Tuesday, September 3, 2019

क्या न्यायपालिका मीडिया और विधानपालिका के दबाव में चल रही है?

🚩क्या न्यायपालिका मीडिया और विधानपालिका के दबाव में चल रही है?
3 सितंबर 2019
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🚩भारत देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है मतलब भारत की जनता अपनी सरकार स्वयं मतदान द्वारा चुनती है।
🚩लोकतंत्र के कुल चार स्तम्भ माने गए हैं। ये स्तम्भ हैं 👇
1. न्यायपालिका
2. कार्यपालिका
3. विधानपालिका
4. मीडिया
🚩न्यायपालिका को लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तम्भ माना गया है। भारतीय संविधान ने ही विधानपालिका और कार्यपालिका की चुनाव प्रक्रिया, कार्यकाल, शक्तियों और कार्यक्षेत्र को परिभाषित किया है।

🚩पर ऐसा लगता है कि भारत देश में मात्र कहने को ही न्यायपालिका लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तम्भ है। विधानपालिका ने सदा न्यायपालिका को प्रभावित किया है।
🚩सबसे बड़ा उदाहरण है राजनेताओं पर चल रहे केस जो सालों साल चलते रहते हैं। राजेनताओं को बेल पर बेल, अग्रिम बेल भी बड़ी आसानी से मिल जाती है। जैसे राहुल गांधी सोनिया गांधी, रॉबट वाड्रा, पी चिदंबरम आदि को अनगिनत बार बेल मिल चुकी है। चारा घोटाले वाले केस में लालू जी को भी कई बार जमानत मिली थी। फिर बाद में या तो ये आरोपी ही सिद्ध नहीं होते और अगर होते हैं तो सजा कम से कम मिलती हैं। फिर बाद में इनको पैरोल या जमानत बड़ी ही आसानी से मिल जाती हैं।
🚩दूसरी ओर हिन्दू संतों को झूठे केसों में भी बेल नहीं मिलती। सालों साल केस चलते हैं, एक दिन की भी बेल नहीं मिलती। कुछ संत तो निचली अदालत में दोषी करार हुए पर बाद में ऊपरी अदालत से बाइज्जत बरी हुए। इन संतों को ना ही एक दिन की बेल मिली और ना ही एक दिन की पैरोल? साध्वी प्रज्ञा जी, स्वामी असीमानन्द जी, स्वामी जयेंद्र सरस्वती जी आदि कई नाम है इस सूची में। क्या बेल या पैरोल का प्रावधान बस राजनेताओं के लिए ही है?
🚩पहलू खान की मोबलीचिंग में मौत हुई। 6 आरोपियों पर अलवर कोर्ट में केस चला। कोर्ट ने सबको बाइज्जत बरी कर दिया। इस पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि "पहलू खान मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंका देने वाला है। हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है।"
🚩फिर प्रियंका गांधी वाड्रा का एक ट्वीट और आता है - "राजस्थान सरकार द्वारा भीड़ द्वारा हत्या के खिलाफ कानून बनाने की पहल सराहनीय है। आशा है कि पहलू खान मामले में न्याय दिलाकर इसका अच्छा उदाहरण पेश किया जाएगा।"
🚩कानून व्यवस्था का ऐसे खुलेआम मजाक क्यों उड़ाते हैं राजनेता? किसने इनको अधिकार दिया कि कानून व्यवस्था पर गलत टिप्पणी करे? क्या ये उचित है कि कोई ऐसे न्यायालय के फैसले पर उंगली उठाए? ऐसे बयान देने वाले नेताओं पर कार्यवाही क्यों नहीं होती?
🚩अभी हाल में भ्रष्टाचार के केस में पी चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, कपिल सिब्बल और दूसरे कई नेता उसके बचाव में कूद पड़े। एक भ्र्ष्टाचार में संलिप्त राजनेता को समर्थन क्यों? और फिर कानून व्यवस्था के तहत हो रही कार्यवाही पर प्रश्न क्यों, उसमें खलल डालने की कोशिश क्यों? क्या ये नेता कानून व्यवस्था से भी बड़े हो गए हैं?
🚩जब कानून व्यवस्था ने मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे के मामले में आज़म खान पर कार्यवाही की तो वो बोला कि हमारे पूर्वजों ने गलती कि जो बटवारे के समय पाकिस्तान नहीं गए। देखिए किस स्तर तक गिर चुके हैं राजनेता। पहले अपराध करते हैं, फिर उसे धर्म से जोड़कर धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश करते हैं। अकबरुद्दीन ओवैसी कहता है कि 15 मिनट पुलिस हटा लो, सभी हिन्दुओं को काट देंगे। ऐसे नेता पहले ही कानून तोड़ चुके हैं फिर कानून व्यवस्था को चोट पहुँचाने वाली बयानबाजी करते हैं। ऐसे राजनेताओं पर क्यों कानून व्यवस्था उचित कार्यवाही नहीं कर पा रही?
🚩ये तो बस कुछ उदाहरण ही दिए हैं और ये कोई नई चीज नहीं, ये वर्षों से होता आ रहा है। कब तक विधानपालिका न्यायपालिका को तुच्छ सिद्ध करती रहेगी?
🚩अब आइए मीडिया पर। मर्यादा की सीमा लांघना मीडिया के लिए आम बात हो गई है। ये खुद ही जज बन जाती है, बिना न्यायालय का फैसला आए किसी को भी अपराधी ठहरा देती है। निर्दोष लोगों की भी झूठी खबर बनाकर इतना बदनाम कर देती है कि उस बदनामी की भरपाई नहीं हो पाती। वे न्यायालय से तो निर्दोष छूटकर बाहर आ जाते हैं पर मीडिया द्वारा ब्रेनवाश किए हुए समाज उनको हमेशा गलत नजर से देखता है।
🚩किसी निर्दोष को दोषी दिखाते हुए जब ज्यादा खबर चलती है तो समाज में नकारात्मक माहौल तैयार हो जाता है और जज भी दबाव में आ जाते हैं और निर्दोष को भी दोषी करार देना पड़ता है।
🚩ऐसे निर्दोष कई साल जेलों में प्रताड़ित होते हैं, कुछ भाग्यशाली ऊपरी अदालतों से छूट जाते हैं पर जो कीमती समय नष्ठ हुआ, उसका क्या, क्या मीडिया वो समय लौटा पाएगी? जो मानसिक प्रताड़ना हुई, उसकी भरपाई मीडिया कैसे करेगी?
🚩मीडिया धार्मिक तुष्टिकरण का कुकृत्य भी कर रही है और इसके लिए कानून को मोहरा भी बना रही है। किसी पादरी या मौलवी के कुकृत्यों की खबर मीडिया कभी नहीं दिखाती और हिन्दू संतों के विषय में गलत खबर बार बार दिखाती रहती है। 13 बार बलात्कार का आरोपी पादरी फ्रांको मुल्लकल को 21 दिन में बेल मिल गई थी और मीडिया ने कोई प्रतिरोध नहीं किया। 2-3 दिन बाद मुख्य गवाह संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया पर मीडिया में कोई खबर नहीं। राजनेताओं और फिल्मी हस्तियों को पैरोल पर पैरोल मिलती है पर मीडिया द्वारा कोई प्रतिरोध नहीं।
🚩पर जब हिन्दू संतों की बात आती है और उनको अगर फ़र्ज़ी केस में ही बेल मिल रही होती हैं तो मीडिया ऐसे विलाप करने लगती हैं जैसे उन संत को बेल मिलने से प्रलय आ जाएगी। इससे जज दबाव में आ जाता है और वो बेल को ठुकरा देता है। हिन्दू संतों के विषय में तो गवाहों के मरने की, गवाहों पर हमला होने की फ़र्ज़ी खबर पहले ही चला दी जाती है ताकि जज संत को बेल ही ना दे। और फ़र्ज़ी केस में दोषी करार दिए जाने के बाद जब कोई संत पैरोल मांगता है तो मीडिया पहले ही विलाप शुरू कर देती है और इससे संतों को पैरोल भी नहीं मिल पाती। एक भी संत का नाम बता दो जो आज तक बेल या पैरोल पर एक दिन भी बाहर आया हो।
🚩ये तो बस कुछ उदाहरण ही दिए हैं। देख लीजिए किस प्रकार मीडिया लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तम्भ न्यायपालिका को प्रभावित करने के लिए अपनी मर्यादा का उल्लंघन कर रही है।
🚩कब तक न्यायपालिका की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करेंगी विधानपालिका और मीडिया। देश का संविधान कहता है कि न्यायपालिका लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तम्भ है और इस स्तम्भ को वास्विकता में सबसे मजबूत स्तम्भ बनाने के लिए अब देश की जनता को ही आवाज़ उठानी पड़ेगी तभी देश की स्तिथि सुधर पाएगी।
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Monday, September 2, 2019

पाक: सिख के बाद हिंदू युवती का अपहरण, 40,000 से 8000 सिख हो गए

02 सितंबर 2019
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🚩मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि बीते 50 सालों में पाकिस्तान में बसे 90 प्रतिशत हिंदू देश छोड़ चुके हैं । धीरे-धीरे उनके पूजा स्थल और मंदिर नष्ट किए जा रहे हैं । 95 प्रतिशत हिंदू मंदिर नष्ट कर दिए गए हैं । पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों को नष्ट कर उनके स्थान पर कारोबारी और अन्य तरह की गतिविधियां बढ़ाई जा रही हैं और हिंदुओं पर हमले भी हो रहे हैं । हिंदुओं की संपत्ति पर जबरन कब्जे के कई मामले सामने आ रहे हैं । हिंदुओं की नाबालिग लड़कियों को जबरदस्ती उठाकर शादी कर लेते हैं और उनका धर्म परिवर्तन करवा देते हैं ।
🚩अभी ऐसे ही मामले सामने आ रहे है।

🚩पाकिस्तान के लाहौर के ननकाना साहिब क्षेत्र से एक सिख लड़की का बंदूक की नोक पर धर्म परिवर्तन और जबरन शादी कराने का मामला सामने आने के बाद अब  सिंध में एक हिन्दू लड़की के अपहरण की खबर है। अगवा की गई लड़की का नाम रेणुका (रेनो) बताया जा रहा है। बताया जाता है कि रेनो का अपहरण उस वक्त किया गया जब वह कॉलेज में पढ़ने जा रही थी। रेनो ग्रेजुएशन कर रही है। 29 अगस्त को रेना घर से कॉलेज के लिए निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी।
🚩सिंध से पिछले दो महीनों में हिन्दू लड़कियों के अपहरण की यह तीसरी घटना है।
ऑल पाकिस्तान हिन्दू पंचायत की ओर से रेनो की डाली गई पोस्ट के जवाब में एक पाकिस्तानी हिन्दू महिला ने टिप्पणी की है कि अगवा रेनो इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के एक सदस्य मिर्जा दिलावर बेग के कब्जे में है।
🚩15 साल में 40 हजार से 8 हजार हो गए-
सिख लड़की को घर से उठाकर आतंकी से निकाह कराने की घटना ने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर होनेवाले अत्याचार को फिर से बेनकाब कर दिया है ! जिस पाकिस्तान में गुरु नानक देव का जन्मस्थान ननकाना साहिब है वहाँ सिखों के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है !
🚩15 साल में उनकी आबादी घटकर 40 हजार से 8 हजार पर सिमट गई है ! सिखों का अस्तित्व खत्म करने के लिए कितनी बड़ी साजिश चल रही है इसे गुरुवार (29 अगस्त) को सामने आई घटना से भी समझा जा सकता है !
🚩ननकाना साहिब गुरुद्वारा तंबी साहिब के एक ग्रंथि  (सिख पुजारी) की 19 साल की बेटी को घर से गुंडे घसीट कर ले गए। जबरन इस्लाम कबूल करवाया और फिर हाफिज सईद के आतंकी संगठन के जमात-उद-दावा के मोहम्मद हसन से उसका निकाह करवा दिया गया !
🚩पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने का सिलसिला दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है ! खबर के अनुसार, पाकिस्तान में 2017 में हुई जनगणना में सिखों की आबादी 8 हजार है ! 2002 में पाक में सिखों की आबादी 40 हज़ार होने का अनुमान लगाया गया था !
🚩लाहौर के जीसी कॉलेज यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक और अल्पसंख्यक अधिकार कार्यकर्ता प्रोफेसर कल्याण सिंह के अनुसार सिखों की आबादी घटने का एक बड़ा कारण जबरन धर्म परिवर्तन भी है ! विश्व के समृद्ध सिख समुदाय की ओर से पाकिस्तान के सिखों की दशा की अनदेखी को भी वे इसके लिए ज़िम्मेदार मानते हैं !
🚩उन्होंने कहा कि, अफगानिस्तान और ईरान में भी सिखों की ऐसी ही हालत है ! पाकिस्तान में सिखों या अल्पसंख्यकों के लिए अपना कोई फैमिली लॉ जैसा मज़बूत कानून नहीं है। पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कोई ख़ास कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है !
🚩पाकिस्तान की प्रशासनिक व्यवस्था का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, जाँचकर्ता से लेकर वकील और जज तक, अधिकतर बहुसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिम हैं। इसलिए सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों का कानूनी तौर पर कोई समधान मौजूद ही नहीं होता ! शेष बचे आठ हज़ार सिखों की सबसे बडी परेशानियों में शिक्षा, ग़रीबी और भेदभाव जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं !
स्त्रोत : ऑप इंडिया
🚩पिछले तीन महीने में केवल सिंध इलाके में 31 लड़कियों का अपहरण हुआ है। पुलिस तो मामला दर्ज नहीं करती और यह कहकर निरस्त कर देती है कि लड़की ने अपनी मर्जी से मजहब कबूल कर निकाह कर लिया।
🚩एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल करीब 1000 हिंदू और ईसाई लड़कियों (ज्यादातर नाबालिग) को मुसलमान बनाकर शादी करा दी जाती है ।
🚩बता दें कि कुछ समय पहले थारपाकर इलाके में 37 भील परिवारों का एक साथ धर्म परिवर्तन करवाया गया। यहां एक मौलवी ने इन गरीब परिवारों के लिए शर्त रख दी कि उनको यहां रहना है तो धर्म बदलना होगा। स्त्राेत : पत्रिका
🚩वर्ल्ड सिंध कांग्रेस की अध्यक्ष डॉ. रूबिना शेख ने कहना है कि हिन्दुओं को पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर करने के लिए उनकी लड़कियों के अपहरण के बाद उनका जबरन धर्मपरिवर्तन कराया जाता है । पाकिस्तान में प्रशासन और संस्थाएं जानबूझकर अल्पसंख्यकों, खास तौर पर  हिन्दुओं के अधिकारों की रक्षा नहीं करती है । उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान सरकार रणनीति के तहत देश में हिंसक धार्मिक अतिवाद का समर्थन करती है । धार्मिक अतिवादी और अपराधी बिना किसी खौफ के इस तरह के कृत्य को अंजाम देते हैं, क्योंकि उन्हें सरकार का संरक्षण मिला हुआ है । - स्त्रोत : नवदीप केसरी
🚩पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर तोड़े जाते हैं । हिन्दू महिलाओं के साथ दुष्कर्म किये जाते हैं । यहाँ तक कि उठाकर मुस्लिम बना दिया जाता है, श्मशान घाट तक नहीं है, हिन्दुओं की हत्याएं की जाती हैं । हिन्दुओं पर इतना अत्याचार किया जाता है फिर भी उनके लिए कोई आवाज उठाने के लिए तैयार नहीं है।
🚩पाकिस्तान के हिंदुओं की हालत नरक से भी बद्तर हो गई है अतः हमें उनके लिए केंद्र सरकार को कोई योजना बनानी चाहिए।
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Sunday, September 1, 2019

मासूम बच्ची के साथ पादरी ने किया रेप, भेजा जेल, मीडिया में छाया सन्नाटा

30 अगस्त 2019

🚩मीडिया का कार्य है जनता के सामने निष्पक्ष खबरें रखे, जिससे जनता को पता चले कि देश में क्या चल रहा है और हर व्यक्ति सहीं खबरें जानने के लिए उत्सुक भी होता है, लेकिन आज कुछ मीडिया चैनल्स  द्वारा टीआरपी और पैसे की लालच में पक्षपाती एवं झूठी खबरें दिखाने पर जनता का मीडिया पर से भरोसा उठता जा रहा है।

🚩किसी भी पवित्र साधु-संत पर षड्यंत्र के तहत कोई झूठा आरोप लग जाये तो मीडिया डिबेट बिठा देती है, अनेक झूठी कहानियां बनाई जाती हैं और महीनों तक उनकी खबरें चलाई जाती हैं और जैसे ही किसी ईसाई, पादरी या मौलवी की खबर आती है तो मीडिया चुप हो जाती है या किसी कोने में छोटी सी खबर आती है जहाँ किसी की ज्यादा नजर न जायें।

🚩आपको बता दे कि पंजाब के गुरुदासपुर में चर्च के ईसाई परवेज पादरी को पुलिस ने नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया है। थाना भैणी मीया खां की पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

🚩मिली जानकारी के अनुसार बीते दिन स्कूल के लिए निकली नौवीं क्लास की लड़की जब शाम तक घर नहीं पहुंची तो परिजन परेशान हो गए, शाम को पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया। महिला को शक हुआ कि वह इलाके के ही एक पादरी के घर पर वह होगी इसलिए पुलिस लेकर वहां पहुंची।

🚩मासूम की मां ने पुल‍िस को बताया कि उसे संदेह है कि इलाके के चर्च में रहने वाला पादरी उसकी बेटी के साथ अक्सर घर में प्रार्थना करने के बहाने आकर गलत हरकतें करता था। उन्हें संदेह है कि उसकी बेटी उसी पादरी के पास है जो बच्ची को अगवा कर के ले गया है।

🚩पुलिस जैसे ही पादरी परवेज के घर पहुंची वहां बच्ची आपत्तिजनक हालत में मिली। पुलिस ने मौके पर ही पादरी को हिरासत में ले लिया। आरोपी परवेज के खिलाफ धारा 363, 366 और पोक्सो ऐक्ट के तहत मामला दर्ज करके कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

🚩यह तो एक खबर है बाकी हजारों ईसाई पादरि बच्चों का रेप करते है यहाँ तक कि ईसाई धर्म के सर्वोच्च पोप ने सबके सामने स्वीकार किया है कि "कई पादरी(बिशप) बच्चे-बच्चियों और ननों का यौन शोषण करते हैं उसके लिए हम शर्मिंदा है ।"
लेकिन दुर्भाग्य है कि ऐसी खबर को कोई मीडिया हाइलाइट नही करेगा और ना ही डिबेट बैठाकर चर्चा करेगा, मीडिया को तो बस कोई निर्दोष साधु-संत मिल जाना चाहिए फिर महीनोंभर मिर्च-मसाला डालकर जनता को परोसता रहेगा।

🚩आपको बता दे कि मीडिया हिंदू साधु-संतों को बदनाम इसलिए करता है क्योंकि साधु-संत हिंदू संस्कृति की नींव है जो अपने प्रवचनों और सेवाकार्य से जनता को अपनी महान संस्कृति से जोड़े रखा है । धर्मांतरण और विदेशी कंपनियों से जनता को सचेत कर रहे है और देश को आंच नही आने दे रहे है। यही बातें राष्ट्र विरोधी ताकतों को सहन नहीं हो रही हैं क्योंकि उनको तो भारत में धर्मान्तरण करके अपनी जनसंख्या बढ़ानी है जिससे उनका वोटबैंक बढ़े और अपनी सरकार बना सके दूसरा कि उनको विदेशी प्रोडक्ट बेचने होते हैं इसलिए वे मीडिया के माध्यम से हिंदू साधु-संतों की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं इससे देशवासियों को सावधान रहना चाहिए।

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