18 फरवरी 2020
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हमारे ऋषि-मुनियों ने जो भी त्यौहार बनाये उनके पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य छुपे मिले ऐसे ही कपोल कल्पित त्यौहार हमारी संस्कृति में नहीं हैं उसके पीछे कई गूढ़ रहस्य छुपे हैं ।*
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होली दहन के पीछे का वैज्ञानिक कारण :*
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होली के दिनों में ऋतु परिवर्तन होता है तो शरीर में कफ पिघलकर जठराग्नि में आता है जिसके कारण अनेक बीमारियां होती हैं उससे बचने के लिए होली दहन की तपन से कफ जल्दी पिघल कर नष्ट हो जाता है और दूसरे दिन कूद-फांद कर धुलेंडी खेलने से कफ निकल जाता है जिसके कारण अनेक भयंकर बीमारियों से रक्षा होती है । होली के पीछे आध्यात्मिक कारण भी छुपा है, भक्ति करने वाला हमेशा विजयी होता है चाहे कोई कितना भी अनिष्ट करने की कोशिश करे उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है ।*
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प्राचीनकाल में होली का दहन गाय के गोबर के कण्डों से किया जाता था जिसमें से ऑक्सीजन निकलता था और धुलेंडी पलाश (केसूड़े) के फूलों के रंग से खेली जाती थी जिससे आने वाले दिनों में गर्मी के कारण होने वाले रोगों से बचाव हो जाता था।*
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आजकल जिन लकड़ियों से होली दहन किया जाता है वैसे नहीं करना चाहिए उसके बदले गाय के गोबर के कण्डों से करना चाहिए ।*
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देशी गाय के गोबर के कण्डों से होली जलाने के फायदे:-*
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एक गाय करीब रोज 10 किलो गोबर देती है । 10.. किलो गोबर को सुखाकर 5 कंडे बनाए जा सकते हैं ।*
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एक कंडे की कीमत करीब 10 रुपए रख सकते हैं । इसमें 2 रुपए कंडे बनाने वाले को, 2 रुपए ट्रांसपोर्टर को और 6 रुपए गौशाला को मिल सकते है । यदि किसी एक शहर में होली पर 10 लाख कंडे भी जलाए जाते हैं तो 1 करोड़ रुपए कमाए जा सकते हैं । औसतन एक गौशाला के हिस्से में बगैर किसी अनुदान के करीब 60 लाख रुपए तक आ जाएंगे । लकड़ी की तुलना में हमें कंडे सस्ते भी पड़ेंगे ।*
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केवल 2 किलो सूखा गोबर जलाने से 60 फीसदी यानी 300 ग्राम ऑक्सीजन निकलती है । वैज्ञानिकों ने शोध किया है कि गाय के एक कंडे में गाय का घी डालकर धुंआ करते हैं तो एक टन ऑक्सीजन बनता है ।*
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गाय के गोबर के कण्डों से होली जलाने पर गौशालाओं को स्वाबलंबी बनाया जा सकता है, जिससे गौहत्या कम हो सकती है, कंडे बनाने वाले गरीबों को रोजी-रोटी मिलेगी, और वतावरण में शुद्धि होने से हर व्यक्ति स्वस्थ्य रहेगा ।*
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दूसरा कि वृक्षों को काटना नही पड़ेगा जिससे वातावरण में संतुलन बना रहेगा।*
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वातावरण अशुद्ध होने पर कोरोना जैसे भयंकर वायरस आ जाते है, अगर देशी गाय के गोबर के कंडे से होली जलाई जाएं तो कोरोना जैसे एक भी वायरस वातावरण में नही रहेगा और हमारा स्वास्थ्य उत्तम हो जायेगा जिससे देश के करोड़ो रूपये बच जाएंगे।*
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आपने अब देशी गाय के गोबर के कंडो को जलाने की महिमा जानी तो आइए हम सभी मिलकर संकल्प करते है कि इसबार सिर्फ गाय के गोबर के कंडे से ही होली जलाएंगे, इसके लिए अभी से अपनी नजदीकी गौशाला का संपर्क करें और कंडे बनाने का ऑर्डर दें जिससे आपको कंडे पर्याप्त मात्रा में मिल सकते हैं।*
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