Sunday, March 19, 2017

सोशल मीडिया पर उठी फिर से जनता की आवाज...न्याय में विलंब क्यों ?

🚩सोशल मीडिया पर उठी फिर से जनता की आवाज...न्याय में विलंब क्यों ?

🚩आज दिनभर एक ट्रेंड टॉप में चल रहा था जिसके द्वारा हजारों लोग ट्वीट कर रहे थे कि न्याय में विलंब करना भी अन्याय ही है ।

🚩 #न्याय_में_विलंब_क्यों इस हैशटैग को लेकर कई यूजर्स का कहना था कि POCSO कानून का दुरूपयोग किया जा रहा है तो कई यूजर्स का कहना था कि अब जल्द इंसाफ चाहिए ।
Azaad Bharat - #न्याय_में_विलंब_क्यों 

🚩आपको बता दें कि ये ट्रेंड हिन्दू संत बापू आसारामजी के लिए था जो कि पिछले साढ़े तीन साल से जेल में हैं और अभी तक उनके ऊपर एक भी आरोप सिद्ध नही हुआ है लेकिन उनको साधारण जमानत तक नही मिल पा रही है इसलिए जनता ने आज भारी रोष प्रगट करते हुए 1 लाख 20 हजार से ज्यादा ट्वीटस किये हैं उनकी शीघ्र रिहाई के लिए ।
जिसके कारण आज ये #हैशटैग टॉप ट्रेंड में बना रहा ।

🚩आइये जानते है क्या कहते हैं यूजर्स...

🚩1. रूपेश कुमार का कहना है कि बहुत हुआ #POCSO Misuse से अत्याचार! षड़यंत्र कर भेजा निर्दोष #Asaram Bapu Ji को जेल !! #न्याय_में_विलंब_क्यों

🚩2- तोप सिंह ने लिखा कि राज्य महिला आयोग को नहीं मिली आसाराम बापूजी के खिलाफ कोई शिकायत.. #न्याय_में_विलंब_क्यों 

🚩3- आशीष लिखते हैं कि @BJP4India आरोपी तेजपाल को बेल, आरोपी लालू को बेल, फिर Asaram Bapu Ji को बेल क्यों नहीं ? 

🚩4- निर्मला पाण्डे लिखती हैं कि Asaram Bapu Ji के खिलाफ झूठा बयान देने के लिए पुलिस ने शिवा को बर्बरता से मारा ।

🚩5- ज्योति गंभीर का कहना है कि लड़की की सारी बातें काल्पनिक और बनावटी हैं, कोई भी आम आदमी भाप ले ऐसा #झूठा केस दर्ज किया गया! आखिर क्यों? 
#न्याय_में_विलंब_क्यों

🚩6- जयंत राठोड़ लिखते हैं कि मेडिकल रिपोर्ट= लड़की के साथ रेप या #छेड़-छाड़ नहीं हुई, फिर केस बापूजी पर क्यों? #न्याय_में_विलंब_क्यों 

🚩7- विशाखा लिखती हैं कि अगर आरोंपों में थोड़ी सी भी सच्चाई होती तो आज करोड़ों पढ़े-लिखे लोग Asaram Bapu Ji का समर्थन न करते!

🚩8- पंकज सोनी का कहना है कि 
विलंबित इंसाफ !
पक्षपाती इंसाफ !
क्या यह राष्ट्र का कानून है या दोष है ? #न्याय_में_विलंब_क्यों

🚩9 - अमित सोनी ने लिखा कि पुलिस ने कहा #FIR में बलात्कार का जिक्र नहीं,फिर Asaram Bapu Ji को बेल क्यों नही? 

🚩10- सरिता लिखती है कि #धर्मान्तरण करने वालों की गहरी साजिश का परिणाम- एक निर्दोष संत आसाराम बापू जी को 3 साल से जेल! 

🚩इस तरीके से आज दिनभर लोग ट्वीटस द्वारा संत आसारामजी बापू की शीघ्र रिहाई की मांग कर रहे थे कई हिन्दू संगठन भी इस ट्रेंड द्वारा जनता के साथ जुड़कर बापू की #शीघ्र रिहाई की मांग करते दिखे ।

🚩जैसा कि हम पहले भी आपको अवगत कराते आये हैं कि इस प्रकार का ट्रेंड कोई पहली बार नही बना है । ऐसे तो पहले भी उनके समर्थन में हजारों-लाखों ट्वीट देखी गई हैं । पिछले 2 से 3 साल के अंदर न जाने कितने टॉप ट्रेंड संत आसारामजी बापू की शीघ्र रिहाई के लिए बन चुके हैं पर इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया ने कभी इन हजारों लोगों की आवाज को समाज के सामने नहीं रखा । जब भी संत आसारामजी बापू के लिए कुछ दिखाया तो सदा झूठ और बनावटी कहानियाँ बना-बना कर समाज को गुमराह करने की ही कोशिश की ।

🚩गौरतलब है कि बापू आसारामजी बिना अपराध सिद्ध हुए 43 महीनों से जोधपुर जेल में बंद हैं और उनकी रिहाई के लिए #सुब्रमण्यन स्वामी, सुरेश #चव्हाणके, टी राजा सिंह,संजय राऊत आदि कई #हिंदुत्वनिष्ठ हस्तियों के साथ-साथ सोशल मीडिया व ग्राउंड लेवल पर भी उनके समर्थन में हजारों रैलियां, धरने, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन देना,संत सम्मेलन आदि होते आ रहे हैं ।

🚩फिलहाल बापू #आसारामजी को कानून से अभी तक  कोई राहत नही मिली है इसलिए जनता अब #सोशल #मीडिया और #ग्राउंड लेवल पर सतत उनकी रिहाई की मांग कर रही है ।

Saturday, March 18, 2017

कौन हैं योगी आदित्यनाथ जी ? आइये जानते है योगी जी का जीवन परिचय

🚩कौन हैं योगी आदित्यनाथ जी ? आइये जानते है योगी जी का जीवन परिचय

🚩योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे लेकिन उनके बारे में हम सभी को जानना जरूरी है इसलिए आपको योगी जी के परिचय से अवगत कराते हैं ।
                                            YogiAdityanath


🚩जब सम्पूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश #जेहाद, धर्मान्तरण, नक्सली व माओवादी हिंसा, भ्रष्टाचार तथा अपराध की अराजकता में जकड़ा था उसी समय नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर के पावन परिसर में शिव गोरक्ष महायोगी गोरखनाथ जी के अनुग्रह स्वरूप माघ शुक्ल 5 संवत् 2050 तदनुसार 15 फरवरी सन् 1994 की शुभ तिथि पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपने उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ जी का दीक्षाभिषेक सम्पन्न किया।

🚩योगीजी का जन्म देवाधिदेव भगवान् महादेव की उपत्यका में स्थित देव-भूमि उत्तराखण्ड में 5 जून सन् 1972 को हुआ। शिव अंश की उपस्थिति ने छात्ररूपी योगी जी को शिक्षा के साथ-साथ सनातन हिन्दू धर्म की विकृतियों एवं उस पर हो रहे प्रहार से व्यथित कर दिया। प्रारब्ध की प्राप्ति से प्रेरित होकर आपने 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ग्रहण कर लिया। योगी जी ने विज्ञान वर्ग से स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की तथा छात्र जीवन में विभिन्न राष्ट्रवादी आन्दोलनों से जुड़े रहे।


🚩योगी जी ने संन्यासियों के प्रचलित मिथक को तोड़ा। धर्मस्थल में बैठकर आराध्य की उपासना करने के स्थान पर आराध्य के द्वारा प्रतिस्थापित सत्य एवं उनकी सन्तानों के उत्थान हेतु एक योगी की भाँति गाँव-गाँव और गली-गली निकल पड़े। सत्य के आग्रह पर देखते ही देखते शिव के उपासक की सेना चलती रही और शिव भक्तों की एक लम्बी कतार उनके साथ जुड़ती चली गयी। इस अभियान ने एक आन्दोलन का स्वरूप ग्रहण किया और हिन्दू पुनर्जागरण का इतिहास सृजित हुआ।

🚩अपनी पीठ की परम्परा के अनुसार योगी जी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया। सहभोज के माध्यम से छुआछूत और अस्पृश्यता की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किया। वृहद् हिन्दू समाज को संगठित कर राष्ट्रवादी शक्ति के माध्यम से हजारों मतान्तरित हिन्दुओं की सह-सम्मान घर वापसी का कार्य किया। गोरक्षा के लिए आम जनमानस को जागरूक करके गोवंशों का संरक्षण एवं सम्वर्धन करवाया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सक्रिय समाज विरोधी एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर भी प्रभावी अंकुश लगाने में योगी जी ने सफलता प्राप्त की। योगीजी के हिन्दू पुनर्जागरण अभियान से प्रभावित होकर गाँव, देहात, शहर एवं अट्टालिकाओं में बैठे युवाओं ने इस अभियान में स्वयं को पूर्णतया समर्पित कर दिया। बहुआयामी प्रतिभा के धनी योगी जी, धर्म के साथ-साथ सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में रत हो गये।

🚩अपने पूज्य गुरुदेव के आदेश एवं गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता की मांग पर योगीजी ने वर्ष 1998 में #लोकसभा #चुनाव लड़ा और मात्र 26 वर्ष की आयु में भारतीय #संसद के सबसे युवा सांसद बने। जनता के बीच दैनिक उपस्थिति, संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले लगभग 1500 ग्रामसभाओं में प्रतिवर्ष भ्रमण तथा हिन्दुत्व और विकास के कार्यक्रमों के कारण #गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने योगी जी को वर्ष 1999, 2004 और 2009 के चुनाव में निरन्तर बढ़ते हुए मतों के अन्तर से विजयी बनाकर 6 बार लोकसभा का सदस्य बनाया।

🚩#संसद में सक्रिय उपस्थिति एवं संसदीय कार्य में रुचि लेने के कारण योगी जी को केन्द्र सरकार ने खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग और वितरण मंत्रालय, चीनी और खाद्य तेल वितरण, ग्रामीण विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, सड़क परिवहन, पोत, नागरिक विमानन, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालयों के स्थायी समिति के सदस्य तथा गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्वविद्यालय की समितियों में सदस्य के रूप में समय-समय पर नामित किया।

🚩व्यवहार कुशलता, दृढ़ता और कर्मठता से उपजी आपकी प्रबन्धन शैली शोध का विषय है। इसी अलौकिक प्रबन्धकीय शैली के कारण योगी जी लगभग 36 शैक्षणिक एवं चिकित्सकीय संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, प्रबन्धक या संयुक्त सचिव हैं।

🚩#हिन्दुत्व के प्रति अगाध प्रेम तथा मन, वचन और कर्म से हिन्दुत्व के प्रहरी योगीजी को विश्व हिन्दु महासंघ जैसी हिन्दुओं की अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ने अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा भारत इकाई के अध्यक्ष का महत्त्वपूर्ण दायित्व दिया, जिसका सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए योगी जी ने वर्ष 1997, 2003, 2006 में गोरखपुर में और 2008 में तुलसीपुर (बलरामपुर) में विश्व हिन्दु महासंघ के अन्तर्राष्ट्रीय अधिवेशन को सम्पन्न कराया। सम्प्रति योगी जी के प्रभामण्डल से विश्व परिचित हुआ। 

🚩योगी जी की बहुमुखी प्रतिभा का एक आयाम लेखक का है। अपने दैनिक वृत्त पर विज्ञप्ति लिखने जैसे श्रमसाध्य कार्य के साथ-साथ आप समय-समय पर अपने विचार को स्तम्भ के रूप में समाचार-पत्रों में भेजते रहते हैं। अत्यल्प अवधि में ही ‘यौगिक षटकर्म’, ‘हठयोग: स्वरूप एवं साधना’, ‘राजयोग: स्वरूप एवं साधना’ तथा ‘हिन्दू राष्ट्र नेपाल’ नामक पुस्तकें लिखीं। श्री गोरखनाथ मन्दिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक ‘योगवाणी’ के योगी जी प्रधान सम्पादक हैं तथा ‘हिन्दवी’ साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक रहे। योगी जी का कुशल नेतृत्व युगान्तकारी है और एक नया इतिहास रच रहा है। 

🚩व्यक्तित्व के विभिन्न आयाम

🚩भगवामय बेदाग #जीवन- योगी आदित्यनाथ जी महाराज एक खुली किताब हैं जिसे कोई भी कभी भी पढ़ सकता है। उनका जीवन एक योगी का जीवन है, सन्त का जीवन है। पीड़ित, गरीब, असहाय के प्रति करुणा, किसी के भी प्रति अन्याय एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध तनकर खड़ा हो जाने का #निर्भीक मन, विचारधारा एवं सिद्धान्त के प्रति अटल, लाभ-हानि, मान-सम्मान की चिन्ता किये बगैर साहस के साथ किसी भी सीमा तक जाकर धर्म एवं #संस्कृति की #रक्षा का प्रयास उनकी पहचान है।


🚩पीड़ित मानवता को समर्पित जीवन 

🚩वैभवपूर्ण #ऐश्वर्य का #त्यागकर कंटकाकीर्ण पगडंडियों का मार्ग उन्होंने स्वीकार किया है। उनके जीवन का उद्देश्य है - ‘न त्वं कामये राज्यं, न स्वर्ग ना पुनर्भवम्। कामये दुःखतप्तानां प्राणिनामर्तिनाशनम्।। अर्थात् ‘‘हे प्रभो! मैं लोक जीवन में #राजपाट पाने की कामना नहीं करता हूँ। मैं लोकोत्तर जीवन में स्वर्ग और मोक्ष पाने की भी कामना नहीं करता। मैं अपने लिये इन तमाम सुखों के बदले केवल प्राणिमात्र के कष्टों का निवारण ही चाहता हूँ।’’ पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज को निकट से जानने वाला हर कोई यह जानता है कि वे उपर्युक्त अवधारणा को साक्षात् जीते हैं। वरना जहाँ सुबह से शाम तक हजारों सिर उनके चरणों में झुकते हों, जहाँ भौतिक सुख और वैभव के सभी साधन एक इशारे पर उपलब्ध हो जाएँ,जहाँ मोक्ष प्राप्त करने के सभी साधन एवं साधना उपलब्ध हो, ऐसे जीवन का प्रशस्त मार्ग तजकर मान-सम्मान की चिंता किये बगैर, यदा-कदा अपमान का हलाहल पीते हुए इस कंटकाकीर्ण मार्ग का वे अनुसरण क्यों करते?


🚩सामाजिक समरसता के अग्रदूत

🚩‘जाति-पाति पूछे नहिं कोई-हरि को भजै सो हरि का होई’ गोरक्षपीठ का मंत्र रहा है। गोरक्षनाथ ने भारत की #जातिवादी-रूढ़िवादिता के विरुद्ध जो उद्घोष किया, उसे इस पीठ ने अनवरत जारी रखा। गोरक्षपीठाधीश्वर परमपूज्य महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के पद-चिह्नों पर चलते हुए पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने भी हिन्दू समाज में व्याप्त कुरीतियों, जातिवाद, क्षेत्रवाद, नारी-पुरुष, अमीर-गरीब आदि विषमताओं, भेदभाव एवं छुआछूत पर कठोर प्रहार करते हुए, इसके विरुद्ध अनवरत अभियान जारी रखा है। गाँव-गाँव में सहभोज के माध्यम से ‘एक साथ बैठें-एक साथ खाएँं’ मंत्र का उन्होंने उद्घोष किया।


🚩भ्रष्टाचार-आतंकवाद-अपराध विरोधी संघर्ष के नायक 

🚩योगी जी के #भ्रष्टाचार-विरोधी तेवर के हम सभी साक्षी हैं। अस्सी के दशक में गुटीय संघर्ष एवं अपराधियों की शरणगाह होने की गोरखपुर की छवि योगी जी के कारण बदली है। अपराधियों के विरुद्ध आम जनता एवं व्यापारियों के साथ खड़ा होने के कारण आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपराधियों के मनोबल टूटे हैं। पूर्वी #उत्तर_प्रदेश में योगी जी के संघर्षों का ही प्रभाव है कि माओवादी-जेहादी आतंकवादी इस क्षेत्र में अपने पाँव नही पसार पाए। नेपाल सीमा पर राष्ट्र विरोधी शक्तियों की प्रतिरोधक शक्ति के रुप में हिन्दु युवा वाहिनी सफल रही है।


🚩अब योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, वहाँ सभा शुरू हो जाती। वो जो बोल देते, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता ।

🚩उर्दू बन गई हिंदी, मियां बदलकर #मायायोगी आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए । इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया । अलीनगर आर्यनगर हो गया । मियां बाजार माया बाजार हो गया इतना ही नहीं, योगी #आदित्यनाथ तो #आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते हैं । इसके पीछे आदित्यनाथ का तर्क है कि देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं, आर्य से है अली से नहीं । 

🚩शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा के पुजारी

🚩सेवा के क्षेत्र में शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दिये जाने के गोरक्षपीठ द्वारा जारी अभियान को पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने भी और सशक्त ढंग से आगे बढ़ाया है। #योगी जी के नेतृत्व में #महाराणा #प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा आज तीन दर्जन से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाएँ गोरखपुर एवं महाराजगंज जनपद में कुष्ठरोगियों एवं वनटांगियों के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा से लेकर बीएड एवं पालिटेक्निक जैसे रोजगारपरक सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का भगीरथ प्रयास जारी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय ने अमीर-गरीब सभी के लिये एक समान उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी है। निःशुल्क #स्वास्थ्य शिविरों ने जनता के घर तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुचायी हैं।


🚩विकास के पथ पर अनवरत गतिशील 

🚩 #योगी_आदित्यनाथ जी #महाराज के व्यक्तित्व में सन्त और जननेता के गुणों का अद्भुत समन्वय है। ऐसा व्यक्तित्व विरला ही होता है। यही कारण है कि एक तरफ जहाँ वे धर्म-संस्कृति के रक्षक के रूप में दिखते हैं तो दूसरी तरफ वे जनसमस्याओं के समाधान हेतु अनवरत संघर्ष करते रहते है। सड़क, बिजली, पानी, खेती आवास, दवाई और पढ़ाई आदि की समस्याओं से प्रतिदिन जूझती जनता के दर्द को सड़क से संसद तक योगी जी संघर्षमय स्वर प्रदान करते रहे हैं। इसी का परिणाम है कि केन्द्र और प्रदेश में विपक्षी पार्टियों की सरकार होने के बावजूद गोरखपुर विकास के पथ पर अनवरत गतिमान है।

Friday, March 17, 2017

भारत में ईसाइयों की जनसंख्‍या तेजी से बढी : सेंसस रिपोर्ट

भारत में ईसाइयों की जनसंख्‍या तेजी से बढी : सेंसस रिपोर्ट

#प्रलोभन, #छल, बलप्रयोग आदि द्वारा भारत में प्रतिवर्ष 20 लाख हिन्दुओं का #धर्मान्तरण किया जाता है ।

अरुणालच प्रदेश में ईसाई जनसंख्या में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है। सेंसस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1971 में ईसाई समुदाय की संख्या 1 प्रतिशत थी वो वर्ष 2011 में बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है। जबकि हिंदू जनसंख्या 2001 में 34.6 प्रतिशत थी जो कि घटकर 2011 में केवल 29 प्रतिशत रह गई। राज्य में #ईसाई #जनसंख्या बढ़कर 100 प्रतिशत से अधिक हो गई है। 2011 की जनगणना के अनुसार, #अरुणाचल प्रदेश की कुल जनसंख्या 1.3 लाख है।
                      भारत में ईसाइयों की जनसंख्‍या तेजी से बढी : सेंसस रिपोर्ट

एचटी #मीडिया #रिपोर्ट के अनुसार, ये बदलाव पूर्वोत्तर के एक और राज्य में देखा गया है। मणिपुर में 2.8 लाख जनसंख्या में #ईसाईयों की संख्या बढ़ी है।  #मणिपुर में ईसाई जनसंख्या जो 1961 में 19 प्रतिशत थी वो 2011 में बढ़कर 41 प्रतिशत से अधिक हो गई है।  वहीं 1961 में कुल #जनसंख्या में #हिंदुओं का लगभग 62 प्रतिशत हिस्सा था । 2011 में ईसाई और हिंदुओं की लगभग बराबर हिस्सेदारी रही है।

मणिपुर और #अरूणाचल प्रदेश में भारत की जनसंख्या का केवल 0.3 प्रतिशत हिस्सा है। दो राज्यों में ईसाइयों की संख्या 27.8 लाख है, जो देश की जनसंख्या का लगभग 2 प्रतिशत है।

मणिपुर राज्य में #ईसाईकरण हेतु मिशनरियों ने ईसाई #पाठशालाएं आरंभ की हैं। इसके फलस्वरूप मणिपुर में 34 प्रतिशत लोग ईसाई हुए हैं। मइताय जमाती के लोगों ने #धर्मपरिवर्तन किया है। #मणिपुरी भाषा के साहित्य में केवल #बाईबल तथा ईसाईयों से संबंधित पुस्तकें हैं !

पूर्वोत्तर के #राज्यों में इतनी तेजी से जनसंख्या में आ रहे बदलाव को लेकर केंद्रीय मंत्री किरण रिजजू ने कहा था कि, भारत में हिंदू #जनसंख्या कम हो रही है क्योंकि वे ‘कभी लोगों का धर्म #परिवर्तन’ नहीं कराते जबकि कुछ अन्य देशों के विपरीत हमारे यहां अल्पसंख्यक फल फूल रहे हैं।


ईसाई मिशनरियों द्वारा किए गए #आक्रमक धर्मप्रसार के कारण भारत में सबसे ज्यादा बड़े ईसाई राज्य...

नगालैंड 

वर्ष 1947 में #नागालैंड में केवल 200 ईसाई थे। लेकिन अब नागालैंड में केवल 7.7 प्रतिशत हिन्दू शेष बचे हैं ।

मिजोरम

#मिजोरम का 90 प्रतिशत से अधिक समाज ईसाई बन गया है। 

मेघालय

#मेघालय राज्य में ईसाईयों की मात्रा 70.3 प्रतिशत है। हिन्दुओं की संख्या अब केवल 13.3 प्रतिशत बची है। 

इन राज्यों में ईसाईयों के दबाव के कारण हिन्दुत्व का कार्य प्रकट रूप से करने पर निर्बंध आता है। वहां हुए ईसाईकरण के कारण खुले आम #गोहत्या की जाती है। #सड़क पर ही खुले में #गोमांस का विक्रय किया जाता है। यह बात हिन्दुओं को असहनीय हो रही है; किंतु #राजनेता तथा #प्रशासन हिन्दुओं की भावनाओं को अनदेखा कर रहे हैं। इस प्रकार की हर बात को शासन अनदेखा कर रहा है। हिन्दुओं को बताया जा रहा है कि आप स्थानीय निवासी (नॉन-ट्रायबल) नहीं हो ! (स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात)


ईसाई धर्मांतरण के लिए, क्या है जनता की आवाज..???

मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है । वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है । इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं । ईसाईत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है । - फिलॉसफर नित्शे

धर्म परिवर्तन वह जहर है जो सत्य और व्यक्ति की जड़ों को खोखला कर देता है । हमें #गौमांस भक्षण और #शराब पीने की छूट देनेवाला ईसाई धर्म नहीं चाहिए । - महात्मा गांधी

 दुनिया की सबसे बड़ी बुराई है रोमन #कैथोलिक चर्च ।  - एच.जी.वेल्स

 मैंने पचास और साठ वर्षों के बीच बाइबिल का अध्ययन किया तो तब मैंने यह समझा कि यह किसी पागल का प्रलाप मात्र है । - थामस जैफरसन (अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति)

बाइबिल पुराने और दकियानूसी अंधविश्वासों का एक बंडल है । बाइबल को धरती में गाड़ देना चाहिए और #प्रार्थना पुस्तक को जला देना चाहिए । - जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

मैंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बडे धर्मो का अध्ययन करके पाया कि #हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है । - डॉ. एनी बेसेन्ट

 हिन्दू समाज में से एक मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक #हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दूसमाज का एक दुश्मन और बढा ।                -स्वामी विवेकानन्द


ईसाई धर्मांतरण को रोकने के लिए कई हिंदुत्व निष्ठ हस्तियाँ आगे आई लेकिन #ईसाई मिशनरियों का #देश की राजनीति एवं #मीडिया में बढ़ते दब-दबे के कारण कट्टर #हिंदुत्वनिष्ठ लोगों को #मीडिया द्वारा #बदनाम करवाकर #झूठे आरोप लगा जेल भिजवाया गया या तो उनकी हत्या करवा दी गई ।

हिंदुस्तानी सतर्क रहें!
 सावधान रहें!
अपनी संस्कृति एवं देश को तोड़ने वाली ताकतों का सामना करे । #हमेशा हिन्दू भाई-बहनों, साधु-संतों का समर्थन करें ,उनके साथ हो रहे अन्याय पर आवाज उठायें । आपसी घरेलू छोटे-मोटे मतभेदों को भुलाकर अपने इस देश के लिए एकजुट रहें ।

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Thursday, March 16, 2017

राजस्थान विश्वविद्यालय में शुरु होगी गीता तथा वेदों की पढ़ाई

राजस्थान विश्वविद्यालय में शुरु होगी गीता तथा वेदों की पढ़ाई

राजस्थान विश्वविद्यालय में विदेशी लेखकों और रचनाकारों को पाठ्यक्रम से हटाने के बाद अब  वाणिज्य विभाग ने शोध विषयों की सूची में से अपने कार्यों को हटा दिया है। बेहतर #मैनेजमेंट सीखने के लिए अब बैकिंग और फाइनेंस की जगह गीता और वेदों की पढ़ाई होगी। इसके लिए प्रस्तावित विषयों में वेद और मैनेजमेंट, भगवान कृष्ण, महावीर, महात्मा गांधी, गीता की प्रासंगिकता, योग के माध्यम तनाव प्रबंधन शामिल हैं।
                       राजस्थान विश्वविद्यालय में शुरु होगी गीता तथा वेदों की पढ़ाई

कॉमर्स #महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य और पाठ्यक्रम समिति के पूर्व अध्यक्ष नवीन #माथुर ने कहा, ‘यह कदम उठाने के पीछे का उद्देश्य छात्रों को #भारतीय महाकाव्य, धार्मिक व्यक्तियों, भारतीय दर्शन से अवगत करा कर विश्व में प्रबंधन को नया रुप देना है। हमारे महाकाव्यों में सभी वे तत्व हैं जो आधुनिक प्रबंधन का आधार तैयार करते हैं।’

सांगठनिक सिद्धांत और आचरण के क्षेत्र में बड़ा नाम माने जाने वाले रॉबर्ट ओवेन, जेम्स बर्नहम, मैरी पार्कर फोलेट जैसे #विदेशी लेखकों के प्रकरण तथा पब्लिक एंड बिजनस #एडमिनिस्ट्रेशन को हटा दिया गया है। उनकी जगह स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी के दर्शन के साथ ही रामायण और गीता के धार्मिक विषयों को भी जगह दी गर्इ है।

माथुर ने बताया, ‘विश्व में स्वीकार की जाने वाले मैनेजमेंट के ज्यादातर सिद्धांत #भारतीय पुराणों से लिए गए हैं, जो कि 5 हजार वर्ष प्राचीन हैं। हमने बस चीजों को सही किया है।’

#वाणिज्य विभाग ने कहा कि शोध प्रबंधों में बदलाव, उच्च शिक्षा का धीरे धीरे भारतीयकरण करने का हिस्सा है।



भगवद्गीता की शिक्षा को अनिवार्य करने के लिए विधायक लोकसभा में प्रस्तुत

शैक्षिक #संस्थाओं में नैतिक शिक्षा की पाठ्यपुस्तक के रूप में भगवद् गीता की अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान किये जाने के प्रावधान वाले एक निजी विधेयक को 10 मार्च को #लोकसभा में भाजपा सदस्य रमेश बिधूड़ी ने पुन:स्थापित किया जिसमें प्रस्ताव है कि भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में अनिवार्य शिक्षण के लिए शामिल किया जाए।



गुजरात विश्वविद्यालय की #डायरी में प्राचीन ऋषि-मुनियाें को सराहा...

वड़ोदरा, #गुजरात के महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी (एमएसयू) की वार्षिक डायरी में प्राचीन भारत के साधु-संतों को लेकर दावा किया है कि, इन साधु-संतों ने एयरोस्पेस और परमाणु विज्ञान के क्षेत्र में शोध शुरू किया था। एमएसयू की 2017 की डायरी में ऐसे साधु-संतों की एक सूची है जिनके बारे में कहा गया है कि, उन्होंने #वैज्ञानिक विकास की दिशा में कई अहम काम किए, जिनमें मेडिकल के क्षेत्र में कॉस्मेटिक सर्जरी भी शामिल है।

जनवरी से लेकर दिसंबर तक हर महीने के पन्नों पर डायरी में विभिन्न साधु-संतों के योगदान की सराहना की गई है। उदाहरण के तौर पर – संत सुश्रुत को ‘#कॉस्मेटिक सर्जरी का पितामह’ बताया गया है तो आचार्य कणाद को परमाणु #प्रौद्योगिकी विकसित करने का श्रेय दिया गया है। कपिल मुनि को ‘#ब्रह्माण्ड विज्ञान के पितामह’ और #आर्यभट्ट को ‘गणित-खगोल विज्ञान का प्रणेता’ करार दिया गया है और शून्य तथा पाइ के आविष्कारक के लिए उनकी प्रशंसा की गई है।

#रॉकेट और विमान के विकास का श्रेय महर्षि भारद्वाज को दिया गया है जबकि #भास्कराचार्य को गणितज्ञ और #खगोलशास्त्री के अलावा पृथ्वी विज्ञान का #आविष्कारक भी बताया गया है। इस लंबी सूची में स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ को वैदिक गणितज्ञ बताया गया है और चरक ऋषि को आयुर्वेद की खोज करनेवाले और चिकित्सा-शास्त्र के पितामह के तौर पर सराहा गया है। #प्राचीन #साधु-संतों की प्रशंसा करने के अलावा डायरी के पन्नों में जगदीश चंद्र बोस, विक्रम साराभाई, सी वी रमण और श्रीनिवास रामानुजन जैसे आधुनिक भारतीय वैज्ञानिकों और विद्वानों की भी चर्चा की गई है।

गुजरात में जनसंघ के #संस्थापक नेता बाबूभाई सोनी के बेटे और एमएसयू के सिंडिकेट सदस्य #जगदीश सोनी ने डायरी में लिखी चीजों को सही ठहराते हुए कहा कि इन #संतों ने कई वर्ष पहले अपने नाम के आगे सूचीबद्ध विषयों पर शोध किए। आधुनिक वैज्ञानिकों की तरह वे भी इन विषयों पर वैज्ञानिक तरीके से शोध कर रहे थे।’

आज हमें सही #इतिहास पढ़ाया नही जाता है नही तो दुनिया में जितनी भी खोजे हुई हैं वो सभी भारत के #ऋषि-मुनियों ने ही की हैं  लेकिन हमारा दुर्भाग्य है कि हमारा असली इतिहास ही गायब कर दिया गया और आज भी जितनी बड़ी-बड़ी खोजें हो रही हैं वो भी भारतीय ही कर रहे हैं लेकिन विदेशी लोगों ने पैसे की लालच देकर #भारतीयों को अपने देश में बुला लिया और नाम बदलकर अपना नाम रख दिया गया ।

लेकिन अब भारत जाग रहा है जिसमें राजस्थान सरकार ने बहेतर #मैनजमेंट के लिए #पाठ्यक्रम शुरू किया और #रमेश बिधूड़ी जैसे बहादुर विधायक ने सभी विद्यालयों में श्रीमद् भगवत गीता पढ़ाने के लिए विधेयक पेश कर दिया और गुजरात विश्व विद्यालय की डायरी में हर पन्नें पर हमारे ऋषि मुनियों द्वारा हुई खोज के बारे में सबको अवगत कराया ।

अभी अन्य #विश्वविद्यालयों को भी #राजस्थान विश्वविद्यालय को आदर्श बनाकर #गीता आैर #वेदों की पढ़ाई शुरु करनी चाहिए और सभी डायरियों द्वारा #ऋषि-मुनियों के इतिहास की सच्चाई से अवगत कराना चाहिए ।

Wednesday, March 15, 2017

मीडिया को सदगुरु जग्गी वासुदेव जी ने आसारामजी बापू के बारे में पूछने पर दिया करारा जवाब...

मीडिया को सदगुरु जग्गी वासुदेव जी ने आसारामजी बापू के बारे में पूछने पर दिया करारा जवाब...


मीडिया के खिलाफ कई बड़ी-बड़ी हस्तियों ने नाराजगी जताई है क्योंकि आजकल #मीडिया बिलकुल ही निरकुंश हो गई है, किसी के बारे में बिना किसी तथ्य कुछ भी लिख सकती है कुछ भी दिखा सकती है। 

अभी हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (  WorldEconomicForum ) ने अपनी एक रिपोर्ट में  भारत की #मीडिया को "भरोसा न करने लायक"की सूची में दूसरे नंबर पर रखा है ।
मीडिया को सदगुरु जग्गी वासुदेव जी ने आसारामजी बापू के बारे में पूछने पर दिया करारा जवाब

अर्नब गोस्वामी ने #सदगुरु_जग्गी_वासुदेव को रोटरी क्लब दिल्ली में 6 मार्च 2017 को आयोजित हुए एक कार्यक्रम में संत #आसारामजी बापू के बारे में पूछा !!

सदगुरु जग्गी वासुदेव जी का जवाब - मै #आशारामजी बापू से कभी नहीं मिला । मैंने केवल उन्हें न्यूज चैनल पर देखा है । यदि इस देश का कानून अभियोग चलता है तो इस पर मुझे टिप्पणी करना नहीं है क्योंकि मै स्थानीय मीडिया को जानता हूँ । मै जहाँ पर रहता हूँ पिछले 25 वर्षों से, वे निश्चितरूप से विभिन्न भागों को चला रहे हैं । सभी नहीं, मीडिया के कुछ भाग ।

आप जानते है मेरे लिए मीडिया ने बताया था कि मैने 7 हजार #किडनियाँ चुराई हैं, सौ से भी ज्यादा हाथियों को मारा है, मैने घने जंगलो को नष्ट कर डाला है, और एक आदमी जो कर सकता है वह सब मैने किया है, जो नहीं कर सकता वह सब भी मैंने किया है, ठीक है, इसलिए जब ऐसा मेरे साथ हो रहा है, तो मै किसी के बारे में टिप्पणी करना नहीं चाहता । 
https://youtu.be/UjdkxtlIslY
हम नहीं जानते कि आसारामजी #बापू के साथ क्या हो रहा है क्योंकि इस देश में कोई व्यकि कुछ भी लिख सकता है, कुछ भी कह सकता है, क्योंकि यहाँ पर किसी को #नियंत्रित करने की व्यवस्था नहीं है, यहाँ पर अनर्थक बकवाद को रोकने की व्यवस्था नहीं है ।

मैं आपको #तमिलनाडू में चलने वाले धारा प्रवाह टी वी चैनलों के बारे में बता रहा हूँ । उन्होंने (मेरे लिये) कहा कि आपने 7 हजार किडनियों को चुराया है, मैने कहा कि अभी मेरा ढाचा और बढ़ गया है, अभी 7 लाख, 70 लाख हो गया है, 7 हजार क्यों? आप मेरा अपमान कर रहे हैं ।

#पत्रकार मेरे पास आते हैं और मेरे से पूछते हैं कि क्या यह सत्य है कि आप #अमेरिका को किडनियां निर्यात कर रहे है मैने कहा नहीं मै अभी नाश्ते के लिए हूँ । 
इसलिए जब मै ऐसा देखता हूँ कि मेरे लिए मीडिया गलत दिखा रही है तो मै किसी पर टिप्पणी करना नहीं चाहता क्योंकि हम नहीं जानते कि आसारामजी बापू के लिए ऐसा कौन कर रहा है..?

#मीडिया #पैसे और #टीआरपी की लालच में गलत रिपोटिंग करता रहता है, इसमें भी खासकर हिंदुत्व की बात करें तो भारत की मीडिया हमेशा ही उनके खिलाफ दिखाती है ।


ऐसे ही #हिन्दू साधु-संतों के बारे में बोले तो जैसे ही उनपर आरोप लगते हैं ,कार्ट में मामला चलने से पहले ही मीडिया उन्हें दोषी ठहरा देती है ।जैसी कि जयेंद्र सरस्वती, नित्यानंद स्वामी, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी असीमानंद के ऊपर आरोप लगे थे तब दिन-रात #मीडिया ने बढ़ा चढ़ा कर उनको बदनाम किया लेकिन जैसे ही वो #निर्दोष बरी हुए तो एक मिनट की भी #न्यूज नही दिखायी ।

अभी हाल ही में #संत #आसारामजी #बापू का केस, जिस पर भरपूर #मीडिया ट्रायल चल रहा है उनके ऊपर 2008 में तांत्रिक विधि करने का आरोप लगाकर दिन रात मीडिया ने उन्हें बदनाम किया लेकिन जैसे ही उनको #सुप्रीम कोर्ट ने #क्लीनचिट दी तो मीडिया ने कुछ नही दिखाया ।

अभी कुछ समय पहले ही उनके खिलाफ दैनिक भास्कर ने न्यूज छापी थी कि दिल्ली एम्स में मेडिकल चेकअप कराते समय संत आसारामजी बापू नर्स को बोले कि तेरे गाल मक्खन जैसे हैं लेकिन बाद में एम्स ने लेटर पेड जारी किया कि #संत #आसारामजी #बापू के #चेकअप में कोई नर्स थी ही नहीं  और न ही उन्होंने ऐसा कोई शब्द बोला है ।
डॉ सुब्रमण्यम स्वामी भी बोले थे कि सबसे बड़ा भ्रष्टाचार मीडिया में है और भी कई हस्तियों ने 
मीडिया की गलत रिपोटिंग के खिलाफ आवाज उठाई है ।

आपको बता दें कि आज समाज में #खुलेआम गन्दी फिल्में, भारतीय #संस्कृति विरोधी न्यूज दिखाई जाती है क्योंकि भारतीय मीडिया का ज्यादातर फंडिग #वेटिंकन सिटी और कुछ फंडिग अरब देश से आता है जिसमे हिन्दू #साधू-संतो को बदनाम करते है और मौलवी एवं ईसाई पादरियों की काली करतूतें छुपाते हैं ।

इसलिए #हिन्दू विरोधी फंडिग से चलने वाली मीडिया से भारतीय से सावधान रहें ।