया गया था मगर आज पथभ्रष्ट महिलाएं इसका धड़ल्ले से दुरुपयोग कर रही हैं । सरकार को इन पथभ्रष्ट महिलाओं द्वारा किये जा रहे हर फर्जी केस पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए तथा ऐसी महिलाओं को कठोर से कठोर दंड देने चाहिए जो अपनी स्वार्थपूर्त्ति के लिए किसी के जीवन से खेल रही हैं ।
🚩महिलाओं उत्थान मंडल अध्यक्ष ने कहा कि हिन्दू संत आसारामजी बापू सदा हर वर्ग, हर प्राणी को ईश्वरीय सुख-शांति, आत्मिक निर्विकारी आनंद पहुँचाने का अथक प्रयास करते रहे हैं । समाज, संस्कृति और विश्वसेवा के दैवी कार्य में बापू आसारामजी का योगदान अद्वितीय है ।
🚩बापू आसारामजी के ओजस्वी जीवन एवं उपदेशों से असंख्य लोगों ने व्यसन, मांस आदि बड़ी सहजता से छोड़कर संयम-सदाचार का रास्ता अपनाया है ।
🚩एक 88 वर्षीय बुजुर्ग संत, जिन्हें करोड़ों लोगों के जीवन में संयम-सदाचार जागृत करने व उन्हें भगवान के रास्ते चलाने तथा करोड़ों दुःखियों के चेहरों पर मुस्कान लाने का श्रेय जाता है उनको झूठे केस में फसाया गया है अब तो उन्हे रिहा करना ही चाहिए ।
🚩आम जनता के अलावा राष्ट्रहित में क्रांतिकारी पहल करनेवाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों, संतों-महापुरुषों एवं समाज के लिए आगे आने वाले के खिलाफ बलात्कार कानूनों का राष्ट्र एवं संस्कृति विरोधी ताकतों द्वारा कूटनीतिपूर्वक अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है। इसमे जो खामियां है उसको दूर करना चाहिए । तभी निर्दोष पुरूष बच सकेंगे।
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Friday, July 5, 2024
अगर हिंदू हिंसक होते तो क्या होता ?
अगर हिंदू हिंसक होते तो क्या होता ?
6 July 2024
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🚩एक अपरिपक्व नेता ने हिंदुओं को नफरत और हिंसा फैलाने वाला कहा है। हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि उसका स्वाध्याय बहुत कमजोर है। आप इस्लाम का इतिहास और मजहबी पुस्तक कुरान उठाकर देखिए आपको पता चल जायेगा कि नफरत कौन फैला रहा है।
🚩एक कवि ने लिखा की अगर हिंदू हिंसक होते तो क्या होता...
🚩आतंक का कोई मज़हब नहीं
जो रोज हमें समझाते हैं
🚩हिंदू हिंसक होते है
ये संसद में चिल्लाते हैं
🚩कमर में बाँधके बम
फटने क्या हिंदू कोई जाता है
🚩सर तन से जुदा के नारें
कोई हिंदू कहीं लगाता हैं ?
🚩हिंदू हिंसक होता तो
पंडित बेघरबार नहीं होते
🚩हिंदू हिंसक होता तो
अमरनाथ पे वार नहीं होते
🚩हिंदू हिंसक होता तो
मोपला का नरसंहार भी रुक जाता
🚩हिंदू हिंसक होता तो
जिन्ना का सर भी झुक जाता
🚩हिंदू हिंसक होता तो
भारत का बँटवारा क्यूँ होता
🚩हिंदू हिंसक होता तो
वक़्फ़ बोर्ड गँवारा क्यूँ होता
🚩हिंदू हिंसक होता तो
मंदिर के लिए कोर्ट तक क्यों जाते
🚩हिंदू हिंसक होता तो
काशी मथुरा भी बन जाते
🚩हिंदू हिंसक होता तो
बंगाल में मारा क्यों जाता
🚩हिंदू हिंसक होता तो
सनातन को दुतकारा क्यों जाता
🚩हिंदू हिंसक होता तो बेटियाँ
सूटकेस में क्यों आती
🚩हिंदू हिंसक होता तो
कन्हैया लाल की जान भी क्यों जाती
🚩हिंदू हिंसक होता तो
गौमाता पर चाक़ू ना चलते
🚩हिंदू हिंसक होता तो
ग़ज़वा ए हिंदू के ख़्वाब ना पलते
🚩इटली का DNA वाले
हिंदू का मतलब क्या जाने
🚩स्वयं को गर्व से हिंदू कहते हैं
हम भारत माँ की संतानें
🚩संसद में बोलते हुए सांसद संतोष पांडेय ने कहा, “राहुल गाँधी ने जो शुरुआत की है, जिस तरह हिंदुत्व और BJP को हिंसक कहा था, उनसे मेरे कुछ सवाल हैं। क्या हिन्दू हिंसक हो रहा है? भाजपा हिंसा की बात करती है? हिंदुस्तान में हिंसा कौन फैला रहा है, हिन्दू कितना हिंसक है – पूरा भारत जानता है। कर्नाटक में BJYM कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारू और राजस्थान के टेलर कन्हैया लाल की गला रेत कर हत्या हिन्दू समाज ने की है? जम्मू कश्मीर में बम विस्फोट करने वाले कौन से समाज के हैं?”
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Thursday, July 4, 2024
शपथ के लिए खालिस्तानी अमृतपाल और अब्दुल राशिद को पैरोल, संत 12 साल से जेल में
शपथ के लिए खालिस्तानी अमृतपाल और अब्दुल राशिद को पैरोल, संत 12 साल से जेल में
5 July 2024
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🚩खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लोकसभा सांसद पद की शपथ लेने के लिए के लिए पैरोल मिल गई है। वह 5 जुलाई, 2024 को लोकसभा सांसद पद की शपथ लेगा। अमृतपाल को पंजाब के खडूर साहिब से सांसद चुना गया है। उसके पैरोल की जानकारी दूसरे खालिस्तान समर्थक सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने दी है।
🚩बताया गया है कि अमृतपाल सिंह को 4 दिन के लिए पैरोल दी गई है। अभी अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। इस बात की संभावना है कि उसे डिब्रूगढ़ से सीधे हेलीकॉप्टर के माध्यम से दिल्ली लाया जाएगा, जहाँ उसे सांसद के तौर पर शपथ दिलाई जाएगी। अमृतपाल सिंह की पैरोल को लेकर पंजाब सरकार ने स्पीकर ओम बिरला को आवेदन भेजा था।
🚩अमृतपाल सिंह को UAPA मामले में डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया है, वह बीते वर्ष से ही यहाँ बंद है। उसके नेतृत्व में मोहाली में एक थाने पर हमला हुआ था, इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उस पर कार्रवाई की थी। उसके कई साथी भी गिरफ्तार किए गए थे।
🚩अमृतपाल सिंह से पहले जम्मू कश्मीर के बारामुला से सांसद चुने गए निर्दलीय अलगाववादी नेता राशिद को भी शपथ लेने की अनुमति मिली थी। इंजीनियर राशिद को भी 5 जुलाई, 2024 को शपथ दिलाई जानी है। उसे के कोर्ट ने 2 घंटे की पैरोल दी है।
🚩2019 से जेल में हैं राशिद
🚩शेख अब्दुल्ल राशिद, साल 2019 से जेल में है, जब एनआईए ने उस पर आतंकी फंडिंग मामले में कथित संलिप्तता के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाया था। मौजूदा वक्त में वो तिहाड़ जेल में बंद हैं।
🚩पूर्व विधायक का नाम कश्मीरी बिजनेसमेन जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिनको एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
🚩देश को खंड खंड करने की विचारधारा रखने वाले को पैरोल मिल रही है लेकिन भारत का अखंड करने के लिए तन मन धन से प्रयास करने वाले हिंदू संत आशाराम बापू आज भी झूठे केस में जेल में बंद है।
🚩आपको बता दें कि स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व हिंदू संत आसाराम बापू ने किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शुरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगों को व्यसनमुक्त किया, करोड़ो लोगों में सनातन धर्म की लो जगाई, धर्मान्तरण पर रोक लगाई, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य तन मन धन से किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं और उन्हें जमानत हासिल नहीं हो पा रही है।
🚩जनता की मांग है की हिंदू संत आशाराम बापू निर्दोष है, उनको रिहा करना चाहिए।
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Wednesday, July 3, 2024
हिन्दुओं को हिंसक बताने वाले राहुल गाँधी, शिवजी का त्रिशूल अंधकासुर जैसों को गाड़ने के लिए भी है
हिन्दुओं को हिंसक बताने वाले राहुल गाँधी, शिवजी का त्रिशूल अंधकासुर जैसों को गाड़ने के लिए भी है
4 July 2024
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🚩संसद सत्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने एक बार फिर से पूरे हिन्दू समाज को निशाना बनाया है। उन्होंने एक तरह से हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले सभी लोगों को हिंसक बता दिया। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की इस कारस्तानी ने प्रधानमंत्री ने खुद उठ कर जवाब दिया। हिन्दू धर्म को लेकर राहुल गाँधी की घृणा अब छिपी हुई बात नहीं है। उन्होंने इससे पहले कहा था कि जो लोग मंदिर जाते हैं वो लड़कियाँ छेड़ते हैं।
🚩आज उन्हीं राहुल गाँधी ने एक बार फिर से हिन्दू धर्म के प्रति अपनी घृणा का प्रदर्शन करते हुए संसद के नियम-कानूनों की धज्जियाँ उड़ा दीं। उन्होंने संपूर्ण हिन्दू समाज को कलंकित करने के लिए भगवान शिव की तस्वीर का भी सहारा लिया। राहुल गाँधी ने आपत्तियों के बावजूद अपने कहे पर माफ़ी नहीं माँगी और इसे सही ठहराने के लिए भाजपा-RSS का नाम लेकर इन्हें भी हिंसक बताने लगे। साथ ही ‘अभय मुद्रा’ का भी मजाक बनाया।
🚩भगवान शिव ने त्रिशूल सिर्फ दिखाने के लिए नहीं रखा है
🚩राहुल गाँधी ने इस दौरान बड़ा झूठ बोला कि भगवान शिव अपने त्रिशूल का इस्तेमाल नहीं करते। जब शिव योग में लीन होते है, साधना में तन्मय होते हैं और ध्यानमग्न होते हैं – तब स्पष्ट है कि वो त्रिशूल का उपयोग नहीं करेंगे और वो एक तरफ रखा रहेगा। लेकिन, जब सृष्टि के लिए खतरा बनने वाले राक्षसों के संहार की बात आती है, तब वो अवश्य ही त्रिशूल का इस्तेमाल करते हैं। महादेव का त्रिशूल तो सृष्टि के प्रादुर्भाव, पोषण और संहार का प्रतीक है, सत्व, राजस और तमोगुण का प्रतीक है, भूत, वर्तमान और भविष्य का, भू, स्वर्ग और पाताल लोक का प्रतीक है।
🚩जिस तरह राहुल गाँधी एक बार झूठ बोलते हैं, फिर कॉन्ग्रेस के सारे नेता इस झूठ को बार-बार दोहराते हैं और प्रोपेगंडा फैलाते हैं, ऐसे में हमें अंधक-असुर की कथा जाननी चाहिए। अंधक-असुर मार्कण्डेय पुराण के दुर्गा सप्तशती में वर्णित रक्तबीज के समान ही था। अंधकासुर के रक्त की एक बूँद जमीन पर गिरती थी तो उससे एक और अंधकासुर पैदा हो जाता था। तब शिव ने उसके वध के लिए अपने त्रिशूल का उपयोग किया था और उसके रक्त से पैदा होने वाला अंधकासुरों का भक्षण करने के लिए कई मातृकाओं का निर्माण किया – मस्त्य पुराण में ऐसी कथा है।
🚩बहुत कम लोगों को ये पता होगा, लेकिन भगवान शिव ने त्रिशूल से भी अधिक अपने धनुष का उपयोग किया है। जब संपूर्ण सृष्टि पर त्रिपुरासुर नामक राक्षस कहर बरपा रहा था, तब महादेव ने धनुष से पशुपति-अस्त्र संधान कर उसका वध किया था। शिव के धनुष का नाम ‘पिनाक’ है, इसीलिए उन्हें ‘पिनाकी’ भी कहा गया। जब राक्षसों का आतंक होता है, तब युद्ध आवश्यक हो जाता है। बिना युद्ध के वो लोग शांत नहीं होते, जो राक्षस प्रवृत्ति के हैं।
🚩और सिर्फ भगवान शिव ही क्यों, हनुमान जी के पास गदा है, श्रीहरि के पास सुदर्शन चक्र है, देवराज इंद्र के पास वज्र है, श्रीराम के पास धनुष है, माँ दुर्गा के पास तो सारे अस्त्र-शस्त्र हैं। शास्त्र की रक्षा भी तभी हो पाती है, जब आपके पास शस्त्र हों। वन में ऋषि-मुनियों की यज्ञ-तपस्या में विघ्न डालने वाले राक्षसों के सफाए के लिए विश्वामित्र श्रीराम को लेकर गए थे। पुण्यात्माओं की रक्षा के लिए शस्त्रधारियों का अस्तित्व आवश्यक है। शिव का त्रिशूल उनके बदल में नहीं रहेगा तो उनकी साधना में विघ्न डालने वाले भी वहाँ पहुँच जाएँगे।
🚩हिंसा-हिंसा-हिंसा… फिर हिन्दू धर्म की गलत व्याख्या कर रहे राहुल गाँधी
🚩राहुल गाँधी कहते है कि हिंसा हिन्दुओं का स्वभाव है। दूसरी बात वो ये कहते हैं कि हिन्दू धर्म में हिंसा के लिए मना किया गया है। वो दोनों ही मामलों में गलत हैं। हिन्दू धर्म में नियम-कानून तभी हैं, जब सामने वाला भी उन पर चल रहा हो। अब जो सीमा पर हमारे जवान खड़े हैं, उन पर पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी होगी तो हम अपने जवानों को अहिंसा का सन्देश नहीं देंगे। आतंकी गोलीबारी करते हुए घुसपैठ करेंगे तो उन्हें रोकने के लिए सेना को शस्त्र का इस्तेमाल करना होगा।
🚩ये देश तभी सुरक्षित है, जब 50 लाख से भी अधिक भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के जवान अपने हाथों में शस्त्र लेकर तैनात हैं। तभी राहुल गाँधी भी बकैती कर पा रहे हैं और अहिंसा का सन्देश दे रहे हैं। जब किसी द्रौपदी को भरी सभा में अपमानित किया जाता है, तब महाभारत होता है। जब किसी सीता का बलात् अपहरण होता है, तब राम-रावण युद्ध होता है, जब पाकिस्तान घुसपैठ करता है तब कारगिल होता है, जब नक्सली नरसंहार करते हैं तब सुरक्षा बलों को लगाया जाता है।
🚩यही हिन्दू धर्म है, अहिंसा के पालन के लिए आपको हिंसा के छत्र की ज़रूरत होती है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को ही ले लीजिए, क्या आप सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह या फिर चंद्रशेखर आज़ाद को हिंसक कहेंगे? कतई नहीं। क्या आप भारतीय सेना के जवानों को हिंसक कहेंगे? नहीं ना। क्या आप राम-कृष्ण को हिंसक कहेंगे – बिलकुल नहीं। राहुल गाँधी तो सिर्फ इन्हें ही नहीं, बल्कि संपूर्ण हिन्दू समाज को हिंसक बता रहे हैं। हिन्दू धर्म से उनकी कैसी घृणा है?
🚩ये वही कॉन्ग्रेस है, जिसने UPA काल में सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया था कि श्रीराम काल्पनिक हैं। राहुल गाँधी ने इसी तरह लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियान के दौरान माँ दुर्गा का अपमान किया था। उन्होंने ‘शक्ति का विनाश करने’ की बात की थी। यही सपना महिषासुर, चण्ड-मुण्ड और रक्तबीज ने भी देखा था। 2022 में राहुल गाँधी को तमिलनाडु में एक पादरी से ज्ञान लेते हुए भी देखा गया था, जिसमें उसने शक्ति सहित अन्य हिन्दू देवी-देवताओं को नकारते हुए जीसस क्राइस्ट को एकमात्र भगवान बताया था।
🚩राहुल गाँधी के सोशल मीडिया हैंडलों से जब भी किसी हिन्दू पर्व-त्योहार की शुभकामना दी जाती है तो किसी भी देवी-देवता की तस्वीर नहीं लगाई जाती है। जैसे, रामनवमी पर तीर-धनुष और जन्माष्टमी पर बाँसुरी की तस्वीर डाल कर इतिश्री कर ली जाती है। आखिर इस घृणा का कारण क्या है? इतनी घृणा है तो वो चुनाव के समय मंदिरों का दौरा क्यों करते हैं? कॉन्ग्रेस की साथी पार्टी DMK के उदयनिधि स्टालिन कहते हैं कि सनातन धर्म डेंगू-मलेरिया है, इसे खत्म करना होगा। सोचिए, इस तरह के लोग केंद्र की सत्ता में आ जाएँगे तो क्या होगा।
🚩हिन्दू धर्म कट्टर नहीं है, ‘अभय मुद्रा’ के लिए शस्त्र आवश्यक है
राहुल गाँधी को ये समझना चाहिए कि हिन्दू धर्म में अहिंसा या हिंसा का कोई कट्टर सिद्धांत नहीं है। रामायण में कथा है कि कैसे जब श्रीराम भी 3 दिन तक समुद्र से अनुनय-विनय कर रास्ता माँगते रहे लेकिन वो टस से मस नहीं हुआ। फिर उन्होंने धनुष पर बाण का संधान किया और इस तरह समुद्र तुरंत त्राहि-त्राहि कर प्रकट हुआ। आपके पास शक्ति नहीं है, शस्त्र नहीं है तो आप पुण्यकारी कार्यों में भी असमर्थ होंगे। ”राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की इन पंक्तियों को देखिए:
सच पूछो, तो शर में ही
बसती है दीप्ति विनय की
सन्धि-वचन संपूज्य उसी का
जिसमें शक्ति विजय की।
सहनशीलता, क्षमा, दया को
तभी पूजता जग है
बल का दर्प चमकता उसके
पीछे जब जगमग है।
🚩यानी, आपके अहिंसा वाले सिद्धांतों को कोई नहीं पूछेगा अगर उसके पीछे कोई शक्ति न हो, आपने अनुनय-विनय पर कोई नहीं पसीजेगा अगर आपमें जीत की शक्ति न हो। खासकर सामने राक्षस प्रवृत्ति के लोग हों तो ये सब मायने नहीं रखता। हम हिन्दुओं का प्राचीनतम ग्रन्थ ऋग्वेद है। उसमें भी मारुतों से प्रार्थना की गई है कि वो यज्ञ में बाधा बनने वाले राक्षसों को पीस डाले, इंद्र से निवेदन किया गया है कि वो वज्र से राक्षसों को नष्ट करें। क्या राहुल गाँधी अब ऋग्वेद का भी पुनर्लेखन कराएँगे वामपंथी इतिहासकारों द्वारा? आइए, राहुल गाँधी को उदाहरण भी दे देते हैं:
🚩ए॒त उ॒ त्ये प॑तयन्ति॒ श्वया॑तव॒ इन्द्रं॑ दिप्सन्ति दि॒प्सवोऽदा॑भ्यम् ।
शिशी॑ते श॒क्रः पिशु॑नेभ्यो व॒धं नू॒नं सृ॑जद॒शनिं॑ यातु॒मद्भ्य॑: ॥ (ऋग्वेद 7.104.20)
इसका अर्थ है – “जो राक्षस कुत्तों के समान झपटते हैं एवं जो अहिंसनीय इंद्र की हिंसा करना चाहते हैं, इंद्र उन कपटियों को मारने के लिए अपना वज्र तेज करते हैं। इंद्र उन राक्षसों के ऊपर अपना वज्र शीघ्र फेंकें।” यानी, ऋग्वेद भी सन्देश देता है कि न्यायशील जनों की रक्षा के लिए वज्र आवश्यक है। ऋग्वेद ‘र॒क्षस॒: सं पि॑नष्टन‘ का संदेश देता है, यानी राक्षसों के सर्वनाश का। अतः, राहुल गाँधी को समझना चाहिए कि त्रिशूल सिर्फ जमीन में गाड़ने के लिए नहीं है, अंधकासुर जैसों के वध के लिए भी है। लेखक:
अनुपम कुमार सिंह
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Tuesday, July 2, 2024
इन्दौर में 30+ मुस्लिम गौ मूत्र से स्नान कर मंदिर पहुँचे, हवन कर बन गए हिंदू
इन्दौर में 30+ मुस्लिम गौ मूत्र से स्नान कर मंदिर पहुँचे, हवन कर बन गए हिंदू
3 July 2024
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🚩ये बिल्कुल सत्य है कि सनातन धर्म आज के दिन विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म है जो बिना प्रचार प्रसार के ही फैल रहा है, जिसे विश्व के लोग प्रेम से अपना रहे है।
🚩हिन्दू धर्म को अपनाने का मुख्य कारण है इसका वैदिक ज्ञान जो “वसुधैव कुटुम्बकम्”, “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की बात करता है, इसके धर्मग्रंथों यथा वेद और श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान जो निष्काम कर्म और आत्मा परमात्मा का ज्ञान प्रदान करता है, इसकी परंपराएं जो वैज्ञानिक सिद्ध हो चुकी है।
🚩डॉ. एनी बेसेन्ट ने कहा था कि उन्होंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बडे धर्मों का अध्ययन करके पाया कि हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है।
🚩आपको बता दे कि मध्य प्रदेश के इंदौर में 30 लोगों ने इस्लाम छोड़ सनातन में घर वापसी कर ली। इन्होने इसी के साथ अपने इस्लामी नाम छोड़ कर हिन्दू नाम अपना लिए हैं। इनकी हिन्दू धर्म में घर वापसी के लिए विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इन सभी ने कानूनी रूप से भी धर्म छोड़ने का आवेदन दे दिया है।
🚩घर वापसी के अनुष्ठान का यह आयोजन इंदौर के खजराना मंदिर में किया गया। यहाँ यज्ञ भी किया गया। इसमें हिन्दू धर्म में प्रवेश करने वाले सभी लोग शामिल हुए। इससे पहले इन्हें गंगाजल-गोमूत्र समेत देश की 10 विभिन्न नदियों से जल से स्नान भी करवाया गया।
🚩हिन्दू धर्म में घर वापसी करने वालों में कई महिलाएँ भी शामिल हैं। इन लोगों ने अपने धर्म परिवर्तन को कानूनी रूप देने के लिए भी इंदौर के कलेक्टर को आवेदन दिया है। इससे आगे पहचान पत्रों में भी इनकी पहचान बदली जा सकेगी। हिन्दू धर्म में घर वापसी करने वालों ने नाम भी बदले हैं।
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🚩घर वापसी करने वालों में निलोफर शेख से निकिता, अख्शा शेख से आकांक्षा, रज्जाक से रोहित, अबरार से अभिषेक, मुबारिक से मनीष और रुकैय्या से रुकमनी समेत सभी लोगों ने अपने नाम बदले हैं। इनकी घर वापसी विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं की संरक्षा में हुई है। इन्होंने कहा है कि सनातन से श्रेष्ठ कुछ नहीं है।
🚩विश्व हिन्दू परिषद के मालवा प्रांत प्रमुख संतोष शर्मा ने इस विषय में ऑपइंडिया को बताया, “यह सभी लोग स्वेच्छा से हिन्दू धर्म में घर वापसी कर रहे हैं। इन लोगों ने हमसे कुछ समय पहले हिन्दू धर्म में शामिल होने के लिए सम्पर्क साधा था। इसके बाद इनके लिए इंतजाम करवाए गए। यह सभी जन्म से ही मुस्लिम थे और अब हिन्दू बन रहे हैं।”
🚩संतोष शर्मा ने बताया कि वह पहले भी हिन्दू धर्म में प्रवेश लेने वालों की सहायता करते आए हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी उनके सम्पर्क में काफी ऐसे लोग हैं जो हिन्दू धर्म में शामिल होना चाहते हैं, उनकी भी घर वापसी जल्द ही करवाई जाएगी।
🚩अप्रैल में भी हुई थी घर वापसी
इससे पहले अप्रैल माह में भी खजराना मंदिर में 8 मुस्लिमों ने हिन्दू धर्म में घर वापसी की थी। घर वापसी करने वाले 8 लोगों में 3 महिलाएँ भी शामिल थीं। हिन्दू धर्म में घर वापसी करने वाले लोगों ने अपने नाम भी बदले थे।
🚩इन आठ लोगों में हैदर शेख भी शामिल थे। उन्होंने हरि नारायण नाम अपनाया था। इसके बाद उन्हें फ़ोन पर लगातार धमकियाँ मिल रहीं थी। कुछ बदमाशों ने हरि नारायण के घर पर हमला भी कर दिया था। उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी।
🚩हरि नारायण ने अब इस मामले में थाने में शिकायत दी थी। इस शिकायत में हरि नारायण ने कहा था कि धर्म परिवर्तन करने की वजह से मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उनको धमकी दी गई और उनके घर पर पत्थर से हमला किया गया।
🚩इतने लोग घर वापसी कर रहे है इससे साफ होता है की अन्य मजहब में जो नही है वो केवल सनातन धर्म मिलता है इसलिए भ्रमित हो गए थे वे लोग फिर से घर वापसी कर रहे हैं।
🚩जिन्होंने परतंत्रता काल में आत्मरक्षा के लिये इस्लाम स्वीकार कर लिया था, अपने हिन्दू रीति रिवाज नहीं छोड़े थे और निरन्तर अपने पूर्वजों के धर्म में लौटने के लिए प्रयत्नशील थे। वे आज फिर से सनातन धर्म में वापसी कर रहे हैं।
🚩एक तरफ जहाँ इस्लाम धर्म को फैलाने के लिए मुस्लिम जिहाद, लव जिहाद जैसे अमानवीय कृत्य कर रहे हैं, ईसाई मिशनरियां पैसे, छल, बल द्वारा गरीबों,आदिवासियों, मजबूरों का धर्म परिवर्तन कर रही है वहीं दूसरी और अपनी महान, वैदिक और वैज्ञानिक परम्पराओं की वजह से हिन्दू धर्म को लोग बिना प्रचार प्रसार के ही अपना रहे हैं। जहां रोगों को चमत्कार से दूर करने की बात करने वाले सैकड़ों पादरी और मौलवी कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मर गए वहीं हिन्दू संतों द्वारा खोजा गया योग, प्राणयाम, जप और संतों द्वारा शाकाहार जीवनशैली की शिक्षा और दूसरी सनातन परम्पराएं पूरे विश्व की कोरोना वायरस से रक्षा की हैं। ये
🚩गर्व की बात है कि हमारा जन्म भारत में हुआ।
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Monday, July 1, 2024
मुगलों का नही भारत के इन महान राजाओं का इतिहास हिंदुओं को पढना चाहिए
मुगलों का नही भारत के इन महान राजाओं का
इतिहास हिंदुओं को पढना चाहिए
2 July 2024
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🚩भारत के इतिहास में छेड़छाड़ करके केवल क्रुर लुटेरे बलात्कारी मुगलों और अंग्रेजों को ही पढ़ाया गया, भारत के महान वीर राजाओं को गायब कर दिया जिन्होने मुगलों और अंग्रेजों को धूल चटाई थी, अपने पूर्वज उन महान राजाओं के बारे में सुनकर आप भी गौरविंत महसूस करेंगे ।
🚩1. बप्पा रावल - अरबो, तुर्को को कई हराया ओर हिन्दू धरम रक्षक की उपाधि धारण की
🚩2. भीम देव सोलंकी द्वितीय - मोहम्मद गौरी को 1178 मे हराया और 2 साल तक जेल मे बंधी बनाये रखा
🚩3. पृथ्वीराज चौहान - गौरी को 16 बार हराया और और गोरी बार बार कुरान की कसम खा कर छूट जाता ...17वी बार पृथ्वीराज चौहान हारे
🚩4. हम्मीरदेव (रणथम्बोर) - खिलजी को 1296 मे अल्लाउदीन ख़िलजी के 20000 की सेना में से 8000 की सेना को काटा और अंत में सभी 3000 राजपूत बलिदान हुए राजपूतनियो ने जोहर कर के इज्जत बचायी .. हिंदुओं की ताकत का लोहा मनवाया
🚩5. कान्हड देव सोनिगरा – 1308 जालोर मे अलाउदिन खिलजी से युद्ध किया और सोमनाथ गुजरात से लूटा शिवलिगं वापिस राजपूतो के कब्जे में लिया और युद्ध के दौरान गुप्त रूप से विश्वनीय राजपूतो , चरणो और पुरोहितो द्वारा गुजरात भेजवाया तथा विधि विधान सहित सोमनाथ में स्थापित करवाया
🚩6. राणा सागां - बाबर को भिख दी और धोका मिला ओर युद्ध । राणा सांगा के शरीर पर छोटे-बड़े 80 घाव थे, युद्धों में घायल होने के कारण उनके एक हाथ नही था एक पैर नही था, एक आँख नहीं थी उन्होंने अपने जीवन-काल में 100 से भी अधिक युद्ध लड़े थे।
🚩7. राणा कुम्भा - अपनी जिदगीँ मे 17 युद्ध लडे एक भी नही हारे।
🚩8. जयमाल मेड़तिया - ने एक ही झटके में हाथी का सिर काट डाला था। चित्तोड़ में अकबर से हुए युद्ध में जयमाल राठौड़ पैर जख्मी होने कि वजह से कल्ला जी के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे, ये देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को चतुर्भुज भगवान की याद आयी थी, जंग में दोनों के सिर काटने के बाद भी धड़ लड़ते रहे और 8000 राजपूतो की फौज ने 48000 दुश्मन को मार गिराया ! अंत में अकबर ने उनकी वीरता से प्रभावित हो कर जयमाल मेड़तिया और पत्ता जी की मुर्तिया आगरा के किलें में लगवायी थी.
🚩9. मानसिहं तोमर - महाराजा मान सिंह तोमर ने ही ग्वालियर किले का पुनरूद्धार कराया और 1510 में सिकंदर लोदी और इब्राहीमलोदी को धूल चटाई
🚩10. रानी दुर्गावती - चंदेल राजवंश में जन्मी रानी दुर्गावती राजपूत राजा कीरत राय की बेटी थी। गोंडवाना की महारानी दुर्गावती ने अकबर की गुलामी करने के बजाय उससे युद्ध लड़ा 24 जून 1564 को युद्ध में रानी दुर्गावती ने गंभीर रूप से घायल होने के बाद अपने आपको मुगलों के हाथों अपमान से बचाने के लिए खंजर घोंपकर आत्महत्या कर ली।
🚩11. महाराणा प्रताप - इनके बारे में तो सभी जानते ही होंगे ... महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो था और कवच का वजन 80 किलो था और कवच, भाला, ढाल, और हाथ मे तलवार का वजन मिलाये तो 207 किलो था।
🚩12. जय सिंह जी - जयपुर महाराजा ने जय सिंह जी ने अपनी सूझबूझ से छत्रपति शिवजी को औरंगज़ेब की कैद से निकलवाया बाद में औरंगजेब ने जयसिंह पर शक करके उनकी हत्या विष देकर करवा डाली
🚩13. छत्रपति शिवाजी - मराठा वीर वंशज छत्रपति शिवाजी ने औरंगज़ेब को हराया तुर्को और मुगलो को कई बार हराया
🚩14. रायमलोत कल्ला जी का धड़ शीश कटने के बाद लड़ता- लड़ता घोड़े पर पत्नी रानी के पास पहुंच गया था तब रानी ने गंगाजल के छींटे डाले तब धड़ शांत हुआ उसके बाद रानी पति कि चिता पर बैठकर सती हो गयी थी।
🚩15. सलूम्बर के नवविवाहित रावत रतन सिंह चुण्डावत जी ने युद्ध जाते समय मोह-वश अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर युद्ध में मेरे मोह के कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के तौर
पैर अपना सर काट के दे दिया था, अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका औरंगजेब की सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए शहीद हो गये थे।
🚩16. औरंगज़ेब के नायक तहव्वर खान से गायो को बचाने के लिए पुष्कर में युद्ध हुआ उस युद्ध में 700 मेड़तिया राजपूत वीरगति प्राप्त हुए और 1700 मुग़ल मरे गए पर एक भी गाय कटने न दी उनकी याद में पुष्कर में गौ घाट बना हुआ है।
🚩17. एक राजपूत वीर जुंझार जो मुगलो से लड़ते वक्त शीश कटने के बाद भी घंटो लड़ते रहे आज उनका सिर बाड़मेर में है, जहा छोटा मंदिर हैं और धड़ पाकिस्तान में है।
🚩18. जोधपुर के यशवंत सिंह के 12 साल के पुत्र पृथ्वी सिंह ने हाथो से औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला था।
🚩19. करौली के जादोन राजा अपने सिंहासन पर बैठते वक़्त अपने दोनो हाथ जिन्दा शेरो पर रखते थे।
🚩20. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 राजपूत सैनिक थे और अकबर की और से 85000 सैनिक थे फिर भी अकबर की मुगल सेना पर हिंदू भारी पड़े।
🚩21. राजस्थान पाली में आउवा के ठाकुर खुशाल सिंह 1857 में अजमेर जा कर अंग्रेज अफसर का सर काट कर ले आये थे और उसका सर अपने किले के बाहर लटकाया था तब से आज दिन तक उनकी याद में मेला लगता है।
🚩इसके अतरिक्त बहुत से हिन्दू योद्धा हुए है इस धरती पर जिनका नाम यहाँ नहीं किन्तु इससे उनका भारत को दिया योगदान कम नहीं होगा।
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