Saturday, April 22, 2017

अन्नदाताओं' ने पिया पेशाब, आगे मल खाने की धमकी, कब होगी किसानों की सुनवाई?

🚩अन्नदाताओं' ने पिया पेशाब, आगे मल खाने की धमकी, कब होगी किसानों की सुनवाई?

🚩तमिलनाडु में भारी सूखे की मार और कर्ज के बोझ के तले दबे करीब 100 किसान दिल्ली में जंतर मंतर  पर 38 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसमें #महिलाएं भी शामिल हैं। और सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिये प्रदर्शनकारी विरोध प्रदर्शन के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं । विरोध प्रदर्शन करते रहे तमिलनाडु के किसानों का धैर्य शायद अब जवाब दे चुका है। 
curruption farmer dying

🚩सबसे पहले किसानों ने नर खोपड़ियों के साथ प्रदर्शन किया।  उनके दावे के अनुसार, ये खोपड़ियाँ #आत्महत्या करने वाले किसानों की हैं ।

🚩किसानों का दावा है कि पिछले साल तमिलनाडु में कर्ज के बोझ तले दबे 400 किसानों ने #आत्महत्याएँ की ।

🚩सूखे के कारण पूरे राज्य में खेती पर बहुत असर पड़ा है । जिन किसानों ने ऋण लिए उनके लिए इसे चुका पाना भारी पड़ रहा है ।

🚩किसानों ने शनिवार को अपना विरोध जताने के लिए #पेशाब पिया। किसान जंतर-मंतर में प्लास्टिक की बोतलों में एकत्रित मूत्र के साथ सामने आए।  #किसानों ने अब रविवार को मानव मल खाकर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। गौरतलब है, तमिलनाडु के किसान केंद्र से कर्जमाफी और वित्तीय सहायता की माँग के साथ धरने पर बैठे हैं। सूखे के कारण उनकी फसल मारी गई है। इन किसानों की माँग है कि सरकार उनके लिए #सूखा राहत पैकेज जारी करे।


🚩नैशनल साउथ इंडियन रिवर लिंकिंग फॉर्मर्स असोसिएशन के राज्य अध्यक्ष पी अय्याकनकु ने कहा, 'तमिलनाडु में पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा और #प्रधानमंत्री मोदी हमारी प्यास को अनदेखा कर रहे हैं।'  ऐसा लगता है कि मोदी सरकार हमें #इंसान ही नहीं समझती है। सरकार और प्रशासन का ध्यान अपनी बदहाली की ओर खींचने के लिए गले में मानव खोपड़ी पहनने से लेकर सड़क पर #सांम्भर-चावल और मरे हुए सांप-चूहे खाकर इन किसानों ने अपना विरोध जाहिर किया। ये किसान निर्वस्त्र भी हो चुके हैं। किसानों ने साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री दफ्तर के सामने सड़क पर न्यूड होकर भी प्रदर्शन किया था।

🚩यह है मामला : #तमिलनाडु के #किसान 38 दिनों से दिल्ली के जंतर - मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये किसान #केंद्र से अपने लोन की माँफी की मांग कर रहे हैं। उन किसानों का कहना है कि उनकी फसल कई बार आए सूखे और चक्रवात में बर्बाद हो चुकी है। किसानों ने उन लोगों को मिलने वाले राहत पैकेज पर भी पुनर्विचार करने के लिए कहा है। किसानों की यह भी मांग है कि उनको अगली साल के लिए बीज खरीदने दिए जाएं और हुए नुकसान की भरपाई की जाए।

🚩किसान अपने अनोखे विरोध प्रदर्शनों से चर्चा में तो आ गए, लेकिन केंद्र #सरकार से किसी तरह का कोई #आश्वासन नहीं हासिल कर पाए हैं ।

🚩 #केंद्र सरकार की ओर से ऋण माँफी की इन किसानों की माँगों को लेकर अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया गया है । किसानों का कहना है कि ज्यादातर #ऋण 50 हजार से लेकर 1 लाख तक रुपये के हैं ।

🚩आपको बता दे कि सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने #तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई है । कोर्ट ने कहा है कि किसानों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है और राज्य सरकार इस मानवीय त्रासदी पर शांत नही बैठ सकती । #सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे परिस्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे । 

🚩चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करने वाले नेताओं को जब वोट मिल जाता है तब जनता का ख्याल ही नही रहता है, कितने किसान #आत्महत्या कर रहे हैं उस पर सरकार का ध्यान क्यो नही जाता है?

🚩जो नेता बोलते रहते हैं कि हमे कानून पर पूरा भरोसा है आज वही #सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी किसानों की बात क्यो नही सुनी जा रही है?


🚩एनसीआरबी के ताजा सर्वे में #चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं!!!


🚩एनसीआरबी के #आँकड़ों के मुताबिक देश-भर में कर्ज न चुका पाने के कारण खुदकुशी करने वाले किसानों में से 80 फीसदी ने बैंकों से कर्ज लिया था ।


🚩एनसीआरबी के #आँकड़ों के मुताबिक 2014 की तुलना में 2015 में किसानों के आत्महत्या करने की दर में 41.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। 1995 से  31 मार्च 2013 तक के आँकड़े बताते हैं कि अब तक 2,96 438 किसानों ने आत्महत्या की है ।


🚩सरकारी सूत्रों के अनुसार 2014 में 5650 और 2015 में 8000 से अधिक मामले सामने आए। 

🚩2014 में देश की जनता ने केंद्र में भाजपा को बहुमत देकर देश की सत्ता सौंपी तो #देश के किसानों और #मजदूरों ने सोचा था कि उनके अच्छे दिन आ सकते हैं।  लेकिन आत्महत्या के आँकड़े देखकर तो लगता है कि सरकार से किसानो को कोई राहत नही मिल पा रही है ।



🚩बैंकों से लिए कर्ज के कारण मरने को मजबूर हो जाता है किसान..!!


🚩गरीब #किसान बैंकों से कर्ज लेकर खेती करता है और जब बेमौसम बरसात, ओले और तेज हवाओ और सूखे से उसकी #फसल नष्ट हो जाती है तो वो कर्ज नहीं चुका पाता है तो बैंक उनसे कर्ज वसूलने के लिए उसके खेतों को नीलाम करके अपना कर्ज वसूलती है। जिसकी वजह से वो आत्महत्या करने को मजबूर हो जाता है। 

🚩एक तरफ #जहाँ #बैंक अमीर डिफाल्टरों के हजारों करोड़ यूँ ही माफ कर देता है और दूसरी तरफ गरीब #किसानों का उतना कर्ज भी माफ नहीं कर पा रही है जो इन डिफाल्टरों का 20 फीसदी भी नहीं होगा।

🚩किसान दिन-रात मेहनत करता है जब फसल लेकर मंडी में आता है तो उसको निराश होना पड़ता है क्योंकि #सिंचाई के पानी, खाद्य, बीज, #कीटनाशक #दवाइयों आदि का पैसा भी फसल की बिक्री से नही निकल पाता है । जो किसान ने कड़ी मेहनत की उसको तो वो गिनता ही नही।

🚩पूर्व सरकार से ही #किसानों का बहुत शोषण होता रहा है । किसानों के बढ़ते संकट का निवारण करने के लिए केंद्र और #राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए।


🚩अब राज्य और #केंद्र सरकार को अन्नदाता किसानों को कर्ज से मुक्त कर देना चाहिए और उनके लिए पानी, #बिजली, बीज, खाद्य, दवाइयाँ आदि सस्ते भाव देकर उनको राहत देनी चाहिये जिससे किसान भी अपना जीवन परिवार के साथ खुशहाली से जी सके ।

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Friday, April 21, 2017

हिमालय से ऊंचा है हमारे जवानों का हौसला, लेकिन कब मिलेगा उनको अधिकार?

🚩हिमालय से ऊंचा है हमारे जवानों का हौसला, लेकिन कब मिलेगा उनको अधिकार?

🚩अभी हाल ही में खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ के सैनिक तेज बहादुर नौकरी से निकाल दिए गए हैं ।
🚩हालांकि रिपोर्ट के अनुसार सही पाया गया था कि जवानों की अधिकतर मौत खराब व अल्प गुणवत्ता वाला भोजन मिलने पर ही हो रही है ।

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🚩अभी एक जगह #श्रीनगर में चुनाव में सैनिक मशीनें लेकर जा रहे थे । उनकी लात घूसों से पिटाई कर रहे थे ।

🚩हाल ही में कश्मीर युवकों द्वारा सैनिकों पर पथराव होने पर एक वीडियो जारी हुआ था जिसमें #कश्मीर युवक को पत्थर बांधकर जीप में घुमाया जा रहा था तो उस कारण जवान पर धारा 302 तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया है।

🚩इन जवानों का हौसला बुलंद करने की जगह गिराया जा रहा है एक तरफ बाहरी दुश्मन और एक तरफ अंदर के दुश्मन दोनों तरफ उनको लड़ाई लड़नी है उसमें केवल राजनीति हो रही है ।

🚩हमारे जवान लेह लद्दाख में माईनस डिग्री में रहकर भी देश की #सुरक्षा कर रहे हैं तभी तो हम चैन से सो पा रहे हैं उन्ही जवानों का मनोबल डाउन किया जा रहा है ।

क्यों ???

🚩राजस्थान में जिस बालू में पापड़ सेक कर खाते है वहाँ पर हमारे जवान देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं आज केवल राजनीति के कारण उनको न अच्छा भोजन #मुहैया करवाया जा रहा है और न ही लड़ने के लिए अच्छी साधन-सामग्री दी जा रही है और बड़ी बात तो यह है कि दुश्मन के सामने आने पर भी बिना ऑडर के गोली भी नही चला सकते भले उनकी जान भी चली जाए ।

🚩अफसर उनको #गुलाम बनाकर रखते हैं घर का काम करवाना, बच्चे की देखभाल करवाना, कुत्ते को घुमाना आदि काम करवाया जाता है ।

🚩चीन के बॉडर पर जवानों का हाल सुनकर रोंगटे खड़े हो जायेंगे ।

🚩उत्तराखंड के रिमखिम और लपथल वो इलाके हैं जहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं है। यहां हेलीकॉप्टर से ही आवा-जाही हो सकती है। भारत-चीन सीमा से लगते इस इलाके में अभी तक टीवी के कैमरे नहीं पहुंच सके थे । फिर भी हमारे देश के जाबांज जवान किसी भी #चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मुस्तैद हैं।

🚩रिमखिम/लपथल से बाराहोती सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है । बाड़ाहोती #भारत-चीन सीमा पर मौजूद विवादित क्षेत्र है। यहां बीते 10 साल में चीन 60 से 70 बार घुसपैठ कर चुका है। इस क्षेत्र में इन दिनों भी #तापमान माइनस में है। बाड़ाहोती मे 80 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चारागाह फैला है। यहां चीन अपने चरवाहे भेजकर क्षेत्र पर दावा जताने की कोशिश करता रहता है।

🚩भारत के गृह राज्य मंत्री किरन #रिजिजू ऐसे वक्त में इस क्षेत्र के दौरे पर गए थे जब चीन ने दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की हालिया यात्रा पर सवाल उठाए हैं। 

आपको बता दें कि ये वही इलाका है जहां बीते साल चीनी सैनिकों ने हमारे राजस्व अधिकारियों को 'गो बैक, गो बैक' कहने की हिमाकत की थी।

🚩समुद्र तल से 14000 से 15000 फीट की ऊचाई वाले इस क्षेत्र में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के #जवान दिन-रात देश की ड्यूटी में तैनात हैं। ये ऐसा क्षेत्र है जहां ऑक्सीजन की कमी का भी जवानों को सामना करना पड़ता है। यहां तैनात जवानों के लिए स्नो स्कूटर बड़ा सहारा है।

🚩जोशीमठ से #हेलीकॉप्टर के जरिए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ इस इलाके में पहुंचते हुए नीचे पहाड़ों के बीच संकरी घाटियों को देखना अपने आप में ही अनोखा अनुभव था। इलाके की दुर्गमता खुद ही बताती है कि यहां तैनात हमारे #जवानों को किन कठिन हालात में रहना पड़ता है।  बर्फीले तूफान आने का यहां खतरा बना रहता है। 15000 फीट की ऊंचाई पर हवा के कम दबाव की वजह से हेलीकॉप्टर को बंद नहीं किया जा सकता। यहां इसीलिए 15 मिनट तक ही हेलीकॉप्टर रुका।

🚩इस क्षेत्र में एक समाधि को देखकर किसी को भी हैरानी हो सकती है। लेकिन 'बड़े भाई की समाधि' के तौर पर जानी जाने वाली इस जगह पर जवानों का अटूट विश्वास है। उनका मानना है कि #प्राकृतिक आपदा जैसे मुश्किल हालात में आज भी 'बड़े भाई' उनकी हिफाजत करते हैं। इस समाधि के बारे में बताया गया कि कुछ साल पहले यहां सेना के कुछ जवान बर्फीले तूफान में दब गए थे।

🚩 #ऑक्सीजन की कमी की वजह से यहां बोलने में भी परेशानी होती है, लेकिन जवान हर तरह के हालात का सामना करने के लिए अभ्यस्त हैं। रिजिजू पहले मंत्री हैं जिन्होंने यहां पहुंच कर जवानों की इस तरह हौसला अफजाई की। वहाँ मौजूद बड़े चारागाह में बीते साल भी चीनी सैनिक घुस आए थे। चीनी सैनिक जब भी ऐसा दुस्साहस दिखाते हैं तो आईटीबीपी के जवान लाल रंग के ये पोस्टर दिखाकर उन्हें वापस जाने के लिए चेताते हैं। इन पोस्टरों पर #चीनी और #अंग्रेजी भाषा में लिखा रहता है- "गो बैक, गो बैक"

🚩आईटीबीपी के आईजी. जी. एस गुराया और डीआईजी जी. एस .चौहान ने इस पूरे क्षेत्र की विस्तार से जानकारी देने के साथ जवानों के अदम्य हौसले के बारे में भी बताया। यहां जवान अभी टीन के बने घरों में रहते हैं, आने वाले समय में यहां #इंटीग्रेटेड बीओपी बनाने की योजना है। यहां जवानों के लिए कई महीनों का राशन डंप रहता है। रोशनी के लिए सोलर पैनल और जेनेरेटर का इस्तेमाल होता है। यहां एक चट्टान पर आईटीबीपी के जवानों ने लिख रखा है- 'मेरा #भारत महान' जो दूर से ही नजर आता है।

🚩चीन ने हाल में ही की घुसपैठ
उत्तराखंड में यहां चीन से 350 किलोमीटर लंबी सीमा लगी हुई है। आमतौर से यहां शांति बनी रहती है। लेकिन #चीनी #सैनिकों की ओर से जब भी घुसपैठ की कोशिश होती है तो चमोली के स्थानीय लोग और यहां तैनात अर्द्धसुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से उसे नाकाम बनाते हैं। पिछले एक सप्ताह में ही बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों ने तीन बार सीमा का उल्लंघन किया।

🚩19 जुलाई 2016 : चमोली प्रशासन टीम का चीनी सैनिकों से सामना
चमोली जिला प्रशासन की टीम बाड़ाहोती क्षेत्र में लैंड रिकॉर्ड के रूटीन निरीक्षण पर गई थी। एसडीएम योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में चमोली जिला प्रशासन की 19 सदस्यीय टीम सुमना पोस्ट तक पहुंची। होतीगाड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन की टीम अपने वाहन वहीं छोड़, सेना के वाहन से रिमखिम चौकी पहुंची। वहां सीमा क्षेत्र में करीब आठ किमी की दूरी पर पहले से चीन सैनिकों को मौजूद देख #प्रशासन की राजस्व टीम चौंक गई। राजस्व टीम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक सीमा के भीतर कैंप कर रहे थे। जैसे ही चीनी सैनिकों ने भारतीय दल को देखा तो दूर से ही इशारा कर लौट जाने को कहा। इसके बाद चमोली प्रशासन ने लौट कर वहां तैनात आईटीबीपी के दल को पूरी जानकारी दी।

🚩22 जुलाई 2016 : भारतीय जवान और चीनी सैनिक आमने सामने
चमोली जिला प्रशासन की राजस्व टीम लौटने के बाद 22 जुलाई को भारतीय जवानों के साथ चीनी सैनिकों का आमना-सामना हुआ। सूत्रों ने बताया कि बाड़ाहोती के बुग्याल में करीब 38 मिनट तक एक दूसरे के पीछे हटने और वहां से चले जाने को लेकर बहस हुई। 38 मिनट की बहस के बाद फिर दोनों पक्ष वहां से लौट गए । बहस के दौरान भारतीय जवान सादी वर्दी में थे और उनके पास हथियार भी नहीं थे।

🚩आईटीबीपी ने #गृह_मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी..

सूत्रों के मुताबिक #आईटीबीपी के डीजी ने गृह मंत्रालय को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके मुताबिक बाड़ाहोती में तुनजुन-ला पास तक 200 मीटर अंदर चीनी सैनिक घुस आए थे। 22 जुलाई को ही चीनी सैनिक वापस लौट गए थे।

🚩25 जुलाई 2016 : भारतीय एयरस्पेस का उल्लंघन

सूत्रों के मुताबिक 25 जुलाई को असैन्य जोन में चीनी सैनिकों का जमावड़ा देखा गया। इसी दिन चीनी #सैनिकों ने एयर स्पेस का उल्लंघन भी किया। करीब दस मिनट तक चीन का हेलीकाप्टर भारतीय एयरस्पेस में उड़ान भरता रहा। (स्त्रोत्र : आजतक)

🚩अब हमारे जवान इतनी कठिनाई सहकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं तभी 125 करोड़ देशवासी चैन से सो पा रहे हैं अब उन सैनिको को ही अधिकार नही दिया जायेगा तो  किसको दिया जाएगा?

🚩अब हमारे जवानों से #ऑफिसर के घरों का काम करना, खाना अच्छी गुणवत्ता वाला नही देना, उसके लिए कोई आवाज उठाये तो उनको निकाल देना, #देशद्रोहियों पर कार्यवाही करने पर मुकद्दमे दर्ज करना, #दुश्मनों पर गोली मारने का अधिकार नही देना ये कब तक चलेगा?

🚩अब हमारे #जवानों को अच्छी व्यवस्था मुहैया करना और पूर्ण अधिकार देना ही देश की सुरक्षा के लिए हितावह है । उनका मनोबल डाउन करना देश के लिए खतरा है ।

🚩जय हिंद!!