Saturday, June 23, 2018

पहले सरकारीकरण किए मंदिरों के भ्रष्टाचार का उत्तर दें सरकार - हिन्दू जनजागृति समिति

🚩कांग्रेस सरकार ने पहले सरकारी खजाना खाली कर दिया और उसके बाद उनकी वक्रदृष्टि हिन्दू मंदिरों में श्रद्धालुआें के धन पर पड़ी । इस धन को हड़पने के लिए उन्होंने हिन्दुआें के मंदिरों का सरकारीकरण आरंभ किया । इसके द्वारा मंदिर के श्रद्धालुआें के करोडों रुपए लूटे तथा हज यात्रा एवं चर्च के विकास के लिए उस धन का उपयोग किया ।
🚩हाल ही में कर्नाटक में हुए चुनावों के समय भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में हिन्दुआें के सरकारीकरण हुए मंदिर हिन्दुआें को वापस करेंगे, ऐसी एक प्रमुख घोषणा की थी । परंतु महाराष्ट्र में यही भाजपा सरकार हिन्दुआें से मंदिर छीनकर उनका सरकारीकरण कर रही है ।
Answer to the corruption of the first government-made
 temples Government - Hindu Janajagruti Samiti

🚩सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार धर्मनिरपेक्ष सरकार को हिन्दुआें के मंदिर चलाने का अधिकार नहीं है । न्यायालय ने केवल प्रबंधन कि त्रुटियां दूर कर मंदिर पुनः उस समाज को लौटाने के निर्देश दिए हैं । ऐसा होते हुए भी भाजपा सरकार ने शिंगणापूर के श्री शनैश्‍वर देवस्थान का सरकारीकरण करने का निर्णय लिया । इस निर्णय का हिन्दू जनजागृति समिति निषेध करती है । शासन ने यदि यह निर्णय निरस्त नहीं किया तो जनांदोलन किया जाएगा, ऐसी चेतावनी समिति के महाराष्ट्र संगठक श्री. सुनील घनवट ने दी है ।
🚩श्री. घनवट ने आगे कहा कि इससे पहले भी शासन ने पंढरपुर स्थित श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर, तुळजापुर का श्री तुळजाभवानी मंदिर, मुंबई का श्री सिद्धीविनायक मंदिर, शिर्डी का श्री साई संस्थान, तथा ‘पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति’ बनाकर उसके द्वारा पूरे 3067 मंदिर अपने नियंत्रण में लिए । इसमें कोल्हापुर के श्री महालक्ष्मी एवं श्री ज्योतिबा देवस्थान का भी समावेश है । इन सभी मंदिरों का सुव्यवस्थापन करने के नाम पर सरकारीकरण किया गया । प्रत्यक्ष में इसके विपरीत मंदिरों के व्यवस्थापन में शासकीय समितियों ने बडी मात्रा में भ्रष्टाचार कर करोडों रुपयो का धन लुटा है । इस विषय में ‘सीआइडी’ जांच तथा न्यायालय में याचिका चल रही है । देवनिधि लूटनेवाले पापी व्यक्तियों को दंड न देनेवाले शासन को श्री शनैश्‍वर देवस्थान को नियंत्रित करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं । शासन ने नियंत्रण में लिए मंदिरों का धन लूटनेवालों पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की उन भ्रष्टाचारियों को खुला क्यों छोड रखा है इसका उत्तर देना आवश्यक है अन्यथा शासन पर श्री शनिदेव का ही नहीं हिन्दुआें का भी कोप होगा ।
🚩हिन्दू श्रद्धालु मंदिरों में दान, सामाजिक और शासकीय कामों के लिए नहीं करता, धर्मकार्य के लिए करता है । इस दान का उपयोग धर्मकार्य में ही होना चाहिए ऐसा कार्य वास्तविक भक्त ही कर सकते हैं । इसलिए शासन आज तक अधिग्रहित किए सभी मंदिर भक्तों को सौंप दें । भ्रष्टाचार हुए मंदिर के दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई करे अन्यथा हिन्दू जनजागृति समिति सडक पर उतरकर राज्यव्यापी आंदोलन करेगी ऐसी चेतावनी भी श्री. घनवट ने इस समय दी ।
🚩सरकारी कामकाज मे लगभग सभी जगा भ्रष्टाचार मिलता है अब वे हिन्दुओ की आस्था के प्रीतक मंदिरो को भी सरकारी करण करने लगे है तो फिर उसमें भ्रष्टाचार होना स्वाभाविक ही है।
🚩हिन्दू कितना भी आर्थिक रूप से कमजोर हो लेकिन फिर भी अपनी जिस देवस्थान में आस्था रखता है वहाँ कुछ के कुछ भेट चढाता ही है वे इसलिए चढ़ाता है कि उन पैसे का सही इस्तेमाल होगा और सत्कर्म में लगेगा जिससे उसका और उसके परिवार का उद्धार होगा और ऐसे भी हिन्दू धर्म मे कमाई का दसवां हिस्सा दान करने का शास्त्र का नियम है तो लगभग सभी हिन्दू मंदिरो या आश्रमों में जाकर दान करते है और उन दान के पैसे से धर्म, राष्ट्र और समाज के उत्थान के लिये कार्य होते है ।
🚩सरकार अगर इन मंदिरों को सरकारी करण कर लेती है तो धर्म और राष्ट के हित के कार्य रुक जाएंगे और भ्रष्टाचार में पैसे चले जायेंगे इसलिए सरकार को मंदिरो को सरकारी तंत्र से मुक्त कर देना चाहिए ।
🚩सरकार कभी चर्च या मस्जिद को नियंत्रिण में लेने के लिए विचार करती है? अगर नही तो फिर मन्दिरों को ही  नियंत्रण में लेना चाहती है? जबकि चर्चो और मस्जिदों में धर्मिक उन्माद बढ़ाया जाता है जो देश के लिए हानिकारक है और मंदिरों में शांति का पाठ पढ़ाया जाता है जो देश के लिए हितकारी है अतः अभी सरकार को शिघ्र मंदिरो को सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त कर देना चाहिए ।
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Friday, June 22, 2018

कर्नाटक में हिन्दुओं को फंसाकर आतंकवादी ठहराने की साजिश कर रही कांग्रेस

22 June 2018

🚩कर्नाटक में सत्ता वापसी के बाद हिंदुओं को एक बार फिर आतंकवादी घोषित करने के पीछे कांग्रेसी साजिश सामने आ रही है। दो दिन पहले ही जहां दिग्विजय सिंह ने ‘संघी आतंकवाद’ कहकर नया नाम देने कि कोशिश की वहीं कर्नाटक में गौरी लंकेश हत्याकांड में हिंदुओं को फंसाने कि साजिश शुरू हो गई है !

🚩कर्नाटक में हिंदू जनजागृति और श्रीराम सेना को फंसाने की साजिश
Congress trying to defame Hindus by hanging in Karnataka

🚩कर्नाटक में दोबारा सत्ता में आते ही कांग्रेस ने हिंदू जनजागृति समिति और श्रीराम सेना को निशाना बनाना शुरू कर दिया। पुलिस ने परशुराम वाघमोरे नाम के एक व्यक्ती को गिरफ्तार कर उससे हत्या का गुनाह जबरदस्ती कबूल भी करवा लिया। कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले हिंदू संगठनों को घेरने का काम शुरू कर दिया गया। अब पता चला है कि इस केस में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें टॉर्चर करके गुनाह कबूल करवाया जा रहा है !

🚩एसआईटी जांच की प्रक्रिया में अब भी  कई पेंच उलझे हैं कई सवाल

🚩गृह विभाग भी कांग्रेस के पास है इसलिए यह साफ है कि कर्नाटक के पुलिस तंत्र पर अब भी कांग्रेस का कब्जा है ! अब खबरें आ रही हैं कि आरोपियों कि गिरफ्तारी में न्यायिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसकी शिकायत मिलने पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस शिकायत पर मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि पुलिस की थेयरी में कई गडबडियां साफ दिखाई दे रही हैं ! दावा किया जा रहा है कि वाघमोरे ने कहा है कि ‘मैंने हिंदू धर्म को बचाने के लिए गौरी लंकेश की हत्या की’। इसके लिए उसे 13 हजार रुपये दिए गए। यह अपने आप में बताता है कि एसआईटी कि कहानी में क्या गड़बड़ है ! दरअसल जांच में आरोपियों के पास कोई पैसा भेजे जाने या खर्च होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है इसलिए 13 हजार रुपये कि मामूली रकम बताई गई है। पुलिस ने अब तक कुल 4 लोगों को पकड़ा है किंतु हत्या में उपयोग हथियार से लेकर घटनाक्रम पर कुछ भी जानकारी देने में नाकाम रही है !

🚩तथाकथित सेक्यूलर मीडिया फैला रही है फर्जी खबरें...

🚩कर्नाटक पुलिस की एसआईटी के हाथ अब तक कोई सबूत नहीं लगा है लिहाजा मीडिया में फर्जी खबरें छपवाकर हिंदू संगठनों के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया गया ! जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार कांग्रेस पार्टी कि इस साजिश में सेक्युलर मीडिया खुलकर साथ दे रहा है !

🚩इसी के तहत हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है जो पुलिस कि थेयरी पर सवाल उठाने कि कोशिश कर रहा है ! कुछ स्थानीय लोगों ने आरोपियों कि कानूनी मदद के लिए पैसे जुटाना शुरू किया तो उसके खिलाफ दिल्ली के अखबारों में लंबे-लंबे लेख लिखे गए !

🚩इसी तरह श्रीराम सेना के प्रमोद मुतालिक के बयान को खूब तूल दिया गया ताकि इसी बहाने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम उछाला जा सके !

🚩तथाकथित सेक्यूलरों को हिंदुओं में ही दिखता है ‘आतंकवाद’, इस मौलाना में क्यों नहीं ?

🚩दो दिन पहले ही सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक मौलाना सरेआम गाय काटने कि बात कह रहा है। मना करने पर उसकी भी कुर्बानी देने की धमकी दे रहा है किंतु इस तथाकथित सेक्यूलर मीडिया ने मौलाना तनवीर हाशमी के बयान को कोई महत्त्व नहीं दिया ! महत्वपूर्ण यह भी है कि इसी मंच पर कांग्रेस पार्टी के मंत्री शिवानंद पाटिल बैठे हुए थे किंतु तथाकथित सेक्यूलरवादियों को यह नहीं दिखा ! इसकी खबरों को दबा दिया गया।

🚩सीबीआई जांच कि सिफारिश क्यों नहीं कर रही कांग्रेस कि सरकार ?

🚩गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को गोली मारकर कर दी गई थी। शुरुआत में यह बात सामने आई थी कि हत्या में नक्सलियों का हाथ है ! आरोप है कि तब चुनाव को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने जांच को धीमा करवा दिया था और अब जब वो एक बार फिर से सत्ता में है उसने अपना असली खेल शुरू कर दिया है ! पहले भी इस मामले कि जांच सीबीआई से करवाने कि मांग की जाती रही है किंतु कांग्रेस ने इस मांग को जैसे अनसुना कर दिया है। जाहिर है हिंदू आतंकवाद को लेकर कांग्रेस के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार भी उसकी नीयत ठीक नहीं लग रही है !

🚩पुलिस ने नक्सलवादियों कि आपसी दुश्मनी को ठहराया था जिम्मेदार

🚩हत्या के बाद शुरुआती जांच में ही यह निकलकर आ गया था कि गौरी लंकेश कि अपनों से भी दुश्मनी थी। वामपंथियों और नक्सलियों से गौरी लंकेश के तनाव की खबरें भी आम थीं। दरअसल 2014 में कांग्रेस सरकार ने उन्हें नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए बनाई गई कमेटी का सदस्य बना दिया था। स्पष्ट है कि वह सत्ता के करीब थीं लेकिन यह भी साफ है कि वो अपनों के ही निशाने पर भी थीं !

🚩मौत से कुछ दिन पहले के ये दो ट्वीट इस बात का इशारा भी करते हैं कि गौरी और उनके वामपंथी (शायद नक्सली) साथियों में कोई विवाद चल रहा था। गौरी लंकेश ने पहले ट्वीट में लिखा, ‘मुझे ऐसा क्यों लगता है कि हममें से कुछ लोग अपने आपसे ही लड़ाई लड रहे हैं ? हम अपने सबसे बड़े दुश्मन को जानते हैं। क्या हम सब इस पर ध्यान लगा सकते हैं ?’

🚩एक अन्य ट्वीट में लंकेश ने लिखा, ‘हम लोग कुछ फर्जी पोस्ट शेयर करने कि गलती करते हैं। आइए, एक-दूसरे को चेताएं और एक-दूसरे को एक्सपोज करने कि कोशिश न करें !’

🚩बहरहाल गौरी लंकेश से नक्सलियों के संबंध थे ये तो जगजाहिर है किंतु मनमुटाव कि खबरें सामने आने के बाद कर्नाटक के गृहमंत्री ने भी इस ओर इशारा किया था कि वे इसकी जांच करवाएंगे !

🚩सिद्धारमैया सरकार में गहरी पैठ रखती थीं गौरी लंकेश...

🚩गौरी लंकेश कि हत्या के बाद जिस तरीके से कर्नाटक के कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच गए उससे लोगों के मन में सवाल उठने शुरु हो गए थे। दरअसल कहा जा रहा है कि गौरी लंकेश मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले पर ही जांच कर रही थी। एबीपी न्यूज के संवाददाता विकास भदौरिया ने तब ट्वीट किया था कि वह कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार से जुड़ी एक खबर पर काम कर रही थीं। उनके अलावा भी कई स्थानीय और दूसरे पत्रकारों ने इस एंगल कि आेर लोगों का ध्यान दिलाया था !

🚩कविता लंकेश ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से नहीं की बात !

🚩इस हत्या का दूसरा पहलू यह है कि सिद्धारमैया ने यह स्वीकार किया है कि गौरी लंकेश उनसे मिलती रही हैं किंतु उन्होंने किसी तरह के डर की बात कभी नहीं की थी। मुख्यमंत्री के अनुसार गौरी लंकेश चार सितंबर को उनसे मिलनेवाली थीं किंतु वह मिलने नहीं पहुंचीं। अगले दिन पांच सितंबर को उनकी हत्या हो जाती है और मुख्यमंत्री तत्काल प्रतिक्रिया देते हैं और हत्यारों को पकड़ने की बात करते हुए एसआइटी का गठन भी कर देते हैं !

🚩इन सब के बीच ये खबरें भी आम थी कि हत्या के बाद जब मुख्यमंत्री ने गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश से फोन पर बात करनी चाही तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया। गौरतलब है कि कविता लंकेश और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच हत्या से कुछ दिनों पहले तक बेहद अच्छे संबंध हुआ करते थे। इतना ही नहीं जिस फिल्म में सिद्धारमैया एक्टिंग कर रहे हैं उसकी प्रोड्यूसर भी कविता लंकेश ही हैं ! फिर आखिर क्या हुआ है जो कविता लंकेश ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से बात नहीं की ?

🚩डी के शिवकुमार का ‘कच्चा चिट्ठा’ खोलनेवाली थीं गौरी लंकेश ?

🚩गौरी लंकेश का कांग्रेसी नेताओं से कनेक्शन किसी से छिपा नहीं है लेकिन कांग्रेस के ही गद्दार नेता डी के शिवकुमार से उनकी तनातनी की खबरें भी सामने आई थीं ! दरअसल डी के शिवकुमार वही हैं जिन्होंने 2017 में गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के विधायकों को अपने आलीशान रिसार्ट में पनाह देकर अहमद पटेल की राज्यसभा में जीत पक्की करने की कांग्रेसी रणनीति पर अमल किया था। शिवकुमार 68 शहरों में अकूत संपत्ति के मालिक हैं ! आयकर विभाग आज भी उनकी काली कमाई को खंगालने में लगा है। ऐसी खबरें हैं कि गौरी लंकेश भी डी के शिवकुमार का ‘कच्चा-चिट्ठा’ खोलने के काम में लगी थीं !

🚩नीचे वह जवाब देखा जा सकता है जिसमें गौरी लंकेश ने खुद ही बताया था कि उनकी पत्रिका कांग्रेस विधायक डीके शिवकुमार के खिलाफ एक खबर पर काम कर रही है !

🚩साफ है कि सिद्धारमैया सरकार गौरी लंकेश की हत्या के पीछे हिंदू संगठनों का हाथ ठहराकर इसे सांप्रदायिक एंगल देने के साथ ही कांग्रेसी कनेक्शन को भी छिपाना चाह रही है ! ऐसे में इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। क्या सिद्धारमैया सरकार ऐसा करेगी ?
स्त्रोत : परफॉर्म इंडिया

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Thursday, June 21, 2018

हिन्दू संतों को बदनाम करना "सी आई ए" का बड़ा षडयंत्र : दारा सेना

🚩श्री दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन की अध्यक्षता में हुई हिन्दू सगठनों की बैठक में दिल्ली पुलिस और क्राइम ब्रांच पर आरोप लगाया कि वो हिन्दू संतो पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवतियों का दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 ए के तहत मेंडिकल परीक्षण नहीं करा रही है और बिना किसी साक्ष्य के ही हिन्दू सन्तों को बदनाम करने की सी आई ए (सेंट्रल इंटलीजेंस एजंसी) और उसकी आतंकवादी ईसाई मिश्निरियों की साजिश के तहत काम कर रही है।
🚩बैठक में दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने बताया कि बलात्कार के मामले में भी भारतीय दण्ड संहिता की धारा 375 में साफ लिखा है कि बलात्कार वो ही माना जायेगा जिसमें शारिरिक संबध के साथ-साथ जबरदस्ती भी की गयी हो। और इस जबरदस्ती के साक्ष्य उपबल्ध कराने के लिये 164 के तहत कथित पीड़िता का बयान ही पर्याप्त नहीं है बल्कि 164 ए के तहत कथित पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी होना जरूरी है। दाती महाराज की आड़ में हिन्दू धर्म को बदनाम करने में लगी दिल्ली पुलिस इन सब साक्ष्यों को बिना जुटाये ही हिन्दू धर्म को बदनाम करने में जुटी हैं।
Describing Hindu saints a big conspiracy of "CIA": Dara army

🚩श्री जैन ने आरोप लगाया हिन्दू धर्म को बदनाम करने में दिल्ली पुलिस सर्वोच्च न्यायालय के किसी मुकदमें में दिये गये उस फैसले को ढाल बना रही है जिसमें पीड़िता के बयान को ही न्यायालय ने सही माना है। श्री जैन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय खुद कह चुका है कि उसका फैसला केवल और केवल उसी मुकदमें तक सीमित है जिस मुकदमें में वह दिया गया है क्योंकि कानून संसद बनाती है वो भी महामहिम राष्ट्रपति जी की लिखित स्वीकृति के बाद। श्री जैन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला कोई कानून नहीं है क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय को भी कानून बनाने के लिये संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत महामहिम राष्ट्रपति जी की स्वीकृति जरूरी है।
🚩हिन्दू संगठनों ने सरकार और गृह मंत्रालय को आगाह किया कि एक बड़ी खूंखार नक्सली मिश्निरी ईसाई आतंकवादी साजिश के तहत एक-एक कर उन हिन्दू सन्तों को निशाना बनाया जा रहा जो अनाथालय चला रहे है ताकि हिन्दू अनाथालयों को बर्बाद करके लावारिस और घर से भागे लड़के और लड़कियों को केवल और केवल ईसाई  मिश्नरियों के अनाथालय में डालकर उन बच्चों के हाथों में हथियार पकड़ा कर पुलिस के जवानों और सैनिकों को मारने के लिये बड़ी फौज खड़ी की जा सके । स्वाति मालीवाल जैसी खूंखार नक्सली मिशनरी ईसाई आतंकवादी और "सी आई ए" की ऐजेन्ट का हिन्दू सन्तों को बदनाम करने और उन्हे साजिशन फसाना इसकी पुष्टी करता है।
🚩हिन्दू संगठनों ने सरकार से इस नक्सली मिशनरी ईसाई आतंकवादी साजिश की जांच करने और बलात्कार के मामले में सम्बन्धित कानून के तहत पीड़िता के आरोपों की पुष्टी करके ही मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
🚩गौरतलब है कि अभी हाल ही में दिल्ली के दाती महाराज पर रेप का आरोप लगा है इसलिए आरोप लगाने वाली युवती का 164 ए के तहत मेडिकल परीक्षण कर बलात्कार की पुष्टी की जाये इसलिए हिन्दू संगठन दारा सेना ने दिल्ली में बैठक कर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है ।
🚩आपको बता दे कि साधु-संतों पर सदियो से आरोप लगते रहे है क्योंकि जब जब अच्छे कार्य करने कोई भी जाता है तो उसके पीछे आसुरी शक्तियां पड़ती है और हमारे साधु-संत तो हमेशा अच्छे कार्य करते है तो दुष्टप्रकृति के लोगो को सहन नही हो पाता है और उन्हें बदनाम करने के लिए अनेक षड्यंत्र रचते है बुद्ध भगवान, स्वामी विवेकानंद, कबीरजी, मीरा बाई, ज्ञानेश्वर महाराज आदि आदि पर अनेक आरोप लगे लेकिन आज भी उनकी पूजा करोड़ो लोग करते है ।
🚩वर्तमान में भी जयेन्द्र सरस्वती, साध्वी प्रज्ञा, स्वामी नित्यानंद जी,  स्वामी असीमानन्द जी,
संत आसाराम बापू, श्री नारायण साई, कृपालु महाराज, स्वामी केशवानन्द जी आदि पर अनेक आरोप लगे है और लग रहे है ।
🚩द्वारका गुजरात के स्वामी केशवानन्द जी पर बलात्कार का केस लगाया और निचली अदालत ने 12 साल की सजा सुना दी बाद में उच्चन्यायालय ने 7 साल बाद निर्दोष बरी किया, ऐसे ही जयेन्द्र सरस्वती जी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया और उच्च न्यायालय ने 9 साल बाद निर्दोष बरी किया ।
वर्तमान में संत आसाराम बापू को भी निर्दोष होने के सबूत को मान्य नही रखकर निचली अदालत ने उम्रकैद सुना दी अब वे भी उच्चन्यायालय से निर्दोष बरी होंगे ।
🚩बात यहाँ पर ये है कि राष्ट्र और धर्म विरोधियों को हिन्दू संत रास नही आ रहे है क्योंकि वे धर्मान्तरण नही होने देते है, घरवापसी करवा देते है, अपने धर्म के प्रति कट्टर बनाते है, व्यशन छुड़वा देते है, सिनेमा आदि देखने को मना करते है जिससे ईसाई मिशनरियों का धर्मान्तरण का और विदेशी कम्पनियों को अरबो-खरबो का नुकसान होता है इसलिए वे लोग मीडिया को भारी फंड देते है इसलिए मीडिया उनको खूब बदनाम करती है जिससे  हिन्दुओ को अपने धर्मगुरुओं के प्रति आस्था कम हो जाये और हिन्दू अपने धर्म से घृणा करने लगे और विदेशी कल्चर को अच्छा मानने लगे फिर उन विधर्मियों का धर्मान्तरण और विदेशी प्रोडक्ट बेचना आसान हो जाये ।
🚩अतः हिन्दू सावधान रहें राष्ट्र और धर्म के विरोधियों को पहचाने और उसका विरोध करें ।
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