Saturday, August 12, 2017

4 साल से बापू आशारामजी को बेल नही मिलने के पीछे राजनैतिक दलों का हाथ: माँ चेतनानंद

अगस्त 12, 2017

🚩गोवा : सनातन संस्था द्वारा हुए एक कार्यक्रम के दौरान उत्तरप्रदेश, डासना, चंडीदेवी मंदिर सिद्धपीठ 
की महंत यति माँ #चेतनानंद सरस्वती ने एक चैनल में इंटरव्यू देते हुए कई सवाल उठाते हुए कहा कि #सनातन संस्था बहुत ही #पवित्र कार्य कर रही है, इसके माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में लोग सक्रीय हैं सनातन के लिए, उनको एक मंच पर आने का मौका मिल रहा है ।

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🚩ये साधु-संतों का कर्तव्य है, ये समाज का कर्तव्य है कि वो #साधु-संतों #पर होनेवाले इस #कुचक्र को समझे ।

🚩आज पूजनीय आसारामजी बापू को फंसाया गया है, कल मुझे यति (माँ चेतनानंद ) और परसों किसी और को फंसाया जा सकता है ।
ये कुचक्र है उस आध्यात्मिक शक्ति के खिलाफ जो सनातन धर्म को जीवित रखे हुए हैं । 

🚩कोई भी कार्य तभी संभव होगा जब संत समाज आगे आएगा, जब धर्माचार्य आगे आएंगे । तब सरकार को मजबूर होना पड़ेगा और सरकार जब इस बात को मानेगी कि कुचक्र जो चला रहे हैं,सहयोग नहीं कर रहें हैं सनातन धर्म को । उसको सहयोग करने के लिए ही #BJP हिंदूवादी विचार से सत्ता पर पहुँची तो #हिन्दू संतों का #रक्षण करना उनका #कर्तव्य बनता है । लेकिन वो इस कर्तव्य को #नहीं निभा रहे हैं । 


 🚩जिस तरीके से पूजनीय #आसारामजी बापू को #प्रताड़ित किया जा रहा है, उनको जेल में रखा गया है, अभी तक कोई #आरोप सिद्ध नहीं कर पा रहे हैं कोर्ट में । 
मेरा सभी धर्माचार्यो से निवेदन है कि वो उठ कर सामने आए क्योंकि आज अगर पूजनीय आसारामजी बापू हैं तो कल हम में से कोई और होगा..।
 जो RSS है या बजरंग दल है या कोई और है, ये किसी एक संगठन का कार्य नहीं है। हिन्दू संगठनों का जो कार्य है वो बिना संतों के आशीर्वाद के संभव नहीं है.. सत्ता में अगर कोई भी हिंदूवादी पार्टी पहुँचती है तो उसमें सबसे  पहले संत शंखनाद करते हैं इसलिए पहुंचती है । 

 🚩मेरा एक निवेदन है सारे #संगठनों से अगर आप #मौन साक्षी बन रहे हैं तो इसका मतलब आपकी मौन #सहमति है कि उनको (बापू आसारामजी) #प्रताड़ित किया जाएँ । इसका पाप आपको भी अपने सिर पर ढोना पड़ेगा और ये बहुत जल्द होगा ।

🚩इसको हमें बहुत सरल रूप से समझ लेना चाहिए कि ये #अन्याय संतों पर, हिन्दू समाज पर, सनातन संस्कृति पर, ये तब तक होनेवाला है जब तक हम धर्माचार्य अपने मठों को छोड़ कर हर संत के साथ,जिस भी संत पर आपदा आई है उस संत के साथ खड़े नहीं होंगे ।

 🚩ये #अन्याय लगातार होनेवाला है क्योंकि कोई भी #पोलिटिकल वील आज संतों के साथ खड़ी नहीं हुई है । किसी निजी राजनैतिक पार्टी की इच्छा शक्ति ऐसी नहीं है कि वो संतों को #संरक्षण दें ।

🚩जो #लोगों को और #समाज को #गंदा कार्य करने की #प्रेरणा देते हैं उनको #बेल #मिल जाती है आसानी से !! 
जबकि गंभीर #आरोपों में उनके ऊपर #FIR हुई हो लेकिन #बेल मिल गई ।
🚩लेकिन आज पूजनीय #आसारामजी बापू को 4 साल से अभी तक #बेल #नहीं मिल रही है । उसमें कहीं न कहीं #दोहरी #न्यायव्यवस्था है और कहीं न कहीं #राजनैतिक दलों का मैं हाथ मानती हूँ ।

 🚩क्योंकि बहुत सारी चीजें #राजनैतिक दबाव में हैं, बहुत सारी चीजें सामाजिक दबाव में संभव हो पाती हैं । 
#राजनैतिक दबाव में #कोर्ट को #2:30 बजे खोला जा सकता है रात को तो क्या बापूजी को नहीं छोड़ा जा सकता ? 
#बेल तो एक #अधिकार है । 
जब तक अपराध #सिद्ध #न हो जाये । #न्यायप्रणाली की ये व्यवस्था है कि बेल पर छोड़ा जा सकता है । अभी तक अपराध सिद्ध नहीं हुआ तो मैं ये मानती हूँ उनको बेल देनी चाहिए और #दोहरी #न्यायव्यवस्था को बंद करना चाहिए । 

 🚩एक बात मुझे समझ नहीं आई । वयवृद्ध सन्यासी जिनकी आयु 80 वर्ष है उनपर बलात्कार का आरोप ही कैसे लगाया गया ? 

 🚩लेकिन वो बहुत #स्पष्ट है कि जो भी #हिंदूवादी #कार्य करेगा, जो भी #सनातन संस्कृति को #जीवित रखने का कार्य करेगा उसको ये #आरोप #झेलने पड़ेंगे । 

🚩उनको प्रताड़ित कर कहीं इलाज नहीं दिया जा रहा है । मैं इसे प्रताड़ने का एक भाग मानती हूँ । 
शारीरिक व मानसिक प्रताड़ने का एक भाग है कि न्यायव्यवस्था तो ये कहती है कि कोई #बीमार है तो उसका #प्रोपर इलाज कराना कारागार के #अधिकारियों का ये #कर्तव्य है कि उनकी  ट्रीटमेंट हो । 
पर ये प्रताड़ने का भाग बना लिया है । दवाइयां न मिले बीमारी से वो ग्रसित हो जाये,ऐसी उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं ।

🚩मैं सिर्फ ये बापूजी के भक्तों को संदेश नहीं देना चाहती, पूरे सनातन को संदेश देना चाहती हूँ... जो हिन्दू धर्म में विश्वास रखते हैं, जो इस धर्म को जीवित रखना चाहते हैं,मैं उनको ये संदेश देना चाहती हूँ कि किसी भी परिस्थिति में अपने मनोबल को न गिरने दें । क्योंकि आगे का समय बहुत विकट आनेवाला है, बहुत भयानक आनेवाला है अगर किसी भी क्षण मनोबल गिरा तो हमारे बच्चों की बहुत दुर्गति होगी ।

 🚩निश्चित ही मेरा ये विश्वास है कि बहुत जल्द बापूजी हमारे बीच में होंगे । 

🚩देखिये ये सरकार को भी करना चाहिए जितने भी संत हैं,दादाजी हैं, #धनंजय भाई देसाई हैं, #बापूजी हैं, अभी #साध्वी प्रज्ञाजी को छोड़ा गया है 9 साल के बाद । 
आप किसी व्यक्ति को #मानसिक #प्रताड़ना देकर कह दें कि ये दोषी नहीं माने जाते.. तो मैं मानती हूँ कि सरकार को  #BJP को ये मानना चाहिए कि संतों के आशीर्वाद के बिना दोबारा उनका सत्ता में आना संभव नहीं होगा....

🚩साधु-संतों व समाज का कर्तव्य है कि वे हिन्दू संतों पर हो रहे कुचक्र को समझें। 

🚩#Rss जैसे बड़े-बड़े #संगठन अगर आज भी #मौन साक्षी बने रहे तो संत आसारामजी बापू के साथ हो रहे #अन्याय में आप भी #भागीदार होंगे और इस पाप को आपको भी अपने सिर पर ढोना पड़ेगा ।

🚩#राजनैतिक दबाव में कोर्ट को अगर रात 2:30 बजे खोला जा सकता है तो क्यों #80 वर्षीय बापूजी को #जमानत तक #नहीं दी जा सकती ?

🚩BJP को ये मान लेना चाहिए कि संतों के आशीर्वाद के बिना दोबारा उनका सत्ता पर आना संभव नहीं होगा ।

🚩-यति माँ चेतनानंद सरस्वती महंत सिद्धपीठ, चंडीदेवी मंदिर, डासना(उ.प्र.)

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Friday, August 11, 2017

मुलमानों के ल‍िए भारत से बेहतर देश कोई नहीं : शाहनवाज हुसैन

 अगस्त 11, 2017

🚩उपराष्ट्रपति #हामिद अंसारीद्वारा दिए गए अल्पसंख्यकों के वक्तव्य पर भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन का उत्तर

🚩देश के निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को भारतीय जनता पार्टी के मुस्लिम नेता #शाहनवाज हुसैन ने जवाब देते हुए कहा है कि इस दुनिया में मुसलमानों के रहने के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं है और ना ही एक हिन्दू से अच्छा मित्र उन्हें मिल सकता है !
मुलमानों के ल‍िए भारत से बेहतर देश कोई नहीं : शाहनवाज हुसैन

🚩शाहनवाज हुसैन ने ये टिप्पणी निवर्तमान उपराष्ट्रपति के उस बयान में की है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘इस वक्त देश के मुसलमानों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है !’ हामिद अंसारी ने राज्यसभा टीवी को दिये गये अपने आखिरी इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने असहनशीलता का मुद्दा प्रधानमंत्री #नरेंद्र मोदी और उनके #कैबिनेट सहयोगियों के सामने उठाया है। उन्होंने इसे ‘परेशान करनेवाला विचार’ करार दिया कि नागरिकों की भारतीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं !

🚩हामिद अंसारी ने राज्यसभा में भी अपने आखिरी संबोधन में कहा कि लोकतंत्र में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जरूरी है। भारतीय #जनता पार्टी ने हामिद अंसारी के इस बयान को #खारिज कर दिया है। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ‘हिन्दुस्तान मुसलमानों के लिए दुनिया का सबसे बढ़िया देश है, जहां वे अपनी पूरी धार्मिक आजादी के साथ रहते आए हैं !’

🚩बीजेपी नेता #प्रीति गांधी ने भी हामिद अंसारी के इस बयान पर #सवाल उठाया है।

🚩प्रीति गांधी ने कहा है कि ‘जिस हिन्दू बहुल देश में आप सत्ता के सर्वोच्च बिन्दू तक पहुंचे वहां आपको असुरक्षा की भावना महसूस हो रही है, आखिर आपका एजेंडा क्या है ?’ प्रीति गांधी ने ट्वीट किया, ‘10 सालों तक मेरे #हिन्दू बहुल देश ने बाहें फैलाकर आपको #स्वीकार किया, आपको सत्ता के शिखर पर बैठाया, और अब भी आप असहज महसूस करते है ? ’

🚩हामिद अंसारी जी को यह भी बताना चाहिए था कि

🚩1. क्या आज बेचैनी और असुरक्षा की भावना सिर्फ़ मुसलमानों में है या हिन्दुओं में भी है?

🚩2. क्या आम हिन्दू या मुसलमान इतने बेचैन होते, अगर मुस्लिम #तुष्टीकरण और हिन्दू #तुष्टीकरण की राजनीति का ऐसा टकराव नहीं होता?

🚩3. देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर रहते हुए इस राजनीतिक टकराव को टालने के लिए उन्होंने क्या पहल की? या वे महज किसी के रबड़-स्टाम्प बनकर ही कार्य करते रह गए?

🚩4. उनके #राष्ट्रध्वज को सलामी नहीं देने और योग दिवस के कार्यक्रमों से दूर रहने से यह #टकराव बढ़ा कि घटा?

🚩5. उनके व्यवहार से मुसलमानों की छवि उदारवादियों जैसी बनी या कट्टरपंथियों जैसी बनी?

🚩6. दस साल उपराष्ट्रपति रहने के बावजूद उन्होंने मुसलमानों की बेचैनी और असुरक्षा दूर करने के लिए क्या किया, जो आज कुर्सी छोड़ते समय उन्हें उनका ख्याल सताने लगा?

🚩सभी पक्षों की बातें न सुनें और उन्हें समझने का प्रयास नहीं करें.

🚩1. आज हिन्दुओं को भी लगता है कि #इस्लामिक #आतंकवादी कहीं भी कभी भी बेगुनाहों पर हमला करके उनकी जान ले सकते हैं और #सेकुलर लोग कहते रह जाएंगे कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। हर हमले के बाद #आतंकवाद फैलाने के आरोपियों के मानवाधिकार का डंका पीटा जाएगा, किसी के #एनकाउंटर को फ़र्ज़ी ठहराने की कोशिश होगी, किसी को देश का बेटा-बेटी बताया जाएगा, किसी की बरसी मनाई जाएगी, तो किसी के जनाजे में जुलूस निकाला जाएगा।

🚩2. हिन्दुओं के भीतर इस बात की भी बेचैनी है कि धर्म के नाम पर देश का एक विभाजन हो चुका है, इसके बावजूद #अलगाववादी सोच खत्म नहीं हुई है। #कश्मीर, #असम, #पश्चिम बंगाल इत्यादि राज्यों के जिन हिस्सों में #मुसलमान #बहुसंख्यक हैं, वहां #हिन्दुओं के जीने के #हालात बद से #बदतर हैं। उतने बदतर, जितने कि हिन्दू-बहुल इलाकों में मुसलमानों के हालात न कभी हुए, न कभी हो सकते हैं।

🚩3. भारत में मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति हिन्दुओं की इस बेचैनी और असुरक्षा को और बढ़ाती है, क्योंकि उन्हें लगता है कि अन्य धर्मों के दुनिया में अनेकों देश हैं, पर उनके लिए समूची दुनिया में यही एक देश है। अगर यहां की डेमोग्राफी बिगड़ी, तो उनकी अगली पीढ़ियों का हाल कश्मीरी पंडितों जैसा हो सकता है।

🚩बहरहाल, अगर #हामिद अंसारी इस बात की तरफ़ #इशारा करना चाहते हैं कि देश के #मुसलमानों में #असुरक्षा और #बेचैनी का आलम मोदी की वजह से है, तो मोदी को इतना ताकतवर भी उन्हीं लोगों ने बनाया है, जिन्होंने उन्हें मुस्लिम-विरोधी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और हिन्दू-हृदय-हार बना दिया. इसलिए मुझे तो लगता है कि सबसे बड़े मोदी-भक्त वे नहीं हैं, जो तीन साल से उनका गुणगान कर रहे हैं, बल्कि वे थे, जो 2002 से 2014 तक मोदी से शत्रुता निभाते दिखाई दिए.

🚩ज़रा इस बात पर भी गौर करें कि वे मुद्दे कितने बचकाने हैं, जिनके चलते देश में बेचैनी महसूस की जा रही है-

🚩1. ‘वन्दे मातरम’ का मुद्दा : जबकि वे भी #कट्टरपंथी हैं, जो कहते हैं कि #वन्दे मातरम बोलना ही होगा और वे भी कट्टरपंथी हैं, जो कहते हैं कि किसी कीमत पर नहीं बोलेंगे, हमारा धर्म इसकी इजाज़त नहीं देता. कोई दो शब्द बोलने से न देशभक्ति साबित होती है, न धर्म ख़तरे में पड़ता है।

🚩2. योग का मुद्दा  : #योग का #अंध-विरोध करने वाले भी उतने ही ग़लत हैं, जितने कि इसे अनिवार्य बनाने की वकालत करने वाले। योग #स्वास्थ्य के लिए है। इसे धर्म से जोड़कर देखना #मानसिक #दिवालियापन है।

🚩3. गाय का मुद्दा :  खाने की आज़ादी के नाम पर #गोमांस #खाने की #ज़िद रखना भी उतना ही ग़लत है, जितना #गोरक्षा के नाम पर किसी #इंसान के साथ #हिंसा करना।

🚩4. लव जेहाद का मुद्दा: दो #बालिग लोगों को प्रेम करने या #शादी करने से #रोकना अगर गलत है, तो इसकी आड़ में लड़के या लड़की का #धर्म-परिवर्तन कराना भी #गलत है। प्रेम है, तो धर्म-परिवर्तन की ज़रूरत क्यों? अगर धर्म-परिवर्तन की ज़रूरत है, तो प्रेम का ढोंग क्यों?

🚩5. आतंकवाद का मुद्दा :  #हिंसा करने वालों के प्रति #समर्थन या #सहानुभूति रखना भी उतना ही #गलत है, जितना कि हर मुसलमान को आतंकवादी समझ लेना।

🚩लेकिन जब तक इस देश में दो गलत के बीच में से एक को सही ठहराने का चलन समाप्त नहीं होगा, तब तक बेचैनी और असुरक्षा का यह दौर भी ख़त्म नहीं हो सकता। आज सभी को सत्ता चाहिए। सत्य किसी को नहीं चाहिए। अगर हामिद अंसारी जैसे हमारे अभिभावक भी आधा-अधूरा-काना-कुतरा सच ही बोलेंगे, तो सोचिए कि देश किस दिशा में जाएगा !

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