Sunday, March 11, 2018

ईसाई मिशनरियों का सेंट जोसेफ वृद्धाश्रम में मिला अत्याचारों का कुआँ, मीडिया चुप

March 11, 2018

ईसाई मिशनरियों ने वृद्धों की सहायता के लिए वृद्धाश्रम खोला लेकिन उसकी असलियत जानकर आप भी दाँतों तले उंगली दबा देंगे, यही खबर छुपाने के लिये दारू पीकर मर गई श्रीदेवी की खबर दिन रात दिखाई जा रही है अगर यही घटना किसी हिन्दू संत के वहाँ होती तो मीडिया दिन-रात खबरें चिल्ला-चिल्ला कर बताती लेकिन ईसाई मिशनरियों की है तो मीडिया चुप है ।
Christian missionaries of St. Joseph's well-fed homes,
the wells of atrocities, the media quiet

चेन्नई में ईसाई मिशनरियों का सेंट जोसेफ वृद्धाश्रम लगभग 17 एकड भूमि में विस्तरित है । उसमें अनुमान से आधा एकड भूमि में शवागृह है । वृद्धाश्रम का प्रभारी फादर थॉमस यहां के अनाथ वृद्धों पर अमानवीय अत्याचार करते हैं । थॉमस ने वृद्धाश्रम के सभी कर्मचारियों को घुंस देकर अपने पक्ष में किया है ।

शवागृह के मृतदेहों के अवयव तथा हड्डियों की चोरी कर उसे विदेश में निर्यात किया जाता हैं ।

सेंट जोसेफ़ की संस्था की वेन गाड़ी में एक बूढ़ी औरत 'बचाओ-बचाओ' की आवाज़ लगा रही थी,  रोड़ पे इनकी गाड़ी रोकी गई और उस गाड़ी से दो वृद्धजनों को बचाया गया। फिर इसके बाद इस ओल्डएज होम पे छापा पड़ा जहाँ इंटेलिजेंस वालों के होश उड़ गए। ओल्डएज होम पर  लाशों का रैक बना हुआ था बड़े-बड़े बक्सों के अंदर लेकिन बक्सों में केवल लाश ही नही थी बस मांस के लोथड़े ही बचे  थे। 1600 से ऊपर ऐसे लोथड़े थे।  इससे पहले तो पता नहीं कितने ही ऐसे लोथड़े मिट्टी में मिल गए होंगे ।  इनकी हड्डियां और अंग विदेशों में सप्लाई कर दिए जाते हैं, जहाँ बहुत माँग हैं इन सबकी । उनके ही वृद्धाश्रम से पता नहीं कितनों को मारकर इनकी हड्डियां और ऑर्गन्स बेचे जाते होंगे । 

यहाँ तक बताया कि सड़क किनारे से बुजुर्गों को भी उठा के लाते हैं सोशल सर्विस के नाम पर उसका दाम भी तगड़ा मिलता है सोशल सर्विस के नाम से और अंदर खाने ये सब  कुकृत्य किया जाता है । 

ये भी बताया कि सेंट जोसेफ़ की संस्था तो कई हॉस्पिटलस से लाशें लाते हैं और हड्डियों को निकालने का काम करते हैं। 

सेंट जोसेफ वृद्धाश्रम के अनाथ वृद्धों पर किए जानेवाले अत्याचारों के विरोध में श्री. आर.डी. प्रभु के नेतृत्व में ‘भारत हिन्दू मुन्नानी’ इस संगतन ने कांचीपुरम् में प्रदर्शन किया । उस समय यह मांग की गई कि, ‘सरकार ने इस प्रकरण के अपराधियों को कडा दंड देना चाहिए !’ इस आंदोलन में श्रीराम युवा सेना, भारत हिन्दू महासभा आदि संगठन सम्मिलित हुए थे । स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

ईसाई मिशनरियों  की क्रूरता देखें कितने वृद्धों के साथ कितना अत्याचार किया जा रहा है फिर भी मीडिया मौन है अगर  ऐसी कोई घटना हिन्दू साधु-संत के वहाँ होती तो मीडिया दिन-रात खबरे दिखाती लेकिन ये घटना दबाने के लिए पाश्चात्य संस्कृति की तरफ ले जाने वाली श्रीदेवी जो दारू पीकर बाथरम में मर गई उसकी खबर दिन-रात दिखाकर जनता का ध्यान भटका रही है कि कहीं ईसाई मिशनरियों की पोल न खुल जाये ।

ईसाई मिशनरियों के चर्च में कितने बच्चों के साथ दुष्कर्म होते हैं, कॉन्वेंट स्कूलों में बच्चो के साथ अत्याचार होते हैं, ईसाई मिशनरियां भारत में देशवासियों को लालच देकर धर्मांतरण करवा रही है इन सब खबरों को मीडिया छुपा रही है और जो हिन्दू धर्म के रक्षक साधु-संत और हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता हैं उनको ही बदनाम करती रहती है इससे साफ पता चल रहा है कि मीडिया हिन्दू विरोधी बन चुकी है इसलिए कोई भी खबर पर भरोसा करने लायक मीडिया बची नही है ।

Saturday, March 10, 2018

मीडिया सदा जिनके विरोध में बोली, उनके समर्थन में आई लाखों महिलाएं, पर छुपा दी गई खबर

March 10, 2018

हिन्दुस्तान की जनता का अब इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर से भरोसा उठता जा रहा है क्योंकि पैसे और टीआरपी के लिए मीडिया इतनी गिर गई है कि उसे सत्य से कुछ लेना-देना ही नहीं रहा है । हर खबर के दाम फिक्स होते हैं नहीं देने पर झूठी खबरों को सच और सच्ची खबरों को झूठा दिखाकर समाज को गुमराह करती है । यही आज की मीडिया का धंधा बन गया है कोई कोई सज्जन मीडियाकर्मी होंगे जो सच्चाई दिखाते होंगे बाकि तो लगभग सभी मीडिया हाउस बिके हुए हैं ।
The media has always been opposed to the quote,
the millions of women in their support, but hidden news

दो दिन पहले 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस था । उस दिन देशभर में अनेक स्थानों पर महिलाओं ने गौ,गीता व संतों की रक्षा के लिए रैलियां निकाली, धरने दिए, राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री , कानूनमंत्री के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन दिए लेकिन कुछ सज्जन मीडियाकर्मियों के अलावा न प्रिंट मीडिया ने छापा और न ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने दिखाया ।

आपको बता दें कि महिला उत्थान मण्डन ने विश्व महिला दिवस पर देशभर में गौमाता की रक्षा, श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान के प्रचार-प्रसार एवं वर्तमान में हिन्दू धर्मगुरु संत आसारामजी बापू को न्याय दिलाने के लिए कदम उठाए ।


महिला उत्थान मंडल की बहनों द्वारा गौ-गीता की रक्षा एवं हिन्दू संत आशारामजी बापू की रिहाई की मांग करते हुए “अहमदाबाद, सूरत, जोधपुर, भिलाई, गोरेगांव, नासिक, उल्हासनगर, जमशेदपुर, दिल्ली, छतरपुर, मैनपुरी व अलीराजपुर” में संस्कृति रक्षा यात्राएँ निकाली गयी |

इसके अतिरिक्त जम्मू, नागपुर, रायपुर, धार, सोलापुर, लखनऊ में धरना प्रदर्शन भी किया गया । 

निम्नलिखित राज्यों के विभिन्न स्थानों में ज्ञापन सौंपे गये -
मध्यप्रेदश – अलीराजपुर, भोपाल, धार, हरदा, छतरपुर, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, करेली, मनावर, बैतूल, कटनी, रतलाम व सिहोर । 

गुजरात – अहमदाबाद, भावनगर, बड़ौदा, पालनपुर, राजकोट व सूरत । 

भारत की राजधानी दिल्ली 

पंजाब – पटियाला, चंडीगढ़, अबोहर व जलंधर । 

उत्तराखण्ड – हरिद्वार व हल्दवानी  ।    

उत्तर प्रदेश – सहारनपुर, बरेली, गोरखपुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद व हरदोई ।

महाराष्ट्र – नागपुर, अकोला, कराड़, सातारा, मालेगांव, अमरावती, गोरेगांव, धुलिया, गोंदिया, कोल्हापुर व सोलापुर । 

झारखण्ड – जमशेदपुर ।

जम्मू व कश्मीर – जम्मू व साम्बा । (रामगढ़, हीरानगर, कूटा, घघवाल व विजयगढ़ सम्मिलित रहे )

छत्तीसगढ़ – रायपुर, भिलाई, कोरबा व राजनांदगांव ।

हरियाणा -  अम्बाला, करनाल व रोहतक ।

सोशल मीडिया पर 8 मार्च को #womenempowermentbyBapuji हैशटैग के नाम से हजारों ट्वीट्स देखने को मिली । अलग-अलग स्थानों से रैलियों के लाइव वीडियो भी अपलोड किए गए थे ।

गौर करने वाली बात ये है कि एक लड़की के महज आरोप लगाने पर मीडिया ने हिन्दू संत आसारामजी बापू पर 24-24 घंटे डिबेट चलाई, पर जब उनके समर्थन में लाखों महिलाओं आई तो क्यों उनकी आवाज दबाई ???

क्यों इतनी बड़ी खबर को मीडिया कवरेज नहीं मिला ??

देशभर में अलग-अलग स्थानों की महिला मंडल की महिलाओं से जब बात की गई तो उनका कहना था कि हम लाखों-करोड़ो महिलाएं बापू आसारामजी को मानती हैं, उनके आश्रम में जाती हैं, सत्संग सुनती हैं और आसाराम जी बापू की प्रेरणा से हिन्दू संस्कृति रक्षार्थ अनेक सेवाकार्यों में संलग्न हैं । उन्होंने हम महिलाओं के लिए जो किया वो सराहनीय है । हम नारियों को समाज में नारायणी का दर्जा देने वाले संत के साथ हो रहे अन्याय पर हम सड़कों पर उतरी हैं और सरकार व न्यायालय से गुजारिश करती हैं कि संत आसारामजी बापू को जल्द से जल्द रिहा करें क्योंकि समाज को उनकी आवश्यकता है ।

मंडल की बहनों ने आगे बताया कि जगजाहिर है कि मेडिकल रिपोर्ट में बापू आसारामजी को क्लीनचिट मिल चुकी है और उनको फंसाने के लिए हुए षडयंत्रों की भी पोल-पट्टी न्यायालय के समक्ष खुल रही है । एक 80 वर्षीय संत के साथ अपने ही देश में इतना अन्याय देखकर हमारा मन व्यथित है ।इसलिए आज हम उनकी रिहाई की मांग लेकर सड़कों पर उतरी हैं ।

गौरतलब है कि बापू आसारामजी 4 साल 6 महीने से बिना सबूत जोधपुर जेल में बंद है और अंतिम बहस के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने भी कई चौकाने वाले खुलासे किये हैं ।


1- FIR करवाई गई घटना के 5 दिन बाद । वो भी जोधपुर की घटना बताकर, दिल्ली में रात्रि 2:45 बजे FIR की गई ।

2- हेल्पलाइन रजिस्टर के कई पन्ने #संदिग्घ तरीके से फाड़ें गए ।

3- FIR दो दिन बाद न्यायालय में पेश की गई ।

4- अलग-अलग सर्टिफिकेट में पाई गई लड़की की अलग-अलग उम्र ।

5- FIR लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई ।

6- FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।

7- मेडिकल में नहीं मिला एक खरोंच का भी निशान, मेडिकल में भी क्लीनचिट मिल चुकी है।

8-  कॉल डिटेल्स अनुसार जिस समय की घटना बता रही है उस समय तो वो अपने मित्र (पुरुष) से बात कर रही थी और देर रात तक वो मैसेज से बात करती रही ।

9 - लड़की की माँ दिल्ली में ही गिरफ्तार करवाना चाहती थी।

10- लड़की और उसके मां-बाप ने जो भूत-प्रेत की छाया बताने की घटना बताई है वो कल्पना करके झूठी बनाई गई है।

आपको बता दें कि अधिवक्ता सुराणा ने और भी कई खुलासे किये है जिससे साफ पता चलता है कि बापू आशारामजी को षडयंत्र के तहत फंसाया गया है।

केवल न्यायालय में सुराणा जी ने केस के खुलासे किये ऐसी बात नही है दिग्गज न्यायविद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी भी पहले न्यायालय में आकर सनसनीखेज खुलासे कर चुके हैं और उन्होंने बताया है कि बापू आशारामजी को धर्मांतरण कार्यों में रुकावट बनने के कारण सुनियोजित षडयंत्रपूर्वक जेल भिजवाया है।

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी तो गृहमंत्री राजनाथ को भी बता चुके हैं कि बापू आशारामजी को जेल में रखने का फालतू खर्च किया जा रहा है, उनके ऊपर केस बनता ही नही है, उनको तुरन्त रिहा किया जाये।

मीडिया केवल विदेशी ताकतों के इशारे पर हिन्दू संत आसारामजी बापू को बदनाम करती रही लेकिन आज इतनी बड़ी सच्चाई और अच्छाई सामने आई लेकिन सब छुपा रही है जिसके कारण मीडिया पर जनता का भरोसा उठता जा रहा है ।

Friday, March 9, 2018

हाईकोर्ट का खतरनाक फैसला, हिन्दू बेटियों को संस्कार नहीं दिए तो हो जायेगें बर्बाद

March 9, 2018

लव जिहाद देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है, साल में लाखों हिन्दू लड़कियों का ब्रेनवोश करके लव जिहाद में फंसाया जाता है, कुछ हिन्दू लड़कियों से जबरन शादी कर लेते हैं, इसके पीछे मुस्लिम देश सऊदी अरब आदि की भारी फंडिग आती है जिसके जरिये मुस्लिम लड़के अपना असली नाम छुपाकर हिन्दू नाम रख लेते हैं और स्कूल, कॉलेजों के बाहर, हिन्दू इलाकों के आसपास बाइक लेकर घूमते हैं और किसी हिन्दू लड़की से मीठी-मीठी बात करके उसको फंसाकर उससे शादी कर लेते हैं उसके बाद उसको भयंकर प्रताड़ित किया जाता है, यहाँ तक कई हिन्दू लड़कियों ने लव जिहाद में फंसकर शादी के बाद आत्महत्या तक कर ली है ।
High Court's Dangerous Judgment,
Hindu girls will not be given rites if they do not waste time

हिन्दुओं के लिए लव जिहाद इतनी बड़ी समस्या बनी हुई थी और न्यायालय ने और एक मुसीबत खड़ी कर दी ।

मुम्बई उच्च न्यायालय का एक ऐसा फैसला आया है जिसे जानकार हिन्दू समाज के होश उड़ जायेंगे। जब हिन्दू लड़की लव जिहाद में फंसती है तो उसका उसके परिवार का धर्म तो जाता ही है लेकिन अब धर्म बदलकर मुस्लिम बनी लड़की के पिता का धन भी जायेगा। 

न्यायालय के इस फैसले के बाद हिन्दू माता-पिता को अपने बच्चों की परवरिश, संस्कार पर उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि जो शिक्षा आप अपनी बेटी को अपने बच्चों को दोगे आपके दिए वही संस्कार, आपकी दी गयी वही परवरिश आपकी इज्जत को आपके मान सम्मान को आपके जीवन को तय करेगी ।

एक याचिका पर मुम्बई हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि भले ही लड़की ने धर्म बदलकर मुस्लिम या अन्य किसी समुदाय के लड़के से शादी कर ली हो लेकिन उसके बाद भी लड़की का पिता की संपत्ति पर अधिकार है तथा लड़की अपना दावा कर सकती है। दरअसल एक भाई ने दावा किया था कि उसकी बहिन ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी कर ली है जिसके बाद मेरे पिता की संपत्ति पर उसका कोई अधिकार नहीं बनता। इसी पर मुम्बई हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है।

मुम्बई हाईकोर्ट का ये फैसला निश्चित ही हिन्दू समुदाय के लिए काफी निराशाजनक है। इस फैसले के बाद निश्चित रूप से अब लव जिहाद की घटनाएँ बढेंगी क्यूंकि इसके माध्यम से लव जिहाद करने वाले मुस्लिमों को हिन्दू समाज की लड़की मिलने के साथ धन-दौलत, मकान-दुकान भी मिल जायेगा।  ये फैसला हिन्दू समाज में असंतोष व आक्रोश पैदा करेगा क्यूंकि एक तो लव जिहाद के कारण उनका धर्म तो जायेगा ही, धर्म तो नष्ट होगा ही लेकिन इसके साथ ही उनकी पसीने की मेहनत की कमाई भी वो लव जिहादी व्यक्ति ले जायेगा।

आपको बता दें कि लव जिहाद में फंसी लड़कियों के साथ शादी के बाद किसी मुस्लिम देश में बेचने के भी कई मामले सामने आये हैं और वहाँ उसको वैश्या बनाकर उसका खूब यौन शोषण किया जाता है और पिटाई भी की जाती है, कई जगहों से तो हिन्दू लड़कियों को आतंकवादियों को सौपने के मामले भी सामने आये हैं इसलिए सावधान रहें बेटियों को धर्म के संस्कार दें नहीं तो आगे जाकर आपकी लाडली बेटी का जीवन खतरनाक रूप ले सकता है।

हिन्दू लड़कियों को फंसाने के लिए जाति के अनुसार अरब देश पैसे दे रहा है, उसके आकंड़े भी सोशल मीडिया पर चल रहे हैं।

फँसाने के लिये घोषित किया गया लिस्ट  :-
सिक्ख लड़की = 9 लाख
पंजाबी हिन्दू लड़की = 8 लाख
हिन्दू ब्राह्मण लड़की = 7 लाख
हिन्दू क्षत्रिय लड़की = 6 लाख
हिन्दू वैश्य लड़की = 5 लाख
हिन्दू दलित लड़की = 2 लाख
हिन्दू जैन लड़की = 4 लाख
बौद्ध लड़की = 4.2 लाख

अब आपको प्रश्न होगा कि लव जिहाद क्यों किया जाता है?

उसका उत्तर है कि गैर मुसलमानों का शीघ्रता से ईस्लामीकरण हो । क्योंकि जब किसी भी जाति को समाप्त करना हो तो उनकी स्त्रियों को दूषित किया जाता है । जिससे कि वो अपने समाज में आत्म सम्मान खो दें और दूसरे समाज में जाने को बाध्य हो सकें । मुसलमान लड़के लव जिहाद द्वारा हिन्दू लड़कियों को फंसाकर उनकी सम्पत्ति के मालिक बन रहे हैं ।लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य है अलतकियाह, ( गज़्वा ए हिन्द ) यानि भारत का ईस्लामीकरण ।

लव जिहाद की शिकार युवतियों की स्थिति नर्क
से बदतर होती है । जैसा कि कई लड़कियों को मुसलमानों के साथ विवाह के बाद उन्हें गौ-मांस खिलाया जाता है, तलाक देकर वैश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया जाता है  या फिर उनको भारत की यात्रा पर आये अरब के शेखों को बेच दिया
जाता है । जो उनको अपने साथ अरब देशों में ले जाते हैं । वहाँ उनको 'नमकीन बेगम' के नाम से सम्बोधित किया जाता है, उन्हें गुलाम बनाकर उनका भयंकर यौन शोषण किया जाता
है । कई बार उनको नेपाल के माध्यम से पाकिस्तान भेजा जाता है , या फिर असम, त्रिपुरा या बंगाल से उनको बांग्लादेश भेजा जाता है।

अपनी बेटियां को बचाने के लिए माता-पिता को यह करना होगा...

1. बेटी के प्रतिदिन के आचार-विचार पर ध्यान दें । उसके विद्यालय अथवा महाविद्यालय आने-जाने का समय अपने पास लिखकर रखें !

2. बेटी के मित्र और सहेलियों का संपर्क क्रमांक अपने पास रखें । समय-समय पर उनसे अपनी बेटी के आचरण के विषय में पूछताछ करते रहें !

3. ‘स्कार्फ’ बांधने के कारण दोपहिए वाहन पर ‘लव जिहादी’के पीछे बैठी युवती को पहचानना कठिन होता है, यह जानकर उसके ‘स्कार्फ’ बांधने के संदर्भ में सावधान रहें ।

4. महाविद्यालय के कार्यक्रम में अन्य युवकों के साथ बेटी के सम्मिलित होने के विषय में समझ लें !

5. माध्यमिक विद्यालय और महाविद्यालयों के परिसर में भटकने वाले अपरिचित धर्मांध युवकों की जानकारी तुरंत हिन्दुत्ववादी संगठनों को दें !

6. नई वेशभूषा, अलंकार, बहुमूल्य ‘मोबाईल’, ‘कैमरा’ आदि वस्तुएं बेटी की आवश्यकताओं के अनुसार ही दें !

7. `लव जिहाद’की कुछ घटनाएं ‘मोबाईल’के कारण हुई हैं । इसलिए ‘बेटी के ‘मोबाईल’पर किसका दूरभाष आता है, इसका पता बीच-बीच में करते रहें ! बेटी के ‘मोबाईल’में संरक्षित (सेव) किया हुआ ‘लव जिहादी’ युवक का क्रमांक किसी अन्य नाम से भी हो सकता है, यह भी ध्यान में रखें !

8.  वयस्क होने पर युवती में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन होते रहते हैं । इस काल में आप उससे प्रेमपूर्वक व्यवहार करें । उसमें अपनत्व की भावना जगाएं !

9. प्रतिदिन बेटी से थोडा समय अनौपचारिक संवाद कर उसके मन में क्या चल  रहा है, यह जान लें ! बेटी आपसे सहजता से बातचीत करे, परिवार में ऐसा वातावरण बनाए रखें !

10 . बचपन से ही बेटी पर हिन्दू धर्म के पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नीतिमूल्यों का संस्कार करें !

11 . हिन्दू वंश और हिन्दुस्थान में जन्म होने का अभिमान बेटीमें जागृत करें !

12. हिन्दू सभ्यता को शोभा देनेवाली वेशभूषा करने का संस्कार बेटी पर करें !

13. धर्मसत्संग, राष्ट्रपुरुषों से संबंधित कार्यक्रम आदि कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए बेटी को प्रोत्साहित करें !

14. हिन्दू संस्कृति, हिन्दू धर्म के ग्रंथ, हिन्दू धर्म का इतिहास, हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता आदि का महत्त्व बेटी को बताएं !

15. बेटी को हिन्दूधर्म का तत्त्वज्ञान और आध्यात्मिक परंपरा की शिक्षा, अर्थात् धर्मशिक्षा दीजिए और उसके अनुसार आचरण करने हेतु प्रेरित करें !

बेटीको धर्मांध स्त्री के यातनामय जीवन से परिचित करवाएं !

‘बहुपत्नीत्व, बुरका, तलाक, आर्थिक परावलंबिता, मार-पीट और ढेर सारे बच्चों का झमेला, यह धर्मांध स्त्री के जीवन में आया हुआ नित्य का भोग है । इसका बोध प्रत्येक हिन्दू अभिभावक अपनी बेटियों को वयस्क होने से पूर्व ही कराएं ।

Thursday, March 8, 2018

विश्व महिला दिवस पर देशभर में उठी हिन्दू संत आसाराम बापू की शीघ्र रिहाई की मांग

March 8, 2018

🚩 अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जगह-जगह पर महिलाओं के सम्मान में समारोह हो रहा था लेकिन नारी उत्तम संस्कार देने वाले संगठन "महिला उत्थान मंडल" ने आज कुछ अलग ही अंदाज में   #InternationalWomenDay मनाया ।

🚩आज ट्वीटर फेसबुक,वेबसाइट आदि पर देखा गया तो #महिला उत्थान मंडल द्वारा #देशभर में #बापू #आसारामजी की शीघ्र #रिहाई की #मांग करते हुए विभिन्न स्थानों पर रैलियां निकाली, धरने दिए तथा #कलेक्टर को राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम से ज्ञापन दिए गए ।
Asaram Bapu's demand for early release of Hindu saint
🚩महिला मंडल के सदस्यों ने कहा कि निर्भया कांड के बाद #नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये #कानून बनाये गये । परंतु दहेज विरोधी कानून की तरह इनका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है ।

🚩जैसे दहेज विरोधी अधिनियम में संशोधन किया गया ऐसे ही #POCSO कानून में भी संशोधन की सख्त आवश्यकता है।

🚩 कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू सदा हर वर्ग, हर प्राणी को ईश्वरीय सुख-शांति, आत्मिक निर्विकारी आनंद पहुँचाने का अथक प्रयास करते रहे हैं । #समाज, संस्कृति और विश्वसेवा के दैवी कार्य में #बापू आसारामजी का योगदान अद्वितीय है । 

🚩 #बापू #आसारामजी के ओजस्वी जीवन एवं उपदेशों से असंख्य लोगों ने व्यसन, मांस आदि बड़ी सहजता से छोड़कर संयम-सदाचार का रास्ता अपनाया है ।

🚩 एक 82 वर्षीय बुजुर्ग #संत, जिन्हें करोड़ों लोगों के जीवन में संयम-सदाचार जागृत करने व उन्हें भगवान के रास्ते चलाने तथा करोड़ों दुःखियों के चेहरों पर मुस्कान लाने का श्रेय जाता है, उनको जमानत मिलनी चाहिए । 

🚩सम्पादक, राजनेता, फिल्म स्टार, आतंकवादी आदि को भी जमानत मिल जाती है तो एक #हिन्दू संत जिन पर 4.5 साल से एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है और उन्हें जमानत तक भी नहीं मिल रही है ।

🚩जब हमारा #कानून एक आतंकवादी के प्रति भी उदारता का व्यवहार करता है तो एक निर्दोष संत को क्यों बेवजह सता रहा है ???

🚩 महिला उत्थान मंडल आपसे निवेदन करता है कि विश्व में भारतीय संस्कृति की ध्वजा फहरानेवाले, आध्यात्मिक क्रांति के प्रणेता, संयममूर्ति #संत #आसारामजी #बापू की समाज को अत्यंत आवश्यकता है ।

🚩 मंडल ने बताय की आज भी #देश की असंख्य महिलाएँ उनकी निर्दोषता के समर्थन में सड़कों पर आकर उनकी रिहाई की माँग कर रही हैं तो आपको इस बात पर अवश्य विचार करना चाहिए कि आरोप लगानेवाली दो महिलाएँ सच्ची हैं या हम #करोड़ों महिलाओं का अनेक वर्षों का अनुभव सच्चा है ।

🚩अतः हम आपसे निवेदन करती हैं कि उन्हें शीघ्रातिशीघ्र जमानत दी जाय, रिहा किया जाय।

🚩उन्होंने आगे कहा कि हिन्दू संत #आसाराम #बापू केस में आज तक न कोई ठोस सबूत मिला है और न ही कोई #मेडिकल आधार है...!!
बल्कि उन्हें #षड़यंत्र करके फंसाने के सैकड़ों प्रमाण सामने आये हैं ।

🚩 आरोप लगानेवाली #लड़की की मेडिकल जाँच करनेवाली #डॉ. #शैलजा वर्मा ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि “लड़की के शरीर पर जरा सा भी #खरोंच का निशान नहीं था और न ही प्रतिरोध के कोई निशान थे ।”

🚩 प्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. #सुब्रमण्यम स्वामी ने केस अध्ययन कर बताया कि ‘‘लड़की के #फोन #रिकॉर्ड्स से पता लगा कि जिस समय पर वह कहती है कि वह कुटिया में थी, उस समय वह वहाँ थी ही नहीं और #बापू आसारामजी भी उस समय अपनी कुटिया में न होकर अपने भक्तों के बीच सत्संग कर रहे थे।

🚩 ‘अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच’ की अध्यक्षा श्रीमती रुपाली दुबे ने कहा : ‘‘ हिन्दू संत आसाराम बापू से लाभान्वित हुए लोगों में महिलाओं की संख्या भी करोड़ों में है लेकिन विडम्बना है कि जिन #बापू आसारामजी ने नारी सशक्तीकरण एवं महिला जागृति के लिए #महिला उत्थान मंडलों की स्थापना की, #गर्भपात रोको #अभियान चलवाया, नारियों के शोषण के खिलाफ हमेशा आवाज उठायी, उन्हीं साजिशकर्ताओं का मोहरा बनी एक-दो महिलाओं के झूठे आरोपों के आधार पर 53 महीनों से एक #निर्दोष संत को जेल में रखा गया है । 

🚩 हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू पर लगे आरोपों में से एक भी सिद्ध नहीं हुआ और न ही किसी जाँच में ऐसा कुछ सामने आया कि जिसके आधार पर 82 वर्ष की उम्र में ‘ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया’ की भयंकर बीमारी होने के बावजूद उनको जेल में रखा जाये। 
जमानत उनका संवैधानिक मौलिक अधिकार है लेकिन उन्हें यह भी नहीं मिल पाना बड़ा अपवाद और आपत्तिकारक है ।’’

🚩गौरतलब है कि जब से हिन्दू #संत #आसाराम #बापू जेल में गए हैं तबसे उनके #करोड़ों #भक्त समय-समय पर न्यायालय और #सरकार से उनकी रिहाई की माँग कर रहे हैं । कभी POCSO  कानून के विरुद्ध #रैली निकाल कर तो कभी #सोशल मीडिया का सहारा ले ट्विटर पर ट्रेंड चला कर।

🚩अब देखना ये है कि एक लड़की के कहने पर विश्विख्यात्  हिन्दू #संत #आसाराम #बापू को जेल में रखने वाली #सरकार इन लाखों लड़कियों की गुहार कब सुनेगी ?

🚩जिनकी सिर्फ #एक ही मांग है कि..
 ‘निर्दोष हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू की शीघ्र रिहाई हो सह-सम्मान।'

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Wednesday, March 7, 2018

NCERT की पुस्तकों में मुग़लो का नही शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप का इतिहास होगा

March 7, 2018

🚩देश का भविष्य आने वाले बच्चे होते हैं अगर उनको गलत इतिहास पढ़ाया जाता है तो आगे चलकर देश के लिए रक्षक बनने की जगह देश के भक्षक बन जाते हैं। आजतक बच्चों को विदेशी अंग्रेज एवं मुगल बाबर, अकबर, औरंगजेब आदि #आक्रमणकारी, क्रूर, लुटेरे, #बलात्कारियों का #इतिहास #पढ़ाया #जाता था जिसमें बच्चे उनसे वैसी ही प्रेरणा लेते थे जैसे उन्होंने शोषण के कार्य किये हैं लेकिन देश, धर्म के लिए अपने प्राणों की बलि देने वाले #महापुरुषों का #इतिहास #नही #पढ़ाया #जाता था अब NCERT की पुस्तकों में इनका इतिहास पढ़ाया जायेगा ये अत्यंत खुशी की बात है ।
In the books of NCERT, there will be no history of the
Mughals Shivaji Maharaj, Maharana Pratap

🚩#छत्रपति शिवाजी महाराज, #महाराणा प्रताप, #बाजीराव पेशवा आदि #राष्ट्रीय #महापुरुषों के #योगदान से आज #हिन्दू समाज #अभिमान के साथ जी रहा है । दुर्भाग्य से केंद्रीय स्तर की ‘एन.सी.ई.आर.टी.’ की पुस्तकों में अनेक वर्षों से छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास केवल 6 पंक्तियों में पढाया जाता था, और महाराणा प्रताप के नाम का तो केवल उल्लेख रहता था । इसके विपरीत अकबर, बाबर आदि आक्रमणकारी मुगलों का इतिहास अनेक पन्नों में पढाया जाता था । वर्ष 2008 से हिन्दू जनजागृति समिति इस विषय में राष्ट्रीय स्तर पर अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन कर रही है । परिणामस्वरूप, वर्ष 2008 में गोवा शासन ने  समिति के इस आंदोलन का संज्ञान लेकर, इतिहास की पुस्तक निरस्त की और इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज तथा छत्रपति संभाजी महाराज का पाठ जोडकर, नई पाठ्यपुस्तक विद्यार्थियों को दी ।

🚩मुगलों को आदर्श माननेवाली कांग्रेसी सरकार महाराष्ट्र और देहली में पैर जमाए बैठी थी । इसलिए उन्हें इसमें परिवर्तन करने की इच्छा नहीं हुई । वर्ष 2014 में हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार सत्ता में आने के पश्‍चात भी इस विषय का अनेक बार स्मरण दिलाया गया । अंततः यह प्रयास सफल हुआ । 

🚩अब केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है, NCERT की किताबों का सिलेबस अब बदला जायेगा, और कक्षा 7 की किताब में शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप इन दोनों पर अब चैप्टर होंगे, कक्षा 7 के बच्चों को भारत के इन 2 महान शूरवीरों के बारे में असली जानकारी दी जाएगी, इसके साथ साथ केंद्र सरकार NCERT की किताबों में और बदलाव करने जा रही है ।

🚩अब इस्लामिक हमलावरों को जहाँ जहाँ भी महान बताया गया है वो सब हटाया जायेगा और असली नायकों को सिलेबस में शामिल किया जायेगा, 7वी. की किताब में शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप पर चैप्टर एक शुरुवातभर है, ये कदम बहुत जरुरी था और 2014 में जब से भाजपा सरकार बनी है तभी से ये मांग की जा रही थी कि इतिहास की किताबों से गलत चीजें हटाई जाये जो सेकुलरों और वामपंथियों ने भरी हुई है ताकि देश की पीढ़ी ये जान सके कि अकबर नहीं बल्कि महाराणा प्रताप विजेता थे और महान थे,  औरंगजेब नहीं शिवाजी महाराज असली महान थे ।

🚩आपको बता दें कि हिन्दू जनजागृति समिति तो इस मांग को लेकर पिछले कई सालों से प्रदर्शन भी कर रही थी, पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि इतिहास की किताबों को फिर से लिखने की जरुरत है और उसमें जो गंदगी भर दी गई है उसे साफ़ करना आवश्यक है और अब शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप पर पुरे चैप्टर होंगे NCERT की किताब में, #अगले #सत्र से कक्षा #7 के #बच्चे राजे और #राणा को #पढ़ेंगे और उनकी #महानता को #जानेंगे ।

🚩हिन्दू जन जागृति एवं जिन संगठनों ने इसमें प्रयत्न किया उन सभी को खूब-खूब धन्यवाद है जो बच्चो को सही इतिहास पढ़ाई करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और विजेता हुए, हिन्दुओं को बटने के कारण ही सफलता नहीं मिल रही है अगर हिन्दू एक हो जाये तो हिन्दू राष्ट्र भी घोषित हो सकता है ।

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Tuesday, March 6, 2018

हिन्दू भूल गए हिन्दुओं का नववर्ष 18 मार्च को आ रहा है, शुरू करें तैयारी, जानिए कैसे करना है

March 6, 2018

हिन्दू धर्म पृथ्वी के उदगम से ही शुरू है और सबसे सर्वश्रेष्ठ धर्म है; परंतु दुर्भाग्य की बात है कि हिन्दू ही इसे समझ नहीं पाते । पाश्चात्य कल्चर को योग्य और अधर्मी कृत्यों का अंधानुकरण करने में ही अपने आप को धन्य समझते हैं । 31 दिसंबर की रात में नववर्ष का स्वागत और 1 जनवरी को नववर्षारंभ दिन मनाने लगे हैं ।
New year of Hindu forgotten Hindus is coming on 18th March,
 start preparing, know how to do

अंग्रेजी कालगणना ने इस वर्ष अपने 2018 वें वर्ष में पदार्पण किया है, जबकि हिन्दू कालगणना के अनुसार इस चैत्र शुक्ल 1 को 15 निखर्व, 55 खर्व, 21 पद्म (अरब) 93 करोड 8 लाख 53 सहस्र 120 वां वर्ष आरंभ हो रहा है ।
(टिप्पणी : 1 खर्व अर्थात 10,00,00,00,000 वर्ष (हजार करोड या वर्ष)
और 1 निखर्व अर्थात 1,00,00,00,00,000 वर्ष (दस हजार करोड वर्ष)

नव संवत्सर 2075 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा , 18 मार्च 2018 से प्रारंभ हो रहा है यही हिन्दुओं का नया वर्ष है, इसे धूमधाम से जरूर मनाए ।

चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा ही हिन्दुओं का वर्षारंभ दिवस है; क्योंकि यह सृष्टि की उत्पत्ति का पहला दिन है । इस दिन प्रजापति देवता की तरंगें पृथ्वी पर अधिक आती हैं ।

भारतीय नववर्ष की विशेषता   - 
 
पुराणों में लिखा है कि जिस दिन सृष्टि का चक्र प्रथम बार विधाता ने प्रवर्तित किया, उस दिन चैत्र सुदी 1 रविवार था। हिन्दुओं के लिए आने वाला संवत्सर 2075 बहुत ही भाग्यशाली होगा , क़्योंकि इस वर्ष भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रविवार है,   शुदी एवम  ‘शुक्ल पक्ष एक ही  है। 

चैत्र के महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (प्रतिपद या प्रतिपदा) को सृष्टि का आरंभ हुआ था। हिन्दुओं का नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को शरू होता है । इस दिन ग्रह और नक्षत्र में परिवर्तन होता है । हिन्दी महीने की शुरूआत इसी दिन से होती है ।

पेड़-पौधों में फूल ,मंजर ,कली इसी समय आना शुरू होते हैं , वातावरण मे एक नया उल्लास होता है जो मन को आह्लादित कर देता है। जीवों में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है । इसी दिन ब्रह्मा जी  ने सृष्टि का निर्माण किया था । भगवान विष्णु जी का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था। नवरात्र की शुरुअात इसी दिन से होती है । जिसमें हिन्दू उपवास एवं पवित्र रहकर नववर्ष की शुरूआत करते हैं।

परम पुरूष अपनी प्रकृति से मिलने जब आता है तो सदा चैत्र में ही आता है। इसीलिए सारी सृष्टि सबसे ज्यादा चैत्र में ही महक रही होती है। वैष्णव दर्शन में चैत्र मास भगवान नारायण का ही रूप है। चैत्र का आध्यात्मिक स्वरूप इतना उन्नत है कि इसने वैकुंठ में बसने वाले ईश्वर को भी धरती पर उतार दिया। 

न शीत न ग्रीष्म। पूरा पावन काल। ऐसे समय में सूर्य की चमकती किरणों की साक्षी में चरित्र और धर्म धरती पर स्वयं  श्रीराम रूप धारण कर उतर आए,  श्रीराम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी को होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि  के ठीक नवे दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था । आर्यसमाज की स्थापना इसी दिन हुई थी । यह दिन कल्प, सृष्टि, युगादि का प्रारंभिक दिन है । संसारव्यापी निर्मलता और कोमलता के बीच प्रकट होता है  हिन्दुओं का नया साल विक्रम संवत्सर विक्रम संवत का संबंध हमारे कालचक्र से ही नहीं, बल्कि हमारे सुदीर्घ साहित्य और जीवन जीने की विविधता से भी है। 

कहीं धूल-धक्कड़ नहीं, कुत्सित कीच नहीं, बाहर-भीतर जमीन-आसमान सर्वत्र स्नानोपरांत मन जैसी शुद्धता। पता नहीं किस महामना ऋषि ने चैत्र के इस दिव्य भाव को समझा होगा और किसान को सबसे ज्यादा सुहाती इस चैत्र में ही काल गणना की शुरूआत मानी होगी। 

चैत्र मास का वैदिक नाम है-मधु मास। मधु मास अर्थात आनंद बांटता वसंत का मास। यह वसंत आ तो जाता है फाल्गुन में ही पर पूरी तरह से व्यक्त होता है चैत्र में। सारी वनस्पति और सृष्टि प्रस्फुटित होती है ,  पके मीठे अन्न के दानों में, आम की मन को लुभाती खुशबू में, गणगौर पूजती कन्याओं और सुहागिन नारियों के हाथ की हरी-हरी दूब में तथा वसंतदूत कोयल की गूंजती स्वर लहरी में।

चारों ओर पकी फसल का दर्शन ,  आत्मबल और उत्साह को जन्म देता है। खेतों में हलचल, फसलों की कटाई , हंसिए का मंगलमय खर-खर करता स्वर और खेतों में डांट-डपट-मजाक करती आवाजें। जरा दृष्टि फैलाइए, भारत के आभा मंडल के चारों ओर। चैत्र क्या आया मानो खेतों में हंसी-खुशी की रौनक छा गई। 

नई फसल घर में आने का समय भी यही है । इस समय प्रकृति मे उष्णता बढ्ने लगती है , जिससे पेड़ -पौधे , जीव-जन्तु में नवजीवन आ जाता है । लोग इतने मदमस्त हो जाते है कि आनंद में मंगलमय  गीत गुनगुनाने लगते हैं । गौर और गणेश की पूजा भी इसी दिन से तीन दिन तक राजस्थान में की जाती है । चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के समय जो वार होता है वह ही वर्ष में संवत्सर का राजा कहा जाता है ,  मेषार्क प्रवेश के दिन जो वार होता है वही संवत्सर का मंत्री होता है इस दिन सूर्य मेष राशि में होता है ।

सभी हिन्दू चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष मनाने का संकल्प ले | इस वर्ष 18 मार्च 2018 रविवार  को हिन्दू नववर्ष आ रहा है। सभी हिन्दू तैयारी शुरू कर दे।

आज से ही अपने सभी सगे-संबंधी, परिचित और मित्रों को पत्र एवं सोशल मीडिया आदि द्वारा शुभ संदेश भेजना शुरू करें ।

संस्कृतिरक्षा के लिए गांव-शहरों में 18 फरवरी नववर्ष निमित्त प्रभात फेरियां, झांकिया की सजावट वाली यात्राएं, पोस्टर लगाकर, स्थानिक केबल पर प्रसारण करवाकर नववर्ष का प्रचार-प्रसार जरूर करें ।

Monday, March 5, 2018

सुरेश चव्हाणके :आजादी के बाद सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया गया जिनको वो हैं संत आसाराम बापू

March 4, 2018
हाल में एकमात्र राष्ट्रवादी चैनल सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक श्री सुरेश चव्हाणके भारत बचाओ अभियान यात्रा पर हैं वो जब लखनऊ में पहुँचे तो उन्होंने हिन्दू संत आसाराम बापू का खुलकर समर्थन किया ।
उन्होंने कहा कि आजादी के पहले की स्थिति और मुगलों के समय का तो मुझे पता नहीं लेकिन आजादी के बाद हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा षड्यंत्रपूर्वक जिनको प्रताड़ित किया गया उन संत का नाम है आसाराम बापू जी। सबसे ज्यादा प्रताड़ित..इतनी प्रताड़ना की पराकाष्ठा मैंने कहीं नहीं देखी ।
Suresh Chavanke: After Independence, the highest punishment was given to those who are Sant Asaram Bapu
हम सब जानते हैं कि कैसे कानून का दुरुपयोग किया गया है ।
सुरेश जी ने आगे कहा कि यात्री भाइयों को बताना चाहता हूँ कि कानून का मिसयूज कैसे किया जाता है मैक्सिमम मतलब उस Max का अंत नहीं इतना सब कुछ। बापू आसारामजी पर आरोप लगाने वाली उस लड़की की उम्र के कारण पॉक्सो एक्ट लगाया गया जबकि वह अल्पायु नहीं है बाकि डॉक्यूमेंट है किसी ने सुने न सुने ।
जो घटना घटी वहां पर मैं खुद गया था और खुद जाकर वह डिस्टेंस कितना है वो सब चेक किया ।वाकई में क्या हुआ होगा इतनी देर में और मेरे साथ में मैं और कई पत्रकार और पुलिस अधिकारियों को भी लेकर गया था। ऐसे कई चीजों का विश्लेषण किया और कितनी चीज है जो हमारे (बापू आशारामजी के ) पक्ष में है उसके बावजूद भी किसी चीज को कानून के कटघरे में डाल दो और सालों किसी को जेल में सड़ाओ । मैंने तो ऐसा दूसरा कोई केस देखा नहीं जो बापूजी के बारे में देखा है ।
अत्याचार सहकर भी सेवाकार्य कर रहे हैं
सुरेश जी ने आगे बताया कि बापू आसारामजी तो अंदर है लेकिन यह लोग (बापू आसारामजी के अनुयायी ) जो आज बापू आसारामजी का नाम लेकर इतना बड़ा कार्य चला रहे हैं विभिन्न आपदाओं के बावजूद कितनों को क्या-क्या झेलना नहीं पड़ा होगा पहले कुछ समय तक तो यह मीडिया वालों की गंदी गेम के कारण बापू आसारामजी का नाम लेकर चलने वाले व्यक्ति की तरफ लोग गलत निगाह से देखते थे, कितनी हीन भावना से कैसे कैसे गंदे कॉमेंट्स रहे होंगे, काम करना कितना मुश्किल रहा होगा ।
मित्रों! हम तो निकले हैं फूल माला मिल गई है ठीक है हमारे पीछे यात्रा के कई षड्यंत्र हो रहे हैं कोई कोर्ट में जा रहा है कोई अधिकारी आगे आकर उसको रोक रहा है लेकिन जो बापू आसारामजी के भक्तों ने झेला है मुझे लगता है कि इस देश में किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता नेता या यहां तक कि बंगाल, केरला में जो राजनीतिक कार्यकर्ता पर अत्याचार होते हैं उससे भी 1000 गुना ज्यादा अत्याचार बापू आसारामजी के भक्तों पर हुए।  कितनी महिलाओं को लाठी डंडे झेलने पड़े कितने लोगों ने मतलब आप में से कई लोगों ने तो अपने घर को स्वाहा किया ।
अनुयायी समाज तक सच्चाई पहुँचा रहे हैं
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सुरेश जी ने कहा कि बापू आसारामजी के भक्तों का कहना है कि नहीं नहीं हम लड़ेंगे क्योंकि पीछे हटेंगे तो पता नहीं यह लड़ाई कमजोर हो जाएगी मैं ऐसे कई लोगों (बापू आसारामजी के भक्तों ) को जानता हूँ जिनकी दुकान तक बंद हो गई, जिनकी नौकरी छूट गई वह फिर भी थैला लेकर प्रूफ लेकर लोगों के पास जा रहे हैं RSS के लोगों को मिलते है,  BJP से मिलते  हैं, सत्ता से जुड़े लोगों को मिलते हैं, पत्रकारों को मिलते हैं, हमारे पास भी आते हैं कितने लोग मतलब वो कोई एक्टिविस्ट नहीं है लेकिन मैं बताऊं जब आप (षडयंत्रकारी) अत्याचार की अति कर देते हो तो उसके बाद सत्य का जो चक्र है ना वह उल्टा परिणाम देने लगता है, और वह चक्र क्या परिणाम दे रहा है यह तमाम वह लोग हैं जो लोग ईश्वर और खुद इसमें कनेक्ट है ।
एक षडयंत्र ने करोड़ो राष्ट्रवादी पैदा किये
आगे बताते हुए सुरेश जी ने कहा कि बापू आसारामजी पर हुए अत्याचार ने इस देश में कई करोड़ हिंदूवादी एक्टिविस्ट पैदा कर दिए । जो (बापू आसारामजी के अनुयायी ) भक्ति भाव और भजन के आगे जाते नहीं थे देश में बाकि क्या चीजें हो रही हैं वह स्वाभाविक से आदमी अलग चीजों में होता है धार्मिक क्षेत्र का, लेकिन आज ज्यादातर लोग (बापू आसारामजी के अनुयायी) सोशल मीडिया में एक्टिव है, Twitter का ट्रेंड चलाते हैं, मैसेजेस भेजते हैं, भाषण सीख गए हैं। ऐसी ऐसी महिलाएं मुझे नहीं लगता कि वह घूंघट वाली महिलाएं हैं । मैंने दिल्ली में देखी थी ।प वह चौराहे पर खड़े होकर भाषण दे सकती है यह सारा जोश उनके अंदर जो भरा वह इस एक घटना (बापू आसारामजी पर षड्यंत्र) ने भरा! कभी कभी मुझे ऐसा लगता है कि शायद हिंदुत्व का आंदोलन कमजोर पड़ रहा है और उस आंदोलन में एक साथ कई करोड़ कार्यकर्ता की जरूरत थी क्योंकि एक साथ कई कार्यकर्ता तो बड़ी मुश्किल है । आपको तो पता है कि कार्यकर्ता खड़ा करना कितना मुश्किल होता है लेकिन हजारों साल के हिंदुत्ववादी मूमेंट में किसी एक घटना ने अगर करोड़ों कार्यकर्ताओं को खड़ा किया होगा तो बापू आसारामजी की घटना ने किया है यह इतिहास याद रखेगा की एक घटना का परिवर्तन कैसे होता है। हमें इस घटना का आज भी दुःख है ।
न्यापालिका को पछताना पड़ेगा
सुरेश जी ने आगे कहा कि मैं दावा करता हूं कि आने वाले दिनों में हिंदुस्तान को और न्यायपालिका को पछतावा करना पड़ेगा कि दोनों ने जो बापू आसारामजी पर अत्याचार किये वो कितने गलत थे ।
न्यापालिका बिकती है
सुरेश जी ने आगे कहा कि अब केस अंतिम स्टेज में है कभी भी कुछ भी हो सकता है । बापू आसारामजी जी हमारे लिए पवित्र थे हैं और रहेंगे और हम यह केवल मैं आप लोगों के सामने नहीं कहता हूँ बल्कि मैं आप लोगों के सामने कम बोलता हूँ चैनल पर  इससे ज्यादा बोलता हूँ। अब आजकल कार्यक्रम इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि केस चल रहा है पॉजिटिव होगा तो तो हम हैं ही कुछ नेगेटिव भी होता है तो हम आपसे आगे रहेंगे हमेशा हमेशा से ज्यादा इस देश में न्यायपालिकाएं बिकती हैं प्रभावित होती है यह मैं पहले भी कह चुका हूँ आगे भी कहता हूँ कैमरे पे कहता हूँ क्योंकि मुझे ये कहने में डर नहीं है खुद न्यायपालिका के अंदर के ही सिस्टम के अंदर के जज से लेकर मजिस्ट्रेट वकील इस बात को दोहरा चुके हैं इसलिए इन व्यवस्थाओं से बहुत ज्यादा भरोसा करने की जरूरत नहीं है।
दिव्य शक्ति की इच्छा से नव हिंदुस्तान का निर्मित
सुरेश जी ने बताया कि हम तो दिव्य व्यवस्था के वाहक हैं और इसलिए हमने उस दिव्य व्यवस्था पर अपनी श्रद्धा रखनी चाहिए भाव रखना चाहिए । वही व्यवस्था इन तमाम चीजों को क्योंकि भगवान किस बंदे से क्या करना चाहता है कोई बता नहीं सकता कभी-कभी वह बातें समझने में सौ-सौ साल लग जाते हैं और इसीलिए हम यह माने कि दिव्य शक्ति की इच्छा के आधार पर नव हिंदुस्तान को निर्मित करने की आवश्यकता है । आने वाले दिन बहुत मुश्किल हैं, मैंने जो यात्रा निकाली है जान हथेली पर लेकर जिस मुद्दे को उठाया है, लोग एक दूसरे को चार लोगों में ही इस मुद्दे को बोलना नहीं चाहते उनको लगता है कि कोई सुन लेगा तो पता नहीं क्या हो जाएगा हम तो खुले मैदान में यात्रा लेकर निकले हैं इसलिए क्योंकि इससे बड़े-बड़े होल इससे बड़े-बड़े आश्रम पाकिस्तान में थे ना लेकिन उनका क्या हो गया और इसलिए यह अगर बचा रहे तो एक ही चीज काम आ सकती है वह है हिंदू का बहुसंख्यक होना और वह होने के लिए जो कानून जरूरी है हम दो हमारे दो तो सबके दो तो इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। बापू आसारामजी के भक्त तमाम जगह पर मेरे साथ हैं ही, हमारे दो भाई यात्रा में मेरे साथ चल रहे हैं।