Thursday, February 7, 2019

वेटिकन के सर्वोच्च पॉप ने कहा 1670 पादरीयों ने 3,677 बलात्कार किये हैं

07 फरवरी  2019
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🚩ईसाई धर्म के धर्मगुरु ही उनके धर्मस्थल को अपवित्र बना रहे हैं, जिस स्थान पर ईश्वर की प्रार्थना होनी चाहिए वहीँ पर ईसाई पादरी बच्चों का और ननों का यौन शोषण कर रहे हैं, जबकि उनका कर्त्तव्य हैं कि खुद संयमी रहें और बच्चों और ननों को भी संयमी बनाकर ईश्वर के रास्ते लेकर जाएँ, लेकिन इससे ये विपरीत कर रहे हैं ।
🚩जबकि हिन्दू साधु-संत खुद संयमित रहते हैं, ईश्वर का भजन करते हैं और समाज को और उनके शिष्यों को भी संयमित करके ईश्वर के रास्ते पर ले जाने का दिव्य कार्य कर रहें हैं, लोगों में जागरूकता आ रही है और लोग विदेशी की जगह स्वादेशी अपना रहे हैं, जिससे विदेशी कंपनियों के प्रोडक्ट बिकना कम हो गये और धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं तो विदेशी कम्पनियों और मिशनरियों ने मिलकर पवित्र हिन्दू संतों को बिकाऊ मीडिया से मिलकर बदनाम करवाया और कुछ राजनेताओं से मिलकर झूठे केस में जेल भिजवाया पर पादरी इतने दुष्कर्म कर रहे हैं, लेकिन इन पर किसीका भी ध्यान नहीं जा रहा है ।


दुनियाभर में चर्चों में यौन उत्पीड़न के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं । केरल के एक चर्च के पादरी पर नन के लगाए रेप के सनसनीखेज आरोपों के बाद जर्मनी में एक कैथोलिक चर्च के अंदर यौन उत्पीड़न पर एक रिपोर्ट ने सबको हिलाकर रख दिया है । साल 1946 से 2014 के बीच इस चर्च से इस तरह के 3,677 मामलों का ब्यौरा दिया गया है । जर्मनी के दो मीडिया संस्थानों स्पीजेल ऑनलाइन और डाई जेत ने ने  यह दावा किया है कि आधे से अधिक पीड़ित 13 साल से या इससे भी कम उम्र के हैं और इनमें ज्यादातर लड़के हैं,  दोनों साप्ताहिक मीडिया संस्थानों ने बताया है कि हर छठा मामला बलात्कार का है और कम से कम 1670 ईसाई धर्मगुरू इसमें शमिल थे ।
🚩मध्य पूर्व का दौरा कर रहे पोप फ्रांसिस ने पादरियों की ओर से ननों का यौन उत्पीड़न किए जाने की बात मानी है । उनके मुताबिक इनमें से एक मामला ऐसा भी था, जहां ननों को सेक्स ग़ुलाम बनाकर रखा गया । पोप फ्रांसिस ने ये भी माना है कि उनके पूर्ववर्ती पोप बेनडिक्ट को ऐसी ननों की पूरी धर्मसभा को ही बंद करना पड़ा था, जिनका पादरी शोषण कर रहे थे । माना जा रहा है कि ये पहला मौका है जब पोप फ्रांसिस ने पादरियों की ओर से ननों के यौन शोषण की बात मानी है ।
🚩पोप फ्रांसिस ने कहा है कि चर्च इस समस्या के समाधान की कोशिश में जुटी है, लेकिन समस्या ‘अब भी बरकरार है ।’ पोप फ्रांसिस ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में ननों के यौन शोषण को लेकर बातें साझा कीं । पोप ने कहा कि इस समस्या को लेकर कई पादरियों को निलंबित भी किया गया है, लेकिन आगे भी प्रयास किए जाने जरूरी हैं । पोप ने माना कि पादरी और बिशप ननों का शोषण करते रहे हैं । पोप ने कहा कि चर्च इस बात से वाकिफ है और ‘इस पर काम कर रही है । ’पोप ने कहा, “हम इस रास्ते पर निरंतर आगे बढ़ रहे हैं ।”
उन्होंने कहा, “पोप बेनडिक्ट ने महिलाओं की एक सभा को भंग करने का साहस दिखाया क्योंकि पादरियों या संस्थापकों ने वहां महिलाओं को दास बना रखा था । यहां तक कि उन्हें सेक्स ग़ुलाम तक बना दिया गया था । ”पोप फ्रांसिस ने कहा कि ये समस्या लगातार बनी हुई है, लेकिन बड़े पैमाने पर ‘ऐसा खास धर्मसभाओं और खास क्षेत्रों में ही होता है । ’बीते साल नवंबर में कैथोलिक चर्च ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन फॉर नन्स ने ‘चुप रहने और गोपनीयता बरतने की परंपरा’ की निंदा की थी जो उन्हें अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से रोकती है ।
कुछ दिन पहले वेटिकन की महिलाओं की पत्रिका “वूमेन चर्च वर्ल्ड” ने शोषण की निंदा करते हुए कहा था कि कुछ मामलों में नन पादरियों के गर्भ में पल रहे बच्चों का गर्भपात कराने को मजबूर हुईं । जबकि कैथोलिकों के लिए गर्भपात कराने की मनाही है ।
इस पत्रिका के मुताबिक #MeToo मूवमेंट के बाद ज़्यादा महिलाएं अपनी कहानियां सामने ला रही हैं ।
पोप से पहले आरयलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने कहा कि चर्च, सरकार और पूरे समाज की नाकामी ने कई लोगों के लिए कड़वी और बिखरी हुई धरोहर छोड़ी हैं, दर्द और कष्ट की विरासत छोड़ी हैं । आयरलैंड के चर्च से जुड़े कई सारे स्कैंडलों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैग्दलीन लॉन्ड्रीज़, मातृ एवं शिशु गृह, औद्योगिक विद्यालय, गैरकानूनी रूप से गोद लेने और पादरियों द्वारा बच्चों के शोषण के दाग हमारे देश, हमारे समाज और कैथलिक चर्च पर लगे हैं ।" लोगों को अंधेरे कोनों में रखा गया, कमरों में बंद करके रखा गया, मदद की गुहारें अनसुनी रह गईं….. हे परमपिता, मैं तुमसे गुहार लगाता हूं कि पीड़ितों और इन मुश्किलों से जूझकर बचे लोगों की सुनो । ”वराडकर ने कहा कि बच्चों का शोषण करने वाले और इसे संरक्षण देने वालों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस अपनाना होगा और इन शब्दों को ज़मीन पर उतारना होगा । उन्होंने अमरीकी राज्य पेन्सिलवेनिया में हुई एक जांच का हवाला दिया जिसमें 300 पादरियों द्वारा 1000 नाबालिगों के शोषण की बात सामने आई थी ।
पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वो पादरियों और चर्च के अन्य पदाधिकारियों द्वारा यौन शोषण के “घिनौने अपराधों” से निपटने में कैथलिक चर्च की नाकामी के कारण शर्मिंदा हैं ।
इससे पहले आयरलैंड के प्रधानमंत्री ने पोप को कड़ी चेतावनी दी थी कि बाल शोषण और इसे छिपाए रखने के लिए दोषी पारदियों के खिलाफ कार्यवाही करें ।
पोप ने पादरियों द्वारा यौन शोषण के पीड़ितों के साथ नब्बे मिनट बिताए:
39 सालों में पहली बार आयरलैंड में पोप का आगमन हुआ है और वह भी संयोग से ‘वर्ल्ड मीटिंग ऑफ़ फैमिलीज़’ के दौरान । यह एक ऐसा कार्यक्रम होता है जिसमें पूरी दुनिया के कैथलिक हर तीन साल में एकत्रित होते हैं ।
मूल रूप से अर्जेंटीना के पोप ने अपने भाषण की शुरुआत में वह चिट्ठी पढ़ी जो उन्होंने इस हफ़्ते दुनिया के 120 करोड़ रोमन कैथलिकों को भेजी है । इस चिट्ठी में उन्होंने बाल शोषण और पादरियों द्वारा इसे छिपाए जाने के ‘महापाप’ की निंदा की है ।
ईसाई पादरी बच्चों और ननों का यौन शोषण करते हैं पर इसपर किसी भी बुध्दिजीवी, सेकुलर, वामपंथी, मीडिया नजर नहीं जा रही है । इनकी नजर बस पवित्र हिंदू साधु-संतों की तरफ ही होती है, किसी संत पर झूठा आरोप भी लग जाये तो दुनियाभर में हल्ला करते हैं, बढ़ा-चढ़ा कर ख़बरें दिखाते हैं, पर हजारों पादरी यौन शोषण कर रहे हैं, उनके खिलाफ चुप हैं । इससे सिद्ध होता है कि इनमें मानवीय संवेदना नहीं है बस टीआरपी और पैसे की भूख है, हिंदुस्तानी ऐसी मीडिया और बलात्कारी पादरियों से सावधान रहें ।
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