Tuesday, January 9, 2024

भोपाल में मिशनरी द्वारा संचालित एक अवैध बालिका-गृह में दी जा रही है ईसाइयत की ट्रेनिंग !

 68 नामांकित बच्चियों में से 26 गायब !!

10 January 2024

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🚩भोपाल में क्रिश्चियन मिशनरी की ओर से अवैध तरीके से प्राइवेट गर्ल्स हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है। यहाँ 68 बच्चियों का नामांकन हुआ है, लेकिन उनमें से 26 बच्चियाँ गायब हैं। इस हॉस्टल को चलाने वाले संचालक अनिल मैथ्यू को इन लड़कियों के बारे में पता तक नहीं है कि वो आखिर गईं तो गईं कहाँ? इस हॉस्टल में 6 से 18 साल की लड़कियाँ रहती हैं, जिसमें से अधिकांश हिंदू हैं।


🚩ये हॉस्टल भोपाल के बाहरी इलाके में स्थित परवलिया थाना इलाके में चलाया जा रहा है। इस हॉस्टल में चल रही अनियमितताओं की सूचना जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को मिली, तो उन्होंने गुरुवार (04 जनवरी 2024) को पूरे स्टाफ के साथ छापेमारी की और मौके पर जाकर हॉस्टल को देखा। इस हॉस्टल में तमाम अनियमितताएँ मिली। उन्होंने खुद इसकी सूचना एक्स के माध्यम से सार्वजनिक की।


🚩प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर लिखा, “04 जनवरी 2024 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तारासेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बालिका गृह का निरीक्षण किया। यहाँ की संचालक हाल में सरकारी एजेन्सी के तहत चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत रही है एवं इसने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सड़कों से रेस्क्यू किए, उनको बग़ैर सरकार को सूचना दिए बिना लाइसेंस चलाए जा रहे स्वयं के इस बाल गृह में गुपचुप ढंग से रख कर, उनसे ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवाई।”


🚩उन्होंने आगे लिखा, “6 साल से 18 साल तक की 40 से ज़्यादा लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं। काफ़ी कठिनाई के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। दुर्भाग्य से मध्य प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ऐसी ही एनजीओ से चाइल्ड हेल्पलाइन ठेके पर चलवाना चाहते हैं। मुख्य सचिव को पृथक से नोटिस जारी किया है।”


🚩इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हस्तक्षेप किया है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत कठोर कदम उठाने का आग्रह किया। शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, “भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की गंभीरता तथा संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने एवं त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूँ।”

https://twitter.com/KanoongoPriyank/status/1743320137976225925?t=kWRN53GT1P-R3ksz5bW1jg&s=19


🚩प्रियंक कानूनगो ने कहा कि इस हॉस्टल में उन लड़कियों को रखा जाता था, जो सड़क और रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू करके लाई गई थी। इनमें कई बच्चियाँ अनाथ थीं। उन्होंने बताया कि जो NGO सरकारी एजेन्सी चाइल्ड लाइन के रूप में बच्चों को रेस्क्यू कर रही थी, उसी ने बच्चों को गुपचुप ढंग से अवैध बाल गृह में रखा था। ऐसी संस्थाओं को चाइल्डलाइन का काम सौंपा जाना ख़तरनाक है। चुनाव के पहले कुछ अकर्मण्य अधिकारियों ने इन्हीं संस्थाओं के हाथ में बच्चों के संरक्षण हेतु चाइल्ड लाइन संचालित करने का काम देने का आदेश कैबिनेट से स्वीकृत करवा लिया था। प्रियंक कानूनगो ने शिवराज सिंह चौहान के एक्स हैंडल पर जवाब देते हुए लिखा, “मुझे विश्वास है कि आप उसको भी वापिस लेने के लिए सरकार को आग्रह करेंगे।”


🚩बता दें कि इस मिशनरी हॉस्टल का उद्घाटन 2020 में हुआ था। ये हॉस्टल विदेशी दानदाताओं की मदद से बना था। हालाँकि ये पता नहीं चल सका है कि इस एनजीओ को विदेशी सहायता मिलती है या नहीं, लेकिन हॉस्टल के उद्घाटन के समय लगी शिलापट तो साफ-साफ कह रही है कि इसके निर्माण में विदेशी मदद हासिल हुई थी।


🚩देश में ही कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे ये बात साफ हो गई है कि ईसाई मिशनरियां मानव तस्करी के साथ दुष्कर्म को बढ़ावा देने वाली बन गई हैं। मदर टेरेसा की संस्था ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ के रांची सेंटर में बच्चे बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद पहली बार लोगों को पता चला था कि मानवता और समाज में सेवा के नाम पर दरअसल क्या हो रहा था। जाहिर है देश के लिए इससे शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता कि धर्म की आड़ में बच्चे बेचने का रैकेट चल रहा हो।


🚩देश में धर्मांतरण का एक बड़ा नेटवर्क चलाया जा रहा है। इस कारण देश में हिंदू आबादी लगातार घट रही है। हिंदुओं के देश में ही आठ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। इसमें सबसे बड़ी भूमिका ईसाई मिशनरियों की सामने आती रही है।


देशवासियों को ईसाई मिशनरियों के स्कूलों में भी बच्चों को नही भेजना चाहिए, वहाँ पर भी हिन्दू त्योहारों और हिन्दू रीति रिवाजों का विरोध होता है। साथ ही साथ हिन्दू देवी-देवताओं का भी अपमान किया जाता है और यीशु को महान बताकर बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता है।

ईसाई मिशनरियों के काले चिट्ठे सामने आ गए हैं, लेकिन एक भी सेक्युलर नेता या मीडिया बोलने को तैयार नहीं है, क्योंकि इन्हें भी वेटिकन सिटी से फंडिंग मिलती है।


🚩गौरतलब है कि यहाँ ख़तरा सिर्फ़ हिन्दू बच्चों के ऊपर नहीं मंडरा रहा है,हालांकि यह भी उतना ही सच है, कि इन मिशनरीज़ और इनके एनजीओज़ का मेन टार्गेट पॉइंट विशेषकर हिन्दू ही हैं।

आवश्यकता है सावधान होने की और तभी हमारे देश के भावी कर्णधारों को हम सुरक्षित रख सकेंगे...


जय हिंद  !

जय माँ भारती !!


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Monday, January 8, 2024

श्रीराम जन्मभूनि मंदिर निर्माण के लिए प्रयास इतने भी सहज नहीं रहे हैं...800 वर्षों में लाखों हिंदुओं ने दिए हैं बलिदान !!

09 January 2024

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🚩भारत में विधर्मी आक्रमणकारियों ने बड़ी संख्या में हिन्दू मन्दिरों का विध्वंस किया । स्वतन्त्रता के बाद भी तत्कालीन सरकारों ने मुस्लिम वोटों के लालच में मस्जिदों, मजारों आदि को बना रहने दिया ।

🚩इनमें से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर (अयोध्या), श्रीकृष्ण जन्मभूमि (मथुरा) और काशी (विश्वनाथ मंदिर) के सीने पर बनी मस्जिदें सदा से हिन्दुओं को उद्वेलित करती रही हैं। इनमें से श्रीराम मंदिर के लिए विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष स्वर्गीय श्री अशोक सिंघल की अध्यक्षता और शिवसेना के बाला साहब की अध्यक्षता में देशव्यापी आन्दोलन किया गया, जिससे 6 दिसम्बर, 1992 को वह बाबरी ढाँचा धराशायी हुआ ।


🚩श्री राम मंदिर कब तोड़ा गया?


🚩मुस्लिम आक्रमणकारी बाबर 1527 में फरगना से भारत आया था, बाबर के आदेश से उसके सेनापति मीर बाकी ने 1528 ई. में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को गिराकर वहाँ एक मस्जिद बना दी थी । मंदिर तोड़ रहे थे उस समय इस्लामी आक्रमणकारियों से मंदिर को बचाने के लिए रामभक्तों ने 15 दिन तक लगातार संघर्ष किया, जिसके कारण आक्रांता मंदिर पर चढ़ाई न कर सके और अंत में मंदिर को तोपों से उड़ा दिया। इस संघर्ष में 1,36,000 रामभक्तों ने मंदिर रक्षा हेतु अपने जीवन की आहुति दी थी।


🚩भगवान श्री रामजन्मभूमि मंदिर टूटने के बाद हिन्दू समाज एक दिन भी चुप नहीं बैठा। वह लगातार इस स्थान को पाने के लिए संघर्ष करता रहा । 


🚩1528 से 1949 ईस्वी तक के कालखंड में श्रीरामजन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण हेतु 76 बार संघर्ष/युद्ध हुए। इस पवित्र स्थल हेतु श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज, महारानी राज कुंवर तथा अन्य कई विभूतियों ने भी संघर्ष किया।


🚩800 सालों के संघर्ष के बाद आज हिंदुओं को सफलता मिली है, अब अयोध्या में भव्य श्री रामजन्मभूमि मंदिर बन गया है,लेकिन आज भी हिंदुओं को सावधान रहना जरुरी है । क्योंकि विधर्मी लोगों को मंदिर रास नही आ रहा है इसलिए राम मन्दिर के साथ राम राज्य की भी स्थापना बहुत जल्द और बेहद ज़रूरी है।


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Sunday, January 7, 2024

रामचरितमानस जलाने वालों पर NSA लगाने पर हाईकोर्ट ने क्या कहा ?

8 January 2024

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🚩मुस्लिम समुदाय बाहुल्य देशों में ईशनिंदा करने से फांसी तक की सजा दी जाती है लेकिन भारत हिंदु बाहुल्य देश है फिर भी हिंदुओं के अराध्य देवी, देवताओं, मंदिरों, धर्म ग्रंथो और साधु संतो का आए दिन अपमान किया जा रहा है फिर भी उनपर कोई कार्यवाही नही की जाती है क्योंकि हिंदुओं ने अपनी संस्कृति से सीखा है की प्राणी मात्र का हित करना, करुणा करना, सभी पर दया करना इसका फायदा उठाकर आसुरी स्वभाव के लोग हिंदुओं की अस्थाओ पर प्रहार करते रहते है।


🚩इलहाबाद हाइकोर्ट ने क्या कहा ?


🚩इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामचरितमानस जलाने वाले 2 हिन्दू विरोधियों पर लगे NSA (रासुका) हटाने से इनकार कर दिया है। इन दोनों ने रामचरितमानस की प्रतियाँ खुलेआम जलाई थीं। गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस का उत्तर भारत में विशेष महत्व है। उन्होंने रामायण को सरलीकृत लोकसभा में आम जनों तक पहुँचाया था। लेकिन, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और राजद नेता व बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव जैसे नेताओं ने लगातार बयान देकर 2023 में रामचरितमानस को बदनाम करने की कोशिश की।


🚩वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियाँ खुलेआम जलाई गईं। जिलाधीश के आदेश पर 2 आरोपितों के खिलाफ रासुका के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दोनों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती दी। अब हाईकोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है। जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने शुक्रवार (5 जनवरी, 2024) को देवेंद्र प्रताप यादव एवं सुरेश सिंह यादव की याचिकाओं को रद्द कर दिया।


🚩सतनाम सिंह नवी नामक हिन्दू कार्यकर्ता ने 29 जनवरी, 2023 को इस संबंध में स्थानीय PGI थाने में मामला दर्ज कराया था। वृन्दावन कॉलोनी में रामचरितमानस पुस्तक के न सिर्फ पन्ने फाड़े गए थे, बल्कि जला भी दिया गया था। इससे आम लोग आक्रोशित हो गए और इलाके में तनाव बढ़ गया था। इन दोनों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में इस कृत्य को अंजाम दिया था। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि आरोपितों ने अपने सहयोगियों के साथ मिल कर दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थल पर भगवान राम के जीवन के घटनाक्रम से संबंधित ग्रन्थ का जिस तरह से अपमान किया, उससे सामाजिक आक्रोश स्वाभाविक है।


🚩इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साथ ही रामचरितमानस को हिन्दुओं की धार्मिक मान्यताओं और आस्था से भी जोड़ा। जजों ने नोट किया कि मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया के वर्तमान युग में हर व्यक्ति इनसे जुड़ा हुआ है और ऐसे में ऐसी घटनाओं से समाज में धार्मिक उन्माद और तनाव फैल सकता है। साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माना कि प्रशासन द्वारा NSA लगाने का निर्णय लेना उचित है और सही है। अदालत ने कहा कि जिस तरह का व्यवहार किया गया, हिन्दुओं का आक्रोशित होना स्वाभाविक था। - ओप इंडिया


🚩तुलसीदास जी राम कथा की महिमा बताते हुये कहते हैं।


🚩रामचरितमानस एहि नामा। सुनत श्रवन पाइअ बिश्रामा ।।

मन करि बिषय अनल बन जरई। होई सुखी जौं एहिं सर परई ।।

रामचरितमानस मुनि भावन। बिरचेउ संभु सुहावन पावन ।।

त्रिबिध दोष दुख दारिद दावन । कलि कुचालि कुलि कलुष नसावन ।।


🚩वे कहते हैं कि भगवान की इस कथा का नाम ‘श्री रामचरितमानस’ इसलिये रखा है कि इसको सुनकर व्यक्ति को विश्राम मिलेगा । इस कथा के प्रभाव से मानसिक स्वस्थता प्राप्त होगी । मन में विषय वासनायें भरी हुई हैं । जिस प्रकार अग्नि में लकड़ी जल जाती है, उसी प्रकार जब लोग रामकथा सुनगें तो यह उनके हृदय में पहुँचकर विषयों की वासना को समाप्त कर देगी । श्री रामचरितमानस एक सरोवर के समान है जो इस सरोवर में डुबकी लगायेगा वह सुखी हो जायेगा । विषयों की अग्नि में व्यक्तियों के हृदय जल रहे हैं और यह ताप उन्हें दुख देता है । जिसने श्री रामचरितमानस रूपी सरोवर में डुबकी लगाई उसका सन्ताप दूर होकर शीतलता प्राप्त हो जाती है।


🚩श्री रामचरितमानस को सबसे पहले शंकर जी ने रचा था । वह अति सुन्दर है और पवित्र भी। यह कथा तीनों प्रकार के दोषों, दुखों, दरिद्रता, कलियुग की कुचालों तथा सब पापों का नाश करने वाली है। जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक इस कथा को सुनेंगे तो उनके मानसिक विकार दूर होंगे । अनुकूल व प्रतिकूल परिस्थितियों में वे विचलित नहीं होंगे ।आधिदैविक, आधिभौतिक और आध्यात्मिक तीनों ताप उन्हें नहीं सतायेंगे, उनकी वासनायें परिमार्जित हो जायेंगी और वे आत्मज्ञान के अधिकारी बनेंगे ।


🚩जो प्राणिमात्र का कल्याण करने का सामर्थ रखता है ऐसे पवित्र ग्रंथ श्री रामचरितमानसके मानस के बारे में गलत बोलना भी भयंकर पाप है इसलिए इस पवित्र ग्रंथ का जितना आदर करो उतना कम है क्योंकि सही जीवन जीने की राह यही ग्रंथ देता है और मरने के बाद मोक्ष तक की यात्रा करवा देता हैं।


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Saturday, January 6, 2024

अंग्रेजी नववर्ष पर 2800 करोड़ का दारू पी गए ?

04 January 2024

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🚩अंग्रेज़ी नववर्ष पर युवकों के मदिरापान, नशीले पदार्थों का सेवन करने की मात्रा में काफी बढोतरी हुई है। युवक-युवतियों का स्वेच्छाचारी आचरण बढ़ा है तथा मदिरापान कर तेज सवारी चलाने से दुर्घटनाओं में बढोतरी हुई है। इस ख्रिस्ती नए वर्ष ने युवा पीढ़ी को विलासवाद तथा भोगवाद की खाई में धकेल दिया है।


🚩आपको बता दे की मीडिया रिपोर्ट अनुसार अंग्रेजी नववर्ष पर केवल राजस्थान में ही करीब 163 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री हुई है।


🚩बात दे की दिल्ली में 31 दिसंबर को ही करीब 24 लाख शराब की बोतलें बिक गईं हैं। वहीं, गाजियाबाद में लोगों ने 31 दिसंबर को 7.72 करोड़ की शराब पी डाली। नोएडा में करीब 11 करोड़ की शराब पी गए।


🚩वही देहरादून में अंग्रेजी नए साल में करीब 30 करोड़ रुपये की शराब गटक गए। भोपाल में करीब 4 करोड़ की दारू पी गए।


🚩अंग्रेज़ी नए साल में दारू पीने के आंकड़े कुछ ही आए है बाकी सभी राज्यों में 100 करोड़ की दारू बिक्री माना जाए तो 28 राज्यों में 2800 करोड की दारू की बिक्री हुई। और पूरा आंकड़ा तो आना संभव नही है, क्योंकि गांवों में भी लोकल ब्रांड की दारू पी गई होगी।


🚩एक तरफ भारत में नशाबंदी की बात चल रहि है वही दूसरी तरफ अंग्रेज़ी नववर्ष मनाने में अरबों रुपए की दारू पी जाते है । अंग्रेजी नववर्ष हमारे देश की युवा पीढ़ी और देश को बर्बाद ही कर रही है।


🚩हमें समझना चाहिए कि अंग्रेजों द्वारा थोपा गया नूतन वर्ष हमारा सांस्कृतिक, शारीरिक, मानसिक और सामाजिक पतन करता है जो राष्ट्र के लिए भी हानि करता है इसलिए हमें ऐसे त्यौहार से बचना चाहिए और अपने आसपास कोई गलती से नया साल मना रहा हो तो उसको भी समझाइये कि भाई ये हमारा त्यौहार नहीं है, हमारी संस्कृति सबसे महान है और वो नूतन वर्ष चैत्री शुक्लपक्ष प्रतिपदा को आएगा उस दिन हम सभी मिलकर धूमधाम से नववर्ष मनायेंगे। 1 जनवरी को केवल कैलेंडर ही बदलें, नहीं बधाई दें और अपना परिचित कोई बधाई देता है तो उसको समझायें कि हमारा नया साल 1 जनवरी नहीं है,विक्रम संवत 2081 चैत्री शुक्लपक्ष प्रतिपदा गुड़ी पड़वा ( 9 अप्रैल 2024 ) को आएगा।


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Friday, January 5, 2024

मिल का आटा और फ्रिज में रखा हुआ आटा स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक ?

06 January 2024

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🚩आजकल बड़ी-बड़ी मिलों से बनकर आने वाले आटे का उपयोग अधिक होता है किंतु यह आटा खाने वाले के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है। मिलों के आटे की अपेक्षा घरेलू मशीनों का आटा अच्छा रहता है लेकिन हाथ की चक्की द्वारा बनाया गया आटा सर्वोत्तम होता है। 


🚩आटे की मिलों में प्रतिदिन टनों की मात्रा में गेहूँ पीसा जाता है। अतः इतने सारे गेहूँ की ठीक से सफाई नहीं हो पाती। फलतः गेहूँ के साथ उसमें चूहों द्वारा पैदा की गयी गंदगी तथा गेहूँ में लगे कीड़े आदि भी घिस जाते हैं।


🚩इसलिए इसे शुद्ध एवं सात्त्विक अन्न नहीं कहा जा सकता। इसलिए जहाँ तक हो सके गेहूँ को साफ करके स्वयं चक्की में पीसना चाहिए और उस आटे को सात दिन से अधिक समय तक नहीं रखना चाहिए क्योंकि आटा सात दिन तक ही पौष्टिक रहता है। सात दिनों के बाद उसके पौष्टिक तत्त्व मरने लगते हैं। इस प्रकार का पोषकतत्त्वविहीन आटा खाने से मोटापा, पथरी तथा कमजोरी होने की सम्भावना रहती है।

आटे को छानकर उसका चापड़ा (चोकर) फेंके नहीं, वरन् चोकरयुक्त आटे का सेवन करें।


🚩फ्रिज में रखा हुआ आटा से नुकसान


🚩पेट से संबंधित समस्याएं


🚩फ्रिज में रखने से आटे की रोटी खाने से पेट में दर्द और उल्टी होने जैसी समस्याएं हो सकती है, क्योंकि फ्रिज में रखे आटे में बैक्टीरिया पनप सकता हैं जो फूड पॉइजनिंग का कारण बनता हैं। फ्रिज में रखे आटे की रोटी खाने से हमारे पाचन तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है, जिसके कारण हमें एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


🚩बैक्टीरिया


🚩फ्रिज में रखे आटे की रोटियां खाना हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि फ्रिज में रखे आटे में बैक्टीरिया जल्द पनपता हैं, जिससे में कई समस्याएं हो जाती हैं, क्योंकि फ्रिज में ठंडक होती है, जो बैक्टीरियां को मारती नहीं है।


🚩पोषक तत्वों की कमी


🚩फ्रिज में आटा रखने से उसमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जो हमारी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है, क्योंकि फ्रिज में आटा रखने से आटे में मौजूद मिनरल्स और विटामिन खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है, कि अगर आपको आटा फ्रिज में रखना है,तो आप आटे को 5-6 घंटे से ज्यादा समय के लिए ना रखें, क्योंकि फ्रिज में आटा रखने से आटे में मौजूद रसायन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं और फ्रिज में गैस होती है जो आटे में समा जाती हैं, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होती है।


🚩संभव हो तो घर में आटा चक्की लाकर पीसना चाहिए नहीं तो आसपास की चक्की से ताजा और शुद्ध आटा खरीदना चाहिए और आटा को फ्रिज में कभी नही रखना चाहिए।


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"चिड़ियों से मैं बाज़ लड़ाऊं, सवा लाख से एक लड़ाऊं" अपनी इस उक्ति को गुरू गोविंद सिंह ने कैसे किया साकार ?

5 January 2024

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🚩सिक्ख समुदाय के दसवें धर्म-गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष सुदी सप्तमी संवत 1723 को हुआ था । उनका जन्म बिहार के पटना शहर में हुआ था।


🚩उनके पिता गुरू तेग बहादुर की मृत्यु के उपरान्त 11 नवम्बर सन 1675 को वे गुरू बने । वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक संत थे।


🚩सन 1699 में बैसाखी के दिन उन्होने खालसा पन्थ की स्थापना की । जो सिक्खों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है।


🚩गुरू गोविन्द सिंह ने सिखों के पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्हें गुरु रूप में सुशोभित किया।


🚩उन्होंने मुगलों या उनके सहयोगियों (जैसे, शिवालिक पहाड़ियों के राजा) के साथ 14 युद्ध लड़े । धर्म के लिए समस्त परिवार का बलिदान किया, जिसके लिए उन्हें ‘सरबंसदानी’ भी कहा जाता है । इसके अतिरिक्त जनसाधारण में वे कलंगीधर, दशमेश, बाजांवाले आदि कई नाम, उपनाम व उपाधियों से भी जाने जाते हैं ।


🚩गुरु गोविंद सिंह जो विश्व की बलिदानी परम्परा में अद्वितीय थे, वहीं वे स्वयं एक महान लेखक, मौलिक चिंतक तथा कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। उन्होंने स्वयं कई ग्रंथों की रचना की। वे विद्वानों के संरक्षक थे। उनके दरबार में 52 कवियों तथा लेखकों की उपस्थिति रहती थी, इसीलिए उन्हें ‘संत सिपाही’ भी कहा जाता था। वे भक्ति तथा शक्ति के अद्वितीय संगम थे।


🚩खालसा पंथ की स्थापना :


🚩गुरु गोविंद सिंह जी का नेतृत्व सिक्ख समुदाय के इतिहास में बहुत कुछ नया रंग ले कर आया। उन्होंने सन 1699 में बैसाखी के दिन खालसा जो कि सिक्ख धर्म के विधिवत् दीक्षा प्राप्त अनुयायियों का एक सामूहिक रूप है उसका निर्माण किया।


🚩सिक्ख समुदाय की एक सभा में उन्होंने सबके सामने पूछा – कौन अपने सर का बलिदान देना चाहता है? उसी समय एक स्वयंसेवक इस बात के लिए राजी हो गया और गुरु गोबिंद सिंह उसे तम्बू में ले गए और कुछ देर बाद वापस लौटे एक खून लगे हुए तलवार के साथ। गुरु ने दोबारा उस भीड़ के लोगों से वही सवाल दोबारा पूछा और उसी प्रकार एक और व्यक्ति राजी हुआ और उनके साथ गया पर वे तम्बू से जब बाहर निकले तो खून से सना तलवार उनके हाथ में था। उसी प्रकार पांचवा स्वयंसेवक जब उनके साथ तम्बू के भीतर गया, कुछ देर बाद गुरु गोबिंद सिंह सभी जीवित सेवकों के साथ वापस लौटे और उन्होंने उन्हें पंज प्यारे या पहले खालसा का नाम दिया।


🚩उसके बाद गुरु गोबिंद जी ने एक लोहे का कटोरा लिया और उसमें पानी और चीनी मिला कर दुधारी तलवार से घोल कर अमृत का नाम दिया। पहले 5 खालसा के बनाने के बाद उन्हें छटवां खालसा का नाम दिया गया जिसके बाद उनका नाम गुरु गोबिंद राय से गुरु गोबिंद सिंह रख दिया गया। उन्होंने क शब्द के पांच महत्व खालसा के लिए समझाये और कहा – केश, कंघा, कड़ा, किरपान, कच्छा।


🚩यह कहा जाता है कि गुरु गोबिंद सिंह ने कुल चौदह युद्ध लड़े परन्तु कभी भी किसी पूजा के स्थल के लोगों को ना ही बंदी बनाया ना क्षतिग्रस्त किया।


🚩भंगानी का युद्ध Battle of Bhangani (1688)नादौन का युद्ध


🚩Battle of Nadaun (1691)गुलेर का युद्ध


🚩Battle of Guler (1696)आनंदपुर का पहला युद्ध


🚩First Battle of Anandpur (1700)आनंदपुर साहिब का युद्ध


🚩Battle of Anandpur Sahib (1701) निर्मोहगढ़ का युद्ध


🚩Battle of Nirmohgarh (1702) बसोली का युद्ध


🚩Battle of Basoli (1702) आनंदपुर का युद्ध


🚩Battle of Anandpur (1704) सरसा का युद्ध


🚩Battle of Sarsa (1704) चमकौर का युद्ध


🚩Battle of Chamkaur (1704) मुक्तसर का युद्ध Battle of Muktsar (1705)


🚩परिवार के लोगों की मृत्यु :


🚩कहा जाता है कि सरहिन्द के मुस्लिम गवर्नर ने गुरु गोविंद सिंह की माता और दो पुत्रो॔ को बंदी बना लिया था। जब उनके दोनों पुत्रों ने इस्लाम धर्म को कुबूल करने से मना कर दिया तो उन्हें दीवार में जिन्दा चुनवा दिया गया। अपने पोतों के मृत्यु के दुःख को ना सह सकने के कारण माता गुजरी भी ज्यादा दिन तक जीवित ना रह सकी और जल्द ही उनकी मृत्यु हो गयी। मुगल सेना के साथ युद्ध करते हुए 1704 में उनके दोनों बड़े बेटों ने धीर गति पाई थी।


🚩ज़फ़रनामा :


🚩गुरु गोविंद सिंह ने जब देखा कि मुगल सेना ने धोखे और क्रूरता से उनके पुत्रों की हत्या कर दी है तो हथियार डाल देने के बजाय उन्होंने औरंगजेब को एक ज़फ़रनामा (विजय की चिट्ठी) लिखी, जिसमें उन्होंने औरगंजेब को चेतावनी दी कि तेरा साम्राज्य नष्ट करने के लिए खालसा पंथ तैयार हो गया है।


🚩8 मई सन्‌ 1705 में ‘मुक्तसर’ नामक स्थान पर मुगलों से भयानक युद्ध हुआ, जिसमें गुरुजी की जीत हुई। मुक्तसर को पंजाब में दोबारा गुरु जी ने मिलाया और आदि ग्रन्थ (Aadi Granth) के नए अध्याय को बनाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया, जो पांचवें सिख गुरु अर्जुन देव जी द्वारा संकलित किया गया था।


🚩उन्होंने अपने लेखन का एक संग्रह बनाया , जिसको नाम दिया दसम ग्रन्थ Dasam Granth और अपनी स्वयं की आत्मकथा जिसका नाम रखा बिचित्र नाटक ( Bicitra Natak )


🚩अक्टूबर सन्‌ 1706 में गुरुजी दक्षिण में गए जहाँ पर उनको औरंगजेब की मृत्यु का पता लगा। औरंगजेब ने मरते समय एक शिकायत पत्र लिखा था।

हैरानी की बात है, कि जो सब कुछ ( लौकिक संपत्ति,  पुत्र,परिवार ) लुटा चुका था, (गुरुजी) वो फतहनामा लिख रहे थे व जिसके पास सब कुछ था वह शिकस्तनामा लिख रहा है। इसका कारण था सच्चाई। गुरुजी ने युद्ध सदैव अत्याचार के विरुद्ध किए थे न कि अपने निजी लाभ के लिए।


🚩अन्तिम समय :


🚩औरंगजेब की मृत्यु के बाद आपने बहादुरशाह को बादशाह बनाने में मदद की। गुरुजी व बहादुरशाह के संबंध अत्यंत मधुर थे। इन संबंधों को देखकर सरहद का नवाब वजीत खाँ घबरा गया। अतः उसने दो पठान गुरुजी के पीछे लगा दिए। इन पठानों ने गुरुजी पर धोखे से घातक वार किया और 7अक्टूबर, 1708 को गुरुजी (गुरु गोविन्द सिंह जी) नांदेड साहिब में दिव्य ज्योति में लीन हो गए। अंत समय में सिक्खों को गुरु ग्रंथ साहिब को अपना गुरु मानने को कहा व खुद भी माथा टेका। गुरुजी की शहीदी के बाद माधोदास ने, जिसे गुरुजी ने सिक्ख बनाया, बंदासिंह बहादुर नाम दिया था, उन्होंने सरहद पर आक्रमण किया और अत्याचारियों की ईंट से ईंट बजा दी।


🚩गुरु गोविंद सिंह का नारा था : ‘चिड़ियों से मैं बाज़ लड़ाऊं, सवा लाख से एक लड़ाऊं ।


🚩जिनका एक-एक सिपाही मुगलों को धूल चटा देता था, जिनका नाम सुनते ही औरंगजेब के पसीने छूटने लगते थे, उन गुरु गोविंद सिंह जी को प्राणों से प्यारा था धर्म।


🚩धर्म की रक्षा के लिए कुर्बान हो गए , ऐसे गुरु गोविंद सिंह जी को शत्- शत् नमन 


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Wednesday, January 3, 2024

साल 2023 का रिपोर्ट : आज भी जगजाहिर है बॉलीवुड की हिंदू-घृणा

04 January 2024

https://azaadbharat.org


🚩सनातन के प्रतीकों का सबसे ज्यादा मजाक कहाँ उड़ाया गया ? हिंदू देवी-देवताओं से जोड़ कर भद्दे और अश्लील/द्विअर्थी संवाद और चुटकुले कहाँ परोसे गए  ?बोलने-बताने-दिखाने-सुनाने की आजादी के नाम पर हिंदुओं को कभी लालची तो कभी क्रूर, कभी चरित्रहीन तो कभी गद्दार किस प्लेटफॉर्म ने बताया ? बिना ज्यादा सोचे एकमात्र उत्तर जो दिमाग में आएगा, वो है – बॉलीवुड।



🚩सोशल मीडिया के दौर में लिखने-बोलने-दिखने का ऑप्शन अब आम जनता के पास भी है। बॉलीवुड के सनातन-विरोधी रवैये पर लोग अब इनकी खाल उतारने लगे हैं। तो क्या ऐसे में मुंबइया फिल्म इंडस्ट्री हिंदुओं को लेकर अपनी घटिया मानसिकता से बाहर आ चुकी है? अभिव्यक्ति की जिस आजादी के नाम पर हिंदू धर्म को नीचा दिखाया जाता है, क्या उसी तरीके से इस्लाम और ईसाई मजहब को लेकर यह इंडस्ट्री कहानियाँ लिख सकती है, उसे पर्दे पर उतारती है? बिना ज्यादा सोचे एकमात्र उत्तर जो दिमाग में आएगा, वो है – नहीं।



🚩बॉलीवुड एक फट्टू इंडस्ट्री है। बॉलीवुड धंधा करने वाली कौम का नाम है। इन लोगों को पता है कि हिंदू को छोड़ कर ये अगर किसी और पर निशाना साधे तो ‘सर तन से जुदा’ निश्चित है, बिजनेस का बेड़ागर्क पक्का है। इसलिए हर बार ये मजाक उड़ाते हैं सनातनी परंपराओं का, हिंदुओं की आस्थाओं का। साल 2023 भी इनके लिए कोई अपवाद नहीं रहा। जब-जब इन्होंने हिंदू प्रतीकों का मजाक उड़ाया, नीचा दिखाया, OpIndia ने उसे खबर की शक्ल दी, प्रकाशित किया। बॉलीवुड की पूरे साल भर की नीच हरकतों को अब एक साथ लेकर आए हैं हम। मकसद स्पष्ट है – जब तक इनकी मानसिकता को तोड़ेंगे नहीं, छोड़ेंगे नहीं!



🚩दिसंबर 2023

बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर क्रिसमस के मौके पर केक पर दारू डलवा रहे थे और फिर आग लगाते हुए ‘जय माता दी’ कहते सुनाई पड़े। वीडियो में देख सकते हैं कि रणवीर कपूर जब केक पर शराब डालने के बाद जय माता दी कहते सुनाई पड़ते हैं, तभी उनके परिवार के अन्य लोग भी जय माता दी कहते हैं।


🚩इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच मशहूर गायक लकी अली ने फिलीस्तीन जाने की इच्छा जताई। उन्होंने अपने एक्स अकॉउंट पर लिखा- “इंशाल्लाह मैं फिलीस्तीन जाना चाहता हूँ।” सोशल मीडिया पर इसको लेकर उन्हें जवाब मिला कि इनकी सारी मोहब्बत उम्माह के लिए है। क्योंकि इन्होंने कभी नहीं कहा कि ये भारत के साथ मिल कर पाकिस्तान से लड़ना चाहते हैं। मगर फिलीस्तीन जाने के लिए ये उतावले हैं।


🚩नवंबर 2023

जैसे ही हिन्दू पर्व-त्योहार आते हैं, वैसे ही बॉलीवुड हस्तियाँ ज्ञान देने लगते हैं। दिवाली पर दीया मिर्जा ने वीडियो बना कर कहा – “कुछ ज़्यादा ही पैकेजिंग हो जाती है और काफी कचरा पैदा हो जाता है। इस दिवाली मुझे कुछ मत दीजिए। आप उन संगठनों का समर्थन करें जो पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए काम कर रहे हैं।” आश्चर्य यह कि यही दीया मिर्जा ईद-बकरीद या क्रिसमस पर इस तरह के ज्ञान नहीं देती दिखती हैं।


🚩अक्टूबर 2023

सलमान खान की फिल्म ‘Tiger 3’ का एक गाना है – ‘लेके प्रभु का नाम’। इसमें कैटरीना कैफ सेक्सी कपड़ों में दिख रही हैं। कई अन्य लड़कियाँ भी इसी तरह की ड्रेस में नाचती हैं। गाने के बैकग्राउंड के लिए ‘लिंगनुमा आकृतियों’ का इस्तेमाल किया गया है। इस पर कई लोगों ने सवाल उठाया कि गाने में आखिर ‘प्रभु’ का नाम लेने की बात ही क्यों, इस्लाम के ‘खुदा’ या ‘अल्लाह’ का नाम क्यों नहीं ?


🚩सितंबर 2023

खालिस्तान समर्थक सिंगर शुभनीत सिंह ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी “पंजाब के लिए प्रार्थना करें” पोस्ट किया। इसमें भारत का बिगड़ा हुआ नक्शा दिखाया गया था। नक्शे से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तर-पूर्वी राज्य गायब थे। यह पोस्ट भारत की संप्रभुता को चुनौती देने और खालिस्तान को बढ़ावा देने की एक कोशिश थी। इस गायक को सोशल मीडिया की ताकत का अहसास कराया गया। कैसे? भारत में इसके शो ‘स्टिल रोलिन इंडिया टूर’ रद्द करके।


🚩गणपति उत्सव के दौरान चप्पल पहन कर पूजा करने पहुँचीं बॉलीवुड डायरेक्टर फराह खान। जब सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल किया तो फर्जी का सफाई पेश करने लगीं।

बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की पूर्व बीवी किरण राव का कहना है कि अब गलत मैसेज देने वाली फिल्में भी सैकड़ों करोड़ रुपए कमा रही हैं। ऐसी फिल्मों को कमाई करता देख उन्हें दुख होता है। यह दुख उन्होंने तब जाहिर किया जब ‘द केरल स्टोरी’, ‘गदर 2’, ‘कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्मों ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की और ‘द वैक्सीन वार’ रिलीज होने वाली थी।


🚩बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार का सच दिखाती फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ के हिट से वह परेशान हो गए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने ‘द केरल स्टोरी’ और ‘गदर 2’ जैसी फिल्में नहीं देखीं। परेशान करने वाली बात यह है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्में इतनी लोकप्रिय हैं। ऐसी फिल्में सभी गलत चीजों को सही दिखाते हैं और बिना किसी कारण के अन्य समुदायों को नीचा दिखाते हैं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है।”


🚩एक्टर प्रकाश राज ने तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि द्वारा दिए गए हिन्दू विरोधी बयान को दोहराते हुए कहा, “सनातन हिन्दू धर्म डेंगू बुखार की तरह है और इसे मिटाया जाना चाहिए। सनातन का खात्मा जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग सनातन धर्म को कायम रखने पर आक्रामक तरीके से बोलते हैं, वे हिंदू नहीं हैं।


🚩अगस्त 2023

हिंदुओं के भगवान पर आधारित विवादास्पद फिल्म ‘ओ माय गॉड-2 (OMG-2)’ को सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया। हस्तमैथुन, अप्राकृतिक सेक्स, लिंग, शराब, नग्नता के अलावा इस फिल्म में ‘स्त्री की योनि हवन कुंड है’ जैसे डायलॉग भी थे, जिसे सेंसर बोर्ड ने बदलने को कहा।

‘ओ माय गॉड 2 (OMG 2)’ के निर्माताओं को महाकाल मंदिर के पुजारियों ने कानूनी नोटिस भेजा। पुजारियों का कहना है कि ट्रेलर में भगवान शिव को कचौड़ी खरीदते दिखाया गया। महाकाल मंदिर के पुजारी ने कहा कि भगवान शिव ने न सिर्फ कचौड़ी खरीदा बल्कि उनसे कचौरी बेचने वाले को पैसे भी माँगते दिखाया गया। इससे शिव भक्तों की भावनाएँ आहत हुईं।


🚩जुलाई 2023

क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘Oppenheimer’ में अभिनेता और अभिनेत्री, दोनों ही बिस्तर पर नंगे हैं। युवती को पूरी तरह न्यूड दिखाया गया है और उसके स्तन पर्दे पर दिख रहे होते हैं। इसी सीन में आगे वो भगवद्गीता का श्लोक पढ़ती है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा कि आखिर भारत में सेंसर बोर्ड ने इस दृश्य को कैसे पास कर दिया ?


🚩 लोगों ने सवाल किया है कि क्या जिस तरह से सेक्स सीन में गीता को दिखाया गया है, वैसे किसी अन्य मजहब की पुस्तक,बाइबल, कुरान  दिखाई जा सकती है ?


🚩हिन्दू धर्म को लेकर कई ऐसी फ़िल्में बनी हैं, जिनमें तरह-तरह के सन्देश दिए जाते हैं। सुधारवादी फ़िल्में बनती हैं और धर्म को लेकर अच्छा-बुरा बताया जाता है। लेकिन इस्लामी आतंकवाद से संबंधित विषय पर फिल्म ’72 हूरें’ बनाने में 11 साल लग गए और तो और जैसे ही ये रिलीज होने आई, वैसे ही धमकियों का दौर शुरू हो गया।

इस्लामी आतंकवाद के चेहरे को उजागर करती फिल्म ’72 हूरें (72 Hoorain)’ को लेकर भोजपुरी एक्ट्रेस सबीहा शेख आपत्ति जताई। उन्होंने कहा है कि ऐसी फिल्में लोगों को मजहबी आधार पर बाँटने के लिए बनाई जाती हैं। उन्होंने कहा, “इस फिल्म में कुरान को गलत तरीके से दिखाया गया है। कुरान किसी की जान लेना नहीं सिखाता।”


🚩जून 2023

अशोक पंडित की फिल्म ’72 हूरें’ को सर्टिफिकेट देने से सेंसर बोर्ड ने इनकार कर दिया था। इससे कुरान का रेफरेंस हटाने को कहा गया था। लोगों ने सवाल किया कि जब भगवान श्रीराम, हनुमान और लक्ष्मण के अलावा माँ सीता को लेकर बनी फिल्म ‘आदिपुरुष’ में देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक संवाद और दृश्य पास हो गए, फिर ’72 हूरें’ को लेकर ही क्रिएटिव फ्रीडम का मर्दन क्यों?


🚩भगवान श्रीराम और हनुमान जी को आपत्तिजनक रूप से प्रदर्शित करने के लिए इलाहाबद उच्च न्यायालय ने ‘आदिपुरुष’ फिल्म के निर्माताओं को खरी-खरी सुनाई।


🚩 हाईकोर्ट ने पूछा कि आखिर एक समुदाय की सहिष्णुता के स्तर की बार-बार क्यों परीक्षा ली जा रही है?


🚩2023 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘The Kerala Story’ को OTT पर खरीददार मिलने में दिक्कत हुई। ये सब तब हुआ, जब इसी साल आई ‘भीड़’ और ‘अफवाह’ जैसी प्रोपेगंडा फ़िल्में सुपर फ्लॉप होने के बावजूद OTT पर तुरंत रिलीज हो गई। ‘The Kerala Story’ में दिखाया गया था कि कैसे एक साजिश के तहत केरल में हिन्दू लड़कियों को निशाना बनाया जाता है और उनसे फँसा कर उनका धर्मांतरण और निकाह कर दिया जाता है।

रामायण पर आधारित फिल्म ‘आदिपुरुष’ के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने अपने संवाद के बचाव के पीछे खूब तर्क दिया। उन्होंने अपनी गलती को छिपाने के लिए कुछ ऐसे तर्क भी दे डाले, जिसको लेकर लोग उन्हें धर्मद्रोही तक कहने लगे। उन्होंने कहा, “भगवान राम ने अपना पूरा जीवन मानव मूल्यों पर जिया है। उन्होंने कभी चमत्कार नहीं दिखाया। उनकी शक्तियाँ अर्जित की हुई थीं। जैसा उन्होंने कमाई थीं, वैसा हम और आप भी कमा सकते हैं। श्रीराम की कथा की विशेषता यही है।”

फिल्म ‘आदिपुरुष’ के डायलॉग लेखक मनोज मुंतशिर ने दावा किया है कि हनुमान जी भगवान नहीं थे। उन्होंने कहा कि हनुमान जी भगवान नहीं, बल्कि भक्त थे। उन्होंने कहा कि बजरंग बली श्रीराम की तरह बात नहीं करते हैं और हमने उन्हें भगवान बनाया है।

फिल्म ‘आदिपुरुष (Adipurush)’ के डायरेक्टर ओम राउत ने अभिनेत्री कृति सेनन को मंदिर परिसर में विदाई चुम्मा दिया। मंदिर प्रांगण में इस हरकत पर कई लोगों ने आपत्ति जताई। मंदिर प्रांगण में ‘गुडबाय किस’ पर मंदिर के प्रधान पुजारी ने भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “यह निंदनीय कृत्य है। आप होटल के कमरे में जाकर यह सब कर सकते हैं। आपका व्यवहार रामायण और देवी सीता का अपमान करने जैसा है।”


🚩मई 2023

The Kerala Story नसीरुद्दीन शाह के लिए एक प्रोपेगेंडा फिल्म है। नसीरुद्दीन ने कहा, “ऐसा लगता है कि हम नाजी जर्मनी की ओर बढ़ रहे हैं, जहाँ हिटलर के समय में फिल्म निर्माताओं को सर्वोच्च नेता हिटलर द्वारा उस समय के फिल्ममेकर्स को ऐसी फिल्में बनाने के लिए कहा जाता था, जिसमें उसकी तारीफ हो और यहूदियों को नीचा दिखाया जाए। ये खतरनाक चलन है।”

अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर निशाना साधा। कमल हासन ने सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म को प्रोपेगेंडा फिल्म करार दिया। उन्होंने कहा, “सिर्फ ‘सच्ची कहानी’ लिख देना पर्याप्त नहीं होता। कहानी वास्तव में सच होनी चाहिए और ये (फिल्म) सच नहीं है।”

फिल्म ‘द क्रिएटर- सृजनहार’ के खिलाफ बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। बजरंग दल कार्यकर्ता हिरेन रबारी ने कहा, “यह फिल्म हमारे बच्चों को भारतीय संस्कृति से खुद को अलग करने और लव जिहाद के जाल में फँसने के लिए उकसाती है। फिल्म में युवाओं को माता-पिता से दूर रहकर गैर-धर्म के लोगों के साथ प्यार करने की सीख दी गई है।”


🚩सोनाक्षी सिन्हा और विजय वर्मा की एक वेब सीरीज है ‘दहाड़’। इसमें दिखाया गया है कि ‘ठाकुरों की लड़की’ एक मुस्लिम लड़के के साथ भाग जाती है और हिन्दू संगठन पुलिस के कामकाज में बाधा डालते हैं। हिन्दू कार्यकर्ताओं को उपद्रव करने वाला दिखाया गया है।


🚩हिंदू देवी देवताओं को गाली देकर पैसे कमाने वाले कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को स्टार स्पोर्ट्स पर आईपीएल मैच के दौरान शो होस्ट करने का मौका मिला। स्टार स्पोर्ट्स पर हिंदूफोबिक कॉमेडियन को देखकर सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए। लोग बोले – ‘Jio Cinema’ पर ही देखेंगे।


🚩अप्रैल 2023

‘द कश्मीर फाइल्स’ को जनता का काफी प्यार मिला लेकिन फिल्म के निर्माता अभिषेक अग्रवाल को Filmfare Awards 2023 में आमंत्रित तक नहीं किया गया। जबकि फिल्म को 7 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। और तो और, ‘द कश्मीर फाइल्स’ को एक भी अवॉर्ड नहीं दिया गया।

बॉलीवुड सिंगर और संगीतकार एआर रहमान चेन्नई में हुए एक अवॉर्ड शो पहुँचे। साथ में उनकी बीवी भी थी। इस दौरान एआर रहमान को बीवी सायरा बानो से कहते हुए सुना गया, “हिंदी में मत बोलो, तमिल में बोलो।” ये ऐसे लोग हैं जो पूरे देश को जोड़ने के बजाय भाषा के आधार पर तोड़ने में लगे रहते हैं।


🚩रैपर बादशाह (Badshah) की नई एलबम ‘सनक’ के गाने में अश्लील शब्दों के साथ भगवान भोलेनाथ को जोड़ा गया। गाने के लाइन कुछ इस तरह हैं, “कभी सेक्स तो कभी ज्ञान बाँटता फिरूँ, जो भी जलता है उसकी @##@# फाड़ता फिरूँ, भोलेनाथ के साथ मेरी बनती है…।” इसको लेकर उज्जैन के महाकाल मंदिर के पुजारी सहित कई शिव भक्तों ने आपत्ति जताई।


🚩बॉलीवुड सिंगर मकसूद महमूद अली (लकी अली के नाम से मशहूर) ने कहा, ‘ब्राह्मण’ शब्द ‘अब्राहम’ से लिया गया है। अली ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावे के साथ कहा, “ब्राह्मण’ नाम ‘ब्रह्मा’ से आया है और ‘ब्रह्मा’ शब्द की उत्पत्ति ‘अब्राम’ से हुई है… जिसे अब्राहम या इब्राहिम से लिया गया है।”


🚩मार्च 2023

बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने एक फोटोशूट में लाल रंग के डीप-नेक आउटफिट के साथ माँ लक्ष्मी का नेकलेस पहना। इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा, “यह लाल रंग मुझे कब छोड़ेगा।” इसे देखकर सोशल मीडिया यूजर्स ने तापसी को आड़े हाथों लेकर कहा – “वल्गर फोटो में माँ लक्ष्मी का हार पहनने पर तुम्हें शर्म आनी चाहिए।”


🚩Netflix पर एक वेब सीरीज है, ‘राणा नायडू’ नाम की। इसमें एक किरदार है हिन्दू साधु का। उसका तकिया कलाम ‘अनंत आनंदम्’ है। ‘विजयवाड़ा महाराज’ नाम का ये किरदार मतलब हिंदू साधु बच्चों का यौन शोषण करने वाला होता है। ये और इसके शिष्य बार-बार ‘अनंत आनंदम्’ बोलते हैं। एक दृश्य में तो ‘विजयवाड़ा महाराज’ को गुप्तांग भी मुँह में लेकर अश्लील हरकतें करते हुए दिखाया गया है।


🚩बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने अपने परिवार के साथ होलिका दहन किया। इसके लिए शिल्पा ने अपने घर के अंदर होलिका दहन में बाँस का इस्तेमाल किया। साथ ही जूते पहनकर पूजा की। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उनको जमकर खरी-खोटी सुनाई। किसी ने लिखा कि होलिका कभी भी घर के अंदर नहीं जलाई जाती है। तो किसी ने कहा कि हिंदू धर्म में बाँस जलाना वर्जित है।


🚩फरवरी 2023

बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि अकबर ने कोई अलग मजहब नहीं चलाया। उनके अनुसार इतिहास की किताबों में गलत तथ्य पढ़ाए गए हैं। जबकि ऐसा माना जाता है कि दीन-ए-इलाही के नाम से अकबर ने एक मजहब चलाया था और इसमें इस्लाम का सबसे ज्यादा प्रभाव था।

बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मुगलों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। उनके अनुसार मुगल लूट-मार करने नहीं, बल्कि बसने आए थे। उन्होंने कहा कि अगर मुगल इतने ही बुरे थे तो उनका विरोध करने वाले लोग मुगलों द्वारा बनाई गई स्मारकों जैसे ताजमहल और लाल किले को गिरा क्यों नहीं देते ?


🚩बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर फैज़ फेस्टिवल में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए। ये वही फैज अहमद हैं, जिन्होंने लिखा था, “सब ताज उछाले जाएँगे, सब तख्त गिराए जाएँगे। बस नाम रहेगा अल्लाह का।” भारत मे अक्सर देश विरोधी और हिंदू विरोधी प्रोपगेंडा में इस नज्म का प्रयोग किया जाता है।


🚩सोशल मीडिया की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2012 में रिलीज हुई फिल्म में हिंदू-घृणा से भरा सीन था। इसके लिए 2023 में एक्टर को माफी माँगनी पड़ी। ‘कमाल धमाल मालामाल’ नाम की फिल्म में श्रेयस तलपड़े हिंदुओं के पवित्र धार्मिक प्रतीक ॐ पर पैर रखे हुए थे। वीडियो जब वायरल हुआ तो श्रेयस तलपड़े ने माफी माँगी।


🚩जनवरी 2023

‘राजी’ फिल्म हरिंदर सिक्का की किताब ‘कॉलिंग सहमत’ पर बनाई गई थी। किताब में सहमत तिरंगे को पूजती थीं। मगर मेघना ने फिल्म से तिरंगे को ही निकाल दिया और फिल्म में पाकिस्तान के झंडे दिखाए। इसके अलावा फिल्म से राष्ट्रभक्ति के सीन ही हटा दिए गए, भारतीय एजेंट्स पर सवाल खड़ा किया गया और पाकिस्तानी आर्मी को नर्म दिल दिखाया।

हिंदू घृणा से सनी फिल्म मेकर लीना मणिमेकलई ने अपनी डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर में हिंदुओं की आराध्य देवी माँ काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया। इतनी घटिया हरकत के बावजूद लीना मणिमेकलई ने कहा कि एक रचनात्मक फिल्म मेकर के रूप में उनका इरादा किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाना नहीं था। इसके खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हुई।


🚩शाहरुख़ खान की फिल्म ‘पठान’ के गाने ‘बेशरम रंग’ में दीपिका पादुकोण को भगवा बिकनी में दिखाए जाने के बाद हिन्दू संगठनों ने आपत्ति जताई। इसके बाद मानवी तनेजा नामक एक अभिनेत्री ने वीडियो डाल कर इससे भी घटिया हरकत की। वो वीडियो में ‘भगवा आइसक्रीम’ खाती हुई दिख रही और कह रही, “ये मेरी आइसक्रीम है, इसको मैं चाटूँगी। ये लो भक्त, तुम चाटो। चाटो-चाटो। कोई समस्या है?”


🚩सोनी टीवी ने प्रसिद्ध ‘क्राइम पेट्रोल’ के एक एपिसोड में ‘अहमदाबाद-पुणे मर्डर’ नाम से कार्यक्रम प्रसारित किया। यह एपिसोड श्रद्धा वालकर हत्या का नाट्य रूपांतरण था। लेकिन इस नाट्य रूपांतरण में श्रद्धा और आफताब का धर्म बदलकर दिखाया गया। इसमें श्रद्धा का नाम ईसाई लड़की एना फर्नांडिस रखा गया, जबकि उसकी हत्या करने वाले आफताब का हिंदू नाम मिहिर रखा गया।


🚩जागो हिन्दू जागो ओर अपने सनातन हिन्दू धर्म,साधु-संत ,गीता-रामायण, आश्रम और मंदिरों पर गलत टिप्पणी करने वालों का कड़ा विरोध करो।


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