Sunday, December 17, 2017

कोयला घोटाला: सजा मिलने के तुरंत बाद मधु कोड़ा को मिली जमानत, निर्दोषों को कब मिलेगी ?

December 17, 2017

भारत देश मे अंग्रेजों के कानून चल रहे हैं, उसमें दोषी को तो तुरंत जमानत हासिल हो जाती है, लेकिन निर्दोषों को जमानत नही मिल पाती है ।
 
कोयला घोटाले में झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है साथ ही उन्हें 25 लाख रुपए का जुर्माना भी देना होगा। हालांकि, कोड़ा और बाकी तीन लोगों को दो महीने की अंतरिम जमानत भी दे दी गई, यह जमानत हाईकोर्ट में अपील के लिए दी गई है।

बता दें कि 13 दिसंबर को उनको दोषी करार दिया गया था, कोड़ा के साथ पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु को दोषी माना गया था। सभी लोगों को अपराधिक साजिश रचने और सेक्शन 120बी के तहत दोषी पाया गया।
 the punishment, when will the innocent meet ?

सीबीआई ने कहा था कि गुप्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस तथ्य को छिपाया था कि झारखंड सरकार ने VISUL को ब्लॉक देने की वकालत नहीं की है। मनमोहन सिंह उस वक्त कोयला मंत्रालय के प्रमुख थे।

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कोड़ा, बसु और बाकी दो लोगों ने मिलकर पूरी साजिश रची थी ताकि VISUL को वह ब्लॉक आवंटित कर दिया जाए।। स्त्रोत :अमर उजाला

1.86 लाख करोड़ का घोटाला हुआ है, उसमें अगर कोई दोषी पाया भी जाये तो तुरतं जमानत हासिल हो जाती है, अब जनता सवाल कर रही है कि ओडिसा के ओझर जेल में दारा सिंह(बजरंगदल) पिछले 18 सालों से सजा काट रहे हैं  जिन्हे अपने परिजनों से मिलने के लिए एक भी पैरोल नहीं मिली है ।

हिन्दू राष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय देसाई भी बिना सबूत तीन साल से जेल में बन्द है, लेकिन उनको सामान्य जमानत तक नही मिल पा रही है ।

दूसरा मामला हिन्दू संत आसारामजी बापू का है वे चार साल और चार महीने से जोधपुर जेल में बंद हैं, उन पर अभी तक एक भी #आरोप #सिद्ध #नहीं #हुआ है, उनकी उम्र 81 वर्ष है, उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता लेकिन उनको इलाज कराने के लिए कुछ दिन के लिए भी #जमानत #नहीं मिल पाई। 

जबकि बापू #आसारामजी को #फंसाने के कई #सबूत भी मिले हैं और लड़की की #मेडिकल रिपोर्ट में एक खरोंच भी  नहीं पाई गई, मेडिकल में भी #क्लीन चिट मिल चुकी है, डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने केस पढ़कर बताया कि लड़की के #कॉल डिटेल्स से पता चला कि जिस समय छेड़छाड़ी का आरोप लगाया है उस समय तो वो वहाँ थी ही नहीं, वो अपने मित्र से बात कर रही थी और बापू आसारामजी भी दूसरे कार्यक्रम में थे तो केस बनता ही नहीं है ।

अभी तो न्यायालय में भी अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने कई खुलासे किये हैं जिसमें रजिस्टर के पन्ने फाड़ दिए है, एफआईआर करने वाली वीडियो रिकॉर्डिंग भी गायब कर दी है । FIR और FIR की कार्बन कॉपी अलग पाई गई। 

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी  ने तो यहाँ तक कह दिया है कि मैंने तो #आशाराम बापू के जेल जाने से पहले ही  उनको बता दिया था कि आप जो #हिन्दू #धर्मपरिवर्तन कर चुके लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवा रहे हो और धर्मपरिवर्तन पर #रोक लगाई है इससे #वेटिकन सिटी बहुत नाराज है , #सोनिया-गांधी से मिलकर आपको #जेल भेजने का #प्लान बना रहे  हैं । और आखिर यही हुआ झूठा केस दर्ज करवाकर #मीडिया द्वारा #बदनाम करवाकर जेल भिजवाया गया ।

#दारा सिंह(बजरंगदल) ने भी #धर्मपरिवर्तन का खूब #विरोध किया था वे ईसाई #मिशनरियों को धर्मपरिवर्तन करने नहीं दे रहे थे उसके फल स्वरूप जेल जाना पड़ा ।

आखिर ये किस तरह की दोहरी नीति है, जहां #भ्रष्टाचारी नेता की पैरोल की मांग उचित समझी जाती है और हिन्दू समर्थकों व हिंदुत्व के हक की लड़ाई लड़ने वालों को कानून द्वारा प्राप्त अधिकारों से भी वंचित रखा जाता है। 

सलामन खान को सजा होने के बाद भी तुरंत जमानत मिल गई थी। #संजय दत्त को भी #दोषी सिद्ध होने पर भी बार-बार पैरोल पर छोड़ा जाता था, #लालूप्रसाद यादव भी बाहर घूम रहे हैं, पत्रकार तरुण #तेजपाल पर #आरोप #सिद्ध होने पर भी बाहर हैं, 9000 करोड़ लेकर भाग जाने वाला विजय माल्या को गिरफ्तार करने के बाद 3 घण्टे में जमानत मिल जाती है इससे सिद्ध होता है कि #नेता, #अभिनेता, #पत्रकार और #अमीरों को तुरंत #जमानत हासिल हो सकती है लेकिन हिंदुत्वनिष्ठों को न जमानत मिलती है न ही कोई विशेष सुविधा । 

सालों से हम देख रहे हैं कि एक के बाद एक #हिंदुत्वनिष्ठों को #टारगेट किया जा रहा है और हिन्दू मूक दर्शक बन तमाशा देख रहा है
। पर अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक समय ऐसा आएगा जब हिंदुओं के पक्ष में बोलने वाला कोई नहीं रहेगा ।

अभी भी समय है चेत सकें तो चेत !!

एक कवि ने लिखा है :- 
आज उठ रही हर ऊँगली #न्याय व्यवस्था पर,
जहाँ #भ्रष्टाचार का बोलबाला है,
निर्दोष सालों से बैठे जेल में न्याय की आस लगाये
और दोषी पा रहे पैरोल व बेल, वाह री न्याय व्यवस्था,अजब तेरा खेल !!

Saturday, December 16, 2017

आसाराम बापू के केस को लेकर जो खुलासे हो रहे हैं, उससे पता चल रहा है कि फंसाया गया है

December 15, 2017
जोधपुर : बिना किसी सबूत के चार साल  चार महीने से न्यायिक हिरासत में हिन्दू संत आसारामजी बापू हैं, उनकी SC/ST स्पेशल कोर्ट में 25 अक्टूबर से आखिरी बहस चल रही है जहाँ बचाव पक्ष के अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा एक के बाद एक नये खुलासे करते जा रहे हैं।
अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने लड़की की उम्र व जन्मतिथि के संबंध में बताया कि अनुसंधान अधिकारी द्वारा पीड़िता के मात्र जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर सैकंडरी एजुकेशन बोर्ड की अंकतालिका रिकॉर्ड पर ली गई है , परन्तु अनुसंधान अधिकारी द्वारा सैकंडरी एज्यूकेशन बोर्ड में आवेदन पत्र को रिकॉर्ड पर नहीं लिया तथा अभियोजन पक्ष यह भी साबित नहीं कर पाया कि अंकतालिका में जो जन्मतिथि का अंकन है वह किस दस्तावेज के आधार पर किया गया है ।
घटना के बाद बनाया स्कूल का फर्जी सर्टिफिकेट
अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने अंतिम बहस को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अभियोजन ने संत आसारामजी बापू के खिलाफ फर्जी तरीके से गवाह और साक्ष्य बनाए है,  उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश स्थित शाहजहाँपुर के प्राथमिक स्कूल के प्रिंसिपल अरविंद वाजपेयी ने कोर्ट में मिथ्या गवाही दी थी कि वह 2007 तक स्कूल का प्रिंसिपल था। जबकि हकीकत में वह एक वर्ष पूर्व ही सेवानिवृत हो गया था। अधिवक्ता सुराणा ने कहा कि तथाकथित घटना के बाद पीडिता अभिभावक ने षड्यंत्र के तहत लड़की का स्कूली स्थानांतरण प्रमाण पत्र बनाया और कोर्ट में पेश कर दिया, इसके विपरीत बीमा पॉलिसी के दस्तावेज की तरफ न्यायालय का ध्यान केंद्रित करते हुए वकील ने बताया कि इस पॉलिसी के दस्तावेज में अंकित जन्मतिथि के आधार पर घटना के दिन पीड़िता बालिग थी। 
न्यायालय में जन्मतिथि की कमियां जाहिर की...

बचाव पक्ष द्वारा रखे गये तर्कों के समर्थन में सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय के दृष्टांत भी पढ़कर सुनाये गए । साथ ही अभियोजन गवाहों के विरोधाभासी बयान (जो कि जन्मतिथि से सबंधित थे) की कमियां न्यायालय के समक्ष जाहिर की गई ।
बापू आसारामजी के अधिवक्ता ने दावा किया है कि पीड़ित लड़की उस समय नाबालिग नहीं थी जिस समय उसने मणाई गाँव, जोधपुर में आसारामजी बापू पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था । उन्होंने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई केसों के उदाहरण देते हुए कहा कि Life Insurance Certificate एक कानूनी दस्तावेज है जो कानून में किसी भी उम्र संबंधी विवाद में पर्याप्त साक्ष्य होता है ।
लड़की की माँ ने जो life Insurance Policy खरीदी थी उसमें लड़की की जन्म दिनांक 1/7/1994 उल्लेखित है और इस जन्म दिनांक के मुताबिक लड़की ने जिस समय का आरोप लगाया है उस समय वो नाबालिग नहीं थी बल्कि 19 साल से ज्यादा की हो चुकी थी । तो किस आधार पर संत आसारामजी बापू पर POSCO Act लगाया गया ?
अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने यह भी कहा कि लड़की की उम्र संबंधी अलग-अलग दस्तावेजों में अंतर होने के बावजूद अभियोजन पक्ष ने इसकी परवाह नहीं की और किसी अधिकृत अधिकारी से उन दस्तावेजों में जो उम्र संबंधी अंतर आ रहा था, उसकी जाँच नहीं करवाई ।
मणाई फार्म हाउस के बापू आसारामजी ट्रस्टी नही थे..
बचाव पक्ष अधिवक्ता ने आगे बहस जारी रखते हुए कहा कि अगर बापू आशारामजी जोधपुर मणाई फार्म हाउस के ट्रस्टी थे, तो अभियोजन पक्ष ने इस संबंध में कोई documentary evidence पेश क्यों नहीं की? अगर कोई trust deed होती तो Registered  होती, कोई व्यक्ति आकर उसको साबित करता, परन्तु trust का कोई document पेश नहीं हुआ । इसलिए ट्रस्टी होने को लेकर जो charge frame हुए हैं उसकी zero value है ।
अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने पहले भी न्यायालय में सबूत सहित कई खुलासे किए हैं
1- FIR करवाई गई घटना के 5 दिन बाद । वो भी जोधपुर की घटना बताकर, दिल्ली में रात्रि 2:45 बजे FIR किया ।
2- रजिस्टर के कई पन्ने संदिग्घ तरीके से फाड़ें गए ।
3- FIR दो दिन बाद न्यायालय में पेश की गई ।
4- अलग-अलग सर्टिफिकेट में पाई गई लड़की की अलग-अलग उम्र ।
5- FIR लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई ।
6- FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।
7- मेडिकल में नहीं मिला एक खरोंच का भी निशान, मेडिकल में भी क्लीनचिट मिल चुकी है।
8- सुब्रमण्यम स्वामी जी के अनुसार - कॉल डिटेल्स से पता चला है कि जिस समय घटना बता रही है उस समय तो वे अपने मित्र से बात कर रही थी और पूरी रात उस लड़के से मैसेज से बात कर रही थी ।
9 - लड़की की माँ दिल्ली में ही गिरफ्तार करवाना चाहती थी।
10- लड़की और उसके मां-बाप ने जो भूत-प्रेत की छाया बताने की घटना बताई है वो कल्पना करके झूठी बनाई गई है।
आपको बता दें कि अधिवक्ता #सुराणा ने और भी कई #खुलासे किये है जिससे साफ पता चलता है कि #बापू #आशारामजी को #षडयंत्र के तहत #फंसाया #गया है।
केवल न्यायालय में सुराणा ने केस के खुलासे किए ऐसी बात नही है दिग्गज न्यायविद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी भी पहले न्यायालय में आकर सनसनीखेज खुलासे किये हैं और सबूत सहित बताया है कि बापू आशारामजी को सुनियोजित षडयंत्रपूर्वक जेल भिजवाया है।
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी तो गृहमंत्री राजनाथ को भी बता चुके है कि बापू आशारामजी को जेल में रखने का फालतू खर्च किया जा रहा है, उनके ऊपर केस बनता ही नही है ।

Friday, December 15, 2017

प्रेम भूषण महाराज ने लव जिहाद, आसारामजी बापू और राम मंदिर को लेकर कह दी बड़ी बात

December 14, 2017

सरस गायक एवं भागवत कथाकार श्री प्रेमभूषण महाराज ने पत्रकारोम को हिन्दू हित की कई बातें बताई, लव जिहाद के भयंकर परिणाम है

लव जिहाद के नाम हिंसा गलत..
 लव जिहाद के नाम हुई हिंसा को गलत बताते हुए कथावाचक प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि यह गलत है, लेकिन युवा क्यों भटक रहे हैं इसके लिए माता पिता के संस्कार जिम्मेदार है। उन्होंने बेटियों को संस्कार देने की बात पर बल देते हुए कहा कि घरों में बेटियों को संभाला जाता है बेटों को नहीं। यदि संस्कारों में कमी रहेगी तो इसका परिणाम भोगने तैयार रहे । महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति नया नया पैसा वाला बनता है वह पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करता है जबकि जो जन्मजात संपन्न है वह कुलीन होता है। वह भारतीय संस्कृति का अनुसरण कर ही मरण को प्राप्त होना चाहता है।

आसाराम बापू संत है, मीडिया गलत है

जो साधना के माध्यम से समाज को दिशा दे वह संत साधक है और जो कथाओं का वाचन करें वह कथा वाचक है कथावाचक और संतों के बीच अंतर होना चाहिए आसारामजी बापू एक संत और महापुरुष है राम रहीम को मैं जानता नहीं मीडिया में जो दिखाया जाता है वह पूर्णतः सत्य नहीं है ..

समाज में फर्जी संत अपनी जगह ना बनाएं इसके लिए अखाड़ा परिषद काम कर रहा है जल्द इसके लिए संहिता बनाई जाएगी। उक्त बात सरस गायक एवं कथावाचक प्रेमभूषण महाराज ने गत रात्रि पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही ।

राममंदिर का मुद्दा विश्व हिंदू परिषद का 

उन्होंने राजनीति में धर्म के समावेश को उचित बताया अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मामले का शीघ्र पटाक्षेप होने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि जितना राम मंदिर के लिए कांग्रेस ने कार्य किया है उतना भाजपा ने नहीं किया। कांग्रेस बस इसलिए उनका सही नहीं लेती कि कहीं मुस्लिम वोट बैंक खिसक ना  जाए। श्री प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का विषय शुरू से ही विश्व हिंदू परिषद का रहा है। विहिप ने इस मुद्दे को जन जन तक पहुंचाया जिसमें वह सफल भी रहे। लेकिन भाजपा ने जब जब मौका मिला है इसका राजनीतिक लाभ लिया है आंदोलन की मदद से ही भाजपा 2 से 89 सीटों पर पहुंची। अटलजी तो इसके धुर विरोधी थे, हां आडवाणी जरूर निष्ठावान स्वयं सेवक थे।

श्री प्रेमभूषण जी ने राम मंदिर मामले में हो रहे विलंब पर अफसोस की बात पर कहा कि उन्हें ऐसे किसी मामले में अफसोस नहीं होता जिसका केस न्यायालय में चल रहा है।कथावाचक प्रेमभूषण जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अच्छे आदमी हैं। उनका आश्रम अयोध्या से होकर गुजरता है। नवभारत न्यूज

गौरतलब है कि देश में अभी श्री राम मंदिर नही बनने पर हिन्दू समाज काफी रोष में है और लव जिहाद को रोकने का प्रयास नही करने पर भी हिन्दू जनता नाराज है व हिन्दू संत आशारामजी बापू का मीडिया ट्रायल के कारण छवि धूमिल की जा रही है, उनको एक षडयंत्र कर तहत फंसाया है उसके कई प्रमाण भी मिले है और योगी आदित्यनाथ अभी अच्छे कार्य कर रहे हैं । प्रेमभूषण जी महाराणा ने अपने विचार पत्रकारों के सामने प्रगट किये ।

Thursday, December 14, 2017

बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद पाकिस्तान में तोड़े गए थे 100 मंदिर : पाकिस्‍तानी पत्रकार


December 14, 2017

भारत में हिन्दू बहुसंख्यक हैं और मुसलमान अल्पसंख्यक हैं लेकिन आजतक कभी ऐसा नही हुआ है कि पाकिस्तान या बांग्लादेश आदि मुस्लिम देशों में हिन्दुओं के साथ अत्याचार हुआ तो भारत में  मुस्लिमों के साथ हिन्दुओं ने गलत व्यवहार किया हो, लेकिन यहाँ तो उससे उल्टा दिखाती दे रहा है, भारत में आकर लूटने वाला, हिन्दुओं का कत्लेआम करने वाले बाबर के नाम की मस्जिद 1992 में जब तोड़ दी तो पाकिस्तान में हिन्दुओ के साथ भयंकर अत्याचार हुआ और 100 जितने हिन्दू मन्दिर तोड़ दिये गये।

आज से 25  साल पहले यानि 6 दिसंबर, 1192 को अयोध्या में कार सेवकों ने विवादित बाबरी ढांचे को ढहा दिया था। इस घटना की प्रतिक्रिया में पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे भड़के थे। यहां तक कि बाबरी विध्वंस की आग पड़ोसी देश पाकिस्तान-बांग्लादेश समेत कई देशों में भी भड़की थी। पड़ोसी देश पाकिस्तान में तो इस घटना के विरोधस्वरूप लगभग 100 मंदिरों को या तो गिरा दिया गया या फिर उसे तोड़-फोड़ कर नुकसान पहुंचाया गया।
100 temples were broken in Pakistan after demolition of Babri Masjid: Pakistani journalists
100 temples were broken in Pakistan after demolition of Babri Masjid: Pakistani journalists
पाकिस्तान के फोटो पत्रकार और बीबीसी से जुड़े शिराज हसन ने इन मंदिरों के फोटोज शेयर कर ट्विटर पर दावा किया है, “1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद पाकिस्तान में करीब 100 मंदिरों को दंगाइयों ने निशाना बनाया था। उन लोगों ने या तो इन मंदिरों को गिरा दिया या फिर उनमें तोड़-फोड़ की थी। इन अधिकांश मंदिरों में 1847 के देश बंटवारे के शरणार्थी रहते थे !”

अपने दूसरे ट्वीट में हसन ने लिखा है, “हमने इन खंडहर मंदिरों में रह रहे कई लोगों से बातचीत की है। इन लोगों ने साल 1992 के उस भयावह मंजर को याद करते हुए कहा कि हमने दंगाइयों से रहम की अपील की थी और कहा था कि यह हमारा आशियाना है, इसे मत तोड़ो लेकिन वो नहीं माने !” हसन ने अपनी बात को बल देने के लिए कुछ मंदिरों की तस्वीर भी शेयर की है। इनमें रावलपिंडी का कृष्ण मंदिर भी है, जिसका ऊपरी गुंबद दंगाइयों ने 1992 में तोड़कर गिरा दिया था।

कृष्ण मंदिर कल्याण दास मंदिर

हसन ने एक अन्य ट्वीट में रावलपिंडी के ही कल्याण दास मंदिर की भी तस्वीर साझा की है, जहां आजकल दृष्टिहीनों का एक सरकारी स्कूल चलता है। स्कूल से जुड़े लोगों ने उन्हें बताया कि दंगाइयों ने यहां भी हमला बोला था लेकिन बहुत निवेदन करने के बाद उसे बचा लिया गया था। यह मंदिर सही सलामत हालत में दिखता है।

बन्सिधर मंदिर सीतलादेवी मंदिर

आपको बता दें कि बाबरी विध्वंस के वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे। इस घटना के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और इरान समेत कई देशों में भारतीय दूतावासों पर हमले भी हुए थे। पाकिस्तान और बांग्लादेश में एंटी हिन्दू दंगे भी भड़के थे। श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रेमदासा का बोधगया दौरा टालना पड़ा था। इरान ने तेल सप्लाय रोकने की धमकी दे डाली थी। स्त्रोत : जनसत्ता

अल्पसंख्यकों को नहीं है धार्मिक आजादी 

अमेरिका द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, पाकिस्तान में सिख, हिन्दू जैसे अल्पसंख्यक जबरन धर्मांतरण के डर में रहते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि, अल्पसंख्यकों को यह चिंता भी है कि, पाकिस्तान सरकार जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठा पाती है।

पाकिस्तान और बांग्लादेश में दिन-रात हिन्दुओं के घर जलाये जा रहे हैं #हिन्दू #महिलाओं की #इज्जत #लूटी जा रही है, #मंदिर, घर, दुकानों को तोड़ा जा रहा है, पुजारियों की हत्या की जा रही है, हिन्दुओ की संपत्ति हड़प ली जाती है, #हिन्दुओं को मारा-पीटा जा रहा है, दिन-रात #हिन्दुओं को पलायन होना पड़ रहा है, यहाँ तक कि हिन्दू मर जाता है तो उसको जला भी नही सकते है, उसपर किसी नेता, मीडिया, संयुक्त राष्ट्र और सेक्युलर लोगों की नजर क्यों नही जाती है?

भारत में तो मुसलमानों को अधिक सुख-सुविधाएं दी जा रही हैं फिर भी कुछ गद्दार, सेक्युलर बोलते हैं  कि भारत में मुसलमान डरे हुए हैं लेकिन आजतक ये नहीं बोला कि पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि मुसलमान बाहुल देश में हिन्दुओं पर कितना अत्याचार हो रहा है । नर्क से भी बत्तर जीवन जीना पड़ रहा है ।

एक तरफ पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है दिन-प्रतिदिन हिन्दू कम हो रहे हैं दूसरी ओर बंगाल, कश्मीर, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक आदि राज्यों में हिन्दुओं की हत्यायें हो रही हैं उस पर सभी ने चुप्पी क्यों साध ली है?


जो #हिन्दू कार्यकर्ता #हिन्दू #संत इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते हैं उनको जेल भेज दिया जाता है या हत्या करवा दी जाती है ।


ईसाई मिशनरियाँ और #मुस्लिम देश दिन-रात #हिंदुस्तान और पूरी दुनिया से हिन्दुस्तान को मिटाने में लगे हैं अतः हिन्दू #सावधान रहें ।

अभी समय है हिन्दू #एक होकर #हिन्दुओं पर हो रहे प्रहार को रोके तभी हिन्दू बच पायेंगे। हिन्दू होगा तभी सनातन संस्कृति बचेगी ।


अगर #सनातन #संस्कृति नही बचेगी तो दुनिया में इंसानियत ही नही बचेगी क्योंकि #हिन्दू संस्कृति ही ऐसी है जिसने "वसुधैव कुटुम्बकम्" का वाक्य चरितार्थ करके दिखाया है ।

प्राणिमात्र में ईश्वरत्व के दर्शन कर, सर्वोत्वकृष्ट ज्ञान प्राप्त कर जीव में से #शिवत्व को प्रगट करने की क्षमता अगर किसी संस्कृति में है तो वो सनातन हिन्दू #संस्कृति में है ।

हिंदुओं की बहुलता वाले देश #हिंदुस्तान में अगर आज हिन्दू #पीड़ित है तो सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं की निष्क्रियता और अपनी महान संस्कृति की ओर विमुखता के #कारण !!

इन सबको देखकर भी #हिन्दू कबतक चुपचाप बैठा रहेगा..???

 जागो हिन्दू!!

Wednesday, December 13, 2017

जायरा के मामले में बड़ा खुलासा, नही हुई छेड़छाड़ी, कानून का हो रहा है भयंकर दुरुपयोग


December 13, 2017

देश में महिला कानून के दुरुपयोग और मीडिया ट्रायल के कारण एक दिन में ही कैसे निदोष व्यक्ति की ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है यह एक ताजा मामला सामने आया है । 

यह घटना हर व्यक्ति को सोचने को मजबूर कर देती है कि क्या कानून बचाने के लिए है कि फंसाने के लिए? 

मीडिया में चार दिन से दंगल फ़िल्म में काम करने वाली कश्मीर की अभिनेत्री जायरा वसीम और मुंबई के विकास सचदेवा की खबरें सुर्खियों में हैं ।
Big disclosure in the case of Jaira, not tampered, law is being abused

आपको बता दें कि विकास सचदेवा नाम का एक व्यक्ति विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट में सफर कर रहा था, उसी फ्लाइट में अभिनेत्री जायरा वसीम भी सफर कर रही थी।

दिल्ली से मुंबई आने वाली फ्लाइट जब मुंबई पहुँची तो वहाँ जायरा वसीम ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के माध्यम से बताया कि मेरे साथ छेड़छाड़ी हुई है और किसी ने मेरी सहायता नही की ।

उसके बाद उसने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 354 लगाई है। ये धारा शीलभंग करने के इरादे से हमला करने पर लगाई जाती है और पॉक्सो एक्ट लगाया जो नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न की धारा लगाई जाती है ।

विकास सचदेवा आधी रात को अपने घर पहुँचता है, सुबह उठकर पत्नी के साथ चाय-नाश्ता करता है, थोड़ी देर में घर पर पुलिस आकर गिरफ्तार कर लेती है, विकास और उनकी पत्नी को अभीतक पता नही है कि ऐसा क्यों हो रहा है, पुलिस थाने  जाने पर पता चला कि जायरा वसीम ने उनके ऊपर छेड़छाड़ी का आरोप लगाया है। विकास और उसकी पत्नी को बड़ा धक्का लगा लेकिन करे तो करे क्या ?
कोई उपाय नही था, पत्नी घर पर आ गई और पति को जेल भेज दिया गया।

टीआरपी की भूखी मीडिया ने भी विकास सचदेवा को "दरिंदा" और न जाने किस-किस नाम से खूब बदनाम किया, पूरे देशभर में विकास सचदेवा की बदनामी की गई, कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा ने भी ट्वीट करके सहानभूति जताई, और महिला आयोग एवं सभी सेक्युलर लोगो ने घटना की निंदा की ।

लेकिन वास्तविकता में सच क्या है उसको जानने की कोशिश किसी ने नही की, आइये आपको बताते है सच क्या है?

सहयात्री ने पुलिस में दिया बयान

फ्लाइट में जायरा वसीम के सहयात्री ने पुलिस को बताया कि वो उसी क्लाम में था जिसमें जायरा और विकास सफर कर रहे थे। सचदेवा प्लेन में आते ही सो गए। इस दौरान सोते वक्त आरोपी ने अपने पैर आर्मरेस्ट पर रख दिए। उन्हें नहीं लगता उन्होंने छेड़छाड़ की। उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने अपने पैर आर्मरेस्ट पर रखे। इसके अलावा उन्होंने कोई गलत व्यवहार नहीं किया। सचदेवा के इस व्यवहार पर जब जायरा चिल्लाने लगी तो उन्होंने माफी भी मांगी थी। विकास और सहयात्री एक दूसरे को नहीं जानते पर दोनों के बयान मेल खाते हैं।

दूसरी ओर से विस्तारा एयरलाइंस के अफसरों ने भी  बताया कि विकास प्लेन में पूरे समय सो रहा था।

विकास ने बताया गलती से टच हो गया पैर

विकास सचदेवा का कहना है कि उसने यह जानबूझकर नहीं किया, दिल्ली में अपने मामा की अंत्येष्टि में गया था पिछले 24 घण्टे से सोया नही था इसलिए वह काफी थका था और फ्लाइट में आते ही सो गया, सोते वक्त गलती से उसका पैर जायरा से टच हो गया। बाद में विकास ने माफी भी मांगी । विकास तो को पहले यह पता भी नही था कि सामने कोई महिला बैठी है, और वो भी एक अभिनेत्री है ।

आपने सच जाना जिससे आपको पता चला होगा कि एक निर्दोष व्यक्ति को एक दिन में मीडिया ट्रायल चलाकर कैसे बदनाम किया जाता है, लड़की ने महिला कानून का कैसे दुरुपयोग करके एक झूठा आरोप लगाकर बदनाम करवाया ।

क्या मीडिया सचदेवा की इज्ज़त वापिस लौटा पायेगी?
लड़कीं अगर दोषी निकली तो क्या कानून उसको सजा देगा ?

महिलाओं के लिए बने कानून महिलाओं के लिए ही घातक बन रहे हैं ।

निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिये बलात्कार निरोधक में सख्ती बनाकर कानून बने है पर कुछ लड़कियों द्वारा उस कानून का धुरन्धर दुरुपयोग किया जा रहा है, जब एक लड़की किसी निर्दोष पुरूष पर झूठा आरोप लगाती है और उस पुरुष को जेल भेज दिया जाता है, पर उसके साथ उसकी माँ-बहन-पत्नी-बेटी सभी जुड़े होते है, उनके लिए वो ही पुरूष आधार होता है, लेकिन जेल में जाने के बाद माँ-बहन-पत्नी-बेटी सब अनाथ हो जाते है । उसको घर का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो जाता है और समाज में बदनामी होती है वो अलग ।

विकास सचदेवा का केस था नही बनाया गया है, ऐसे कई केस है जिसमें लड़कियां झूठा केस कर देती है और मीडिया उसको खूब बदनाम करती है, उससे उसकी समाज में जो बदनामी हुई है और समय, पैसा, इज्जत सब कुछ गया है वो वापिस कौन लोटा पायेगा?

ऐसे कई उदाहरण है जिमसें खास करके हिन्दू समाज को बदनाम करने के लिए साधु-संतों को फंसाया गया हो और बाद में निर्दोष बरी हुए हो, जैसे कि गुजरात द्वारका के केशवानंदजी महाराज, दक्षिण भारत के स्वामी नित्यानंद, बैंगलोर मठ के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती जिनके ऊपर बलात्कार का केस लगाया, मीडिया ने खूब बदनामी की और बाद में निर्दोष बरी किया।

इसी प्रकार का मामला सामने  है हिन्दू धर्म गुरु आसारामजी बापू का, उनके केस में न्यायालय में अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा जी ने किये कई सनसनीखेज़ खुलासे ।

- FIR करवाई गई घटना के 5 दिन बाद ।
- रजिस्टर के कई पन्ने संदिग्घ तरीके से फाड़ें गए ।
- FIR 2 दिन बाद न्यायालय में पेश की गई ।
- अलग-अलग सर्टिफिकेट में पाई गई लड़की की अलग-अलग उम्र ।
- FIR लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई ।
- FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।
- मेडिकल में नहीं मिला एक खरोंच का भी निशान ।

क्या ये कहीं न कहीं बापू आसारामजी को फंसाने की साजिश नहीं..??



बलात्कार कानून की आड़ में महिलाएं आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी #ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार आरोप लगाकर जेल में डलवा रही हैं । कानून का दुरुपयोग करने पर वास्तविकता में जो महिला पीड़ित होती है उसको न्याय भी नही मिला पाता है ।

अभी हाल ही में न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं। जिसमे 90 प्रतिशत झूठे मामले निकलते हैं ।


सरकार और न्यायालय को मीडिया पर लगाम लगानी होगी जो झूठी कहानियां बनाकर व्यक्ति को बदनाम करते है और बलात्कार निरोधक #कानूनों की खामियों को दूर करना होगा। तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।

Tuesday, December 12, 2017

न्यायालय में बापू आसारामजी के केस को लेकर एक और बड़ा खुलासा, पॉक्सो एक्ट लगा गलत


December 12, 2017

जोधपुर: चार साल चार महीने से जोधपुर जेल में बंद हिन्दू धर्मगुरु आसारामजी बापू प्रकरण की सुनवाई न्यायालय में अब अंतिम चरण पर पहुंच चुकी है। सभी गवाह के बयान पूरे हो चुके हैं, अब दोनों पक्षों के बीच अंतिम बहस शुरू हो चुकी है। 

अनुसूचित जाति जनजाति के विशिष्ट न्यायालय के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा की अदालत में बचाव पक्ष की ओर से एक से एक ऐसे खुलासे हो रहे जिससे लगता है कि बापू आसारामजी को षडयंत्र के तहस फंसाया गया है।
big disclosure case of Bapu Asaramji in the court, Pocso act was wrong
अदालत में अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने अंतिम बहस के दौरान खुलासा किया कि जांच अधिकारी चंचल मिश्रा ने कई मुख्य बयानों को छुपा दिया, सही बयानों को न्यायालय में पेश ही नही किया गया, जिससे साफ पता चलता है कि जांच अधिकारी की नीयत साफ नही है।
 
लड़की की उम्र सर्टिफिकेट अलग-अलग

अधिवक्ता सुराणा ने बहस के दौरान सर्वोच्च न्यायालय व राजस्थान उच्च न्यायलय के कई दृष्टांत देकर दलील दी कि जीवन बीमा सर्टिफकेट किसी भी व्यक्ति की उम्र से सम्बन्धित विवाद में पर्याप्त कानूनी मजबूत सबूत है। 

सुराणाजी ने बताया कि तथाकथित आरोप लगाने वाली लड़की की माता की ओर से पूर्व में करवाए गए लड़की के जीवन बीमा बांड में जन्म दिनांक एक जुलाई 1994 दर्ज है। इस लिहाज से तथाकथित घटना के दिन 15 अगस्त 2013 को लड़की की उम्र बीस साल के करीब थी। ऐसे में बापू आसारामजी के खिलाफ लगाए गए पॉक्सो एक्ट का कोई वजूद नहीं रह जाता।

उन्होंने दलील दी कि उम्र के सम्बन्ध में विवाद होने पर लड़की के अभिभावक के भी बयान होने चाहिए, परंतु अभियोजन ने बयान नहीं करवाए । शैक्षणिक सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज में आयु में फर्क हो तो भी सक्षम अधिकारी से जांच करवानी चाहिए। अभियोजन ने यह जांच भी नहीं करवाई। 

आपको बता दें कि बापू आसारामजी के खिलाफ शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) की एक लड़की ने छेड़छाड़ी का आरोप लगाया है और उसकी उम्र 18 साल से कम बताकर बापू आशारामजी पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया है ।

पॉक्सो एक्ट क्या है?

18 साल से कम उम्र की किसी लड़की ने अगर किसी पुरुष के खिलाफ पुलिस में FIR करा दी कि मेरे साथ छेड़खानी की है या घूर के देख रहा था या स्पर्श किया है तो पुलिस उस पुरूष को बिना कोई भी पूछताछ किये गिरफ्तार कर लेगी । उसके बाद उसको जमानत भी नही मिल सकती और अब उस लड़की को कुछ नही करना उस पुरुष को साबित करना है कि वो निर्दोष है और अगर पुरूष अपनी निर्दोषता साबित नही कर पाये तो उसको सजा सुना दी जायेगी ।

कानून का भयंकर दुरुपयोग

जबसे एक तरफा कानून बना है केवल महिलाओं की सुरक्षा के लिए तबसे पुरुषों की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं ।

कुछ संस्कारहीन मनचली लड़कियाँ महिला सुरक्षा कानून का धुरन्धर दुरूपयोग कर रही हैं ।

किसी भी पुरुष के साथ बदला लेने की भावना, पैसा निकलवाने अथवा पुरुष को बदनाम करने के लिए पुरुष पर झूठा आरोप लगा देती हैं ।

अभी हाल ही में न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं। जिसमे 90 प्रतिशत झूठे मामले होते हैं ।


गौरतलब है कि हिन्दू संत आसारामजी बापू केस में अदालत में अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने और भी किये कई सनसनीखेज़ खुलासे किये है।


1- FIR करवाई गई घटना के 5 दिन बाद ।

2- रजिस्टर के कई पन्ने संदिग्घ तरीके से फाड़ें गए ।

3- FIR 2 दिन बाद न्यायालय में पेश की गई ।

4- अलग-अलग सर्टिफिकेट में पाई गई लड़की की अलग-अलग उम्र ।

5- FIR लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई ।

6- FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।

7- मेडिकल में नहीं मिला एक खरोंच का भी निशान, मेडिकल में क्लीनचिट मिल चुकी है।

8- कॉल डिटल्स से पता चला है कि जिस समय घटना बता रही है उस समय तो वे अपने मित्र से बात कर रही थी और पूरी रात उस लड़के से मैसेज से बात कर रही थी ।


9 - लड़की की माँ दिल्ली में ही गिरफ्तार करवाना चाहती थी।

10- लड़की और उसके मां-बाप ने जो भूत-प्रेत की छाया बताने की घटना बताई है वो कल्पना करके झूठी बनाई गई है।

अधिवक्ता सुराणा ने और भी कई खुलासे किये है जिससे साफ पता चलता है कि बापू आशारामजी को षडयंत्र के तहत फंसाया गया है।

Monday, December 11, 2017

अमेरिकी पत्रकार ने बंगाल को लेकर ऐसे खुलासे किये हैं जिसे सुनकर खिसक जायेगी पैरों तले जमीन


December 11, 2017

कभी भारतीय संस्कृति का प्रतीक माना जाने वाले बंगाल की दशा आज क्या हो चुकी है, ये बात तो किसी से छिपी नहीं है । हिन्दुओं के खिलाफ साम्प्रदायिक दंगे तो पिछले काफी वक़्त से होना शुरू हो चुके हैं और अब तो हालात ये हो चुके हैं कि त्यौहार मनाने तक पर रोक लगाई जानी शुरू हो गयी है। मगर बंगाल पर मशहूर अमेरिकी पत्रकार जेनेट लेवी ने अब जो लेख लिखा है और उसमें जो खुलासे किये हैं, उन्हें देख आपके पैरों तले जमीन खिसक जायेगी ।
The American journalist has made such disclosures about Bengal that will be lost after hearing the land under feet
जेनेट लेवी ने अपने एक लेख में दावा किया है कि कश्मीर के बाद बंगाल में जल्द ही गृहयुद्ध शुरू होने वाला है, जिसमें बड़े पैमाने पर हिन्दुओं का कत्लेआम करके मुगलिस्तान नाम से एक अलग देश की मांग की जायेगी, यानि भारत का एक और विभाजन होगा और वो भी तलवार के दम पर और बंगाल की वोट बैंक की भूखी ममता बनर्जी की सहमति से होगा सब कुछ ।

जेनेट लेवी ने अपने लेख में इस दावे के पक्ष में कई तथ्य पेश किए हैं । उन्होंने लिखा है कि “बंटवारे के वक्त भारत के हिस्से वाले पश्चिमी बंगाल में मुसलमानों की आबादी 12 फीसदी से कुछ ज्यादा थी, जबकि पाकिस्तान के हिस्से में गए पूर्वी बंगाल में हिंदुओं की आबादी 30 फीसदी थी । आज पश्चिम बंगाल में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़कर 27 फीसदी हो चुकी है । कुछ जिलों में तो ये 63 फीसदी तक हो गई है । वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश में हिंदू 30 फीसदी से घटकर केवल 8 फीसदी ही बचे हैं ।"

बता दें कि जेनेट ने ये लेख ‘अमेरिकन थिंकर’ मैगजीन में लिखा है । http://www.americanthinker.com/articles/2015/02/the_muslim_takeover_of_west_bengal.html

ये लेख एक चेतावनी के तौर पर उन देशों के लिए लिखा गया है, जो मुस्लिम शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोल रहे हैं । जेनेट लेवी ने बेहद सनसनीखेज दावा करते हुए लिखा है कि किसी भी समाज में मुस्लिमों की 27 फीसदी आबादी काफी है कि वो उस जगह को अलग इस्लामी देश बनाने की मांग शुरू कर दे ।

उन्होंने दावा किया है कि मुस्लिम संगठित होकर रहते हैं और 27 फीसदी आबादी होते ही इस्लामिक क़ानून शरिया की मांग करते हुए अलग देश बनाने तक की मांग करने लगते हैं । पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने लिखा है कि ममता बनर्जी के लगातार हर चुनाव जीतने का कारण वहां के मुस्लिम ही हैं । बदले में ममता मुस्लिमों को खुश करने वाली नीतियां बनाती है ।

जल्द ही बंगाल में एक अलग इस्लामिक देश बनाने की मांग उठने जा रही है और इसमें कोई संदेह नहीं कि सत्ता की भूखी ममता इसे मान भी जाए । उन्होंने अपने इस दावे के लिए तथ्य पेश करते हुए लिखा कि ममता ने सऊदी अरब से फंड पाने वाले 10 हजार से ज्यादा मदरसों को मान्यता देकर वहां की डिग्री को सरकारी नौकरी के काबिल बना दिया है । सऊदी से पैसा आता है और उन मदरसों में मजहबी कट्टरता की शिक्षा दी जाती है ।

गैर मजहबी लोगों से नफरत करना सिखाया जाता है । उन्होंने लिखा कि ममता ने मस्जिदों के इमामों के लिए तरह-तरह के वजीफे भी घोषित किए हैं, मगर हिन्दुओं के लिए ऐसे कोई वजीफे नहीं घोषित किये गए । इसके अलावा उन्होंने लिखा कि ममता ने तो बंगाल में बाकायदा एक इस्लामिक शहर बसाने का प्रोजेक्ट भी शुरू किया है ।

पूरे बंगाल में मुस्लिम मेडिकल, टेक्निकल और नर्सिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, जिनमें मुस्लिम छात्रों को सस्ती शिक्षा मिलेगी । इसके अलावा कई ऐसे अस्पताल बन रहे हैं, जिनमें सिर्फ मुसलमानों का इलाज होगा । मुसलमान नौजवानों को मुफ्त साइकिल से लेकर लैपटॉप तक बांटने की स्कीमें चल रही हैं । इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है कि लैपटॉप केवल मुस्लिम लड़कों को ही मिले, मुस्लिम लड़कियों को नहीं ।

जेनेट लेवी ने लिखा है कि बंगाल में बेहद गरीबी में जी रहे लाखों हिंदू परिवारों को ऐसी किसी योजना का फायदा नहीं दिया जाता । जेनेट लेवी ने दुनिया भर की ऐसी कई मिसालें दी हैं, जहां मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ ही आतंकवाद, धार्मिक कट्टरता और अपराध के मामले बढ़ने लगे ।

आबादी बढ़ने के साथ ऐसी जगहों पर पहले अलग शरिया क़ानून की मांग की जाती है और फिर आखिर में ये अलग देश की मांग तक पहुंच जाती है । जेनेट ने अपने लेख में इस समस्या के लिए इस्लाम को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है । उन्होंने लिखा है कि कुरान में यह संदेश खुलकर दिया गया है कि दुनिया भर में इस्लामिक राज स्थापित हो ।

जेनेट ने लिखा है कि हर जगह इस्लाम जबरन धर्म-परिवर्तन या गैर-मुसलमानों की हत्याएं करवाकर फैला है । अपने लेख में बंगाल के हालातों के बारे में उन्होंने लिखा है । बंगाल में हुए दंगों का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि 2007 में कोलकाता में बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन के खिलाफ दंगे भड़क उठे थे । ये पहली कोशिश थी जिसमें बंगाल में मुस्लिम संगठनों ने इस्लामी ईशनिंदा (ब्लासफैमी) कानून की मांग शुरू कर दी थी ।

1993 में तस्लीमा नसरीन ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और उनको जबरन मुसलमान बनाने के मुद्दे पर किताब ‘लज्जा’ लिखी थी । किताब लिखने के बाद उन्हें कट्टरपंथियों के डर से बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था । वो कोलकाता में ये सोच कर बस गयी थी कि वहां वो सुरक्षित रहेंगी क्योंकि भारत तो एक धर्मनिरपेक्ष देश है और वहां विचारों को रखने की स्वतंत्रता भी है ।

मगर हैरानी की बात है कि धर्म निरपेक्ष देश भारत में भी मुस्लिमों ने तस्लीमा नसरीन को नफरत की नजर से देखा। भारत में उनका गला काटने तक के फतवे जारी किए गए । देश के अलग-अलग शहरों में कई बार उन पर हमले भी हुए । मगर वोटबैंक के भूखी वामपंथी और तृणमूल की सरकारों ने कभी उनका साथ नहीं दिया । क्योंकि ऐसा करने पर मुस्लिम नाराज हो जाते और वोटबैंक चला जाता ।

जेनेट लेवी ने आगे लिखा है कि 2013 में पहली बार बंगाल के कुछ कट्टरपंथी मौलानाओं ने अलग ‘मुगलिस्तान’ की मांग शुरू कर दी । इसी साल बंगाल में हुए दंगों में सैकड़ों हिंदुओं के घर और दुकानें लूट लिए गए और कई मंदिरों को भी तोड़ दिया गया। इन दंगों में सरकार द्वारा पुलिस को आदेश दिये गए कि वो दंगाइयों के खिलाफ कुछ ना करें ।

ममता को डर था कि मुसलमानों को रोका गया तो वो नाराज हो जाएंगे और वोट नहीं देंगे ।लेख में बताया गया है कि केवल दंगे ही नहीं बल्कि हिन्दुओं को भगाने के लिए जिन जिलों में मुसलमानों की संख्या ज्यादा है, वहां के मुसलमान हिंदू कारोबारियों का बायकॉट करते हैं । मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तरी दिनाजपुर जिलों में मुसलमान हिंदुओं की दुकानों से सामान तक नहीं खरीदते ।

यही वजह है कि वहां से बड़ी संख्या में हिंदुओं का पलायन होना शुरू हो चुका है । कश्मीरी पंडितों की ही तरह यहाँ भी हिन्दुओं को अपने घरों और कारोबार छोड़कर दूसरी जगहों पर जाना पड़ रहा है । ये वो जिले हैं जहां हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं ।

इसके आगे जेनेट ने लिखा है कि ममता ने अब बाकायदा आतंकवाद समर्थकों को संसद में भेजना तक शुरू कर दिया है। जून 2014 में ममता बनर्जी ने अहमद हसन इमरान नाम के एक कुख्यात जिहादी को अपनी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा सांसद बनाकर भेजा । हसन इमरान प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का सह-संस्थापक रहा है ।

हसन इमरान पर आरोप है कि उसने शारदा चिटफंड घोटाले का पैसा बांग्लादेश के जिहादी संगठन जमात-ए-इस्लामी तक पहुंचाया, ताकि वो बांग्लादेश में दंगे भड़का सके । हसन इमरान के खिलाफ एनआईए और सीबीआई की जांच भी चल रही है ।

लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) की रिपोर्ट के मुताबिक कई दंगों और आतंकवादियों को शरण देने में हसन का हाथ रहा है । उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से रिश्ते होने के आरोप लगते रहे हैं । जेनेट के मुताबिक़ बंगाल का भारत से विभाजन करने की मांग अब जल्द ही उठने लगेगी । इस लेख के जरिये जेनेट ने उन पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है, जो मुस्लिम शरणार्थियों को अपने यहाँ बसा रहे हैं, कि जल्द ही उन्हें भी इन सबका सामना करना पडेगा ।

अभी भी वक्त है #हिन्दुस्तानी #सावधान हो जाये तो #हिन्दुस्तान को कोई खंडित नही कर सकता अगर थोड़ा भी चूक किया तो आने वाली पीढ़ी को बहुत #भुगतान करना पड़ेगा ।