Wednesday, June 26, 2019

जानिए बाबा राम रहीम की पेरोल की बात सुनते ही मीडिया शोर क्यों मचाने लगी ?

26 जून 2019
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🚩जिस देश में मीडिया ही सब फैसले करती हो, उस देश में जज या सरकार की जरूरत नहीं है । स्वतंत्रता के नाम पर कुछ मीडिया चैनल टीआरपी और पैसे के लिए पक्षपाती खबरें दिखाकर देशवासियों को गुमराह कर रही हैं और अन्तर्राष्ट्रीय लेवल पर भारत की छवि धूमिल करने का घिनौना कार्य कर रही है।


🚩आपको पता होगा कि अभिनेता सलमान खान ने जब फुटपाथ पर सोए गरीबों को दारू पीकर कुचल दिया था, उस केस में सेशन कोर्ट से सजा सुनाई जानी थी, लेकिन सजा सुनाने से पहले ही मीडिया सलमान खान के पक्ष में खबरें दिखाकर न्यायालय पर दबाव डालना चाह रही थी फिर भी न्यायालय ने अडिग रहकर सजा सुनाई, जैसे ही सजा सुनाई तो मीडिया उनके किये गए अच्छे कार्य गिनाने लग गई, समर्थक मर जाएंगे, करोड़ों का नुकसान होगा, सलमान बहुत अच्छे हैं आदि आदि ऐसा बताकर कुछ मीडिया ने सलमान खान के पक्ष में इतना दिखाया कि हाईकोर्ट ने 2 घण्टे में ही जमानत दे दी, 1 मिनिट के लिए भी जेल नहीं जाने दिया । अगर मीडिया सहीं होती तो जो गरीब मर गए उनके पक्ष में दिखाकर उनको न्याय दिलवाती पर ऐसा नहीं किया क्योंकि उसके लिए पैसे नहीं मिलते है, सलमान से मिल जाते होंगे।

🚩दूसरा मामला था कि संजय दत्त का, जिसने आतंकवादियों के हथियार अपने घर में रखे थे जो एक देशविरोधी कार्य था फिर भी उसको सजा के दौरान बार-बार पेरोल मिल रही थी, पता है क्यों ? क्योंकि मीडिया हमेशा संजय दत्त गुणगान करती रहती थी।

🚩तीसरी घटना है जालंधर के ईसाई पादरी बिशप फ्रैंको की, जिसके खिलाफ 13 बार बलात्कार करने का आरोप है, कई महीनों तक ननों ने न्याय पाने के लिए अनशन किया फिर भी 21 दिनों में ही बिशप को जमानत मिल गई क्योंकि मीडिया बिशप के पक्ष में खबरें दिखा रही थी, ननों को न्याय दिलाना उसका मकसद नहीं था। अगर निष्पक्ष होती तो ननों का समर्थन करती।

🚩अब खबर आ रही है कि बाबा राम रहीम ने पेरोल की मांग की है। अभी तो पेरोल का सिर्फ आवेदन किया है और मंत्री ने सिर्फ इतना बोला कि उनका आचरण अच्छा रहा है उसपर मीडिया ने हल्ला शुरू कर दिया। बोलने लगी कि चुनाव आ रहे हैं इसलिए BJP छोड़ रही है अगर ऐसा होता तो BJP लोकसभा चुनाव के समय ही रिहा कर देती, क्या लोकसभा के लिए BJP को सीटें नहीं चाहिए थी?

🚩यही मीडिया आरुषि कांड में तलवार दंपति को हत्यारा बता रही थी । निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा भी सुना दी, लेकिन हुआ क्या 9 साल बाद हाईकोर्ट ने निर्दोष बरी किया, तबतक मीडिया इनको पूरी दुनिया मे हत्यारा बता चुकी थी पर जैसे ही निर्दोष बरी हुए तो मीडिया ने खबर गायब कर दी । एक दो निष्पक्ष मीडिया चैनल ने किसी कोने में थोड़ा सा बताया था ।

🚩बाबा राम रहीम को भी निचली अदालत ने सजा सुनाई है हो सकता है कि ऊपरी कोर्ट से निर्दोष बरी भी हो जाये, न्यायालय एवं सरकार अपना काम कर रहे हैं, लेकिन मीडिया उनको बलात्कारी, हत्यारा बोलकर जनता के मन मे जहर घोल रही है, जबकि बाबा राम रहीम के जेल जाने के बाद कई ईसाई पादरी और मौलवियों ने बलात्कार किये और जेल गए पर उनकी कहीं भी खबर नहीं है पर बाबा पानी भी पिएं तो खबरें आ जाती हैं, कहीं ये एक सोची समझी साजिश तो नहीं है ? हम चाहते हैं कि न्यायालय और सरकार को इसमें काम करने देना चाहिए मीडिया को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर मीडिया उनके खिलाफ दिखाती भी है तो उनके व्यसन मुक्ति, सफाई अभियान, ब्लड डोनेट आदि अच्छे सेवाकार्य भी दिखाएं एकतरफा न्यूज दिखाकर जनता को गुमराह करने का कार्य न करे ।

🚩मीडिया अगर बलात्कार की घटनाएं से इतना ही खफा है तो पहले अपने चैनल पर जो अश्लीलता वाले विज्ञापन दे रही है उसको दूर करे, दूसरा 2.5 साल की मासूम बच्ची के साथ जो दरिदंगी हुई है उसका मामला उठाए, मदरसे एवं चर्च में जो छोटे बच्चों का यौन शोषण हो रहा है उस मुद्दे को हाईलाइट करें केवल एक बाबा के पीछे अपनी समय शक्ति बर्बाद न करें।

🚩देश में गरीबो, किसानों, भ्रष्टाचार, धारा 370, कश्मीर पंडित, श्री राम मंदिर, गौहत्या आदि बहुत मुद्दे हैं उनपर भी मीडिया को बहस करना चाहिए इन सबको भी न्याय दिलवाना चाहिए।

🚩मीडिया के अंदर भी क्या-क्या होता है वे अगर उनकी खुद की सच्चाई दिखाने लग जाएं तो किसी के सामने मुँह उठाने लाइक नहीं रहेंगे, कई बार मीडिया मालिको एवं पत्रकारों पर उनको ही सहयोगी महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, लेकिन वे सब खबरें छुपा दी जाती हैं ।

🚩कुछ मीडिया मोब लॉन्चिंग में भी केवल हिंदुओं को कोसने का कार्य करती है जबकि हिंदू बहुत सहिष्णु हैं, उनके ऊपर बहुत अत्याचार होते हैं तभी हिंसा करते है, फिर भी ये कहते हैं कि हिंसा नहीं करनी चाहिए, लेकिन जब मुसलमान समुदाय से हिंदुओं की सरेआम हत्या कर दी जाती है तब चुप क्यों हो जाते है, जैसे आसिफा पर हल्ला, लेकिन ट्वींकल पर चुप्पी, अखलाक पर शोर पर धुव त्यागी पर मौन, तवरेज पर हलाल पर गंगाराम पर मौन ऐसा दोगलापन कौन सिखाता है?

🚩मीडिया से प्रार्थना है कि आपको स्वतंत्रता मिली है उसका दुरुपयोग नही करें । निष्पक्ष खबरें दिखाकर स्वतंत्रता का सदुपयोग करे। जबतक मीडिया ऐसा नहीं करती है तब तक देशवासियों को ऐसी मीडिया का बहिष्कार करना चाहिए।

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