Sunday, August 13, 2017

श्रीकृष्णजन्माष्टमी : 15 अगस्त 2017

स्वार्थी, तामसी, आसुरी प्रकृति के कुकर्मी लोग बढ़ जाते हैं तब भगवान का प्रागट्य होता है

🚩#पृथ्वी आक्रान्त होकर श्रीहरि से अपने त्राण के लिए #प्रार्थना करती है। जो पृथ्वी इन आँखों से दिखती है वह पृथ्वी का #आधिभौतिक स्वरूप है किंतु कभी-कभी #पृथ्वी नारी या #गाय का रूप लेकर आती है वह पृथ्वी का #आधिदैविक स्वरूप है।
janmashtami2017

🚩पृथ्वी से कहा गयाः "इतनी बड़ी-बड़ी इमारतें तुम पर बन गयी हैं इससे तुम पर कितना सारा बोझा बढ़ गया !"तब पृथ्वी ने कहाः "इन इमारतों का कोई बोझा नहीं लगता किंतु जब साधु-संतों और भगवान को भूलकर, सत्कर्मों को भूलकर, सज्जनों को तंग करने वाले विषय-विलासी लोग बढ़ जाते हैं तब मुझ पर बोझा बढ़ जाता है।"

🚩जब-जब पृथ्वी पर इस प्रकार का बोझा बढ़ जाता है, तब तब पृथ्वी अपना बोझा उतारने के लिए भगवान की शरण में जाती है। कंस आदि दुष्टों के पापकर्म बढ़ जाने पर भी पापकर्मों के भार से बोझिल पृथ्वी देवताओं के साथ भगवान के पास गयी और उसने श्रीहरि से प्रार्थना की तब भगवान ने कहाः "हे देवताओ ! पृथ्वी के साथ तुम भी आये हो, धरती के भार को हलका करने की तुम्हारी भी इच्छा है, अतः जाओ, तुम भी वृन्दावन में जाकर गोप-ग्वालों के रूप में अवतरित हो मेरी लीला में सहयोगी बनो। मैं भी समय पाकर #वसुदेव-देवकी के यहाँ अवतार लूँगा।"

🚩वसुदेव-देवकी कोई साधारण मनुष्य नहीं थे। स्वायम्भुव मन्वंतर में वसुदेव 'सुतपा' नाम के #प्रजापति और देवकी उनकी पत्नी 'पृश्नि' थीं। सृष्टि के विस्तार के लिए ब्रह्माजी की आज्ञा मिलने पर उन्होंने भगवान को पाने के लिये बड़ा तप किया था।

🚩#समाज में जब शोषक लोग बढ़ गये, दीन-दुखियों को सताने वाले व चाणूर और मुष्टिक जैसे पहलवानों और दुर्जनों का पोषण करने वाले क्रूर राजा बढ़ गये, समाज त्राहिमाम पुकार उठा, सर्वत्र भय व आशंका का घोर अंधकार छा गया तब भाद्रपद मास (गुजरात-महाराष्ट्र में श्रावण मास) में कृष्ण पक्ष की उस अंधकारमयी अष्टमी, #रोहिणी_नक्षत्र को #कृष्णावतार हुआ। जिस दिन वह निर्गुण, निराकार, अच्युत, माया को वश करने वाले जीवमात्र के परम सुहृद प्रकट हुए वह आज का पावन दिन जन्माष्टमी कहलाता है। उसकी आप सब को बधाई हो....

🚩#श्रीमद्_भागवत में भी आता है कि दुष्ट राक्षस जब राजाओं के रूप में पैदा होने लगे, प्रजा का शोषण करने लगे, भोगवासना-विषयवासना से ग्रस्त होकर दूसरों का शोषण करके भी इन्द्रिय-सुख और अहंकार के पोषण में जब उन राक्षसों का चित्त रम गया, तब उन आसुरी प्रकृति के अमानुषों को हटाने के लिए तथा सात्त्विक भक्तों को आनंद देने के लिए भगवान का अवतार हुआ।

🚩समाज में अव्यवस्था फैलने लगती है, सज्जन लोग पेट भरने में भी कठिनाइयों का सामना करते हैं और दुष्ट लोग शराब-कबाब उड़ाते हैं, कंस, चाणूर, मुष्टिक जैसे दुष्ट बढ़ जाते है और निर्दोष गोप-बाल जैसे अधिक सताये जाते हैं तब उन सताये जाने वालों की संकल्प शक्ति और भावना शक्ति उत्कट होती है और सताने वालों के दुष्कर्मों का फल देने के लिए भगवान का अवतार होता है ।

🚩भगवान अवतरित हुए तब जेल के दरवाजे खुल गये। पहरेदारों को नींद आ गयी। रोकने-टोकने और विघ्न डालने वाले सब निद्राधीन हो गये। जन्म हुआ है जेल में, एकान्त में, #वसुदेव-देवकी के यहाँ और लालन-पालन होता है #नंद-यशोदा के यहाँ। #ब्रह्मसुख का प्राकट्य एक जगह पर होता है और उसका पोषण दूसरी जगह पर होता है। श्रीकृष्ण का प्राकट्य देवकी के यहाँ हुआ है परंतु पोषण यशोदा माँ के वहाँ होता है। 

🚩#श्रीकृष्ण के जीवन में एक महत्त्वपूर्ण बात झलकती है कि बुझे दीयों को प्रकाश देने का कार्य और उलझे हुए दिलों को सुलझाने का काम तो वे करते ही हैं, साथ ही साथ इन कार्यों में आने वाले विघ्नों को, फिर चाहे वह मामा कंस हो या पूतना या शकटासुर-धेनकासुर-अघासुर-बकासुर हो या फिर केशि हो, सबको श्रीकृष्ण किनारे लगा देते हैं।

🚩श्रीमद् भगवदगीता के चौथे अध्याय के सातवें एवं आठवें श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं अपने श्रीमुख से कहते हैं-

🚩यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।

🚩परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।

🚩1.परितृणाय साधुनाः साधु स्वभाव के लोगों का, सज्जन स्वभाववाले लोगों का रक्षण करना।

🚩2. विनाशाय च दुष्कृताम् जब समाज में बहुत स्वार्थी, तामसी, आसुरी प्रकृति के कुकर्मी लोग बढ़ जाते हैं तब उनकी लगाम खींचना।

🚩3.धर्मसंस्थापनार्थायः धर्म की स्थापना करने के लिए अर्थात् अपने स्वजनों को, अपने भक्तों को तथा अपनी ओर आने वालों को अपने स्वरूप का साक्षात्कार हो सके इसका मार्गदर्शन करना।

🚩भगवान के अवतार के समय तो लोग लाभान्वित होते ही हैं किंतु भगवान का दिव्य विग्रह जब अन्तर्धान हो जाता है, उसके बाद भी भगवान के गुण, कर्म और लीलाओं का स्मरण करते-करते हजारों वर्ष बीत जाने के बाद भी मानव समाज लाभ उठाता रहता है।

🚩श्रीकृष्ण #जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है।

🚩एक जन्माष्टमी का व्रत एक हजार एकादशी के बराबर है ।

🚩जो मनुष्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण)

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Saturday, August 12, 2017

4 साल से बापू आशारामजी को बेल नही मिलने के पीछे राजनैतिक दलों का हाथ: माँ चेतनानंद

अगस्त 12, 2017

🚩गोवा : सनातन संस्था द्वारा हुए एक कार्यक्रम के दौरान उत्तरप्रदेश, डासना, चंडीदेवी मंदिर सिद्धपीठ 
की महंत यति माँ #चेतनानंद सरस्वती ने एक चैनल में इंटरव्यू देते हुए कई सवाल उठाते हुए कहा कि #सनातन संस्था बहुत ही #पवित्र कार्य कर रही है, इसके माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में लोग सक्रीय हैं सनातन के लिए, उनको एक मंच पर आने का मौका मिल रहा है ।

Political-parties-hand-over-Bapu-Ashramji-not-receiving-Bell-for-4-years-Mother-Chetanand

🚩ये साधु-संतों का कर्तव्य है, ये समाज का कर्तव्य है कि वो #साधु-संतों #पर होनेवाले इस #कुचक्र को समझे ।

🚩आज पूजनीय आसारामजी बापू को फंसाया गया है, कल मुझे यति (माँ चेतनानंद ) और परसों किसी और को फंसाया जा सकता है ।
ये कुचक्र है उस आध्यात्मिक शक्ति के खिलाफ जो सनातन धर्म को जीवित रखे हुए हैं । 

🚩कोई भी कार्य तभी संभव होगा जब संत समाज आगे आएगा, जब धर्माचार्य आगे आएंगे । तब सरकार को मजबूर होना पड़ेगा और सरकार जब इस बात को मानेगी कि कुचक्र जो चला रहे हैं,सहयोग नहीं कर रहें हैं सनातन धर्म को । उसको सहयोग करने के लिए ही #BJP हिंदूवादी विचार से सत्ता पर पहुँची तो #हिन्दू संतों का #रक्षण करना उनका #कर्तव्य बनता है । लेकिन वो इस कर्तव्य को #नहीं निभा रहे हैं । 


 🚩जिस तरीके से पूजनीय #आसारामजी बापू को #प्रताड़ित किया जा रहा है, उनको जेल में रखा गया है, अभी तक कोई #आरोप सिद्ध नहीं कर पा रहे हैं कोर्ट में । 
मेरा सभी धर्माचार्यो से निवेदन है कि वो उठ कर सामने आए क्योंकि आज अगर पूजनीय आसारामजी बापू हैं तो कल हम में से कोई और होगा..।
 जो RSS है या बजरंग दल है या कोई और है, ये किसी एक संगठन का कार्य नहीं है। हिन्दू संगठनों का जो कार्य है वो बिना संतों के आशीर्वाद के संभव नहीं है.. सत्ता में अगर कोई भी हिंदूवादी पार्टी पहुँचती है तो उसमें सबसे  पहले संत शंखनाद करते हैं इसलिए पहुंचती है । 

 🚩मेरा एक निवेदन है सारे #संगठनों से अगर आप #मौन साक्षी बन रहे हैं तो इसका मतलब आपकी मौन #सहमति है कि उनको (बापू आसारामजी) #प्रताड़ित किया जाएँ । इसका पाप आपको भी अपने सिर पर ढोना पड़ेगा और ये बहुत जल्द होगा ।

🚩इसको हमें बहुत सरल रूप से समझ लेना चाहिए कि ये #अन्याय संतों पर, हिन्दू समाज पर, सनातन संस्कृति पर, ये तब तक होनेवाला है जब तक हम धर्माचार्य अपने मठों को छोड़ कर हर संत के साथ,जिस भी संत पर आपदा आई है उस संत के साथ खड़े नहीं होंगे ।

 🚩ये #अन्याय लगातार होनेवाला है क्योंकि कोई भी #पोलिटिकल वील आज संतों के साथ खड़ी नहीं हुई है । किसी निजी राजनैतिक पार्टी की इच्छा शक्ति ऐसी नहीं है कि वो संतों को #संरक्षण दें ।

🚩जो #लोगों को और #समाज को #गंदा कार्य करने की #प्रेरणा देते हैं उनको #बेल #मिल जाती है आसानी से !! 
जबकि गंभीर #आरोपों में उनके ऊपर #FIR हुई हो लेकिन #बेल मिल गई ।
🚩लेकिन आज पूजनीय #आसारामजी बापू को 4 साल से अभी तक #बेल #नहीं मिल रही है । उसमें कहीं न कहीं #दोहरी #न्यायव्यवस्था है और कहीं न कहीं #राजनैतिक दलों का मैं हाथ मानती हूँ ।

 🚩क्योंकि बहुत सारी चीजें #राजनैतिक दबाव में हैं, बहुत सारी चीजें सामाजिक दबाव में संभव हो पाती हैं । 
#राजनैतिक दबाव में #कोर्ट को #2:30 बजे खोला जा सकता है रात को तो क्या बापूजी को नहीं छोड़ा जा सकता ? 
#बेल तो एक #अधिकार है । 
जब तक अपराध #सिद्ध #न हो जाये । #न्यायप्रणाली की ये व्यवस्था है कि बेल पर छोड़ा जा सकता है । अभी तक अपराध सिद्ध नहीं हुआ तो मैं ये मानती हूँ उनको बेल देनी चाहिए और #दोहरी #न्यायव्यवस्था को बंद करना चाहिए । 

 🚩एक बात मुझे समझ नहीं आई । वयवृद्ध सन्यासी जिनकी आयु 80 वर्ष है उनपर बलात्कार का आरोप ही कैसे लगाया गया ? 

 🚩लेकिन वो बहुत #स्पष्ट है कि जो भी #हिंदूवादी #कार्य करेगा, जो भी #सनातन संस्कृति को #जीवित रखने का कार्य करेगा उसको ये #आरोप #झेलने पड़ेंगे । 

🚩उनको प्रताड़ित कर कहीं इलाज नहीं दिया जा रहा है । मैं इसे प्रताड़ने का एक भाग मानती हूँ । 
शारीरिक व मानसिक प्रताड़ने का एक भाग है कि न्यायव्यवस्था तो ये कहती है कि कोई #बीमार है तो उसका #प्रोपर इलाज कराना कारागार के #अधिकारियों का ये #कर्तव्य है कि उनकी  ट्रीटमेंट हो । 
पर ये प्रताड़ने का भाग बना लिया है । दवाइयां न मिले बीमारी से वो ग्रसित हो जाये,ऐसी उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं ।

🚩मैं सिर्फ ये बापूजी के भक्तों को संदेश नहीं देना चाहती, पूरे सनातन को संदेश देना चाहती हूँ... जो हिन्दू धर्म में विश्वास रखते हैं, जो इस धर्म को जीवित रखना चाहते हैं,मैं उनको ये संदेश देना चाहती हूँ कि किसी भी परिस्थिति में अपने मनोबल को न गिरने दें । क्योंकि आगे का समय बहुत विकट आनेवाला है, बहुत भयानक आनेवाला है अगर किसी भी क्षण मनोबल गिरा तो हमारे बच्चों की बहुत दुर्गति होगी ।

 🚩निश्चित ही मेरा ये विश्वास है कि बहुत जल्द बापूजी हमारे बीच में होंगे । 

🚩देखिये ये सरकार को भी करना चाहिए जितने भी संत हैं,दादाजी हैं, #धनंजय भाई देसाई हैं, #बापूजी हैं, अभी #साध्वी प्रज्ञाजी को छोड़ा गया है 9 साल के बाद । 
आप किसी व्यक्ति को #मानसिक #प्रताड़ना देकर कह दें कि ये दोषी नहीं माने जाते.. तो मैं मानती हूँ कि सरकार को  #BJP को ये मानना चाहिए कि संतों के आशीर्वाद के बिना दोबारा उनका सत्ता में आना संभव नहीं होगा....

🚩साधु-संतों व समाज का कर्तव्य है कि वे हिन्दू संतों पर हो रहे कुचक्र को समझें। 

🚩#Rss जैसे बड़े-बड़े #संगठन अगर आज भी #मौन साक्षी बने रहे तो संत आसारामजी बापू के साथ हो रहे #अन्याय में आप भी #भागीदार होंगे और इस पाप को आपको भी अपने सिर पर ढोना पड़ेगा ।

🚩#राजनैतिक दबाव में कोर्ट को अगर रात 2:30 बजे खोला जा सकता है तो क्यों #80 वर्षीय बापूजी को #जमानत तक #नहीं दी जा सकती ?

🚩BJP को ये मान लेना चाहिए कि संतों के आशीर्वाद के बिना दोबारा उनका सत्ता पर आना संभव नहीं होगा ।

🚩-यति माँ चेतनानंद सरस्वती महंत सिद्धपीठ, चंडीदेवी मंदिर, डासना(उ.प्र.)

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