Wednesday, March 21, 2018

जिनके ज्ञान से आज भी नासा शिक्षा लेते है आज उन्ही महान ऋषि आर्यभट्ट जी की जयंती है

March 21, 2018
🚩लाखो वर्ष पहले से ही भारत के ऋषि-मुनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान की खोज में रत रहते थे । उनका मस्तिष्क सृजनात्मक और बहुआयामी था । ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्रों में संसार को उनकी कई महत्वपूर्ण देनें हैं, जिसके लिए पूरा विश्व,राष्ट्र और समाज आज भी उनका ऋणी है ।
By whose knowledge NASA still teaches, today is the
 birth anniversary of the great sage Aryabhata ji
🚩अंग्रेजो के पिट्ठुयो के  इतहास में लुटेरे, आक्रमणकारी मुगलों ओर अंग्रेजो का है इतिहास पढ़ाया जाता है वास्तव में जिन्होंने विश्व और समाज के लिए उपयोगी खोज किया उनका इतिहास ही खत्म कर दिया गया लेकिन उन महापुरुषों किसी परिचय के मोहताज नहीं थे और न ही झोलाछाप इतिहासकारों की लेखनी के बिना विस्मृत होने वाले हैं। उन तमाम महान आत्माओ में से एक हैं आर्यभट्ट । जिनका आज जयंतीहै। नासा आज भी उनकी ही शिक्षा से प्रयोगशाला चला रही है लेकिन अफ़सोस की बात तो ये है कि हम में से कोई भी उनके बारे में जानते ही नहीं हैं।
🚩तो आइए आज जानते है उन  महान ऋषि के बारे में...
🚩खगोलशास्त्र का अर्थ है ग्रह, नक्षत्रों की स्थिति एवं गति के आधार पर पंचाग का निर्माण। जिससे शुभ कार्यों के लिए उचित मुहूर्त निकाला जा सके। इस क्षेत्र में भारत का लोहा दुनिया को मनवाने वाले वैज्ञानिक आर्यभट के समय में अंग्रेजी तिथियाँ प्रचलित नहीं थीं। अपने एक ग्रन्थ में उन्होंने कलयुग के 3,600 वर्ष बाद की मध्यम मेष संक्रान्ति को अपनी आयु 23 वर्ष बताये थे। इस आधार पर विद्वान् उनकी जन्मतिथि 21 मार्च 476 ई. मानते हैं। उनके जन्मस्थान के बारे में भी विद्वानों एवं इतिहासकारों में मतभेद रहा। उन्होंने स्वयं अपना जन्मस्थान कुसुमपुर बताया है। कुसुमपुर का अर्थ है फूलों का नगर।
जिसे आज पाटलिपुत्र या पटना के नाम से जाना जाता हैं। 973 ई. में भारत आये पर्शिया के विद्वान अलबेरूनी ने भी अपने यात्रा वर्णन में 'कुसुमपुर के आर्यभट' की चर्चा अनेक स्थानों पर की है। कुछ विद्वानों का मत है कि उनके पंचांगों का प्रचलन उत्तर की अपेक्षा दक्षिण में अधिक है, इसलिए कुसुमपुर कोई दक्षिण भारतीय नगर होगा। कुछ लोग इसे विन्ध्य पर्वत के दक्षिण में बहने वाली नर्मदा और गोदावरी के बीच का कोई स्थान बताते हैं। कुछ विद्वान आर्यभट को केरल निवासी मानते हैं।
🚩पहले आर्यभट गणित, खगोल या ज्योतिष के क्षेत्र में  भारतीय वैज्ञानिक नहीं थे पर उनके समय तक पुरानी अधिकांश गणनाएँ एवं मान्यताएँ विफल हो चुकी थीं। पितामह सिद्धान्त, सौर सिद्धान्त, वशिष्ठ सिद्धान्त, रोमक सिद्धान्त और पौलिष सिद्धान्त, यह पाँचों सिद्धान्त पुराने पड़ चुके थे। इनके आधार पर बतायी गयी ग्रहों की स्थिति तथा ग्रहण के समय आदि की प्रत्यक्ष स्थिति में काफी अन्तर मिलता था। इस कारण भारतीय ज्योतिष पर से लोगों का विश्वास उठ गया। ऐसे में लोग इन्हें अवैज्ञानिक एवं अपूर्ण मानकर विदेशी एवं विधर्मी पंचांगों की ओर झुकने लगे थे।
🚩आर्यभट ने इस स्थिति को समझकर इस शास्त्र का गहन अध्ययन किया और उसकी कमियों को दूरकर नये प्रकार से जनता के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने पृथ्वी तथा अन्य ग्रहों की अपनी धुरी तथा सूर्य के आसपास घूमने की गति के आधार पर अपनी गणनाएँ कीं। इससे लोगों का विश्वास फिर से भारतीय खगोलविद्या एवं ज्योतिष पर जम गया
इसी कारण लोग उन्हें भारतीय खगोलशास्त्र का प्रवर्तक भी मानते हैं। उन्होंने एक स्थान पर स्वयं को 'कुलप आर्यभट' कहा है। इसका अर्थ कुछ #विद्वान् यह लगाते हैं कि वे नालन्दा विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे। उनके ग्रन्थ 'आर्यभटीयम्' से हमें उनकी महत्वपूर्ण खोज एवं शोध की जानकारी मिलती है। इसमें कुल 121 श्लोक हैं, जिन्हें #गीतिकापाद, गणितपाद, कालक्रियापाद और गोलापाद नामक चार भागों में बाँटा है।
🚩वृत्त की परिधि और उसके व्यास के संबंध को 'पाई' कहते हैं। आर्यभट द्वारा बताये गये इसके मान को ही आज भी गणित में प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त #पृथ्वी, चन्द्रमा आदि ग्रहों के प्रकाश का रहस्य, छाया का मापन, कालगणना, बीजगणित, त्रिकोणमिति, व्यासविधि, मूल-ब्याज, सूर्योदय व सूर्यास्त के बारे में भी उन्होंने निश्चित सिद्धान्त बताये। #आर्यभट की इन खोजों से गणित एवं खगोल का परिदृश्य बदल गया। उनके योगदान को सदा स्मरण रखने के लिए 19 अप्रैल  1975 को अन्तरिक्ष में स्थापित कियेे गये भारत में ही निर्मित प्रथम कृत्रिम उपग्रह का नाम 'आर्यभट' रखा गया। 
🚩न्यूटन ने 1500 साल पहले दिया था भारत को गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में जानकारी।
🚩देश के जाने-माने #वैज्ञानिक एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि वेद के कुछ श्लोकों में चंद्रमा पर जल की मौजूदगी का जिक्र है और आर्यभट्ट जैसे खगोलविद्वान न्यूटन से भी कहीं पहले गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में जानते थे।
🚩पद्म विभूषण से नवाजे जा चुके 71 साल के नायर ने कहा कि भारतीय वेदों और प्राचीन हस्तलेखों में भी #धातुकर्म, #बीजगणित, #खगोल शास्त्र, गणित, वास्तुकला एवं ज्योतिष-शास्त्र के बारे में सूचना थी और यह जानकारी उस वक्त से थी, जब पश्चिमी देशों को इनके बारे में पता भी नहीं था।
🚩नायर ने कहा कि वेदों में दी गई जानकारी ‘संक्षिप्त स्वरूप’ में थी जिससे आधुनिक विज्ञान के लिए उन्हें स्वीकार करना मुश्किल हो गया। नायर ने कहा, एक वेद के कुछ श्लोकों में कहा गया है कि चंद्रमा पर जल है, लेकिन किसी ने इस पर भरोसा नहीं किया। हमारे चंद्रयान मिशन के जरिये हम इसका पता लगा सके और यह पता लगाने वाला हमारा देश पहला है।
🚩उन्होंने कहा कि वेदों में लिखी सारी बातें नहीं समझी जा सकतीं क्योंकि वे क्लिष्ठ संस्कृत में हैं। पांचवीं सदी के खगोलविद्वान -गणितज्ञ आर्यभट्ट की तारीफ में नायर ने कहा - हमें वास्तव में गर्व है कि आर्यभट्ट और भास्कर ने ग्रहों एवं बाहरी ग्रहों के विषय पर गहन कार्य किया है। यह एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र था। उन्होंने कहा, यहां तक कि चंद्रयान के लिए भी आर्यभट्ट का समीकरण इस्तेमाल किया गया। गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के बारे में भी न्यूटन को इसके बारे में करीब 1500 साल बाद पता चला। यह जानकारी हमारे पौराणिक ग्रंथों में है।
🚩आज उस महानतम वैज्ञानिक और संसार को संसार के बारे में बताने वाले उस खगोलशास्त्री को उनके जयंती पर भारतवासी बारम्बार नमन करते हुए उनकी गौरवगाथा को सदा सदा के लिए अमर रखने का संकल्प लेते है ।
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Tuesday, March 20, 2018

लड़कियां पैसे की लालच में निर्दोष पुरुषों को झूठे केस में फंसाती है : काजल

March 20, 2018

🚩दामिनी प्रकरण के बाद बनाये गये नये यौन-शोषण विरोधी कानूनों में कई मामूली आरोपों को गैर-जमानती बनाया गया है । इससे ये कानून किसी निर्दोष पर भी वार करने के लिए सस्ते हथियार बनते जा रहे हैं । इस कानून का भयंकर दुरुपयोग किया जा रहा है दिल्ली उच्च न्यायालय ने बताया है कि ऐसे कई मामले दर्ज किये जा रहे हैं जिनमें महिलाओं द्वारा बदला लेने के लिए तथा निजी प्रतिशोध की भावना से, डरा-धमकाकर पैसों के लिए कानून को हथियार के तौर पर उपयोग किया जा रहा है । ऐसे मामलों के चलते बलात्कार के आँकडे बढ़े हुए नजर आते हैं, जिससे हमारे ही समाज को नीचा देखना पड़ता है ।
Girls entangle innocent men in false case for greed of money: Kajal

🚩इन कानून का जो महिलायें या लड़कियां फायदा उठाकर उसका अपनी निजी स्वार्थ या बदला लेने की भावना से पुरुषों को फंसाती है उनके लिए ग्वालियर की दबंग काजल जादौन ने
*ज्वाला शक्ति संगठन* की स्थापना की है और *बेटा बचाओ अभियान* चला रही है ।
🚩काजल ने अपना वीडियो शोशल मीडिया पर डाला है इसमे उनका कहना है की बेटा बचावो अभियान कानून का दुरुपयोग करने वाली महिलाओं के विरुद्ध में है, ऐसी महिला जो निर्दोष बेटों को धारा 376 बलात्कार, धारा 354 छेड़छाड़ और धारा 498 में फंसा देती हैं उन युवकों को या तो जेल जाना पड़ता हैं या फिर मोटी रकम लेकर उनलोग को राजीनामा हो जाता हैं इससे साफ पता चलता है कि महिलायें या युवतियां सिर्फ पैसो के लालच में आकर ये कदम उठाती हैं उन महिलायें या युवतियों को अच्छी खासी मोटी रकम मिल सके इस कारण निर्दोष युवकों को फंसा देतीं हैं ।
🚩आगे बताया कि दूसरी बात ये है की जिनलोगों का प्रेमप्रसंग अपनी सहमती से बनता है और ये इतना आगे बढ़ जाता हैं कि शारिरिक संबंध भी बन जाते हैं। ये सवाल उन महिलाओं व युवतियों के लिए है कि जो प्रेम प्रसंग के चलते इनका शारिरिक संबंध बनता हैं तो क्या इसमे सहमती सिर्फ लड़कों की होती हैं   आपका नही?
यदि हाँ, तो फिर अकेला दोषी लड़का क्यों?
🚩जैसे कई बार देखने को मिलता हैं कि थाने में जाकर महिलायें या युवतियां रिपोर्ट लिखवाती है कि शादी का झांसा देकर फलाने युवक ने मेरा 6 माह तक शारीरिक शोषण किया। तो क्या ये शारिरिक शोषण या दुष्कर्म हैं? नही।
ये सबको पता है कि यह एक enjoyment हैं।
ऐसी चरित्र की महिलायें या युवतियों के कारण ही बेचारी उन महिलायें व युवतियां जिनके साथ वास्तविक रूप से ये घटना होती हैं उनके चरित्र पे ये उंगली उठाती हैं ये घटिया किस्म की महिलायें है।

🚩कुछ महिलायें व युवतियां थाने में जाकर यह भी कहतीं हैं कि फलाने पुरूष ने मुझे बहला फुसलाकर ले गया था और मेरे साथ गलत व्यहवार करने की कोशिश की या फिर गलत व्यवहार किया।
🚩तो खास बात यहाँ पे ये हैं कि 18 साल या इससे अधिक उम्र वाली महिलाओं या युवतियों को क्या बहलाया फुसलाया जा सकता है? वो महिला जहाँ मार्केट और शॉपिंग मॉल में बिना color choose किये या बिना try किये एक साड़ी या कुर्ती नही खरीद सकती । जब इनमे इतनी अक्ल है खरीदारी या मोल भाव करने की तो ऐसी महिलाओं को कोई कैसे बहला फुसलाकर ले जा सकता है?
बहलाया फुसलाया तो बच्चो को जाता है।
🚩बेटा बचावो अभियान के दौरान सरकार और प्रशासन से ये अपील है कि ऐसी महिला जब रिपोर्ट लिखवाने आये तब सबसे पहले इनके हाथ मे एक दूध का बोतल और थैली थमाए, क्योंकि इनको सख्त जरूरत है ये बच्चो की ही श्रेणी में आतीं हैं।
🚩सोचने समझने की शक्ति बच्चो में नही होती या फिर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति में नही होती।
🚩अगर इनके हाथ मे दूध का बोतल नही दे सकते तो इनका इलाज जरूर करवाये क्योंकि इनको एक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर की आवश्यकता है और इनका इलाज भी निःशुल्क होना चाहिए।
🚩ये महिलायें अपना इलाज पैसों देकर नही करवा सकतीं क्योंकि पैसों के खातिर ही निर्दोष युवक को फ़सातीं हैं।
🚩काजोल ने सही बताया है मनचली चरित्र हीन लड़कियां पैसे के लिए निर्दोष पुरुषों को फसाकर उसकी जिंदगी खराब कर देती है और दूसरी तरफ जिस लड़की के साथ वास्तविकता में घटना घटती है उन महिलाओं को न्याय नही मिल पाता है ।
🚩बलात्कार निरोधक कानूनों के प्रावधानों में कुछ कमियाँ हैं जिससे इनका दुरुपयोग हो रहा है । इनमें ऐसे प्रावधान हैं कि शिकायतकर्ता बिना किसी सबूत के किसी पर भी आरोप लगाकर उसे जेल में पहुँचा सकता है । जिसके कारण  इनका दुरुपयोग दहेज कानून से भी ज्यादा हो रहा है । इनमें जल्द बदलाव हो, नहीं तो एक के बाद एक, आम जनता से लेकर प्रतिष्ठित और सम्मानीय  व्यक्तियों तक सभी इनके जाल में फँस सकते हैं ।
🚩बलात्कार कानून में जल्द ही बदलाव हो, नहीं तो एक के बाद एक निर्दोष जाल में फँसते चले जायेंगे।
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Monday, March 19, 2018

भारत के ईसाई मिशनरियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को एक पत्र लिखा , और आरएसएस को बताया आतंकी...

March 19, 2018

🚩ईसाइ मिशनरियां भारत मे तत्कालीन सरकार के समय जो हिन्दुओं का धर्मांतरण करवा रही थी वे अब वर्तमान सरकार में काफी कम हो गया है जिसके कारण ईसाई मिशनरियों ने बौखलाकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र लिखा है, और पत्र के जरिये डोनाल्ड ट्रंप को अपनी होने वाली सभा मे आमंत्रित किया है और आरएसएस को एक आतंकी संगठन बताय है ।

आइये आज आपको बताते हैं कि ईसाई मिशनरियों ने वो कौन सा पत्र लिखा है...

🚩महामान्य, डॉ. डोनाल्ड जे. ट्रंप
USA के प्रमुख श्री
 🚩माननीय राष्ट्रपति जी
भारत की ओर से आपको कुशलक्षेम, एवं  आपके भगवान जीसस क्राइस्ट के नाम मे आपकी अतुलनीय श्रद्धा को नमन

🚩भारत मे क्रिस्चियन की सुरक्षा के लिए हमारा 'क्रिस्चियन प्रोटेक्शन फेडरेशन ' की रचना की गई है।

🚩जबसे राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा की गयी तब से ही हमने आपके महामहिम के विजय के लिए एवं अमेरिका के साथ- साथ पूरी दुनिया के राष्ट्रपति बने ऐसी प्रार्थना की थी। 

🚩हम आपके ध्यान में लाना चाहते है कि आजकल भारत मे हम क्रिस्चियन काफ़ी समस्याओं एवं निशानो का  सामना कर रहे है। आतंकवादी समूह RSS (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) और RHP (राष्ट्रीय हिन्दू परिषद) क्रिस्चियन को धमकियां दे रहे है और दुर्व्यवहार कर रहे है 
 काफ़ी श्रद्धालुओ महिलाओं एवं बालको समेत  मार दिए गए और जिंदा जला दिए गए हैं, काफ़ी सारे चर्च को भी तबाह किये गए और तोड़े दिए गए हैं।

🚩महामहिम जी, फिलहाल भारत मे क्रिस्चियन के लिए कोई सुरक्षा नहीं है, वो भी पिछले 2 साल से।

🚩केंद्र सरकार के एक मंत्री ने तो बहुत ही बहादुरी के साथ घोषित किया हैं कि, तीन साल के अंदर ही सारे क्रिस्चियन को भारत देश से बाहर निकाल दिया जाएगा या फिर नष्ट कर दिया जाएगा ।
इसलिए महामहिम जी हम क्रिस्चियन प्रोटेक्शन फेडरेशन (CPF) ने उस समूह के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु एक लीगल टीम और उच्च स्तरीय कमेटी की रचना भी की है।

महामहिम जी, हम हमेशा CPF के वार्षिक सभा का आयोजन करते है। इस वर्ष भी हम वार्षिक सभा का आयोजन करने जा रहे है, और हम महामहिम जी से आशा रखते है कि वो हमारे मुख्य अतिथि के रूप में पधार कर सभा का शोभा बढ़ाये।

🚩हम महामहिम जी से आशा रखते है कि महामहिम जी हमारे वार्षिक सभा में पधारे और हमारे देश की मुलाकात लें तो भारत मे सब कुछ बदल सकता है,और क्रिस्चियन को भारत मे मज़बूत सुरक्षा भी मिल सकता है।

🚩अतः फिर से हम महामहिम जी को प्रार्थना करते व आमंत्रण देते है कि आप भारत मे पधारें और हमारे CPF की सभा का मुख्य अतिथि के रूप में स्वीकार करें।

🚩कृपया इस विषय मे परामर्श कर के उपाय करने की प्रार्थना करते है। कृपया वार्षिक सभा के लिए हम आपसे अनुकूल समय व दिन भी चाहते है।

🚩आपसे हम अनुकूल उत्तर के अभिलाषी हैं।
      दिनांक : 14.02.2018

🚩ईसाई मिशनरियों ने जिस तरह डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिखकर ईसाई समुदाय के लिए चिंता जताई है वो तथ्य हीन ही लग रही है जबकि उल्टा है आज भी भारत मे जगह-जगह पर ईसाई मिशनरियां सक्रिय है जो भारतवासियों को भय से या लालच देकर धर्मांतरण करवा रही है । उनका लक्ष्य है कि भारत को ईसाई राष्ट्र बनाना लेकिन उनका सपना पूरा होते दिख नही रहा है जिसके कारण अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप को भारत मे लाकर अपना वर्चव बढाना चाहते है और हिन्दुओं का दमन करना चाहते है ।

🚩ईसाई धर्म तो ऊपर से देखने पर एक सभ्य, सुशिक्षित एवं शांतिप्रिय समाज लगता हैं।  जिसका उद्देश्य ईसा मसीह की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार एवं निर्धनों व दीनों की सेवा-सहायता करना हैं। इस मान्यता का कारण ईसाई समाज द्वारा बनाई गई छवि है।

🚩यह कटु सत्य है कि ईसाई मिशनरियां विश्व के जिस किसी भी देश में गई हैं उस देश के निवासियों को उनके मूल धर्म को खामियां बताकर अपने धर्म मे जोड़ने की कोशिश करती रही ।  इस सुनियोजित नीति के बल पर वे अपने आपको श्रेष्ठ, सभ्य तथा दूसरों को निकृष्ट एवं असभ्य सिद्ध करते रहे हैं।

🚩आपको बता दे कि चीन में जो ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण करवा रही थी तो चर्च ही तोड़ दिया गया।

🚩भारत में तो ईसाई मिशनरियां खुल्लेआम धर्मान्तरण करवा रही है, हिन्दू देवी-देवताओं को गालियां बोल रही है, हिन्दू साधु-संतों को जेल में भिजवा रही है, कान्वेंट स्कूलों में भारत माता की जय बोलने से मना कर रही है, मेहंदी नही लगाने देती, हिन्दू त्यौहार मनाने को मना करती है, यहाँ तक कि हिन्दू त्यौहारों पर भी छुट्टियां नही दी जाती हैं और भारत माता की जय बोलने और हिन्दू त्यौहार मनाने पर उनको स्कूल से बाहर किया जाता है फिर भी सरकार उनपर कोई कार्यवाही नही करती है ।

🚩मीडिया में भी ईसाई मिशनरियों का भारी फंडिग रहता है इसलिए मीडिया चर्च के पादरी कितने भी दुष्कर्म करें, उनके खिलाफ नही दिखाती जबकि कोई हिन्दू साधु-संत पर झूठा आरोप भी लग जाता है तो उसपर 24 घण्टे खबरें चलाती है।

🚩भारत मे हिन्दुओं के खिलाफ इतना अत्याचार ईसाई मिशनरियां द्वारा हो रहा फिर भी कोई हिन्दू कुछ बोल नही रहा है और ये मिशनरियां ट्रंप के सामने घुटने टेकने लगी हैं की उनपर ही अत्याचार हो रहा है।