Friday, March 23, 2018

पॉक्सो एक्ट के तहत चल रहे बापू आसारामजी के केस में आरोप लगाने वाली लड़की निकली बालिग

March 21, 2018

अनुसूचित जाति जनजाति अदालत के पीठासीन अधिकारी श्री मधुसुदन शर्मा आरएचजेएस की अदालत में पिछले साढ़े 4 साल से बिना किसी सबूत के जोधपुर जेल में बंद हिन्दू संत बापू आसारामजी के केस में बचाव पक्ष (बापू आसारामजी का पक्ष) की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी है और अभियोजन पक्ष (लड़की का पक्ष) की ओर से 20.03.2018 से बहस शुरू हो चुकी है । 


जिसमें सबसे बड़ा आश्चर्यजनक खुलासा जो सामने आया है वो ये है कि जिस पॉक्सो एक्ट (जो लड़की के नाबालिक होने पर लगता है)  के तहत बापू आसारामजी को पिछले साढ़े चार साल से उनके लड़खड़ाते स्वास्थ्य के बावजूद बेल तक नहीं दी गई, उसमें अभियोजन पक्ष (लड़की का पक्ष) आजतक लड़की को नाबालिग नहीं साबित कर पाया ।
In the case of Bapu Asaramji, under the pocso act Accusatory girl Found Adult

बापू आसारामजी के वकील सुराणा जी ने मीडिया में बताते हुए स्पष्ट किया कि लड़की के वकील ने न्यायालय में इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वो लड़की को नाबालिग नहीं साबित कर पाए । क्योंकि वे लड़की के matriculation certificate को साबित नहीं करवा सके हैं । इस प्रकार लड़की का बालिग होना स्वतः ही सिद्ध हो चुका है । ऐसी स्थिति में लड़की को दोबारा बुलाया जाए इसके लिए लड़की के वकील ने एक ऐसी दरख्वास्त लगाई जिसने अभियोजन पक्ष के केस को पूरा ध्वस्त करके रख दिया । इस प्रकार की दरख्वास्त न तो कभी किसी ने आज तक लगाई है और न कोई लगा सकता है ।

सुराणा जी आगे बताया कि लड़की के वकील ने ये भी तर्क दिया कि हमसे बहुत भारी भूल हो गई है, इसलिए लड़की को दोबारा धारा 311 के अंतर्गत  तलब किया जाए। 

इस बात पर न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को कहा कि आप बताइए कि आपकी अर्जी किस प्रकार से कानून में चल सकती है ? जब 2014 से लड़की के बयान न्यायालय में 3 महीने निरंतर चल रहे थे, उसके माता-पिता के भी बयान हुए और आपके पास सारे दस्तावेज भी उपलब्ध थे तब आपने उन्हें क्यों साबित नहीं करवाया? 

इसके लिए अभियोजन पक्ष के पास में कोई जवाब नहीं था और मीडिया के द्वारा जो सारा मामला पब्लिक के सामने रखा गया उससे साबित हो गया कि कैसे अभियोजन पक्ष ने झूठी और मनगढ़ंत कहानी के आधार पर बापू आसारामजी को इतने सालों से जेल में रखा ।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उम्र संबंधी असली दस्तावेज जब बचाव पक्ष के द्वारा कोर्ट में साबित करवाये गए, उससे ये सिद्ध हो गया कि आरोप लगाने वाली लड़की जिसको नाबालिग बताकर बापू आसारामजी पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया वो वास्तव में बालिग है ।

अधिवक्ता सुराणा जी ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष इतने भयाक्रांत हो गए थे कि matriculation certificate को साबित करवाने की ताकत नहीं थी उनमें । इस प्रकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बचाव पक्ष की ओर से continuously दस्तावेज न्यायालय में साबित करवाए गए हैं । उसमें अलग-अलग दस्तावेजों में लड़की की उम्र में variations आ रही है किसी दस्तावेज में वो 20 साल की साबित हो रही है, किसी में 19 साल की साबित हो रही है ।

इस प्रकार से आजतक के न्यायालय में पेश हुए सबूतों के आधार पर लड़की बालिग सिद्ध हो चुकी है ।

इससे पहले भी अधिवक्ता सुराणा जी द्वारा मीडिया में ऐसे कई सनसनीखेज़ खुलासे किये गए हैं जिससे स्पष्ट है कि बापू आसारामजी को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है ।

आइये जाने! केस के पीछे छुपे ऐसे कुछ तथ्य जिससे आजतक समाज अनभिज्ञ रहा । 

1. घटना के 5 दिन बाद FIR करवाई गई ।  वो भी जोधपुर की घटना बताकर FIR जोधपुर से 600 कि.मी.दूर दिल्ली में रात्रि 2:45 बजे ।

2. हेल्पलाइन #रजिस्टर के कई #पन्ने #संदिग्ध तरीके से #फाड़ें गए ।

3. 20.08.2013 को लडकी के न्यायालय में मैजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान होने के बाद F.I.R. 21.08.2013 को न्यायालय में पेश की गई ।

4. कमला मार्केट पुलिस स्टेशन, दिल्ली में F.I.R. लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई, जो आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई ।

5. ओरिजिनल एफ.आई.आर. को बदल दिया गया, FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।

6. जोधपुर के पुलिस स्टेशन में लडकी के बयान रिकोर्ड करते समय की गयी वीडियो रिकार्डिंग में कई जगह interruptions पाए गए | 

7.मेडिकल में भी लड़की के शरीर पर एक खरोंच का भी निशान नहीं पाया गया ।

8. उम्र संबंधी अलग-अलग सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र पाई गई ।

9. अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा द्वारा 12 अगस्त से 17 अगस्त 2013 (घटना के समय) की कॉल डिटेल हटाकर कोर्ट में पेश की गई ।

10. लड़की की कॉल डिटेल से स्पष्ट हुआ कि घटना की रात लड़की किसी संदिग्ध व्यक्ति से फोन द्वारा संपर्क में थी ।

11. तथाकथित घटना के समय बापू आसारामजी मँगनी कार्यक्रम में व्यस्त थे, लड़की कुटिया में गई ही नहीं ।

अधिवक्ता सुराणा जी ने बताया कि लड़की के माँ-बाप ने जयपुर में भी एक वकील को झूठा मुकदमा दर्ज करवाने के लिए मोटी रकम देने का ऑफर दिया था । इस बात की पुष्टि खुद उस वकील ने न्यायालय में अपने बयान में की । 

पचास करोड़ की फिरौती के लिए मणाई कुटिया का पूरा घटनाक्रम तैयार किया गया ।

इससे पहले डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कई बार खुलासा किया है कि बापू आसारामजी को धर्मपरिवर्तन पर रोक लगाने और लाखों हिन्दुओं की घरवापसी कराने के कारण षडयंत्र के तहत जेल भिजवाया गया है ।

गौरतलब है कि बापू आसारामजी का समाज व देशहित के सेवाकार्यों में अतुलनीय योगदान रहा है जिसकी भूरी-भूरी प्रशंसा बड़ी-बड़ी सुप्रसिद्ध हस्तियों ने उनके आश्रम को प्रशस्ति पत्र देकर की है ।

आइये अब बापू आसारामजी द्वारा हुए सेवाकार्यों पर भी नजर डालें ।

ईसाई मिशनरियों को दिन के तारे दिखाकर, लाखों ईसाई बने हिंदुओं की घरवापसी करवाई बापू आसारामजी ने ।

शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद 
जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया बापू आसारामजी ने ।

 कत्लखाने जाती हजारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया बापू आसारामजी ने ।

अभी हाल ही में राजस्थान पशु पालन विभाग की ओर से उनकी निवाई गौशाला को राजस्थान की सर्वश्रेष्ठ गौशाला घोषित कर पुरस्कृत किया गया है।


 विदेशी कंपनियों से हो रही शारीरिक व आर्थिक हानि से देश को बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथी का प्रचार-प्रसार कर एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से होने वाले रोगों से समाज को सचेत किया बापू आसारामजी ने ।

पाकिस्तान, अमेरिका, चाईना आदि बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया बापू आसारामजी ने ।

देश में बढ़ती वृद्धाश्रमों की संख्या व बुजुर्ग माता-पिता की वेदना से व्यथित हो युवावर्ग को वेलेंटाइन डे जैसी कुरीति से मोड़कर "मातृ-पितृ पूजन दिवस" 
जैसी अनोखी पहल की बापू आसारामजी ने, जिसे आज विश्वस्तर पर मनाया जाने लगा है । 

क्रिसमस डे के दिन क्रिसमस ट्री के बजाय हिन्दू संस्कृति में पूजनीय, माँ तुलसी की पूजा करके ये दिन हिन्दू संस्कृति के अनुसार मनाने को प्रेरित किया बापू आसारामजी ने ।

 बिकाऊ मीडिया को रुपयों के पैकेज ना देकर जगह-जगह पर गरीब इलाकों में चलचिकित्सालय चलवाकर निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध करवाई बापू आसारामजी ने ।

पिछले 50 वर्षों से लगातार आदिवासियों के बीच मुफ्त भंडारा,मकान, कपड़े, अनाज व दक्षिणा बांटने के साथ-साथ उन्हें हिन्दू संस्कृति की महिमा बताई बापू आसारामजी ने ।

 नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त करवाया बापू आसारामजी ने, जिसका भारी नुकसान विदेशी कंपनियों को झेलना पड़ा ।

महिलाओं के सर्वागीण विकास के लिए जगह-जगह पर महिला मंडलों द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए कई अभियान चलाये बापू आसारामजी ने ।

17000 से भी अधिक बाल संस्कार केंद्र और अनेकों गुरुकुलों द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास के साथ-साथ बचपन से ही उन्हें अपनी संस्कृति की ओर अभिमुख किया बापू आसारामजी ने ।

हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, संत श्री आशारामजी गुरुकुल, अहमदाबाद द्वारा बनाया गया विश्व में सबसे ऊंचा मानव पिरामिड ।


भौतिकता और आध्यात्मिकता का समन्वय कर मानव में छुपी शक्तियों को जगाकर भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करवाने में सदैव प्रयासरत रहने वाले बापू आसारामजी, जिनको "भारत रत्न" की उपाधि से अलंकृत करना चाहिए वो संत बिना किसी सबूत के सालों से जेल में हैं ।

आज करोड़ों लोगों की नजरें सरकार व न्यायालय की ओर हैं कि वो कब देशहित, समाजहित, प्राणिमात्र के हित में सेवारत रहने वाले बापू आसारामजी के साथ इंसाफ करती हैं ।

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Thursday, March 22, 2018

अध्ययन में हुआ बड़ा खुलासा : सॉफ्ट ड्रिंक्स में पाये गए जहरीली धातुओं के अंश


March 22, 2018

🚩#सरकार के एक अध्ययन के अनुसार #स्वास्थ्य #राज्यमंत्री #फग्गन सिंह कुलास्ते ने #राज्यसभा में बताया है कि कुछ #सॉफ्ट #ड्रिंक्स और #फार्मा #प्रोडक्ट वाली पीईटी बोतलों के सैंपल में भारी धातु मिले हैं जो #स्वास्थ्य के लिए #खतरनाक हैं।

🚩उन्होंने कहा कि #मंत्रालय के #ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड के #अध्ययन में यह बात सामने आई है।

🚩#जिन पीईटी #बोतलों के सैंपल टेस्ट किए गए थे उनमें #स्प्राइट, #माउंटेन #ड्यू, #सेवन अप, #पेप्सी और #कोकाकोला शामिल हैं।

Large disclosure in the study: Part of the toxic metals found in soft drinks
🚩सदन में एक सवाल के लिखित जवाब में कुलास्ते ने कहा कि, 'ये #सैंपल नेशनल टेस्ट हाउस (#कोलकाता ) में जांच के लिए जमा किए गए थे।'

🚩#कुलास्ते ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि #कोलकाता के #ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हायजीन एंड पब्लिक #हेल्थ ने इसे स्टडी किया था।

🚩#सॉफ्ट ड्रिंक्स की लत से रोजाना हो रही है 504 मौतें !!

🚩आपको बता दें कि #हावर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक #कोल्ड ड्रिंक (पेप्सी, कोकाकोला) या डिब्बाबंद जूस और हेल्थ ड्रिंक पीने से न सिर्फ ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है बल्कि #इंसुलिन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होने लगती है। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे #डायबिटीज और #हृदयरोगों (हार्टअटैक) की चपेट में आने लगता है।

🚩#अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी में किये गए अध्ययन के अनुसार #सॉफ्ट ड्रिंक की लत से होने वाले रोग जैसे #डायबिटीज से हर साल 1.33 लाख जानें जाती हैं, #हृदयरोग से लगभग 45,000 और #कैंसर से 6,500 लोग मौत के शिकार होते हैं। यानी कुल 1.84 लाख मौतों के लिए #सॉफ्ट ड्रिंक जिम्मेदार है ।

🚩ऐसे #खतरनाक, आपके प्राणों के साथ खेलने वाले #सॉफ्ट ड्रिंक को आप बड़े मजे से पीते हैं और दूसरों को भी पिलाते हैं।

🚩#घर में मेहमान आये तो स्वागतम में #सॉफ्ट ड्रिंक पिलाते हैं ।

🚩अनजाने में क्या आप अपने और #मेहमानों के साथ दुश्मनी का #व्यवहार नहीं कर रहें, ऐसे जहरीले #सॉफ्ट ड्रिंक पीकर और पिलाकर ?

🚩इससे तो आप अपने #मेहमानों को #लस्सी, ताजे #फलों का ज्यूस, #गुलाब शरबत, #नीबू शरबत, #पलाश शरबत पिलाइये जिससे मेहमान भी #स्वस्थ्य रहें और आपका #पैसा भी कम #खर्च हो और पैसा #विदेश में न जाकर #देश में ही रहे ।

🚩#मेरे #भारतवासियों !
#घर के बनाये #पेय पदार्थों का सेवन कर खुद भी #स्वस्थ रहें और अपने मेहनत से कमाएं पैसे का भी सही और उचित जगह उपयोग करके #देश को #समृद्ध बनायें।

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Wednesday, March 21, 2018

जिनके ज्ञान से आज भी नासा शिक्षा लेते है आज उन्ही महान ऋषि आर्यभट्ट जी की जयंती है

March 21, 2018
🚩लाखो वर्ष पहले से ही भारत के ऋषि-मुनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान की खोज में रत रहते थे । उनका मस्तिष्क सृजनात्मक और बहुआयामी था । ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्रों में संसार को उनकी कई महत्वपूर्ण देनें हैं, जिसके लिए पूरा विश्व,राष्ट्र और समाज आज भी उनका ऋणी है ।
By whose knowledge NASA still teaches, today is the
 birth anniversary of the great sage Aryabhata ji
🚩अंग्रेजो के पिट्ठुयो के  इतहास में लुटेरे, आक्रमणकारी मुगलों ओर अंग्रेजो का है इतिहास पढ़ाया जाता है वास्तव में जिन्होंने विश्व और समाज के लिए उपयोगी खोज किया उनका इतिहास ही खत्म कर दिया गया लेकिन उन महापुरुषों किसी परिचय के मोहताज नहीं थे और न ही झोलाछाप इतिहासकारों की लेखनी के बिना विस्मृत होने वाले हैं। उन तमाम महान आत्माओ में से एक हैं आर्यभट्ट । जिनका आज जयंतीहै। नासा आज भी उनकी ही शिक्षा से प्रयोगशाला चला रही है लेकिन अफ़सोस की बात तो ये है कि हम में से कोई भी उनके बारे में जानते ही नहीं हैं।
🚩तो आइए आज जानते है उन  महान ऋषि के बारे में...
🚩खगोलशास्त्र का अर्थ है ग्रह, नक्षत्रों की स्थिति एवं गति के आधार पर पंचाग का निर्माण। जिससे शुभ कार्यों के लिए उचित मुहूर्त निकाला जा सके। इस क्षेत्र में भारत का लोहा दुनिया को मनवाने वाले वैज्ञानिक आर्यभट के समय में अंग्रेजी तिथियाँ प्रचलित नहीं थीं। अपने एक ग्रन्थ में उन्होंने कलयुग के 3,600 वर्ष बाद की मध्यम मेष संक्रान्ति को अपनी आयु 23 वर्ष बताये थे। इस आधार पर विद्वान् उनकी जन्मतिथि 21 मार्च 476 ई. मानते हैं। उनके जन्मस्थान के बारे में भी विद्वानों एवं इतिहासकारों में मतभेद रहा। उन्होंने स्वयं अपना जन्मस्थान कुसुमपुर बताया है। कुसुमपुर का अर्थ है फूलों का नगर।
जिसे आज पाटलिपुत्र या पटना के नाम से जाना जाता हैं। 973 ई. में भारत आये पर्शिया के विद्वान अलबेरूनी ने भी अपने यात्रा वर्णन में 'कुसुमपुर के आर्यभट' की चर्चा अनेक स्थानों पर की है। कुछ विद्वानों का मत है कि उनके पंचांगों का प्रचलन उत्तर की अपेक्षा दक्षिण में अधिक है, इसलिए कुसुमपुर कोई दक्षिण भारतीय नगर होगा। कुछ लोग इसे विन्ध्य पर्वत के दक्षिण में बहने वाली नर्मदा और गोदावरी के बीच का कोई स्थान बताते हैं। कुछ विद्वान आर्यभट को केरल निवासी मानते हैं।
🚩पहले आर्यभट गणित, खगोल या ज्योतिष के क्षेत्र में  भारतीय वैज्ञानिक नहीं थे पर उनके समय तक पुरानी अधिकांश गणनाएँ एवं मान्यताएँ विफल हो चुकी थीं। पितामह सिद्धान्त, सौर सिद्धान्त, वशिष्ठ सिद्धान्त, रोमक सिद्धान्त और पौलिष सिद्धान्त, यह पाँचों सिद्धान्त पुराने पड़ चुके थे। इनके आधार पर बतायी गयी ग्रहों की स्थिति तथा ग्रहण के समय आदि की प्रत्यक्ष स्थिति में काफी अन्तर मिलता था। इस कारण भारतीय ज्योतिष पर से लोगों का विश्वास उठ गया। ऐसे में लोग इन्हें अवैज्ञानिक एवं अपूर्ण मानकर विदेशी एवं विधर्मी पंचांगों की ओर झुकने लगे थे।
🚩आर्यभट ने इस स्थिति को समझकर इस शास्त्र का गहन अध्ययन किया और उसकी कमियों को दूरकर नये प्रकार से जनता के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने पृथ्वी तथा अन्य ग्रहों की अपनी धुरी तथा सूर्य के आसपास घूमने की गति के आधार पर अपनी गणनाएँ कीं। इससे लोगों का विश्वास फिर से भारतीय खगोलविद्या एवं ज्योतिष पर जम गया
इसी कारण लोग उन्हें भारतीय खगोलशास्त्र का प्रवर्तक भी मानते हैं। उन्होंने एक स्थान पर स्वयं को 'कुलप आर्यभट' कहा है। इसका अर्थ कुछ #विद्वान् यह लगाते हैं कि वे नालन्दा विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे। उनके ग्रन्थ 'आर्यभटीयम्' से हमें उनकी महत्वपूर्ण खोज एवं शोध की जानकारी मिलती है। इसमें कुल 121 श्लोक हैं, जिन्हें #गीतिकापाद, गणितपाद, कालक्रियापाद और गोलापाद नामक चार भागों में बाँटा है।
🚩वृत्त की परिधि और उसके व्यास के संबंध को 'पाई' कहते हैं। आर्यभट द्वारा बताये गये इसके मान को ही आज भी गणित में प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त #पृथ्वी, चन्द्रमा आदि ग्रहों के प्रकाश का रहस्य, छाया का मापन, कालगणना, बीजगणित, त्रिकोणमिति, व्यासविधि, मूल-ब्याज, सूर्योदय व सूर्यास्त के बारे में भी उन्होंने निश्चित सिद्धान्त बताये। #आर्यभट की इन खोजों से गणित एवं खगोल का परिदृश्य बदल गया। उनके योगदान को सदा स्मरण रखने के लिए 19 अप्रैल  1975 को अन्तरिक्ष में स्थापित कियेे गये भारत में ही निर्मित प्रथम कृत्रिम उपग्रह का नाम 'आर्यभट' रखा गया। 
🚩न्यूटन ने 1500 साल पहले दिया था भारत को गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में जानकारी।
🚩देश के जाने-माने #वैज्ञानिक एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि वेद के कुछ श्लोकों में चंद्रमा पर जल की मौजूदगी का जिक्र है और आर्यभट्ट जैसे खगोलविद्वान न्यूटन से भी कहीं पहले गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में जानते थे।
🚩पद्म विभूषण से नवाजे जा चुके 71 साल के नायर ने कहा कि भारतीय वेदों और प्राचीन हस्तलेखों में भी #धातुकर्म, #बीजगणित, #खगोल शास्त्र, गणित, वास्तुकला एवं ज्योतिष-शास्त्र के बारे में सूचना थी और यह जानकारी उस वक्त से थी, जब पश्चिमी देशों को इनके बारे में पता भी नहीं था।
🚩नायर ने कहा कि वेदों में दी गई जानकारी ‘संक्षिप्त स्वरूप’ में थी जिससे आधुनिक विज्ञान के लिए उन्हें स्वीकार करना मुश्किल हो गया। नायर ने कहा, एक वेद के कुछ श्लोकों में कहा गया है कि चंद्रमा पर जल है, लेकिन किसी ने इस पर भरोसा नहीं किया। हमारे चंद्रयान मिशन के जरिये हम इसका पता लगा सके और यह पता लगाने वाला हमारा देश पहला है।
🚩उन्होंने कहा कि वेदों में लिखी सारी बातें नहीं समझी जा सकतीं क्योंकि वे क्लिष्ठ संस्कृत में हैं। पांचवीं सदी के खगोलविद्वान -गणितज्ञ आर्यभट्ट की तारीफ में नायर ने कहा - हमें वास्तव में गर्व है कि आर्यभट्ट और भास्कर ने ग्रहों एवं बाहरी ग्रहों के विषय पर गहन कार्य किया है। यह एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र था। उन्होंने कहा, यहां तक कि चंद्रयान के लिए भी आर्यभट्ट का समीकरण इस्तेमाल किया गया। गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के बारे में भी न्यूटन को इसके बारे में करीब 1500 साल बाद पता चला। यह जानकारी हमारे पौराणिक ग्रंथों में है।
🚩आज उस महानतम वैज्ञानिक और संसार को संसार के बारे में बताने वाले उस खगोलशास्त्री को उनके जयंती पर भारतवासी बारम्बार नमन करते हुए उनकी गौरवगाथा को सदा सदा के लिए अमर रखने का संकल्प लेते है ।
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Tuesday, March 20, 2018

लड़कियां पैसे की लालच में निर्दोष पुरुषों को झूठे केस में फंसाती है : काजल

March 20, 2018

🚩दामिनी प्रकरण के बाद बनाये गये नये यौन-शोषण विरोधी कानूनों में कई मामूली आरोपों को गैर-जमानती बनाया गया है । इससे ये कानून किसी निर्दोष पर भी वार करने के लिए सस्ते हथियार बनते जा रहे हैं । इस कानून का भयंकर दुरुपयोग किया जा रहा है दिल्ली उच्च न्यायालय ने बताया है कि ऐसे कई मामले दर्ज किये जा रहे हैं जिनमें महिलाओं द्वारा बदला लेने के लिए तथा निजी प्रतिशोध की भावना से, डरा-धमकाकर पैसों के लिए कानून को हथियार के तौर पर उपयोग किया जा रहा है । ऐसे मामलों के चलते बलात्कार के आँकडे बढ़े हुए नजर आते हैं, जिससे हमारे ही समाज को नीचा देखना पड़ता है ।
Girls entangle innocent men in false case for greed of money: Kajal

🚩इन कानून का जो महिलायें या लड़कियां फायदा उठाकर उसका अपनी निजी स्वार्थ या बदला लेने की भावना से पुरुषों को फंसाती है उनके लिए ग्वालियर की दबंग काजल जादौन ने
*ज्वाला शक्ति संगठन* की स्थापना की है और *बेटा बचाओ अभियान* चला रही है ।
🚩काजल ने अपना वीडियो शोशल मीडिया पर डाला है इसमे उनका कहना है की बेटा बचावो अभियान कानून का दुरुपयोग करने वाली महिलाओं के विरुद्ध में है, ऐसी महिला जो निर्दोष बेटों को धारा 376 बलात्कार, धारा 354 छेड़छाड़ और धारा 498 में फंसा देती हैं उन युवकों को या तो जेल जाना पड़ता हैं या फिर मोटी रकम लेकर उनलोग को राजीनामा हो जाता हैं इससे साफ पता चलता है कि महिलायें या युवतियां सिर्फ पैसो के लालच में आकर ये कदम उठाती हैं उन महिलायें या युवतियों को अच्छी खासी मोटी रकम मिल सके इस कारण निर्दोष युवकों को फंसा देतीं हैं ।
🚩आगे बताया कि दूसरी बात ये है की जिनलोगों का प्रेमप्रसंग अपनी सहमती से बनता है और ये इतना आगे बढ़ जाता हैं कि शारिरिक संबंध भी बन जाते हैं। ये सवाल उन महिलाओं व युवतियों के लिए है कि जो प्रेम प्रसंग के चलते इनका शारिरिक संबंध बनता हैं तो क्या इसमे सहमती सिर्फ लड़कों की होती हैं   आपका नही?
यदि हाँ, तो फिर अकेला दोषी लड़का क्यों?
🚩जैसे कई बार देखने को मिलता हैं कि थाने में जाकर महिलायें या युवतियां रिपोर्ट लिखवाती है कि शादी का झांसा देकर फलाने युवक ने मेरा 6 माह तक शारीरिक शोषण किया। तो क्या ये शारिरिक शोषण या दुष्कर्म हैं? नही।
ये सबको पता है कि यह एक enjoyment हैं।
ऐसी चरित्र की महिलायें या युवतियों के कारण ही बेचारी उन महिलायें व युवतियां जिनके साथ वास्तविक रूप से ये घटना होती हैं उनके चरित्र पे ये उंगली उठाती हैं ये घटिया किस्म की महिलायें है।

🚩कुछ महिलायें व युवतियां थाने में जाकर यह भी कहतीं हैं कि फलाने पुरूष ने मुझे बहला फुसलाकर ले गया था और मेरे साथ गलत व्यहवार करने की कोशिश की या फिर गलत व्यवहार किया।
🚩तो खास बात यहाँ पे ये हैं कि 18 साल या इससे अधिक उम्र वाली महिलाओं या युवतियों को क्या बहलाया फुसलाया जा सकता है? वो महिला जहाँ मार्केट और शॉपिंग मॉल में बिना color choose किये या बिना try किये एक साड़ी या कुर्ती नही खरीद सकती । जब इनमे इतनी अक्ल है खरीदारी या मोल भाव करने की तो ऐसी महिलाओं को कोई कैसे बहला फुसलाकर ले जा सकता है?
बहलाया फुसलाया तो बच्चो को जाता है।
🚩बेटा बचावो अभियान के दौरान सरकार और प्रशासन से ये अपील है कि ऐसी महिला जब रिपोर्ट लिखवाने आये तब सबसे पहले इनके हाथ मे एक दूध का बोतल और थैली थमाए, क्योंकि इनको सख्त जरूरत है ये बच्चो की ही श्रेणी में आतीं हैं।
🚩सोचने समझने की शक्ति बच्चो में नही होती या फिर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति में नही होती।
🚩अगर इनके हाथ मे दूध का बोतल नही दे सकते तो इनका इलाज जरूर करवाये क्योंकि इनको एक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर की आवश्यकता है और इनका इलाज भी निःशुल्क होना चाहिए।
🚩ये महिलायें अपना इलाज पैसों देकर नही करवा सकतीं क्योंकि पैसों के खातिर ही निर्दोष युवक को फ़सातीं हैं।
🚩काजोल ने सही बताया है मनचली चरित्र हीन लड़कियां पैसे के लिए निर्दोष पुरुषों को फसाकर उसकी जिंदगी खराब कर देती है और दूसरी तरफ जिस लड़की के साथ वास्तविकता में घटना घटती है उन महिलाओं को न्याय नही मिल पाता है ।
🚩बलात्कार निरोधक कानूनों के प्रावधानों में कुछ कमियाँ हैं जिससे इनका दुरुपयोग हो रहा है । इनमें ऐसे प्रावधान हैं कि शिकायतकर्ता बिना किसी सबूत के किसी पर भी आरोप लगाकर उसे जेल में पहुँचा सकता है । जिसके कारण  इनका दुरुपयोग दहेज कानून से भी ज्यादा हो रहा है । इनमें जल्द बदलाव हो, नहीं तो एक के बाद एक, आम जनता से लेकर प्रतिष्ठित और सम्मानीय  व्यक्तियों तक सभी इनके जाल में फँस सकते हैं ।
🚩बलात्कार कानून में जल्द ही बदलाव हो, नहीं तो एक के बाद एक निर्दोष जाल में फँसते चले जायेंगे।
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