ब्रिटेन चुनाव : भारतीय मूल के 12 सांसदों ने जीत हासिल कर रचा इतिहास
जून,10, 2017
हमारे
भारत की #संस्कृति कितनी महान है इसका कोई अंदाजा नही लगा सकता है इसकी
वजह से भारतीय सभी देशों में सभी क्षेत्रों में सबसे आगे हैं ।
लन्दन : ब्रिटेन के चुनावों में पहली बार भारतीय मूल के भारतीय उम्मीदवारों ने ना सिर्फ जीत हासिल की है बल्कि इतिहास भी रचा है।
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ब्रिटेन
में समय पूर्व हुए चुनावों के परिणाम शुक्रवार (9 जून, 2017) को घोषित किए
गए हैं। #कंजरवेटिव पार्टी से पांच और लेबर पार्टी से सात उम्मीदवार ।
दोनों प्रमुख दलों से इस बार 12 भारतीय मूल के लोगों ने चुनाव जीतकर
इतिहास बनाया है।
ब्रिटेन
के आम चुनाव के नतीजों में #प्रथम महिला #सिख सांसद और प्रथम #पगड़ीधारी
#सांसद चुने जाने के साथ #‘हाऊस ऑफ कॉमंस' में भारतीय मूल के सांसदों की
संख्या बढ़ गई है।
#तनमनजीत
सिंह धेसी ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार पगड़ीधारी सांसद के रूप में
चुने गए हैं जबकि प्रीत कौर गिल ब्रिटेन #पार्लियामेंट की ऐसी पहली सिख
महिला हैं जो सांसद चुनी गई हैं।
गिल
ने #बर्मिंघम एजबेस्टन सीट से अपने विरोधी को 6,917 वोटों से हराया।
चुनाव जीतने के बाद गिल ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि एजबेस्टन से
सांसद बनने का मौका मिला ।
जबकि #तनमनजीत सिंह धेसी उर्फ टैन भी लेबर पार्टी से ही जुड़े हैं। धेसी ने अपने विरोधी को 16,998 मतों से हराया।
#कंजर्वेटिव पार्टी से मंत्री रही प्रीती पटेल भी चुनाव जीत गई हैं ।
#आलोक
शर्मा रीडिंग वेस्ट में और शैलेश वारा कैम्ब्रिजशायर नार्थ वेस्ट से जीते
हैं। ऋषि सुनाक और सुएला फर्नांडीस (टोरी) ने भी जीत हासिल कर ली है ।
कीथ वाज और उनकी बहन वलेरी वाज ने भी जीत दर्ज की।
आपको बता दें कि केवल ब्रिटेन में ही नही कनाडा में तो रक्षामंत्री मूल भारतीय हैं।
कुछ
समय पहले चुनाव हुआ था, उसमें कनाडा की लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन
ट्रुडेव ने 32वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। तीस संसदीय मंत्रिमंडल
में ट्रुडेव के कैबिनेट में हरजीत सज्जन, नवदीप बैंस, अमरजीत सोही और बंदिश
चैगर 4 मूल भारतीय हैं ।
1)- #हरजीत सज्जन कनाडा के #रक्षामंत्री बनाये गए हैं।
2)- #नवदीप बैंस को विज्ञान और #आर्थिक विकास मंत्री बनाया गया है।
3)- #चैगर ओन्टोरिया को #स्मॉल बिजनेस और टूरिज्म मिला है।
4)- #अमरजीत सोही को जहां #इंफ्रास्ट्रक्चर और कम्युनिटीज मिला है।
अमेरिका #राजनीती में भी कई मुख्य पद पर #भारतीय हैं और भी कई देशो में भारतवासी हैं ।
अमेरिका के पूर्व #राष्ट्रपति बराक #ओबामा ने अपने स्पीच में कहा था कि भारतीय युवाओं में अद्भुत दिमाग है।
आपको बता दें कि अमेरिका में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे हिंदू हैं ।
नए अध्ययन #विज्ञप्ति में यह बात सामने आई है कि अमेरिका में तमाम ग्रेजुएट वयस्को में से #हिन्दू 77 % ग्रेजुएट है ।
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के मुताबिक अमेरिका में भारतीय भाषाओ में #हिन्दी सबसे अधिक बोली जाती है।
भारत की #राष्ट्रीय भाषा हिन्दी शीर्ष स्थान पर है। अमेरिका में करीब 6.5 लाख लोग हिन्दी बोलते हैं।
वहाँ हिंदुओं का कहना है कि उनकी सफलता का राज वह हिंदू #संस्कृति के धर्म अनुसार ही जीवन जीते हैं इसलिए वो सफल हो रहे है।
सभी
देशों में और सभी क्षेत्रो में भारतीय आगे हैं । भारत विश्व गुरु पद की ओर
आसीन हो रहा है। #भारत को #विश्वगुरु बनने से कोई नही रोक सकता क्योंकि
हमारी #हिन्दू संस्कृति महान है जो ऋषि मुनियों की देन है ।
अभी
भी #भारत देश में सच्चे संत हैं भले ही हमारे संतों को मिटाने के लिए
कितने भी षड़यंत्र करें, जेल में भेज दे लेकिन सत्य कभी मिटाया नही जा सकता
है । हमारी संस्कृति महान थी, महान है और महान रहेगी उसको कोई मिटा नही
सकता। भारत #विश्वगुरु बनकर ही रहेगा ।
हमारे
ऋषि-मुनियों के द्वारा हमको अद्भुत तरीके मिले हैं जिससे हम मानव से
महेश्वर तक यात्रा कर सके ऐसी दुर्लभ कुंजियां दी हैं हमारे ऋषि मुनियों ने
हमको ।
अभी
भी हमारे संतों की देन है कि #सनातन हिन्दू संस्कृति को जीवित रखा है
इसलिए भारतीय सभी देशों में सभी क्षेत्रों में सबसे आगे हैं ।
जागो भारतीय!
अपनी
#महान संस्कृति को पहचानों और जो हमारे #हिन्दू संतों और संस्कृति पर
#ईसाई मिशनरियों द्वारा हमले हो रहे है उसको रोकने के लिए कमर कसो ।
बापू आसारामजी बोले: मोदीजी और उनके साथ जो देश की सेवा करते हैं उनका भगवान हौंसला बुलंद करे
जून,9, 2017
जोधपुर
: हिन्दू संत #आसारामजी बापू ने 8 जून को जोधपुर सेशन कोर्ट में पेशी के
दौरान मीडिया से बातचीत करते समय प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पार्टी
अध्यक्ष अमित शाह को कर्मयोगी कहा और धन्यवाद दिया है ।
Narendra Modi
#बापू आसारामजी ने $मीडिया से बातचीत करते समय कहा कि #मोदीजी और उनके साथ
कन्धा मिलाकर देश की सेवा करते हैं उनका भगवान हौंसला बुलंद करे । कर्म को
योग बना रहे हैं बड़ी खुशी की बात है । ऐसे कर्मयोगी मोदीजी के साथ लगें
रहें तो देश को फायदा होगा ।
उन्होंने
आगे कहा कि #अमित_शाह और मोदी जी और उनके साथियों को भगवान और बल दें,
सच्चाई दें । 3 साल में कोई करप्शन का काम नहीं हुआ, बहुत खुशी की बात है ।
गरीबों के मकान बन रहे हैं यह भी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ।
और
आगे कहा कि #मोदीजी के साथी उनसे कन्धा मिलाकर देश की सेवा करें । कर्मभोग
नहीं कर्मयोग हो जायेगा । मोदी जी और अमित शाह उनके साथी उनका भला हो
जायेगा, देश का भला कर रहे हैं तो उन्हीं का भला होगा ।
आपको
बता दें कि जब #नरेंद्र #मोदी #प्रधानमंत्री बने तभी संत आसारामजी बापू ने
#जोधपुर #कोर्ट के बाहर कहा था कि मैंने 8 साल पहले ही बताया था कि मोदी
जी प्रधानमंत्री बनेंगे और आज वो सपना साकार हुआ ।
जब
हिन्दू संत आसारामजी बापू बाहर थे तब कई बार उनके सत्संग-प्रवचन में
नरेंद्र मोदी (जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे) आया करते थे और अपना वक्तव्य
भी देते थे ।
आइये आपको बताते हैं कि क्या कहते थे नरेंद्र मोदी जी संत आसारामजी बापू के बारे में...
उन्होंने
कहा कि ‘‘मैं पूज्य #बापूजी के श्रीचरणों में प्रणाम करने आया हूँ ।
‘‘मैंने तो पूज्य बापूजी को हरियाणा में बैठकर सुना है, पंजाब में भी सुना
है, राजस्थान में भी सुना है, उत्तर प्रदेश के गलियारों में भी सुना है ।
समग्र राष्ट्र में सामूहिक सत्संग के द्वारा एक नयी चेतना जगी है और उसका
एक नया प्रभाव शुरू हुआ है ।’’
‘‘मेरा
ऐसा सौभाग्य रहा है कि जीवन में जब कोई नहीं जानता था, उस समय से बापूजी
के आशीर्वाद मुझे मिलते रहे हैं, स्नेह मिलता रहा है । मैं मानता हूँ कि
बापू के शब्दों में एक यौगिक शक्ति रहती है । उस यौगिक शक्ति के भरोसे हम
करोड़ों गुजरातवासियों के सपने साकार होंगे ।’’
श्री
नरेन्द्रभाई मोदी ने आगे कहा था : ‘‘पूज्य बापूजी ! आप देश और दुनिया -
सर्वत्र #ऋषि-परम्परा की संस्कार-धरोहर को पहुँचाने के लिए अथक तपश्चर्या
कर रहे हैं । अनेक युगों से चलते आये मानव-कल्याण के इस तपश्चर्या-यज्ञ में
आप अपने पल-पल की आहुति देते रहे हैं । उसमें से जो संस्कार की दिव्य
ज्योति प्रकट हुई है, उसके प्रकाश में "मैं और जनता" सब चलते रहें । मैं
संतों के आशीर्वाद से ही जी रहा हूँ । मैं यहाँ इसलिए आया हूँ कि लाइसेंस
रिन्यू हो जाय । पूज्य बापूजी ने आशीर्वाद दिया और आप सबको वंदन करने का
मौका दिया, इसलिए मैं #बापूजी का ऋणी हूँ ।’’
आपको
बता दें कि कुछ साल पहले संत आशारामजी बापू ने श्री नरेन्द्रभाई मोदी को
शुभाशीष प्रदान करते हुए कहा था कि ‘‘हम आपको देश के प्रधानमंत्री के रूप
में देखना चाहते हैं ।’’ बापूजी के संकल्प में उनके करोड़ों #साधकों-भक्तों
का संकल्प भी जुड़ गया और आज वह साकार हो चुका है ।
गौरतलब
है कि हिन्दू संत आशारामजी बापू 4 साल से बिना सबूत जोधपुर जेल में बन्द
हैं और अभीतक जमानत नही मिलने पर 70 वर्ष तक हिमालय में तपस्या करने वाले
100 वर्ष से अधिक उम्र वाले बोरिया बाबा जिनकी श्रीमति इंदिरा गांधी से
लेकर वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक से भी वार्तालाप होती रही है
उन्होंने प्रधानमंत्री को एक खत लिखा था और बताया था कि "मोदी जी मेरा आपसे
कहना है कि जिस राजा के राज में संत सताए जाए तथा संत महात्मा भयभीत होकर
रहें, तो उस राजा का भविष्य कतई उज्जवल नहीं है । इसलिए मेरी तो आपको सलाह
है कि संत आशारामजी बापू एक निर्दोष संत हैं । आप सम्मान के साथ उनकी आजादी
का जल्दी से जल्दी प्रबंध कर दें ।"
बापू
आसारामजी के #देश-विदेश के करोड़ो अनुयायियों और कई हिन्दू संगठनों ने उनके
लिए धरने दिए, रैलियां निकाली, ज्ञापन दिए लेकिन उनको अभीतक कोई राहत मिली
नही है ।
अब
जनता ये देखना चाहती है कि बिना सबूत 4 साल से जेल में बंद आसारामजी बापू
की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री #नरेंद्र_मोदी कब ठोस कदम उठाते हैं..???
देश के एकमात्र वकील, जो पिछले 40 वर्षों से ‘संस्कृत’ में कर रहे हैं वकालत
देववाणी #संस्कृत के प्रति भले ही लोगों का रुझान कम हो परंतु वाराणसी के अधिवक्ता आचार्य पंडित #श्यामजी उपाध्याय का संस्कृत के लिए समर्पण शोभनीय है। 1976 से वकालत करनेवाले आचार्य पण्डित श्यामजी उपाध्याय 1978 में अधिवक्ता बने। इसके बाद इन्होंने देववाणी #संस्कृत को ही पसंद दी।
Advocate Shyam ji Upadhya
आचार्य पंडित #श्यामजी उपाध्याय ने बताया कि जब मैं छोटा था, तब मेरे पिताजी ने कहा था कि कचहरी में काम हिंदी, अंग़्रेजी और उर्दू में होता है परंतु #संस्कृत भाषा में नहीं। ये बात मेरे मन में घर कर गई और मैंने संस्कृत भाषा में वकालत करने की ठानी और ये सिलसिला आज भी चार दशकों से जारी है !’
ये कहना है वाराणसी की कचहरी में संस्कृत को जीवंत करनेवाले अधिवक्ता आचार्य पंडित श्यामजी उपाध्याय का, जो पिछले #40 वर्षों से #संस्कृत में वकालत कर रहे हैं।
सभी न्यायालयीन काम जैसे- #शपथपत्र, #प्रार्थनापत्र, #दावा, वकालतनामा और यहां तक की बहस भी #संस्कृत में करते चले आ रहे हैं। पिछले 4 दशकों में संस्कृत में वकालत के दौरान श्यामजी के पक्ष में जो भी निर्णय और आदेश हुआ, उसे न्यायाधीश साहब ने संस्कृत में या तो हिंदी में सुनाया।
#‘संस्कृतमित्रम्’ आचार्य पंडित श्यामजी उपाध्याय
#संस्कृत भाषा में कोर्टरूम में बहस सहित सभी लेखनी प्रस्तुत करने पर सामनेवाले पक्ष को असहजता होने के सवाल पर श्यामजी ने बताया कि वो संस्कृत के सरल शब्दों को तोड़-तोड़कर प्रयोग करते हैं, जिससे न्यायाधीश से लेकर विपक्षियों तक को कोई दिक्कत नहीं होती है और अगर कभी सामनेवाला राजी नहीं हुआ तो वो हिंदी में अपनी कार्यवाही करते हैं।
केवल कर्म से ही नहीं अपितु #संस्कृत भाषा में आस्था रखनेवाले श्यामजी हर वर्ष कचहरी में संस्कृत दिवस समारोह भी मनाते चले आ रहे हैं। लगभग #5 दर्जन से भी अधिक अप्रकाशित रचनाओं के अलावा श्यामजी की 2 रचनाएं #“भारत-रश्मि” और #“उद्गित” प्रकाशित हो चुकी हैं ।
कचहरी समाप्त होने के बाद श्याम जी अपना शाम का समय अपनी चौकी पर संस्कृत के छात्रों और संस्कृत के प्रति जिज्ञासु अधिवक्ताओं को पढ़ा कर बिताते हैं । #संस्कृत भाषा की यह शिक्षा श्यामजी निःशुल्क देते हैं।
संस्कृत भाषा में रूचि लेनेवाले बुज़ुर्ग अधिवक्ता #शोभनाथ लाल #श्रीवास्तव ने बताया कि, संस्कृत भाषा को लेकर पूरे न्यायालय परिसर में श्यामजी के लोग चरण स्पर्श ही करते रहते हैं।
जब ये कोर्टरूम में रहते हैं तो इनके सहज-सरल #संस्कृत भाषा के चलते श्रोता शांति से पूरी कार्यवाही में रुचि लेते हैं। श्यामजी के संपर्क में आने से उनके #संस्कृत भाषा का ज्ञान भी बढ़ गया।
आचार्य #श्यामजी उपाध्याय संस्कृत अधिवक्ता के नाम से प्रसिध्द हैं। वर्ष #2003 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संस्कृत भाषा में अभूतपूर्व योगदान के लिए इनको #‘संस्कृतमित्रम्’ नामक #राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था।
प्राचीन काल से ही संस्कृत भाषा भारत की सभ्यता और #संस्कृति का सबसे मुख्य भाग रही है। फिर भी आज हमारे देश में संस्कृत को पाठशाला शिक्षा में अनिवार्य करने की बात कहने पर इसका विरोध शुरू हो जाता है।
हम भारतवासियों ने अपने देश की #गौरवमयी संस्कृत भाषा को महत्व नही दिया। आज हमारे देश के विद्यालयों में संस्कृत बहुत कम पढ़ाई और सिखाई जाती है। किंतु आज अपनी #मातृभूमि पर उपेक्षा का दंश झेल रही संस्कृत, विश्व में एक सम्माननीय भाषा और सीखने के महत्वपूर्ण पड़ाव का दर्जा हासिल कर रही है। जहाँ भारत के तमाम पब्लिक पाठशालों में फ्रेंच, जर्मन और अन्य विदेशी भाषा सीखने पर जोर दिया जा रहा है वहीं #विश्व की बहुत सी पाठशालाएं संस्कृत को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रहे हैं।
अमेरिका के नेता राजन झेद ने कहा है कि, संस्कृत को सही स्थान दिलाने की आवश्यकता है। एक ओर तो सम्पूर्ण विश्व में संस्कृत भाषा का महत्व बढ रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत में संस्कृत भाषा के विस्तार हेतु ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं जिसके कारण भारत में ही संस्कृत का #विस्तार नहीं हो पा रहा है और संस्कृत भाषा के महत्व से लोग #अज्ञात हैं । हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध और जैन धर्म के तमाम ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं।
न्यूजीलैंड की एक पाठशाला के प्रिंसिपल #पीटर क्राम्पटन कहते हैं कि, दुनियाँ की कोई भी भाषा सीखने के लिए #संस्कृत भाषा आधार का काम करती है।
संस्कृत विश्व की सर्वाधिक 'पूर्ण' (perfect) एवं #तर्कसम्मत भाषा है, संस्कृत ही एक मात्र साधन है जो क्रमश: अंगुलियों एवं जीभ को #लचीला बनाते हैं। इसके अध्ययन करने वाले छात्रों को गणित, विज्ञान एवं अन्य भाषाएँ ग्रहण करने में सहायता मिलती है।
अब केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों को सभी स्कूलों, कॉलेजों में संस्कृत भाषा को #अनिवार्य करना चाहिए जिससे बच्चों की #बुद्धिशक्ति का विकास के साथ साथ बच्चे #सुसंस्कारी बने और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करें ।
*जानिए कश्मीर का इतिहास और उसे हड़पने के लिए अलगाववादी नेताओं को पाकितान ने कितने दिए पैसे?*
प्राचीनकाल में #कश्मीर #हिन्दू संस्कृति का गढ़ रहा है। यहाँ पर भगवान शिव और सती पार्वती रहते थे । यहाँ झील में देवताओं का वास था, वहाँ एक राक्षस भी रहने लगा, जो देवताओं को सताने लगा, जिसका वैदिक #ऋषि कश्यप और #देवी सती ने मिलकर अंत कर दिया, #ऋषि कश्यप द्वारा उस असुर को मारने से उस जगह का नाम #कश्यपमर पड़ा, जो आगे चलकर #कश्मीर नाम से जाना जाने लगा ।
Kashmir Conspiracy
कश्मीर #संस्कृत विद्या का विख्यात केन्द्र रहा। कश्मीर शैवदर्शन भी यहीं पैदा हुआ और पनपा। यहां के महान मनीषियों में #पतञ्जलि, #दृढबल, वसुगुप्त, आनन्दवर्धन, अभिनवगुप्त, कल्हण, क्षेमराज आदि हैं। यह धारणा है कि विष्णुधर्मोत्तर पुराण एवं योगवशिष्ठ यहीं लिखे गये।
कश्मीर सदियों तक एशिया में #संस्कृति एवं दर्शन शास्त्र का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा और संतों का दर्शन यहां की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
प्राचीन काल में यहाँ हिन्दू आर्य राजाओं का राज था।
मौर्य #सम्राट अशोक और कुषाण सम्राट #कनिष्क के समय कश्मीर बौद्ध धर्म और संस्कृति का मुख्य केन्द्र बन गया। पूर्व-मध्ययुग में यहाँ के चक्रवर्ती सम्राट #ललितादित्य ने एक विशाल साम्राज्य कायम कर लिया था।
मध्ययुग में #मुस्लिम आक्रान्ता #कश्मीर पर काबिज हो गये। कुछ मुसलमान शाह और राज्यपाल (जैसे शाह ज़ैन-उल-अबिदीन) हिन्दुओं से अच्छा व्यवहार करते थे पर कई (जैसे सुल्तान सिकन्दर बुतशिकन) ने यहाँ के मूल कश्मीरी #हिन्दुओं को #मुसलमान बनने पर, या राज्य छोड़ने पर या मरने पर मजबूर कर दिया। कुछ ही सदियों में कश्मीर घाटी में #मुस्लिम बहुमत हो गया। मुसलमान शाहों में ये बारी बारी से अफगान, कश्मीरी मुसलमान, मुगल आदि वंशों के पास गया।
मुगल सलतनत गिरने के बाद ये सिख महाराजा #रणजीत सिंह के राज्य में शामिल हो गया। कुछ समय बाद जम्मू के हिन्दू डोगरा राजा #गुलाब सिंह डोगरा ने ब्रिटिश लोगों के साथ सन्धि करके जम्मू के साथ साथ कश्मीर पर भी अधिकार कर लिया (जिसे कुछ लोग कहते हैं कि कश्मीर को खरीद लिया)। डोगरा वंश भारत की आजादी तक कायम रहा।
भारत की स्वतन्त्रता के समय हिन्दू राजा #हरि सिंह यहाँ के शासक थे। कश्मीर को लेने के लिए पाकिस्तानी फौज द्वारा आक्रमण हुआ उस समय #जवाहरलाल नेहरु प्रधानमंत्री थे उन्होंने भारतीय सेना भेजने से इन्कार कर दिया लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हवाई जहाज से कश्मीर में सैन्य भेजा तबतक कश्मीर का दो तिहायी हिस्सा पाकिस्तान कब्जाने में सफल रहा।
कश्मीर का बाकी का हिस्सा गुरुजी (माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर) के समझाने पर महाराजा ने भारत में विलय कर दिया। भारतीय सेना ने कश्मीर राज्य का काफी हिस्सा बचा लिया । भारतीय सेना दो हिस्से लेने की तैयारी में थी तबतक नेहरू ने सैन्य को युद्ध विराम दे दिया । जो आजतक पोक आदि हिस्से पाकिस्तान अदिकृत में हैं । नेहरू की वजह से आज तक #अलगावादि नेता वहाँ राज कर रहे हैं ।
सदियों से कश्मीर में रह रहे कश्मीरी पंडितों को 1990 में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित #आतंकवाद की कारण से घाटी छोड़नी पड़ी या उन्हें जबरन निकाल दिया गया।
कश्मीर के #अलगाववादी नेताओं पर आज भी केंद्र और #राज्य सरकार हर साल उनकी मौज मस्ती और सुरक्षा के लिए हर साल #100 करोड़ खर्च करती है ।
उसके बाद भी वे पाकितान से करोड़ो रूपये लेकर कश्मीर में #आतंक फैला रहे है और ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हैं ।
#एनआईए द्वारा #अलगावादी नेताओं के ठिकानों से मिले दस्तावेजों से खुलासा हो रहा है कि ये लोग किस तरह पाकिस्तान से फंड लेकर घाटी में #आतंक के लिए संसाधन जुटाते हैं और खुद शान-ओ-शौकत से भरी जिंदगी जीते हैं।
एनआईए को #अलगावादी नेताओं के यहां हुई छापेमारी के बाद कई अहम सूचनाएं मिली हैं। संकेत मिले हैं कि पिछले 8 सालों में पाकिस्तान की ओर से करीब #1500 करोड़ रुपये भेजे गए। इनमें से लगभग आधी रकम हुर्रियत नेताओं ने आतंक फैलाने में लगाई और आधी रकम से खुद के लिए प्रॉपर्टी बनाई।
ये जानकारियां #हुर्रियत नेताओं पर काबू पाने की दिशा में अहम तरीके से इस्तेमाल की जा सकती हैं। एनआईए ने शनिवार और रविवार को हुर्रियत नेताओं के श्रीनगर, जम्मू, दिल्ली और हरियाणा के 3 दर्जन ठिकानों पर लगातार छापे मारे थे।
यह ऐक्शन #मनी लॉन्ड्रिंग और पाकिस्तान से पैसा लेने के सबूत मिलने के बाद लिया गया। छापेमारी में लगभग #3 करोड़ कैश के अलावा करोड़ों की संपत्ति का पता चला है। इसमें मिले कागजातों की जांच जारी है।
शुरुआती जांच में जिन बातों का खुलासा हुआ है, उसमें सबसे अहम यह है कि हुर्रियत नेताओं ने पाकिस्तान से फंड लेकर घाटी में आतंक को बढ़ाने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाए। साथ ही इसी पैसे में उन्होंने अपने लिए संपत्ति भी बनाई। सूत्रों के अनुसार, छापे में पुख्ता सबूत मिले हैं कि पाकिस्तान से आए पैसे से इन नेताओं ने श्रीनगर, गुलमर्ग और सोनबर्ग में करोड़ों की बेनामी संपत्ति बनाई। अब इस #बेनामी संपत्ति की जांच का मामला प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को दे दिया गया है।
छापे के दौरान संकेत मिले हैं कि पिछले #7-8 सालों में #हुर्रियत नेताओं को पाक ने घाटी में गड़बड़ी फैलाने के लिए #1500 करोड़ से अधिक राशि दी है। पाकिस्तान से फंड मिलने की बात को इन नेताओं ने कैमरे के सामने एक स्टिंग में स्वीकार किया था।
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा है कि आतंकियों और #अलगाववादियों को एक ही चश्मे से देखने की जरूरत है । उनके खिलाफ देशद्रोह का #मुकदमा दर्ज होना चाहिए ।
आगे कहा था कि उनको एयर टिकट, होटल, सुरक्षा जैसी जो सुविधाएं दी जा रही हैं, सब वापस होनी चाहिए । #केंद्र सरकार इस पर जल्दी फैसला लेगी और #125 करोड़ देशवासी भी #अलगाववादी नेताओं के खिलाफ हैं ।
जो #अलगावादी नेता सुविधा के नाम पर देश के करोड़ो रूपये बर्बाद कर रहे हैं और पकिस्तान के समर्थन में देश के विरोध में कश्मीर में हिंसा भड़का रहे हैं #सरकार और #न्यायालय को शीघ्र सुविधा बन्द करके उन्हें जेल भेज देना चाहिए ।