Sunday, June 21, 2020

भारतीय जवानों ने 18 चीनी सैनिको की उड़ा दी गर्दन, चीनी कर्नल को जिंदा पकड़ा।

21 जून 2020

🚩भारतीय जवानों की हमेशा शौर्यगाथा अमर रही हैं, सामने कैसा भी बड़ा दुश्मन हो और धोखे से वार करे लेकिन भारतीय जवानों में ऐसा जोश होता है कि दुश्मन के दांत खट्टे कर देते है, ऐसे कई युद्धों में हुआ है और आज भी हमारे जवानों के सामने किसी की ताकत नही है कि आँख उठाकर देखे। 

🚩आपको बता दे कि सोमवार को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने एक सोची-समझी साजिश के तहत भारतीय जवानों पर हमला किया। हालांकि चीन की पीएलए आर्मी की तरफ से अचानक हुए इस हमले में पहले भारत को बड़ा नुकसान हुआ, लेकिन उसके बाद जिस तरह से बिहार रेजीमेंट के जवानों ने मोर्चा संभाला, उसके बाद चीनी सैनिक भाग खड़े हुए।

🚩उस रात बिहार रेजीमेंट के जवानों की बहादुरी की कहानी, पूरी दुनिया में सैन्य अभियानों के लिए मिसाल बन गयी है। उस रात चीनी सैनिकों की तादाद भारतीय सेना की तुलना में पांच गुणा ज्यादा थी, लेकिन फिर भी हमारे बहादुर जवानों ने चीनी सेना को ऐसा मारा कि अब वह शांति से बातचीत को सुलझाने की बात कर रहा है।

🚩चीन को पता चल गया कि उसके सैनिकों में इतना दम नहीं है कि वह भारतीय फौज का मुकाबला कर सके, क्‍योंकि युद्ध हमेशा जज्‍बे से लड़ा जाता है, शौकिया नहीं।

🚩जानिए उस रात की पूरी कहानी

🚩अखबार डेक्कन हेराल्ड ने सैन्य सूत्रों के हवाले से बिहार रेजीमेंट की जवानों की शौर्यगाथा की पूरी कहानी छापी है। इस लड़ाई में बिहार रेजीमेंट के जवानों ने प्राचीन युद्ध कला का प्रयोग किया। भारत के जवानों को ऑर्डर मिले थे कि वह गलवान में बनाए गए चीनी सैनिकों द्वारा टेंट को हटाने की पुष्टि करें। इसी को देखते हुए कर्नल बी संतोष बाबू जवानों के साथ घटना स्‍थल पर पहुंचे। उन्‍होंने देखा कि चीनी सेना ने वहां से टेंट को नहीं हटाया तो उन्‍होंने इसका विरोध किया। इसी बीच बड़ी तादाद में वहां पर मौजूद चीनी सैनिकों ने उन पर हमला कर दिया। जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी मोर्चा संभालते हुए उनको जवाब देना शुरू किया।

🚩हालांकि इसी हिंसक झड़प में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी. संतोष बाबू शहीद हो गए। जिसके बाद बिहार रेजीमेंट के सैनिकों के सब्र का बांध टूट गया। चीनी सैनिकों की तादाद बहुत ज्‍यादा थी, जिसके बाद भारतीय फौज ने पास की टुकड़ी को इस बारे में जानकारी दी और मदद मांगी। सूचना मिलने के तुरंत बाद ही भारतीय सेना का 'घातक' दस्ता मदद के लिए वहां पहुंचा। बिहार रेजीमेंट और घातक दस्ते के सैनिकों की कुल तादाद सिर्फ 60 थी, जबकि दूसरी तरफ दुश्मनों की तादाद काफी ज्यादा थी।

🚩सरकार की तरफ से जवानों को फायरिंग की मनाई थी, लेकिन कमांडिंग ऑफिसर की हत्या से आहत बिहार रेजीमेंट के जवान किसी भी हाल में चीनी सेना को सबक सीखाना चाहते थे। इसके लिए उन्‍होंने प्राचीन युद्ध शैली का प्रयोग करते हुए पत्थर, डंडा और भाले को हथियार बनाया।

🚩18 चीनी सैनिकों की तोड़ दी गर्दन

🚩बिहार रेजीमेंट के जवानों ने एक ही झटके में 18 चीनी सैनिकों की गर्दन तोड़ दी। एक सैन्य अधिकारी ने बताया, 'कम से कम 18 चीनी सैनिकों की गर्दन की हड्डी टूट चुकी थी और सर झूल रहा था। कुछ के चेहरे इतनी बुरी तरह से कुचल दिये गये थे कि उन्हें पहचान पाना संभव नहीं था। भारतीय सैनिकों का हमला इतना भयानक था कि चीनी भाग खड़े हुए और घाटियों में छिपने लगे।'

🚩ये लड़ाई लगभग चार घंटे तक चलती रही। चीनियों के पास तलवार और रॉड थे, जिनको छीनकर भारतीय सैनिकों ने उनपर हमला करना शुरू कर दिया। बिहार रेजीमेंट के जवानों का यह रौद्र रूप देखकर सैकड़ों की तादाद में मौजूद चीनी भागने लगे और घाटियों में जा छिपे, जिसके बाद भारतीय जवानों ने उनका पीछा करते हुए उन्‍हें चुन-चुनकर मारा। हालांकि वह इतने आगे चले गए थे कि उनमें से ही कुछ पकड़ लिये गए, जिन्हें शुक्रवार को चीन ने रिहा किया।

🚩सूत्रों ने ये भी बताया कि जब सोमवार को दोनों देश के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, उसमें भारत के जवान एक चीनी कर्नल को जिंदा पकड़कर लेकर आ गए थे। हालांकि बाद में शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद उसे छोड़ दिया गया।

🚩केंद्रीय मंत्री और जनरल विक्रम सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि चीन ने हमारे 20 जवानों को घेरकर मार दिया। चीन कभी नहीं बताएगा कि उनके कितने जवान हताहत हुए हैं। लेकिन मुझे पूरा विश्‍वास हैं कि उनके जवानों के मरने की संख्‍या हमसे दोगुनी है।
आपको बता दे कि चीन और भारत के सैनिको द्वारा 11 सितंबर 1967 को धक्का मुक्की की एक घटना का संज्ञान लेते हुए नाथू ला से सेबु ला के बीच में तार बिछाने का फैसला लिया। जब बाड़बंदी का कार्य शुरु हुआ तो चीनी सैनिकों ने विरोध किया। इसके बाद चीनी सैनिक तुरंत अपने बंकर में लौट आए। कुछ देर बाद चीनियों ने मेडियम मशीन गनों से गोलियां बरसानी शुरु कर दी। प्रारंभ में भारतीय सैनिकों को नुकसान उठाना पड़ा पहले 10 मिनट में 70 सैनिक मारे गए।

लेकिन इसके बाद भारत की ओर से जो जवाबी हमला हुआ, उसमें चीन का इरादा चकनाचूर हो गया। सेबू ला एवं कैमल्स बैक से अपनी मजबूत रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाते हुए भारत ने जमकर आर्टिलरी पावर का प्रदर्शन किया । कई चीनी बंकर ध्वस्त हो गए और खुद चीनी आकलन के अनुसार भारतीय सेना के हाथों उनके 400 से ज्यादा जवान मारे गए। भारत की ओर से लगातार तीन दिनों तक दिन रात फायरिंग जारी रही। भारत चीन को कठोर सबक दे चुका था। चीन की मशीनगन यूनिट को पूरी तरह तबाह कर दिया गया था। 15 सितंबर को वरिष्ठ भारतीय सैन्य अधिकारियों के मौजूदगी में शवों की अदला बदली हुई।

🚩भारतीय जवानों के पास अन्य देशों के मुकाबले में पूरे साधन न होते हुए भी, माईनस टेम्परेचर में भी ऐसा शोर्य दिखाते है कि हर भारतीय अपने जवानों पर गर्व करने लगता है। हमारा कर्तव्य है कि कही भी भारतीय जवान दिखे तो उसका सम्मना करे उनको यथायोग्य मदद करें।

हम सोये चैन की नींद
वो सीमा पर जागें,
देख के उनकी हिम्मत,
मुश्किलें भी डर के भागे,

आने वाले हर संकट के आगे
खड़ा जो बन चट्टान है,
वो मेरे देश का जवान है।
हे जवान तुझे सलाम !
हे जवान तुझे सलाम !

देश के भीतर हो या सीमा पर,
रहते हरदम तैयार,
सुरक्षा को देशवासियों की,
समझा कभी ना भार,

अपना कर्तव्य निभाते हुए,
सहता जो कष्ट महान है,
वो मेरे देश का जवान है।
हे जवान तुझे सलाम !
हे जवान तुझे सलाम !

बीहड, बर्फीले ग्लेशियर,
कभी मरूस्थल जिसका घर है,
गर्मी, सर्दी, धूप, बरसात से
नहीं जिस को कोई डर है,

भारत माता का सच्चा सपूत,
जो मातृभूमि की शान है,
वो मेरे देश का जवान है।
हे जवान तुझे सलाम !
हे जवान तुझे सलाम !

हर सैनिक को जान से ज्यादा,
अपने वतन से प्यार है,
इसकी आन की खातिर,
हरदम मिटने को तैयार है,

देश के लिए शहीद होना,
जिसका इकलौता अरमान है,
वो मेरे देश का जवान है।
हे जवान तुझे सलाम !
हे जवान तुझे सलाम !

तुम्हारी देशभक्ति को नमन,
बहादुरी को सलाम,
मेरे देश के रखवाले,
कोटि- कोटि तुझको प्रणाम,

गर्व है हमें जिस पर रेखा,
जो हमारा अभिमान है,
वो मेरे देश का जवान है।
हे जवान तुझे सलाम !
हे जवान तुझे सलाम !

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Saturday, June 20, 2020

काल बनकर आ रहा है सूर्यग्रहण, बचने के लिए ग्रहण और ग्रहण के बाद क्या उपाय करें?

20 जून 20020

🚩ग्रहण में भी सूर्य ग्रहण का प्रभाव अत्यधिक गहरा है। वैदिक काल से ही यह मान्यता रही है कि सूर्य ग्रहण पृथ्वी वासियों के लिए किसी चेतावनी का संकेत है। इस सूर्य ग्रहण के समय ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है जो पिछले 500 सालों में नहीं बना। यह इस साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा।

🚩खण्डग्रास सूर्य ग्रहण के समय में भारत में पड़ने वाले प्रभाव 

🚩सूर्य, चंद्र, बुध, राहू की युति एवं 6 ग्रह वक्री हैं। बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु तथा मृगशिरा नक्षत्र में 4 ग्रहों की युति । इसका परिणाम बहुत ही भयानक हो सकता है। जैसे - कोई बड़ा बम विस्फोट, आगजनी समस्या, अनकहीं घटना, युद्ध, आकाशीय घटना, भूकम्प, तूफान, उच्च स्तरीय नेताओं की असामयिक मृत्यु एवं सीमा पर उठा-पटक की संभावना बन सकती है। ग्रहण मनुष्यों के लिए अशुभ माना जाता हैं।

🚩इस बार 21 जून को सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लग रहा है जो पहले से अधिक कष्टकारी रह सकता है इसकी वजह यह भी है कि ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री होंगे, शनि, मंगल को देख रहे होंगे तथा मंगल की दृष्टि सूर्य पर होगी। आचार्य वराहमिहिर के अनुसार जब ग्रहण के समय मंगल सूर्य को देखे तो युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं से राष्ट्र को क्षति होती है।

🚩ग्रहण में क्या न करें ?

★ सूर्यग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक 'अरुन्तुद' नरक में वास करता है।

★ सूर्यग्रहण को बिल्कुल नही देखना नही चाहिए, उसकी किरणे भी शरीर पर नही पड़नी चाहिए इससे भारी नुकसान भी होता हैं। आँखों की रोशनी भी जा सकती हैं।

★ सूर्यग्रहण में ग्रहण चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं।

★ ग्रहण-वेध के पहले सूतक के समय जिन पदार्थों में कुश, तिल या तुलसी की पत्तियाँ, डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।

★ ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए।

★ ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए। बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन – ये सब कार्य वर्जित हैं।

★ ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

★ ग्रहण के समय सोने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र, मल त्यागने से कीड़ा, स्त्री प्रसंग करने से सूअर और उबटन लगाने से व्यक्ति कोढ़ी होता है। गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए।

★ ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से बारह वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है। (स्कन्द पुराण)

★ भूकंप एवं ग्रहण के अवसर पर पृथ्वी को खोदना नहीं चाहिए। (देवी भागवत)

★ ग्रहण के स्नान में कोई मंत्र नहीं बोलना चाहिए। 

🚩ग्रहण में क्या करें? 

★ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देव-पूजन और श्राद्ध तथा अंत में सचैल (वस्त्रसहित) स्नान करना चाहिए। स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं।

★ग्रहण पूरा होने पर सूर्य का शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।

★ग्रहणकाल में स्पर्श किये हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए।

★सूर्यग्रहण के समय संयम रखकर जप-ध्यान करने से कई गुना फल होता है।

★ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

★भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- 'सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया  पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्यग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है। यदि गंगाजल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदायी होता है।'

★ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम-जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्णजन्म खं. 75.24)

🚩ग्रहण का समय-

🛣️ Mumbai
10.00 से 01.28 तक

🛣️ Ahmedabad
10.03 से  01.33 तक

🛣️ Delhi                 
10.20 से  01.49 तक

🛣️ Surat & Nashik 
10.09 से 01.33 तक

🛣️ Guwahati
10.47 से 02.25 तक

🛣️ Jodhpur
10.08 से 01.37 तक

🛣️ Lucknow
10.26 से 01.49 तक

🛣️ Bhopal
10.14 से 01.48 तक

🛣️ Raipur
10.25 से 02.00 तक

🛣️ Jammu
10.21 से 01.42 तक

🛣️ Chandigarh
10.22 से 01.48 तक

🛣️ Ranchi & Patna
10.36 से 02.10 तक

🛣️ Kolkata
10.46 से 02.18 तक

🛣️ Bhubaneswar
10.37 से 02.10 तक

🛣️ Chennai
10.22 से 01.42 तक

🛣️ Bengaluru
10.12 से 01.32 तक

🛣️ Hyderabad
10.14 से 01.45 तक

🛣️ Nagpur
10.17 से 01.51 तक

🏙️ स्थान ( विदेशों में )        
ग्रहण प्रारंभ            ग्रहण समाप्ति

🛣️ Kathmandu (Nepal) 
सुबह 10.53 से दोप. 01.25 तक

🛣️ Athens (Greece)
सुबह 07.48 से सुबह 09.12 तक

🛣️ Baku (Azerbaijan)
सुबह 08.46 से दोप. 11.05 तक

🛣️ Hagatna (USA)
शाम 05.25 से शाम 06.51 तक

🛣️ Nairobi (Kenya) 
सुबह 06.46 से सुबह 09.04 तक

🛣️ Dubai
सुबह 08.14 दोप. 11.13 तक

🛣️ Hong Kong
दोप. 02.36 से शाम 05.25 तक

नोट : उपरोक्त ग्रहण के समय का जो लिस्ट दी गयी है उन किसी भी शहर में आप नही रहते है लेकिन आप जिस शहर के आसपास रहते है उस शहर का समय आपके वहाँ पालनीय होगा।

🚩इस साल का सूर्यग्रहण सबसे लंबा है, महाभारत जैसे युद्ध का योग भी बन रहा है, पिछला चन्द्र ग्रहण कोरोना वायरस देकर गया इस बार का उससे भी भारी चन्द्रग्रहण है तीसरा विश्व युद्ध भी ला सकता है। सभी देशवासी इसको गभीरता से ले, अधिक से अधिक भगवान के नाम का जप करें जिससे आने वाली भयंकर विपत्तियों से हम सभी की रक्षा हो।

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