27 June 2018
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कैथलिक चर्च कि दया, शांति और कल्याण कि असलियत दुनिया के सामने उजागर हो ही गयी है । मानवता और कल्याण के नाम पर क्रूरता कि पोल खुल चुकी है । चर्च कुकर्मो कि पाठशाला व सेक्स स्कैंडल का अड्डा बन गया है । लेकिन फिर भी महान हिन्दूधर्म के मंदिरो एवं हिन्दू धर्मगुरुओं को ही मीडिया और सेक्युलर बदनाम करते है ।
केरल के कोट्टयम से एक चर्च में पांच दुष्कर्मी पादरियों (फादर जीजो जे अब्राहम, फादर जॉब मैथ्यू, फादर जॉनसन वी मैथ्यू, फादर जेसे के जॉर्ज और फादर अब्राहम ) ने एक विवाहित महिला का कई साल तक यौन शोषण किया महिला के पति ने चर्च को चिट्ठी लिखकर आठ पादरियों के खिलाफ शिकायत की है हालांकि उसने सिर्फ पांच पादरियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अपने शिकायत में पीड़िता के पति ने लिखा है कि पादरियों ने मिलकर उसकी पत्नी का 380 बार यौन शोषण किया।
इंडियन एक्सप्रेस कि रिपोर्ट के मुताबिक पांचों दुष्कर्मी पादरी कोट्टयम में स्थिति मालंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के धर्माधिकार में आने वाले देश के चार क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों में काम कर रहे थे। एक दुष्कर्मी पादरी चर्च के दिल्ली अधिकार क्षेत्र के लिए काम करने वाली शाखा से जुड़ा था।
Christian pastors have done the same woman 380 times rape, shadow silence |
पीड़िता के पति कहा कि विवाह से पहले चर्च के एक पादरी ने उसकी पत्नी का यौन शोषण किया था।
बाद में पीड़िता ने जब विवाह से पहले रहे प्रेम संबंधों को लेकर कन्फेशन किया तो कन्फेशन सुनने वाले पादरी ने भी उसका यौन शोषण किया। इसके लिए पादरी ने उसकी पत्नी को धमकी दी कि वह उसके पति को इस बारे में सबकुछ बता देगा।
इतना ही नहीं इस पादरी ने कुछ तस्वीरों के जरिए पीड़िता को ब्लैकमेल कर उसे दूसरे पादरी को सौंप दिया। और दूसरे पादरी ने भी उसकी पत्नी का यौन शोषण किया। पीड़िता के पति का कहना है कि चर्च से जुड़े कुछ नामी-गिरामी लोगों ने उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया।
इतना ही नही है ईसाई पादरी अधिक्तर छोटे #बच्चे- बच्चियों के साथ भी #दुष्कर्म करते हैं ।
आपको बता दें कि अभी हाल ही में #आस्ट्रेलिया की कैथोलिक चर्च ने #सेक्सुअल अब्यूज (बच्चों का यों शोषण) के मामले में करीब 21 करोड़ 20 लाख 90 हजार अमेरिकी डॉलर (1426 करोड़ रुपए) का हर्जाना दिया है।
कन्नूर (केरल) के कैथोलिक चर्च की एक नन सिस्टर मैरी चांडी ने #पादरियों और #ननों का #चर्च और उनके शिक्षण संस्थानों में व्याप्त व्यभिचार का जिक्र अपनी आत्मकथा ‘ननमा निरंजवले स्वस्ति’ में किया है कि ‘चर्च के भीतर की जिन्दगी आध्यात्मिकता के बजाय #वासना से भरी थी ।
ईसाई पादरी धर्मगुरु बनकर बैठे हैं और बच्चों के साथ दुष्कर्म करते हैं जब #अदालत उन पर जुर्म लगाती है तब बयान देते हैं कि बच्चों का यौन शोषण करने कि धार्मिक स्वतंत्रता है ऐसे ईसाई के धर्मगुरु लोगों का क्या भला करेंगे?
फिलॉसफर नित्शे ने लिखा है कि मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है । वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है । इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं । ईसाईत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है ।
इतना सब कुछ होते हुए भी उनके खिलाफ #मीडिया कुछ नही बोलती बल्कि उनका पक्ष लेती है क्योंकि 90% मीडिया ईसाई मिशनरियों के फंड से चलती है ।
इतना सब कुछ होते हुए भी उनके खिलाफ #मीडिया कुछ नही बोलती बल्कि उनका पक्ष लेती है क्योंकि 90% मीडिया ईसाई मिशनरियों के फंड से चलती है ।
लेकिन जब कोई पवित्र हिन्दू साधु-संत या हिन्दू संगठन या सरकार भोले-भाले #हिन्दुओं को #पैसा, #दवाई, कपड़े आदि देकर धर्मान्तरण के खिलाफ मुहिम चलाते हैं तो देशद्रोही और बिकाऊ मीडिया उनके खिलाफ देश में एक माहौल बनाकर उनकी छवि को धूमिल कर देती हैं ।
सभी भारतवासी बलात्कारी पादरियों और विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया से सावधान रहें ।
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