Tuesday, March 13, 2018

मेरी हत्या भी हो जाये तो आप जनसंख्या नियंत्रण मुहीम को जारी रखना : सुरेश चव्हाणके

March 13, 2018

🚩#जनसंख्या #नियंत्रण #कानून की मांग को लेकर राष्ट्रवादी सुदर्शन न्यूज चैनल के प्रधान संपादक और चेयरमैन सुरेश चव्हाणके जी पूरे देश में पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक #"भारत बचाओ" यात्रा पर निकले हैं इसकी शुरुआत 18 फरवरी 2018 को जम्मू से ही हो चुकी है इस यात्रा द्वारा वो पूरे देश में जाएगे और 22 अप्रैल 2018 को दिल्ली में समाप्त करेंगे। ऐसे में चव्हाणके को सऊदी अरब से लेकर पाकिस्तान और भारत तक के कट्टरपंथी जान से मारने की धमकियाँ दे रहे हैं, चव्हाणके को तरह-तरह के फ़ोन आने शुरू हो गए हैं ।
🚩यात्रा पर निकलने से पहले चव्हाणके ने राष्ट्रवादियों से अपील की है कि अगर जिहादी कट्टरपंथी मुझे मारने में कामयाब होते हैं तो भी आप इस मुहीम को जारी रखना, अगर #जनसंख्या #नियंत्रण #कानून नहीं आता है, तो #हिन्दूस्तान का कोई #भविष्य ही नहीं है, देश में जल्द ही #विकराल #समस्याएं उत्पन्न होंगी, और चाहे मैं रहूं या न रहूं पर आप इस मुहीम को जारी रखना, देश के भविष्य के लिए, आने वाली पीढ़ी के लिए !!
🚩दुनिया में मुस्लिम पोपुलेशन  पर आप भी गौर कीजिए, जहां भी मुसलमानों की जनसंख्या बड़ी हुई है वहाँ क्या हाल हुआ है देख लीजिए।


🚩जब तक मुस्लिमों की जनसंख्या किसी देश/प्रदेश/क्षेत्र में लगभग 2% के आसपास होती है, तब वे एकदम शांतिप्रिय, कानूनपसन्द अल्पसंख्यक बनकर रहते हैं और किसी को विशेष शिकायत का मौका नहीं देते, जैसे...
अमेरिका : मुस्लिम 0.6%
ऑस्ट्रेलिया : मुस्लिम 1.5%
कनाडा : मुस्लिम 1.9%
चीन : मुस्लिम 1.8%
इटली : मुस्लिम 1.5%
नॉर्वे : मुस्लिम 1.8%

🚩जब मुस्लिम जनसंख्या 2% से 5% के बीच तक पहुँच जाती है, तब वे अन्य धर्मावलम्बियों में अपना “धर्मप्रचार” शुरु कर देते हैं, जिनमें अक्सर समाज का निचला तबका और अन्य धर्मों से असंतुष्ट हुए लोग होते हैं, जैसे...
डेनमार्क : मुस्लिम 2%
जर्मनी : मुस्लिम 3.7%
ब्रिटेन : मुस्लिम 2.7%
स्पेन : मुस्लिम 4%
थाईलैण्ड : मुस्लिम 4.6%

🚩मुस्लिम जनसंख्या के 5% से ऊपर हो जाने पर वे अपने अनुपात के हिसाब से अन्य धर्मावलम्बियों पर दबाव बढ़ाने लगते हैं और अपना “प्रभाव” जमाने की कोशिश करने लगते हैं। उदाहरण के लिये वे सरकारों और शॉपिंग मॉल पर “हलाल” का माँस रखने का दबाव बनाने लगते हैं, वे कहते हैं कि “हलाल” का माँस न खाने से उनकी धार्मिक मान्यतायें प्रभावित होती हैं। इस कदम से कई पश्चिमी देशों में “खाद्य वस्तुओं” के बाजार में मुस्लिमों की तगड़ी पैठ बनी। उन्होंने कई देशों के सुपरमार्केट के मालिकों को दबाव डालकर अपने यहाँ “हलाल” का माँस रखने को बाध्य किया। दुकानदार भी “धंधे” को देखते हुए उनका कहा मान लेता है (अधिक जनसंख्या होने का “फ़ैक्टर” यहाँ से मजबूत होना शुरु हो जाता है), ऐसा जिन देशों में हो चुका वह हैं...
फ़्रांस : मुस्लिम 8%
फ़िलीपीन्स : मुस्लिम 6%
स्वीडन : मुस्लिम 5.5%
स्विटजरलैण्ड : मुस्लिम 5.3%
नीडरलैण्ड : मुस्लिम 5.8%
त्रिनिदाद और टोबैगो : मुस्लिम 6%

🚩इस बिन्दु पर आकर “मुस्लिम” सरकारों पर यह दबाव बनाने लगते हैं कि उन्हें उनके “क्षेत्रों” में शरीयत कानून (इस्लामिक कानून) के मुताबिक चलने दिया जाये (क्योंकि उनका अन्तिम लक्ष्य तो यही है कि समूचा विश्व “शरीयत” कानून के हिसाब से चले)। जब मुस्लिम जनसंख्या 10% से अधिक हो जाती है तब वे उस देश/प्रदेश/राज्य/क्षेत्र विशेष में कानून-व्यवस्था के लिये परेशानी पैदा करना शुरु कर देते हैं, शिकायतें करना शुरु कर देते हैं, उनकी “आर्थिक परिस्थिति” का रोना लेकर बैठ जाते हैं, छोटी-छोटी बातों को सहिष्णुता से लेने की बजाय दंगे, तोड़फ़ोड़ आदि पर उतर आते हैं, चाहे वह फ़्रांस के दंगे हों, डेनमार्क का कार्टून विवाद हो, या फिर एम्स्टर्डम में कारों का जलाना हो, हरेक विवाद को समझबूझ, बातचीत से खत्म करने की बजाय खामख्वाह और गहरा किया जाता है, जैसे...
गुयाना : मुस्लिम 10%
इसराइल : मुस्लिम 16%
केन्या : मुस्लिम 11%
रूस : मुस्लिम 15%
चेचन्या : मुस्लिम 17%

🚩जब मुस्लिम जनसंख्या 20% से ऊपर हो जाती है तब विभिन्न “सैनिक शाखायें” जेहाद के नारे लगाने लगती हैं, असहिष्णुता और धार्मिक हत्याओं का दौर शुरु हो जाता है, जैसे...
इथियोपिया : मुस्लिम 32.8%
भारत : मुस्लिम 22%

🚩मुस्लिम जनसंख्या के 40% के स्तर से ऊपर पहुँच जाने पर बड़ी संख्या में सामूहिक हत्याऐं, आतंकवादी कार्रवाईयाँ आदि चलने लगते हैं, जैसे...
बोस्निया : मुस्लिम 40%
चाड : मुस्लिम 54.2%
लेबनान : मुस्लिम 59%

🚩जब मुस्लिम जनसंख्या 60% से ऊपर हो जाती है तब अन्य धर्मावलंबियों का “जातीय सफ़ाया” शुरु किया जाता है (उदाहरण भारत का कश्मीर), जबरिया मुस्लिम बनाना, अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल तोड़ना, जजिया जैसा कोई अन्य कर वसूलना आदि किया जाता है, जैसे...
अल्बानिया : मुस्लिम 70%
मलेशिया : मुस्लिम 62%
कतर : मुस्लिम 78%
सूडान : मुस्लिम 75%

🚩जनसंख्या के 80% से ऊपर हो जाने के बाद तो सत्ता/शासन प्रायोजित जातीय सफ़ाई की जाती है, अन्य धर्मों के अल्पसंख्यकों को उनके मूल नागरिक अधिकारों से भी वंचित कर दिया जाता है, सभी प्रकार के हथकण्डे/हथियार अपनाकर जनसंख्या को 100% तक ले जाने का लक्ष्य रखा जाता है, जैसे...
बांग्लादेश : मुस्लिम 83%
मिस्त्र : मुस्लिम 90%
गाज़ा पट्टी : मुस्लिम 98%
ईरान : मुस्लिम 98%
ईराक : मुस्लिम 97%
जोर्डन : मुस्लिम 93%
मोरक्को : मुस्लिम 98%
पाकिस्तान : मुस्लिम 97%
सीरिया : मुस्लिम 90%
संयुक्त अरब अमीरात : मुस्लिम 96%

🚩बनती कोशिश पूरी 100% जनसंख्या मुस्लिम बन जाने, यानी कि दार-ए-स्सलाम होने की स्थिति में वहाँ सिर्फ़ मदरसे होते हैं और सिर्फ़ कुरान पढ़ाई जाती है और उसे ही अन्तिम सत्य माना जाता है, जैसे...
अफ़गानिस्तान : मुस्लिम 100%
सऊदी अरब : मुस्लिम 100%
सोमालिया : मुस्लिम 100%a
यमन : मुस्लिम 100%

🚩आज की स्थिति में मुस्लिमों की जनसंख्या समूचे विश्व की जनसंख्या का 22-24% है, लेकिन ईसाईयों, हिन्दुओं और यहूदियों के मुकाबले उनकी जन्मदर को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस शताब्दी के अन्त से पहले ही मुस्लिम जनसंख्या विश्व की 50% हो जायेगी ! (यदि तब तक धरती बची तो) भारत में कुल मुस्लिम जनसंख्या 15% के आसपास मानी जाती है, जबकि हकीकत यह है कि उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और केरल के कई जिलों में यह आँकड़ा 60 से 80% तक पहुँच चुका है । अब देश में आगे चलकर क्या परिस्थितियाँ बनेंगी यह कोई भी (“सेकुलरों” को छोड़कर) आसानी से सोच-समझ सकता है।

🚩(सभी सन्दर्भ और आँकड़े : डॉ पीटर हैमण्ड की पुस्तक “स्लेवरी, टेररिज़्म एण्ड इस्लाम – द हिस्टोरिकल रूट्स एण्ड कण्टेम्पररी थ्रेट तथा लियोन यूरिस – “द हज”, से साभार)

🚩भारत देश का और आपका भविष्य विकास तथा रोजगार से नहीं बचेगा, यकीन मानिये जिस दिन आप अल्पसंख्यक हो गए, आप शायद जिंदगी के लिए भी संघर्ष करते नजर आएंगें । आपको उदाहरण देकर बताते हैं जिससे आप सीख सकते हैं

🚩3 शहर, लाहौर, ढाका, काबूल, हम इन 3 का ही उदाहरण दे रहे हैं,
ऐसे और *100 शहर है,
 खैर, इन तीनो ही शहरों में सारा व्यापार हिन्दुओं का था, 7-7 मंजिला दुकानें थी हिन्दू व्यापारियों की, लाहौर में तो खासकर सबकुछ हिन्दुओं का ही था, पर क्या हुआ देखिये, काबूल ढाका लाहौर, रोजगार और विकास हिन्दुओं के किसी काम नहीं आया, हिन्दू कम हो गया, फिर विलुप्त कर दिये गए, लूट लिया गया, मार दिया गया, औरतों का रेप कर दिया गया और बाकि सब आप जानते ही हैं ।

🚩देश को बचाना है तो जनसंख्या नियंत्रण कानून सख्ती से लागू करना होगा जैसे चीन में किया गया है अन्यथा मुस्लिम समुदाय अंधाधुंध प्रजनन कर रहा है और जल्द ही हिन्दू अल्पसंख्यक होगा और अलसंख्यक होने के बाद क्या होता है ये आप पाकिस्तान बांग्लादेश तो छोड़िये कश्मीर से ही सीख लीजिये जो अपने ही देश में है ।

🚩इसलिए आप भी प्रखर #राष्ट्रवादी #सुरेश चव्हाणके जी को #"भारत बचाओ" #अभियान #में अपना पूरा #सहयोग #दें, यह यात्रा आपके क्षेत्र में कब आएगी जानने के लिए देखें सुदर्शन न्यूज हर रात 8 से 10 बजे ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Monday, March 12, 2018

भारतीय चैत्री नूतनवर्ष की विशेषताएं जानकर आप स्वयं को गौरवान्वित महसूस करेंगे

March 12, 2018

🚩 चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता है। इस दिन #हिन्दू #नववर्ष का आरम्भ होता है। 'गुड़ी' का अर्थ '#विजय #पताका' होता है। इसी दिन से #ग्रहों, #वारों, #मासों और संवत्सरों का प्रारंभ गणितीय और खगोल शास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है।
Knowing the features of Indian Chaitra New Year,
you will feel proud of yourself

🚩 चैत्रमास की शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि की उत्पति हुई थी और इस दिन कुछ ऐसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं जिसके कारण इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है ।

आइये आपको इस दिन के इतिहास से जुड़ी कुछ घटनाएं बताये...

🚩 #इतिहास में इस प्रकार वर्णित है #चैत्री #वर्ष #प्रतिपदा...

1. भगवान #ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि का सर्जन...

2. मर्यादा #पुरुषोत्तम #श्रीराम का राज्‍याभिषेक...

3. #माँ दुर्गा के #नवरात्र व्रत का शुभारम्भ...

4. प्रारम्‍भयुगाब्‍द (युधिष्‍ठिर संवत्) का आरम्‍भ..

5. उज्जैनी सम्राट #विक्रमादित्‍य द्वारा #विक्रमी संवत्प्रारम्‍भ..

6. शालिवाहन शक संवत् (भारत सरकार का राष्‍ट्रीय पंचांग) का प्रारंभ...

7. महर्षि #दयानन्द जी द्वारा आर्य समाज का स्‍थापना दिवस..

8. भगवान #झूलेलाल का अवतरण दिन..

9. #मत्स्यावतार दिवस..

10. गुरु अंगददेव अवतरण दिवस..

11 - डॉ॰केशवराव बलिरामराव हेडगेवार जन्मदिन ।

🚩#नूतन वर्ष का प्रारम्भ आनंद-उल्लासमय हो इस हेतु प्रकृति माता भी सुंदर भूमिका बना देती है...!!!

🚩इसी दिन #ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसी दिन से नया संवत्सर शुरू होता है। 

🚩चैत्र ही एक ऐसा महीना है, जिसमें वृक्ष तथा लताएँ पल्लवित व पुष्पित होती हैं।

🚩शुक्ल प्रतिपदा का दिन #चंद्रमा की कला का प्रथम दिवस माना जाता है। ‘उगादि‘ के दिन ही पंचांग तैयार होता है।

🚩महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने इसी दिन से सूर्योदय से #सूर्यास्त तक...दिन, महीना और वर्ष की गणना करते हुए ‘#पंचांग ‘ की रचना की थी ।

🚩वर्ष के साढ़े तीन मुहूर्तों में #गुड़ीपड़वा की गिनती होती है।  इसी दिन भगवान #राम ने बाली के अत्याचारी शासन से  प्रजा को मुक्ति दिलाई थी।

🚩#नव वर्ष का प्रारंभ प्रतिपदा से ही क्यों...???

🚩#भारतीय #नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही माना जाता है और इसी दिन से #ग्रहों, #वारों, #मासों और संवत्सरों का प्रारंभ गणितीय और खगोल शास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है।

🚩आज भी जनमानस से जुड़ी हुई यही शास्त्रसम्मत कालगणना व्यावहारिकता की कसौटी पर खरी उतरी है। इसे राष्ट्रीय गौरवशाली परंपरा का प्रतीक माना जाता है।

🚩#विक्रमी संवत किसी संकुचित विचारधारा या पंथाश्रित नहीं है। हम इसको पंथ निरपेक्ष रूप में देखते हैं। यह संवत्सर किसी #देवी, #देवता या महान पुरुष के जन्म पर आधारित नहीं, ईस्वी या हिजरी सन की तरह किसी जाति अथवा संप्रदाय विशेष का नहीं है।

🚩हमारी गौरवशाली परंपरा विशुद्ध अर्थो में प्रकृति के शास्त्रीय सिद्धातों पर आधारित है और भारतीय कालगणना का आधार पूर्णतया पंथ निरपेक्ष है।

🚩प्रतिपदा का यह शुभ दिन भारत राष्ट्र की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्रमास के प्रथम दिन ही ब्रह्मा ने सृष्टि संरचना प्रारंभ की। यह भारतीयों की मान्यता है, इसीलिए हम #चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नववर्षारंभ मानते हैं।

🚩आज भी हमारे देश में प्रकृति, शिक्षा तथा राजकीय कोष आदि के चालन-संचालन में मार्च, अप्रैल के रूप में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही देखते हैं। यह समय दो ऋतुओं का संधिकाल है।  प्रतीत होता है कि प्रकृति नवपल्लव धारण कर नव संरचना के लिए ऊर्जस्वित होती है। मानव, पशु-पक्षी यहां तक कि जड़-चेतन प्रकृति भी प्रमाद और आलस्य को त्याग सचेतन हो जाती है।

🚩इसी प्रतिपदा के दिन आज से #उज्जैनी #नरेश महाराज विक्रमादित्य ने विदेशी आक्रांत शकों से भारत-भू का रक्षण किया और इसी दिन से काल गणना प्रारंभ की। उपकृत राष्ट्र ने भी उन्हीं महाराज के नाम से विक्रमी संवत कह कर पुकारा।

🚩महाराज विक्रमादित्य ने आज से राष्ट्र को सुसंगठित कर शकों की शक्ति का उन्मूलन कर देश से भगा दिया और उनके ही मूल स्थान अरब में विजयश्री प्राप्त की। साथ ही यवन, हूण, तुषार, पारसिक तथा कंबोज देशों पर अपनी विजय ध्वजा फहराई। उसी के स्मृति स्वरूप यह प्रतिपदा संवत्सर के रूप में मनाई जाती थी ।

🚩महाराजा विक्रमादित्य ने भारत की ही नहीं, अपितु समस्त विश्व की सृष्टि की। सबसे प्राचीन कालगणना के आधार पर ही प्रतिपदा के दिन को विक्रमी संवत के रूप में अभिषिक्त किया। इसी दिन को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र के राज्याभिषेक अथवा रोहण के रूप में मनाया गया।

🚩यह दिन ही वास्तव में असत्य पर सत्य की विजय दिलाने वाला है। इसी दिन महाराज युधिष्ठर का भी राज्याभिषेक हुआ और महाराजा विक्रमादित्य ने भी शकों पर विजय के उत्सव के रूप में मनाया।

🚩आज भी यह दिन हमारे सामाजिक और धर्मिक कार्यों के अनुष्ठान की धुरी के रूप में तिथि बनाकर मान्यता प्राप्त कर चुका है। यह राष्ट्रीय स्वाभिमान और सांस्कृतिक धरोहर को बचाने वाला पुण्य दिवस है। हम प्रतिपदा से प्रारंभ कर नौ दिन में शक्ति संचय करते हैं।

🚩कैसे मनाये नूतन वर्ष...???

🚩1- मस्तक पर तिलक, भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य , शंखध्वनि, धार्मिक स्थलों पर, घर, गाँव, स्कूल, कालेज आदि सभी  मुख्य प्रवेश द्वारों पर बंदनवार या तोरण (अशोक, आम, पीपल, नीम आदि का) बाँध के भगवा ध्वजा फेराकर सामूहिक भजन-संकीर्तन व प्रभातफेरी का आयोजन करके भारतीय नववर्ष का स्वागत करें  ।

🚩तो देखा आपने कितनी महान है हमारी भारतीय संस्कृति...!!!

🚩तो अब से सभी भारतीय संकल्प ले कि अंग्रेजो द्वारा चलाया गया एक जनवरी को नववर्ष न मनाकर अपना महान हिन्दू धर्म वाला नववर्ष मनायेंगें।

🚩भारतीय संस्कृति की जय🚩

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ