Friday, April 21, 2017

हिमालय से ऊंचा है हमारे जवानों का हौसला, लेकिन कब मिलेगा उनको अधिकार?

🚩हिमालय से ऊंचा है हमारे जवानों का हौसला, लेकिन कब मिलेगा उनको अधिकार?

🚩अभी हाल ही में खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ के सैनिक तेज बहादुर नौकरी से निकाल दिए गए हैं ।
🚩हालांकि रिपोर्ट के अनुसार सही पाया गया था कि जवानों की अधिकतर मौत खराब व अल्प गुणवत्ता वाला भोजन मिलने पर ही हो रही है ।

 the-courage-of-our-soldiers-Higher-than-the-Himalayas-but-when-will-they-get-the-right
🚩अभी एक जगह #श्रीनगर में चुनाव में सैनिक मशीनें लेकर जा रहे थे । उनकी लात घूसों से पिटाई कर रहे थे ।

🚩हाल ही में कश्मीर युवकों द्वारा सैनिकों पर पथराव होने पर एक वीडियो जारी हुआ था जिसमें #कश्मीर युवक को पत्थर बांधकर जीप में घुमाया जा रहा था तो उस कारण जवान पर धारा 302 तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया है।

🚩इन जवानों का हौसला बुलंद करने की जगह गिराया जा रहा है एक तरफ बाहरी दुश्मन और एक तरफ अंदर के दुश्मन दोनों तरफ उनको लड़ाई लड़नी है उसमें केवल राजनीति हो रही है ।

🚩हमारे जवान लेह लद्दाख में माईनस डिग्री में रहकर भी देश की #सुरक्षा कर रहे हैं तभी तो हम चैन से सो पा रहे हैं उन्ही जवानों का मनोबल डाउन किया जा रहा है ।

क्यों ???

🚩राजस्थान में जिस बालू में पापड़ सेक कर खाते है वहाँ पर हमारे जवान देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं आज केवल राजनीति के कारण उनको न अच्छा भोजन #मुहैया करवाया जा रहा है और न ही लड़ने के लिए अच्छी साधन-सामग्री दी जा रही है और बड़ी बात तो यह है कि दुश्मन के सामने आने पर भी बिना ऑडर के गोली भी नही चला सकते भले उनकी जान भी चली जाए ।

🚩अफसर उनको #गुलाम बनाकर रखते हैं घर का काम करवाना, बच्चे की देखभाल करवाना, कुत्ते को घुमाना आदि काम करवाया जाता है ।

🚩चीन के बॉडर पर जवानों का हाल सुनकर रोंगटे खड़े हो जायेंगे ।

🚩उत्तराखंड के रिमखिम और लपथल वो इलाके हैं जहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं है। यहां हेलीकॉप्टर से ही आवा-जाही हो सकती है। भारत-चीन सीमा से लगते इस इलाके में अभी तक टीवी के कैमरे नहीं पहुंच सके थे । फिर भी हमारे देश के जाबांज जवान किसी भी #चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मुस्तैद हैं।

🚩रिमखिम/लपथल से बाराहोती सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है । बाड़ाहोती #भारत-चीन सीमा पर मौजूद विवादित क्षेत्र है। यहां बीते 10 साल में चीन 60 से 70 बार घुसपैठ कर चुका है। इस क्षेत्र में इन दिनों भी #तापमान माइनस में है। बाड़ाहोती मे 80 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चारागाह फैला है। यहां चीन अपने चरवाहे भेजकर क्षेत्र पर दावा जताने की कोशिश करता रहता है।

🚩भारत के गृह राज्य मंत्री किरन #रिजिजू ऐसे वक्त में इस क्षेत्र के दौरे पर गए थे जब चीन ने दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की हालिया यात्रा पर सवाल उठाए हैं। 

आपको बता दें कि ये वही इलाका है जहां बीते साल चीनी सैनिकों ने हमारे राजस्व अधिकारियों को 'गो बैक, गो बैक' कहने की हिमाकत की थी।

🚩समुद्र तल से 14000 से 15000 फीट की ऊचाई वाले इस क्षेत्र में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के #जवान दिन-रात देश की ड्यूटी में तैनात हैं। ये ऐसा क्षेत्र है जहां ऑक्सीजन की कमी का भी जवानों को सामना करना पड़ता है। यहां तैनात जवानों के लिए स्नो स्कूटर बड़ा सहारा है।

🚩जोशीमठ से #हेलीकॉप्टर के जरिए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ इस इलाके में पहुंचते हुए नीचे पहाड़ों के बीच संकरी घाटियों को देखना अपने आप में ही अनोखा अनुभव था। इलाके की दुर्गमता खुद ही बताती है कि यहां तैनात हमारे #जवानों को किन कठिन हालात में रहना पड़ता है।  बर्फीले तूफान आने का यहां खतरा बना रहता है। 15000 फीट की ऊंचाई पर हवा के कम दबाव की वजह से हेलीकॉप्टर को बंद नहीं किया जा सकता। यहां इसीलिए 15 मिनट तक ही हेलीकॉप्टर रुका।

🚩इस क्षेत्र में एक समाधि को देखकर किसी को भी हैरानी हो सकती है। लेकिन 'बड़े भाई की समाधि' के तौर पर जानी जाने वाली इस जगह पर जवानों का अटूट विश्वास है। उनका मानना है कि #प्राकृतिक आपदा जैसे मुश्किल हालात में आज भी 'बड़े भाई' उनकी हिफाजत करते हैं। इस समाधि के बारे में बताया गया कि कुछ साल पहले यहां सेना के कुछ जवान बर्फीले तूफान में दब गए थे।

🚩 #ऑक्सीजन की कमी की वजह से यहां बोलने में भी परेशानी होती है, लेकिन जवान हर तरह के हालात का सामना करने के लिए अभ्यस्त हैं। रिजिजू पहले मंत्री हैं जिन्होंने यहां पहुंच कर जवानों की इस तरह हौसला अफजाई की। वहाँ मौजूद बड़े चारागाह में बीते साल भी चीनी सैनिक घुस आए थे। चीनी सैनिक जब भी ऐसा दुस्साहस दिखाते हैं तो आईटीबीपी के जवान लाल रंग के ये पोस्टर दिखाकर उन्हें वापस जाने के लिए चेताते हैं। इन पोस्टरों पर #चीनी और #अंग्रेजी भाषा में लिखा रहता है- "गो बैक, गो बैक"

🚩आईटीबीपी के आईजी. जी. एस गुराया और डीआईजी जी. एस .चौहान ने इस पूरे क्षेत्र की विस्तार से जानकारी देने के साथ जवानों के अदम्य हौसले के बारे में भी बताया। यहां जवान अभी टीन के बने घरों में रहते हैं, आने वाले समय में यहां #इंटीग्रेटेड बीओपी बनाने की योजना है। यहां जवानों के लिए कई महीनों का राशन डंप रहता है। रोशनी के लिए सोलर पैनल और जेनेरेटर का इस्तेमाल होता है। यहां एक चट्टान पर आईटीबीपी के जवानों ने लिख रखा है- 'मेरा #भारत महान' जो दूर से ही नजर आता है।

🚩चीन ने हाल में ही की घुसपैठ
उत्तराखंड में यहां चीन से 350 किलोमीटर लंबी सीमा लगी हुई है। आमतौर से यहां शांति बनी रहती है। लेकिन #चीनी #सैनिकों की ओर से जब भी घुसपैठ की कोशिश होती है तो चमोली के स्थानीय लोग और यहां तैनात अर्द्धसुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से उसे नाकाम बनाते हैं। पिछले एक सप्ताह में ही बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों ने तीन बार सीमा का उल्लंघन किया।

🚩19 जुलाई 2016 : चमोली प्रशासन टीम का चीनी सैनिकों से सामना
चमोली जिला प्रशासन की टीम बाड़ाहोती क्षेत्र में लैंड रिकॉर्ड के रूटीन निरीक्षण पर गई थी। एसडीएम योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में चमोली जिला प्रशासन की 19 सदस्यीय टीम सुमना पोस्ट तक पहुंची। होतीगाड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन की टीम अपने वाहन वहीं छोड़, सेना के वाहन से रिमखिम चौकी पहुंची। वहां सीमा क्षेत्र में करीब आठ किमी की दूरी पर पहले से चीन सैनिकों को मौजूद देख #प्रशासन की राजस्व टीम चौंक गई। राजस्व टीम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक सीमा के भीतर कैंप कर रहे थे। जैसे ही चीनी सैनिकों ने भारतीय दल को देखा तो दूर से ही इशारा कर लौट जाने को कहा। इसके बाद चमोली प्रशासन ने लौट कर वहां तैनात आईटीबीपी के दल को पूरी जानकारी दी।

🚩22 जुलाई 2016 : भारतीय जवान और चीनी सैनिक आमने सामने
चमोली जिला प्रशासन की राजस्व टीम लौटने के बाद 22 जुलाई को भारतीय जवानों के साथ चीनी सैनिकों का आमना-सामना हुआ। सूत्रों ने बताया कि बाड़ाहोती के बुग्याल में करीब 38 मिनट तक एक दूसरे के पीछे हटने और वहां से चले जाने को लेकर बहस हुई। 38 मिनट की बहस के बाद फिर दोनों पक्ष वहां से लौट गए । बहस के दौरान भारतीय जवान सादी वर्दी में थे और उनके पास हथियार भी नहीं थे।

🚩आईटीबीपी ने #गृह_मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी..

सूत्रों के मुताबिक #आईटीबीपी के डीजी ने गृह मंत्रालय को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके मुताबिक बाड़ाहोती में तुनजुन-ला पास तक 200 मीटर अंदर चीनी सैनिक घुस आए थे। 22 जुलाई को ही चीनी सैनिक वापस लौट गए थे।

🚩25 जुलाई 2016 : भारतीय एयरस्पेस का उल्लंघन

सूत्रों के मुताबिक 25 जुलाई को असैन्य जोन में चीनी सैनिकों का जमावड़ा देखा गया। इसी दिन चीनी #सैनिकों ने एयर स्पेस का उल्लंघन भी किया। करीब दस मिनट तक चीन का हेलीकाप्टर भारतीय एयरस्पेस में उड़ान भरता रहा। (स्त्रोत्र : आजतक)

🚩अब हमारे जवान इतनी कठिनाई सहकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं तभी 125 करोड़ देशवासी चैन से सो पा रहे हैं अब उन सैनिको को ही अधिकार नही दिया जायेगा तो  किसको दिया जाएगा?

🚩अब हमारे जवानों से #ऑफिसर के घरों का काम करना, खाना अच्छी गुणवत्ता वाला नही देना, उसके लिए कोई आवाज उठाये तो उनको निकाल देना, #देशद्रोहियों पर कार्यवाही करने पर मुकद्दमे दर्ज करना, #दुश्मनों पर गोली मारने का अधिकार नही देना ये कब तक चलेगा?

🚩अब हमारे #जवानों को अच्छी व्यवस्था मुहैया करना और पूर्ण अधिकार देना ही देश की सुरक्षा के लिए हितावह है । उनका मनोबल डाउन करना देश के लिए खतरा है ।

🚩जय हिंद!!

उच्च न्यायालय आदेश देने के पश्चात भी मस्जिद पर प्रसारित किए जानेवाले अवैध भोंपूओं पर कार्रवाई नहीं !!

क्या मस्जिदों पर दिन में पांच बार बजने वाले भोंपू देश के अधिनियमों से भी श्रेष्ठ हैं ?

मुम्बई के उच्च #न्यायालय ने ध्वनिप्रदूषण करनेवाले अवैध भोंपूओं के विरोध में स्पष्ट आदेश देने के पश्चात भी विश्व में श्रेष्ठ कहलाने वाली मुंबई की #पुलिस यंत्रणा ने किसी भी मस्जिद पर प्रसारित किए जानेवाले अवैध भोंपूओं पर कार्रवाई नहीं की है ।
Add caption

इस संदर्भ में सूचना अधिकार के अंतर्गत प्रश्न पूछने के पश्चात कुर्ला, #मुंबई पुलिस अधिकारियों ने 28 जनवरी 2017 को इस अर्जी का लिखित स्वरूप में उत्तर दिया है। उसमें यह प्रस्तुत किया गया है कि, ‘कायदा-सुव्यवस्था का प्रश्न निर्माण होने की संभावना होने के कारण (अवैध भोंपूओं पर)कार्रवाई नहीं की गई है !’ इस का अर्थ यह होता है कि, क्या न्यायालय के आदेश देने के पश्चात भी अवैध #भोंपूओं पर कार्यवाई करने से पुलिस डरती हैं ? 

वर्ष के 365 दिन #ध्वनिप्रदूषण करने वाले मस्जिदों के भोंपूओं की ओर अनदेखा करने वाली यही पुलिस गणेशोत्सव तथा नवरात्रोत्सव में हिन्दुओं के त्यौहारों के समय लाठी के बल पर हिन्दुओं पर त्वरित याचिका प्रविष्ट करती है।

क्या पुलिस को यह बात स्वीकार है कि, मा. उच्च न्यायालय का आदेश तथा भारत के अधिनियम की अपेक्षा #मस्जिदों पर से बजनेवाले अवैध भोंपू अधिक श्रेष्ठ है ? अतः ‘मस्जिदों पर भोंपूओं द्वारा प्रसारित की जाने वाली तथा जनता की नींद उड़ाने वाली ‘अजान’ एक #गुंडागर्दी ही है’ ।


यह सुविख्यात प्रसिध्द #गायक #सोनू_निगम द्वारा व्यक्त की गई भावना वास्तविक ही है । देश के करोड़ो #हिन्दू नागरिकों की सहनशीलता का अंत शासन अधिक समय तक न देखे’, ऐसी प्रतिक्रिया हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा प्रसारित किए गए प्रसिद्ध पत्रक में कही गई है।

प्रसिद्ध पत्रक में हिन्दू जनजागृति समिति ने यह आवाहन किया है कि, ‘ #तीन तलाक’ के संदर्भ में इस्लाम की स्थापना से शरीयत में होने के कारण उसमें परिवर्तन करने के लिए विरोध करनेवाले मुल्ला मौलावीं को सरकार यह प्रश्न पूछें कि, यदि #इस्लाम की स्थापना के समय ये भोंपुं अस्तित्व में ही नहीं थे, तो उसका आग्रह क्यों किया जाता है ? #मुल्लाओं के मतानुसार इस्लाम यदि अन्य धर्मों के प्रति संवेदना व्यक्त करनेवाला पंथ है, तो देश के अधिनियम की ओर अनदेखा कर रुग्ण, वृद्ध तथा सर्वसाधारण जनता को कष्ट देनेवाले भोंपुओं द्वारा अजान किस लिए दी जाती है ? इससे पूर्व सत्ता में होने वाले कांग्रेस सरकार ने मस्जिदों पर भोंपुओं द्वारा अजान प्रसारित करने के लिए अनुमती देकर यह समस्या का निर्माण किया है !

अब देश में तथा राज्य मे शासन परिवर्तित हुआ है। अतः नए #भाजपा सरकार ने इस लांगूलचालन पर प्रतिबंध डालना चाहिए। यदि चीन की साम्यवादी सरकार इस संदर्भ में कडी भूमिका अपनाती है, तो भाजपा सरकार ने भी अवैध रूप से की जानेवाली यह गुंडागर्दी को प्रतिबंधित करना चाहिए !’ स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

आपको बता दे कि चीन ने पहले मस्जिदों पर से #लाऊड_स्पीकर हटा दिया गया था बाद में नमाज पढ़ने और रोजा रखने पर प्रतिबंध लगाया।  अब #दाढ़ी रखने और महिलाओँ के नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह नियम न मानने वालो पर देशद्रोह का केस चलाया जाता है ।


बता दे की मुस्लिम बाहुल देश इसरायल में लाऊड स्पीकर पर बेन लग रही है और यहाँ #न्यायालय के आदेश होने के बाद भी सरकार रोक नही लगा रही है?

हिंदुओं के लिये तुरन्त कार्यवाही करने वाली #सरकार मुसलमानों द्वारा रास्ते में नमाज पढ़ने पर कई इलाकों में ट्रैफिक जाम होने की समस्या से आम जनता की परेशानी को देखते हुए भी उस पर रोक नही लगा रही, बड़ा आश्चर्य है ।


आपको बता दें कि फ्रांस के #पेरिस में #ISI के हमले के बाद फ्रांस में कई मस्जिदों को ताला लगा दिया था और कई मस्जिदों तोड़ दी गई थी ।

 इन मस्जिदों में #धार्मिक विचारों के प्रचार के नाम पर कट्टरवादी(देश विरोधी)#शिक्षा दी जाती है। कई मस्जिदों पर छापे के दौरान जेहादी #दस्तावेज बरामद किए गए है। जेहादी प्रचार सामग्री मिली ।

फ़्रांस ने तो समझ लिया कि देश को तोड़ने के लिये विदेशी फण्ड से चलने वाली मस्जिदों में आतंकवादी बनने की ट्रेंनिग दी जाती है और देश विरोधी बातें सिखाई जाती है । 

 #देश में #हिंदुओं पर #मुस्लिमों के बढ़ते आतंक की हालत देखकर #भारत_सरकार को फ्रांस चीन, इजरायल से सीख लेनी चाहिए और मुस्लिमों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण करना चाहिये ।

आज लव जिहाद के लिए विदेश से पैसा आता है और #ISIS में जो मुस्लिम #युवक- #युवतियाँ भर्ती होने जाते है उस पर रोक लगनी चाहिए । 

देश को बाहरी #आतंकवादियो से इतना खतरा नही जितना इन जिहादियों से है इसलिए सरकार को जाँच करवानी चाहिए कि विदेशी फंड से जितनी भी मस्जिदें चल रही है उसमें जो देश विरोधी बातें सिखाई जाती है ऐसे  मदरसों और मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए जिससे देश सुरक्षित रहें और सुख शांति बनी रहें ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻

Wednesday, April 19, 2017

हिंदूवादी सरकार आने के बाद भी हिन्दुत्वनिष्ठों पर बरस रहा है कहर

हिंदूवादी सरकार आने के बाद भी हिन्दुत्वनिष्ठों पर बरस रहा है कहर


उत्तर प्रदेश गाजियाबाद में रविवार को हनुमान छठी पर पुलिस द्वारा शोभायात्रा न निकालने देने पर हिन्दूवादी नेता पिंकी चौधरी अपने कार्यालय पहुंच गए थे । जहां पुलिस ने जाकर  बेरहमी से हिन्दू रक्षा दल कार्यकर्ताओ पर #लाठीचार्ज किया एवं उनके वाहनों को क्रेन से उठा लिया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया ।


पुलिस की इस कार्रवाई से महंत यति #नरसिंहानंद_सरस्वती ने सरकार पर आरोप लगाए है कि सरकार के इशारे से #एसपी सिटी सलमान ने कार्यकर्ताओं के कार्यालय आदि को तहस-नहस किया है और #पुलिस ने द्वेष भावनाओं के साथ धाराएं लगाकर जेल भेजा है। 


उन्होंने इस घटना को #हिंदुत्व पर कहर बताया है खास बात ये है कि #भाजपा ने इस मामले में चुप्पी साध ली है ।


यति नरसिंहानंद सरस्वती ने यह भी सवाल उठाया है कि देश में प्रधानमंत्री हिन्दू है और राज्य में मुख्यमंत्री साधु हैं उस प्रदेश में हिंदुओं को आयोजन करने पर पुलिसिया #दमन का शिकार होना पड़ता है ।


पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अपने बयान में कहा कि पुलिस अधिकारी ने भाजपा के इशारे पर हिन्दूवादी नेता पर हमला करवाया और जेल भेज दिया। यति ने कहा कि पुलिस की #हिन्दूवादी नेता पर यह एक सोची समझी साजिश है ताकि पिंकी चौधरी मेयर का चुनाव न लड़ सकें। 


महंत जी ने कहा कि अगर एसपी सिटी का तबादला नहीं किया गया, पिंकी चौधरी को बिना शर्त रिहा नहीं किया गया तो वह #इस्लाम धर्म कबूल करने पर विचार करेंगे क्योंकि #योगी सरकार में #मुसलमान ही सुरक्षित हैं।


आपको बता दें कि अखिल भारतीय संत समाज के राष्ट्रीय संयोजक व सिद्ध पीठ प्रचंड देवी मंदिर डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पिछले करीब दो दशक से पश्चिम यूपी में हिन्दू धर्म व #संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यति ने #हिन्दू #धर्म को बचाने के लिए सरकार से कई बार लड़ाई लड़ी है।


इस मामले में बाबा परमेन्द्र आर्या ने भी नाराजगी जताते हुए बताया कि हिन्दू केवल राजनीति का चारा बनकर ही रह गए हैं । हिन्दू रक्षा दल के #कार्यकर्ताओं का अपमान पूरे हिन्दू समाज का अपमान है ।


कई हिन्दू सांगठनों ने पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर मुस्लिम धर्म अपनाने को व और बड़ा #आंदोलन करने को कहा है ।


अब सवाल उठता है कि जिस देश में हिंदुओं ने अपनी रक्षा के लिए और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए हिन्दूवादी सरकार चुनने में दिन-रात मेहनत की हो उन #हिंदुत्वनिष्ठों को आज अपने ही देश में सुरक्षा नही मिल रही है और मुस्लिम धर्म अपनाने को मजबूर होना पड़ रहा है ।

क्या इसलिए हिंदुओं ने इस सरकार को चुना था..???


कुछ दिन पहले भी यही हुआ था कि #सुदर्शन न्यूज चैनल के चैयरमैन श्री सुरेश चव्हाणके द्वारा अपने कार्यक्रम #बिंदास बोल में उत्तर प्रदेश संभल में आतंकी कनेक्शन का पर्दाफाश करने पर वहाँ के मौलवी ने सुरेश #चव्हाणके की हत्या करने की धमकी दे दी।

सुरेश जी के वहाँ पर जाने से पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया लेकिन मौलवी की गिरफ्तारी नही हुई ।

हिन्दूवादी सरकार को बहुमत देने पर भी हिंदुत्वनिष्ठों पर अत्याचार बन्द क्यों नही हो रहा है..???

ऐसे ही बिना सबूत 44 महीनों से जोधपुर जेल में बन्द हिन्दू संत बापू आसारामजी के हजारों समर्थक जो उनके दर्शन करने आते हैं । उनपर भी पुलिस कई बार द्वेषपूर्ण #लाठीचार्ज करती है ।


कल आपने देखा होगा कि 9000 करोड़ लेकर भाग जाने वाले #विजय माल्या की 13 महीनों के बाद लन्दन में #गिरफ्तारी की गई पर 3 घण्टे में ही उसे जमानत भी मिल गई । 

लेकिन भारत मे कई हिंदुत्वनिष्ठ जेल में बन्द हैं उन पर एक भी आरोप सिद्ध ना होने पर भी जमानत नही मिल पा रही है जैसे कि हिन्दू संत बापू #आसारामजी, #धनंजय देसाई, कर्नल राजपुरोहित आदि कई सामाजिक कार्यकर्ता हिंदुत्व का कार्य करने के कारण जेल में बन्द है। 

और बड़ी बात तो यह है कि अधिकतर हिंदुत्वनिष्ठ भी उनके साथ हो रहे अन्याय पर मौन हैं ।


अगर हिंदुत्वनिष्ठ यूँ ही चुप्पी साधे रहे तो जैसे पहले जयन्द्रे सरस्वती, स्वामी नित्यानंद, साध्वी प्रज्ञा आदि को जिस तरह जेल जाना पड़ा और वर्तमान में भी जिस तरह हिंदुत्वनिष्ठों पर कहर बरस रहा है उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में कोई हिन्दू #संस्कृति के लिए आगे नहीं आएगा !!


अभी भी समय रहते चेत जाओ और हिन्दू #संतों व हिन्दू कार्यकर्ताओं के साथ सरकार द्वारा हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठायें ।

जय हिंद!!

Tuesday, April 18, 2017

भारत में 30,000 से ज्यादा अवैद्य बूचड़खाने,1,707 ही वैध : आरटीआई

🚩भारत में 30,000 से ज्यादा अवैद्य बूचड़खाने,1,707 ही वैध : आरटीआई

🚩उत्तरप्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में अवैध #बूचड़खानों के विरुद्ध मुहिम शुरू किए जाने के बीच आरटीआई से पता चला है कि, देश में केवल 1707 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत #पंजीकृत हैं। 
azaad bharat ,Illegal slaughterhouses

🚩सबसे ज्यादा पंजीकृत बूचड़खाने वाले राज्यों में क्रमश: तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शीर्ष तीन स्थानों पर हैं, जबकि अरुणाचल प्रदेश और चंडीगढ़ समेत आठ राज्यों में एक भी बूचड़खाना पंजीकृत नहीं है। 

🚩मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (#एफएसएसएआई) ने उन्हें ये आंकड़े फूड अनुज्ञाप‍त्रिंग एंड रजिस्ट्रेशन सिस्टम के जरिये उपलब्ध जानकारी के आधार पर प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे सूचना के अधिकार ( आरटीआई) के तहत मुहैया कराए गए इन आंकड़ों की रोशनी में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कितनी बड़ी तादाद में अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं।’

🚩गौड़ की #आरटीआई अर्जी पर भेजे जवाब में एफएसएसएआई के एक अधिकारी ने बताया कि, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दादरा व नगर हवेली, दमन व दीव, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में एक भी बूचड़खाना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत नहीं है। आरटीआई से मिली जानकारी यह चौंकाने वाला खुलासा भी करती है कि, आठों राज्यों में ऐसा एक भी बूचड़खाना नहीं है, जिसने केंद्रीय या राज्यस्तरीय अनुज्ञाप‍त्र ले रखा हो।

🚩एफएसएसएआई ने #आरटीआई के तहत बताया कि, तमिलनाडु में 425, मध्यप्रदेश में 262 और महाराष्ट्र में 249 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं। यानी देश के कुल 55 प्रतिशत पंजीकृत बूचड़खाने इन्हीं तीन राज्यों में चल रहे हैं। उत्तरप्रदेश में 58 बूचड़खाने पंजीकृत हैं, जहां अवैध #पशुवधशालाओं के विरुद्ध नवगठित योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्रवाई चर्चा में है।

🚩आंध्रप्रदेश में 1, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 9, असम में 51, बिहार में 5, छत्तीसगढ़ में 111, देहली में 14, गोवा में 4, गुजरात में 4, हरियाणा में 18, हिमाचल प्रदेश में 82, जम्मू-कश्मीर में 23, झारखंड में 11, कर्नाटक में 30, केरल में 50, लक्षद्वीप में 65, मणिपुर में 4 और मेघालय में 1 बूचड़खाने को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत किया गया है।

🚩ओडिशा में 5, पुडुचेरी में 2, पंजाब में 112, राजस्थान में 84, उत्तराखंड में 22 और पश्चिम बंगाल में पांच #बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं। एफएसएसएआई ने आरटीआई के तहत यह भी बताया कि, देश भर में 162  बूचड़खानों को प्रदेशस्तरीय अनुज्ञाप‍त्र मिले हैं, जबकि 117 #पशुवधशालाओं को #केंद्रीय अनुज्ञाप‍त्र प्राप्त हैं।

🚩इस बीच, पशुहितैषी संगठन पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट आॅफ #एनिमल्स (पेटा) इंडिया की विज्ञप्ति में मोटे आकलन के हवाले से कहा गया है कि, देश में अवैध या गैर अनुज्ञाप‍त्र वाले बूचड़खानों की संख्या 30,000 से ज्यादा है। हालांकि, कई #अनुज्ञाप‍त्र प्राप्त बूचड़खानों में भी पशुओं को बेहद क्रूरतापूर्वक मारा जाता है। पेटा इंडिया ने सभी #राज्यों और #केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि, वे ऐसी पशुवधशालाओं को बंद कराएं जिनके पास उपयुक्त प्राधिकरणों के अनुज्ञाप‍त्र नहीं है और जो कानून द्वारा निषिद्ध तरीकों का उपयोग करती हैं।

🚩अब एक सवाल उठता है कि पहले की सरकार तो निर्दोष #पशु और गौ-हत्या करने में मानती थी पर वर्तमान सरकार जो गौ-हत्या बन्द करवाने और #हिंदुत्ववादी के नाम से चुनकर आई है । फिर भी इतने अवैद्य कत्लखानें क्यो चालू?

🚩वर्तमान #सरकार आने के बाद पहला बजट पास किया गया जिसमें कत्लखाने खोलने के लिए 15 करोड़ सब्सिडी प्रदान की जाती है ।

🚩2014 में  4.8 अरब #डॉलर का बीफ एक्सपोर्ट हुआ था । 2015 में भी भारत, 2.4 मिलियन टन बीफ एक्सपोर्ट कर दुनिया में नंबर वन बन गया। 

🚩#भारत में प्रतिदिन लगभग 50 हजार से अधिक गायें बड़ी बेरहमी से काटी जा रही हैं । 1947 में गोवंश की जहाँ 60 नस्लें थी,वहीं आज उनकी संख्या घटकर 33 ही रह गयी है । हमारी #अर्थव्यवस्था का आधार गाय है और जब तक यह बात हमारी समझ में नहीं आयेगी तबतक भारत की गरीबी मिटनेवाली नहीं है । गोमांस विक्रय जैसे जघन्य पाप के द्वारा दरिद्रता हटेगी नहीं बल्कि बढ़ती चली जायेगी । 

🚩गौवध को रोकें और गोपालन कर #गोमूत्ररूपी विषरहित कीटनाशक तथा गौ दुग्ध का प्रयोग करें । गोवंश का संवर्धन कर देश को मजबूत करें । 
🚩गौमाता हमारे लिए कितनी उपयोगी है। लिंक पर पढ़े

🚩देश का दुर्भाग्य है कि #कसाईघरों के आधुनिकीकरण पर #हजारों #करोड़ खर्च किये जा रहे हैं, मगर गायों के संरक्षण के वास्ते सरकार के खजाने में पैसे नहीं हैं।

🚩अभी जनता की एक ही मांग है कि सरकार जल्द से जल्द #कत्लखानों को बंद करके #गौ-शालाओं में #बजट को निवेश करें जिससे हमारी पवित्र गौ-माता की रक्षा हो और फिर से #भारत #विश्वगुरु पद पर आसीन हो ।