Wednesday, November 29, 2017

जानिये विश्व का सबसे श्रेष्ठ ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता क्यों है? अकबर की रानी भी थी दीवानी

November 29, 2017   www.azaadbharat.org
श्रीमद्भगवद्गीता ने किसी मत, पंथ की सराहना या निंदा नहीं की अपितु मनुष्यमात्र की उन्नति की बात कही है ।  गीता जीवन का दृष्टिकोण उन्नत बनाने की कला सिखाती है और युद्ध जैसे घोर कर्मों में भी निर्लेप रहने की कला सिखाती है । मरने के बाद नहीं, जीते-जी मुक्ति का स्वाद दिलाती है गीता !
इस साल श्रीमद्भगवद्गीता जयंती 30 नवम्बर को है।
‘गीता’ में 18 अध्याय हैं, 700 #श्लोक हैं, 94569 शब्द हैं । विश्व की 578 से भी अधिक भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है ।
'यह मेरा हृदय है’- ऐसा अगर किसी ग्रंथ के लिए #भगवान ने कहा है तो वह गीता जी है । गीता मे हृदयं पार्थ । ‘गीता मेरा हृदय है ।’
गीता ने गजब कर दिया - धर्मक्षेत्रे #कुरुक्षेत्रे... युद्ध के मैदान को भी धर्मक्षेत्र बना दिया । #युद्ध के मैदान में गीता ने योग प्रकटाया । हाथी चिंघाड़ रहे हैं, घोड़े हिनहिना रहे हैं, दोनों सेनाओं के योद्धा प्रतिशोध की आग में तप रहे हैं । किंकर्तव्यविमूढ़ता से उदास बैठे हुए अर्जुन को भगवान  श्रीकृष्ण ज्ञान का उपदेश दे रहे हैं ।
आजादी के समय #स्वतंत्रता सेनानियों को जब फाँसी की सजा दी जाती थी, तब ‘गीता’ के #श्लोक बोलते हुए वे हँसते-हँसते #फाँसी पर लटक जाते थे।
Why is the world's best scripture to be called Lord Bhagavad Gita

कट्टर मुसलमान की बच्ची और अकबर की रानी ताज भी इस गीताकार के गीत गाये बिना नहीं रहती ।
ताज अपनी एक कविता में कहती है कि...
सुनो दिलजानी मेरे दिल की कहानी तुम ।
दस्त ही बिकानी, बदनामी भी सहूँगी मैं ।।
देवपूजा ठानी मैं, नमाज हूँ भुलानी ।
तजे कलमा कुरान सारे गुनन गहूँगी मैं ।।
साँवला सलोना सिरताज सिर कुल्ले दिये ।
तेरे नेह दाग में, निदाग हो रहूँगी मैं ।।
नन्द के कुमार कुरबान तेरी सूरत पै ।
हूँ तो मुगलानी, हिन्दुआनी रहूँगी मैं ।।"
अकबर की #रानी ताज अकबर को लेकर आगरा से #वृंदावन आयी । #कृष्ण के मंदिर में आठ दिन तक कीर्तन करते-करते जब आखिरी घड़ियाँ आयी, तब ‘#हे कृष्ण ! मैं तेरी हूँ, तू मेरा है...’ कहकर उसने सदा के लिए माथा टेका और #कृष्ण के चरणों में समा गयी । #अकबर बोलता है : ‘‘जो चीज जिसकी थी, उसने उसको पा लिया । हम रह गये...’’
गीता पढ़कर 1985-86 में गीताकार की #भूमि को प्रणाम करने के लिए #कनाडा के #प्रधानमंत्री मि. #पीअर #ट्रुडो #भारत आये थे ।
ट्रुडो ने कहा है : ‘‘#मैंने #बाइबिल पढ़ी, एंजिल पढ़ी और अन्य धर्मग्रंथ पढ़े । #सब ग्रंथ अपने-अपने स्थान पर #ठीक हैं किंतु #हिन्दुओं का यह ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ ग्रंथ तो अद्भुत है । इसमें किसी मत-मजहब, पंथ या सम्प्रदाय की निंदा-स्तुति नहीं है वरन् इसमें तो #मनुष्यमात्र के विकास की बातें हैं । गीता मात्र हिन्दुओं का ही धर्मग्रंथ नहीं है बल्कि #मानवमात्र का धर्मग्रंथ है ।’’
ख्वाजा दिल मुहम्मद ने लिखा : ‘‘रूहानी गुलों से बना यह गुलदस्ता हजारों वर्ष बीत जाने पर भी दिन दूना और रात चौगुना महकता जा रहा है । यह गुलदस्ता जिसके हाथ में भी गया, उसका जीवन महक उठा । ऐसे #गीतारूपी गुलदस्ते को मेरा #प्रणाम है । #सात सौ श्लोकरूपी फूलों से सुवासित यह गुलदस्ता #करोड़ों लोगों के हाथ गया, फिर भी मुरझाया नहीं ।’
इतना ही नहीं #महात्मा थोरो भी #गीता के ज्ञान से प्रभावित हो के अपना सब कुछ छोड़कर अरण्यवास करते हुए एकांत में कुटिया बनाकर #जीवन्मुक्ति का आनंद लेते थे ।
श्रीमद्भगवद्गीता के विषय में संतों एवं विद्वानों के विचार!!
श्रीमद्भगवद्गीता भारत के विभिन्न मतों को मिलानेवाली रज्जु तथा राष्ट्रीय-जीवन की अमूल्य संपत्ति है । भारतवर्ष का राष्ट्रीय धर्मग्रंथ बनने के लिए जिन-जिन विशेष गुणों की आवश्यकता है, वे सब श्रीमद्भगवद्गीता में मिलते हैं । इसमें केवल उपयुक्त बातें ही नहीं हैं अपितु यह भावी विश्वधर्म का सर्वोपरि धर्मग्रंथ है । भारतवर्ष के प्रकाशपूर्ण अतीत का यह महादान मनुष्य-जाति के और भी उज्जवल भविष्य का निर्माता है ।  - मि. एफ.टी. बू्रक्स 
श्रीमद्भगवद्गीता योग का एक ऐसा ग्रंथ है जो किसी जाति, वर्ण अथवा धर्मविशेष के लिए ही नहीं अपितु सारी मानव-जाति के लिए उपयोगी है ।
- डॉ. मुहम्मद हाफिज सैयद
किसी भी जाति को उन्नति के शिखर पर चढ़ाने के लिए गीता का उपदेश अद्वितीय है ।
- वॉरेन हेस्टिंग्स (भारत का वायसराय)
भारतवर्ष के धार्मिक-साहित्य का कोई अन्य ग्रंथ भगवद्गीता के समान स्थान प्राप्त करने योग्य नहीं प्रतीत होता ।         - डॉ. रिचार्ड गार्वे
भगवद्गीता में दर्शनशास्त्र और धर्म की धाराएँ साथ-साथ प्रवाहित होकर एक-दूसरे के साथ मिल जाती हैं । भगवद्गीता और भारत के प्रति हम लोग (जर्मन लोग) आकर्षित होते रहते हैं ।
- डॉ. एल्जे. ल्युडर्स (जर्मनी)
सत् क्या है इसका विवेचन भगवद्गीता में बहुत अच्छी तरह से किया गया है । विश्व में यह ग्रंथ-रत्न अप्रतिम है, अद्भुत है ।
- लॉर्ड रोनाल्डशे
बाईबल का मैंने यथार्थ अभ्यास किया है । उसमें जो दिव्यज्ञान लिखा है वह केवल गीता के उद्धरण के रूप में है । मैं ईसाई होते हुए भी गीता के प्रति इतना सारा आदरभाव इसलिए रखता हूँ कि जिन गूढ़ प्रश्नों का समाधान पाश्चात्य लोग अभी तक नहीं खोज पाये हैं, उनका समाधान गीताग्रंथ ने शुद्ध और सरल रीति से दिया है । उसमें कई सूत्र अलौकिक उपदेशों से भरपूर लगे इसीलिए गीताजी मेरे लिए साक्षात् योगेश्वरी माता बन रही हैं । वह तो विश्व के तमाम धन से भी नहीं खरीदा जा सके ऐसा भारतवर्ष का अमूल्य खजाना है ।           
- एफ. एच. मोलेम (इंग्लैन्ड)
गीताग्रंथ अद्भुत है । #विश्व की 578 #भाषाओं में #गीता का अनुवाद हो चुका है । हर भाषा में कई चिन्तकों, विद्वानों एवं भक्तों ने मीमांसाएँ की हैं और अभी भी हो रही हैं, होती रहेंगी क्योंकि  इस  ग्रंथ  में सभी देश,  जाति, पंथ  के  सभी  मनुष्यों  के  कल्याण  की अलौकिक सामग्री भरी हुई है ।
अतः हम सबको #गीताज्ञान में अवगाहन करना चाहिए। #भोग, मोक्ष, निर्लेपता, निर्भयता आदि तमाम दिव्य गुणों का विकास करानेवाला यह #गीताग्रंथ विश्व में अद्वितीय है ।                                                           - ब्रह्मनिष्ठ स्वामी श्री लीलाशाहजी महाराज
विरागी जिसकी इच्छा करते हैं, संत जिसका प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं और पूर्ण ब्रह्मज्ञानी जिसमें ‘अहमेव ब्रह्मास्मि’ की भावना रखकर रमण करते हैं, #भक्त जिसका #श्रवण करते हैं, जिसकी त्रिभुवन में सबसे पहले वन्दना होती है, उसे लोग ‘#भगवद्गीता’ कहते हैं ।                                                                                -संत #ज्ञानेश्वरजी
गीता के ज्ञानामृत के पान से मनुष्य के जीवन में साहस, समता, सरलता, स्नेह, शांति, धर्म आदि दैवी गुण सहज ही विकसित हो उठते हैं । अधर्म, अन्याय एवं शोषकों का मुकाबला करने का सामर्थ्य आ जाता है । निर्भयता आदि दैवी गुणों को #विकसित करनेवाला, भोग और #मोक्ष दोनों ही प्रदान करनेवाला यह ग्रंथ पूरे विश्व में अद्वितीय है ।
- संत आसारामजी बापू
जिस मनुष्य ने श्रीमद्भगवद्गीता का थोड़ा भी अध्ययन किया हो, श्रीगंगाजल का एक बिन्दु भी पान किया हो अथवा भगवान श्रीविष्णु का सप्रेम पूजन किया हो, उसे यमराज नजर उठाकर देख भी नहीं सकते । अर्थात् वह संसार-बंधन से मुक्त होकर आत्यन्तिक आनन्द का अधिकारी हो जाता है ।                                                                            - जगद्गुरु श्री शंकराचार्यजी
(स्त्रोत्र :  संत श्री आसारामजी आश्रम द्वारा प्रकाशित, ऋषि प्रसाद)

Tuesday, November 28, 2017

महिलाओं से सताए पुरुषों के लिए लड़ रही है 31 साल की दीपिका


November 28, 2017 https://wp.me/p6qNSS-G4

🚩देश में दामिनी कांड के बाद पुरुषों के लिए कठोर कानून बनाये गये हैं, लेकिन वास्तविकता में जो महिला पीड़ित है उसको न्याय नही मिल पाता है दूसरी ओर बदला लेने की भावना, संपत्ति हड़पने या सामने वालों को बदनाम करने के लिये कुछ महिलाएं कानून का धुरन्धर दुरुपयोग कर रही हैं और निर्दोष पुरुषों को झूठे केस में फंसा रही थी ।

🚩जब भी कोई महिला पुरूष के खिलाफ खड़ी होगी तो स्वाभाविक है कि अन्य महिलाएं भी उसी का ही पक्ष ले, लेकिन दीपिका ऐसा नही करके जो पुरुष निर्दोष हैं और उनके खिलाफ महिलाओं द्वारा झूठे केस हो रहे हैं, उनको न्याय दिलाने के लिए कार्य कर रही है। 
31-year-old Deepika is fighting for men suffering from women

🚩महिलाओं के खिलाफ बड़ी तादाद में होने वाले अपराध को देखते हुए देश में कई सामाजिक संस्थाएं, एनजीओ व कार्यकर्ता हैं, लेकिन यह भी देखा जाता है कि कानून का फायदा उठाकर कुछ महिलाएं पुरुषों को प्रताड़ित करती हैं ।

🚩ऐसे में एक महिला ऐसी भी है, जो पुरुषों के अधिकारों के लिए लंबे समय से आवाज उठा रही है। 31 साल की दीपिका नारायण भारद्वाज का कहना है कि औरतों के लिए लड़ने वाले तो बहुत हैं लेकिन कई पुरुष भी समाज में महिलाओं द्वारा शोषित हो रहे हैं, जिनके लिए कोई आवाज नहीं उठा रहा है।

🚩दीपिका नारायण दहेज प्रताड़ना कानून के तहत फंसाए गए पुरुषों को भी कानूनी मदद देती है।

🚩उनका कहना है कि धारा 498A (दहेज कानून) का कुछ महिलाओं द्वारा बेहद दुरुपयोग किया जाता है। इस काम के साथ-साथ दीपिका डाक्युमेंट्री फिल्म भी बनाती है। पत्रकार रह चुकी दीपिका ने 2012 में इस मुद्दे पर रिसर्च शुरू की थी।

🚩ऐसे हुई काम की शुरुआत

🚩2011 में उनके एक रिश्तेदार की शादी टूटी थी और उसकी बीवी ने उसके पूरे परिवार के खिलाफ दहेज का मामला दर्ज करा दिया था। उनके खिलाफ भी शिकायत की गई थी। तब उनके परिवार ने बड़ी रकम देकर इस मामले को खत्म किया, पर तभी से उनके मन में ये बात घर कर गई थी कि इस कानून के दुरुपयोग को रोकना है।

🚩कई दहेज प्रताड़ना के मामले झूठे

🚩दीपिका ने अपनी रिसर्च के दौरान पाया कि ज्यादातर दहेज प्रताड़ना के मामले झूठे हैं। झूठे आरोप में फंसाए जाने के कारण कुछ मामले में लड़के के मां बाप ने बदनामी के डर से आत्महत्या तक कर ली। उन्होंने इसी मुद्दे पर 'Martyrs of Marriage' नाम की डाक्युमेंट्री फिल्म बनाई है।

🚩कानून का किया विरोध

🚩2012 में हुए निर्भया कांड के बाद दुष्कर्म रोकने के लिए भी संसद ने कठोर कानून बनाए। दीपिका ने इसका भी जमकर विरोध किया। उनका मानना है कि कई औरतों द्वारा इन कठोर कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है और पुरुषों के बेवजह फंसाया जा रहा है। 

🚩बलात्कार के 90 प्रतिशत मामले झूठे होते हैं

🚩अभी हाल ही सितम्बर माह में प्रतापगढ़ जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं। जिसमें अनुसंधान के बाद अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं। न्यायालय में गवाही के दौरान 90 प्रतिशत मामलों में पीडि़ताएं मुकर जाती हैं। जिसमें खेत, सम्पत्ति व रास्ते की रंजिश, पारिवारिक अथवा अन्य कारणों से अथवा अभियुक्त को ब्लेकमेल कर रुपए ऐंठने के लिए झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी, ऐसी स्थिति बताती है। पीडि़ताएं न्यायालय में स्वयं के द्वारा दी गई रिपोर्ट का भी समर्थन नहीं करती हैं ।

🚩न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रकरण दर्ज करवाए जाने से बयान करवाए जाने तक सब कुछ पूर्व निर्धारित होकर न्यायिक प्रक्रिया का पूर्णत: दुरूपयोग किया जा रहा है।

🚩साधु-संतों पर झूठे आरोप लगाए जाते है

🚩दस साल से स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम में रहने वाली साध्वी चिदर्पिता ने बी पी गौतम के नाम के व्यक्ति से प्रेम विवाह कर लिया उसके बाद शाहजहाँपुर की कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप का आरोप लगाया और इतने गंदे गंदे आरोप लगाये कि यहाँ पर लिखने पर शर्म महसूस हो रही है, मीडिया ने भी स्वामी की खूब बदनामी की, लेकिन आठ महीने साध्वी अपने प्रेमी पति के साथ रही जब उससे झगड़ा हो गया तो फिर से आश्रम में रहने लगी और बोली कि मैंने दबाव में आकर उनके खिलाफ केस किया था ।

🚩गुजरात द्वारका के स्वामी #केशवानंदजी पर कुछ समय पूर्व एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया और न्यायालय ने 12 साल की सजा भी सुना दी लेकिन जब दूसरे जज की बदली हुई तब देखा कि ये मामला झूठा है, स्वामी जी को फंसाने के लिए झूठा मामला दर्ज किया गया है, तब स्वामी को न्यायालय ने 7 साल के बाद निर्दोष बरी किया ।

🚩ऐसे ही दक्षिण भारत के स्वामी #नित्यानन्द जी के ऊपर भी फर्जी सेक्स सीडी बनाकर रेप का आरोप लगाया गया और उनको जेल भेज दिया गया बाद में उनको हाईकोर्ट ने क्लीनचिट देकर बरी कर दिया ।

🚩ऐसे ही हाल ही में #शिवमोगा और बैंगलोर मठ के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती स्वामीजी से एक #गायिका ने 3 करोड़ रुपये मांगे, नही देने पर 167 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया ।
उनको भी न्यायालय ने झूठा मामला देखकर शंकराचार्य जी को निर्दोष बरी कर दिया ।

🚩सुप्रसिद्ध हस्तियों को अपने जाल में #फँसाकर करोड़ों रूपये एठने का धंधा चल पड़ा है और नहीं देने पर उन पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें #जेल भेजने की कोशिश की जाती है।

🚩इसी प्रकार का मामला सामने  है हिन्दू धर्म गुरु आसारामजी बापू का, उनके केस में न्यायालय में अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा जी ने किये कई सनसनीखेज़ खुलासे ।

🚩- FIR करवाई गई घटना के 5 दिन बाद ।
🚩- रजिस्टर के कई पन्ने संदिग्घ तरीके से फाड़ें गए ।
🚩- FIR 2 दिन बाद न्यायालय में पेश की गई ।
🚩- अलग-अलग सर्टिफिकेट में पाई गई लड़की की अलग-अलग उम्र ।
🚩- FIR लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई ।
🚩- FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।
🚩- मेडिकल में नहीं मिला एक खरोंच का भी निशान ।

🚩क्या ये कहीं न कहीं बापू आसारामजी को फंसाने की साजिश नहीं..??


🚩लगातार #मीडिया द्वारा बापू आसारामजी की छवि को #धूमिल करने का प्रयास करना, सरकार द्वारा जमानत तक का विरोध करना और #न्यायालय का जमानत देने से इंकार करना इससे साफ साबित होता है कि यह मामला भी उपजाऊ और फर्जी है ।

🚩आज सुप्रसिद्ध हस्तियाँ और संतों को फंसाने में #महिला कानून का #अंधाधुन दुरूपयोग किया जा रहा है 

🚩छह जिला #अदालतों के रिकॉर्ड से ये बात सामने आई है कि बलात्कार के 70 फीसदी मामले अदालतों में साबित ही नहीं हो पाते हैं ।

🚩बलात्कार कानून की आड़ में महिलाएं आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी #ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार आरोप लगाकर जेल में डलवा रही हैं । कानून का दुरुपयोग करने पर वास्तविकता में जो महिला पीड़ित होती है उसको न्याय भी नही मिला पाता है ।

🚩बलात्कार निरोधक #कानूनों की खामियों को दूर करना होगा। तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।

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Monday, November 27, 2017

भारत को ईसाई मिशनरियों और पादरियों से खतरा है : सुरेश चव्हाणके


November 27, 2017

सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके ने कहा कि, भारत को राष्ट्रवादियों से नहीं बल्कि ईसाई मिशनरियों और पादरियों से खतरा है, जो भारत को धर्मांतरित कर बर्बाद करने के मुहीम पर हैं, सुरेश चव्हाणके ने बताया कि देश का कोई ऐसा जिला नहीं है जहाँ पर ईसाई मिशनरियों के खिलाफ धर्मांतरण के केस दर्ज नहीं हो।
India is threatened by Christian missionaries and clerics: Suresh Chavanke

सुरेश चव्हाणके ने बताया कि उत्तर पूर्व के राज्यों जैसे नागालैंड, मणिपुर इत्यादि में ईसाई मिशनरियां आतंकियों का भी समर्थन करती है, केरल के मिशनरियों में यौन शोषण के केस रोजाना दर्ज किये जाते हैं ।

उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी इलाकों में लोगों का धर्मांतरण करने के लिए ये लोग पैसों का इस्तेमाल तो करते ही है साथ ही ये लोग पैसों के बल पर गुंडे भी रखते हैं, जिससे धर्मांतरण का विरोध करने वालों का कत्ल तक कर दिया जाता है।

सुरेश चव्हाणके ने यह भी बताया कि राष्ट्रवादी लोग तो भारत की बात करते हैं, भारत की संस्कृति की बात करते हैं, वहीं ईसाई मिशनरियां और पादरी भारत से भारतीय संस्कृति खत्म कर रोम की संस्कृति स्थापित करना चाहते हैं, देश को खतरा राष्ट्रवादियों से नहीं बल्कि पादरियों और ईसाई मिशनरियों से है।
जो लोग राष्ट्र के पक्ष में बोलते हैं, भारतीय सेना के पक्ष में बोलते हैं, भारतीय संस्कृति के पक्ष में बोलते हैं, उन्हें ही राष्ट्रवादी यानि नेशनलिस्ट कहते हैं, जो देश के पक्ष में होते हैं वही राष्ट्रवादी होते हैं।

गुजरात का एक पादरी कहता है कि देश को राष्ट्रवादियों से बचाओ, समझना मुश्किल है कि राष्ट्रवादियों को हटाकर ईसाई पादरी और चर्च गुजरात किसे देना चाहते हैं?
राष्ट्रवाद नहीं तो क्या आतंकवाद..??

गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात के ईसाई धर्मगुरु पादरी आर्चबिशप थॉमस मैकवान ने एक पत्र जारी करके लिखा है कि राष्ट्रवादी पार्टी को हरा दो, इस पर प्रहार करते हुए सुरेश चव्हाणके ने ये सब कहा है ।

इसपर मीडिया ने हिन्दू संत आसारामजी बापू का मंतव्य जानना चाहा तो उन्होंने भी कहा कि राष्ट्रहित करने वालो को हराना माने अपने पैर पर कुहाडा मारना हुआ, हम तो चाहते हैं देश का विश्व में जो नाम करते हैं और भारत को विश्वगुरु बनाते हैं भगवान उनके साथ हैं ।

उन्होंने आगे कहा कि जो पार्टी राष्ट्र का मंगल चाहती है, विश्वगुरु बनाना चाहती हैं उनका मंगल ही मंगल होगा देखते रहो ।

हिन्दू धर्म को मिटाने का खुला षड्यंत्र

अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने कहा था कि

‘‘भारत में ईसाई पादरियों का धर्म-प्रचार हिन्दू धर्म को मिटाने का खुला षड्यंत्र है, जो कि एक लम्बे अरसे से चला आ रहा है ।"

 हिन्दुओं का तो यह धार्मिक कर्तव्य है कि वे ईसाइयों के षड्यंत्र से आत्मरक्षा में अपना तन-मन-धन लगा दें और आज जो हिन्दुओं को लपेटती हुई ईसाईयत की लपट परोक्ष रूप से उनकी ओर बढ़ रही है, उसे यहीं पर बुझा दें । 

ऐसा करने से ही भारत में धर्म-निरपेक्षता, धार्मिक बंधुत्व तथा सच्चे लोकतंत्र की रक्षा हो सकेगी अन्यथा आजादी को पुनः खतरे की सम्भावना हो सकती है ।’’(संदर्भ : ‘अखंड ज्योति’ पत्रिका, जनवरी 1967)

फिलॉसफर नित्शे ने कहा कि मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है । वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है । इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं । ईसाईत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है ।

गांधीजी ने धर्मान्तरण पर कठोर बातें कही थी

"हमें गोमांस भक्षण और शराब  पीने की छूट देने वाला ईसाई धर्म नहीं चाहिए। धर्म परिवर्तन वह ज़हर है जो सत्य और व्यक्ति की जड़ों को खोखला कर देता है। मिशनरियों के प्रभाव से हिन्दु परिवार का विदेशी भाषा, वेशभूषा,रिति रिवाज के द्वारा विघटन हुआ है। यदि मुझे कानून बनाने का अधिकार होता तो मैं धर्म परिवर्तन बंद करवा देता। इसे तो मिशनरियों ने व्यापार बना लिया है पर धर्म आत्मा की उन्नति का विषय है। इसे रोटी, कपड़ा या दवाई के बदले में बेचा या बदला नहीं जा सकता।"


जय हिंद!!

Sunday, November 26, 2017

महाराणा प्रताप, गुजरात चुनाव, मिशनरियों पर बापू आसारामजी ने कह दी बड़ी बात



November 26, 2017

🚩चार साल और तीन महीने से #बिना #सबूत हिन्दू संत #आसारामजी बापू जोधपुर #जेल में बंद हैं, उनका केस अंतिम चरण पर चल रहा है, जोधपुर न्यायालय में लगातार सुनवाई चल रही है, रोजाना कुछ मसालेदार खबर बनाने के लिए न्यायालय में आ रहे संत आसारामजी बापू से चरपरे तरीके से सवाल पूछती मीडिया ने इस बार उनसे पूछा कि 
हाल ही में गुजरात के #ईसाई धर्मगुरु पादरी #आर्चबिशप #थॉमस मैकवान ने एक पत्र जारी करके लिखा है कि राष्ट्रवादी पार्टी को हरा दो, इसपर मीडिया ने हिन्दू संत आसारामजी बापू का मंतव्य जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित करने वालो को हराना माने अपने पैर पर कुहाडा मारना हुआ, हम तो चाहते हैं देश का विश्व में जो नाम करते हैं और भारत को विश्वगुरु बनाते हैं भगवान उनके साथ हैं ।

🚩उन्होंने आगे कहा कि जो पार्टी राष्ट्र का मंगल चाहती है, #विश्वगुरु बनाना चाहते हैं उनका मंगल ही मंगल होगा देखते रहो ।
Maharana Pratap, Gujarat election, Bapu Asaramji said on missionaries, The big deal

🚩मीडिया ने कुछ दिन पहले भी उनसे एक प्रश्न किया था...

🚩मीडिया: क्या बापू खुश नजर आ रहे हो आज, कौन सी कला है?

🚩बापू आसारामजी : खुश रहने की कला गीता ने उपनिषदों ने गुरुजी ने सीखा दी है। पूरे हैं वे मर्द जो हर हाल में खुश हैं , मिला अगर माल तो उस माल में खुश है हो गये बेहाल तो उस हाल में खुश हैं। 

🚩उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म महान है, मेरे पास वैदिक कला है, हिंदू धर्म की महान कला है, धर्म के लिए #महाराणा प्रताप ने घास की रोटी खाई, हम तो अभी गेहूं की रोटी खा रहे हैं।

🚩मीडिया ने ईसाई मिशनरियों पर प्रश्न किया...

🚩मीडिया : बापू ! यह देश में जो धर्मपरिवर्तन का मामला हो रहा है, इसके बारे में क्या कहना है आपका ?

🚩बापू आसारामजी : उन्ही के प्रभाव से तो हम अंदर आये हैं । उन्होंने ही तो मदद की है । पीछे रहते हैं मेरे जैसों को अंदर भेजने में उनका भी तो.... चलो भगवान सबका भला करें.... पैसे खूब लुटाते हैं ।

🚩बापू आसारामजी ने पिछले 50 वर्षों से लगातार आदिवासियों के बीच मुफ्त भंडारा, मकान, कपड़े, अनाज व दक्षिणा बाटनें, चलचिकित्सालय चलवाकर निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध करवाई, जिससे धर्मान्तरण पर रोक लगी । कत्लखाने में जाती हजारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया ।

🚩आपको बता दें कि हिन्दू संत बापू आसारामजी ने देशभर में ईसाई धर्म में चले गए लाखों हिन्दुओं की घरवापसी करवाई थी और ईसाई मिशनरियां आगे धर्मान्तरण नही करवा पा रहे थे, इसलिए वेटिकन सिटी के आँख की किकरी बने संत आसारामजी बापू को सोनिया गांधी से मिलकर झूठे केस में फंसाया गया और मीडिया द्वारा बदनाम करवाया गया । ये बात स्वयं न्यायविद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा कई बार सामने आई है ।

🚩बापू आसारामजी ने करोड़ो भक्तों को शराब, सिगरेट, गुटखा आदि छुड़वा दिया और वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस शुरू करवाया । एलोपैथिक दवाई छुड़वाकर आर्युवेदिक शुरू करवाई जिससे विदेशी कम्पनियों को अरबो-खबरों का नुकसान हुआ, उन्होंने भी संत आसारामजी बापू को जेल भिजवाने में अहम भूमिका निभाई । यह बात सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके ने बताई ।

🚩गौरतलब है कि वैदिक शिक्षा पर आधारित बापू आसारामजी ने अनेकों गुरुकुल खुलवाये और बच्चों के तेजस्वी जीवन के लिए 17000 से अधिक बाल संस्कार केंद्र खुलवाये और युवाओं को ब्रह्मचर्य की महिमा बताकर दुराचार से बचाया इससे भी सदैव वे राष्ट्र विरोधी ताकतों के निशाने पर रहे। 

🚩पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि बापू आसारामजी ने शिकागो विश्व धर्मपरिषद में 
स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद 
जाकर हिन्दू संस्कृति का ध्वज लहराया था ।

🚩जब मुश्किल हालातों में कांची कामकोठी पीठ के "शंकराचार्य श्री #जयेंद्र सरस्वतीजी" स्वामी #रामदेव, #मोरारी बापू, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संत आ गये थे तब उनका साथ बापू आसारामजी ने दिया था ।

🚩बापू आशारामजी के सत्संग सुनने के लिये लाखों की भीड़ उमड़ती है, वे संत आज एक अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्र के शिकार हुए हैं।

🚩बिकाऊ मीडिया द्वारा दिन-रात अनर्गल आरोप लगाकर इतना कुप्रचार होने के बावजूद भी "बापू आशारामजी " के करोड़ो शिष्य आज तक अपने सदगुरुदेव के प्रति अडिग श्रद्धाभाव से टिके हैं।

🚩आखिर क्यों....???

🚩झूठ तो मीडिया द्वारा बहुत परोसा गया अब हम सच आपतक पहुचाने का प्रयास कर रहे हैं । 

🚩बापू आसारामजी जिनके चरणों में लाखों नही करोड़ों लोग शीश झुकाते हैं और जो हर समय साधकों से घिरे रहते थे, क्या वे 2000 km दूर से  किसी कन्या को उसके माता पिता के साथ बुलाकर, उसके साथ गलत कर सकते हैं.. ???

🚩युवावस्था में अपनी पत्नी को छोड़कर ईश्वर प्राप्ति के लिए गृह त्याग करनेवाले कारक महापुरुष क्या ऐसा गलत कार्य कर सकते है?

🚩जिनके दर्शन सत्संग से सैकड़ो युवान/युवतियाँ ने संसार विमुख होकर ईश्वर प्राप्ति के लिए सन्यास जीवन स्वीकारा,क्या वे संत स्वयं ऐसा गलत कार्य कर सकते है ???

🚩हम आपसे ही पूछते हैं कि सच्चे दिल से जरा सोचकर देखिये कि 81 वर्ष के वृद्ध हिन्दू संत जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के कल्याण में लगाया हो...

🚩क्या वे ऐसा गलत कार्य कर सकते हैं.. ???

🚩स्वयं विचारें!!

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