Tuesday, February 7, 2017

बड़ा खुलासा : ईसाई पादरी सबसे ज्यादा करते है बच्चों का यौन शोषण!!



🚩बड़ा खुलासा : ईसाई पादरी सबसे ज्यादा करते है बच्चों का यौन शोषण!!

🚩जो कैथोलिक चर्च दया, शांति और कल्याण की बात करता है आज उसकी असलियत दुनिया के सामने उजागर ही हो गयी है । 

🚩ऑस्ट्रेलिया में एक जांच के दौरान पता चला है कि #देश के सात प्रतिशत कैथोलिक #पादरी #बच्चों के #यौन #शोषण में #लिप्त रहे हैं ।
बड़ा खुलासा : ईसाई पादरी सबसे ज्यादा करते है बच्चों का यौन शोषण!!


🚩यह अध्ययन 1950 से 2010 के बीच किया गया है । वहीं एक दूसरी जांच के मुताबिक #देश के करीब 40 फीसदी #चर्च पर बच्चों के यौन शोषण के आरोप हैं ।

🚩बच्चों के यौन शोषण से जुड़े मामलों पर नजर रखने वाली #रॉयल कमीशन के पास 1980 से 2015 के बीच करीब 4,500 लोगों ने यौन शोषण होने की शिकायत दर्ज कराई थी ।

🚩यह कमीशन #ऑस्ट्रेलिया में धार्मिक और गैर धार्मिक जगहों पर होने वाले यौन शोषण की जांच करने की सबसे शीर्ष संस्था है ।

🚩सिडनी में कमीशन की मदद करने वाली #वकील गेल फरनेस के मुताबिक यौन शोषण की पीड़ितों की कहानियां काफी अवसाद भरी हैं ।

🚩गेल बताती हैं, "बच्चों की उपेक्षा की गई, उन्हें सजा भी दी गई । आरोपों की जांच नहीं हुई। पादरी आसानी से बच गए । इन चर्चों को उन पादरियों के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया ।"


🚩#गेल के मुताबिक 1980 से 2015 के बीच #ऑस्ट्रेलिया के 1000 कैथोलिक इंस्टीट्यूशनों में 4,444 बच्चों का यौन उत्पीड़न हुआ ।

🚩इन बच्चों की औसत आयु #लड़कियों के लिए 10.5 साल रही है, वहीं लड़कों के लिए 11.5 साल । लेकिन चिंता की बात ये है कि प्रत्येक मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने में औसत 33 साल का वक्त लगा है।

🚩ऑस्ट्रेलिया में #रॉयल कमीशन की स्थापना 2013 में हुई थी । यह स्कूल, स्पोर्ट्स क्लब और धार्मिक संस्थाओं में होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए बनाई गई थी ।

🚩आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नही है जो इस प्रकार के आंकड़े देखने को मिले हों। इससे भी अधिक आंकड़े सामने आये है #ईसाई पादरियों द्वारा बच्चों का यौन शोषण करने के ।

🚩लेकिन इनके ऊपर पुलिस प्रशासन, सरकार और कोर्ट कार्यवाही करने को तैयार नही है क्योंकि #वेटिकन का #विश्वभर में इतना दबदबा है कि किसी भी #मीडिया में #ईसाई पादरियों का कुकर्म नही दिखाया जाता । किसी लोकल अखबार में थोड़ा बहुत आ भी गया तो तुंरत दबा दिया जाता है ।

🚩अधिकतर #भारत की मीडिया विदेशी मालिकों द्वारा संचालित होती है जो केवल #हिन्दू #साधु-संतों को ही #बदनाम करती है किसी #ईसाई पादरी या #मौलवी को नहीं!
 मीडिया की इस काली करतूत से आज कोई समझदार अनजान नहीं!!


🚩चर्च की आड़ में चल रहे यौन शोषण के हजारों मामले पहले भी सामने आ चुके हैं ।

 🚩सन् 1950 से 2002 के काल में #पादरियों के द्वारा किये गये यौन-शोषण के 10,667अपराध दर्ज किये गये । उनमें से 3300 की जाँच पूरी होने के पहले ही वे मर गये । बाकि 7700 में से 6700 पादरियों को अपराधी घोषित किया गया ।

 🚩सन् 2002 में #आयरलैंड के पादरियों के यौन-शोषण के अपराधों के कारण 12 करोड़ 80 लाख डॉलर का दंड चुकाना पड़ा । 

🚩मई 2009 में प्रकाशित #रायन रिपोर्ट के अनुसार 30,000 बच्चों को इन #संस्थाओं में #ईसाई #ननों और #पादरियों द्वारा #प्रताड़ित और #शोषित किया जाता रहा ।

🚩पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने पादरियों द्वारा किये गए इस कुकृत्य के लिए माफी भी माँगी थी ।


🚩विदेश के बुद्धिजीवी फिलॉसफर नित्शे ने लिखा कि मैं #ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है । वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है । इस भयंकर #विष का कोई मारण नहीं । #ईसाईत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है । 

🚩एच.जी.वेल्स ने भी लिखा कि #दुनिया की सबसे बड़ी बुराई है रोमन कैथोलिक चर्च ।  

🚩अमेरिका के तीसरे #राष्ट्रपति थामस जैफरसन ने बताया कि मैंने पचास और साठ वर्षों के बीच #बाइबिल का अध्ययन किया तो तब मैंने यह समझा कि यह किसी पागल का प्रलाप मात्र है । 

🚩अतः हिन्दू सावधान रहें!
#हिन्दू #धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है अगर आपको कोई ईसाई पादरी प्रलोभन देकर धर्मपरिवर्तन करने को बोलता है तो उसको ये आकंड़े दिखाकर वहाँ से तुरन्त भगा दे।
🚩क्योंकि दुनिया को मानवता और कल्याण का पाठ पढ़ाने वाले ईसाई पादरियों की क्रूरता की पोल खुल चुकी है । प्रार्थना करने के नाम से खोले चर्च कुकर्मो की पाठशाला व #सेक्स स्कैंडल का #अड्डा बन गया है । 
        
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Monday, February 6, 2017

महाराणा प्रताप स्मृतिदिन - 7 फरवरी

🚩 राजपूतों की सर्वोच्चता एवं स्वतंत्रता के प्रति दृढ-संकल्पवान वीर शासक एवं महान #देशभक्त #महाराणा_प्रताप का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित है।

🚩#महाराणा प्रताप महान व्यक्ति थे। उनके गुणों के कारण सभी उनका सम्मान करते थे।

महाराणा प्रताप स्मृतिदिन - 7 फरवरी

🚩ज्येष्ठ शुक्ल तीज सम्वत् 9 मई 1540 को #मेवाड़ के राजा उदय सिंह के घर जन्मे उनके #ज्येष्ठ #पुत्र महाराणा प्रताप को बचपन से ही अच्छे संस्कार, #अस्त्र-शस्त्र का #ज्ञान और #धर्म की #रक्षा की प्रेरणा अपने #माता-पिता से मिली।

🚩सादा जीवन और दयालु स्वभाव वाले #महाराणा प्रताप की वीरता और स्वाभिमान तथा #देशभक्ति की भावना से #अकबर भी बहुत प्रभावित हुआ था।

🚩#महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो, लम्बाई 7'5”थी, दो म्यान वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे ।


🚩जब मेवाड़ की सत्ता राणा प्रताप ने संभाली, तब आधा मेवाड़ #मुगलों के अधीन था और शेष मेवाड़ पर अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिये अकबर प्रयासरत था।

🚩#राजस्थान के कई परिवार #अकबर की शक्ति के आगे घुटने टेक चुके थे, किन्तु #महाराणा प्रताप अपने वंश को कायम रखने के लिये संघर्ष करते रहे और अकबर के सामने #आत्मसर्मपण नही किये।

🚩 महाराणा प्रताप ने अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था। अकबर ने महाराणा प्रताप से डरकर उनको समझाने के लिये क्रमश: चार शान्ति दूतों को भेजा।
जलाल खान कोरची (सितम्बर 1572)
मानसिंह (1573)
भगवान दास (सितम्बर–अक्टूबर 1573)
टोडरमल (दिसम्बर 1573)

🚩हल्दीघाटी का युद्ध

यह युद्ध 18 जून 1576 ईस्वी में मेवाड तथा मुगलों के मध्य हुआ था।  हल्दीघाटी युद्ध में 20,0000 राजपूतों को साथ लेकर राणा प्रताप ने अकबर की 80,000 की सेना का सामना किया । यह युद्ध तो केवल एक दिन चला परन्तु इसमें 17,000 लोग मारे गए।

इस युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लड़ने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार थे -हकीम खाँ सूरी।

इस युद्ध में मुगल अकबर सेना का नेतृत्व मानसिंह तथा आसफ खाँ ने किया। इस युद्ध का आँखों देखा वर्णन अब्दुल कादिर बदायूनी ने किया। इस युद्ध को आसफ खाँ ने अप्रत्यक्ष रूप से जेहाद की संज्ञा दी। इस युद्ध में शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को बींदा के झालामान ने अपने प्राणों का बलिदान करके उनके जीवन की रक्षा की । 
वहीं ग्वालियर नरेश 'राजा रामशाह तोमर' भी अपने तीन पुत्रों 'कुँवर शालीवाहन', 'कुँवर भवानी सिंह 'कुँवर प्रताप सिंह' और पौत्र बलभद्र सिंह एवं सैंकडों वीर तोमर राजपूत योद्धाओं समेत चिरनिद्रा में सो गए।

इतिहासकार मानते हैं कि इस युद्ध में कोई विजयी नहीं हुआ। पर देखा जाए तो इस युद्ध में महाराणा प्रताप सिंह विजयी हुए । अकबर की विशाल सेना के सामने मुट्ठीभर राजपूत कितनी देर टिक पाते पर एेसा कुछ नहीं हुआ । ये युद्ध पूरे एक दिन चला ओेैर राजपूतों ने मुगलों के छक्के छुड़ा दिये थे ,सबसे बड़ी बात यह है कि युद्ध आमने-सामने लड़ा गया था। महाराणा की सेना ने मुगल की सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था और मुगल सेना भागने लग गयी थी।

🚩#हल्दीघाटी की मिट्टी का रंग हल्दी की तरह पीला है। यही पर महाराणा प्रताप की सेना ने अकबर की #फौज को नाको चने चबाने मजबूर कर दिया था।

🚩वीर #योद्धा महाराणा प्रताप और #अकबर के बीच हल्दीघाटी में हुए युद्ध के बाद अकबर #मानसिक रूप से बहुत विचलित हो गया था। 

🚩कई दौर में हुए इस युद्ध के बारे में कहा जाता है कि अकबर महाराणा प्रताप के युद्ध कौशल से इतना घबरा गया था कि उसे सपने में महाराणा प्रताप दिखते थे।
अकबर अपने महल में जब वह सोता था तब रात में #नींद में कांपने लगता था । अकबर की हालत देख उसकी #पत्नियां भी घबरा जाती, इस दौरान वह जोर-जोर से महाराणा प्रताप का नाम लेता था।

🚩महाराणा प्रताप के #हल्दीघाटी के युद्ध के बाद का समय पहाड़ों और जंगलों में व्यतीत हुआ। अपनी #पर्वतीय युद्ध नीति के द्वारा उन्होंने अकबर को कई बार मात दी। 

🚩यद्यपि #जंगलो और #पहाड़ों में रहते हुए महाराणा प्रताप को अनेक प्रकार के #कष्टों का सामना करना पड़ा किन्तु उन्होंने अपने आदर्शों को नही छोड़ा ।

🚩हल्दीघाटी के युद्ध में उन्हें भले ही पराजय का सामना करना पड़ा किन्तु हल्दीघाटी युद्ध के बाद अपनी शक्ति को संगठित करके, शत्रु को पुनः चुनौती देना प्रताप की युद्ध नीति का एक अंग था।

🚩महाराणा प्रताप ने #भीलों की शक्ति को पहचान कर उनके अचानक धावा बोलने की कारवाई को समझा और अपनी छापामार युद्ध पद्धति से अनेक बार मुगल सेना को कठिनाइयों में डाला था।

🚩महाराणा प्रताप ने अपनी #स्वतंत्रता का संघर्ष । जीवनपर्यन्त जारी रखा था। वे अपने #शौर्य, उदारता तथा अच्छे गुणों से जनसमुदाय में प्रिय थे। 

🚩महाराणा प्रताप सच्चे क्षत्रिय योद्धा थे, उन्होने अमरसिंह द्वारा पकड़ी गई बेगमों को सम्मानपूर्वक वापस भिजवाकर अपने विशाल #ह्रदय का परिचय दिया।

🚩जंगल-जंगल भटकते हुए तृण-मूल व घास-पात की रोटियों में गुजर-बसर कर #पत्नी व #बच्चे को विकराल परिस्थितियों में अपने साथ रखते हुए भी उन्होंने कभी #धैर्य नहीं खोया। 

🚩पैसे के अभाव में सेना के टूटते हुए #मनोबल को पुनर्जीवित करने के लिए दानवीर भामाशाह ने अपना पूरा खजाना #समर्पित कर दिया। तो भी महाराणा प्रताप ने कहा कि सैन्य आवश्यकताओं के अलावा मुझे आपके खजाने की एक पाई भी नहीं चाहिए। 

🚩सफलता और अवसान

महाराणा ने ई.पू. 1585 में मेवाड़ मुक्ति प्रयत्नों को और भी तेज कर लिया । महाराणा की सेना ने मुगल चौकियां पर आक्रमण शुरू कर दिए और तुरंत ही उदयपुर समेत 36 महत्वपूर्ण स्थानों पर फिर से महाराणा का अधिकार स्थापित हो गया। महाराणा प्रताप ने जिस समय सिंहासन ग्रहण किया , उस समय जितने मेवाड़ की भूमि पर उनका अधिकार था , पूर्ण रूप से उतने ही भूमि भाग पर अब उनकी सत्ता फिर से स्थापित हो गई थी। बारह वर्ष के संघर्ष के बाद भी अकबर उसमें कोई परिवर्तन न कर सका और इस तरह महाराणा प्रताप समय की लंबी अवधि के संघर्ष के बाद मेवाड़ को मुक्त कराने मे सफल रहे और ये समय मेवाड़ के लिए एक स्वर्ण युग साबित हुआ। 

🚩महाराणा प्रताप को स्थापत्य, #कला, #भाषा और साहित्य से भी लगाव था। वे स्वयं विद्वान तथा कवि थे। उनके शासनकाल में अनेक विद्वानो एवं साहित्यकारों को आश्रय प्राप्त था।

🚩अपने शासनकाल में उन्होंने युद्ध में उजड़े गाँवों को पुनः व्यवस्थित किया। नवीन राजधानी चावण्ड को अधिक आकर्षक बनाने का श्रेय महाराणा प्रताप को जाता है। #राजधानी के भवनों पर कुम्भाकालीन स्थापत्य की अमिट छाप देखने को मिलती है। पद्मिनी चरित्र की रचना तथा दुरसा आढा की कविताएं महाराणा प्रताप के युग को आज भी #अमर बनाये हुए हैं।

🚩महाराणा प्रताप में अच्छे सेनानायक के गुणों के साथ-साथ अच्छे व्यस्थापक की विशेषताएँ भी थी। अपने सीमित साधनों से ही अकबर जैसी शक्ति से दीर्घ काल तक टक्कर लेने वाले वीर महाराणा प्रताप के स्वर्गवास पर अकबर भी दुःखी हुआ था। 

🚩 महाराणा प्रताप सिंह के डर से अकबर अपनी राजधानी लाहौर लेकर चला गया और महाराणा के स्वर्ग सिधारने के बाद आगरा ले आया।

🚩अकबर के अनुसार - महाराणा प्रताप के पास साधन सीमित थे, किन्तु फिर भी वो झुके नही, डरे नही।

🚩महाराणा प्रताप के मजबूत इरादों ने अकबर के सेनानायकों के सभी प्रयासों को नाकाम बना दिया। उनके #धैर्य और साहस का ही असर था कि 30 वर्ष के लगातार प्रयास के बावजूद अकबर महाराणा प्रताप को बन्दी न बना सका।

🚩महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय #घोड़ा ‘#चेतक‘ था जिसने अंतिम सांस तक अपने स्वामी का साथ दिया था।

🚩अकबर भी महाराणा प्रताप की अदम्य वीरता, दृढ़साहस और उज्जवल कीर्ति को परास्त न कर सका । आखिरकार शिकार के दौरान लगी चोटों की वजह से महारणा प्रताप का स्वर्गवास 19 जनवरी 1597 (माघ शुक्ल पक्ष एकादशी ) को चावंड में हुआ ।

🚩'एक सच्चे राजपूत, शूरवीर, देशभक्त, योद्धा, मातृभूमि के रखवाले के रूप में महाराणा प्रताप दुनिया में सदैव के लिए अमर हो गए।

🚩महाराणा प्रताप सिंह के मृत्यु पर अकबर की प्रतिक्रिया

महाराणा प्रताप के स्वर्गावसान के वक्त अकबार लाहौर में था महाराणा प्रताप के स्वर्गवास पर अकबर को बहुत ही दुःख हुआ क्योंकि ह्रदय से वो महाराणा प्रताप के गुणों का प्रशंसक था और अकबर जानता था कि महाराणा जैसा वीर कोई नहीं है इस धरती पर। यह समाचार सुन अकबर रहस्यमय तरीके से मौन हो गया और उसकी आँख में आंसू आ गए।

🚩आज भी महाराणा प्रताप का नाम असंख्य भारतीयों के लिये #प्रेरणास्रोत है। राणा प्रताप का स्वाभिमान भारत माता की पूंजी है। वह अजर अमरता के गौरव तथा मानवता के विजय सूर्य है। राणा प्रताप की देशभक्ति, पत्थर की अमिट लकीर है। ऐसे #पराक्रमी भारत माँ के वीर सपूत महाराणा प्रताप को #राष्ट्र का #शत्-शत् नमन।
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Sunday, February 5, 2017

सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने वेलेंटाइन-डे के खिलाफ आवाज़ उठाई


सोशल मीडिया पर उठी आवाज 14 फरवरी को वेलेंटाइन-डे नहीं मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की!!
एक तरफ 14 फरवरी की तैयारी को लेकर #देश-विदेश में #वेलेंटाइन-डे की धूम मची है दूसरी ओर #14 फरवरी निमित्त #मातृ-पितृ पूजन दिवस भी #देश-विदेश में #व्यापक तरीके से मनाना शुरू हो चुका है ।
सोशल मीडिया पर उठी आवाज 14 फरवरी को वेलेंटाइन-डे नहीं मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की!!
आज ऐसा ही एक #नजारा देखने को मिला ट्वीटर पर #WaitingForParentsWorshipDay हैशटैग भारत में टॉप ट्रेंड पर चल रहा था।⒈ #WaitingForParentsWorshipDay
#SCAMHataoBJPLao
#PeoplesManifesto
#NaamShabanaPoster
#Kaabil100CrorePlus

2017/2/5 12:44 IST

इसमें हजारों लोग #ट्वीट के जरिये अपना वक्तव्य रख रहे थे । उनका कहना था कि #14 फरवरी हम वेलेंटाइन-डे नही मनाएंगे बल्कि हम मात-पिता का पूजन करके #मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाएंगे ।
आइये देखे क्या कहते हैं ये लोग...!!

1.रेखा वर्मा लिखती है कि वर्तमान समय में जब पश्चिमी सभ्यता #बच्चों पर हावी हो रही,ऐसे पर्वों की जरुरत है। इसी कारण #WaitingForParentsWorshipDay

धनंजय ने लिखा कि Asaram Bapu Ji ने वेलेंटाइन डे की जगह #मातृ पितृ पूजन दिवस शुरू कर के #मानवजाति के भले के लिए काम किया है

सोनिया थावाणी लिखती है कि जो #माता पिता का नही वो और किसी रिश्ते का नही हो सकता. #समाज में अपना भरोसा कायम करें. मनाएं 14thFeb MPPD #WaitingForParentsWorshipDay
जो माता पिता का नही वो और किसी रिश्ते का नही हो सकता. समाज मे अपना भरोसा कायम करें. मनाएं 14thFeb MPPD #WaitingForParentsWorshipDay

वैशाली लिखती है कि #देश की #युवाधन सुरक्षा के लिये Asaram Bapu Ji ने वेलेंटाइन डे की जगह #मातृ-पितृ पूजन दिवस का आवह्वन किया World #WaitingForParentsWorshipDay 
देश की युवाधन सुरक्षा के लिये Asaram Bapu Ji ने वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस का आवह्वन किया World #WaitingForParentsWorshipDay 😊 pic.twitter.com/iVG50lyBae
ध्रुवबघला लिखती हैं कि शास्त्रों में दिया हुआ है कि #माता का गौरव पृथ्वी से अधिक है और पिता का आकाश से श्रेष्ठ..शास्त्रों मे दिया हुआ है की माता का गौरव पृथ्वी से अधिक है और पिता का आकाश से श्रेष्ठ.. #WaitingForParentsWorshipDay pic.twitter.com/WFFRT5NRl3

 केतन ने लिखा कि #Asaram Bapu Ji ने #दुनिया को दिया पवित्र प्रेम दिवस मनाने की प्रेरणा।Asaram Bapu Ji ने दुनिया को दिया पवित्र प्रेम दिवस मानाने की प्रेरणा,#WaitingForParentsWorshipDay on 14 Feb pic.twitter.com/22qtjprYUP
प्रियी लिखती हैं कि 14 फरवरी को अपने-अपने घर में अथवा सामूहिक रूप से #विद्यालय में आयोजन कर 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' मनायें14 फरवरी को अपने-अपने घर में अथवा सामूहिक रूप से विद्यालय में आयोजन कर 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' मनायें। #WaitingForParentsWorshipDay
  प्रेम चौधरी ने लिखा कि #संत #आसारामजी #बापू का विकारों के घोर अन्धकार से संयम के प्रकाश की ओर ले जाने वाला अथाह प्रयास!!
राठौड़ ने लिखा कि #धरती पे रूप माँ बाप का, उस विधाता की है पहेचान
आदर स्नेह से पूजन कर के पाएंगे हम उनसे वरदान ।धरती पे रूप माँ बाप का, उस विधाता की है पहेचान
आदर स्नेह से पूजन कर के पाएंगे हम उनसे वरदान #WaitingForParentsWorshipDay


 यहाँ ऊपर कुछ टॉप ट्वीट ही बताई गई हैं । ऐसी हजारों ट्वीट आज हमें देखने को मिली!!

जिसके द्वारा उनका कहना था कि #वेलेंटाइन-डे रूपी राक्षस को मिटाकर हम 14 फरवरी को #संत #आसारामजी #बापू प्रेरित #मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाएंगे!!

गौरतलब है कि #पाश्चात्य संस्कृति को रोकने के लिए #संत #आसारामजी #बापू ने सन् 2006 से 14 फरवरी को 'वैलेंटाइन डे' की जगह ‘मातृ-पितृ पूजन' दिवस मनाना शुरु करवाया था । इसका ऐसा प्रचार हुआ कि मानो ‘वेलेन्टाइन डे को उखाड़ने का ताँडव शुरु हो गया हो । मलेशिया, ईरान, सउदी अरब, इंडोनेशिया,जापान, आदि देशों ने वेलेंटाइन-डे पर प्रतिबंध लगा दिया गया ।

आपको बता दें कि #संत #आसारामजी #बापू प्रेरित ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस विश्वव्यापी हो चुका है जो अभी कई देशों में 14 फरवरी निमित्त मातृ-पितृ कार्यक्रम चल रहे है जिससे ईसाई जगत में बहुत बड़ी खलबली मची है और  ‘वैलेंटाइन डे से जुड़े सप्ताह के दौरान चॉकलेट, फूल, ग्रीटिंग कार्ड आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री के कारोबार में भी अरबो रुपयों का नुकसान हुआ है ।

ऐसे अश्लील सामान आदि बनाने वाली कम्पनियों का भी यही हाल है । यदि इन सभी आंकडों को जोड़ा जाये तो कई अरबों रुपये हो जाते हैं । विदेशी कंपनियों के इतने बडे नुकसान की वजह सिर्फ #संत #आसारामजी #बापू हैं ।बता दे कि #संत #आसाराम जी #बापू के विरुद्ध आज तक कोर्ट को एक भी सबूत नहीं मिला है । पर मीडिया ने भरसक प्रयास किया है इन संत की छवि धूमिल करने का ।

कई हिन्दू संगठनों ने बताया कि हिन्दू संस्कृति के लिए #संत #आसारामजी #बापू ने जो किया वो अतुलनीय और अवर्णनीय है...
यही कारण है कि आज वो जेल में हैं!!
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Saturday, February 4, 2017

इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान सोवियत संघ ने कांग्रेस को पहुंचाया था पैसा : सीआयए

इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान सोवियत संघ ने कांग्रेस को पहुंचाया था पैसा : सीआयए

अमेरिका की खुफिया #एजेंसी #सीआयए के गोपनीय दस्तावेजों के सार्वजनिक होने के बाद चौंकानेवाली #जानकारियां सामने आई हैं। इन दस्तावेजों में कहा गया कि, #सोवियत संघ ने #इंदिरा गांधी सरकार के समय #कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट नेताओं को #पैसा पहुंचाया था।
इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान सोवियत संघ ने कांग्रेस को पहुंचाया था पैसा : सीआयए


 रिपोर्ट में कहा गया है कि इंदिरा गांधी के #कार्यकाल में उनके 40 प्रतिशत सांसदों को सोवियत संघ से #राजनीतिक चंदा मिला था। 2005 में केजीबी (सोवियत रूस की जासूस एजेंसी) के लीक हुए गोपनीय #दस्तावेजों में भी कुछ ऐसी ही जानकारियां सामने आयी थी। #सीआयए की सोवियत संघ के #भारत पर प्रभाव को लेकर दिसंबर 1985 की रिपोर्ट में कहा गया कि सोवियत संघ राजनीतिक दलों और व्यक्तियों को छिपाकर रकम देने के जरिए भारतीय राजनीतिक प्रक्रिया में बड़ी भूमिका रखता है। 

रिपोर्ट के अनुसार ‘इंदिरा गांधी की पिछली #सरकार में कांग्रेस के लगभग 40 प्रतिशत सांसदों को सोवियत संघ से राजनीतिक चंदा मिला था। सोवियत संघ का दूतावास कांग्रेस के नेताओं को छिपकर रकम देने सहित कई खर्चों के लिए बड़ा रिजर्व रखता है !’

इससे पहले केजीबी के एक पूर्व जासूस वासिली मित्रोकिन की 2005 में आई एक किताब में भी इसी तरह के दावे किए गए थे। वासिली सोवियत संघ से हजारों गोपनीय दस्तावेज चुराकर #देश से बाहर ले गए थे। उनमें दावा किया गया था कि #इंदिरा गांधी को कांग्रेस पार्टी के लिए सूटकेसों में भरकर रकम भेजी गई थी और केजीबी ने 1970 के दशक में पूर्व रक्षा मंत्री वी के मेनन के अलावा चार अन्य केंद्रीय #मंत्रियों के #चुनाव प्रचार के लिए फंड दिया था।

इकनॉमिक टाइम्स की #रिपोर्ट के अनुसार, सीआयए के दस्तावेजों में आरोप लगाया गया है कि सोवियत #संघ ने भारतीय कारोबारियों के साथ समझौतों के जरिए कांग्रेस पार्टी को रिश्वत दी थी। इनमें सीपीआय और सीपीएम को भी सोवियत संघ से फंडिंग मिलने की बात कही गई है।

 रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि #सभी राजनेताओं को वित्तीय मदद नहीं दी गई। इसमें ऐसे व्यक्तियों का उल्लेख है जिन्होंने सोवियत संघ के साथ कथित तौर पर व्यवहार किए थे। इनमें इंदिरा गांधी को चुनौती देने की संभावना रखनेवाले एक राजनेता का भी नाम है !

उस समय सीआयए का आकलन था कि #केजीबी की ओर से फंड दिए जाने के कारण बहुत से नेताओं तक सोवियत संघ की पहुंच थी और इससे उसे भारतीय राजनीति को प्रभावित करने में मदद मिली थी। इससे पहले केजीबी के लीक हुए दस्तावेजों में भी भारत को तीसरी दुनिया की सरकारों में केजीबी की घुसपैठ का एक मॉडल बताया गया था। इन दस्तावेजों में सरकार में केजीबी के बहुत से सूत्र होने की बात कही गई थी।

KGB की सच्चाई का वीडियो जरूर देखें

आपको बता दें कि #रूस के कम्युनिस्ट यूरी एक्जेन्ड्रोविच बेज्मेनोव ने KGB का पूरा पोल खोल दिया है उन्होंने बताया है कि #KGB का ज्यादातर काम जासूसी का नहीं था बल्कि दूसरे देशों की सत्ता, व्यवस्था को नष्ट या परिवर्तित करने का था । केजीबी का 15 प्रतिशत समय या पैसा जासूसी में लगता था, बाकी 85 प्रतिशत एक कूटनीतिक चाल से धीरे व चुपके से, सालों-साल की मेहनत द्वारा दूसरे देश में उठा-पटक करके लोगों का ब्रेनवॉश कर उनका मन और विचारधारा बदल के देश की व्यवस्था को नष्ट या मूलभूत रूप से परिवर्तित करने के लिए लगाया जाता था ।

आगे बताया गया कि हमारा बहुत-सा जासूसी का काम पहले उन लोगों की जानकारी इकट्ठा करने में लगता है, जिनका इस्तेमाल हम उस देश के बच्चों की विचारधारा नष्ट कर हमारी विचारधारा थोपने के लिए कर सकते हैं । #इसमें #मीडिया, प्रकाशक, सम्पादक, पत्रकार, एक्टर, अध्यापक,  राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर, संसद सदस्य, व्यापारिक संगठनों के प्रवक्ता इत्यादि लोगों का हम इस्तेमाल करते हैं । 

हम देशवासियो का दिमाग बदलकर ऐसा कर देते हैं कि वे सच्चाई को समझ-बूझ ही न पायें । चाहे आप उनके सामने सारी सच्चाई खोलकर रख दें फिर भी वे अपनी, अपने परिवार, जाति, धर्म तथा अपने देश की रक्षा न कर पायें । 


जैसे #मोहनजोदडो, बेबीलोन, मिश्र आदि की प्राचीन सभ्यताएँ केवल इसलिए ही तहस-नहस हो गयी क्योंकि उनकी शिक्षा, धर्म, संस्कृति और उनका सामाजिक ढाँचा गिरा दिया गया था । 

हम उन्हें महत्त्वपूर्ण पदों पर बैठाते हैं ताकि वे मीडिया और लोकसंचार के जरिये लोगों को हमारी विचारधारा में बहकायें । 

और दूसरे वे जो हमारे खिलाफ हैं । देश को बचाने में लगे है उन्हें हम नष्ट करते हैं ।

कूटनीति के अंतर्गत युवाओं का नैतिक पतन करते हैं, जिसमें #विद्यार्थियों को गलत तथ्य और जानकारी सिखाकर गुमराह किया जाता है । ऐसे में बुद्धिजीवी जैसे प्रोफेसर इत्यादि देश की संस्कृति को नष्ट करने में कठपुतली बन जाते हैं । इनकी गतिविधियाँ धर्म, देश की सरकारी व आर्थिक पद्धति का विनाश करने का हिस्सा हैं और उनकी विनाशकारी गतिविधियाँ विषैली मीठी गोलियों की भाँति होती हैं । उनके गहरे षड्यंत्रों का देश के लोगों को एहसास भी नहीं हो पाता । ऐसे में देश के छुपे हुए शत्रु होते हैं परंतु शत्रु जैसे नजर ही नहीं आते इसलिए वे धीरे-धीरे देश को अंदर से खोखला कर देते हैं । ऐसा देश फिर रेत पर बने महल की तरह किसी भी समय गिरकर उसकी छत के नीचे सोनेवालों की कब्र बन जाता है । 

अब आप समझ गये होंगे कि #कांग्रेस द्वारा #देश को #तोड़ने का कितना गहरा षड्यंत्र था जो देश की दिव्य संस्कृति मिटाने में लगे थे ।

आज #भारत के हितचिंतकों व देशप्रेमी जनता को जागने तथा #सावधान होने की जरूरत है । यह #षड्यंत्र हमारे देश में बहुत तेजी से चल रहा है । 

भारत के युवाओं की विचारधारा को दैवी, सबल व #भारतीय संस्कारों से ओत-प्रोत बनाने का काम जो #संत कर रहे हैं, आज उन्हींके चरित्र पर लांछन लगाकर उनको जेल भेजकर #विदेशी कूटनीतिक षड्यंत्र द्वारा भारत की युवा पीढी को खोखला व गुलाम बनाया जा रहा है । 

अतः हम सभीको सजग व एकजुट हो के इस #षड्यंत्र को विफल करना होगा । यह हर एक #भारतीय का #कर्तव्य है । #इन विदेशी ताकतों को अपने देश से उखाड़ के फेंक देना होगा।

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Friday, February 3, 2017

भारत में हिदुओं के लिए खतरे की घंटी,बढ़ रहे हैं ईसाई राज्य..!!

भारत में हिदुओं के लिए खतरे की घंटी,बढ़ रहे हैं ईसाई राज्य..!!

भारत में बने सबसे बड़े ईसाई राज्य !!

धर्मांतरण के कारण स्वातंत्र्य पूर्व कालावधी में केवल 200 ईसाई होनेवाली नागभूमि (नागालैंड) अब बन गया है देश का सबसे बड़ा ईसाई राज्य !

वर्ष 1947 में नागभूमि में केवल 200 ईसाई थे। अब वह देश के सबसे बड़े ईसाई राज्य के रूप में सामने आया है।
Alarming condition of Hindus in India christian population is increasing by alarming rate

 वर्ष 2001 की जनगणनानुसार वहां के 90.02 प्रतिशत अर्थात 17 लाख 90 हजार 349 नागरिक ईसाई हैं। उनमें से 5 प्रतिशत से अधिक ईसाई बाप्टिस्ट चर्च से संबंधित रहने के कारण पूरे विश्व के बाप्टिस्टों का एकमात्र प्रमुख राज्य इस रूप में प्रसिद्ध है। नागभूमि में अब केवल 7.7 प्रतिशत हिन्दू शेष बचे हैं ।

नागभूमि के साथ दूसरा बड़ा ईसाई राज्य बना मिजोरम !!

ईसाई मिशनरियों द्वारा किए गए आक्रमक धर्मप्रसार के कारण मिजोरम का 90 प्रतिशत से अधिक समाज ईसाई बन गया है। प्रेसबायटेरियन नामक वहां के ईसाई समाज का प्रमुख पंथ है। अन्य ईसाई चर्चों का भी राज्य में बडा महत्त्वपूर्ण स्थान है ।

भारत में ईसाईबहुल हुआ तृतीय राज्य मेघालय!!

स्वातंत्र्य के पश्चात मेघालय राज्य भी ईसाईयों द्वारा किए गए धर्मांतरण के कारण ईसाईबहुल हुआ है। 2001 की जनगणनानुसार वहां की लोकसंख्या में ईसाईयों की मात्रा 70.3 प्रतिशत है। यहां के हिन्दुओं की लोकसंख्या अब केवल 13.3 प्रतिशत बची है। मेघालय की सभी शासकीय समाज कल्याण योजनाओं का चलन ईसाई संघटनों के माध्यम से ही आयोजित किया जाता है ।

शिलाँग (मेघालय) में ईसाईयों के दबाव के कारण हिन्दुत्व का कार्य प्रकट रूप में करने पर निर्बंध ।

मेघालय में ईसाईयों के दबाव के कारण हिन्दुत्व का कार्य प्रकट रूप से करने पर निर्बंध आता है। वहां हुए ईसाईकरण के कारण खुले आम गोहत्या की जाती है। सड़क पर ही खुले में गोमांस का विक्रय किया जाता है। यह बात हिन्दुओं को असहनीय हो रही है; किंतु राजनेता तथा प्रशासन हिन्दुओं की भावनाओं की ओर अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे हर बात की ओर शासन अनदेखा कर रहा है। हिन्दुओं को बताया जा रहा है कि आप स्थानीय निवासी (नॉन-ट्रायबल) नहीं हो !

ईसाई पाठशालाओं के माध्यम से मणिपुर का ईसाईकरण की ओर हो रहा मार्गक्रमण !

मणिपुर राज्य में ईसाईकरण हेतु मिशनरियों ने ईसाई पाठशालाएं आरंभ की हैं। इसका दृश्य फलस्वरूप अर्थात मणिपुर में 34 प्रतिशत लोग ईसाई हुए हैं। मइताय जमाती के लोगों ने धर्मपरिवर्तन किया है। मणिपुरी भाषा के साहित्य में केवल बाईबल तथा ईसाईयों से संबंधित पुस्तकें हैं !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

इसी राज्य में ही ईसाई धर्मांतरण की बहुलता है ऐसी बात नही है केलर, कर्नाटक , आंध्रप्रदेश आदि दक्षिण राज्यों में तेजी से ईसाई धर्मान्तरण हो रहा है और वहाँ काफी हिंदुओं को प्रलोभन देकर ईसाई बना दिया गया है ।

केवल दक्षिण भारत की ही बात है ऐसा नही है, पूरे देश में ईसाई मिशनरियां बड़ी तेजी से काम कर रही हैं झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्ली आदि में भी बड़ी तेजी से ईसाई जगत काम कर रहा है हिन्दू धर्म के भगवान, देवी देवता, हिन्दू संतों एवं हिन्दू संस्कृति की निंदा करके और यीशु ही भगवान है ऐसा बोलकर एवं दवाई, पैसा, शादी, मकान आदि का प्रलोभन देकर हिंदुओं को ईसाई बनाया जा रहा है ।

हिन्दू राष्ट्र को देखते ही देखते ईसाई राष्ट्र बनाया जा रहा है और हिन्दू चुप-चाप मौन होते देख रहे हैं।

एक तरफ मुस्लिम समाज के आतंक से हिन्दू अपने ही शहरों से पलायन कर रहे है दूसरी ओर ईसाई हिन्दू संस्कृति का अपमान कर एवं लालच देकर हिंदुओं को तेजी से धर्मान्तरित कर रहे हैं ।

आपने देखा कि नागालैंड में केवल 200 ईसाई थे आज वहाँ 93% ईसाई बन गए हैं ऐसे ही भारत के अन्य राज्यों में भी हो रहा है उसको रोकने के लिए कई हिंदुत्व निष्ठ हस्तियाँ आगे आई लेकिन ईसाई मिशनरियों का देश की राजनीति एवं मीडिया में बढ़ते दब-दबे के कारण कट्टर हिंदुत्वनिष्ठ लोगों को मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर झूठे आरोप लगा जेल भिजवाया गया या तो उनकी हत्या करवा दी गई ।

जैसे कि कांचीकाम कोटि पीठ के जयेन्द्र सरस्वती जी, स्वामी नित्यानंद जी, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी असीमानंद, स्वामी अवधेशानंद जी, संत आसारामजी बापू, श्री नारायण साँई, श्री धनंजय देसाई को जेल भिजवाया गया और लक्ष्मणानंद जी आदि की हत्या करवा दी गई । 

इन हिन्दू संतों ने जो हिन्दू धर्मपरिवर्तन कर चुके थे ऐसे लाखों हिन्दुओं की घरवापसी करवाई।

अगर अभी भी हिन्दू नहीं जगा तो एक के बाद एक हिन्दू धर्म में निष्ठा रखने वाले को जेल भेजा जायेगा या हत्या करवा दी जायेगी और हिंदुओं की धर्मान्तरित होने पर मजबूर किया जायेगा।


हिंदुस्तानी सतर्क रहें!
 सावधान रहें!

अपनी संस्कृति एवं देश को तोड़ने वाली ताकतों का सामना करे । हमेशा हिन्दू भाई-बहनों, साधु-संतों का समर्थन करें ,उनके साथ हो रहे अन्याय पर आवाज उठायें । आपसी घरेलू छोटे-मोटे मतभेदों को भुलाकर अपने इस देश के लिए एकजुट रहें ।