21 October 2018
भारत देश में नेताओं व मुख्य अधिकारीयों से लेकर चपरासी तक अत्यधिक भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसकी वजह से आज देश में गरीबी है, यदि देश में भ्रष्टाचार खत्म हो जाए तो सारी गरीबी, बेकारी खत्म हो जाएगी ।
यदि भ्रष्टाचार निचले स्तर पर हो तो एक बार चल भी सकता है किंतु यदि देश की टॉप जांच एजेंसी सीबीआई का कोई कर्मचारी भ्रष्टाचार करे तो यह अत्यंत घिनौना कार्य है और उसमें भी यदि वह अधिकारी ऊंचे दर्जे का हो तो फिर देश किस राह पर जाएगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है ।
FIR against Rakesh Asthana, CBI officer may be arrested ... |
सीबीआई के दूसरे दर्जे के अधिकारी राकेश अस्थाना पर मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले में रिश्वत लेने का आरोप है । जनता का कहना है कि यदि अस्थाना जैसे ऊंचे दर्जे के अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होते हैं तो उसकी सजा फांसी से कम की नहीं होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचारियों को सबक मिले तथा आगे चलकर कोई भी भ्रष्टाचार न करे ।
आपको बता दें कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी.बी.आई.) ने रिश्वत घोटाले में अपने एजेंसी के विशेष निर्देशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफ.आई.आर. किया है । इस सप्ताह की शुरुआत में ही अस्थाना का नाम एफआईआर में शामिल किया गया था ।
राकेश अस्थाना सीबीआई में दूसरे दर्जे के अधिकारी हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में सीबीआई ने मंगलवार को एफ.आई.आर. दायर किया, जिसमें मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले में एक बिजनेसमैन से रिश्वत मांगने और लेने के आरोप में राकेश अस्थाना का नाम आरोपी नंबर एक के रूप में शामिल किया गया है ।
मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले की जांच विशेष जांच दल (एस.आई.टी.) कर रही थी और अस्थाना इस टीम के अध्यक्ष थे ।
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत सीबीआई ने टेलीफोन इंटरसेप्ट्स, व्हाट्सएप मैसेजेस, पैसे की हेरा-फेरी (मनी ट्रेल) और एक बयान दर्ज कराया है।
इससे पहले सीबीआई ने 21 सितंबर को कहा था कि उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को इस बात की जानकारी दी थी कि वे राकेश अस्थाना के खिलाफ छह भ्रष्टाचार मामलों में जांच कर रहे हैं ।
सीबीआई ने यह भी कहा था कि अस्थाना निर्देशक आलोक वर्मा की छवि भी धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं और वर्मा के खिलाफ सीवीसी में शिकायत कर के उनके खिलाफ जांच में शामिल अधिकारियों को डराने की कोशिश कर रहे हैं ।
राकेश अस्थाना ने अलोक वर्मा के खिलाफ शिकायत करते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था कि वर्मा उनके द्वारा की जा रही जांच में हस्तक्षेप कर रहे हैं और उन्हें अपमानित किया जा रहा है ।
हैदराबाद के कारोबारी साना सतीश की शिकायत पर दुबई स्थित बिचौलिया मनोज प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने अस्थाना के खिलाफ कदम उठाया है। कुरैशी भ्रष्टाचार के मामले में प्रसाद की भूमिका को लेकर अस्थाना की निगरानी में सीबीआई तथा एसआईटी द्वारा जांच की जा रही थी ।
कुरैशी पर फरवरी 2014 में आयकर विभाग द्वारा छापा मारा गया था । उस समय तत्कालीन सीबीआई निर्देशक एपी सिंह के साथ उसके ब्लैकबेरी मैसेंजर (बीबीएम) संदेशों को बरामद किया गया था ।
इसके बाद सिंह को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य के पद से इस्तीफा देना पड़ा था । इसके तीन साल बाद फरवरी 2017 में सीबीआई द्वारा केस दर्ज किया गया । यह राकेश अस्थाना की अध्यक्षता में एसआईटी द्वारा जांच किए जाने वाले कई महत्वपूर्ण मामलों में से एक था ।
सतीश ने 4 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट के समक्ष एक बयान दिया था, जिसमें अस्थाना, बिचौलिया प्रसाद और प्रसाद के रिश्तेदार सोमेश श्रीवास्तव का नाम था । उसने बताया कि किस तरह सीबीआई मामले से दूर रहने के लिए उसने दिसंबर 2017 से लेकर 10 महीने तक में तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया था ।
सतीश ने कहा कि ज्यादा पैसे देने के लिए उसे सीबीआई अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित भी किया गया था।
मनोज प्रसाद के निर्देश पर, पूछताछ के लिए एसआईटी के सामने उपस्थित होने से बचने के लिए 9 अक्टूबर को 25 लाख रुपये का कथित रूप से भुगतान किया गया था।
राहत मिलने के बाद, प्रसाद सुबह 16 अक्टूबर को 1.75 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए दुबई से दिल्ली गया, जहां उसे सीबीआई टीम ने गिरफ्तार कर लिया ।
एफआईआर में कहा गया है कि रॉ के दूसरे नंबर के अधिकारी सामंत कुमार गोयल, मनोज और सोमेश दोनों को अच्छी तरह जानते हैं और इन दोनों के लगातार संपर्क में रहे हैं । सूत्रों ने बताया कि गोयल का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं किया गया है, लेकिन इनकी भूमिका जांच के घेरे में हैं ।
इस मामले के अलावा सीबीआई के नवनियुक्त स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर 4,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिग मामले में शामिल होने का आरोप है, जिसकी जांच ख़ुद सीबीआई कर रही है ।
भ्रष्टाचार एक #बीमारी की तरह है। आज देश में भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है। इसकी जड़ें तेजी से फैल रही हैं । यदि समय रहते इसे नहीं रोका गया तो यह पूरे देश को अपनी चपेट में ले लेगा । आज भारत का नीचे से लेकर ऊपर तक हर तबका इस बीमारी से ग्रस्त है । आज भारत में ऐसे कई व्यक्ति मौजूद हैं जो भ्रष्टाचारी है । सरकार भ्रष्ट हो तो जनता की ऊर्जा भटक जाती है । देश की #पूंजी का रिसाव हो जाता है । #भ्रष्ट अधिकारी और नेता इक्कट्ठा किए कलगे धन को #स्विट्जरलैण्ड भेज देते हैं ।
यह सच है कि भारत महाशक्ति बनने के करीब है परन्तु हम भ्रष्टाचार की वजह से इससे कहीं दूर होते जा रहे हैं । भारत को महाशक्ति बनने मे जो सबसे रोड़ा है वो है कुछ भ्रष्ट नेता,
भ्रष्ट सरकारी अधिकारी व कुछ भ्रष्ट मीडिया के लोग आदि ।
जब देश की सबसे बड़ी निष्पक्ष जांच एजेन्सी सीबीआई के अधिकारी अगर भ्रष्टाचार करेंगे तो देश किस दिशा में जाएगा ? देश में न्याय जैसा कुछ बचेगा ही नहीं इसलिए जो भी भ्रस्ट अधिकारी पकड़े जाएं उनके लिए फाँसी की सजा निर्धारित हो जिससे आगे चलकर भ्रष्टाचारियों को सबक मिले और आगे कोई भी भ्रष्टाचार न करे ।
भ्रष्टचार मुक्त भारत का निर्माण करने में जनता की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, जनता को भी इसमें जागरुक रहना होगा कि किसी को रिश्वत न दे और यदि कोई रिश्वत मांगता है तो उसे सीधा कानून के हवाले कर देना चाहिए, जिससे भ्रष्टाचार बन्द हो जाए ।
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