Wednesday, October 4, 2023

विश्व राजनीति में भारतीय मूल के नेताओं का दबदबा बरकरार

4 October 2023


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🚩भारत के संतो का संकल्प है की भारत विश्व गुरु बनकर रहेगा और आज इस संकल्प को साकार होते हुए दिख रहा हैं।


🚩भारतीय मूल के कई नेता दुनिया के अलग अलग देशों में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। ऐसे में, एक और देश इस सूची में जुड़ गया है। दरअसल, भारतीय मूल के थरमन शनमुगरत्नम शुक्रवार को सिंगापुर के नए राष्ट्रपति बने हैं। इसी के वो ऐसे भारतीय मूल के नेताओं में शामिल हो गए, जो विश्व के कई देशों की राजनीति में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। 


🚩बता दें, शनमुगरत्नम ने 70 फीसदी वोट पाकर शानदार जीत हासिल की। वह सिंगापुर के नौंवे राष्ट्रपति चुने गए हैं और उनका कार्यकाल छह साल के लिए रहेगा। 


🚩दुनिया भर में बढ़ रहा भारतीयों का प्रभाव

प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने शनिवार को थर्मन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सिंगापुर के लोगों ने थरमन शनमुगरत्नम को अगला राष्ट्रपति चुना है। उन्होंने आगे कहा कि थरमन भारतीय विरासत के कई नेताओं में से हैं, जो वैश्विक स्तर पर इतने ऊंचे पद पर चुने गए हैं। लूंग ने कहा कि शनमुगरत्नम की जीत दुनिया भर में भारतीयों के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।


🚩भारतीय नेताओं का दुनिया की राजनीति पर प्रभाव


🚩1. अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बढ़ते प्रभाव को कमला हैरिस की सफलता में देखा जा सकता है। भारतवंशी हैरिस अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनी हैं। इससे पहले वह साल 2017 से 2021 तक कैलिफोर्निया की सीनेटर रहीं। 


🚩डेमोक्रेट हैरिस ने 2011 से 2017 तक कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल के रूप में भी काम किया। उनका जन्म कैलिफोर्निया में भारतीय और जमैका माता-पिता के यहां हुआ था।


🚩2. नंबर में मध्यावधि चुनावों में, सत्तारूढ़ डेमोक्रेट पार्टी के पांच भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल, अमी बेरा और श्री थानेदार अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए।


🚩3. इतना ही नहीं, कैलिफोर्निया के एक प्रमुख राजनेता हरमीत ढिल्लों ने हाल ही में रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आरएनसी) के अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ा था। 


🚩4. निक्की हेली और विवेक रामास्वामी जैसे भारतीय मूल के नेताओं ने अगले साल होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश की है।


🚩5. ऋषि सुनक पिछले साल ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बने थे। साथ ही, गोवा मूल की सुएला ब्रेवरमैन उनकी गृह सचिव के रूप में कार्यरत हैं। बता दें, सनक कैबिनेट में ब्रेवरमैन के बाद क्लेयर कॉटिन्हो गोवा मूल के दूसरे मंत्री हैं। उन्हें हाल ही में उनके नए ऊर्जा सुरक्षा और नेट जीरो सचिव के रूप में एक बड़ी पदोन्नति मिली।


🚩6. सुनक से पहले, बोरिस जॉनसन के मंत्रिमंडल में प्रीति पटेल गृह सचिव थीं। आलोक शर्मा जॉनसन कैबिनेट में अंतरराष्ट्रीय विकास सचिव थे।


🚩7. गौरतलब है, आयरलैंड के प्रधानमंत्री (ताओसीच) लियो एरिक वराडकर भी भारतीय मूल के हैं। वराडकर अशोक और मिरियम वराडकर की तीसरी संतान और इकलौते बेटे हैं। उनके पिता का जन्म मुंबई में हुआ था और 1960 के दशक में यूनाइटेड किंगडम चले गए थे।


🚩8. एंटोनियो कोस्टा 2015 से पुर्तगाल के प्रधानमंत्री हैं। वह आधे भारतीय और आधे पुर्तगाली हैं। 


🚩9. उनके अलावा, अनीता आनंद कनाडा में संघीय मंत्री बनने वाली पहली हिंदू हैं। आनंद ने इस साल जुलाई में ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष की भूमिका संभाली। उनके माता-पिता भारतीय हैं। उनके पिता तमिलनाडु से थे और उनकी मां पंजाब से थीं।


🚩10. आनंद के अलावा, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के मंत्रिमंडल में दो और भारतीय मूल के सदस्य हैं - हरजीत सज्जन और कमल खेरा। 


🚩11. वहीं, प्रियंका राधाकृष्णन न्यूजीलैंड में मंत्री बनने वाली भारतीय मूल की पहली व्यक्ति हैं। चेन्नई में मलयाली माता-पिता के घर जन्मी, वह वर्तमान में सामुदायिक और स्वैच्छिक क्षेत्र मंत्री हैं।


🚩12. त्रिनिदाद और टोबैगो की निर्वाचित राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू का जन्म एक इंडो-ट्रिनिडाडियन परिवार में हुआ था।


🚩13. भारतीय मूल के वकील और लेखक प्रीतम सिंह 2020 से सिंगापुर में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यरत हैं।


🚩14. देवानंद शर्मा 2019 में ऑस्ट्रेलियाई संसद के सदस्य बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति बने।


🚩15. गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली का जन्म लियोनोरा में एक मुस्लिम इंडो-गुयाना परिवार में हुआ था।


🚩16. प्रविंद जुगनाथ जनवरी 2017 से मॉरीशस के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उनका जन्म 1961 में एक हिंदू यदुवंशी परिवार में हुआ था। उनके परदादा 1870 के दशक में भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश से मॉरीशस चले गए थे।


🚩17. साल 2019 से मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन का जन्म एक भारतीय आर्य समाज हिंदू परिवार में हुआ था।


🚩18. चंद्रिकाप्रसाद संतोखी 2020 से सूरीनाम के राष्ट्रपति हैं। संतोखी का जन्म 1959 में लेलीडॉर्प में एक इंडो-सूरीनाम हिंदू परिवार में हुआ था।


🚩19. वेवेल रामकलावन अक्टूबर 2020 से सेशेल्स के राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं। उनके दादा बिहार से थे।


🚩बता दें, साल 2021 में इंडियास्पोरा गवर्नमेंट लीडर्स लिस्ट जारी की गई थी। इसमें बताया गया था कि दुनियाभर के 15 देशों में सार्वजनिक सेवा के शीर्ष पदों पर भारतीय विरासत के 200 से अधिक नेता आसीन हैं। इनमें से 60 से अधिक कैबिनेट पदों पर हैं।


🚩आपको बता दे की करीब 20/60 साल पहले ही जिस समय कांग्रेस की सरकार थी और भारत की संस्कृती पर कुठारागत किया जा रहा था उस समय हिंदु संत आशाराम बापू ने भविष्यवाणी किया था की भारत विश्व गुरु बनेगा और विश्व का मार्ग दर्शन करेगा जो आज सच होता दिखाई दे रहा है।

https://youtu.be/M55sPB7S8rg?si=OMDRvFrXys4rr9nE


🚩भारत ही एक ऐसा देश है जो पूरी दुनिया पर राज करने के बाद भी कभी भी किसी का शोषण नही करेगा किसी भी देश में होगा वे अपनी मेहनत और भारतीय संस्कृति के संस्कार से ऊंचे पदों पर आसीन होने के बाद लोक हित का ही कार्य करता है क्योंकि भारतीय वैदिक संस्कृति में लिखा है:-

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:खभाग भवेत्।

ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।।।


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