Sunday, February 10, 2019

छः राज्यों के मुख्यमंत्री बोले 14 फरवरी को मनाओ मातृ-पितृ पूजन दिवस

09 फरवरी  2019

🚩 देश के कई राज्यों की सरकार जान चुकी है कि वैलेंटाइन डे से समाज और देश को अत्यधिक नुकसान हो रहा है उसे रोकने का विकल्प जरूरी है इसलिए 2006 से 14 फरवरी का दिन मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाने का विकल्प रखा गया है अब उसे और अधिक व्यापक बनाना होगा इसलिए वर्तमान में देश के कई मुख्यमंत्रियों, राज्यपाल एवं मंत्रियों ने इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की और इसे व्यापक रूप से मनाने की घोषणा भी कर रहे हैं ।

🚩मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने पत्र द्वारा बताया कि मुझे यह जानकर खुशी है कि श्री योग वेदांत सेवा समिति, 14 फरवरी का दिन 'मातृ-पितृ की पूजन दिवस' के रूप में मना रहे हैं ।

🚩उन्होंने आगे बताया कि पिछले कुछ दशकों से समाज एवं समाज की सामाजिक संरचना काफी हद तक बदल गयी है । इसलिए, युवा पीढ़ी में भारतीय संस्कृति के मूल्यों और आदर्शों को विकसित करना आवश्यक है । प्रशंसनीय है कि श्री योग वेदांत सेवा समिति छात्रों के चरित्र निर्माण की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है ।

🚩योगी जी ने यह भी कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह कार्यक्रम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रहेगा । मेरी शुभकामनाएं इस कार्य के लिए हैं ।

🚩 हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संदेश द्वारा दी शुभकामनाएं..

हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने बताया कि मुझे यह जानकर खुशी है कि श्री योग वेदांत सेवा समिति ने 14 फरवरी का दिन माता-पिता की पूजा दिवस के रूप में मनाया और इस अवसर को यादगार बनाने के लिए भिन्न-भिन्न स्थानों पर हुए मातृ-पितृ पूजन के आयोजन का एक संकलन भी समिति के द्वारा साथ में लाया जा रहा है । हमें बचपन से बच्चों में नैतिक मूल्यों के संस्कार भरने चाहिए और प्राचीन भारत की परंपराओं, रीति-रिवाजों और संस्कृति के बारे में उन्हें जागृत करना चाहिए ताकि वे अपने बड़े-बुजुर्गों का सम्मान और परंपराओं का पालन करना सीख सकें । मेरा मानना ​​है कि संस्कृति और रीति-रिवाज हमारे समाज का अभिन्न अंग है और इसे हर तरह से संरक्षित किया जाना चाहिए ।

🚩गुजरात के उपमुख्यमंत्री ने मातृ-पितृ पूजन की सरहाना की

गुजरात के उपमुख्यमंत्री श्री नितिन पटेल ने संदेश द्वारा बताया कि श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा #14 फरवरी को #मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जा रहा इसको सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई ।

🚩आगे बताया कि विद्यार्थियों में सुसंस्कार का सिंचन हो इसलिए अधिक से अधिक स्कूलों-कॉलेजों में मातृ-पितृ पूजन होना चाहिए। यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक हो यही शुभकामनाएं करता हूँ ।

🚩#हरियाणा के #राज्यपाल महोदय ने भी दी शुभकामनाएं..

हरियाणा के राज्यपाल #श्री कप्तान सिंह सोलंकी जी ने बताया कि मुझे यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ कि श्री योग वेदांत सेवा समिति हर वर्ष की तरह इस साल भी मातृ-पितृ पूजन का आयोजन कर रही है ।

🚩उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में माता-पिता को देव माना जाता है । उन्होंने न केवल हमें जन्म दिया है बल्कि हमारे पालन-पोषण के साथ-साथ हमें शिक्षित भी किया है । हमारी हर सफलता के पीछे माता-पिता का योगदान एवं आशीर्वाद रहता है । हर्ष का विषय है कि श्री योग वेदांत सेवा समिति मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में माता-पिता के प्रति श्रद्धा व सम्मान की भावना का संचार कर रही है । मातृ देवो भव: पितृ देवो भव:, आचार्य देवो भव:  के वैदिक सिद्धांत के अनुसार समिति ने पूरे विश्व में मातृ-पितृ पूजन का जो शंखनाद किया है इससे बच्चों का माता-पिता के प्रति आदर भाव बढ़ेगा और समाज में सुख शांति आयेगी ।

🚩राज्यपाल महोदय ने आगे कहा कि मैं मातृ-पितृ पूजन की इस अद्भुत पहल के लिए श्री #योग वेदांत सेवा समिति की सरहाना करता हूँ और #मातृ-पितृ पूजन अभियान की #सफलता की कामना करता हूँ ।

🚩आपको बता दें कि असम के मुख्यमंत्री श्री सर्वानंद सोनोवाल जी एवं गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी जी ने भी 14 फ़रवरी को मातृ-पितृ पूजन की भारी प्रशंसा की है और वैलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन मनाने की अपील की है । आपको बता दें कि इन सभी ने पिछले साल पत्र लिखकर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की थीं ।

🚩आपको जानकरी दे दें कि #झारखंड #सरकार ने भी राज्य के #50 हजार स्कूलों में 14 फरवरी को #मातृ-पितृ पूजन# मनाने की #घोषणा की है और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री रमन सिंह जी की सरकार तो 2012 से ही 14 फरवरी को समस्त स्कूलों-कॉलेजों में मातृ-पितृ पूजन मना रही थी, इस साल भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन मनाने के लिए शुभकामनाएं दी हैं ।
 
🚩उत्तर प्रदेश और झारखंड के अनेक मंत्रियों और देश-विदेश की सुप्रतिष्ठित एवं गणमान्य हस्तियों ने भी इस अद्भुत दिवस की भूरी-भूरी प्रशंसा की है ।

🚩गौरतलब है कि 14 फरवरी को युवक-युवतियों द्वारा वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा था जिसके कारण उन्हें अत्यधिक हानि हो रही थी इसलिए सन 2006 से #हिन्दू संत #आसाराम बापू ने 14 फरवरी को #मातृ-पितृ पूजन दिवस #मनाने की #घोषणा की, तबसे लेकर आजतक घरों, स्कूलों, कॉलेजों, गांवों, नगरों, शहरों आदि में विश्वव्यापी अभियान चलाये जा रहे हैं जिसके कारण विदेशी कम्पनियों को खरबों का नुकसान भी हुआ है लेकिन इसका सबसे अधिक फायदा हमारी युवा पीढ़ी को हुआ, युवक-युवतियों की जो हानि हो रही थी उससे वे बच गए और माता-पिता को सम्मान देना शुरू कर दिया, जिसके कारण घरों की खोई हुई खुशहाली भी लौट आयी ।

🚩समस्त #देशवासियों को 14 फरवरी के दिन वैलेंटाइन डे की जगह #मातृ-पितृ पूजन दिवस #मनाना #चाहिए ।

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Friday, February 8, 2019

जानिए वैलेंटाइन डे का इतिहास, कैसे हुई शुरुआत और क्यों मनाया जा रहा है ?

08 फरवरी  2019

🚩 भारत में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं कि वैलेंटाइन डे की शुरुआत कैसे हुई और यह क्यों मनाया जा रहा है । इससे हमें फायदा होगा या नुकसान, ये हमारी संस्कृति के अनुसार है कि नहीं इस पर तनिक भी विचार न कर टीवी-सिनेमा मीडिया में दिखाई जाने वाली चीजों से प्रभावित हो उनकी नकल करने लगे ।

आइये आज आपको वैलेंटाइन डे का सच्चा इतिहास बताते हैं....

🚩 रोम के राजा क्लाउडियस ब्रह्मचर्य की महिमा से परिचित थे, इसलिए उन्होंने अपने सैनिकों को शादी करने के लिए मना किया था, ताकि वे शारीरिक बल और मानसिक दक्षता से युद्ध में विजय प्राप्त कर सकें । सैनिकों को शादी करने के लिए ज़बरदस्ती मना किया गया था, इसलिए ईसाई धर्मगुरु वैलेंटाइन जो स्वयं ईसाई पादरी होने के कारण ब्रह्मचर्य के विरोधी नहीं हो सकते थे, इसलिए पादरी वैलेंटाइन ने गुप्त ढंग से सैनिकों की शादियाँ कराईं । राजा को जब यह बात पता चली तो उन्हें दोषी घोषित किया और पादरी वैलेंटाइन को 14 फरवरी के दिन फाँसी दे दी गयी । सन् 496 से पोप गैलेसियस ने उनकी याद में 14 फरवरी के दिन वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया । तब से लेकर अब तक यह प्रथा चली आ रही है ।

🚩 एक बड़ी बात यह भी है कि वैलेंटाइन डे मनाने वाले लोग पादरी वैलेंटाइन का ही अपमान करते हैं क्योंकि वे शादी के पहले ही अपने प्रेमास्पद को वैलेंटाइन कार्ड भेजकर उनसे प्रणय-संबंध स्थापित करने का प्रयास करते हैं । यदि संत वैलेंटाइन इससे सहमत होते तो वे शादियाँ कराते ही नहीं ।

🚩तो ये था वैलेंटाइन - डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार ।

🚩भारत में जब अंग्रेज आये तब वो लोग इस दिन को  मनाते थे तो भारत के कुछ लोग जो अंग्रेजों के चाटुकार थे, मूर्ख और लालची थे वे लोग भी इसे मनाने लगे ।

🚩भारत में अंग्रेज वैलेंटाइन डे इसलिए मना रहे थे ताकि #भारत के लोगों का #नैतिक पतन हो जिससे वो अंग्रेजो के सामने लड़ ही न पाएं और लंबे समय तक भारत को गुलाम बनाकर रख सके ।

🚩फिर अंग्रेज तो गये लेकिन #विदेशी कम्पनियों ने सोचा कि हम अगर भारत में वैलेंटाइन डे को बढ़ावा देते हैं तो हमें अरबों-खबरों रुपये का फायदा होगा तो उन्होंने #टीवी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, अखबार, नावेल, सोशल मीडिया, आदि में खूब-प्रचार प्रसार किया जिससे उन्होंने महंगे ग्रीटिंग कार्ड, गिफ्ट, फूल चॉकलेट आदि से कई करोड़ो रुपए कमाएं । इसके अलावा नशीले पदार्थ, ब्ल्यू फिल्म, गर्भ निरोधक साधन, पोनोग्राफी, उत्तेजक पोप म्यूजिक जैसी सेक्स उत्तेजक दवाइयां बनाने वाली विदेशी कम्पनियां अपने आर्थिक लाभ हेतु समाज को चरित्रभ्रष्ट करने के लिए करोड़ों अरबों रूपये खर्च कर रही है ।

🚩वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2016 में वैलेंटाइन डे से जुड़े सप्ताह के दौरान फूल, चॉकलेट, आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री का कारोबार करीब  22,000 करोड़ रूपये था । इस बार 50,000 करोड़ रूपये का कारोबार होने का अनुमान है । वस्तुत: वैलेंटाइन डे के विदेशी बाजारीकरण वासनापूर्ति को बढ़ावा देने वाला दिन है ।

🚩अब ये वैलेंटाइन डे हमारे कुछ स्कूलों तथा कॉलजों में भी मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के लड़के-लड़कियाँ बिना सोचे-समझे एक दूसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड, गिफ्ट फूल दे रहे हैं ।

🚩इन सब विदेशी गन्दगी को देखते हुए हिन्दू संत बापू आसारामजी ने 2006 में 14 फरवरी को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मनाना शुरू किया जिसका अभी व्यापक रूप से प्रचार हो रहा है । भारत में उनके करोड़ों अनुयायी, आम जनता, हिन्दू संगठन और छत्तीसगढ़ सरकार आदि गांव-गांव, नगर-नगर में इस दिन को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में मना रहे है । विदेशों में भी उनके अनुयायी इस दिन को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में मना रहे हैं ।

🚩हिन्दू संत बापू आसारामजी का कहना है कि 14 फरवरी को पश्चिमी देशों की नकल कर भारत के युवक युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड्स, फूल आदि देकर वैलेंटाइन डे मनाते हैं । इस विनाशकारी डे के नाम पर कामविकार का विकास हो रहा है, जो आगे चलकर चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, खोखलापन,जल्दी बुढ़ापा और जल्दी मौत लाने वाला साबित होगा ।

🚩हजारों-हजारों युवक-युवतियां तबाही के रास्ते जा रहे हैं । वैलेंटाइन डे के बहाने आई लव यू करते-करते लड़का-लड़की एक दूसरे को छुएंगे तो रज-वीर्य का नाश होगा । आने वाली संतति पर भी इसका बुरा असर पड़ता है और वर्तमान में वे बच्चे-बच्चियां भी तबाही के रास्ते हैं । लाखों-लाखों माता-पिताओं के हृदय की पीड़ा को देखते हुए तथा बच्चे-बच्चियों को इस विदेशी गंदगी से बचाकर भारतीय संस्कृति की सुगंध से सुसज्जित करना है । प्रेम दिवस जरूर मनायें लेकिन प्रेमदिवस में संयम और सच्चा विकास लाना चाहिए । युवक-युवती मिलेंगे तो विनाश-दिवस बनेगा ।

🚩इस दिन बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता का पूजन करें और उनके सिर पर पुष्ष रखें, प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें । संतान अपने माता-पिता के गले लगे । इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा ।

🚩तुम भारत के लाल और भारत की लालियाँ (बेटियाँ) हो । प्रेमदिवस मनाओ, अपने माता-पिता का सम्मान करो और माता-पिता बच्चों को स्नेह करें।  पाश्चात्य संस्कृति के लोग विनाश की ओर जा रहे हैं । वे लोग ऐसे दिवस मनाकर यौन सम्बन्धी रोगों का घर बन रहे हैं, अशांति की आग में तप रहे हैं । उनकी नकल भारत के बच्चे-बच्चियां न करें ।

🚩आपको बता दें कि #बापू #आसारामजी ने इस तरीके से करोड़ो लोगो को वैलेंटाइन डे आदि विदेशी प्रथाओं से, व्यसन आदि से बचाया है जिसके कारण विदेशी कंपनियों का अरबों-खबरों रुपये का घाटा हुआ है । तथा इस नुकसान से बचने के लिए ही उन्होंने बापू आसारामजी को साज़िशों के जाल में फंसा जेल भेज दिया ।

🚩हमारे शास्त्रों में माता-पिता को देवतुल्य माना गया है और इस संसार में अगर कोई हमें निःस्वार्थ और सच्चा प्रेम कर सकता है तो वो हमारे माता-पिता ही हो सकते हैं ।

🚩तो क्यों न हम मानवमात्र के परम हितकारी हिन्दू संत आसारामजी बापू प्रेरित #14 फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन मनाकर अपने माता-पिता के सच्चे प्रेम का सम्मान करें और यौवन-धन, स्वास्थ्य और बुद्धि की सुरक्षा करें ।

🚩आओ एक नयी दिशा की ओर कदम बढ़ाएं ।
आओ एक सच्ची दिशा की ओर कदम बढ़ाएं ।
14 फरवरी को वैलेंटाइन डे नहीं माता-पिता की पूजा करके उनका शुभ आशीष पाएं ।

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Thursday, February 7, 2019

वेटिकन के सर्वोच्च पॉप ने कहा 1670 पादरीयों ने 3,677 बलात्कार किये हैं

07 फरवरी  2019
www.azaadbharat.org

🚩ईसाई धर्म के धर्मगुरु ही उनके धर्मस्थल को अपवित्र बना रहे हैं, जिस स्थान पर ईश्वर की प्रार्थना होनी चाहिए वहीँ पर ईसाई पादरी बच्चों का और ननों का यौन शोषण कर रहे हैं, जबकि उनका कर्त्तव्य हैं कि खुद संयमी रहें और बच्चों और ननों को भी संयमी बनाकर ईश्वर के रास्ते लेकर जाएँ, लेकिन इससे ये विपरीत कर रहे हैं ।
🚩जबकि हिन्दू साधु-संत खुद संयमित रहते हैं, ईश्वर का भजन करते हैं और समाज को और उनके शिष्यों को भी संयमित करके ईश्वर के रास्ते पर ले जाने का दिव्य कार्य कर रहें हैं, लोगों में जागरूकता आ रही है और लोग विदेशी की जगह स्वादेशी अपना रहे हैं, जिससे विदेशी कंपनियों के प्रोडक्ट बिकना कम हो गये और धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं तो विदेशी कम्पनियों और मिशनरियों ने मिलकर पवित्र हिन्दू संतों को बिकाऊ मीडिया से मिलकर बदनाम करवाया और कुछ राजनेताओं से मिलकर झूठे केस में जेल भिजवाया पर पादरी इतने दुष्कर्म कर रहे हैं, लेकिन इन पर किसीका भी ध्यान नहीं जा रहा है ।


दुनियाभर में चर्चों में यौन उत्पीड़न के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं । केरल के एक चर्च के पादरी पर नन के लगाए रेप के सनसनीखेज आरोपों के बाद जर्मनी में एक कैथोलिक चर्च के अंदर यौन उत्पीड़न पर एक रिपोर्ट ने सबको हिलाकर रख दिया है । साल 1946 से 2014 के बीच इस चर्च से इस तरह के 3,677 मामलों का ब्यौरा दिया गया है । जर्मनी के दो मीडिया संस्थानों स्पीजेल ऑनलाइन और डाई जेत ने ने  यह दावा किया है कि आधे से अधिक पीड़ित 13 साल से या इससे भी कम उम्र के हैं और इनमें ज्यादातर लड़के हैं,  दोनों साप्ताहिक मीडिया संस्थानों ने बताया है कि हर छठा मामला बलात्कार का है और कम से कम 1670 ईसाई धर्मगुरू इसमें शमिल थे ।
🚩मध्य पूर्व का दौरा कर रहे पोप फ्रांसिस ने पादरियों की ओर से ननों का यौन उत्पीड़न किए जाने की बात मानी है । उनके मुताबिक इनमें से एक मामला ऐसा भी था, जहां ननों को सेक्स ग़ुलाम बनाकर रखा गया । पोप फ्रांसिस ने ये भी माना है कि उनके पूर्ववर्ती पोप बेनडिक्ट को ऐसी ननों की पूरी धर्मसभा को ही बंद करना पड़ा था, जिनका पादरी शोषण कर रहे थे । माना जा रहा है कि ये पहला मौका है जब पोप फ्रांसिस ने पादरियों की ओर से ननों के यौन शोषण की बात मानी है ।
🚩पोप फ्रांसिस ने कहा है कि चर्च इस समस्या के समाधान की कोशिश में जुटी है, लेकिन समस्या ‘अब भी बरकरार है ।’ पोप फ्रांसिस ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में ननों के यौन शोषण को लेकर बातें साझा कीं । पोप ने कहा कि इस समस्या को लेकर कई पादरियों को निलंबित भी किया गया है, लेकिन आगे भी प्रयास किए जाने जरूरी हैं । पोप ने माना कि पादरी और बिशप ननों का शोषण करते रहे हैं । पोप ने कहा कि चर्च इस बात से वाकिफ है और ‘इस पर काम कर रही है । ’पोप ने कहा, “हम इस रास्ते पर निरंतर आगे बढ़ रहे हैं ।”
उन्होंने कहा, “पोप बेनडिक्ट ने महिलाओं की एक सभा को भंग करने का साहस दिखाया क्योंकि पादरियों या संस्थापकों ने वहां महिलाओं को दास बना रखा था । यहां तक कि उन्हें सेक्स ग़ुलाम तक बना दिया गया था । ”पोप फ्रांसिस ने कहा कि ये समस्या लगातार बनी हुई है, लेकिन बड़े पैमाने पर ‘ऐसा खास धर्मसभाओं और खास क्षेत्रों में ही होता है । ’बीते साल नवंबर में कैथोलिक चर्च ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन फॉर नन्स ने ‘चुप रहने और गोपनीयता बरतने की परंपरा’ की निंदा की थी जो उन्हें अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से रोकती है ।
कुछ दिन पहले वेटिकन की महिलाओं की पत्रिका “वूमेन चर्च वर्ल्ड” ने शोषण की निंदा करते हुए कहा था कि कुछ मामलों में नन पादरियों के गर्भ में पल रहे बच्चों का गर्भपात कराने को मजबूर हुईं । जबकि कैथोलिकों के लिए गर्भपात कराने की मनाही है ।
इस पत्रिका के मुताबिक #MeToo मूवमेंट के बाद ज़्यादा महिलाएं अपनी कहानियां सामने ला रही हैं ।
पोप से पहले आरयलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने कहा कि चर्च, सरकार और पूरे समाज की नाकामी ने कई लोगों के लिए कड़वी और बिखरी हुई धरोहर छोड़ी हैं, दर्द और कष्ट की विरासत छोड़ी हैं । आयरलैंड के चर्च से जुड़े कई सारे स्कैंडलों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैग्दलीन लॉन्ड्रीज़, मातृ एवं शिशु गृह, औद्योगिक विद्यालय, गैरकानूनी रूप से गोद लेने और पादरियों द्वारा बच्चों के शोषण के दाग हमारे देश, हमारे समाज और कैथलिक चर्च पर लगे हैं ।" लोगों को अंधेरे कोनों में रखा गया, कमरों में बंद करके रखा गया, मदद की गुहारें अनसुनी रह गईं….. हे परमपिता, मैं तुमसे गुहार लगाता हूं कि पीड़ितों और इन मुश्किलों से जूझकर बचे लोगों की सुनो । ”वराडकर ने कहा कि बच्चों का शोषण करने वाले और इसे संरक्षण देने वालों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस अपनाना होगा और इन शब्दों को ज़मीन पर उतारना होगा । उन्होंने अमरीकी राज्य पेन्सिलवेनिया में हुई एक जांच का हवाला दिया जिसमें 300 पादरियों द्वारा 1000 नाबालिगों के शोषण की बात सामने आई थी ।
पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वो पादरियों और चर्च के अन्य पदाधिकारियों द्वारा यौन शोषण के “घिनौने अपराधों” से निपटने में कैथलिक चर्च की नाकामी के कारण शर्मिंदा हैं ।
इससे पहले आयरलैंड के प्रधानमंत्री ने पोप को कड़ी चेतावनी दी थी कि बाल शोषण और इसे छिपाए रखने के लिए दोषी पारदियों के खिलाफ कार्यवाही करें ।
पोप ने पादरियों द्वारा यौन शोषण के पीड़ितों के साथ नब्बे मिनट बिताए:
39 सालों में पहली बार आयरलैंड में पोप का आगमन हुआ है और वह भी संयोग से ‘वर्ल्ड मीटिंग ऑफ़ फैमिलीज़’ के दौरान । यह एक ऐसा कार्यक्रम होता है जिसमें पूरी दुनिया के कैथलिक हर तीन साल में एकत्रित होते हैं ।
मूल रूप से अर्जेंटीना के पोप ने अपने भाषण की शुरुआत में वह चिट्ठी पढ़ी जो उन्होंने इस हफ़्ते दुनिया के 120 करोड़ रोमन कैथलिकों को भेजी है । इस चिट्ठी में उन्होंने बाल शोषण और पादरियों द्वारा इसे छिपाए जाने के ‘महापाप’ की निंदा की है ।
ईसाई पादरी बच्चों और ननों का यौन शोषण करते हैं पर इसपर किसी भी बुध्दिजीवी, सेकुलर, वामपंथी, मीडिया नजर नहीं जा रही है । इनकी नजर बस पवित्र हिंदू साधु-संतों की तरफ ही होती है, किसी संत पर झूठा आरोप भी लग जाये तो दुनियाभर में हल्ला करते हैं, बढ़ा-चढ़ा कर ख़बरें दिखाते हैं, पर हजारों पादरी यौन शोषण कर रहे हैं, उनके खिलाफ चुप हैं । इससे सिद्ध होता है कि इनमें मानवीय संवेदना नहीं है बस टीआरपी और पैसे की भूख है, हिंदुस्तानी ऐसी मीडिया और बलात्कारी पादरियों से सावधान रहें ।
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Wednesday, February 6, 2019

रिपोर्ट : वैलेंटाइन डे मनाने से होगी भयंकर बर्बादी, बचने के लिए ये उपाय करें

06 फरवरी  2019

🚩भारत देश की संस्कृति में वैलेंटाइन डे मनाने का विधान नहीं है, लेकिन आज के कुछ नासमझ युवक-युवतियां वैलेंटाइन डे मनाने से भविष्य में होने वाले भयावह परिणाम से अंजान हैं इसलिए इस बर्बादी करने वाले पर्व को मनाने लालायित रहते हैं ।

🚩आपको बता दें कि भारत में अपने व्यापार का स्तर बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां वैलेंटाइन डे की गंदगी यहाँ लेकर आई हैं और वे ही कम्पनियां मीडिया को पैसे देकर वैलेंटाइन डे का खूब जोरों-शोरों से प्रचार-प्रसार करवाती हैं जिसके कारण उनका व्यापार लाखों- करोड़ों और अरबों में नहीं वरन खरबों में हो जाता है । इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया भी जनवरी से ही वैलेंटाइन डे यानि पश्चिमी संस्कृति का प्रचार करने लगते हैं जिसके कारण विदेशी कम्पनियों के गिफ्ट, कंडोम, गर्भनिरोधक सामग्री, नशीले पदार्थ आदि 10 गुना बिकते हैं तथा उन्हें खरबों रुपये का फायदा होता है ।
🚩भारत में इसके भयंकर परिणाम देखे बिना ही वैलेंटाइन डे मनाना शुरू कर दिया गया जबकि कई रिकार्ड्स के आधार पर देखा जाए तो विदेशों में वैलेंटाइन डे मनाने के भयावह परिणाम सामने आए हैं । 

🚩आँकड़े बताते हैं कि आज पाश्चात्य देशों में वैलेंटाइन डे जैसे त्यौहार मनाने के कारण कितनी दुर्गति हुई है । इस दुर्गति के परिणामस्वरूप वहाँ के निवासियों के व्यक्तिगत जीवन में रोग इतने बढ़ गये हैं कि भारत से 10 गुनी ज्यादा दवाइयाँ अमेरिका में खर्च होती हैं जबकि भारत की आबादी अमेरिका से तीन गुनी ज्यादा है ।
मानसिक रोग इतने बढ़े हैं कि हर दस अमेरिकन में से एक को मानसिक रोग होता है | दुर्वासनाएँ इतनी बढ़ी हैं कि हर छः सेकण्ड में एक बलात्कार होता है और हर वर्ष लगभग 20 लाख कन्याएँ विवाह के पूर्व ही गर्भवती हो जाती हैं | मुक्त साहचर्य (free sex)  का हिमायती होने के कारण शादी के पहले वहाँ का प्रायः हर व्यक्ति जातीय संबंध बनाने लगता है । इसी वजह से लगभग 65% शादियाँ तलाक में बदल जाती हैं । हर 10 सेकण्ड में एक सेंधमारी होती है, 1999 से 2006 तक आत्महत्या का वार्षिक दर प्रति वर्ष लगभग एक प्रतिशत था लेकिन 2006 से 2014 के बीच में आत्महत्या दर प्रतिवर्ष दो प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है । आत्महत्या की दर में 24 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई है ।

🚩पाश्चात्य संस्कृति के इन आंकड़ों को देखकर भी अगर आप वैलेंटाइन डे मनाने को आकर्षित होते हैं तो निःसंदेह आप अपना जीवन स्वयं बर्बादी के रास्ते ले जा रहे हैं । पाश्चात्य संस्कृति का अगर अन्धानुकरण किया तो यकीनन आपको मानसिक, शारीरिक रोग घेर लेंगे फिर आप डॉक्टरों के पास चक्कर लगाते रहेंगे और अस्पताल आपका एक अतिरिक्त निवासस्थान बन जाएगा जिसके कारण आपको आर्थिक परेशानी भी उठाने की नौबत आ सकती है और नतीजन इतनी सारी परेशानियों का बोझ उठाते-उठाते थक जाएँ और फिर आत्महत्या तक कर सकते हैं ।

🚩भारत के युवक-युवतियां अगर पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर हुए तो परिणाम भयंकर आने वाला है ।
अब युवक-युवतियों का यह कहना होगा कि “क्या हम प्यार न करें, तो उनको एक सलाह है कि दुनिया में आपको सबसे पहले प्यार किया था आपके माँ-बाप ने । आप दुनिया में आने वाले थे, तबसे लेकर आज तक आपको वो प्यार करते रहे लेकिन उनका प्यार तो आप भूल गये उनको ठुकरा दिया । जब आप बोलना भी नहीं जानते थे तब उन्होंने आपका भरण पोषण किया । आपको ऊंचे से ऊँचे स्थान पर पहुँचाने के लिए खुद भूखे रहकर भी आपको उच्च शिक्षा दिलाई । उनका केवल एक ही सपना रहा कि मेरा बेटा या बेटी सबसे अधिक तेजस्वी, ओजस्वी और महान बने । ऐसा अनमोल उनका प्यार आप भुलाकर किसी लड़के-लड़की के चक्कर में आकर अपने माँ-बाप को कितना दुःख दे रहे हैं, उसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते इसलिए आप यदि स्वयं को बर्बादी से बचाना चाहते हैं, माँ-बाप के प्यार का बदला चुकाना चाहते हैं, तो आपको एक ही सलाह है कि आप मीडिया, टीवी, अखबार पढ़कर वैलेंटाइन डे नहीं मनाकर उस दिन अपने माता-पिता का पूजन करें ।

🚩शास्त्रों ने गाई है माता-पिता की महिमा...

🚩शिव-पुराण में आता हैः

पित्रोश्च पूजनं कृत्वा प्रक्रान्तिं च करोति यः।
तस्य वै पृथिवीजन्यफलं भवति निश्चितम्।।

अपहाय गृहे यो वै पितरौ तीर्थमाव्रजेत।
तस्य पापं तथा प्रोक्तं हनने च तयोर्यथा।।

पुत्रस्य य महत्तीर्थं पित्रोश्चरणपंकजम्।
अन्यतीर्थं तु दूरे वै गत्वा सम्प्राप्यते पुनः।।

इदं संनिहितं तीर्थं सुलभं धर्मसाधनम्।
पुत्रस्य च स्त्रियाश्चैव तीर्थं गेहे सुशोभनम्।।

🚩जो पुत्र माता-पिता की पूजा करके उनकी प्रदक्षिणा करता है, उसे पृथ्वी-परिक्रमाजनित फल सुलभ हो जाता है । जो माता-पिता को घर पर छोड़ कर तीर्थयात्रा के लिए जाता है, वह माता-पिता की हत्या से मिलने वाले पाप का भागी होता है क्योंकि पुत्र के लिए माता-पिता के चरण-सरोज ही महान तीर्थ हैं । अन्य तीर्थ तो दूर जाने पर प्राप्त होते हैं परंतु धर्म का साधनभूत यह तीर्थ तो पास में ही सुलभ है । पुत्र के लिए (माता-पिता) और स्त्री के लिए (पति) सुंदर तीर्थ घर में ही विद्यमान हैं।
(शिव पुराण, रूद्र सं.. कु खं.. - 20)

माता गुरुतरा भूमेः खात् पितोच्चतरस्तथा।

🚩'माता का गौरव पृथ्वी से भी अधिक है और पिता आकाश से भी ऊँचे (श्रेष्ठ) हैं ।'
(महाभारत, वनपर्वणि, आरण्येव पर्वः 313.60)

🚩अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।।

🚩'जो माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करता है और उनकी सेवा करता है, उसकी आयु, विद्या, यश और बल चारों बढ़ते हैं ।' (मनुस्मृतिः 2.121)

🚩जो अपने माता-पिता का नहीं हुआ, वह अन्य किसका होगा ! जिनके कष्टों और अश्रुओं की शक्ति से अस्तित्व प्राप्त किया, उन्हीं के प्रति अनास्था रखने वाला व्यक्ति पत्नी, पुत्र, भाई और समाज के प्रति क्या आस्था रखेगा ! ऐसे पाखण्डी से दूर रहना ही श्रेयस्कर है। - बोधायन ऋषि

🚩अतः हे देश के कर्णधार #युवक-युवतियों आप भी #वैलेंटाइन डे का #त्याग #करके उस दिन #मातृ-पितृ पूजन मनाकर स्वयं को उन्नत बनाएं ।

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Tuesday, February 5, 2019

जानिए कुंभ मेले में आम जनता का क्या कहना है आसाराम बापू के बारे में

05 फरवरी  2019

*🚩प्रयागराज कुंभ मेले में करोड़ो की तादाद में भक्त लोग जा रहे हैं, स्नान करके अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं, लेकिन कुम्भ स्नान के अलावा एक और खास चर्चा का विषय रहा, वो था हिंदू संत आसाराम बापू का, क्योंकि एक तरफ तो उन्होंने देश, धर्म और संस्कृति की सेवा में अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया लेकिन दूसरी तरह उन्हें एक तथाकथित झूठे आरोप के आधार पर उम्रकैद हुई तो ऐसे में अब उनके बारे में जनता क्या सोचती है यह जानना बहुत जरूरी है ।*
*🚩कुम्भ मेले में गुजरात से आई प्रज्ञा ने बताया कि मुझे संत आसाराम जी बापू के बारे में जानने को मिला, हालांकि मैं इनके बारे में पहले से भी जानती थी, मैं इनके आश्रम भी गई हूँ हरिद्वार में । काफी कुछ देखने को, सीखने को और हर जगह जो बोर्ड लगे हुए थे उससे ये चीज जानने को मिली कि हम जैसे कि खाना खाते हैं तो किस तरीके से हमें कितनी देर बाद पानी पीना चाहिए, इन सब चीजों का जो नियम होता है, जीवन से सम्बंधित उन सारी चीजों के बारे में जानने को मिला ।*

*🚩प्रज्ञा ने आगे कहा कि आश्रम में आयुर्वेदिक दवाईयां भी काफी सस्ती थी, एक दो मैंने अमृतद्रव्य लिया था जो मुझे अच्छा सूट किया, अभी सब दुनिया कहती है कि भई! पतंजलि बाबा रामदेव से योग सीखते हैं लेकिन मैंने फर्स्ट टाइम जो योग सीखा है, वह संत श्री आशारामजी आश्रम द्वारा योगासन साहित्य से सीखा, उस समय न मेरे पास वीडियोज थे, न उस टाइम मोबाइल था, न लैपटॉप था, न मेरे पास कोई ऐसे सी.डी. कैसेट्स थे जिस वजह से मैं सीख पाऊं । उस साहित्य में हर चीज को इतनी बारीकी से लिखा हुआ था कि मैं बहुत सारे आसन सीख गई और भी काफी कुछ सीखने को मिला, बहुत अच्छा लगा ।*

*🚩प्रज्ञा ने आगे बताया कि जब मुझे ये फर्स्ट टाइम पता चला कि इनके ऊपर आरोप लगा है, सुनकर बहुत बुरा लगा, मैं उसे बोल भी नहीं सकती । फिलहाल जो सच्चाई मैं वहाँ देखकर आई हूँ, कहीं न कहीं,  मेरा दिल ये मानने को तैयार नहीं था कि ये इस तरह का काम कर सकते हैं, जिनकी काफी उम्र सत्कर्म में गुजर चुकी है । मुझे लगा कि ये केवल आरोप ही हैं । 
मेरी सभी से बस यही गुजारिश है कि कम से कम जो मीडिया परोस रही है, हम लोगों को जो मीडिया दिखाना चाह रही है उसके पीछे ना भागे, सच्चाई को जाने । ये सारी राजनेताओं की और षड्यंत्रकारियों की एक चाल है ।*

*🚩उन्होंने आगे कहा कि मीडिया हमें वो दिखाना चाह रही है जो हमको नही जानना चाहिए, मीडिया हम लोगों की जो पुरानी परम्पराएं, जो ऋषि महात्माओं, संतों के द्वारा चली आ रही हैं, जो हम आम आदमी आम जीवन में नही कर सकते, जैसे साधु-संत  बिना कपड़ों के सर्दियों में भी रह लेते हैं उनका तप ही है । आम आदमी के बस की बात नही है कि सर्दियों में भी बिना ऊनी कपड़े पहने रह सकें, तो कहीं न कहीं इनसब चीजो को देखो, साधु-संतों में तप बल है, उनके अंदर प्राणशक्ति है तभी वो रह रहे हैं। लेकिन मीडिया इन सब चीजों को नहीं दिखाती है ।*

*🚩बलात्कारी पुरुषों के अंदर ये चीजें नही हो सकती क्योंकि उनका मन तामसिक होता है, भोजन तामसिक होता है हर तरीके से इन सब चीजों से घिरे होते हैं इसलिए वो ज्यादा इन सब चीजों पर कंट्रोल नही कर पाते हैं, इसलिए वो कहीं न कहीं जाकर औरतों का अपनी इस गन्दी मानसिकता का शिकार बना देते हैं जिसमें कि बलात्कार कर दिया जाता है, और वो बच्चों को भी नही देखते, किसी को भी अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं । 

मैं देशवासियों को यही कह सकती हूँ कि अगर आपकी खुली सोच है, विचार कर सकते हैं तो ये देखिये जिनके अंदर प्राणशक्ति होती है, वही दुनिया में सबसे अलग होते हैं न कि तामसिक पुरुष। जिनकी तामसिक मानसिकताएं होती हैं वो ही ऐसी हरकतें कर सकते हैं । मेरा सभी से यही कहना है कि प्लीज आपलोग सच्चाई को देखे, सच्चाई को जाने, लोगों के कहने पर ना जाएं ।* 

*🚩मैंगजीन :
‘‘जागो भारतवासियों! जानो हकीकत...’’ 
जो है इसमें बापू आसारामजी के बारे में सारी चीजें, सारी सच्चाई दी हुई है, सभी देशवासी इसको प्लीज पढें और आजकल जो मीडिया द्वारा परोसा जा रहा है उसके चक्कर में ना रहें । कृपया इन सब चीजों को देखें, मैंने भी देखा।  मुझे यह मैंगजीन बहुत अछि लगी । 

मैंने जब इन सब चीजों को पढ़ा तो मेरा दिल किया कि मैं इसपे कुछ बोलूं, इसलिए मैं आप लोगों के सामने ये सब बातें रख रही हूं कि इसमें बहुत ही अच्छी चीज है, इसे कम से कम एकबार जरूर पढ़ें । जो हमारे सामने हमारी ही चीजों की बेइज्जती की जा रही है, हमारे ही समाज की बेइज्जती की जा रही है, हमारे ऋषि-मुनियों की बेइज्जती की जा रही है, उनकी बेइज्जती ना हो, कम से कम हम अवेयर हों, ताकि अपनी आने वाली जेनरेशन को अवेयर कर सकें, अपने बच्चों को अवेयर कर सकें और उनके सामने मुंह दिखाने लायक बन सके कि हाँ, हमारे दिनों में ये हुआ करते थे न कि वो कहें कि अरे बाबा सैंटा क्लाजी हमारे सब कुछ थे।*

*🚩सोनभद्र उत्तरप्रदेश से आए प्रवेश ने बताया कि संत आसारामजी बापू पर पूर्ण रूप से षड्यंत्र तो है ही इसमें कहीं से कोई संदेह नहीं है । एक व्यक्ति सर्वस्व छोड़ने के बाद तप व धर्म के मार्ग पर अग्रसर होता है और उसके लाखों करोड़ों लोग अनुयायी होते हैं। आखिर एक साधारण व्यक्ति के अनुयायी क्यों नही होतें ? 
24 घण्टे का समय हर व्यक्ति को मिलता है, उसकी क्रियाकलाप के लिए भी समय मिलता है, लेकिन उसी में कोई व्यक्ति होता है कि उसे देखने वालों की भीड़ लगी होती है, एक व्यक्ति वह भी होता है जिसे किसी को देखने की कोई आवश्यकता नही। तो मैं अपने आप को बहुत ही गौरान्वित और सौभाग्यशाली समझता हूँ  कि मुझे
‘जागो भारतवासियों! जानो हकीकत...’’ पुस्तक प्राप्त हुआ।*


*🚩एक अन्य नवयुवक ने बताया कि हमारी सोच यही होनी चाहिए कि जो साधु संत हैं वे गलत नही हो सकते हैं, जिस प्रकार से मैंने संत आसाराम बापू के बारे में देखा, मुझे सुनकर बहुत बुरी खबर लगी, "जागो भारतवासियों ! जानो हकीकत..." पुस्तक में बापू आसारामजी के बारे में सच्चाई को बताया गया है। इस पुस्तक को हम सभी को पढ़ना चाहिए, जो चीजें मीडिया द्वारा नही दिखाई जाती हैं, जो प्रॉस्टिट्यूट मीडिया है जो सिर्फ पैसा लेकर दिखाती है, लोगों को बदनाम करने के लिए नए नए जो एडिटिंग करके विजीवल इफ़ेक्ट में एनिमेटेड करके वीडियोज को दिखाया जाता है, लेकिन हमको लगता है कि ऐसी चीजों की सच्चाई को भी कहीं न कहीं मीडिया के अंदर में तथा और लोगों के बीच में आना चाहिए, आम जनमानस के बीच में आना चाहिए, जिससे कि वो जान सके कि हमारी संस्कृति सैंटा क्लॉज की संस्कृति नही अपितु हमारी संस्कृति साधु संतों की संस्कृति है। हम जो टोपी पहनकर लाल रंग की और केक काटे और हम मोमबती फूंके और कहें कि हैप्पी बर्थडे मना रहे हैं तो ये गलत है, हमारी संस्कृति जो है भारतीय संस्कृति के अनुसार होनी चाहिए और भारतीयता के अनुसार होनी चाहिए ।*

*🚩साधु संतों ने बताया कि संत आसाराम बापू अवतारी पुरुष हैं, उनको षड्यंत के तहत फंसाया गया है ।*

*🚩इस तरह से जब हजारों भक्तों और साधु-संतों की राय ली गई, तो सभी का यही कहना था कि संत आसाराम बापू पूर्णरूपेण निर्दोष संत हैं, उनको षड्यंत के तहत फँसाया गया है और कुछ बिकाऊ मीडिया द्वारा बदनाम किया जा रहा है लेकिन अब हर हिंदुस्तानी का कर्तव्य बनता है कि देश में हो रहे षड्यंत्र का खुलासा करने के लिए सभी तक "जागो भारतवासियों ! जानो हकीकत..." पुस्तक पहुंचानी चाहिए ।*

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