Sunday, November 5, 2023

मांस अथवा अंडे खाने से पहले इस बात की जानकारी होनी चाहिए, नही तो झेलना पड़ेगा भयंकर नुकसान......

5 November 2023

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🚩भगवान ने सृष्टि रचना के समय ही ना सिर्फ जीवों का ध्यान रखा बल्कि उनके साधन, संसाधनों का भी बखूबी लिहाज रखा। ईश्वर ने मानव शरीर के हर अंग के लिए एक अलग वनस्पति भी तैयार करके दी है। कभी आप गौर कीजिए अखरोट की बनावट आपकी खोपड़ी जैसी होती है अर्थात अगर दिमाग की कोई कमजोरी है या दिमाग तेज करना हो तो अखरोट खाइएं, बादाम की बनावट आंखों जैसी होती है यानी बादाम से हमारे आखो की रोशनी बढ़ती है। काजू को सिरे से पकड़ने से उनकी बनावट भी आपके कानों जैसी लगेगी मतलब अगर कान की कोई भी समस्या है तो काजू का सेवन करे, अगर हड्डियों में कोई तकलीफ़ है तो गन्ना दे दिया है। गन्ने की आकृति भी हड्डियों जैसी ही होती है। अर्थात भगवान से हमारी बात प्रकृति के माध्यम से हो सकती है, भगवान ने हमें प्रकृति के जरिए बताने का प्रयास किया है कि मैंने सिर्फ शाकाहारी मानवों को जन्म दिया है वो ही मेरी संताने है, बाकी सब मुझसे दूर जा रही है। देश में जितने भी अस्पताल मरीजों से भरे पड़े है उनमें अधिकांश मांसाहारी ही है। कैंसर, ब्रेन हेमरेज, हाई ब्लडप्रेशर, किडनी फेल होना आदि मांसाहार की ही देन है। एक मांसाहारी से अगर 2 किलोमीटर भी चलने को बोलेंगे तो वो थोड़ी ही दूर में हांफने लगेगा। उसकी धमनियां तेज हो जाएंगी सांस फूल जाएंगी। ताकत उसे नहीं कहते जब किसी को उठा कर पटकना हो, ताकत वो है जो इंसान को अडिग बना दे। चाहे विषम परिस्थितियां हो तब भी इंसान विचलित न हो बल्कि उनका डटकर सामना करे। जितने भी साधु, सन्यासी, मुनि, ऋषि है सभी शाकाहारी होते है। आज तक कोई मांसाहारी महामानव नहीं जन्मा और न कभी हो सकता है क्योंकि उनमें वो ताकत नहीं की धूप, ठंड आंधी, तूफ़ान झेल सके। जो लोग मांसाहार का सेवन करते है वो किसी जानवर को ही नहीं खाते उनकी पशुता और को प्रवत्तियों को भी ग्रहण कर लेते है। कभी भी आप गौर करना एक मांसाहारी आदमी जरा सी बात में उत्तेजित हो जाएगा, जबकि एक शाकाहारी शांत भाव से विवेकपूर्ण तर्क देगा, विचार विमर्श करेगा। एक बात ध्यान रखिएगा जैसे कर्म होते है वैसा धर्म होता है और जैसी मती होती है, वैसी गति प्राप्त है। चाहे इंसान जितना भी पढ़ लिख ले। वो इस बात से इंकार नहीं कर सकता । विज्ञान भी हॉर्सपॉवर पर निर्भर है, जबकि घोड़े से ज्यादा तो शेर में ताकत होती है। अत: आधुनिक विज्ञान युग भी इन बातो को ही मानता है कि पॉवर हॉर्स की होती है और हॉर्स शाकाहारी ही होता है। कभी भी लोग नहीं कहते कि भीम में 1000 शेरो की ताकत थी, सदैव उपमा दी जाती है कि उनमें हजारों हाथियों का बल था। हाथी भी शाकाहारी ही है।


🚩जब भी आप कहीं होटल या रेस्टोरेंट से गुजरते है तो वहां शुद्ध शाकाहारी लिखा होता है कभी भी मांसाहार के साथ शुद्ध शब्द नहीं जोड़ा जाता है क्योंकि मांसाहार शुद्ध है ही नहीं। स्वयं का पेट भरने हेतु किसी दूसरे का पेट फाड़ देने में कैसी शुद्धता, क्या पवित्रता। एक बात हमेशा ध्यान रखे जो जैसे कर्म करता है फल भी वैसे ही मिलते है, जो मरता है, वो मारने जरूर आता है। कर्म का प्रभाव तुरंत कभी नहीं मिलता की आपने मांस खाया और भगवान से आपकी गर्दन रेत दी। या आप किसी जानवर को काट रहे है तो भगवान ने आपके चीथड़े उड़ा दिए। जैसे अगर अभी आप बोर्ड के एग्जाम दे चुके तो ज़ाहिर है रिजल्ट तो मिलना ही है आप भगवान से ऐसा नहीं बोल सकते की रिजल्ट रोक दो। जो भी रिजल्ट होगा आपका कर्म बतलाएगा, कोई देवी देवता या भगवान नहीं। भगवान भी कर्म सिद्धान्त से बंधे हुए है। कर्म सिद्धांत कहता है कि अगर अनजाने ने भी गलती हुई है तब भी घोर सजा मिलेगी। जो अक्सर कहते है की हमसे अनजाने में मांस भक्षण हुआ हमें वास्तविकता नहीं मालूम थी। अगर गलती से बिजली के तार में हाथ पड़ा तो क्या जोरदार झटका नहीं लगेगा इसलिए कर्म चाहे अनजाने में हो मजबूरी में हो या शौक से हो, सजा बराबर मिलेगी। मेरी विनती है उन सभी मां बाप से कि अपने बच्चों को ज्यादा सम्पत्ति, अच्छे संस्कार दे न दे बल्कि इस बात का ध्यान दे कि उसमे कोई दुर्गुण न हो, क्योंकि चाहे लाख अच्छाई हो अगर एक भी दोष दुर्गुण पतन करा देता है, जैसे एक छोटा सा छेद बड़ी से बड़ी नाव को डूब देता है। जैसे हम 100 लीटर दूध में अगर एक नींबू की बूंद भी डाल देते है तो दूध खराब हो जाता है।


🚩मांसाहारी चाहे शाकाहारी चीजों का कितना भी विरोध करे शाकाहारी लोगो को भले ही घास फूस खानेवाला बोले लेकिन जब जान हथेली में होती है तो शाकाहार की ही शरण में आते है। अगर शाकाहार का ही सेवन कर रहे होते तो शरीर में कोई बीमारी होने के चांस कम होते हैं। 


🚩मै एक मांसाहारी व्यक्ति की कहानी साझा करना चाहता हूं एक कसाई था वो रोज काफी मुर्गों के बच्चो को काट देता था और अपने बच्चो को भी वहां ले जाता था, बच्चे 3 साल से ज्यादा के नहीं थे, वो गौर करते थे कि उनके पिताजी रोज मुर्गी के बच्चे काट कर हंसते है। जरूर मुर्गी वाले खेल में बहुत मज़ा आती होगी। एक बार क्या होता है कि वो कसाई किसी काम से बाहर जाता है बच्चे दुकान में ही होते है तब एक बच्चा दूसरे से कहता है कि मुर्गी वाला खेल खेलते है, लेकिन दुकान में मुर्गी नहीं होती, मगर छुरी रखी होती है तब वो अपने भाई को जमीन में लिटा देता है और बोलता है कि भाई अभी जैसे पापा को मुर्गी काटने के बाद खुशी मिलती है हमे भी मिलने वाली है दोनों बहुत उत्सुक हो जाते है और उनमें से एक अपने ही भाई की खोपड़ी में हाथ रखता है और एक ही हमले में सर अलग कर देता है। जब वो मुर्गियां लेकर वहां पहुंचता है तो मृत बालक को पाकर बहुत रोता है कि मैंने अपने दोनो बच्चे खो दिए, तब उनमें से एक मुर्गी बोली तुम्हारे सिर्फ दो बच्चे मरे तो तुम्हे इतना अफसोस है सोचो जब तुम रोज हमारे खानदान को खत्म करते हो तो हम कैसे झेलते होंगे। यानी जैसा बच्चो को माहौल और जैसा भोजन दोगे उनका वैसा ही जीवन बन जाएगा।


🚩मानवीय भ्रांतियां -


🚩कहते हैं कि मांस और अंडो से ताकत आती है लेकिन विज्ञान अपने शोध में सिद्ध कर चुका है कि एक गिलास दूध में 4 अंडो की ताकत होती है। लोग कहते है कि अंडा शाकाहारी है, लेकिन प्रकृति ने जो भी दिया वहीं शाकाहारी है अंडा अगर पेड़ में उगता तो शाकाहारी मान लेता लेकिन वो एक गर्भ से निकला शिशु होता है।


🚩लोग कहते है कि अगर उनको नहीं खाएंगे तो हर जगह बकरे और मुर्गे होंगे। कभी आपने गौर किया है कि लुप्त कौन कौन सी प्रजाति हो रही है और कौन हो चुकी है। डायनासोर को कोई नहीं खाता था वो लुप्त हों गए। बाघ को कोई नहीं खाता उसका अस्तित्व भी संकट में है, शेर की संख्या भी घटती जा रही है, लेकिन जो जितने ज्यादा मौत के घाट उतारे जा रहे है उनकी संख्या उतनी ही ज्यादा बढ़ रही है अगर उन्हें इसी तरह काटते रहे तो भगवान हर जगह इनकी बढ़ोतरी कर देगा। भगवान को जब एहसास हो जाता है कि इन जीवों की लोगो और समाज को कोई जरूरत नहीं है वो उन्हें बनाना ही बंद कर देता है।


🚩मै सभी मां बाप से हाथ जोड़कर निवेदन करूंगा कि बच्चो के खानपान पर विशेष ध्यान दे क्योंकि भोजन से ही रक्त बनता है भोजन से ही अनेक मूल्यवान धातु बनती है और उसी से चेतना शरीर में आती है। जब शरीर में गंदगी है हिंसा है, क्रूरता का प्रभाव है तो व्यक्ति की सोच भी वैसी ही बनेगी कर्म वैसे ही होंगे और भविष्य भी वैसा ही होगा।

 

🚩एक गीत इंसान को हमेशा याद रखना चाहिए कि

"चाहे लाख करे चतुराई, कर्म का लेख मिटे न रे भाई।"


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🚩उम्मीद है आप समझे होंगे कि शाकाहारी सिर्फ स्वस्थ, अच्छी चेतना नेक सोच और संस्कार ही नहीं देगा, बेहतर भविष्य और मोक्ष भी देता है और जो मांसाहारी है उन्हें इस संसार में कर्मफल भुगतना होगा। क्योंकि जो मरता है वो मारने जरूर आता है और जो मारता है वो मरने जरूर आता है यही अटल सत्य और कर्म की शास्वत परिभाषा है। -विहान श्री वास्तव


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