Monday, October 9, 2023

भास्कर ने हिन्दुओं को बदनाम करने की बहुत कोशिश की, पर खुल गई उसकी पोल.....

9 October 2023


http://azaadbharat.org


🚩भारत में मीडिया का रवैया हमेशा से ही हिन्दू विरोधी रहा है । ये हमेशा से एक तरफा खबर दिखाते या छापते हैं।

उदाहरण के तौर पर जब ओवैसी या जाकिर हुसैन जैसे मुस्लिम नेता हिन्दू देवी-देवताओं और साधु पुरूषो के लिए अपमानजनक बातें बोले या भारत विरोधी बातें बोले या फिर कोई मौलवी या ईसाई पादरी कितने भी बलात्कार करे, कन्हैया लाल जैसे गुंडे छात्रनेता देश को तोड़ने की बात करें..... लेकिन उस ओर कभी समाज का ध्यान केंद्रित नही करते !

.....और अगर कुछ करते हुए दिखते भी हैं तो सिर्फ और सिर्फ उनके बचाव में ।


🚩वहीं अगर कोई हिन्दू हिंदुत्व की बात करे तो उसको तोड़-मरोड़ कर विवादित बयान बना कर पेश किया जाता है ताकि जनता उनके विरुद्ध हो जाये ।


🚩दैनिक भास्कर समूह के गुजराती अखबार ‘दिव्य भास्कर’ ने मंगलवार (3 अक्टूबर 2023) को एक खबर प्रकाशित की है। इसमें दावा किया है कि अहमदाबाद में जय श्रीराम न बोलने पर चार हिन्दू युवकों ने एक मुस्लिम युवक की बुरी तरह से पिटाई की ।


🚩रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला अली तालिब हुसैन और मोहम्मद शहरोज तालिब हुसैन नामक दो भाई अहमदाबाद के मधुपुरा इलाके में रहते हैं। इसमें से अली हुसैन ने शहरोज के साथ हुई मारपीट को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस को दी गई शिकायत में 20 वर्षीय युवक अली तालिब हुसैन ने कहा कि 1 अक्टूबर 2023 की शाम को वह अपने घर पर था। इसी दौरान उसका भाई शहरोज हुसैन वहाँ आया और कहा कि 3-4 लोगों ने उससे झगड़ा किया है और मारने के लिए आए हैं।


🚩इस पर अली हुसैन नीचे गया और देखा कि चार लोग चाकू, चप्पल, पाइप और डंडे लेकर खड़े हुए हैं। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि वहाँ आए 4 युवकों ने शहरोज पर हमला किया। इससे वह घायल हो गया और उसे हॉस्पिटल ले जाना पड़ा।


🚩इसके के बिल्कुल विपरीत, भास्कर ने रिपोर्ट में दावा किया कि , “अली हुसैन ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि 4 लोगों ने उसके भाई शहरोज से ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए कहा था और उसने मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई।

”दिव्य भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार (साभार: दिव्य भास्कर वेबसाइट)


🚩ऑपइंडिया ने ‘दिव्य भास्कर’ के इस दावे का फैक्ट चेक किया है। हालाँकि भास्कर की इस रिपोर्ट को फैक्ट चेक करने के लिए आखिर में लिखी दो लाइनें ही काफी थीं। इसमें लिखा है कि पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि चारों लड़के ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाते हुए सड़क से जा रहे थे। इस पर मुस्लिम युवक को लगा कि वे उससे ‘जय श्रीराम’ कह रहे हैं इसकी वजह से ही झगड़ा हुआ।


🚩भास्कर की रिपोर्ट में ही उसकी ‘हेड लाइन’ की पोल खुल चुकी थी, लेकिन इसके बाद भी ऑपइंडिया ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया। इसमें मामले की जाँच कर रहे मधुपुरा पुलिस स्टेशन के एन. धासुरा ने कहा कि ‘जय श्रीराम’ बोलने को लेकर मजबूर करने जैसी कोई घटना हुई ही नहीं । यह पूरी घटना एक हिन्दी भाषी व्यक्ति के गुजराती न समझने के चलते हुई ।


🚩पुलिस अधिकारी ने ऑपइंडिया से हुई बातचीत में पूरी जानकारी देते हुए कहा कि , “दो हिन्दू युवक सड़क से जा रहे थे। मुस्लिम युवक भी वहाँ खड़ा हुआ था। इसी दौरान हिन्दू युवकों ने आपस में जय श्रीराम कहकर अभिवादन किया, लेकिन मुस्लिम युवक को लगा कि उन लोगों ने उससे ‘जय श्रीराम’ कहा है। इसके बाद वह उन हिन्दुओं से झगड़ने लगा।”


🚩उन्होंने आगे कहा कि, मुस्लिम युवक के गलत समझने और झगड़ा करने के चलते विवाद हुआ। इसके बाद दोनों पक्षों के लोग एकजुट हुए। इसमें से एक युवक को चाकू भी लगी । पर ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए मजबूर करने जैसी कोई घटना नहीं हुई है। यह सिर्फ अफवाह है !


🚩गौरतलब है कि, " भास्कर ने दावा किया कि, मुस्लिम युवक ने आरोप लगाया था कि ‘जय श्रीराम’ नहीं कहने के चलते उसके साथ मारपीट हुई , जो सरासर गलत साबित हुआ ।


🚩बहरहाल , पुलिस अभी इस मामले की जाँच कर रही है। इसके बाद भी भास्कर ने अपनी रिपोर्ट के जरिए झूठी खबर फैलाने की कोशिशें बंद नहीं की हैं ।


🚩इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया की समाज में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका है । मीडिया को लोकतांत्रिक व्यवस्था का चौथा स्तंभ भी कहा गया है क्योंकि इसकी जिम्मेदारी देश की जनता की समस्याओं को सबके सामने लाने के साथ-साथ सरकार के कामकाज पर सबका ध्यान आकर्षित करना भी है।


🚩पर मीडिया आज पैसे और टीआरपी की अंधी दौड़ में एक तरफा झूठी खबरें दिखाकर अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है। इसके कारण आज समाज के हर वर्ग में मीडिया की आलोचनाएं होने लगी हैं ।


🚩भारतीय मीडिया को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि , “मीडिया का एक सेक्शन ऐसा है जो दीमक की तरह हमारे देश में लगा है और धीरे-धीरे देश की गरिमा, अस्मिता एवं एकता को खाए जा रहा है । झूठी अफवाहें फैलाता रहता है । गंदे-भद्दे और देशद्रोह से भरे हुए विचार खुले तौर पर सबके सामने रखता है । इनके खिलाफ हमारे संविधान में किसी भी तरह की न तो कोई पेनाल्टी है और न ही कोई सजा है ।"


🚩भारतीयों को ये समझना ही होगा कि , इस बिकाऊ और देशद्रोही मीडिया का बहिष्कार करना आज बेहद आवश्यक हो गया है।


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