January 20, 2018
पद्मावती फिल्म के संजय भंसाली ने जबसे शूटिंग शुरू की है तब से विवादों में घिरा हुआ है, माँ पद्मावती के साथ खिलवाड़ हिन्दुओं को पसंद नही है इसलिए उसका पुरजोर से विरोध कर रहे है।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले सेंसर बोर्ड ने पद्मावती नाम बदलकर पद्मावत कर दिया, फिर भी कई राज्यों ने बेन करके रखा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऑडर दे दिया कि सभी राज्यों में चलनी चाहिए अब उसको हरि झंडी मिल गई है ।
यहाँ सोचने वाली बात ये है कि आम जनता का 20-20 साल तक कोर्ट में केस चलता है फिर भी उनको न्याय नही मिलता, लेकिन पद्मावत फ़िल्म को 36 घण्टे में ही फैसला दे दिया गया कि सभी राज्यों में रिलीज की जाये, ये आम जनता के साथ धोखा नहीं तो और क्या है ??? जिसे आम जनता समझ रही है ।
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Decision of cinemas: Padmavat film will not run in Gujarat, Karani army also threatens |
सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावत को सभी राज्यों में चलाने का आदेश तो दे दिया लेकिन गुजरात सिनेमाघरों के मालिकों ने एक अहम निर्णय लेते हुए कहा है कि #पद्मावत गुजरात राज्य के सिनेमाघरों में नहीं दिखाएंगे।
गुजरात में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन की बैठक हुई और सिनेमा हॉल के मालिकों ने भंसाली की फिल्म पद्मावत का बहिष्कार कर दिया, सिनेमा हॉल मालिकों ने ऐलान किया कि वो भंसाली की फिल्म अपने सिनेमा हॉल में लगाएंगे ही नहीं, न लगेगी भंसाली की फिल्म और न ही इस बेहूदा फिल्म को कोई देखेगा ।
सिनेमा हॉल के मालिकों ने फिल्मी धंधे को नहीं बल्कि हिन्दू स्वाभिमान को महत्त्व दिया है, मीडिया के लोग भंसाली की फिल्म का समर्थन कर रहे हैं, बहुत से नेता भी भंसाली की फिल्म का समर्थन कर रहे हैं, ये समर्थन इसलिए कर रहे हैं क्यूंकि भंसाली ने करोडो रुपए का खर्च इनपर भी किया है, पर गुजराती सिनेमा हॉल मालिकों ने हिन्दू स्वाभिमान को झुकने नहीं दिया और भंसाली की बेहूदा फिल्म पद्मावत का बहिष्कार कर दिया ।
सर्वोच्य न्यायपालिका ने 25 जनवरी को इस फिल्म को देश भर के सिनमाघरों में रिलीज करने के आदेश दे दिए है। लेकिन कोर्ट के इस फैसले का पूरे देश में हिन्दू समाज विरोध कर रहा है। लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जल्दबाजी में यह निर्णय लिया है। इससे पहले भी देश में उन फिल्मों को बैन किया गया है, जिनमें इतिहास के साथ छेड़-छाड़ की गयी थी, तो कोर्ट ने इस बार क्यूँ पद्मावत को बैन नहीं किया? क्या सुप्रीम कोर्ट पर उनके ही जजों द्वारा लगाये आरोप सही है? वहीं कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि कोर्ट का ये निर्णय निंदनीय है।
करणी सेना के लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा है कि पद्मावत फिल्म अगर सिनेमा हॉल में लग गई तो यह मेरी मृत्यु के समान होगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी पिक्चर हॉल को खून से लिखे इतिहास पर कालिख नहीं पोतने देंगे।
कालवी ने फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली पर निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई में बैठे कुछ लोग अपने मन मुताबिक इतिहास को परिभाषित कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कालवी ने कहा कि भंसाली के पैसों से ज्यादा हमारी माताओं, बहनों की इज्जत है। जिसे किसी भी हाल में सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं होने देंगे, चाहे इसके लिए जान ही क्यूँ न देनी पड़े । उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि यह फिल्म लगी तो बहुत कुछ जल जाएगा।
बता दें कि उपदेश राणा ने तो पद्मावत फ़िल्म चलने पर फेसबुक पर लाइव आकर आत्मदाह करने को कहा है ।
पूरे हिन्दुस्तान में पद्मावत फ़िल्म का विरोध हो रहा है लेकिन न सरकार सुन रही है और न ही न्यायालय।
भारत में सबसे मजबूत भावना हिन्दुओं की ही है वो कभी आहत होती ही नहीं है, या यूँ कहें सत्ता के दलाल और दोगले मिलार्ड हिन्दुओं की भावना को भावना समझते ही नहीं हैं।
अन्य धर्मों के लिए #क्यों #नही?
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Decision of cinema hall owners is appreciable.
ReplyDeleteGreat lesson for those who makes mockery of hindu religious beliefs by making anti hindu movies.