हिंदुस्तान में हिन्दूवादी सरकार में ही अगर हिन्दू मंदिर तुटेंगे और श्री राम मंदिर बन नही रहा है तो हिन्दुओं के लिए बड़ा दुर्भाग्य की बात है । हिन्दूवादी सरकार के समय मंदिर तुटे तो अन्य सरकार से तो हिन्दुत्व के लिए कुछ अच्छा कार्य की कैसे अपेक्षा कर सकते ?
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावक्षेत्र वाराणसी के साधुसंत भाजपा के प्रति असंतुष्ट हैं ! वे यहां के प्रस्तावित विश्वनाथ महामार्ग निर्माण का विरोध कर रहे हैं; क्योंकि इस महामार्ग निर्माण के लिए इस मार्गपर स्थित 20 मंदिर गिराए जाएंगे ! उसके कारण साधु-संत आंदोलन भी चलानेवाले हैं ! (साधु-संतों को आंदोलन चलाने के लिए बाध्य करना, शासन के लिए लज्जास्पद ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात) इस महामार्ग को केंद्र बनाकर वाराणसी नगर के विकास का प्रयास किया जानेवाला है !
*1.* यहां के साधु-संतों का यह कहना है कि मोदी सरकार इस प्राचीन नगर की धरोहर तथा प्राचीन सुंदरता को बिगाडने का प्रयास कर रही है ! इसके विरोध में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी के नेतृत्व में इसके पहले ही धरना आंदोलन किया है !
*2.* स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी का कहना है कि एक ओर मोदी सरकार अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण की इच्छुक है तो दूसरी ओर यहां की 20 से भी अधिक मंदिरों को गिराने की योजना बना रही है !
Shankaracharya and Sadhus-Saints, who were in the midst of breaking the 20 temples in Varanasi |
*3.* स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी ने आगे कहा कि, शीघ्र ही भाजपा सरकार के विरोध में नगर में बडा आंदोलन चलाया जाएगा । यदि हमारे मंदिरों को गिराया गया अथवा उनके स्वरूप में परिवर्तन किए गए, तो इसका व्यापक स्तर पर कड़ा विरोध किया जाएगा !
*4.* नगर के मंदिर तथा प्राचीन धरोहरों को बचाने के लिए ‘धरोहर बचाव समिति’ की स्थापना की गई है । मंदिरों को बचाने के लिए चलाए जानेवाले इस आंदोलन में द्वारका तथा ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी भी भाग लेंगे । उन्होंने ही अपने प्रतिनिधि के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी को नियुक्त किया है । स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी शंकराचार्य के उत्तराधिकारी हैं ।
मंदिरों को गिराने के पश्चात क्या सरकार नए मंदिरों का निर्माण करेगी ?
क्या सरकार देश में महामार्ग अथवा सामान्य मार्ग निर्माण में बाधा बननेवाली मस्जिदों को गिराने का साहस दिखा सकती है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात
मंदिर वहीं नहीं बनाया, तो बीजेपी नहीं रहेगी
लखनऊ : राममंदिर बनाने के मुद्दे को लेकर साधुओं का एक दल, जिसमें महंत सुरेशदासजी महाराज भी शामिल हैं, महंत सुरेशदासजी महाराज ने साधुओं और मुख्यमंत्री के साथ बैठक की और राम मंदिर मुद्दे पर भी चर्चा की।
गौरतलब है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मीडिया से कहा था कि भारतीय जनता पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव केवल विकास के मुद्दे पर लड़ेगी। इस पर पलटवार करते हुए 5 जून को महंत सुरेशदासजी महाराज ने भाजपा को चेतावनी दी थी।
उन्होंने कहा था कि यदि भाजपा ने 2019 में राम मंदिर का निर्माण नहीं कराया तो सत्ता में आने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हम जानते हैं कि सरकार को कैसे उखाड फेंकना है।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
श्रीराम का मामला हिंदुओं के लिए आस्था और विश्वास का है। अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए हर हिंदू प्रतिबद्ध है। सरकार को शीघ्र राममंदिर बनाना चाहिए ।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष #नृत्यगोपालदासजी ने भी कहा है कि हम बुजुर्ग हो गए हैं हम सभी का एक ही #सपना है कि #अयोध्या में श्रीराम मंदिर बन जाए। सिंघल तो इस सपने को देखते-देखते ही चले गए ।
भाजपा सरकार हमें तो यह सपना पूरा करके दिखा दीजिए ।
हिंदुओं ने इस लिए भाजपा सरकार को वोट दिया था कि #हिन्दू #संस्कृति की धरोहर की रक्षा हो और हिन्दू संस्कृति के आधार स्तंभ #साधु-संतो की भी रक्षा हो ।
सरकार को मंदिर तोड़ने का बन्द करना चाहिए, निर्दोष संतों को रिहा कर देना चाहिए और राम मंदिर का कार्य #शीघ्र चालू कर देना चाहिये । जिससे कारण फिर से बहुतमत से आ सके ।
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