Tuesday, November 28, 2023

केरल के मदरसे में अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में तीन मौलवी गिरफ्तार

 29 November 2023

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🚩कुछ मीडिया वालों का एक ही लक्ष्य रहता है, ईसाई धर्मगुरु हो या मुस्लिम धर्मगुरु उनके ऊपर कोई आरोप लगता है अथवा अपराध सिद्ध भी हो जाये तो उसको इस तरीके से दिखाएंगे की जैसे कोई हिन्दू साधु-संत हैं,क्योंकि उनका उद्देश्य है हिन्दू संस्कृति के आधार स्तम्भ साधु-संतों को बदनाम करके हिन्दू धर्म को नीचा दिखाना।और कुछ भोले हिन्दू उनकी बातों में आ भी जाते हैं । बिकाऊ मीडिया की बात को सच मानकर अपने धर्मगुरुओं को गलत बोलने लग जाते हैं।


🚩मुस्लिमपरस्ती में कुछ मीडिया वाले इस कदर मदमस्त हैं कि उन्हें कहीं कोई अपराधी मुस्लिम समुदाय या कई बार ईसाई भी दिख जाए तो ये पूरा गिरोह चटपट येन-केन प्रकारेण दर्शकों/पाठकों के सामने मामले को ऐसा स्पिन देने की कोशिश में लग जाएगा कि समुदाय विशेष का अपराध भी ढक जाए और कोई निरपराध समुदाय या व्यक्ति , खासतौर पर हिन्दू धर्म प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सवालों के घेरे में भी आ जाए। इसलिए ऐसी बिकाऊ मीडिया से सावधान रहें।


 🚩केरल के मामले में मीडिया ने चुप्पी साधी है क्योंकि दुष्कर्म के आरोप में पकड़ा जाने वाला व्यक्ति मुस्लिम समुदाय का मौलवी है।


🚩आपको बता दें कि केरल में मौलानाओं के हाथों बच्चों के यौन शोषण और कुकर्म के दो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। पहली घटना में, तीन मदरसा शिक्षकों को, जिनमें से एक उत्तर प्रदेश का है, नेदुमंगड पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं दूसरा मामला भी यौन शोषण का ही है। दरअसल, अधिकारियों ने बताया कि नाबालिग छात्रों पर यौन उत्पीड़न के मामले में 18 नवंबर, 2023 को ही मदरसा शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया था।


🚩मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पहले मामले में आरोपितों की पहचान कडक्कल कांजीराथुम्मुडु बिस्मी भवन के 24 वर्षीय एल सिद्दीकी, करीबा ऑडिटोरियम के पास जैस्मीन विला के 28 वर्षीय एस मुहम्मद शमीर और उत्तर प्रदेश के खीरी जिले के गणेशपुर के 30 वर्षीय मुहम्मद रसलाल हक के रूप में हुई। तीनों पर आरोप है कि मदरसे में किशोरों के साथ अप्राकृतिक सेक्स किया। 


🚩इस मामले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए किशोर न्याय अधिनियम, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और प्रासंगिक भारतीय दंड संहिता की धाराएँ लागू की गईं।


🚩रिपोर्ट के अनुसार, तीनों आरोपित पिछले एक साल से नेदुमंगड (Nedumangad) में एक मदरसा चला रहे थे। वहीं शिकायत के बाद कट्टक्कडा के पुलिस उपाधीक्षक (डीवाईएसपी) एन शिबू, नेदुमंगड स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) ए सुनील, उप-निरीक्षक (एसआई) सुरेश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई), जिला पुलिस अधीक्षक किरण नारायणन ने अपराधियों की गिरफ्तारी को सुनिश्चित किया।


🚩दरअसल, वरिष्ठ सिविल पुलिस अधिकारी (एससीपीओ) सी बीजू, दीपा और सिविल पुलिस अधिकारी (सीपीओ) अजीत मोहन को सीडब्ल्यूसी से आरोपितों के खिलाफ उनके भयानक अपराधों के बारे में पीड़ितों द्वारा की गई शिकायत की सूचना मिली, जो दीनी तालीम के लिए मदरसे में आए थे। फ़िलहाल,अब तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर भेज दिया गया है।


🚩इस बीच, वाज़िकादावु पुलिस ने 22 नवंबर, 2023 को मलप्पुरम में पुथुक्कादावु मुहम्मद शाकिर नामक एक मौलवी को भी गिरफ्तार किया है, जिसे शाकिर बाक्वावी ममपाद के नाम से भी जाना जाता है, उस पर भी एक साल तक एक बच्चे से छेड़छाड़ करने का आरोप था।


🚩मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित ने 21 नवंबर, 2023 को अपने मदरसा शिक्षक के दुर्व्यवहार के बारे में बताया और शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में वाज़िकादावु पुलिस स्टेशन के हाउस ऑफिसर, मनोज परायट्टा ने बताया, “हमें मंगलवार को शाकिर के खिलाफ शिकायत मिली। लड़के ने अपने शिक्षक शाकिर के दुर्व्यवहार के बारे में पुलिस को बताया। और हमने बिना देर किए आरोपित को उसके घर से पकड़ लिया था।”


🚩हालाँकि, यौन उत्पीड़न के इस मामले में मदरसे के शिक्षक द्वारा करीब एक साल से बच्चे का यह उत्पीड़न चल रहा था। मदरसे के शिक्षकों ने पीड़ितों के द्वारा इस मामले के बारे में खुलासा करने पर भयंकर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी। इसके अलावा, जाँच दल इस एंगल से भी जाँच कर रही है कि और कितने समय से इन आरोपितों ने मदरसे के कितने और बच्चों को शिकार बनाया। 


🚩बता दें कि इस्लामिक प्रचारक यौन उत्पीड़न के आरोपित मुहम्मद शाकिर के फेसबुक पेज पर 23,000 से अधिक फेसबुक फॉलोअर्स और 8,000 से अधिक यूट्यूब सब्सक्राइबर्स है। उसके ज़्यादातर वीडियो इस्लामिक प्रचार से जुड़े हैं।


🚩सुदर्शन न्यूज़ चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने कई बार बताया है, कि अधिकतर मीडिया को ईसाई मिशनरियों की वेटिकन सिटी और मुस्लिम देश जैसे अरब, दुबई आदि से फंडिग होती है, जिससे वे हिन्दू संस्कृति तोड़ने के लिए हिन्दुओं के आस्था के केंद्र और निर्दोष हिन्दू साधु-संतों के प्रति भारत की जनता के मन में नफरत पैदा करने का काम करते हैं । वे हिन्दुओं के मन में ये डालने का प्रयास करते हैं कि आपके धर्मगुरु तो अपराधी हैं। आप हिन्दू धर्म छोड़कर हमारे धर्म में आ जाओ । ये उनकी थ्योरी है, जबकि वे मौलवी और ईसाई पादरियों के कुकर्म नहीं बताते ।


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